ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

Luxury on Wheels: Rajveer Conquers India with a Caravan & Camera

Rajveer Singh Makes History with Rajveer X India’s Luxury Drive: A 10,101 KM in a Luxury Caravan Journey Across India

Rajveer X India’s Luxury Drive has emerged as a groundbreaking digital movement and luxury travel sensation, capturing national attention and dominating online media. This historic journey, driven by Rajveer Singh is India’s first and only 10,101 km in a luxury caravan expedition where a solo content creator experienced a staycation at every single property of one hotel group—The LaLiT Group —across the country.

A Journey of Grit, Grandeur, and Glory

Flagged off from The LaLiT Mumbai on April 13, the drive remained true to its planned route even after the terrorist attack in Pahalgam on April 22. Rajveer continued his journey with undeterred spirit, visiting The LaLiT Srinagar from May 4 to 6, boldly portraying Kashmir’s beauty and hospitality to the world.

On May 7, while traveling from Kashmir toward Kartarpur, he witnessed Operation Sindoor—a strategic Indian security operation. Just a day later, in Amritsar at 2 AM on May 8, Rajveer experienced a blackout caused by Pakistan’s drone attack, which was neutralized by India's defense systems—proving again that no force could derail this record-breaking journey.

Highways That Shaped the Journey

Best Overall Route: Kerala to Goa – Stunning landscapes, perfect roads, cultural richness.

Most Challenging Route: Goa to Mumbai – Marred by congestion, poor road quality, and delays.

Best Route for Night Travel: Jaipur to Delhi Expressway – Excellent lighting, security, and smooth driving.

Unforgettable Stays at The LaLiT Properties

Rajveer rated these three properties as the most exceptional:

The LaLiT Srinagar – Hospitality that touched the soul, with breathtaking lake views.

The LaLiT Kolkata – A perfect blend of tradition, comfort, and warmth.

The LaLiT Bekal – Immersive serenity, coastal charm, and meticulous service.

Brands That Fueled the Legacy

The campaign was proudly powered by U&I Entertainment and Designistic Global pvt ltd , backed by over 20 esteemed brands, including:

Red Chief, Team Wizard Media, Being You Always, Body Profuse, Krunchillo, French Essence, Andros Food, Bright Outdoor Media, Josh Bharat Media and many more

Designistic Global Media was the post production partner who played a crucial role in transforming the journey into a cinematic experience.

Support from the Ministry of Road Transport & Highways, Kashmir Tourism, and The LaLiT Group as official hospitality partner gave this campaign national strength and significance.

People, Power, and Unprecedented Support

This journey brought together a constellation of influencers and thought leaders:

Creators like Mister Tikku, Dil Se Foodie, Bhookad_Singh and many more joined in city after city.

Entrepreneurs such as Dr. Vishal Kalra, Yukit Vora, Harmeet Singh Gupta, and MasterChef Ishijyot Surri rallied behind the initiative.

In Udaipur, Rajveer had the honor of meeting Maharaja Dr. Lakshyaraj Singh Mewar, adding royal recognition to this prestigious tour.

Numbers That Speak Volumes

10,101 km covered, 12 luxury stays at The LaLiT Group, 250+ posts and 1,500+ Instagram stories, 100+ million digital impressions.

A Legacy of Firsts

1st content creator to stay at every property of a hotel group in a single country in less than 33 days

1st to drive 10,101 km accross the country in a luxury caravan

1st to continue with a national drive plan even during a regional terror attack & National War With Pakistan.

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The Road Ahead

This is not just a story of roads and reels—this is about fearless storytelling, unmatched hospitality, and a new benchmark in luxury content experiences. The road was long, but Rajveer’s vision was longer.

For collaborations, features, and media kits, follow

क्या इसलिए ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की थी? ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद गरजे ओवैसी

#asaduddinowaisislamspakistanonusstrikesoniran 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उन्हें नोबल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश करने वाले पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई।ओवैसी ने कहा, अमेरिका ने जो ईरान पर अटैक किया है, उसकी न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है।

अब कई अरब देश परमाणु क्षमता की जरूरत पर सोचेंगे-ओवैसी

ईरान पर अमेरिकी हमलों पर एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। ऐसा करके मुझे यकीन है कि आने वाले पांच साल में ईरान एक परमाणु राज्य बन जाएगा। हमले से पहले ईरान ने अपने भंडार को स्थानांतरित कर दिया होगा। यह एक निवारक नहीं होगा। अब कई अरब देश सोचेंगे कि उन्हें परमाणु क्षमता की जरूरत है।

कोई नहीं पूछ इजराइल के पास कितने परमाणु भंडार हैं-ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि अमेरिका की ओर से किए गए इस हमले से नेतन्याहू को मदद मिली है, जो फिलिस्तीनियों का कत्लेआम करने वाला है। गाजा में नरसंहार हो रहा है और अमेरिका को इसकी कोई चिंता नहीं है। अमेरिका की नीति केवल इजराइली सरकार के अपराधों को छिपाने की है। गाजा में जो हो रहा है, वह नरसंहार है और कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है। कोई यह क्यों नहीं पूछ रहा है कि इजराइल के पास कितने परमाणु भंडार हैं?

उम्मीद है कि हमारी सरकार अमेरिकी हमले की निंदा करेगी-ओवैसी

एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि ईरान में इन तीन या चार जगहों पर अमेरिकी बमबारी करने से वे नहीं रुकेंगे। मेरे शब्दों पर ध्यान दें, ईरान भी अगले 5 से 10 वर्षों में ऐसा करेगा, दूसरे देश भी ऐसा करेंगे क्योंकि अब उन्हें एहसास हो गया है कि परमाणु बम और परमाणु हथियार होना ही इजराइल के वर्चस्व के खिलाफ एकमात्र निवारक है। मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार अमेरिका की इस एकतरफा बमबारी की निंदा करेगी, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। मुझे उम्मीद है कि सरकार ईरान के परमाणु संयंत्रों पर बमबारी की निंदा करेगी, जो आज हुई है।

बता दें कि अमेरिका शुरू से ही ईरान की परमाणु शक्ति बनने के खिलाफ है। वो हमेशा से कहता आया है कि वो ईरान को परमाणु ताकत बनने से रोकेगा। इसी के चलते अमेरिका ने ईरान की 3 न्यूक्लियर साइट फार्डो, नतांज, इस्फहान पर अटैक किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने तीनों साइट को नष्ट कर दिया।

*Shashank (56), Aditya (41) star as Adamas Howrah Warriors climb to top of points table*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: Adamas Howrah Warriors climbed from fourth spot to top of the points table after a 10-run victory over Sobisco Smashers Malda in the Bengal Pro T20 League Season 2 at Eden Gardens on Friday.

With three wins from five games, Howrah currently have seven points while Malda go down one place to fourth spot with 5 points from five games.

Put into bat, Adamas Howrah Warriors posted a challenging 161/7 in 20 overs. Shashank Singh (56 off 47), Aditya Purohit (41 off 22), Jayveer (28 off 27) were the star batters.

Mukesh Kumar, who returned after India A assignment, was the pick of the Malda bowlers bagging 3 for 41.

Chasing the target, Sobisco Smashers Malda fell short, scoring 151/6 in 20 overs. Akhil (31 off 25), Writtick Chatterjee (28 off 25) impressed with the bat.

For Howrah, Sujit Kumar Yadav bagged 2 for 19 while Saksham Sharma, Debangshu Pakhira, Rohit and Aamir Gani claimed one each.

PIC: Sanjay Hazra

अमेरिका जा रहे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, आर्मी डे में शामिल होने का मिला निमंत्रण

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पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस हफ्ते अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। वे शनिवार यानी 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होंगे। इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर राजधानी वॉशिंगटन में एक परेड का आयोजन होगा।

अमेरिका ने 14 जून को मनाए जाने वाले यूएस आर्मी डे के जश्‍न में शामिल हाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को न्‍योता भेजा है। जनरल मुनीर जल्‍द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्‍तानी दूतावास का कहना है कि 12 जून को फील्‍ड मार्शल मुनीर अमेरिका पहुंच सकते हैं। इस दौरान अमेरिका के शीर्ष सैन्‍य नेतृत्‍व के साथ जनरल मुनीर की बैठक होने जा रही है।

मुनीर की ट्रंप के साथ भी हो सकती है मुलाकात

अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रहे जल्‍मे खलिलजाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी नेतृत्‍व के साथ मुलाकात के दौरान आतंकवाद और भारत तथा पाकिस्‍तान में शांति का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। वहीं जनरल मुनीर अमेरिका को दो बड़े ऑफर देने जा रहे हैं। पहला- अमेरिकी राष्‍ट्रपति निक्‍शन के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अमेरिका की दोस्‍ती कराई थी, ठीक उसी तरह से अब एक बार फिर से किया जा सकता है। दूसरा- जनरल मुनीर ट्रंप प्रशासन के साथ दोस्‍ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्‍तान की धरती में मौजूद खनिजों के खजाने को सौंप सकते हैं।

अमेरिकी ने पाकिस्तान को बताया मजबूत सहयोगी

मुनीर के दौरे से पहले पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला का कहना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना इस्लामी स्टेट खुरासान के खतरे से निपटने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बयान मंगलवार को हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की सुनवाई के दौरान दिया।

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने कहा- अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों से रिश्ते रखने होंगे। ये बाइनरी स्विच नहीं है कि एक से रिश्ता रखेंगे तो दूसरे से नहीं रख सकते। हमे रिश्तों के फायदों को देखना चाहिए

2023 में यूएस दौरे पर गए थे मुनीर

मुनीर का पहला अमेरिकी दौरा 2023 में हुआ था, तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, तत्कालीन विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद का समर्थन और क्रॉस-बॉर्डर हमलों को लेकर हमारी चिंताएं जगजाहिर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कदम उठाएंगे

जी7 से पहले साइप्रस जाएंगे पीएम मोदी, पाकिस्तान और उसके दोस्त तुर्की को सीधा संदेश

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस और क्रोएशिया के दौरे पर जाने वाले हैं। यह दौरा उनकी कनाडा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन यात्रा से पहले होगा। वह कनाडा के रास्ते में ही इन दोनों देशों का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री का यह साइप्रस दौरा भारत का तुर्की को जवाब माना जा रहा है। पीएम मोदी को पिछले महीने क्रोएशिया जाना था। इसके साथ वे नीदरलैंड और नॉर्वे भी जाने वाले थे। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यह दौरा रद्द हो गया था।

साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण

जी7 शिखर सम्मेलन कनाडा के अल्बर्टा में 15 से 17 जून को होगा। प्रधानमंत्री इसके आखिरी दिन एक विशेष सत्र में भाग लेंगे। पीएम मोदी जी7 की मीटिंग के लिए कडाना जाने के क्रम में साइप्रस जाएंगे। साथ ही वापसी के क्रम में वह क्रोएशिया का दौरा भी करेंगे। भारत यूरोप में लगातार अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। वह यूरोपीय संघ के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बातचीत कर रहा है। साइप्रस और क्रोएशिया दोनों ही यूरोपीय संघ के सदस्य हैं। ऐसे में उनकी साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है।

क्यों साइप्रस जा रहे प्रधानमंत्री मोदी?

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे के कई कारण हैं। इसके अलावा भारत तुर्की को सा सन्देश देना चाहता है। तुर्की की साइप्रस से बिलकुल नहीं बनती। इसके अलावा साइप्रस ने हमेशा कश्मीर और पाकिस्तान से होने वाले सीमा-पार आतंकवाद पर भारत का समर्थन किया है। साइप्रस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट, न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता और 1998 के परमाणु परीक्षणों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी भारत का साथ दिया है।

साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे, क्रोएशिया जाने वाले पहले पीएम

नरेंद्र मोदी साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले साल 1983 में इंदिरा गांधी और साल 2002 में अटल बिहारी वाजयपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था। वहीं, पीएम मोदी पहली बार क्रोएशिया जाने वाले पहले भारतीय पीएम बनेंगे। एस जयशंकर 2021 में दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बने। जयशंकर के दौरे के बाद भारत और क्रोएशिया ने रक्षा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, कटरा मे बोले-भारत में दंगा कराने का था इरादा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को इंसानियत और कश्मीरियत पर वार किया गया। पड़ोसी देश का मकसद भारत में दंगे कराना था। कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई रोकने का था, इसलिए पाकिस्तान ने टूरिस्टों पर हमला किया।

आतंकियों पर कयामत बरसी थी-पीएम मोदी

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज 6 जून है। संयोग से ठीक एक महीने पहले, आज की ही रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी। अब पाकिस्तान कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा तो उसे अपनी शर्मनाक शिकस्त याद आएगी।

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का जिक्र

पीएम ने पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का भी जिक्र किया। कहा कि वह मेहनत-मजदूरी करके घर चलाता था और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का शिकार बन गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब आतंकवाद को करारा जवाब दे रहे हैं और यह प्रदेश अब आतंक को नहीं, विकास को स्वीकार कर रहा है। कहा कि बीते दशकों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मान लिया था कि हालात कभी नहीं बदलेंगे, लेकिन आज वही लोग उम्मीद, भरोसे और नए सपनों के साथ खड़े हैं। आतंक और अलगाव की राजनीति को पीछे छोड़कर जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ने का संकल्प ले चुका है, और सरकार ने यह बदलाव कर के दिखाया है।

थरूर ने लगाई फटकार तो बदले कोलंबिया के बोले, पाकिस्तान के समर्थन में दिया बयान लिया वापस

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को पाकिस्तान को कोलंबिया के सामने बेनकाब किया। जिसके बाद कोलंबिया ने आधिकारिक तौर पर अपना वह बयान वापस ले लिया है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंक के गढ़ पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब करने के प्रयास में भारत को सफलता मिलती दिख रही है। बता दें कि कोलंबिया ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने पर दुख प्रकट किया था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से की गई हिमाकत के बाद भारत की ओर से सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजे कर पड़ोसी देश की हरकतों की पोल खोली जा रही है। इसी क्रम में एक प्रतिनिधिमंडल जिसका नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं, ने इस मुद्दे को कोलंबियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया। अमेरिका महाद्वीप के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया सरकार के रुख पर नाराजगी जताई थी।

भारत ने कोलंबिया के सामने उठाया मुद्दा

भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो ने कहा, हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है और वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके बारे में अब हमारे पास जो जानकारी है, उसके आधार पर हम बातचीत जारी रख सकते हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया के बयान वापस लेने पर कहा कि उप मंत्री ने बहुत विनम्रता से जिक्र किया कि उन्होंने वह बयान वापस ले लिया है, जिस पर हमने चिंता व्यक्त की थी और वे इस मामले पर हमारी स्थिति को पूरी तरह समझते हैं, जो कि हमारे लिए बहुत मूल्यवान है।

थरूर ने क्या कहा था?

इससे पहले बोगोटा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान थरूर ने कहा कि भारत को इस बात से निराशा हुई कि कोलंबियाई सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया, जबकि पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं जताई। थरूर ने कहा, हमें कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़ी निराशा हुई, जिन्होंने भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान में जान गंवाने वालों के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की, लेकिन आतंकवाद के पीड़ितों के लिए नहीं। हम अपने कोलंबियाई मित्रों से कहना चाहेंगे कि आतंक फैलाने वालों और उसका मुकाबला करने वालों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। जो हमला करते हैं और जो आत्मरक्षा करते हैं, उनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती। अगर इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी है, तो हम उसे दूर करने के लिए यहां हैं।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने चलाया ऑपरेशन सिंदूर

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। बता दें कि इस अटैक के बाद कई बड़े आतंकियों की मौत हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज सईद के परिवार के लोगों की भी इसमें मौत हुई थी। इस पूरे घटनाक्रम में कोलंबिया ने भारतीय सैन्य कार्रवाइयों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की थी।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ, पाकिस्तान समझ ले...', बंगाल में गरजे पीएम मोदी

#pmmodisaysindiaenteredthreetimesinpak

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में एक रैली को संबोधित किया। मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों को 1,010 करोड़ रुपये की सौगात दी। उन्होंने यहां सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले ने पूरे देश को गुस्से से भर दिया था। पीएम ने कहा कि आज मैं सिंदूर खेला की धरती पर आया हूं, तो ऑपरेशन सिंदूर की बात करना जरूरी है। पहलगाम में आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने की हिम्मत की। लेकिन हमारी सेना ने उन्हें सिंदूर की ताकत का अहसास करा दिया।

पाक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ नहीं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, आतंक को पालने वाले पाकिस्तान के पास दुनिया को देने के लिए कुछ भी सकारात्मक नहीं है। जब से वो अस्तित्व में आए हैं, तब से ही उसने सिर्फ आतंक को पाला है। 1947 में बंटवारे के बाद से ही उसने भारत पर आतंकी हमला किया। कुछ सालों के बाद उसने यहां पड़ोस में आज के बांग्लादेश में जो आतंक फैलाया, पाकिस्तान की सेना ने जिस प्रकार बांग्लादेश में दुष्कर्म और हत्याएं कीं, वो कोई भूल नहीं सकता। आतंक और नरसंहार पाकिस्तानी सेना की सबसे बड़ी एक्सपरटाइज है।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, जब सीधा युद्ध लड़ा जाता है, तब उसकी हार तय होती है, उसकी पराजय निश्चित होती है। यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों का सहारा लेती है। पहलगाम हमले के बाद अब भारत ने दुनिया को बता दिया है कि अगर अब भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो दुश्मन को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। पाकिस्तान समझ ले, तीन बार घर में घुसकर मारा है तुम्हे। बंगाल की इस धरती से ये 140 करोड़ भारतीयों का एलान है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।

पश्चिम बंगाल सरकार पर बरसे पीएम

पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार को भी घेरा। पीएम मोदी ने ममता सरकार पर विकास परियोजनाओं में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से पश्चिम बंगाल के लोगों को विकास के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत पश्चिम बंगाल के गांवों के लिए लगभग 4,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मंजूरी दी गई थी। इन सड़कों का निर्माण पिछले साल तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक सिर्फ 400 किलोमीटर सड़कें ही बन पाई हैं।

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

Luxury on Wheels: Rajveer Conquers India with a Caravan & Camera

Rajveer Singh Makes History with Rajveer X India’s Luxury Drive: A 10,101 KM in a Luxury Caravan Journey Across India

Rajveer X India’s Luxury Drive has emerged as a groundbreaking digital movement and luxury travel sensation, capturing national attention and dominating online media. This historic journey, driven by Rajveer Singh is India’s first and only 10,101 km in a luxury caravan expedition where a solo content creator experienced a staycation at every single property of one hotel group—The LaLiT Group —across the country.

A Journey of Grit, Grandeur, and Glory

Flagged off from The LaLiT Mumbai on April 13, the drive remained true to its planned route even after the terrorist attack in Pahalgam on April 22. Rajveer continued his journey with undeterred spirit, visiting The LaLiT Srinagar from May 4 to 6, boldly portraying Kashmir’s beauty and hospitality to the world.

On May 7, while traveling from Kashmir toward Kartarpur, he witnessed Operation Sindoor—a strategic Indian security operation. Just a day later, in Amritsar at 2 AM on May 8, Rajveer experienced a blackout caused by Pakistan’s drone attack, which was neutralized by India's defense systems—proving again that no force could derail this record-breaking journey.

Highways That Shaped the Journey

Best Overall Route: Kerala to Goa – Stunning landscapes, perfect roads, cultural richness.

Most Challenging Route: Goa to Mumbai – Marred by congestion, poor road quality, and delays.

Best Route for Night Travel: Jaipur to Delhi Expressway – Excellent lighting, security, and smooth driving.

Unforgettable Stays at The LaLiT Properties

Rajveer rated these three properties as the most exceptional:

The LaLiT Srinagar – Hospitality that touched the soul, with breathtaking lake views.

The LaLiT Kolkata – A perfect blend of tradition, comfort, and warmth.

The LaLiT Bekal – Immersive serenity, coastal charm, and meticulous service.

Brands That Fueled the Legacy

The campaign was proudly powered by U&I Entertainment and Designistic Global pvt ltd , backed by over 20 esteemed brands, including:

Red Chief, Team Wizard Media, Being You Always, Body Profuse, Krunchillo, French Essence, Andros Food, Bright Outdoor Media, Josh Bharat Media and many more

Designistic Global Media was the post production partner who played a crucial role in transforming the journey into a cinematic experience.

Support from the Ministry of Road Transport & Highways, Kashmir Tourism, and The LaLiT Group as official hospitality partner gave this campaign national strength and significance.

People, Power, and Unprecedented Support

This journey brought together a constellation of influencers and thought leaders:

Creators like Mister Tikku, Dil Se Foodie, Bhookad_Singh and many more joined in city after city.

Entrepreneurs such as Dr. Vishal Kalra, Yukit Vora, Harmeet Singh Gupta, and MasterChef Ishijyot Surri rallied behind the initiative.

In Udaipur, Rajveer had the honor of meeting Maharaja Dr. Lakshyaraj Singh Mewar, adding royal recognition to this prestigious tour.

Numbers That Speak Volumes

10,101 km covered, 12 luxury stays at The LaLiT Group, 250+ posts and 1,500+ Instagram stories, 100+ million digital impressions.

A Legacy of Firsts

1st content creator to stay at every property of a hotel group in a single country in less than 33 days

1st to drive 10,101 km accross the country in a luxury caravan

1st to continue with a national drive plan even during a regional terror attack & National War With Pakistan.

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The Road Ahead

This is not just a story of roads and reels—this is about fearless storytelling, unmatched hospitality, and a new benchmark in luxury content experiences. The road was long, but Rajveer’s vision was longer.

For collaborations, features, and media kits, follow

क्या इसलिए ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की थी? ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद गरजे ओवैसी

#asaduddinowaisislamspakistanonusstrikesoniran 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उन्हें नोबल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश करने वाले पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई।ओवैसी ने कहा, अमेरिका ने जो ईरान पर अटैक किया है, उसकी न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है।

अब कई अरब देश परमाणु क्षमता की जरूरत पर सोचेंगे-ओवैसी

ईरान पर अमेरिकी हमलों पर एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। ऐसा करके मुझे यकीन है कि आने वाले पांच साल में ईरान एक परमाणु राज्य बन जाएगा। हमले से पहले ईरान ने अपने भंडार को स्थानांतरित कर दिया होगा। यह एक निवारक नहीं होगा। अब कई अरब देश सोचेंगे कि उन्हें परमाणु क्षमता की जरूरत है।

कोई नहीं पूछ इजराइल के पास कितने परमाणु भंडार हैं-ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि अमेरिका की ओर से किए गए इस हमले से नेतन्याहू को मदद मिली है, जो फिलिस्तीनियों का कत्लेआम करने वाला है। गाजा में नरसंहार हो रहा है और अमेरिका को इसकी कोई चिंता नहीं है। अमेरिका की नीति केवल इजराइली सरकार के अपराधों को छिपाने की है। गाजा में जो हो रहा है, वह नरसंहार है और कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है। कोई यह क्यों नहीं पूछ रहा है कि इजराइल के पास कितने परमाणु भंडार हैं?

उम्मीद है कि हमारी सरकार अमेरिकी हमले की निंदा करेगी-ओवैसी

एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि ईरान में इन तीन या चार जगहों पर अमेरिकी बमबारी करने से वे नहीं रुकेंगे। मेरे शब्दों पर ध्यान दें, ईरान भी अगले 5 से 10 वर्षों में ऐसा करेगा, दूसरे देश भी ऐसा करेंगे क्योंकि अब उन्हें एहसास हो गया है कि परमाणु बम और परमाणु हथियार होना ही इजराइल के वर्चस्व के खिलाफ एकमात्र निवारक है। मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार अमेरिका की इस एकतरफा बमबारी की निंदा करेगी, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। मुझे उम्मीद है कि सरकार ईरान के परमाणु संयंत्रों पर बमबारी की निंदा करेगी, जो आज हुई है।

बता दें कि अमेरिका शुरू से ही ईरान की परमाणु शक्ति बनने के खिलाफ है। वो हमेशा से कहता आया है कि वो ईरान को परमाणु ताकत बनने से रोकेगा। इसी के चलते अमेरिका ने ईरान की 3 न्यूक्लियर साइट फार्डो, नतांज, इस्फहान पर अटैक किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने तीनों साइट को नष्ट कर दिया।

*Shashank (56), Aditya (41) star as Adamas Howrah Warriors climb to top of points table*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: Adamas Howrah Warriors climbed from fourth spot to top of the points table after a 10-run victory over Sobisco Smashers Malda in the Bengal Pro T20 League Season 2 at Eden Gardens on Friday.

With three wins from five games, Howrah currently have seven points while Malda go down one place to fourth spot with 5 points from five games.

Put into bat, Adamas Howrah Warriors posted a challenging 161/7 in 20 overs. Shashank Singh (56 off 47), Aditya Purohit (41 off 22), Jayveer (28 off 27) were the star batters.

Mukesh Kumar, who returned after India A assignment, was the pick of the Malda bowlers bagging 3 for 41.

Chasing the target, Sobisco Smashers Malda fell short, scoring 151/6 in 20 overs. Akhil (31 off 25), Writtick Chatterjee (28 off 25) impressed with the bat.

For Howrah, Sujit Kumar Yadav bagged 2 for 19 while Saksham Sharma, Debangshu Pakhira, Rohit and Aamir Gani claimed one each.

PIC: Sanjay Hazra

अमेरिका जा रहे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, आर्मी डे में शामिल होने का मिला निमंत्रण

#pakistanarmychiefasimmunirusvisit

पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस हफ्ते अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। वे शनिवार यानी 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होंगे। इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर राजधानी वॉशिंगटन में एक परेड का आयोजन होगा।

अमेरिका ने 14 जून को मनाए जाने वाले यूएस आर्मी डे के जश्‍न में शामिल हाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को न्‍योता भेजा है। जनरल मुनीर जल्‍द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्‍तानी दूतावास का कहना है कि 12 जून को फील्‍ड मार्शल मुनीर अमेरिका पहुंच सकते हैं। इस दौरान अमेरिका के शीर्ष सैन्‍य नेतृत्‍व के साथ जनरल मुनीर की बैठक होने जा रही है।

मुनीर की ट्रंप के साथ भी हो सकती है मुलाकात

अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रहे जल्‍मे खलिलजाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी नेतृत्‍व के साथ मुलाकात के दौरान आतंकवाद और भारत तथा पाकिस्‍तान में शांति का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। वहीं जनरल मुनीर अमेरिका को दो बड़े ऑफर देने जा रहे हैं। पहला- अमेरिकी राष्‍ट्रपति निक्‍शन के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अमेरिका की दोस्‍ती कराई थी, ठीक उसी तरह से अब एक बार फिर से किया जा सकता है। दूसरा- जनरल मुनीर ट्रंप प्रशासन के साथ दोस्‍ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्‍तान की धरती में मौजूद खनिजों के खजाने को सौंप सकते हैं।

अमेरिकी ने पाकिस्तान को बताया मजबूत सहयोगी

मुनीर के दौरे से पहले पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला का कहना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना इस्लामी स्टेट खुरासान के खतरे से निपटने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बयान मंगलवार को हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की सुनवाई के दौरान दिया।

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने कहा- अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों से रिश्ते रखने होंगे। ये बाइनरी स्विच नहीं है कि एक से रिश्ता रखेंगे तो दूसरे से नहीं रख सकते। हमे रिश्तों के फायदों को देखना चाहिए

2023 में यूएस दौरे पर गए थे मुनीर

मुनीर का पहला अमेरिकी दौरा 2023 में हुआ था, तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, तत्कालीन विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद का समर्थन और क्रॉस-बॉर्डर हमलों को लेकर हमारी चिंताएं जगजाहिर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कदम उठाएंगे

जी7 से पहले साइप्रस जाएंगे पीएम मोदी, पाकिस्तान और उसके दोस्त तुर्की को सीधा संदेश

#pmmodivisitcyprusgivediplomaticanswertopakistanallyturkey

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस और क्रोएशिया के दौरे पर जाने वाले हैं। यह दौरा उनकी कनाडा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन यात्रा से पहले होगा। वह कनाडा के रास्ते में ही इन दोनों देशों का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री का यह साइप्रस दौरा भारत का तुर्की को जवाब माना जा रहा है। पीएम मोदी को पिछले महीने क्रोएशिया जाना था। इसके साथ वे नीदरलैंड और नॉर्वे भी जाने वाले थे। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यह दौरा रद्द हो गया था।

साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण

जी7 शिखर सम्मेलन कनाडा के अल्बर्टा में 15 से 17 जून को होगा। प्रधानमंत्री इसके आखिरी दिन एक विशेष सत्र में भाग लेंगे। पीएम मोदी जी7 की मीटिंग के लिए कडाना जाने के क्रम में साइप्रस जाएंगे। साथ ही वापसी के क्रम में वह क्रोएशिया का दौरा भी करेंगे। भारत यूरोप में लगातार अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। वह यूरोपीय संघ के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बातचीत कर रहा है। साइप्रस और क्रोएशिया दोनों ही यूरोपीय संघ के सदस्य हैं। ऐसे में उनकी साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है।

क्यों साइप्रस जा रहे प्रधानमंत्री मोदी?

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे के कई कारण हैं। इसके अलावा भारत तुर्की को सा सन्देश देना चाहता है। तुर्की की साइप्रस से बिलकुल नहीं बनती। इसके अलावा साइप्रस ने हमेशा कश्मीर और पाकिस्तान से होने वाले सीमा-पार आतंकवाद पर भारत का समर्थन किया है। साइप्रस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट, न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता और 1998 के परमाणु परीक्षणों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी भारत का साथ दिया है।

साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे, क्रोएशिया जाने वाले पहले पीएम

नरेंद्र मोदी साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले साल 1983 में इंदिरा गांधी और साल 2002 में अटल बिहारी वाजयपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था। वहीं, पीएम मोदी पहली बार क्रोएशिया जाने वाले पहले भारतीय पीएम बनेंगे। एस जयशंकर 2021 में दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बने। जयशंकर के दौरे के बाद भारत और क्रोएशिया ने रक्षा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, कटरा मे बोले-भारत में दंगा कराने का था इरादा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को इंसानियत और कश्मीरियत पर वार किया गया। पड़ोसी देश का मकसद भारत में दंगे कराना था। कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई रोकने का था, इसलिए पाकिस्तान ने टूरिस्टों पर हमला किया।

आतंकियों पर कयामत बरसी थी-पीएम मोदी

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज 6 जून है। संयोग से ठीक एक महीने पहले, आज की ही रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी। अब पाकिस्तान कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा तो उसे अपनी शर्मनाक शिकस्त याद आएगी।

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का जिक्र

पीएम ने पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का भी जिक्र किया। कहा कि वह मेहनत-मजदूरी करके घर चलाता था और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का शिकार बन गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब आतंकवाद को करारा जवाब दे रहे हैं और यह प्रदेश अब आतंक को नहीं, विकास को स्वीकार कर रहा है। कहा कि बीते दशकों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मान लिया था कि हालात कभी नहीं बदलेंगे, लेकिन आज वही लोग उम्मीद, भरोसे और नए सपनों के साथ खड़े हैं। आतंक और अलगाव की राजनीति को पीछे छोड़कर जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ने का संकल्प ले चुका है, और सरकार ने यह बदलाव कर के दिखाया है।

थरूर ने लगाई फटकार तो बदले कोलंबिया के बोले, पाकिस्तान के समर्थन में दिया बयान लिया वापस

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को पाकिस्तान को कोलंबिया के सामने बेनकाब किया। जिसके बाद कोलंबिया ने आधिकारिक तौर पर अपना वह बयान वापस ले लिया है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंक के गढ़ पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब करने के प्रयास में भारत को सफलता मिलती दिख रही है। बता दें कि कोलंबिया ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने पर दुख प्रकट किया था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से की गई हिमाकत के बाद भारत की ओर से सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजे कर पड़ोसी देश की हरकतों की पोल खोली जा रही है। इसी क्रम में एक प्रतिनिधिमंडल जिसका नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं, ने इस मुद्दे को कोलंबियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया। अमेरिका महाद्वीप के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया सरकार के रुख पर नाराजगी जताई थी।

भारत ने कोलंबिया के सामने उठाया मुद्दा

भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो ने कहा, हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है और वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके बारे में अब हमारे पास जो जानकारी है, उसके आधार पर हम बातचीत जारी रख सकते हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया के बयान वापस लेने पर कहा कि उप मंत्री ने बहुत विनम्रता से जिक्र किया कि उन्होंने वह बयान वापस ले लिया है, जिस पर हमने चिंता व्यक्त की थी और वे इस मामले पर हमारी स्थिति को पूरी तरह समझते हैं, जो कि हमारे लिए बहुत मूल्यवान है।

थरूर ने क्या कहा था?

इससे पहले बोगोटा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान थरूर ने कहा कि भारत को इस बात से निराशा हुई कि कोलंबियाई सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया, जबकि पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं जताई। थरूर ने कहा, हमें कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़ी निराशा हुई, जिन्होंने भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान में जान गंवाने वालों के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की, लेकिन आतंकवाद के पीड़ितों के लिए नहीं। हम अपने कोलंबियाई मित्रों से कहना चाहेंगे कि आतंक फैलाने वालों और उसका मुकाबला करने वालों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। जो हमला करते हैं और जो आत्मरक्षा करते हैं, उनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती। अगर इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी है, तो हम उसे दूर करने के लिए यहां हैं।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने चलाया ऑपरेशन सिंदूर

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। बता दें कि इस अटैक के बाद कई बड़े आतंकियों की मौत हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज सईद के परिवार के लोगों की भी इसमें मौत हुई थी। इस पूरे घटनाक्रम में कोलंबिया ने भारतीय सैन्य कार्रवाइयों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की थी।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ, पाकिस्तान समझ ले...', बंगाल में गरजे पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में एक रैली को संबोधित किया। मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों को 1,010 करोड़ रुपये की सौगात दी। उन्होंने यहां सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले ने पूरे देश को गुस्से से भर दिया था। पीएम ने कहा कि आज मैं सिंदूर खेला की धरती पर आया हूं, तो ऑपरेशन सिंदूर की बात करना जरूरी है। पहलगाम में आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने की हिम्मत की। लेकिन हमारी सेना ने उन्हें सिंदूर की ताकत का अहसास करा दिया।

पाक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ नहीं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, आतंक को पालने वाले पाकिस्तान के पास दुनिया को देने के लिए कुछ भी सकारात्मक नहीं है। जब से वो अस्तित्व में आए हैं, तब से ही उसने सिर्फ आतंक को पाला है। 1947 में बंटवारे के बाद से ही उसने भारत पर आतंकी हमला किया। कुछ सालों के बाद उसने यहां पड़ोस में आज के बांग्लादेश में जो आतंक फैलाया, पाकिस्तान की सेना ने जिस प्रकार बांग्लादेश में दुष्कर्म और हत्याएं कीं, वो कोई भूल नहीं सकता। आतंक और नरसंहार पाकिस्तानी सेना की सबसे बड़ी एक्सपरटाइज है।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, जब सीधा युद्ध लड़ा जाता है, तब उसकी हार तय होती है, उसकी पराजय निश्चित होती है। यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों का सहारा लेती है। पहलगाम हमले के बाद अब भारत ने दुनिया को बता दिया है कि अगर अब भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो दुश्मन को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। पाकिस्तान समझ ले, तीन बार घर में घुसकर मारा है तुम्हे। बंगाल की इस धरती से ये 140 करोड़ भारतीयों का एलान है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।

पश्चिम बंगाल सरकार पर बरसे पीएम

पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार को भी घेरा। पीएम मोदी ने ममता सरकार पर विकास परियोजनाओं में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से पश्चिम बंगाल के लोगों को विकास के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत पश्चिम बंगाल के गांवों के लिए लगभग 4,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मंजूरी दी गई थी। इन सड़कों का निर्माण पिछले साल तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक सिर्फ 400 किलोमीटर सड़कें ही बन पाई हैं।