झारखंड में अमित शाह ने कहा, 'वक्फ बोर्ड जमीन हड़प रहा है, अब बदलाव करने का समय आ गया है'

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Union Minister Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वक्फ बोर्ड पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि अब समय आ गया है कि बोर्ड में बदलाव किए जाएं और संबंधित अधिनियम में संशोधन किया जाए, पीटीआई ने बताया।

झारखंड के बाघमारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि कोई भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन को नहीं रोक सकता, जो "घुसपैठियों को रोकने के लिए आवश्यक है", और उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने की आदत है। कर्नाटक में इसने ग्रामीणों की संपत्ति हड़प ली है, इसने मंदिरों, किसानों और ग्रामीणों की जमीनें हड़प ली हैं। मुझे बताएं कि वक्फ बोर्ड में बदलाव की जरूरत है या नहीं," पीटीआई के अनुसार शाह ने रैली में कहा।

उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि दोनों ही वक्फ बोर्ड में बदलाव का विरोध करते हैं।

"हेमंत बाबू और राहुल गांधी कहते हैं कि नहीं। मैं आपको बताता हूं कि उन्हें इसका विरोध करने दें, भाजपा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित करेगी। हमें कोई नहीं रोक सकता," शाह ने कहा।

'ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा'

मंगलवार की रैली में, अमित शाह ने यह भी दावा किया कि अगर झारखंड में भाजपा सत्ता में आती है तो "ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा"। पीटीआई के अनुसार, उन्होंने सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार पर घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बनाने का भी आरोप लगाया। शाह ने दावा किया कि "झारखंड में घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता है, और आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।" गृह मंत्री ने यह भी वादा किया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह अगले पांच वर्षों में झारखंड को देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देगी।

उन्होंने कहा, "झारखंड में खनिज आधारित उद्योग स्थापित किए जाएंगे।" और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिससे कोई भी दूसरे राज्यों में पलायन न करे।

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।

गृहमंत्री अमित शाह पर कनाडा के आरोपों पर आई अमेरिका की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कनाडा के आरोपों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। अमेरिका ने अमित शाह पर कनाडा के आरोप को चिंताजनक बताया है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘(भारत के गृह मंत्री के खिलाफ) कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए आरोप चिंताजनक हैं और हम इन आरोपों को लेकर कनाडा सरकार से परामर्श जारी रखेंगे।

इससे पहले कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार नथाली ड्रोइन, उप विदेश मंत्री डेविड मॉरीसन एवं कनाडा के संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्यों ने वाशिंगटन पोस्ट की एक लीक रिपोर्ट की पुष्टि की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने के अभियान के पीछे भारत के गृह मंत्री शाह का हाथ था। एक सवाल के जवाब में मॉरीसन ने कहा था कि उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट को शाह के नाम की ‘‘पुष्टि'' की है। उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकार ने मुझे फोन करके पूछा कि क्या यह वही व्यक्ति है। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति है।''

नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है। डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं।

इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले दावा किया था कि कनाडा के पास विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। कनाडाई अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात के सबूत साझा किए हैं।

ट्रूडो के मंत्री ने माना अमित शाह के बारे में अमेरिकी अखबार में प्लांट की खबर, क्या भारत-कनाडा के बीच तल्खी और बढ़ेगी?

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कनाडा ने भारत पर आरोप लगाए थे कि वहां होने वाली हिंसा में भारत की संलिप्तता रही है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दो सीनियर अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत के बारे में 'खुफिया जानकारी' अमेरिकी मीडिया को लीक कर दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने इस मामले में संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया। मॉरिसन ने संसदीय पैनल में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था कि इस मामले में भारत के गृह मंत्री शामिल हैं। मॉरिसन ने कहा कि अमेरिकी अखबार को भारत-कनाडा मीटिंग से जुड़ी जानकारी उन्होंने ही दी थी। हालांकि, इस दौरान मॉरिसन यह नहीं बता पाए कि उन्हें अमित शाह को लेकर ये जानकारी कैसे मिली। यह पहली बार है, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया है।

नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है।

क्या था अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में?

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है।

डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं।

वॉशिंगटन पोस्ट की खबर पर भारत ने क्या कहा?

जब पहली बार वॉशिंगटन पोस्ट में निज्जर के मर्डर पर ख़बर छपी थी तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने अख़बार की रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा था, “रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है। बयान में कहा गया, संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है। इसे लेकर अटकलें लगाना और गैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा।

भारत-कनाडा संबंध और होंगे खराब ?

कनाडा के मंत्री के इस बयान के बाद भारत-कनाडा संबध और और ख़राब होने की आशंका जताई जा रही है। कनाडा में ख़ालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शनों और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ा है। कनाडा का आरोप है कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, जबकि भारत इससे इनकार करता रहा है। पिछले दिनों इस मामले में दोनों देशों के बीच तल्ख़ी इतनी बढ़ी कि पिछले दिनों दोनों देशों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों को निकाल दिया है। एक-दूसरे के राजनयिकों को निकालने का फ़ैसला तब सामने आया है जब निज्जर हत्या मामले में कनाडा ने भारतीय राजनयिकों और उच्चायोग के दूसरे अधिकारियों को ‘पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट’ बताया। इसमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।

ट्रूडो के मंत्री ने माना अमित शाह के बारे में अमेरिकी अखबार में प्लांट की खबर, क्या भारत-कनाडा के बीच तल्खी और बढ़ेगी?*
#canada_deputy_foreign_minister_says_he_gave_information_about_amit_shah_to_american_media कनाडा ने भारत पर आरोप लगाए थे कि वहां होने वाली हिंसा में भारत की संलिप्तता रही है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दो सीनियर अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत के बारे में 'खुफिया जानकारी' अमेरिकी मीडिया को लीक कर दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने इस मामले में संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया। मॉरिसन ने संसदीय पैनल में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था कि इस मामले में भारत के गृह मंत्री शामिल हैं। मॉरिसन ने कहा कि अमेरिकी अखबार को भारत-कनाडा मीटिंग से जुड़ी जानकारी उन्होंने ही दी थी। हालांकि, इस दौरान मॉरिसन यह नहीं बता पाए कि उन्हें अमित शाह को लेकर ये जानकारी कैसे मिली। यह पहली बार है, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया है। नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है। *क्या था अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में?* वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है। डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं। *वॉशिंगटन पोस्ट की खबर पर भारत ने क्या कहा?* जब पहली बार वॉशिंगटन पोस्ट में निज्जर के मर्डर पर ख़बर छपी थी तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने अख़बार की रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा था, “रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है। बयान में कहा गया, संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है। इसे लेकर अटकलें लगाना और गैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा। *भारत-कनाडा संबंध और होंगे खराब ?* कनाडा के मंत्री के इस बयान के बाद भारत-कनाडा संबध और और ख़राब होने की आशंका जताई जा रही है। कनाडा में ख़ालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शनों और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ा है। कनाडा का आरोप है कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, जबकि भारत इससे इनकार करता रहा है। पिछले दिनों इस मामले में दोनों देशों के बीच तल्ख़ी इतनी बढ़ी कि पिछले दिनों दोनों देशों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों को निकाल दिया है। एक-दूसरे के राजनयिकों को निकालने का फ़ैसला तब सामने आया है जब निज्जर हत्या मामले में कनाडा ने भारतीय राजनयिकों और उच्चायोग के दूसरे अधिकारियों को ‘पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट’ बताया। इसमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।
अमित शाह ने लॉन्च किया CRS ऐप, जानें कैसे आएगा आपके काम
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* देश में अगले साल जनगणना होने जा रही है। सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।गृहमंत्री अमित शाह ने इसी क्रम में नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानि की CRS (Civil Registration System) ऐप लॉन्च किया।इसके जरिए कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठ कर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कर सकता है।यह ऐप जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के साथ प्रमाण पत्रों की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया को सहज, तेज और सरल बनाएगा। इस ऐप के लॉन्च होने से किसी भी व्यक्ति को बार बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सेंसेज इंडिया 2021 ने अपने एक्स हैंडल से वीडियो जारी कर सकी जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि कैसे इस ऐप में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए लोगों को जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र लेना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा।सेंसस इंडिया के आधिकारिक हैंडल से बताया गया है कि इस ऐप के जरिए जन्म मृत्यु का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाएगा। प्रक्रिया के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को जन्म या मृत्यु संबंधी जानकारी और रजिस्ट्रेशन बर्थ या डेथ के 21 दिन के अंदर ऐप पर करना होगा। ऐप के मुताबिक, अगर आप 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाते हैं तो फिर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके लिए देश के किसी भी आम आदमी को 22 से 30 दिनों के अंदर 2 रुपये शुल्क देना होगा और 31 दिन से एक साल तक 5 रुपये की लेट फीस जमा करानी होगी। इसी के साथ-साथ ज्यादा पुराने प्रमाण पत्रों के लिए 10 रुपये का शुल्क तय किया गया है यानि अधिकतम विलंब शुल्क 10 रुपये होगा।
अमित शाह ने लॉन्च किया CRS ऐप, जानें कैसे आएगा आपके काम

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देश में अगले साल जनगणना होने जा रही है। सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।गृहमंत्री अमित शाह ने इसी क्रम में नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानि की CRS (Civil Registration System) ऐप लॉन्च किया।इसके जरिए कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठ कर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कर सकता है।यह ऐप जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के साथ प्रमाण पत्रों की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया को सहज, तेज और सरल बनाएगा। इस ऐप के लॉन्च होने से किसी भी व्यक्ति को बार बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

सेंसेज इंडिया 2021 ने अपने एक्स हैंडल से वीडियो जारी कर सकी जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि कैसे इस ऐप में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए लोगों को जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र लेना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा।सेंसस इंडिया के आधिकारिक हैंडल से बताया गया है कि इस ऐप के जरिए जन्म मृत्यु का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाएगा।

प्रक्रिया के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को जन्म या मृत्यु संबंधी जानकारी और रजिस्ट्रेशन बर्थ या डेथ के 21 दिन के अंदर ऐप पर करना होगा। ऐप के मुताबिक, अगर आप 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाते हैं तो फिर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके लिए देश के किसी भी आम आदमी को 22 से 30 दिनों के अंदर 2 रुपये शुल्क देना होगा और 31 दिन से एक साल तक 5 रुपये की लेट फीस जमा करानी होगी। इसी के साथ-साथ ज्यादा पुराने प्रमाण पत्रों के लिए 10 रुपये का शुल्क तय किया गया है यानि अधिकतम विलंब शुल्क 10 रुपये होगा।

बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित किया जाए : प्रो सत्यकाम

आरजी कर पीड़िता के पिता ने अमित शाह को लिखा पत्र जबरदस्त मानसिक दबाव का किया दावा

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार कोलकाता की डॉक्टर के पिता ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वे और पीड़िता की मां "जबरदस्त मानसिक दबाव और असहाय महसूस कर रहे हैं"। उन्होंने मंत्री से उनसे मिलने के लिए कुछ मिनट निकालने का आग्रह किया।

"मैं अभया का पिता हूं और मैं आपसे आपकी सुविधानुसार या आपके सुझाव के अनुसार किसी अन्य स्थान पर मिलने का सम्मानपूर्वक अनुरोध करता हूं। हमारी बेटी के साथ हुई उस जघन्य अप्रत्याशित घटना के बाद, हम जबरदस्त मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं और अब असहाय महसूस कर रहे हैं," दिवंगत डॉक्टर के पिता ने पत्र में लिखा। "मैं अपनी पत्नी के साथ स्थिति के बारे में कुछ बातों पर चर्चा करने के लिए आपसे मिलना चाहता हूं और आपके मार्गदर्शन और मदद के लिए प्रार्थना करता हूं। मैं आपसे बात करने और इस मुद्दे पर आपकी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के अवसर के लिए वास्तव में आभारी रहूंगा, क्योंकि मुझे विश्वास है कि आपका अनुभव और मार्गदर्शन अमूल्य होगा," उन्होंने पीटीआई की रिपोर्ट में कहा।

पिता ने केंद्रीय गृह मंत्री से उनके लिए कुछ मिनट निकालने का भी अनुरोध किया

"कृपया मुझे बताएं कि आप हमारे लिए कब और कहां कुछ मिनट निकाल सकते हैं। फिर, हम खुद को तैयार रख सकते हैं। मैं आपके समय और इस अनुरोध पर विचार करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं और आपकी अनुकूल प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मैं आपसे मिलने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं," उन्होंने कहा।

पीड़िता की मां ने पीटीआई को बताया कि उन्हें अमित शाह से मिलने का समय मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वह उन्हें उस मानसिक पीड़ा के बारे में बताएंगी जिससे वे गुजर रही हैं। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अमित शाह जी हमें कुछ समय देंगे। मैं उन्हें उस मानसिक पीड़ा के बारे में बताऊंगी जिससे हम गुजर रहे हैं क्योंकि हमारी बेटी को अभी तक न्याय नहीं मिला है।"

डॉक्टर की हत्या 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर की गई थी। पुलिस ने अपराध के लिए संजय रॉय नामक एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया। जांच का जिम्मा संभालने वाली सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के अब निलंबित प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया।

Demand for Bharat Ratna to Dr. Sachchidanand Sinha by Sunny Sinha, Patron of Samanta Sangram Samiti

Sunny Sinha, the patron of the Samanta Sangram Samiti, recently demanded that Dr. Sachchidanand Sinha, the first president of the Constituent Assembly of India, be honored with the Bharat Ratna. His proposal highlights the significance of Dr. Sinha’s contributions to the creation of the Indian Constitution. Sunny Sinha stated that Dr. Sachchidanand Sinha was not only the first president of the Constituent Assembly but also played an invaluable role in Indian politics, social justice, and constitutional reforms.

Dr. Sachchidanand Sinha: An Introduction

Dr. Sachchidanand Sinha was born on November 10, 1871, in Patna, Bihar. Before becoming the president of the Constituent Assembly, he was a renowned lawyer and academician. Even before India’s independence, he emphasized constitutional reforms and worked to bring together various sections of Indian society. Recognizing his contributions, he was elected as the first president of the Constituent Assembly, where he helped lay the foundation for the country’s future.

Demand for Bharat Ratna

Sunny Sinha believes that Dr. Sachchidanand Sinha’s pivotal role in the formation of the Constituent Assembly and in shaping the direction of the Constitution makes him deserving of the Bharat Ratna. He noted that the Bharat Ratna is the highest civilian honor in India and is awarded to individuals who have made extraordinary contributions to the nation. Dr. Sinha’s life and work reflect his deep commitment to the country, making him a worthy recipient of this prestigious award.

Impact on Society

The initiative by the Samanta Sangram Samiti not only seeks to recognize the contributions of Dr. Sachchidanand Sinha but also ensures that all the great leaders involved in the making of the Constituent Assembly receive due respect. This demand also aims to strengthen the values and ideals for which Dr. Sinha fought throughout his life. Sunny Sinha’s effort can serve as a meaningful step in passing on the importance of the Indian Constitution and its history to future generations.

Conclusion

Dr. Sachchidanand Sinha’s name is etched in golden letters in the history of the Indian Constitution. His leadership and vision provided a strong foundation for Indian democracy. Therefore, the demand to honor him with the Bharat Ratna is not only appropriate but also a fitting way to acknowledge his service to Indian society and democracy.

बंद कमरे में मीटिंग करके दिए ये आदेश...”, अमित शाह की बैठक पर उद्धव ठाकरे का बड़ा दावा*

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि एक बंद कमरे में हुई बैठक में भाजपा नेताओं को विपक्षी दलों को तोड़ने का निर्देश दिया था।

उद्धव ठाकरे ने कहा, अमित शाह चार दिन पहले नागपुर आए थे। वे बंद दरवाजे के पीछे कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि उद्धव ठाकरे को मारो, शरद पवार को मारो, उनकी पार्टी तोड़ो, कार्यकर्ताओं को तोड़ो। अमित शाह बंद दरवाजे छोड़ें, हिम्मत है तो मैदान में आएं और शिव राय की गवाही से हमें खत्म करने की भाषा दिखाएं। आप मुझे दिल्ली से खत्म नहीं कर पाएंगे। अगर मुझे कोई खत्म कर सकता है तो सिर्फ यहां की जनता और यहां के वोटर। अगर वो कहेंगे कि उद्धव ठाकरे घर बैठ जाओ तो मैं घर बैठ जाऊंगा। उद्धव ठाकरे ने भारसभा से सीधे तौर पर अमित शाह की विधानसभा रणनीति की आलोचना की।

शाह मुझे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं-उद्धव ठाकरे

उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं, ताकि बीजेपी महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा, बीजेपी ने 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले अविभाजित शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही।

उद्धव ने पूछा- क्या मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत?

ठाकरे ने सवाल किया कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाना शामिल है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, आगामी चुनाव सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूट से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने लोगों से महा विकास आघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की. इस दौरान कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नेता सुनील केदार और अनिल देशमुख भी मौजूद रहे।

झारखंड में अमित शाह ने कहा, 'वक्फ बोर्ड जमीन हड़प रहा है, अब बदलाव करने का समय आ गया है'

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Union Minister Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वक्फ बोर्ड पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि अब समय आ गया है कि बोर्ड में बदलाव किए जाएं और संबंधित अधिनियम में संशोधन किया जाए, पीटीआई ने बताया।

झारखंड के बाघमारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि कोई भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन को नहीं रोक सकता, जो "घुसपैठियों को रोकने के लिए आवश्यक है", और उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने की आदत है। कर्नाटक में इसने ग्रामीणों की संपत्ति हड़प ली है, इसने मंदिरों, किसानों और ग्रामीणों की जमीनें हड़प ली हैं। मुझे बताएं कि वक्फ बोर्ड में बदलाव की जरूरत है या नहीं," पीटीआई के अनुसार शाह ने रैली में कहा।

उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि दोनों ही वक्फ बोर्ड में बदलाव का विरोध करते हैं।

"हेमंत बाबू और राहुल गांधी कहते हैं कि नहीं। मैं आपको बताता हूं कि उन्हें इसका विरोध करने दें, भाजपा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित करेगी। हमें कोई नहीं रोक सकता," शाह ने कहा।

'ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा'

मंगलवार की रैली में, अमित शाह ने यह भी दावा किया कि अगर झारखंड में भाजपा सत्ता में आती है तो "ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा"। पीटीआई के अनुसार, उन्होंने सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार पर घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बनाने का भी आरोप लगाया। शाह ने दावा किया कि "झारखंड में घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता है, और आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।" गृह मंत्री ने यह भी वादा किया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह अगले पांच वर्षों में झारखंड को देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देगी।

उन्होंने कहा, "झारखंड में खनिज आधारित उद्योग स्थापित किए जाएंगे।" और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिससे कोई भी दूसरे राज्यों में पलायन न करे।

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।

गृहमंत्री अमित शाह पर कनाडा के आरोपों पर आई अमेरिका की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कनाडा के आरोपों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। अमेरिका ने अमित शाह पर कनाडा के आरोप को चिंताजनक बताया है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘(भारत के गृह मंत्री के खिलाफ) कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए आरोप चिंताजनक हैं और हम इन आरोपों को लेकर कनाडा सरकार से परामर्श जारी रखेंगे।

इससे पहले कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार नथाली ड्रोइन, उप विदेश मंत्री डेविड मॉरीसन एवं कनाडा के संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्यों ने वाशिंगटन पोस्ट की एक लीक रिपोर्ट की पुष्टि की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने के अभियान के पीछे भारत के गृह मंत्री शाह का हाथ था। एक सवाल के जवाब में मॉरीसन ने कहा था कि उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट को शाह के नाम की ‘‘पुष्टि'' की है। उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकार ने मुझे फोन करके पूछा कि क्या यह वही व्यक्ति है। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति है।''

नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है। डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं।

इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले दावा किया था कि कनाडा के पास विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। कनाडाई अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात के सबूत साझा किए हैं।

ट्रूडो के मंत्री ने माना अमित शाह के बारे में अमेरिकी अखबार में प्लांट की खबर, क्या भारत-कनाडा के बीच तल्खी और बढ़ेगी?

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कनाडा ने भारत पर आरोप लगाए थे कि वहां होने वाली हिंसा में भारत की संलिप्तता रही है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दो सीनियर अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत के बारे में 'खुफिया जानकारी' अमेरिकी मीडिया को लीक कर दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने इस मामले में संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया। मॉरिसन ने संसदीय पैनल में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था कि इस मामले में भारत के गृह मंत्री शामिल हैं। मॉरिसन ने कहा कि अमेरिकी अखबार को भारत-कनाडा मीटिंग से जुड़ी जानकारी उन्होंने ही दी थी। हालांकि, इस दौरान मॉरिसन यह नहीं बता पाए कि उन्हें अमित शाह को लेकर ये जानकारी कैसे मिली। यह पहली बार है, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया है।

नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है।

क्या था अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में?

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है।

डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं।

वॉशिंगटन पोस्ट की खबर पर भारत ने क्या कहा?

जब पहली बार वॉशिंगटन पोस्ट में निज्जर के मर्डर पर ख़बर छपी थी तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने अख़बार की रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा था, “रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है। बयान में कहा गया, संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है। इसे लेकर अटकलें लगाना और गैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा।

भारत-कनाडा संबंध और होंगे खराब ?

कनाडा के मंत्री के इस बयान के बाद भारत-कनाडा संबध और और ख़राब होने की आशंका जताई जा रही है। कनाडा में ख़ालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शनों और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ा है। कनाडा का आरोप है कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, जबकि भारत इससे इनकार करता रहा है। पिछले दिनों इस मामले में दोनों देशों के बीच तल्ख़ी इतनी बढ़ी कि पिछले दिनों दोनों देशों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों को निकाल दिया है। एक-दूसरे के राजनयिकों को निकालने का फ़ैसला तब सामने आया है जब निज्जर हत्या मामले में कनाडा ने भारतीय राजनयिकों और उच्चायोग के दूसरे अधिकारियों को ‘पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट’ बताया। इसमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।

ट्रूडो के मंत्री ने माना अमित शाह के बारे में अमेरिकी अखबार में प्लांट की खबर, क्या भारत-कनाडा के बीच तल्खी और बढ़ेगी?*
#canada_deputy_foreign_minister_says_he_gave_information_about_amit_shah_to_american_media कनाडा ने भारत पर आरोप लगाए थे कि वहां होने वाली हिंसा में भारत की संलिप्तता रही है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दो सीनियर अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत के बारे में 'खुफिया जानकारी' अमेरिकी मीडिया को लीक कर दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने इस मामले में संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया। मॉरिसन ने संसदीय पैनल में कहा कि उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था कि इस मामले में भारत के गृह मंत्री शामिल हैं। मॉरिसन ने कहा कि अमेरिकी अखबार को भारत-कनाडा मीटिंग से जुड़ी जानकारी उन्होंने ही दी थी। हालांकि, इस दौरान मॉरिसन यह नहीं बता पाए कि उन्हें अमित शाह को लेकर ये जानकारी कैसे मिली। यह पहली बार है, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया है। नैथली ड्रोइन और विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा लीक की गई जानकारी में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर नई दिल्ली से ऐसी कार्रवाइयों को निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। कॉमन्स पब्लिक सेफ्टी कमेटी के सामने गवाही देते हुए, ड्रोइन ने कहा कि उन्हें जानकारी लीक करने के लिए ट्रूडो की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन पोस्ट के साथ कोई वर्गीकृत खुफिया जानकारी साझा नहीं की गई थी। इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों के खिलाफ भारतीय एजेंटों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों के बारे में कनाडा की चिंताओं को साझा करना था, जिसमें कनाडाई लोगों के जीवन को खतरा भी शामिल है। *क्या था अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में?* वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी पहले की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए हैं कि भारत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनाडा में 'खुफिया जानकारी जुटाने वाले मिशन और सिख अलगाववादियों पर हमले को अधिकृत किया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि एक कनाडाई स्रोत ने भारतीय अधिकारी की पहचान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रूप में की है। डेविड मॉरिसन ने अधिक जानकारी या सबूत दिए बिना कहा कि पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं। मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं। *वॉशिंगटन पोस्ट की खबर पर भारत ने क्या कहा?* जब पहली बार वॉशिंगटन पोस्ट में निज्जर के मर्डर पर ख़बर छपी थी तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने अख़बार की रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा था, “रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है। बयान में कहा गया, संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है। इसे लेकर अटकलें लगाना और गैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा। *भारत-कनाडा संबंध और होंगे खराब ?* कनाडा के मंत्री के इस बयान के बाद भारत-कनाडा संबध और और ख़राब होने की आशंका जताई जा रही है। कनाडा में ख़ालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शनों और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ा है। कनाडा का आरोप है कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, जबकि भारत इससे इनकार करता रहा है। पिछले दिनों इस मामले में दोनों देशों के बीच तल्ख़ी इतनी बढ़ी कि पिछले दिनों दोनों देशों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों को निकाल दिया है। एक-दूसरे के राजनयिकों को निकालने का फ़ैसला तब सामने आया है जब निज्जर हत्या मामले में कनाडा ने भारतीय राजनयिकों और उच्चायोग के दूसरे अधिकारियों को ‘पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट’ बताया। इसमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।
अमित शाह ने लॉन्च किया CRS ऐप, जानें कैसे आएगा आपके काम
#amit_shah_launched_crs_application_census
* देश में अगले साल जनगणना होने जा रही है। सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।गृहमंत्री अमित शाह ने इसी क्रम में नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानि की CRS (Civil Registration System) ऐप लॉन्च किया।इसके जरिए कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठ कर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कर सकता है।यह ऐप जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के साथ प्रमाण पत्रों की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया को सहज, तेज और सरल बनाएगा। इस ऐप के लॉन्च होने से किसी भी व्यक्ति को बार बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सेंसेज इंडिया 2021 ने अपने एक्स हैंडल से वीडियो जारी कर सकी जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि कैसे इस ऐप में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए लोगों को जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र लेना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा।सेंसस इंडिया के आधिकारिक हैंडल से बताया गया है कि इस ऐप के जरिए जन्म मृत्यु का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाएगा। प्रक्रिया के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को जन्म या मृत्यु संबंधी जानकारी और रजिस्ट्रेशन बर्थ या डेथ के 21 दिन के अंदर ऐप पर करना होगा। ऐप के मुताबिक, अगर आप 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाते हैं तो फिर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके लिए देश के किसी भी आम आदमी को 22 से 30 दिनों के अंदर 2 रुपये शुल्क देना होगा और 31 दिन से एक साल तक 5 रुपये की लेट फीस जमा करानी होगी। इसी के साथ-साथ ज्यादा पुराने प्रमाण पत्रों के लिए 10 रुपये का शुल्क तय किया गया है यानि अधिकतम विलंब शुल्क 10 रुपये होगा।
अमित शाह ने लॉन्च किया CRS ऐप, जानें कैसे आएगा आपके काम

#amit_shah_launched_crs_application_census

देश में अगले साल जनगणना होने जा रही है। सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।गृहमंत्री अमित शाह ने इसी क्रम में नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानि की CRS (Civil Registration System) ऐप लॉन्च किया।इसके जरिए कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठ कर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कर सकता है।यह ऐप जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के साथ प्रमाण पत्रों की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया को सहज, तेज और सरल बनाएगा। इस ऐप के लॉन्च होने से किसी भी व्यक्ति को बार बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

सेंसेज इंडिया 2021 ने अपने एक्स हैंडल से वीडियो जारी कर सकी जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि कैसे इस ऐप में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए लोगों को जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र लेना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा।सेंसस इंडिया के आधिकारिक हैंडल से बताया गया है कि इस ऐप के जरिए जन्म मृत्यु का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाएगा।

प्रक्रिया के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को जन्म या मृत्यु संबंधी जानकारी और रजिस्ट्रेशन बर्थ या डेथ के 21 दिन के अंदर ऐप पर करना होगा। ऐप के मुताबिक, अगर आप 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाते हैं तो फिर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके लिए देश के किसी भी आम आदमी को 22 से 30 दिनों के अंदर 2 रुपये शुल्क देना होगा और 31 दिन से एक साल तक 5 रुपये की लेट फीस जमा करानी होगी। इसी के साथ-साथ ज्यादा पुराने प्रमाण पत्रों के लिए 10 रुपये का शुल्क तय किया गया है यानि अधिकतम विलंब शुल्क 10 रुपये होगा।

बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित किया जाए : प्रो सत्यकाम

आरजी कर पीड़िता के पिता ने अमित शाह को लिखा पत्र जबरदस्त मानसिक दबाव का किया दावा

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार कोलकाता की डॉक्टर के पिता ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वे और पीड़िता की मां "जबरदस्त मानसिक दबाव और असहाय महसूस कर रहे हैं"। उन्होंने मंत्री से उनसे मिलने के लिए कुछ मिनट निकालने का आग्रह किया।

"मैं अभया का पिता हूं और मैं आपसे आपकी सुविधानुसार या आपके सुझाव के अनुसार किसी अन्य स्थान पर मिलने का सम्मानपूर्वक अनुरोध करता हूं। हमारी बेटी के साथ हुई उस जघन्य अप्रत्याशित घटना के बाद, हम जबरदस्त मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं और अब असहाय महसूस कर रहे हैं," दिवंगत डॉक्टर के पिता ने पत्र में लिखा। "मैं अपनी पत्नी के साथ स्थिति के बारे में कुछ बातों पर चर्चा करने के लिए आपसे मिलना चाहता हूं और आपके मार्गदर्शन और मदद के लिए प्रार्थना करता हूं। मैं आपसे बात करने और इस मुद्दे पर आपकी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के अवसर के लिए वास्तव में आभारी रहूंगा, क्योंकि मुझे विश्वास है कि आपका अनुभव और मार्गदर्शन अमूल्य होगा," उन्होंने पीटीआई की रिपोर्ट में कहा।

पिता ने केंद्रीय गृह मंत्री से उनके लिए कुछ मिनट निकालने का भी अनुरोध किया

"कृपया मुझे बताएं कि आप हमारे लिए कब और कहां कुछ मिनट निकाल सकते हैं। फिर, हम खुद को तैयार रख सकते हैं। मैं आपके समय और इस अनुरोध पर विचार करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं और आपकी अनुकूल प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मैं आपसे मिलने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं," उन्होंने कहा।

पीड़िता की मां ने पीटीआई को बताया कि उन्हें अमित शाह से मिलने का समय मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वह उन्हें उस मानसिक पीड़ा के बारे में बताएंगी जिससे वे गुजर रही हैं। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अमित शाह जी हमें कुछ समय देंगे। मैं उन्हें उस मानसिक पीड़ा के बारे में बताऊंगी जिससे हम गुजर रहे हैं क्योंकि हमारी बेटी को अभी तक न्याय नहीं मिला है।"

डॉक्टर की हत्या 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर की गई थी। पुलिस ने अपराध के लिए संजय रॉय नामक एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया। जांच का जिम्मा संभालने वाली सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के अब निलंबित प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया।

Demand for Bharat Ratna to Dr. Sachchidanand Sinha by Sunny Sinha, Patron of Samanta Sangram Samiti

Sunny Sinha, the patron of the Samanta Sangram Samiti, recently demanded that Dr. Sachchidanand Sinha, the first president of the Constituent Assembly of India, be honored with the Bharat Ratna. His proposal highlights the significance of Dr. Sinha’s contributions to the creation of the Indian Constitution. Sunny Sinha stated that Dr. Sachchidanand Sinha was not only the first president of the Constituent Assembly but also played an invaluable role in Indian politics, social justice, and constitutional reforms.

Dr. Sachchidanand Sinha: An Introduction

Dr. Sachchidanand Sinha was born on November 10, 1871, in Patna, Bihar. Before becoming the president of the Constituent Assembly, he was a renowned lawyer and academician. Even before India’s independence, he emphasized constitutional reforms and worked to bring together various sections of Indian society. Recognizing his contributions, he was elected as the first president of the Constituent Assembly, where he helped lay the foundation for the country’s future.

Demand for Bharat Ratna

Sunny Sinha believes that Dr. Sachchidanand Sinha’s pivotal role in the formation of the Constituent Assembly and in shaping the direction of the Constitution makes him deserving of the Bharat Ratna. He noted that the Bharat Ratna is the highest civilian honor in India and is awarded to individuals who have made extraordinary contributions to the nation. Dr. Sinha’s life and work reflect his deep commitment to the country, making him a worthy recipient of this prestigious award.

Impact on Society

The initiative by the Samanta Sangram Samiti not only seeks to recognize the contributions of Dr. Sachchidanand Sinha but also ensures that all the great leaders involved in the making of the Constituent Assembly receive due respect. This demand also aims to strengthen the values and ideals for which Dr. Sinha fought throughout his life. Sunny Sinha’s effort can serve as a meaningful step in passing on the importance of the Indian Constitution and its history to future generations.

Conclusion

Dr. Sachchidanand Sinha’s name is etched in golden letters in the history of the Indian Constitution. His leadership and vision provided a strong foundation for Indian democracy. Therefore, the demand to honor him with the Bharat Ratna is not only appropriate but also a fitting way to acknowledge his service to Indian society and democracy.

बंद कमरे में मीटिंग करके दिए ये आदेश...”, अमित शाह की बैठक पर उद्धव ठाकरे का बड़ा दावा*

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि एक बंद कमरे में हुई बैठक में भाजपा नेताओं को विपक्षी दलों को तोड़ने का निर्देश दिया था।

उद्धव ठाकरे ने कहा, अमित शाह चार दिन पहले नागपुर आए थे। वे बंद दरवाजे के पीछे कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि उद्धव ठाकरे को मारो, शरद पवार को मारो, उनकी पार्टी तोड़ो, कार्यकर्ताओं को तोड़ो। अमित शाह बंद दरवाजे छोड़ें, हिम्मत है तो मैदान में आएं और शिव राय की गवाही से हमें खत्म करने की भाषा दिखाएं। आप मुझे दिल्ली से खत्म नहीं कर पाएंगे। अगर मुझे कोई खत्म कर सकता है तो सिर्फ यहां की जनता और यहां के वोटर। अगर वो कहेंगे कि उद्धव ठाकरे घर बैठ जाओ तो मैं घर बैठ जाऊंगा। उद्धव ठाकरे ने भारसभा से सीधे तौर पर अमित शाह की विधानसभा रणनीति की आलोचना की।

शाह मुझे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं-उद्धव ठाकरे

उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं, ताकि बीजेपी महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा, बीजेपी ने 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले अविभाजित शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही।

उद्धव ने पूछा- क्या मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत?

ठाकरे ने सवाल किया कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाना शामिल है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, आगामी चुनाव सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूट से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने लोगों से महा विकास आघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की. इस दौरान कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नेता सुनील केदार और अनिल देशमुख भी मौजूद रहे।