आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे,किसी को बख्शा नहीं जाएगा... पहलगाम हमले पर अमित शाह की चेतावनी

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सख्त बयान दिया।

आतंक फैलाने वालों को अल्टीमेटम

गृह मंत्री ने कहा, मैं आज जनता को बताना चाहता हूं कि 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं, उनके खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। आज वे यह न समझें कि हमारे नागरिकों की जान लेकर वो ये लड़ाई जीत लेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई अंत नहीं है, एक मकाम है। एक-एक व्यक्ति को चुन-चुन कर इसका जवाब दिया जाएगा।

आतंकवाद के खात्मे लड़ाई जारी रहेगी-शाह

शाह ने आगे कहा कि अगर कोई कायराना हमला करके सोचता है कि यह उनकी बड़ी जीत है, तो एक बात समझ लें, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारा संकल्प है कि इस देश के हर कोने से आतंकवाद को उखाड़ फेंकेंगे और यह पूरा होगा। न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ी है। मैं इस संकल्प को दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने इसे अंजाम दिया है, उन्हें निश्चित रूप से उचित सजा दी जाएगी।

सेना को फ्री हैंड देकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकती सरकार, संजय राउत बोले- पहलगाम का असली बदला तो...

#sanjayrautaskspmmoditotakeactionagainstamitshah

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस घटना से पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच केन्द्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान खिलाफ एक्शन के लिए सेना को फ्री हैंड दिया है। मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते-राउत

संजय राउत ने पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार की जवाबदेही बताते हुए कहा, आर्मी तो कश्मीर में है, फिर भी पहलगाम हमला हुआ। आर्मी के ऊपर छोड़कर आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। अगर बदला लेना है और असली श्रद्धांजलि देनी है, तो गृह मंत्रालय पर एक्शन लिया जाना चाहिए। इंटेलिजेंस क्यों फेल हुआ और आप क्या कर रहे थे? अगर सरकार किसी और की होती और हममें से कोई गृहमंत्री होता तो बीजेपी पूरे देश में हंगामा कर देती।

विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है-राउत

संजय राउत ने कहा कि सरकार की गलतियों का समर्थन नहीं किया जाएगा। सरकार बार-बार गलतियां कर रही है, यह नहीं चलेगा। उन्होंने अमित शाह का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जगह उनका कोई मंत्री होता तो वे भी इस्तीफा मांगते। राउत ने कहा कि विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है, इसमें गलत क्या है?

27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार-राउत

संजय राउत ने सर्वदलीय बैठक को बेकार बताते हुए कहा कि कश्मीर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। राउत ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सिर्फ ताली बजाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि विशेष सत्र बुलाया जाए और दो दिन कश्मीर पर चर्चा हो। राउत ने कहा कि 27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार हुए हैं। उन्होंने इसे सरकार की ओर से नरबलि बताया। उनके अनुसार, सरकार की लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान गई।

पाकिस्तानियों की पहचान कर जल्द वापस भेजें”, अमित शाह का सभी राज्यों के सीएम को निर्देश

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भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी मौजूदा वीजा रद्द करने के एक दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों को पड़ोसी देश के नागरिकों की पहचान करने और उन्हें अपने-अपने राज्यों से तुरंत हटाने का निर्देश दिया। शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को उन्हें निर्वासित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों से बात की। उन्होंने सभी से अपने-अपने राज्यों में सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने और उनकी शीघ्र पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा। शाह ने कई मुख्यमंत्रियों से बात कर ली है और बाकियों से भी वे बात कर रहे हैं।

पहलगाम आतंकी हमलों के मद्देनजर, भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए कहा। केंद्र ने आगे कहा कि मेडिकल वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों को अतिरिक्त दो दिन मिलेंगे, लेकिन उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए निर्णयों के क्रम में, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है।" इसके अतिरिक्त, भारत ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की "दृढ़ता से सलाह" दी।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

 

TEDx Talk | YoutubeMr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

  

TEDx Talk | Youtube Mr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

पहलगाम अटैक के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्री श्रीनगर रवाना


#pahalgamterrorattackpmmodispoketoamitshah

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। पीएम फिलहाल सऊदी अरब दौरे पर हैं, लेकिन वो वहां से पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह से बात करके घटनास्थल जाने को कहा। उन्होंने गृहमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। इसके बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं।

आतंकियों के बख्शा नहीं जाएगा-पीएम मोदी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पीएम मोदी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।

शाह श्रीनगर रवाना

इसस पहले प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की और उनसे सभी उचित कदम उठाने को कहा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव मौजूद हैं जबकि सीआरपीएफ डीजी, जम्मू कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। हमले के बाद गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात भी की। वहीं, पीएम मोदी के निर्देश के बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं। 

अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा।

राजनाथ सिंह ने की हमले की निंदा

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा करते हुए कहा, पहलगाम (जम्मू और कश्मीर) में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ। निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और अत्यधिक निंदनीय कृत्य है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।

अगले चैत्र-नवरात्रि तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा, बस्तर में अमित शाह की हुंकार

#amitshahappealstonaxalitesindantewada-tosurrender

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर हैं। शनिवार की दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले विमान से बस्तर पहुंचे। यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए। ‘बस्तर पंडुम’ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने दावा किया है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक लाल आतंक का खत्मा हो जाएगा।

हथियार छोड़ने का अल्टीमेटम

‘बस्तर पंडुम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे दिन चले गए जब यहां गोलियां चलती थीं और बम धमाके होते थे। इसलिए मैं एक बार फिर नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं जिनके हाथ में हथियार है वो और जिनके हाथ में हथियार नहीं है वो, सब मुख्यधारा में लौट आएं क्योंकि कोई भी नक्सली मारा जाता है किसी को आनंद नहीं होता है।

आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते-शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में यहां नहीं हुआ वो हमारे प्रधानमंत्री पांच साल में यहां देना चाहते हैं। मोदी सरकार में बस्तर नक्सलमुक्त हो रहा है और विकास का स्वर्णिम कालखंड देख रहा है। शाह ने कहा कि हर किसी को घर में चावल पहुंच रहा है। ये तभी हो सकता है जब लोग तय करें कि हमारे गांव नक्सल मुक्त होगा। ऐसे गांव को नक्सल मुक्त घोषित करेंगे और विकास के लिए 1 करोड़ रुपये देंगे। आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते। आप भी विकास में हिस्सेदार बनें।

बस्तर ओलंपिक का आयोजन हर साल होगा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, कुछ लोग कहते थे कि बस्तर पंडुम से क्या हासिल होगा। शायद उन्हें मालूम नहीं है कि अनेकता में एकता ही भारत की ताकत है। भारत की ताकत अनेक प्रकार की संस्कृतियों का समागम है। यहां की परंपराएं, कलाएं, भाषा, बोलियां, विविध प्रकार के व्यंजन यह सब यह सब मिलकर भारत बनता है। यह कांग्रेस को अब तक नहीं पता है। भारत दुनिया की हर स्पर्धा में टक्कर के साथ खड़ा रहेगा पर हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित करेंगे। बस्तर पंडुम से इसकी शुरुआत है। पंडुम की तरह ही हर साल बस्तर ओलंपिक भी होगा।

गैर-मुस्लिम संशोधन के बाद नई समिति का हिस्सा नहीं होंगे, वक्फ बिल पर लोकसभा में बोले अमित शाह

#amitshahonwaqfbill 

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश हो गया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया। सरकार की ओर पक्ष रखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से ढेर सारी भ्रांतियां सदस्यों के मन में भी हैं और इन्हें फैलाने का प्रयास भी हो रहा है। 

सदन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है। एक प्रकार से इसकी आज की भाषा में व्याख्या करें तो ये एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोमेंट है। भारत का जहां तक सवाल है तो दिल्ली में सल्तनत काल के प्रारंभ में पहली बार वक्फ अस्तित्व में आया। बाद में चैरिटेबल प्रॉपर्टी एक्ट चला। आजादी के बाद 1954 में बदलाव किया गया। इसके बाद आगे चलकर वक्फ बोर्ड बना। ये पूरा झगड़ा जो चल रहा है वो इसमें दखल करना का है।

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां कई सदस्यों के मन में है और सदन के माध्यम से कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है। ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। मैं कुछ बातों को स्पष्ट करने का प्रयास करूंगा।

'वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं'

केंद्रीय मंत्री शाह ने सदन में दो टूक कहा कि सबसे पहले, वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है।

'कांग्रेस ने दिल्ली लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं'

गृह मंत्री ने कहा, वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा। ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चलती रहे। अब ये नहीं चलेगा। अमित शाह ने कहा कि 2013 का जो संशोधन आया, वो नहीं आया होता तो आज ये संशोधन लाने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस सरकार ने दिल्ली लूटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। 

'विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा'

सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 2013 में किया संशोधन सिर्फ पांच घंटे के बाद हुआ था, इस बार दोनों सदनों में 16 घंटे चर्चा हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि- विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा है। वक्फ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि निकाय नहीं है और ये बिल जन कल्याण के लिए है, वोटबैंक के लिए हैं। 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी और 2013 से 2025 तक 21 लाख भूमि बढ़ गई है। इसमें 2013 के बाद खासी बढ़ोत्तरी हुई है। अमित शाह ने कहा कि लोगों को डराया जा रहा है कि पूर्वव्यापी प्रभाव से आएगा। इस विधेयक के पहले तीन पेज और धाराएं पढ़ ली होतीं तो पता चल जाता।

अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि अमित शाह ने ले ली चुटकी, बोले-आप तो 25 साल अध्यक्ष रहेंगे

#akhilesh_yadav_vs_amit_shah 

कई महीनों के विवाद के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक बार फिर लोकसभा के पटल पर पेश किया गया है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी देशों ने इस बिल पर विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने भी इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में भाषण के दौरान अखिलेश सत्तापक्ष पर जमकर बरसे हैं। हालांकि, बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी को लेकर कुछ ऐसा बोल कि अमित शाह ने उल्टे उनकी ही चुटकी ले ली।

दरअसल, वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा।उन्होंने कहा कि ये जो बिल लाया जा रहा है बीजेपी में तो मुकाबला चल रहा है कि बीजेपी के अंदर खराब हिंदू कौन बड़ा है। ये बात मैं ऐसे नहीं कह रहा हूं। जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी हो अध्यक्ष महोदय वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक। बीजेपी क्या है?

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसा तो बीजेपी की तरफ से मोर्चा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल लिया। वो अखिलेश के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है इसलिए मैं भी हंसते-हंसते ही जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको 5 में से ही चुनना है। एक ही परिवार से चुनना है। माननीय अध्यक्ष जी करोड़ों सदस्यों में से 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया करके चुनना है तो देर लगती है। आपके यहां जरा भी देर नहीं लगेगी। मैं कह देता हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ। नहीं बदल सकता।

जब अमित शाह ने उन्हें 25 साल वाला आशीर्वाद दिया तो अखिलेश ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनके पास बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद मेज थपथपाकर शाह की बात का स्वागत करते दिखे।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

#amitshahloksabhaimmigrationandforeign_bills

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे,किसी को बख्शा नहीं जाएगा... पहलगाम हमले पर अमित शाह की चेतावनी

#amitshahwarns_pakistan

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सख्त बयान दिया।

आतंक फैलाने वालों को अल्टीमेटम

गृह मंत्री ने कहा, मैं आज जनता को बताना चाहता हूं कि 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं, उनके खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। आज वे यह न समझें कि हमारे नागरिकों की जान लेकर वो ये लड़ाई जीत लेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई अंत नहीं है, एक मकाम है। एक-एक व्यक्ति को चुन-चुन कर इसका जवाब दिया जाएगा।

आतंकवाद के खात्मे लड़ाई जारी रहेगी-शाह

शाह ने आगे कहा कि अगर कोई कायराना हमला करके सोचता है कि यह उनकी बड़ी जीत है, तो एक बात समझ लें, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारा संकल्प है कि इस देश के हर कोने से आतंकवाद को उखाड़ फेंकेंगे और यह पूरा होगा। न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ी है। मैं इस संकल्प को दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने इसे अंजाम दिया है, उन्हें निश्चित रूप से उचित सजा दी जाएगी।

सेना को फ्री हैंड देकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकती सरकार, संजय राउत बोले- पहलगाम का असली बदला तो...

#sanjayrautaskspmmoditotakeactionagainstamitshah

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस घटना से पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच केन्द्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान खिलाफ एक्शन के लिए सेना को फ्री हैंड दिया है। मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते-राउत

संजय राउत ने पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार की जवाबदेही बताते हुए कहा, आर्मी तो कश्मीर में है, फिर भी पहलगाम हमला हुआ। आर्मी के ऊपर छोड़कर आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। अगर बदला लेना है और असली श्रद्धांजलि देनी है, तो गृह मंत्रालय पर एक्शन लिया जाना चाहिए। इंटेलिजेंस क्यों फेल हुआ और आप क्या कर रहे थे? अगर सरकार किसी और की होती और हममें से कोई गृहमंत्री होता तो बीजेपी पूरे देश में हंगामा कर देती।

विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है-राउत

संजय राउत ने कहा कि सरकार की गलतियों का समर्थन नहीं किया जाएगा। सरकार बार-बार गलतियां कर रही है, यह नहीं चलेगा। उन्होंने अमित शाह का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जगह उनका कोई मंत्री होता तो वे भी इस्तीफा मांगते। राउत ने कहा कि विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है, इसमें गलत क्या है?

27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार-राउत

संजय राउत ने सर्वदलीय बैठक को बेकार बताते हुए कहा कि कश्मीर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। राउत ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सिर्फ ताली बजाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि विशेष सत्र बुलाया जाए और दो दिन कश्मीर पर चर्चा हो। राउत ने कहा कि 27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार हुए हैं। उन्होंने इसे सरकार की ओर से नरबलि बताया। उनके अनुसार, सरकार की लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान गई।

पाकिस्तानियों की पहचान कर जल्द वापस भेजें”, अमित शाह का सभी राज्यों के सीएम को निर्देश

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भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी मौजूदा वीजा रद्द करने के एक दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों को पड़ोसी देश के नागरिकों की पहचान करने और उन्हें अपने-अपने राज्यों से तुरंत हटाने का निर्देश दिया। शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को उन्हें निर्वासित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों से बात की। उन्होंने सभी से अपने-अपने राज्यों में सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने और उनकी शीघ्र पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा। शाह ने कई मुख्यमंत्रियों से बात कर ली है और बाकियों से भी वे बात कर रहे हैं।

पहलगाम आतंकी हमलों के मद्देनजर, भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए कहा। केंद्र ने आगे कहा कि मेडिकल वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों को अतिरिक्त दो दिन मिलेंगे, लेकिन उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए निर्णयों के क्रम में, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है।" इसके अतिरिक्त, भारत ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की "दृढ़ता से सलाह" दी।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

 

TEDx Talk | YoutubeMr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

  

TEDx Talk | Youtube Mr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

पहलगाम अटैक के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्री श्रीनगर रवाना


#pahalgamterrorattackpmmodispoketoamitshah

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। पीएम फिलहाल सऊदी अरब दौरे पर हैं, लेकिन वो वहां से पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह से बात करके घटनास्थल जाने को कहा। उन्होंने गृहमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। इसके बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं।

आतंकियों के बख्शा नहीं जाएगा-पीएम मोदी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पीएम मोदी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।

शाह श्रीनगर रवाना

इसस पहले प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की और उनसे सभी उचित कदम उठाने को कहा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव मौजूद हैं जबकि सीआरपीएफ डीजी, जम्मू कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। हमले के बाद गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात भी की। वहीं, पीएम मोदी के निर्देश के बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं। 

अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा।

राजनाथ सिंह ने की हमले की निंदा

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा करते हुए कहा, पहलगाम (जम्मू और कश्मीर) में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ। निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और अत्यधिक निंदनीय कृत्य है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।

अगले चैत्र-नवरात्रि तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा, बस्तर में अमित शाह की हुंकार

#amitshahappealstonaxalitesindantewada-tosurrender

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर हैं। शनिवार की दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले विमान से बस्तर पहुंचे। यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए। ‘बस्तर पंडुम’ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने दावा किया है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक लाल आतंक का खत्मा हो जाएगा।

हथियार छोड़ने का अल्टीमेटम

‘बस्तर पंडुम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे दिन चले गए जब यहां गोलियां चलती थीं और बम धमाके होते थे। इसलिए मैं एक बार फिर नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं जिनके हाथ में हथियार है वो और जिनके हाथ में हथियार नहीं है वो, सब मुख्यधारा में लौट आएं क्योंकि कोई भी नक्सली मारा जाता है किसी को आनंद नहीं होता है।

आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते-शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में यहां नहीं हुआ वो हमारे प्रधानमंत्री पांच साल में यहां देना चाहते हैं। मोदी सरकार में बस्तर नक्सलमुक्त हो रहा है और विकास का स्वर्णिम कालखंड देख रहा है। शाह ने कहा कि हर किसी को घर में चावल पहुंच रहा है। ये तभी हो सकता है जब लोग तय करें कि हमारे गांव नक्सल मुक्त होगा। ऐसे गांव को नक्सल मुक्त घोषित करेंगे और विकास के लिए 1 करोड़ रुपये देंगे। आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते। आप भी विकास में हिस्सेदार बनें।

बस्तर ओलंपिक का आयोजन हर साल होगा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, कुछ लोग कहते थे कि बस्तर पंडुम से क्या हासिल होगा। शायद उन्हें मालूम नहीं है कि अनेकता में एकता ही भारत की ताकत है। भारत की ताकत अनेक प्रकार की संस्कृतियों का समागम है। यहां की परंपराएं, कलाएं, भाषा, बोलियां, विविध प्रकार के व्यंजन यह सब यह सब मिलकर भारत बनता है। यह कांग्रेस को अब तक नहीं पता है। भारत दुनिया की हर स्पर्धा में टक्कर के साथ खड़ा रहेगा पर हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित करेंगे। बस्तर पंडुम से इसकी शुरुआत है। पंडुम की तरह ही हर साल बस्तर ओलंपिक भी होगा।

गैर-मुस्लिम संशोधन के बाद नई समिति का हिस्सा नहीं होंगे, वक्फ बिल पर लोकसभा में बोले अमित शाह

#amitshahonwaqfbill 

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश हो गया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया। सरकार की ओर पक्ष रखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से ढेर सारी भ्रांतियां सदस्यों के मन में भी हैं और इन्हें फैलाने का प्रयास भी हो रहा है। 

सदन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है। एक प्रकार से इसकी आज की भाषा में व्याख्या करें तो ये एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोमेंट है। भारत का जहां तक सवाल है तो दिल्ली में सल्तनत काल के प्रारंभ में पहली बार वक्फ अस्तित्व में आया। बाद में चैरिटेबल प्रॉपर्टी एक्ट चला। आजादी के बाद 1954 में बदलाव किया गया। इसके बाद आगे चलकर वक्फ बोर्ड बना। ये पूरा झगड़ा जो चल रहा है वो इसमें दखल करना का है।

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां कई सदस्यों के मन में है और सदन के माध्यम से कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है। ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। मैं कुछ बातों को स्पष्ट करने का प्रयास करूंगा।

'वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं'

केंद्रीय मंत्री शाह ने सदन में दो टूक कहा कि सबसे पहले, वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है।

'कांग्रेस ने दिल्ली लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं'

गृह मंत्री ने कहा, वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा। ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चलती रहे। अब ये नहीं चलेगा। अमित शाह ने कहा कि 2013 का जो संशोधन आया, वो नहीं आया होता तो आज ये संशोधन लाने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस सरकार ने दिल्ली लूटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। 

'विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा'

सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 2013 में किया संशोधन सिर्फ पांच घंटे के बाद हुआ था, इस बार दोनों सदनों में 16 घंटे चर्चा हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि- विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा है। वक्फ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि निकाय नहीं है और ये बिल जन कल्याण के लिए है, वोटबैंक के लिए हैं। 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी और 2013 से 2025 तक 21 लाख भूमि बढ़ गई है। इसमें 2013 के बाद खासी बढ़ोत्तरी हुई है। अमित शाह ने कहा कि लोगों को डराया जा रहा है कि पूर्वव्यापी प्रभाव से आएगा। इस विधेयक के पहले तीन पेज और धाराएं पढ़ ली होतीं तो पता चल जाता।

अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि अमित शाह ने ले ली चुटकी, बोले-आप तो 25 साल अध्यक्ष रहेंगे

#akhilesh_yadav_vs_amit_shah 

कई महीनों के विवाद के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक बार फिर लोकसभा के पटल पर पेश किया गया है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी देशों ने इस बिल पर विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने भी इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में भाषण के दौरान अखिलेश सत्तापक्ष पर जमकर बरसे हैं। हालांकि, बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी को लेकर कुछ ऐसा बोल कि अमित शाह ने उल्टे उनकी ही चुटकी ले ली।

दरअसल, वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा।उन्होंने कहा कि ये जो बिल लाया जा रहा है बीजेपी में तो मुकाबला चल रहा है कि बीजेपी के अंदर खराब हिंदू कौन बड़ा है। ये बात मैं ऐसे नहीं कह रहा हूं। जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी हो अध्यक्ष महोदय वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक। बीजेपी क्या है?

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसा तो बीजेपी की तरफ से मोर्चा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल लिया। वो अखिलेश के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है इसलिए मैं भी हंसते-हंसते ही जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको 5 में से ही चुनना है। एक ही परिवार से चुनना है। माननीय अध्यक्ष जी करोड़ों सदस्यों में से 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया करके चुनना है तो देर लगती है। आपके यहां जरा भी देर नहीं लगेगी। मैं कह देता हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ। नहीं बदल सकता।

जब अमित शाह ने उन्हें 25 साल वाला आशीर्वाद दिया तो अखिलेश ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनके पास बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद मेज थपथपाकर शाह की बात का स्वागत करते दिखे।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

#amitshahloksabhaimmigrationandforeign_bills

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।