पहलगाम हमले पर बड़ा खुलासाःआतंकियों ने की थी बैसरन के अलावा इन 3 जगहों की
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जम्मू-कश्मीर के ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहे जाने वाले पहलगाम में आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। जांच के दौरान हो रहे खुलासे से यह बात सामने आई है कि आतंकी अचानक वहां नहीं पहुंचे। जिन आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है वे 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे। इन आतंकियों की मदद करने वाले लोगों से एनआईए को ये भी पता चला है कि आतंकियों के टारगेट पर पहलगाम के अलावा तीन और स्थान भी थे। हमले से पहले घाटी में तीन सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया था।
किन जगहों की रेकी
बताया गया है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल से पहले पहलगाम और आसपास के इलाके की रेकी शुरू की थी। बैसरन, आरु वैली और बेताब वैली संग लोकल एम्यूज़मेंट पार्क की रेकी करने के बाद हमले के लिए बैसरन को चुना गया था।जांच में गिरफ्तार किए गए एक ओवर ग्राउंड वर्कर ने बताया कि आतंकी घटना से दो दिन पहले बैसारन घाटी में मौजूद थे। आतंकियों ने 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंचकर रेकी की थी। इनमें बैसरन घाटी, आरु घाटी, स्थानीय एम्यूज़मेंट पार्क और बेताब घाटी शामिल थे। सुरक्षा कड़ी होने की वजह से आतंकी इन जगहों पर हमला नहीं कर पाए।
ओवर ग्राउंड वर्कर्स की पूछताछ में खुलासा
जम्मू-कश्मीर से उठाए गए 80 ओवरग्राउंड वर्कर्स समेत कई लोगों से पूछताछ में यह बात सामने आई है।इसमें से 20 के करीब ओवर ग्राउंड वर्कर्स की पहचान भी हो चुकी है। इसमें कुछ ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक 4 ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने पाकिस्तानी आतंकियों को घाटी में रेकी करने में मदद की थी।
ओवर ग्राउंड वर्कर ने की आतंकियों की मदद
जांच में पता चला है कि कम से कम चार ओवर ग्राउंड वर्कर ने आतंकियों को रेकी और जरूरी सामान पहुंचाने में मदद की। हमले से पहले इलाके में तीन सैटेलाइन फोन के इस्तेमाल के सबूत भी मिले हैं। इनमें से दो डिवाइस के सिग्नल को ट्रैस कर लिया गया है। एनआईए और खुफिया एजेंसियां अब तक 2,500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी हैं। फिलहाल 186 लोगों को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है।
21 min ago