पीएम मोदी का राहुल पर कटाक्ष, विदेश नीति पर दी ये किताब पढ़ने की सलाह

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज विदेश नीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में बिना किसी का नाम लेते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। इस दौरान पीएम मोदी ने फॉरेन पॉलिसी में रूचि रखने वालों को अपनी समझ और विकसित करने के लिए एक खास किताब पढ़ने की सलाह दी।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई। कुछ लोगों को लगता है कि वो विदेश नीति पर नहीं बोलते तबतक वो मेच्योर नहीं लगते इसलिए उनको लगता है कि विदेश नीति तो बोलना चाहिए फिर भले ही देश का का नुकसान हो जाए। मैं ऐसे लोगों को जरा कहना चाहता हूं अगर उन्हें सच में विदेश नीति में रूचि है और विदेश नीति को समझना है और आगे जाकर कुछ करना भी है, ये मैं शशि जी के लिए नहीं कह रहा हूं, मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस किताब को पढ़न के बाद उन्हें कहां क्या बोलना है समझ हो जाएगी। JFK Forgotten Crisis ये जेएफ कैनेडी पर किताब है। ये किताब एक प्रसिद्ध विदेश नीति के विद्वान ने लिखी है। उसमें अहम घटनाओं का जिक्र है। इस किताब में भारत के पहले पीएम और वो विदेश नीति का भी नेतृत्व करते थे। इस किताब में पंडित नेहरू और कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निर्णय का जिक्र है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का समाना कर रहा था तब ये विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था उस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है।

पीएम मोदी का कार्टून कटाक्षः इशारों-इशारों में राजीव गांधी पर तंज

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संसद के बजट सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने सरकार की नीतियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने पूर्व की सरकारों की भी बात की। पीएम मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी जोरदार कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर उनके कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक प्रधानमंत्री बार-बार 21वीं सदी बोलते थे, ये उनका तकिया कलाम बन गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में आरके लक्ष्ममण ने बड़ा शानदार कार्टून बनाया था। उसमें एक हवाई जहाज है, एक पायलट है। पायलट उन्होंने पसंद किया, हवाई जहाज पर कुछ पैसंजर्स थे और हवाई जहाज ठेले पर था और जहाज पर 21वीं सदी लिखा था।

पीएम मोदी ने कहा कि उस वक्त ये मजाक लग रहा था, लेकिन आगे चलकर वो सच सिद्ध हो गया। ये कटाक्ष था कि जमीनी सच्चाई से तब के पीएम कितने कटे हुए थे और हवाई बातों में लगे हुए थे, इसका वह जीती जागता प्रदर्शन करने वाला कार्टून था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तब उन्होंने 21वीं सदी की बात की थी, लेकिन वह 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे।

मोदी ने कहा, वह कार्टून इस बात का उदाहरण था कि उस प्रधानमंत्री की बातें हवा हवाई थीं और वास्तविकता से कटी हुई थीं। हम लगभग 40-50 साल पीछे हैं। जो काम 40-50 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वे अब हुए हैं। इसलिए जब जनता ने हमें काम करने का मौका दिया तो हमने युवाओं के विकास और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। हमने युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया, उनके लिए ज्यादा अवसर बनाए। हमने कई क्षेत्रों को खोल दिया, जिसकी वजह से युवा अपनी सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं। हमने स्पेस सेक्टर को खोल दिया, डिफेंस सेक्टर को खोला, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई योजनाओं को आकार दिया। स्टार्टअप इंडिया डेवलप किया।

जब बुखार चढ़ता है तो लोग ज़्यादा बोलने लगते हैं”, पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, पांच दशकों तक हमने गरीबी हटाओ का नारा सुना और अब हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और दावा किया कि उनकी सरकार ने 40 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के खाते में पहुंचाया है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट 1.80 लाख करोड़ था। आज 11 लाख करोड़ रुपया बजट है। सरकारी खजाने में बचत हुई वो तो एक बात है, हमने इस बात पर भी ध्यान रखा कि जन सामान्य को भी बचत का लाभ मिलना चाहिए। आपने देखा होगा कि आयुष्मान भारत योजना, बीमारी के कारण आम आदमी को होने वाला खर्च करीब देश में एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए जनता के बचे हैं। जनऔषधि केंद्र में 80 फीसदी डिसकाउंट होता है। जनता के 30 हजार करोड़ रुपए बचे हैं।

पीएम मोजदी ने कहा कि यूनिसेफ का भी अनुमान है कि जिसके घर में शौचालय बना, उस परिवार को करीब करीब 70 हजार की बचत हुई है। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान बताया कि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि नल से शुद्ध जल मिलने के कारण उन परिवारों में औसतन 40 हजार प्रति परिवार बचा है। ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिन्होंने सामान्य आदमी के खर्च में बचत की है, करोड़ों देशवासियों को मुफ्त अनाज से भी परिवार के हजारों रुपये बचते हैं।

इस दौरान विपक्ष की तरफ से उन्हें टोकने की कोशिश गई। विपक्ष की तरफ से हो रहे शोर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी नाराज़ नज़र आए और विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश करते हुए दिखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब लोगों को बुखार चढ़ जाता है तो वो ज़्यादा बोलते हैं। लोग हताशा और निराशा में भी ज़्यादा बोलते हैं।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।

तय हो गया पीएम मोदी का अमेरिका दौरा, 12 फरवरी की तारीख तय, व्हाइट हाउस में खुद डिनर होस्ट करेंगे डोनाल्ड ट्रंप

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी।ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह मोदी की वाशिंगटन की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। उनकी यह पहली यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी की शाम को फ्रांस से एआई सम्मेलन में भाग लेकर अमेरिका पहुंचने की उम्मीद है। पीएम मोदी फ्रांस में 10-11 फरवरी को ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट में भाग लेंगे। फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के वो 12 फरवरी को अमेरिका पहुंचेंगे। वो 14 फरवरी तक अमेरिकी राजधानी में रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से 13 फरवरी को मुलाकात होने की संभावना है। ट्रंप पीएम मोदी के दौरे के दौरान उनके लिए एक रात्रिभोज भी आयोजित कर सकते हैं।

हालांकि पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का आधिकारिक विवरण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन चर्चा व्यापार, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद, पीएम मोदी ने 27 जनवरी को उनसे फोन पर बात की थी।

पहला ऐसा सत्र जिसके पहले किसी ने विदेश से चिंगारी नहीं भड़काई”, पीएम ने इशारों-इशारों में किसपर साधा निशाना

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आज से संसद के बजट सत्र की शुरूआत हो गई है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान इशारों-इशारों में विपक्ष पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि ऐसा 10 साल में पहली बार हो रहा है कि संसद सत्र से पहले कोई विदेशी शरारत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यहां तो लपकने वाले तैयार थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक ये पहला ऐसा सत्र होने जा रहा है जब सत्र शुरू होने कुछ दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की है। और विदेश से बैठकर आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। 2014 से मैं देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले कुछ लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। ये पहला सत्र है जिसके पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इशारों में इशारों में विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विदेश से लगाई जाने वाली चिंगारी को हवा देने वालों की भी कमी नहीं है। 2014 से मैं देख रहा हूं हर सत्र से पहले लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठे रहते हैं और यहां हवा देने वालों की भी कोई कमी नहीं है। ये पहला सत्र है कि इसमें कोई विदेशी चिंगारी नहीं दिख रही है।

वहीं, प्रधानमंत्री ने बजट सत्र की शुरूआत से पहले समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, इस कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत का संकल्प जो भारत ने लिए है ये बजट नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा की देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो देश विकसित होकर रहेगा। हम हर तरह से जनता के कल्याण के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।

बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने मां लक्ष्मी को किया प्रणाम, बोले-गरीबों-मध्यम वर्ग पर बनी रहे उनकी कृपा

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आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। 18वीं लोकसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज बजट सत्र के प्रारंभ में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

मिशन मोड पर काम कर रहे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, इस कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत का संकल्प जो भारत ने लिए है ये बजट नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा की देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो देश विकसित होकर रहेगा। हम हर तरह से जनता के कल्याण के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।

इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे। व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति को गौरव को फिर से स्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले उसको भी समान अधिकार मिले उस दिशा में इस सत्र में कई अहम निर्णय लिए जाएंगे।

बता दें किसरकार की तैयारी बजट सत्र के पहले ही चरण में वक्फ संशोधन बिल के साथ कुछ अन्य विधेयकों को पेश करने की है। वक्फ (संशोधन) बिल के साथ मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके अलावा विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक और आव्रजन और विदेशी विधेयक भी शामिल हैं। साथ ही वित्त विधेयक, 2025 व संबंधित अनुदान मांगों तथा विनियोग विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। ऐसे 10 अन्य विधेयक भी हैं, जो पिछले सत्र से दोनों सदनों में लंबित हैं।

सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी

दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा पेश करेगा। साथ ही इसमें कृषि, इंडस्ट्री और सर्विस क्षेत्र के प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी होंगे। वित्त मंत्री सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां बजट शनिवार को पेश करेंगी।

मैं भी यमुना का पानी पीता हूं', केजरीवाल के “जहर” वाले बयान पर खूब बरसे पीएम मोदी

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विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की करतार नगर इलाके में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल के यमुना में जहर घोलने की साजिश वाले बयान पर करारा जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली को डबल इंजन सरकार से ही फायदा मिल सकता है। डबल इंजन सरकार बनेगी तो दिल्ली से आपदा जाएगी, खुशहाली आएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के करतार नगर में जनसभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार पर बड़ा प्रहार किया। पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर भी हमला बोला जिसमें उन्होंने हरियाणा पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा के लोगों पर घिनौने आरोप लगाए हैं। हार के डर से आपदा वाले घबरा गए हैं। क्या हरियाणा के लोग दिल्ली से अलग हैं? दिल्ली का हर निवासी हरियाणा द्वारा भेजा गया वही पानी पीता है। पिछले 11 सालों से यह प्रधानमंत्री भी वही पानी पीता है। तमाम बड़े ऑफिसर्स, विदेशी एंबेसी के अधिकारी, कोर्ट के न्यायाधीश भी यमुना का पानी पीते हैं।

पीएम ने कहा कि यह बयान सिर्फ हरियाणा का नहीं बल्कि भारतीयों का अपमान है, हमारे संस्कारों का अपमान है। जिस देश में पानी पिलाना धर्म माना जाता है, वहां ऐसा आरोप लगाना एक पाप है। उन्होंने कहा कि क्या इस बात पर विश्वास किया जा सकता है कि दिल्ली में हमारे जैसे जो लोग यमुना के पानी पीते हैं, उनकी जान लेने के लिए हरियाणा यमुना में जहर मिलाएगा। उन्होंने कहा कि ये बयान हार के डर से दिया गया है। गलतियों को माफ करना भारत के नागरिकों का उदार चरित्र है, लेकिन जो लोग जानबूझकर गलत नीयत से पाप करते हैं, उन्हें न तो दिल्ली कभी माफ करती है और न ही देश।

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, यहां का नजारा दिल्ली के मूड को दर्शा रहा है, यह दिल्ली के लोगों के जनादेश को दर्शाता है। दिल्ली कह रही है कि अब 'आपदा' के बहाने नहीं चलेंगे, 'आपदा' के झूठे वादे नहीं चलेंगे। दिल्ली कह रही है कि अब 'आपदा' की लूट और झूठ नहीं चलेगा। यहां के लोग ऐसी डबल इंजन वाली सरकार चाहते हैं जो गरीबों के लिए घर बनाए, दिल्ली को आधुनिक बनाए, हर घर में नल का जल पहुंचाए और टैंकर माफिया से मुक्ति दिलाए। आज दिल्ली कह रही है कि जब 5 फरवरी आएगी, 'आपदा' जाएगी, भाजपा आएगी।

पीएम मोदी को आया व्हाइट हाउस से बुलावा, ट्रंप के न्योता पर फरवरी में जा सकते हैं अमेरिका
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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। सोमवार को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। जिसके बाद ये खबर सामने आ रही है।खुद ट्रंप का इस बात खुलासा किया। व्हाइट हाउस ने बातचीत की डिटेल जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच आखिर क्या बातचीत हुई है। इसके अलावा इस बातचीत को लेकर पीएम मोदी सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। अगर ऐसा होता है तो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी दुनिया के पहले नेताओं में होंगे, जो वाशिंगटन जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा से ‘ज्वाइंट बेस एंड्रयूज’ लौटते समय एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कहा, ‘आज सुबह मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई। अगले महीने वे व्हाइट हाउस आ रहे हैं। शायद फरवरी में। भारत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।’ डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान सभी विषयों पर चर्चा हुई।’ *व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान* इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने सहयोग को बढ़ाने और रिश्ते को गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने हिंद-प्रशांत, मध्य पूर्व और यूरोप में सुरक्षा सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत द्वारा बनाए गए अमेरिका निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। *दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे* व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस की यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की। इससे हमारे देशों के बीच दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा। *पीएम मोदी ने क्या कहा?* इधर, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करके बहुत खुशी हुई। उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी। हम परस्पर लाभकारी और विश्वसनीय साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने लोगों के कल्याण तथा वैश्विक शांति, समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे।
अमेरिका, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड: ताइवान के संदर्भ में एक नई चुनौती

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2027 में चीन के द्वारा ताइवान पर कब्जा करने की योजना और इसके परिणामस्वरूप अमेरिका को जो सैन्य और कूटनीतिक चुनौती मिल सकती है, वह वैश्विक राजनीति और सैन्य रणनीति में एक अहम मोड़ को दर्शाता है। यह समय अमेरिका, भारत, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के सहयोगी गुट, अर्थात् क्वाड (क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग), के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर हो सकता है। क्या ट्रंप और पीएम मोदी के नेतृत्व में क्वाड खड़ा होगा और क्या यह चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक मजबूत रक्षा ढांचा बना सकेगा? यह सवाल हमारे समक्ष एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य मुद्दे के रूप में उभरता है। 

इस लेख में हम इस जटिल परिस्थिति का विश्लेषण करेंगे, जिसमें चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति, ताइवान संकट, और क्वाड देशों के बीच समन्वय की आवश्यकता को शामिल करेंगे।

1. क्वाड की भूमिका और महत्व

क्वाड, जिसे क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग भी कहा जाता है, अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक अनौपचारिक गुट है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सामरिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा, नेविगेशन स्वतंत्रता, और कानून-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना है। जब अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 2025 के प्रारंभ में क्वाड देशों के साथ पहली बहुपक्षीय बैठक की, तो यह बैठक एक नई दिशा को दर्शाती है। भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, और जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ यह बैठक न केवल एक कूटनीतिक कदम था, बल्कि एक संकेत भी था कि अमेरिका और इसके सहयोगी राष्ट्र चीन के खिलाफ एकजुट होने के लिए तैयार हैं। 

2. चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और ताइवान संकट

चीन ने पिछले एक दशक में अपनी सैन्य शक्ति में भारी वृद्धि की है। विशेष रूप से, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की नौसेना आज दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है, जिसमें लगभग 500 युद्धपोत हैं। यह चीन की सैन्य रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी समुद्री शक्ति को बढ़ाना है। इसके अलावा, चीनी रक्षा बजट का अधिकांश हिस्सा पीएलए नौसेना को सौंपा गया है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। 

 3. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव

भारत और चीन के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में तनाव बढ़ा है, विशेष रूप से 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई सैन्य झड़पों के बाद। हालांकि मोदी सरकार द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिश कर रही है, लेकिन चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में, भारत के लिए चिंता का विषय हैं। चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाते हुए महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है, जिससे भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। यही कारण है कि भारत ने क्वाड में अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ाई है, ताकि चीन के प्रभाव को सीमित किया जा सके और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 

4. भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्वाड में भागीदारी

भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर बहस हमेशा से चली आ रही है। एक ओर जहां कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अमेरिका और चीन के बीच संघर्ष में नहीं फंसना चाहिए और उसे अपनी स्वतंत्र रणनीतिक नीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर दक्षिणपंथी विचारक यह मानते हैं कि भारत को अमेरिका के साथ मिलकर चीन के बढ़ते सैन्य खतरे का मुकाबला करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण थोड़ा अलग है। वे अमेरिका और चीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भारत के राष्ट्रीय हित सुरक्षित रह सकें। मोदी सरकार ने “आत्मनिर्भर भारत” के तहत घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 

5. चीन के खिलाफ सामरिक तैयारियाँ और क्वाड का भविष्य

भारत की सामरिक तैयारियाँ और क्वाड के भीतर सहयोगी देशों की भूमिका इस समय अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। भारत को अपनी सैन्य शक्ति को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है, ताकि वह चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला कर सके। इसके लिए, क्वाड के देशों को एकजुट होकर सामरिक ढांचा तैयार करना होगा, जिससे चीन की सैन्य चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। क्वाड देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, और संचार क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा किया जाना चाहिए। खासकर, भारत को अमेरिका से नवीनतम तकनीकी सहायता और रक्षा उपकरणों की आवश्यकता है, ताकि वह अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत कर सके। 

6. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। 2025 के शुरुआती महीनों में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा, खासकर जब भारत अपनी घरेलू सैन्य-औद्योगिक क्षमता को विकसित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। भारत के लिए यह समय की मांग है कि वह अपने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाए और विदेशी तकनीक पर अपनी निर्भरता कम करे। जैसे-जैसे भारत के सैन्य और औद्योगिक आधार का विस्तार होता है, वैसे-वैसे वह चीन की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकता है। 

7. इंडो-पैसिफिक में चीन के खिलाफ क्वाड का सामरिक महत्व

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समुद्री मार्गों का केंद्र है, जो खरबों डॉलर के व्यापार का स्रोत है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और आक्रामकता को देखते हुए, क्वाड को अपनी भूमिका को और मजबूत करना होगा। यह न केवल चीन के खिलाफ सामरिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक समुद्री मार्गों पर नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सामूहिक प्रयास क्षेत्र में चीनी विस्तार को रोकने में प्रभावी हो सकता है। 

2027 में चीन द्वारा ताइवान पर कब्ज़ा करने की संभावना, अमेरिका, भारत और अन्य क्वाड देशों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। हालांकि, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड देशों के बीच मजबूत साझेदारी और सहयोग इस चुनौती का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति के बीच, क्वाड को अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना होगा, ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखी जा सके। भारत को अपनी सामरिक तैयारियों को तेज़ी से बढ़ाना होगा और घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को सशक्त बनाना होगा। इसके साथ ही, अमेरिका और अन्य क्वाड देशों के साथ मजबूत सहयोग इस क्षेत्र में सामरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक होगा।

पीएम मोदी का राहुल पर कटाक्ष, विदेश नीति पर दी ये किताब पढ़ने की सलाह

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज विदेश नीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में बिना किसी का नाम लेते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। इस दौरान पीएम मोदी ने फॉरेन पॉलिसी में रूचि रखने वालों को अपनी समझ और विकसित करने के लिए एक खास किताब पढ़ने की सलाह दी।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई। कुछ लोगों को लगता है कि वो विदेश नीति पर नहीं बोलते तबतक वो मेच्योर नहीं लगते इसलिए उनको लगता है कि विदेश नीति तो बोलना चाहिए फिर भले ही देश का का नुकसान हो जाए। मैं ऐसे लोगों को जरा कहना चाहता हूं अगर उन्हें सच में विदेश नीति में रूचि है और विदेश नीति को समझना है और आगे जाकर कुछ करना भी है, ये मैं शशि जी के लिए नहीं कह रहा हूं, मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस किताब को पढ़न के बाद उन्हें कहां क्या बोलना है समझ हो जाएगी। JFK Forgotten Crisis ये जेएफ कैनेडी पर किताब है। ये किताब एक प्रसिद्ध विदेश नीति के विद्वान ने लिखी है। उसमें अहम घटनाओं का जिक्र है। इस किताब में भारत के पहले पीएम और वो विदेश नीति का भी नेतृत्व करते थे। इस किताब में पंडित नेहरू और कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निर्णय का जिक्र है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का समाना कर रहा था तब ये विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था उस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है।

पीएम मोदी का कार्टून कटाक्षः इशारों-इशारों में राजीव गांधी पर तंज

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संसद के बजट सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने सरकार की नीतियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने पूर्व की सरकारों की भी बात की। पीएम मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी जोरदार कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर उनके कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक प्रधानमंत्री बार-बार 21वीं सदी बोलते थे, ये उनका तकिया कलाम बन गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में आरके लक्ष्ममण ने बड़ा शानदार कार्टून बनाया था। उसमें एक हवाई जहाज है, एक पायलट है। पायलट उन्होंने पसंद किया, हवाई जहाज पर कुछ पैसंजर्स थे और हवाई जहाज ठेले पर था और जहाज पर 21वीं सदी लिखा था।

पीएम मोदी ने कहा कि उस वक्त ये मजाक लग रहा था, लेकिन आगे चलकर वो सच सिद्ध हो गया। ये कटाक्ष था कि जमीनी सच्चाई से तब के पीएम कितने कटे हुए थे और हवाई बातों में लगे हुए थे, इसका वह जीती जागता प्रदर्शन करने वाला कार्टून था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तब उन्होंने 21वीं सदी की बात की थी, लेकिन वह 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे।

मोदी ने कहा, वह कार्टून इस बात का उदाहरण था कि उस प्रधानमंत्री की बातें हवा हवाई थीं और वास्तविकता से कटी हुई थीं। हम लगभग 40-50 साल पीछे हैं। जो काम 40-50 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वे अब हुए हैं। इसलिए जब जनता ने हमें काम करने का मौका दिया तो हमने युवाओं के विकास और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। हमने युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया, उनके लिए ज्यादा अवसर बनाए। हमने कई क्षेत्रों को खोल दिया, जिसकी वजह से युवा अपनी सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं। हमने स्पेस सेक्टर को खोल दिया, डिफेंस सेक्टर को खोला, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई योजनाओं को आकार दिया। स्टार्टअप इंडिया डेवलप किया।

जब बुखार चढ़ता है तो लोग ज़्यादा बोलने लगते हैं”, पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, पांच दशकों तक हमने गरीबी हटाओ का नारा सुना और अब हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और दावा किया कि उनकी सरकार ने 40 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के खाते में पहुंचाया है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट 1.80 लाख करोड़ था। आज 11 लाख करोड़ रुपया बजट है। सरकारी खजाने में बचत हुई वो तो एक बात है, हमने इस बात पर भी ध्यान रखा कि जन सामान्य को भी बचत का लाभ मिलना चाहिए। आपने देखा होगा कि आयुष्मान भारत योजना, बीमारी के कारण आम आदमी को होने वाला खर्च करीब देश में एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए जनता के बचे हैं। जनऔषधि केंद्र में 80 फीसदी डिसकाउंट होता है। जनता के 30 हजार करोड़ रुपए बचे हैं।

पीएम मोजदी ने कहा कि यूनिसेफ का भी अनुमान है कि जिसके घर में शौचालय बना, उस परिवार को करीब करीब 70 हजार की बचत हुई है। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान बताया कि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि नल से शुद्ध जल मिलने के कारण उन परिवारों में औसतन 40 हजार प्रति परिवार बचा है। ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिन्होंने सामान्य आदमी के खर्च में बचत की है, करोड़ों देशवासियों को मुफ्त अनाज से भी परिवार के हजारों रुपये बचते हैं।

इस दौरान विपक्ष की तरफ से उन्हें टोकने की कोशिश गई। विपक्ष की तरफ से हो रहे शोर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी नाराज़ नज़र आए और विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश करते हुए दिखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब लोगों को बुखार चढ़ जाता है तो वो ज़्यादा बोलते हैं। लोग हताशा और निराशा में भी ज़्यादा बोलते हैं।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।

तय हो गया पीएम मोदी का अमेरिका दौरा, 12 फरवरी की तारीख तय, व्हाइट हाउस में खुद डिनर होस्ट करेंगे डोनाल्ड ट्रंप

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी।ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह मोदी की वाशिंगटन की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। उनकी यह पहली यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी की शाम को फ्रांस से एआई सम्मेलन में भाग लेकर अमेरिका पहुंचने की उम्मीद है। पीएम मोदी फ्रांस में 10-11 फरवरी को ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट में भाग लेंगे। फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के वो 12 फरवरी को अमेरिका पहुंचेंगे। वो 14 फरवरी तक अमेरिकी राजधानी में रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से 13 फरवरी को मुलाकात होने की संभावना है। ट्रंप पीएम मोदी के दौरे के दौरान उनके लिए एक रात्रिभोज भी आयोजित कर सकते हैं।

हालांकि पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का आधिकारिक विवरण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन चर्चा व्यापार, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद, पीएम मोदी ने 27 जनवरी को उनसे फोन पर बात की थी।

पहला ऐसा सत्र जिसके पहले किसी ने विदेश से चिंगारी नहीं भड़काई”, पीएम ने इशारों-इशारों में किसपर साधा निशाना

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आज से संसद के बजट सत्र की शुरूआत हो गई है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान इशारों-इशारों में विपक्ष पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि ऐसा 10 साल में पहली बार हो रहा है कि संसद सत्र से पहले कोई विदेशी शरारत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यहां तो लपकने वाले तैयार थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक ये पहला ऐसा सत्र होने जा रहा है जब सत्र शुरू होने कुछ दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की है। और विदेश से बैठकर आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। 2014 से मैं देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले कुछ लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। ये पहला सत्र है जिसके पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इशारों में इशारों में विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विदेश से लगाई जाने वाली चिंगारी को हवा देने वालों की भी कमी नहीं है। 2014 से मैं देख रहा हूं हर सत्र से पहले लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठे रहते हैं और यहां हवा देने वालों की भी कोई कमी नहीं है। ये पहला सत्र है कि इसमें कोई विदेशी चिंगारी नहीं दिख रही है।

वहीं, प्रधानमंत्री ने बजट सत्र की शुरूआत से पहले समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, इस कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत का संकल्प जो भारत ने लिए है ये बजट नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा की देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो देश विकसित होकर रहेगा। हम हर तरह से जनता के कल्याण के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।

बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने मां लक्ष्मी को किया प्रणाम, बोले-गरीबों-मध्यम वर्ग पर बनी रहे उनकी कृपा

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आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। 18वीं लोकसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज बजट सत्र के प्रारंभ में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

मिशन मोड पर काम कर रहे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, इस कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत का संकल्प जो भारत ने लिए है ये बजट नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा की देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो देश विकसित होकर रहेगा। हम हर तरह से जनता के कल्याण के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।

इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे। व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति को गौरव को फिर से स्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले उसको भी समान अधिकार मिले उस दिशा में इस सत्र में कई अहम निर्णय लिए जाएंगे।

बता दें किसरकार की तैयारी बजट सत्र के पहले ही चरण में वक्फ संशोधन बिल के साथ कुछ अन्य विधेयकों को पेश करने की है। वक्फ (संशोधन) बिल के साथ मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके अलावा विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक और आव्रजन और विदेशी विधेयक भी शामिल हैं। साथ ही वित्त विधेयक, 2025 व संबंधित अनुदान मांगों तथा विनियोग विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। ऐसे 10 अन्य विधेयक भी हैं, जो पिछले सत्र से दोनों सदनों में लंबित हैं।

सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी

दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा पेश करेगा। साथ ही इसमें कृषि, इंडस्ट्री और सर्विस क्षेत्र के प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी होंगे। वित्त मंत्री सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां बजट शनिवार को पेश करेंगी।

मैं भी यमुना का पानी पीता हूं', केजरीवाल के “जहर” वाले बयान पर खूब बरसे पीएम मोदी

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विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की करतार नगर इलाके में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल के यमुना में जहर घोलने की साजिश वाले बयान पर करारा जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली को डबल इंजन सरकार से ही फायदा मिल सकता है। डबल इंजन सरकार बनेगी तो दिल्ली से आपदा जाएगी, खुशहाली आएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के करतार नगर में जनसभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार पर बड़ा प्रहार किया। पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर भी हमला बोला जिसमें उन्होंने हरियाणा पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा के लोगों पर घिनौने आरोप लगाए हैं। हार के डर से आपदा वाले घबरा गए हैं। क्या हरियाणा के लोग दिल्ली से अलग हैं? दिल्ली का हर निवासी हरियाणा द्वारा भेजा गया वही पानी पीता है। पिछले 11 सालों से यह प्रधानमंत्री भी वही पानी पीता है। तमाम बड़े ऑफिसर्स, विदेशी एंबेसी के अधिकारी, कोर्ट के न्यायाधीश भी यमुना का पानी पीते हैं।

पीएम ने कहा कि यह बयान सिर्फ हरियाणा का नहीं बल्कि भारतीयों का अपमान है, हमारे संस्कारों का अपमान है। जिस देश में पानी पिलाना धर्म माना जाता है, वहां ऐसा आरोप लगाना एक पाप है। उन्होंने कहा कि क्या इस बात पर विश्वास किया जा सकता है कि दिल्ली में हमारे जैसे जो लोग यमुना के पानी पीते हैं, उनकी जान लेने के लिए हरियाणा यमुना में जहर मिलाएगा। उन्होंने कहा कि ये बयान हार के डर से दिया गया है। गलतियों को माफ करना भारत के नागरिकों का उदार चरित्र है, लेकिन जो लोग जानबूझकर गलत नीयत से पाप करते हैं, उन्हें न तो दिल्ली कभी माफ करती है और न ही देश।

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, यहां का नजारा दिल्ली के मूड को दर्शा रहा है, यह दिल्ली के लोगों के जनादेश को दर्शाता है। दिल्ली कह रही है कि अब 'आपदा' के बहाने नहीं चलेंगे, 'आपदा' के झूठे वादे नहीं चलेंगे। दिल्ली कह रही है कि अब 'आपदा' की लूट और झूठ नहीं चलेगा। यहां के लोग ऐसी डबल इंजन वाली सरकार चाहते हैं जो गरीबों के लिए घर बनाए, दिल्ली को आधुनिक बनाए, हर घर में नल का जल पहुंचाए और टैंकर माफिया से मुक्ति दिलाए। आज दिल्ली कह रही है कि जब 5 फरवरी आएगी, 'आपदा' जाएगी, भाजपा आएगी।

पीएम मोदी को आया व्हाइट हाउस से बुलावा, ट्रंप के न्योता पर फरवरी में जा सकते हैं अमेरिका
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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। सोमवार को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। जिसके बाद ये खबर सामने आ रही है।खुद ट्रंप का इस बात खुलासा किया। व्हाइट हाउस ने बातचीत की डिटेल जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच आखिर क्या बातचीत हुई है। इसके अलावा इस बातचीत को लेकर पीएम मोदी सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। अगर ऐसा होता है तो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी दुनिया के पहले नेताओं में होंगे, जो वाशिंगटन जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा से ‘ज्वाइंट बेस एंड्रयूज’ लौटते समय एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कहा, ‘आज सुबह मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई। अगले महीने वे व्हाइट हाउस आ रहे हैं। शायद फरवरी में। भारत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।’ डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान सभी विषयों पर चर्चा हुई।’ *व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान* इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने सहयोग को बढ़ाने और रिश्ते को गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने हिंद-प्रशांत, मध्य पूर्व और यूरोप में सुरक्षा सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत द्वारा बनाए गए अमेरिका निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। *दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे* व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस की यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की। इससे हमारे देशों के बीच दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा। *पीएम मोदी ने क्या कहा?* इधर, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करके बहुत खुशी हुई। उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी। हम परस्पर लाभकारी और विश्वसनीय साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने लोगों के कल्याण तथा वैश्विक शांति, समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे।
अमेरिका, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड: ताइवान के संदर्भ में एक नई चुनौती

#modi_and_trump_lead_the_quad

2027 में चीन के द्वारा ताइवान पर कब्जा करने की योजना और इसके परिणामस्वरूप अमेरिका को जो सैन्य और कूटनीतिक चुनौती मिल सकती है, वह वैश्विक राजनीति और सैन्य रणनीति में एक अहम मोड़ को दर्शाता है। यह समय अमेरिका, भारत, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के सहयोगी गुट, अर्थात् क्वाड (क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग), के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर हो सकता है। क्या ट्रंप और पीएम मोदी के नेतृत्व में क्वाड खड़ा होगा और क्या यह चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक मजबूत रक्षा ढांचा बना सकेगा? यह सवाल हमारे समक्ष एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य मुद्दे के रूप में उभरता है। 

इस लेख में हम इस जटिल परिस्थिति का विश्लेषण करेंगे, जिसमें चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति, ताइवान संकट, और क्वाड देशों के बीच समन्वय की आवश्यकता को शामिल करेंगे।

1. क्वाड की भूमिका और महत्व

क्वाड, जिसे क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग भी कहा जाता है, अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक अनौपचारिक गुट है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सामरिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा, नेविगेशन स्वतंत्रता, और कानून-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना है। जब अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 2025 के प्रारंभ में क्वाड देशों के साथ पहली बहुपक्षीय बैठक की, तो यह बैठक एक नई दिशा को दर्शाती है। भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, और जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ यह बैठक न केवल एक कूटनीतिक कदम था, बल्कि एक संकेत भी था कि अमेरिका और इसके सहयोगी राष्ट्र चीन के खिलाफ एकजुट होने के लिए तैयार हैं। 

2. चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और ताइवान संकट

चीन ने पिछले एक दशक में अपनी सैन्य शक्ति में भारी वृद्धि की है। विशेष रूप से, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की नौसेना आज दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है, जिसमें लगभग 500 युद्धपोत हैं। यह चीन की सैन्य रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी समुद्री शक्ति को बढ़ाना है। इसके अलावा, चीनी रक्षा बजट का अधिकांश हिस्सा पीएलए नौसेना को सौंपा गया है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। 

 3. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव

भारत और चीन के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में तनाव बढ़ा है, विशेष रूप से 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई सैन्य झड़पों के बाद। हालांकि मोदी सरकार द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिश कर रही है, लेकिन चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में, भारत के लिए चिंता का विषय हैं। चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाते हुए महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है, जिससे भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। यही कारण है कि भारत ने क्वाड में अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ाई है, ताकि चीन के प्रभाव को सीमित किया जा सके और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 

4. भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्वाड में भागीदारी

भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर बहस हमेशा से चली आ रही है। एक ओर जहां कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अमेरिका और चीन के बीच संघर्ष में नहीं फंसना चाहिए और उसे अपनी स्वतंत्र रणनीतिक नीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर दक्षिणपंथी विचारक यह मानते हैं कि भारत को अमेरिका के साथ मिलकर चीन के बढ़ते सैन्य खतरे का मुकाबला करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण थोड़ा अलग है। वे अमेरिका और चीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भारत के राष्ट्रीय हित सुरक्षित रह सकें। मोदी सरकार ने “आत्मनिर्भर भारत” के तहत घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 

5. चीन के खिलाफ सामरिक तैयारियाँ और क्वाड का भविष्य

भारत की सामरिक तैयारियाँ और क्वाड के भीतर सहयोगी देशों की भूमिका इस समय अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। भारत को अपनी सैन्य शक्ति को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है, ताकि वह चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला कर सके। इसके लिए, क्वाड के देशों को एकजुट होकर सामरिक ढांचा तैयार करना होगा, जिससे चीन की सैन्य चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। क्वाड देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, और संचार क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा किया जाना चाहिए। खासकर, भारत को अमेरिका से नवीनतम तकनीकी सहायता और रक्षा उपकरणों की आवश्यकता है, ताकि वह अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत कर सके। 

6. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। 2025 के शुरुआती महीनों में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा, खासकर जब भारत अपनी घरेलू सैन्य-औद्योगिक क्षमता को विकसित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। भारत के लिए यह समय की मांग है कि वह अपने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाए और विदेशी तकनीक पर अपनी निर्भरता कम करे। जैसे-जैसे भारत के सैन्य और औद्योगिक आधार का विस्तार होता है, वैसे-वैसे वह चीन की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकता है। 

7. इंडो-पैसिफिक में चीन के खिलाफ क्वाड का सामरिक महत्व

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समुद्री मार्गों का केंद्र है, जो खरबों डॉलर के व्यापार का स्रोत है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और आक्रामकता को देखते हुए, क्वाड को अपनी भूमिका को और मजबूत करना होगा। यह न केवल चीन के खिलाफ सामरिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक समुद्री मार्गों पर नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सामूहिक प्रयास क्षेत्र में चीनी विस्तार को रोकने में प्रभावी हो सकता है। 

2027 में चीन द्वारा ताइवान पर कब्ज़ा करने की संभावना, अमेरिका, भारत और अन्य क्वाड देशों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। हालांकि, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड देशों के बीच मजबूत साझेदारी और सहयोग इस चुनौती का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति के बीच, क्वाड को अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना होगा, ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखी जा सके। भारत को अपनी सामरिक तैयारियों को तेज़ी से बढ़ाना होगा और घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को सशक्त बनाना होगा। इसके साथ ही, अमेरिका और अन्य क्वाड देशों के साथ मजबूत सहयोग इस क्षेत्र में सामरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक होगा।