प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की जड़ों को खोखला करते आएं शिक्षकों पर मेहरबान बना विभाग
मीरजापुर। जिले के नारायनपुर विकास खंड क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की जड़ों को खोखला करते हुए आएं शिक्षकों पर शिक्षा विभाग मेहरबान बना हुआ दिखाई दे रहा है। बीआरसी पर आधार बनाने से लेकर सरकारी धन को मरम्मत इत्यादि के नाम पर पत्नी के खाते में जमाकरा कर सुर्खियों में आएं गुरु जी के बाद नारायनपुर के शिक्षा विभाग में एक और गुरु जी के चर्चे आम हो रहा है। जो कहने को तो शिक्षा विभाग से वेतन लेते हैं लेकिन काम बीमा कंपनी के लिए कर रहे हैं। नारायनपुर विकासखंड के एक कंपोजिट विद्यालय में कार्यरत शिक्षक जो हर समय विद्यालय से गायब होने बताएं जातें हैं।
बताया जा रहा है कि यह गुरु जी एक बीमा कंपनी का कार्य करते है। यह बीएलओ सुपरवाइजर भी बने हुए है ऐसे में हमेशा तहसील में बने रहकर जमीन से संबंधित दलाली और प्लॉटिंग का भी कार्य करते रहते है। बताया जाता है कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास इनका घर होने और बहुत दिनों से बीआरसी पर डटे होने के कारण बीआरसी के लगभग सभी खर्च, सभी प्रोग्राम सभी ट्रेनिंग इत्यादि को भी यह संचालित करते है। कहा जाता है कि विद्यालय में सिर्फ हस्ताक्षर बनकर कुछ न कुछ काम के बहाने यह निकल जाते है। और तो और अपने विद्यालय में दो गुट बनाकर उन्हें आपस में लड़कर अपने मलाई खा रहे है। एमडीएम टास्क फोर्स के अधिकारी से ओटीपी लेकर स्वयं निरीक्षण करते है, निरीक्षण में अनुपस्थित दिखाकर उनसे बीमा या पैसा की उगाही की जाती है।
इनके द्वारा किसी भी विद्यालय के निर्माण कार्य को स्वयं द्वारा कराए जाने हेतु प्रधानाध्यापक पर दवाब बनाया जाता है कुछ में सफल होने पर इनके द्वारा विद्यालय की चहारदीवारी या भवन का निर्माण स्वयं ठेकेदार बनकर कराया जाता है।इन सब के अलावा अभी तक आई सर्विस बुक में पुराने सर्विस बुक की छुट्टियां व मेडिकल आदि अभी तक नहीं अपडेट की गई है। इससे पता चलता है कि कुछ शिक्षकों को पैसा लेकर फिर से मेडिकल और छुट्टियां दोबारा से उनका फायदा करने की कोशिश की जा रही है। कुछ शिक्षक तो ऐसे भी हैं जो एक-एक दिन की मेडिकल लेकर वहीं बीआरसी के आसपास घूमते रहते हैं, बावजूद इसके भी उनके ऊपर बेसिक शिक्षा विभाग मेहरबान है। आखिरकार ऐसा कब तक चलता रहेगा कि पैसा फेंको और उसके बाद चाहे कुछ भी करो, कुछ भी जांच नहीं की जाएगी। गौरतलब हो कि प्रभारी प्रधानाध्यापक कंपोजिट विद्यालय कंदवा धीरज सिंह के विरुद्ध भी इतने आरोपी के बावजूद अभी तक शिक्षा विभाग मेहरबान क्यों बना हुआ है। यह जहां आम जनमानस में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार इनके पास ऐसी कौन सी दिव्य शक्तियां हैं जिसके आगे उच्चाधिकारी असहाय नज़र आ रहे हैं। दूसरी ओर चर्चा है कि एक विधायक जी की कृपा दृष्टि बनी हुई है, ऐसे में देखना यह है की सत्ताधारी विधायक कब तक इनको बचाने में कामयाब होते हैं या फिर विभाग द्वारा इनके विरुद्ध कार्रवाई करके इनको निलंबित करते हुए इनको जेल भेजने का काम किया जाता है।
Apr 12 2025, 18:40