*500 बच्चों वाले स्कूल में शिक्षक हीं नहीं, 160 में हेडमास्टर के पद खाली*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में नौनिहालों की शिक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि 520 बच्चों वाले कंपोजिट विद्यालय मामदेवपुर में एक भी शिक्षक नहीं हैं। यहां दूसरे विद्यालय के शिक्षक को भेजकर किसी तरह स्कूल का संचालन कराया जाता है। दूसरी तरफ पदोन्नति न होने से 160 विद्यालयों में हेडमास्टर ही नहीं हैं। इन स्कूलों में सहायक अध्यापक को ही अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। जिले में 885 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 523 प्राथमिक, 144 उच्च प्राथमिक और 218 कंपोजिट विद्यालय हैं। प्रेरणा पोर्टल पर एक लाख 67 हजार बच्चे नामांकित हैं। इनको पढ़ाने के लिए 5463 शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र तैनात हैं। प्रतिस्पर्धा की दौड़ में परिषदीय विद्यालयों को हाईटेक बनाकर स्मार्ट कक्षाओं की संरचना तैयार की जा रही है, लेकिन धरातल पर कई विद्यालयों की हकीकत इससे काफी जुदा है। सबसे खराब हालत नगरीय विद्यालयों की ह है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओं में 30 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए। इसी तरह कक्षा छह से आठ के विद्यालयों में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। बावजूद इसके शिक्षकों का समायोजन न होने से अधिकतर विद्यालयों में यह मानक पूरा नहीं हो पा रहा है।भदोही नगर में कुल 10 विद्यालय संचालित हैं। इसमें एक विद्यालय में शिक्षक ही नहीं हैं, जबकि पांच में एक-एक शिक्षक एवं शिक्षामित्र के भरोसे पढ़ाई कराई जा रही है। चार विद्यालय ऐसे हैं जहां दो-दो शिक्षक हैं। कई साल से पदोन्नति न होने से विद्यालयों से प्रधानाध्यापकों के सेवानिवृत्त होने से करीब 160 हेडमास्टर के पद रिक्त हैं। सहायक अध्यापक को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। नगर के स्कूलों की यह है स्थिति ज्ञानपुर। प्राथमिक विद्यालय अयोध्यापुरी में करीब 250 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां दो शिक्षामित्र और एक शिक्षक हैं। घमहापुर में 215 बच्चों पर एक शिक्षक, दो शिक्षामित्र, कुशियरा में 250 बच्चों पर एक शिक्षक, रेवड़ापरसपुर में 135 बच्चों पर एक शिक्षक और एक शिक्षामित्र, प्राथमिक विद्यालय ठकुरा में 125 बच्चों पर चार शिक्षामित्र और एक शिक्षक हैं। कंपोजिट विद्यालय मामदेवपुर में कुल 520 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां नगर के एक दूसरे विद्यालय से शिक्षक को भेजा गया है। कांशीराम आवास पास में ही होने के कारण बच्चों की संख्या यहां काफी अधिक है, लेकिन शिक्षकों के न होने से पठन-पाठन प्रभावित होता है। काशीपुर, मर्यादपट्टी और पीरखांपुर में भी सिर्फ दो-दो शिक्षक ही है।
नगरीय विद्यालयों का कैडर अलग है। भदोही ही नहीं पूरे प्रदेश के नगरीय स्कूलों में यही स्थिति है। समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। उससे विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए
Aug 02 2024, 19:42