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आज का पंचांग- 22 सितंबर 2024: जानिए पञ्चाङ्ग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- पौष

अमांत- भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष सप्तमी - 02:31 पी एम तक

नक्षत्र

उत्तराफाल्गुनी - पूर्ण रात्रि तक

योग

आयुष्मान - 07:00 पी एम तक 

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 AM

अशुभ काल

राहू- 09:45 ए एम से 11:02 ए एम

यम गण्ड- 1:37 पी एम- 2:54 पीएम 

गुलिक- 07:10 ए एम से 08:27 ए एम

दुर्मुहूर्त- 07:10 ए एम से 07:51 ए एम, 07:51 ए एम से 08:32 ए एम

वर्ज्यम्- 12:36 पी एम से 02:22 पी एम

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- 11:59 ए एम से 12:40 पी एम

अमृत काल- 11:11 पी एम से 12:57 ए एम, दिसम्बर 22

ब्रह्म मुहूर्त- 05:20 ए एम से 06:15 ए एम

43 साल बाद किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा, दो दिन में 7 देशों को साधेंगे

#pm_modi_kuwait_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर कुवैत के दौरे पर रवाना हो चुके हैं। मोदी दो दिवसीय दौरे पर कुवैत जा रहे हैं। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 43 साल बाद ये पहला मौका है जब किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा हो रहा है। पीएम मोदी 21 और 22 दिसंबर को कुवैत के दौरे पर रहेंगे। कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के बुलावे पर प्रधानमंत्री मोदी वहां जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी कुवैत यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबेर अल-सबाह से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। पीएम अपनी यात्रा में कुवैत के लीडर्स से द्विपक्षीय बातचीत के अलावा भारतीय समुदाय का भी हालचाल जानेंगे। भारत और कुवैत के बीच रिश्तों को और मजबूत करने में प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का बड़ा योगदान होगा क्योंकि कुवैत भारत के टॉप ट्रेडिग पार्टनर में से एक है।

पीएम मोदी कुवैत की इस यात्रा से अरब के सात देशों को साधने की भी कोशिश कर रहे हैं। भारत और मिडिल-ईस्ट के देशों एनर्जी और गैस सहित कई तरह के कारोबार पर निर्भर हैं। अरब मुल्क कई कारणों से भारत को अहमियत देते हैं। यही वजह है कि कुवैत की इस यात्रा को जोड़ दें तो यह चौंदहवी बार होगा जब पीएम मोदी अरब के किसी देश का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वह दो बार कतर और सऊदी अरब, एक बार ओमान और बहरीन, जबकि सात बार संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर चुके हैं।

इंदिरा गांधी ने 1981 में की थी कुवैत यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी से पहले साल 1981 में इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी, जबकि साल 2013 में कुवैत के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए थे। हालांकि, इस बीच भारत की तरफ से उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने साल 2009 में कुवैत की यात्रा की थी। भारत और कुवैत के द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और कोरोना काल के दौरान भी दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े थे और एक-दूसरे की मदद की थी। भारत ने कुवैत में मेडिकल टीम भेजा था, जबकि कुवैत ने भारत को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की थी।

43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा, पीएम मोदी की ये यात्रा कितनी अहम?

#pmmodikuwaitvisiton2122_december

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 दिसंबर को मुस्लिम देश कुवैत के दौरे पर रहेंगे. उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच पहले से ही अच्छे संबंधों में और मजबूती आएगी। मोदी कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के न्योते पर वहां जा रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री 43 साल बाद कुवैत के दौरे पर जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से पहले साल 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुवैत के दौरे पर गई थीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे पर दोनों देशों के अलावा दुनिया की भी नजर है। पीएम मोदी कुवैत में वहां के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ बातचीत के साथ अलावा भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। भारत के विदेश मंत्राैलय ने उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी यह दौरा भारत और कुवैत के बीच संबंधों को बेहतर करेगा।

कुवैत इस समय गल्फ कॉर्पोरेशन काउंसिल (जीसीसी ) का अध्यक्ष है। जीसीसी में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान और कतर जैसे देश शामिल हैं। इनमें कुवैत ही अकेला जीसीसी सदस्य है, जहां नरेंद्र मोदी 2014 में पीएम बनने के बाद से अब तक नहीं गए हैं। कुवैत के लिए भारत शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है। भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। कुवैत में करीब 10 लाख भारतीय रहते हैं। ये दोनों देशों के बीच एक पुल की तरह काम करते रहे हैं।

कैसे हैं भारत-कुवैत संबंध?

भारत और कुवैत के रिश्ते प्राचीन काल से ही मजबूत रहे हैं, जब कुवैत का आर्थिक तंत्र समुद्री व्यापार पर निर्भर था। भारत से कुवैत आने-जाने वाले व्यापारिक जहाजों के माध्यम से लकड़ी, अनाज, कपड़े और मसाले कुवैत भेजे जाते थे, जबकि कुवैत से खजूर, अरब घोड़े और मोती भारत भेजे जाते थे। भारतीय रुपया कुवैत में 1961 तक कानूनी मुद्रा था, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की स्थिरता का प्रतीक है।

भारत और कुवैत के बीच औपचारिक कूटनीतिक संबंध 1961 में स्थापित हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय दौरे हुए, जिनमें भारत के उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (1965), प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (1981) और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (2009) शामिल हैं। कुवैत से भी कई महत्वपूर्ण दौरे हुए, जिनमें शेख सबा अल-आहमद अल-जाबेर अल-सबा (2006) और प्रधानमंत्री शेख जाबेर अल-मुबारक अल-हमद अल-सबा (2013) शामिल हैं। 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के क्राउन प्रिंस के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात हुई। इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 18 अगस्त 2024 को कुवैत का दौरा किया।

कुवैत भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार

कुवैत भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। 2023-24 वित्तीय वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। कुवैत भारत का 6वां सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का 3% पूरा करता है। कुवैत के लिए भारत का निर्यात पहली बार दो अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश 10 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है।

तनाव भी हुआ, पर जल्द सुलझ गए मसले

हालांकि 1990 के दशक में कुवैत पर इराक के हमले के दौरान भारत के साथ उसके संबंधों में थोड़ा तनाव आया, क्योंकि इराक को भारत का समर्थन हासिल था। इसके अलावा अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद भी संबंधों पर असर पड़ा था। लेकिन भारत ने जल्द ही दोनों देशों के बीच बनी खाई को पाटने में कामयाबी पा ली। साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत की मदद में उदारता दिखाई, उससे संबंधों को नई मजबूती मिली। भारत ने कोविड से निपटने के लिए 15 सदस्यों की क्यूआरटी यानी त्वरित प्रतिक्रिया टीम कुवैत भेजी। जवाब में मई, 2021 में कोविड की दूसरी लहर के दौरान कुवैत ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर भारत भेजे।

राहुल या ममता कौन है पीएम मोदी के टक्कर का राष्ट्रीय चेहरा?
#rahul_or_mamta_who_is_national_face_to_compete_with_pm_modi *

* लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहुर का रास्ता दिखान के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन हुआ था। साल 2023 में जुलाई के महीने में 'इंडिया' गठबंधन की नींव रखी गई थी। तब सबसे बड़ा सवाल था कि गठबंधन का चेहरा कौन होगा। कांग्रेस गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी थी इसलिए राहुल गांधी का नाम पर सभी सहमत हुए। हालांकि, ममता बनर्जी भी अप्रत्यक्ष रूप से दावेदारी में पीछे नहीं थे। इस साल जून में जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो यह सवाल कुछ दिनों के लिए उठना बंद हो गया था। हालांकि, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद ये प्रश्न फिर से खड़ा हो गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार और महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के खराब प्रदर्शन ने विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व संकट को और गहरा कर दिया। संसदीय चुनाव में इन दोनों राज्यों में 'इंडिया' गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा था।इंडिया गठबंधन ने 234 सीटें जीती थीं और कांग्रेस की इसमें 99 सीटों की हिस्सेदारी थी। इसके बाद कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर गठबंधन के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही हैं। *राहुल को लेकर बदल रहे सहयोगियों के सुर* पिछले बीस साल से कांग्रेस के सहयोगी रहे लालू यादव के तेवर भी बदल चुके हैं।लालू यादव का भी कहना है कि, ममता को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व दे देना चाहिए। पत्रकारों ने जब उनसे कहा कांग्रेस ने ममता को नेतृत्व देने की मांग पर आपत्ति जताई है तो उन्होंने कहा, कांग्रेस के विरोध से कुछ नहीं होने वाला है। ममता को नेतृत्व दिया जाना चाहिए। लोकसभा चुनाव से पहले लालू ने राहुल की शादी को लेकर कहा था कि आप दूल्हा बनिए, हम बाराती बनने के लिए तैयार हैं। राजनीति के जानकारों ने उस समय लालू के इस बयान को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व से जोड़कर भी देखा था। वहीं लालू आज ममता बनर्जी की वकालत कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन में 37 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी कांग्रेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है और अखिलेश यादव की ममता बनर्जी से राजनीतिक नज़दीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तनातनी भी देखने को मिली थी। सपा ने भी ममता के नाम का समर्थन किया है।शरद पवार इस मुद्दे पर पहले ही ममता का समर्थन कर चुके हैं। टीम “इंडिया” में कैप्टन की कुर्सी को लेकर अंदरूनी झगड़े के बीच सवाल ये उठता है कि आखिर राहुल गांधी और ममता बनर्जी में कौन प्रधानमंत्री मोदी की टक्कर में राष्ट्रीय चेहरा साबित हो सकता है। *बंगाल में मजबूत हुईं ममता* इंडिया गठबंधन के नाते के रूप में ममता बनर्जी के दावेदारी की बात करें तो, जहां कांग्रेस बीजेपी के मुक़ाबले कई मोर्चों पर कमज़ोर साबित हुई है वहीं ममता के नेतृत्व में टीएमसी ने बीजेपी को लगातार चुनौती दी है। 2014 में जब मोदी ने पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी तब बीजेपी बंगाल में सिर्फ़ दो सीटें जीत पाई थी। इस चुनाव में ममता ने 34 सीटें जीती थीं। 2016 में ममता ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बनी रहीं। इसके बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल पर अपना फ़ोकस बढ़ाया और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा भी मिला। बीजेपी ने 18 सीट जीतीं और टीएमसी के खाते में 22 आईं। टीएमसी को 12 सीटों का नुक़सान हुआ लेकिन अब भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी टीएमसी ही थी। दो साल बीद 2021 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पूरा जोर लगाया। चुनाव से पहले कई नेता तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में चले गए। इसमें सुवेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेता भी शामिल थे।लेकिन ममता ने राज्य में वापसी करते हुए 200 से ज़्यादा सीटें जीतीं और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं। 2024 का लोकसभा चुनाव उन्होंने अकेले लड़ा और सबसे ज़्यादा 29 सीटें जीतीं। इसके बाद टीएमसी सीटों के मामले में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। *तीन बार सीएम रहकर भी बंगाल का हाल* हालांकि, ऐसा नहीं है कि ममता अपने राज्य के बाहर भीड़ खींचने वाली नेता हैं। न ही ऐसा कोई सबूत है कि कोलकाता में पिछले 13 सालों में उनका शासन प्रेरणादायक रहा है। मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का इस्तेमाल खुद को कुशल प्रशासक के तौर पर स्थापित करने के लिए किया था। ममता के लंबे कार्यकाल से बंगाल की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। उनकी शानदार चुनावी सफलता के पीछे मुस्लिम समर्थन, दबंग रणनीति का हाथ है। खुशकिस्मती से यह फॉर्मूला भारत के ज्यादातर हिस्सों में काम नहीं कर सकता।तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बंगाल से बाहर नहीं है। ममता दूसरे क्षेत्रीय दलों के नेताओं के लिए खतरा नहीं मानी जाती हैं।
हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में ‘मोदी की गारंटी‘ के अंतर्गत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत पक्के आवास प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पहली मंत्रिपरिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को पक्के मकान देने के अपने वादे को निभाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त विभाग ने केंद्र और राज्यांश मिलाकर 2,560 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों को अंतरित करने के लिए जारी कर दी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को इस योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है। यह पहल केवल आवासीय सुविधा ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उत्थान का भी एक साधन है।

अब तक 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी

वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। पहली किश्त केंद्रांश 1,550.30 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,033.70 करोड़ रुपये कुल 2,584 करोड़ रुपये और दूसरी किश्त केंद्रांश 1,535.40 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,024.60 करोड़ रुपये कुल 2,560 करोड़ रुपये जारी की जा चुकी है। लाभार्थियों को राशि सीधे उनके खाते में शीघ्र पहुंचाई जाएगी, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत तीसरी किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि उनके आवास का निर्माण शीघ्र पूर्ण हो सके।

आज का पंचांग- 20 सितंबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- पौष

अमांत- भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष पञ्चमी - 10:48 ए एम तक

नक्षत्र

मघा - 03:47 ए एम, दिसम्बर 21 तक

योग

विष्कम्भ - 06:12 पी एम तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 ऍम

अशुभ काल

राहू- 12:20 PM- 1:51 PM

यम गण्ड- 7:48 AM- 9:19 

AM

गुलिक- 10:50 AM- 12:20 PM

दुर्मुहूर्त- 11:56 AM- 12:44 PM

वर्ज्यम्- 07:25 PM- 08:49 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- Nil

अमृत काल- 04:01 AM- 05:25 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 AM- 05:30 AM

आंबेडकर को लेकर अमित शाह को घेर रही कांग्रेस पर पीएम मोदी का वार, बोले-पार्टी के काले इतिहास को उजागर कर दिया, इसलिए...

#pmmodibigattackoncongressover_ambedkar

पूरा विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर वाले बयान पर घेरने की कोशिश कर रही है। आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'संसद में गृह मंत्री ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी-एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस इससे स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है। लोग सच्चाई जानते हैं।'

पीएम मोदी ने 'एक्स' एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।'

पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा,'भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।' पीएम मोदी आगे कहते हैं,'डा आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं, उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में ही हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान का वीडियो ट्वीट में अटैच करते हुए लिखा, संसद में गृह मंत्री अमित शाह जी ने डॉ आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके के ज़रिए प्रस्तुत तथ्यों से वे साफ तौर पर हैरान हैं। यही वजह है कि वे अब नाटकबाजी में शामिल हो गए। उनके लिए दुख की बात है कि लोग सच्चाई जानते हैं।

अमित शाह ने क्या कहा था?

अमित शाह मंगलवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बहस के दौरान सदन को संबोधित किया था। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि बीआर अंबेडकर का नाम लेना अब एक "फैशन" बन गया है. अब यह एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

संसद में पीएम मोदी से मिले शरद पवार, जानिए क्या हुई बात

#sharad_pawar_meets_pm_modi

पूर्व कृषि मंत्री और राज्यसभा सांसद शरद पवार ने संसद भवन में बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अनार किसानों के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में अनार उद्योग से जुड़ी चुनौतियों, खासकर किसानों को प्रभावित करने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। किसानों की चिंताओं के बारे में मुखर रहे पवार ने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों को सुलझाने और कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के लिए दखल करने की मांग की।

बता दें कि दोनों नेता उस समय मिले हैं, जब कांग्रेस संसद में अडाणी मुद्दे पर प्रदर्शन कर रही है। बुधवार को भी जब शरद पवार संसद भवन पहुंचे तब कांग्रेस के नेता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के कथित अपमान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटन के दो किसानों के साथ संसद में प्रधानमंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपने खेत से अनार का एक डिब्बा भेंट भी किया।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पवार ने कहा,'मैंने साहित्य सम्मेलन के विषय पर बात नहीं की।' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने पीएम मोदी महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर कोई बात की है? तो उन्होंने इस सवाल का जवाब 'नहीं' में दिया।

शरद पवार ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि राष्ट्रीय स्तर विपक्षी खेमे के लिए बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि बाद में साफ हो गया कि उन्होंने किसानों के मुद्दों को लेकर पीएम से यह मीटिंग की है।

शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति में चाणक्य माने जाते हैं। हर राजनीतिक स्थिति में सभी दलों के नेताओं को साधकर रखते हैं। इसके बूते ही कांग्रेस से अलग होने के बाद भी कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता में लगातार 15 साल टिके रहे। वह पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी भी माने जाते हैं। कई मौके ऐसे आए, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने शरद पवार की सार्वजनिक तौर से तारीफ की।

अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, 8 आरोपी गिरफ्तार।

गुजरात के अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. अस्पताल में पिछले 8 महीने में 3 हजार से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए गए. मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाते थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह अस्पताल के कहने पर ही कार्ड बनाते थे और एक कार्ड बनाने के 1500 रुपये लेते थे.

यह मामला तब सामने आया जब ख्याति अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत 19 लोगों की एक दिन में एंजियोग्राफ़ी और सात लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई थी. तब इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जांच की और 8 लोगों को गिरफ्तार किया. अस्पताल में PMJAY पोर्टल से जुड़े काम करने वाले मेहुल पटेल ने पूछताछ में बताया कि अस्पताल में आने वाले जिस मरीज के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता था, तो उसे दो शख्स के पास भेजा जाता था.

PMJAY पोर्टल के डाटा से छेड़छाड़

अहमदाबाद पुलिस में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (JPC) शरद सिंघल ने बताया कि मरीजों को अस्पताल के सीईओ चिराग राजपूत और डायरेक्टर कार्तिक पटेल के पास भेजा जाता था. फिर 1500 रुपये में आयुष्मान कार्ड बनवाया जाता था. जांच में सामने आया कि कार्तिक और चिराग निमिष नाम के शख्स की मदद से कार्ड बनवाते थे. निमिष PMJAY पोर्टल के डाटा से छेड़छाड़ कर कार्ड बनाने का काम करता था. इसके बाद मरीज की सर्जरी की जाती और इसी कार्ड पर योजना के तहत पैसों का दावा किया जाता था.

3000 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए

यही नहीं जांच में ये भी सामने आया कि अस्पताल में ऐसे लोगों के भी कार्ड बनाए जाते थे, जो इस कार्ड के लिए एलिजिबल भी नहीं हैं यानी वो इस दायरे में नहीं आते लेकिन फिर भी उनके कार्ड बना दिए गए. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जो 3 हजार कार्ड बनाए गए हैं. वो किस के नाम हैं और उन कार्ड से कितना पैसा क्लेम किया गया है. क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि 150 कार्ड का इस्तेमाल ख्याति अस्पताल में ही किया गया.

आज का पंचांग- 18 सितंबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- भाद्रपद

अमांत- भाद्रपद

तिथि

शुक्ल पक्ष पूर्णिमा- सितंबर 17 11:44 AM- सितंबर 18 08:04 AM

कृष्ण पक्ष प्रतिपदा [ क्षय तिथि ] - सितंबर 18 08:04 AM- सितंबर 19 04:19 AM

कृष्ण पक्ष द्वितीया- सितंबर 19 04:19 AM- सितंबर 20 12:40 AM

नक्षत्र

पूर्वभाद्रपदा- सितंबर 17 01:53 PM- सितंबर 18 11:00 AM

उत्तरभाद्रपदा- सितंबर 18 11:00 AM- सितंबर 19 08:04 AM

योग

गण्ड- सितंबर 18 03:41 AM- सितंबर 18 11:28 PM

वृद्धि- सितंबर 18 11:28 PM- सितंबर 19 07:18 PM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 AM

अशुभ काल

राहू- 12:20 PM- 1:51 PM

यम गण्ड- 7:48 AM- 9:19 AM

गुलिक- 10:50 AM- 12:20 PM

दुर्मुहूर्त- 11:56 AM- 12:44 PM

वर्ज्यम्- 07:25 PM- 08:49 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- Nil

अमृत काल- 04:01 AM- 05:25 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 AM- 05:30 AM

आज का पंचांग- 22 सितंबर 2024: जानिए पञ्चाङ्ग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- पौष

अमांत- भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष सप्तमी - 02:31 पी एम तक

नक्षत्र

उत्तराफाल्गुनी - पूर्ण रात्रि तक

योग

आयुष्मान - 07:00 पी एम तक 

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 AM

अशुभ काल

राहू- 09:45 ए एम से 11:02 ए एम

यम गण्ड- 1:37 पी एम- 2:54 पीएम 

गुलिक- 07:10 ए एम से 08:27 ए एम

दुर्मुहूर्त- 07:10 ए एम से 07:51 ए एम, 07:51 ए एम से 08:32 ए एम

वर्ज्यम्- 12:36 पी एम से 02:22 पी एम

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- 11:59 ए एम से 12:40 पी एम

अमृत काल- 11:11 पी एम से 12:57 ए एम, दिसम्बर 22

ब्रह्म मुहूर्त- 05:20 ए एम से 06:15 ए एम

43 साल बाद किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा, दो दिन में 7 देशों को साधेंगे

#pm_modi_kuwait_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर कुवैत के दौरे पर रवाना हो चुके हैं। मोदी दो दिवसीय दौरे पर कुवैत जा रहे हैं। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 43 साल बाद ये पहला मौका है जब किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा हो रहा है। पीएम मोदी 21 और 22 दिसंबर को कुवैत के दौरे पर रहेंगे। कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के बुलावे पर प्रधानमंत्री मोदी वहां जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी कुवैत यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबेर अल-सबाह से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। पीएम अपनी यात्रा में कुवैत के लीडर्स से द्विपक्षीय बातचीत के अलावा भारतीय समुदाय का भी हालचाल जानेंगे। भारत और कुवैत के बीच रिश्तों को और मजबूत करने में प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का बड़ा योगदान होगा क्योंकि कुवैत भारत के टॉप ट्रेडिग पार्टनर में से एक है।

पीएम मोदी कुवैत की इस यात्रा से अरब के सात देशों को साधने की भी कोशिश कर रहे हैं। भारत और मिडिल-ईस्ट के देशों एनर्जी और गैस सहित कई तरह के कारोबार पर निर्भर हैं। अरब मुल्क कई कारणों से भारत को अहमियत देते हैं। यही वजह है कि कुवैत की इस यात्रा को जोड़ दें तो यह चौंदहवी बार होगा जब पीएम मोदी अरब के किसी देश का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वह दो बार कतर और सऊदी अरब, एक बार ओमान और बहरीन, जबकि सात बार संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर चुके हैं।

इंदिरा गांधी ने 1981 में की थी कुवैत यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी से पहले साल 1981 में इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी, जबकि साल 2013 में कुवैत के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए थे। हालांकि, इस बीच भारत की तरफ से उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने साल 2009 में कुवैत की यात्रा की थी। भारत और कुवैत के द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और कोरोना काल के दौरान भी दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े थे और एक-दूसरे की मदद की थी। भारत ने कुवैत में मेडिकल टीम भेजा था, जबकि कुवैत ने भारत को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की थी।

43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा, पीएम मोदी की ये यात्रा कितनी अहम?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 दिसंबर को मुस्लिम देश कुवैत के दौरे पर रहेंगे. उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच पहले से ही अच्छे संबंधों में और मजबूती आएगी। मोदी कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के न्योते पर वहां जा रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री 43 साल बाद कुवैत के दौरे पर जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से पहले साल 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुवैत के दौरे पर गई थीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे पर दोनों देशों के अलावा दुनिया की भी नजर है। पीएम मोदी कुवैत में वहां के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ बातचीत के साथ अलावा भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। भारत के विदेश मंत्राैलय ने उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी यह दौरा भारत और कुवैत के बीच संबंधों को बेहतर करेगा।

कुवैत इस समय गल्फ कॉर्पोरेशन काउंसिल (जीसीसी ) का अध्यक्ष है। जीसीसी में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान और कतर जैसे देश शामिल हैं। इनमें कुवैत ही अकेला जीसीसी सदस्य है, जहां नरेंद्र मोदी 2014 में पीएम बनने के बाद से अब तक नहीं गए हैं। कुवैत के लिए भारत शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है। भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। कुवैत में करीब 10 लाख भारतीय रहते हैं। ये दोनों देशों के बीच एक पुल की तरह काम करते रहे हैं।

कैसे हैं भारत-कुवैत संबंध?

भारत और कुवैत के रिश्ते प्राचीन काल से ही मजबूत रहे हैं, जब कुवैत का आर्थिक तंत्र समुद्री व्यापार पर निर्भर था। भारत से कुवैत आने-जाने वाले व्यापारिक जहाजों के माध्यम से लकड़ी, अनाज, कपड़े और मसाले कुवैत भेजे जाते थे, जबकि कुवैत से खजूर, अरब घोड़े और मोती भारत भेजे जाते थे। भारतीय रुपया कुवैत में 1961 तक कानूनी मुद्रा था, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की स्थिरता का प्रतीक है।

भारत और कुवैत के बीच औपचारिक कूटनीतिक संबंध 1961 में स्थापित हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय दौरे हुए, जिनमें भारत के उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (1965), प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (1981) और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (2009) शामिल हैं। कुवैत से भी कई महत्वपूर्ण दौरे हुए, जिनमें शेख सबा अल-आहमद अल-जाबेर अल-सबा (2006) और प्रधानमंत्री शेख जाबेर अल-मुबारक अल-हमद अल-सबा (2013) शामिल हैं। 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के क्राउन प्रिंस के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात हुई। इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 18 अगस्त 2024 को कुवैत का दौरा किया।

कुवैत भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार

कुवैत भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। 2023-24 वित्तीय वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। कुवैत भारत का 6वां सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का 3% पूरा करता है। कुवैत के लिए भारत का निर्यात पहली बार दो अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश 10 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है।

तनाव भी हुआ, पर जल्द सुलझ गए मसले

हालांकि 1990 के दशक में कुवैत पर इराक के हमले के दौरान भारत के साथ उसके संबंधों में थोड़ा तनाव आया, क्योंकि इराक को भारत का समर्थन हासिल था। इसके अलावा अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद भी संबंधों पर असर पड़ा था। लेकिन भारत ने जल्द ही दोनों देशों के बीच बनी खाई को पाटने में कामयाबी पा ली। साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत की मदद में उदारता दिखाई, उससे संबंधों को नई मजबूती मिली। भारत ने कोविड से निपटने के लिए 15 सदस्यों की क्यूआरटी यानी त्वरित प्रतिक्रिया टीम कुवैत भेजी। जवाब में मई, 2021 में कोविड की दूसरी लहर के दौरान कुवैत ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर भारत भेजे।

राहुल या ममता कौन है पीएम मोदी के टक्कर का राष्ट्रीय चेहरा?
#rahul_or_mamta_who_is_national_face_to_compete_with_pm_modi *

* लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहुर का रास्ता दिखान के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन हुआ था। साल 2023 में जुलाई के महीने में 'इंडिया' गठबंधन की नींव रखी गई थी। तब सबसे बड़ा सवाल था कि गठबंधन का चेहरा कौन होगा। कांग्रेस गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी थी इसलिए राहुल गांधी का नाम पर सभी सहमत हुए। हालांकि, ममता बनर्जी भी अप्रत्यक्ष रूप से दावेदारी में पीछे नहीं थे। इस साल जून में जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो यह सवाल कुछ दिनों के लिए उठना बंद हो गया था। हालांकि, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद ये प्रश्न फिर से खड़ा हो गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार और महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के खराब प्रदर्शन ने विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व संकट को और गहरा कर दिया। संसदीय चुनाव में इन दोनों राज्यों में 'इंडिया' गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा था।इंडिया गठबंधन ने 234 सीटें जीती थीं और कांग्रेस की इसमें 99 सीटों की हिस्सेदारी थी। इसके बाद कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर गठबंधन के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही हैं। *राहुल को लेकर बदल रहे सहयोगियों के सुर* पिछले बीस साल से कांग्रेस के सहयोगी रहे लालू यादव के तेवर भी बदल चुके हैं।लालू यादव का भी कहना है कि, ममता को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व दे देना चाहिए। पत्रकारों ने जब उनसे कहा कांग्रेस ने ममता को नेतृत्व देने की मांग पर आपत्ति जताई है तो उन्होंने कहा, कांग्रेस के विरोध से कुछ नहीं होने वाला है। ममता को नेतृत्व दिया जाना चाहिए। लोकसभा चुनाव से पहले लालू ने राहुल की शादी को लेकर कहा था कि आप दूल्हा बनिए, हम बाराती बनने के लिए तैयार हैं। राजनीति के जानकारों ने उस समय लालू के इस बयान को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व से जोड़कर भी देखा था। वहीं लालू आज ममता बनर्जी की वकालत कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन में 37 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी कांग्रेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है और अखिलेश यादव की ममता बनर्जी से राजनीतिक नज़दीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तनातनी भी देखने को मिली थी। सपा ने भी ममता के नाम का समर्थन किया है।शरद पवार इस मुद्दे पर पहले ही ममता का समर्थन कर चुके हैं। टीम “इंडिया” में कैप्टन की कुर्सी को लेकर अंदरूनी झगड़े के बीच सवाल ये उठता है कि आखिर राहुल गांधी और ममता बनर्जी में कौन प्रधानमंत्री मोदी की टक्कर में राष्ट्रीय चेहरा साबित हो सकता है। *बंगाल में मजबूत हुईं ममता* इंडिया गठबंधन के नाते के रूप में ममता बनर्जी के दावेदारी की बात करें तो, जहां कांग्रेस बीजेपी के मुक़ाबले कई मोर्चों पर कमज़ोर साबित हुई है वहीं ममता के नेतृत्व में टीएमसी ने बीजेपी को लगातार चुनौती दी है। 2014 में जब मोदी ने पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी तब बीजेपी बंगाल में सिर्फ़ दो सीटें जीत पाई थी। इस चुनाव में ममता ने 34 सीटें जीती थीं। 2016 में ममता ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बनी रहीं। इसके बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल पर अपना फ़ोकस बढ़ाया और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा भी मिला। बीजेपी ने 18 सीट जीतीं और टीएमसी के खाते में 22 आईं। टीएमसी को 12 सीटों का नुक़सान हुआ लेकिन अब भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी टीएमसी ही थी। दो साल बीद 2021 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पूरा जोर लगाया। चुनाव से पहले कई नेता तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में चले गए। इसमें सुवेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेता भी शामिल थे।लेकिन ममता ने राज्य में वापसी करते हुए 200 से ज़्यादा सीटें जीतीं और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं। 2024 का लोकसभा चुनाव उन्होंने अकेले लड़ा और सबसे ज़्यादा 29 सीटें जीतीं। इसके बाद टीएमसी सीटों के मामले में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। *तीन बार सीएम रहकर भी बंगाल का हाल* हालांकि, ऐसा नहीं है कि ममता अपने राज्य के बाहर भीड़ खींचने वाली नेता हैं। न ही ऐसा कोई सबूत है कि कोलकाता में पिछले 13 सालों में उनका शासन प्रेरणादायक रहा है। मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का इस्तेमाल खुद को कुशल प्रशासक के तौर पर स्थापित करने के लिए किया था। ममता के लंबे कार्यकाल से बंगाल की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। उनकी शानदार चुनावी सफलता के पीछे मुस्लिम समर्थन, दबंग रणनीति का हाथ है। खुशकिस्मती से यह फॉर्मूला भारत के ज्यादातर हिस्सों में काम नहीं कर सकता।तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बंगाल से बाहर नहीं है। ममता दूसरे क्षेत्रीय दलों के नेताओं के लिए खतरा नहीं मानी जाती हैं।
हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में ‘मोदी की गारंटी‘ के अंतर्गत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत पक्के आवास प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पहली मंत्रिपरिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 18 लाख आवासहीन परिवारों को पक्के मकान देने के अपने वादे को निभाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त विभाग ने केंद्र और राज्यांश मिलाकर 2,560 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों को अंतरित करने के लिए जारी कर दी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि हमारा लक्ष्य राज्य के सभी आवासहीन परिवारों को इस योजना के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराना है। यह पहल केवल आवासीय सुविधा ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उत्थान का भी एक साधन है।

अब तक 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी

वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 5,144 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। पहली किश्त केंद्रांश 1,550.30 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,033.70 करोड़ रुपये कुल 2,584 करोड़ रुपये और दूसरी किश्त केंद्रांश 1,535.40 करोड़ रुपये, राज्यांश 1,024.60 करोड़ रुपये कुल 2,560 करोड़ रुपये जारी की जा चुकी है। लाभार्थियों को राशि सीधे उनके खाते में शीघ्र पहुंचाई जाएगी, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत तीसरी किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि उनके आवास का निर्माण शीघ्र पूर्ण हो सके।

आज का पंचांग- 20 सितंबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- पौष

अमांत- भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष पञ्चमी - 10:48 ए एम तक

नक्षत्र

मघा - 03:47 ए एम, दिसम्बर 21 तक

योग

विष्कम्भ - 06:12 पी एम तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 ऍम

अशुभ काल

राहू- 12:20 PM- 1:51 PM

यम गण्ड- 7:48 AM- 9:19 

AM

गुलिक- 10:50 AM- 12:20 PM

दुर्मुहूर्त- 11:56 AM- 12:44 PM

वर्ज्यम्- 07:25 PM- 08:49 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- Nil

अमृत काल- 04:01 AM- 05:25 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 AM- 05:30 AM

आंबेडकर को लेकर अमित शाह को घेर रही कांग्रेस पर पीएम मोदी का वार, बोले-पार्टी के काले इतिहास को उजागर कर दिया, इसलिए...

#pmmodibigattackoncongressover_ambedkar

पूरा विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर वाले बयान पर घेरने की कोशिश कर रही है। आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'संसद में गृह मंत्री ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी-एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस इससे स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है। लोग सच्चाई जानते हैं।'

पीएम मोदी ने 'एक्स' एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।'

पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा,'भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।' पीएम मोदी आगे कहते हैं,'डा आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं, उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में ही हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान का वीडियो ट्वीट में अटैच करते हुए लिखा, संसद में गृह मंत्री अमित शाह जी ने डॉ आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके के ज़रिए प्रस्तुत तथ्यों से वे साफ तौर पर हैरान हैं। यही वजह है कि वे अब नाटकबाजी में शामिल हो गए। उनके लिए दुख की बात है कि लोग सच्चाई जानते हैं।

अमित शाह ने क्या कहा था?

अमित शाह मंगलवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बहस के दौरान सदन को संबोधित किया था। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि बीआर अंबेडकर का नाम लेना अब एक "फैशन" बन गया है. अब यह एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

संसद में पीएम मोदी से मिले शरद पवार, जानिए क्या हुई बात

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पूर्व कृषि मंत्री और राज्यसभा सांसद शरद पवार ने संसद भवन में बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अनार किसानों के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में अनार उद्योग से जुड़ी चुनौतियों, खासकर किसानों को प्रभावित करने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। किसानों की चिंताओं के बारे में मुखर रहे पवार ने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों को सुलझाने और कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के लिए दखल करने की मांग की।

बता दें कि दोनों नेता उस समय मिले हैं, जब कांग्रेस संसद में अडाणी मुद्दे पर प्रदर्शन कर रही है। बुधवार को भी जब शरद पवार संसद भवन पहुंचे तब कांग्रेस के नेता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के कथित अपमान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटन के दो किसानों के साथ संसद में प्रधानमंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपने खेत से अनार का एक डिब्बा भेंट भी किया।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पवार ने कहा,'मैंने साहित्य सम्मेलन के विषय पर बात नहीं की।' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने पीएम मोदी महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर कोई बात की है? तो उन्होंने इस सवाल का जवाब 'नहीं' में दिया।

शरद पवार ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि राष्ट्रीय स्तर विपक्षी खेमे के लिए बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि बाद में साफ हो गया कि उन्होंने किसानों के मुद्दों को लेकर पीएम से यह मीटिंग की है।

शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति में चाणक्य माने जाते हैं। हर राजनीतिक स्थिति में सभी दलों के नेताओं को साधकर रखते हैं। इसके बूते ही कांग्रेस से अलग होने के बाद भी कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता में लगातार 15 साल टिके रहे। वह पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी भी माने जाते हैं। कई मौके ऐसे आए, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने शरद पवार की सार्वजनिक तौर से तारीफ की।

अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, 8 आरोपी गिरफ्तार।

गुजरात के अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. अस्पताल में पिछले 8 महीने में 3 हजार से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए गए. मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाते थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह अस्पताल के कहने पर ही कार्ड बनाते थे और एक कार्ड बनाने के 1500 रुपये लेते थे.

यह मामला तब सामने आया जब ख्याति अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत 19 लोगों की एक दिन में एंजियोग्राफ़ी और सात लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई थी. तब इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जांच की और 8 लोगों को गिरफ्तार किया. अस्पताल में PMJAY पोर्टल से जुड़े काम करने वाले मेहुल पटेल ने पूछताछ में बताया कि अस्पताल में आने वाले जिस मरीज के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता था, तो उसे दो शख्स के पास भेजा जाता था.

PMJAY पोर्टल के डाटा से छेड़छाड़

अहमदाबाद पुलिस में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (JPC) शरद सिंघल ने बताया कि मरीजों को अस्पताल के सीईओ चिराग राजपूत और डायरेक्टर कार्तिक पटेल के पास भेजा जाता था. फिर 1500 रुपये में आयुष्मान कार्ड बनवाया जाता था. जांच में सामने आया कि कार्तिक और चिराग निमिष नाम के शख्स की मदद से कार्ड बनवाते थे. निमिष PMJAY पोर्टल के डाटा से छेड़छाड़ कर कार्ड बनाने का काम करता था. इसके बाद मरीज की सर्जरी की जाती और इसी कार्ड पर योजना के तहत पैसों का दावा किया जाता था.

3000 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए

यही नहीं जांच में ये भी सामने आया कि अस्पताल में ऐसे लोगों के भी कार्ड बनाए जाते थे, जो इस कार्ड के लिए एलिजिबल भी नहीं हैं यानी वो इस दायरे में नहीं आते लेकिन फिर भी उनके कार्ड बना दिए गए. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जो 3 हजार कार्ड बनाए गए हैं. वो किस के नाम हैं और उन कार्ड से कितना पैसा क्लेम किया गया है. क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि 150 कार्ड का इस्तेमाल ख्याति अस्पताल में ही किया गया.

आज का पंचांग- 18 सितंबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- भाद्रपद

अमांत- भाद्रपद

तिथि

शुक्ल पक्ष पूर्णिमा- सितंबर 17 11:44 AM- सितंबर 18 08:04 AM

कृष्ण पक्ष प्रतिपदा [ क्षय तिथि ] - सितंबर 18 08:04 AM- सितंबर 19 04:19 AM

कृष्ण पक्ष द्वितीया- सितंबर 19 04:19 AM- सितंबर 20 12:40 AM

नक्षत्र

पूर्वभाद्रपदा- सितंबर 17 01:53 PM- सितंबर 18 11:00 AM

उत्तरभाद्रपदा- सितंबर 18 11:00 AM- सितंबर 19 08:04 AM

योग

गण्ड- सितंबर 18 03:41 AM- सितंबर 18 11:28 PM

वृद्धि- सितंबर 18 11:28 PM- सितंबर 19 07:18 PM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 AM

अशुभ काल

राहू- 12:20 PM- 1:51 PM

यम गण्ड- 7:48 AM- 9:19 AM

गुलिक- 10:50 AM- 12:20 PM

दुर्मुहूर्त- 11:56 AM- 12:44 PM

वर्ज्यम्- 07:25 PM- 08:49 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- Nil

अमृत काल- 04:01 AM- 05:25 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 AM- 05:30 AM