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भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला: EOW ने की जांच शुरू, जल्द होगी FIR दर्ज…

रायपुर-  EOW ने भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले की जांच शुरू कर दी है. EOW ने प्रशासन से लगभग 500 पन्नों की जांच रिपोर्ट मांगी है. अब जल्द ही मामले में दोषियों पर FIR हो सकती है. यह पहली बार है जब राज्य में किसी भूमि मुआवजा विवाद की जांच EOW कर रही है. विभाग ने इस घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज पहले ही जुटा लिए हैं और कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच भी पूरी हो चुकी है. घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी संभव हैं.

बता दें, शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हासिल की थी. वहीं मामले की विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. अब तक लगभग 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है. 

वहीं घोटाले के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने बीते दिन (6 मार्च) को PMO और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भी भेजा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से मामले में CBI जांच की मांग की है. 

बता दें, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद साय कैबिनेट की बैठक में जांच को ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया गया था. अब EOW ने इस घोटाले की जांच तेज कर दी है. 

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

दिल्ली से दबाव के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ. मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.

इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

पंबन-चिनाब ब्रिज से लेकर अटल सेतु तक… तमिलनाडु में बोले पीएम मोदी-देश में बहुत तेजी से मेगा प्रोजेक्ट पर काम हो रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम में 8300 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज रामनवमी है. भगवान राम की प्रेरणा ही राष्ट्र निर्माण का आधार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में सूर्य की किरणों ने रामलाल का भव्य तिलक किया है. तमिलनाडु के साहित्य में भी भगवान राम के बारे में कहा गया है. रामेश्वरम की इस पवित्र धरती से मैं समस्त देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देता हूं.

प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे खुशी है कि आज 8300 करोड़ के प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया है. यह भारतरत्न डॉ कलाम की धरती है. यहां जो पंबन ब्रिज है, वह तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है. 21वीं सदी में इंजीनियरिंग का यह बेहतरीन उदाहरण है. पंबन ब्रिज यात्रा को सुगम बनाएगा. यह ब्रिज तकनीक और विरासट का समागम है.

बहुत समय से पंबन ब्रिज का डिमांड था- PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत का पहला वर्टिकल सी ब्रिज है, जिसमें पहले से अधिक तेजी से ट्रेन का परिचालन होगा. बहुत समय से इस ब्रिज का डिमांड था. आपके आशीर्वाद से यह संभव हो पाया है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यह काफी सहायक होगा. नई ट्रेन सर्विस से रामेश्वरम से चेन्नई और देश के दूसरे भाग में टूरिज्म और व्यापार को बढ़ाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में भारत के इकॉनमी का ग्रोथ दोगुना किया है. रेल रोड एयरपोर्ट गैस पाइपलाइन का बजट करीब 6 गुना बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि आज देश में बहुत तेजी से मेगा प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज बना ही. नॉर्थ में बोगी ब्रिज और मुंबई में अटल सेतु का निर्माण हुआ है. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी तैयार हो रहा है. नमो भारत अमृत भारत देश को आधुनिक बना रही है. बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है.

विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बड़ा रोल

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब भारत का हर रीजन आपस में कनेक्ट होता है तो डेवलप नेशन बनता है. इससे पूरे देश का पोटेंशियल सामने आ रहा है. विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है. तमिलनाडु का जितना ग्रोथ होगा, देश का ग्रोथ उतना ही अधिक होगा. पिछली साकार से तीन गुना अधिक पैसे मोदी सरकार ने दिया है. ऐसे ग्रोथ में काफी मदद मिला है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु का इंफ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार की प्रायोरिटी है. यहां का रेलवे बजट 7 गुना बढ़ा है. इसके बावजूद भी कुछ लोगों को बिना कारण रोते रहने की आदत है वो रोते रहते हैं. 2014 से पहले रेलवे के लिए 900 करोड़ मिलते थे. इस सरकार ने 6000 करोड़ से अधिक दिया. सरकार 77 रेलवे सेशन को मॉडल स्टेशन बना रही है इसमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है.

तमिलनाडु में 12 लाख लोगों को मकान मिला है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बहुत सारा काम हुआ है. 4000 किलोमीटर सड़क 2014 के बाद बनी हैं. चेन्नई पोर्ट को जोड़ने वाली सड़क शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का उदाहरण बनेगा. आज भी करीब 8000 करोड़ के प्रोजेक्ट का लोकार्पण हुआ है. इससे तमिलनाडु के साथ आंध्रप्रदेश की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. चेन्नई मेट्रो जैसा मॉर्डन पब्लिक ट्रांसपोर्ट ने ईज ऑफ बिजनेस को बढ़ाया है. इससे जॉब के नए अवसर मिलते है. बीते दशक में भारत ने सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी निवेश किया है. 4 करोड़ से अधिक पक्के घर देश में गरीब परिवार को मिला है. तमिलनाडु में 12 लाख लोगों को मकान मिला है.

श्रीलंका में पीएम मोदी को मिला ‘मित्र विभूषण’, ऐसा ग्रैंड वेलकम देख चिढ़ जाएगा चीन!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर हैं। पीएम मोदी तीन दिन तक श्रीलंका में रहेंगे। खास बात है कि श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी की 5 मंत्रियों ने उनकी अगुवाई की। पीएम मोदी को कोलंबो में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को बड़ा सरप्राइज दिया है। राष्ट्रपति ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी को गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। यह पहली बार हुआ है, जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से स्वागत किया है। श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी का जिस तरह से स्वागत हुआ उससे चीन को मिर्ची लगनी तय है।

वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मित्र विभूषण’ मेडल से सम्मानित किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को 'मित्र विभूषण सम्मान' का मेडल पहनाकर सम्मानत किया। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने के उनके असाधारण प्रयासों के लिए दिया गया है। यह किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।

श्रीलंकाई ‘मित्र विभूषण’ मेडल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह पदक भारत-श्रीलंका संबंधों की गहराई और गर्मजोशी को दर्शाता है। ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।

पीएम मोदी ने की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

कोलंबो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच कुछ देर पहले प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान भारत और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान भारत और श्रीलंका के बीच श्रीलंका को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत एवं श्रीलंका ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी के स्वागत के लिए पांच शीर्ष मंत्री पहुंचे

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। जहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। ग्रैंड वेलकम का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें रिसीव करने के लिए अपने 5 मंत्रियों को एक साथ शुक्रवार को एयरपोर्ट पर भेजा। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रपति ने खुद पीएम मोदी का इंडिपेंडेंस स्क्वायर में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत कराया।

UPI से जुड़ेंगे बिम्सटेक देश, पीएम मोदी ने दिया खास प्रस्ताव

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भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। इस समय सात देशों में यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है। इनमें भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, और फ्रांस शामिल हैं। अब जल्द ही बिम्सटेक मे शामिल देश भी इससे जुड़ सकते हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए यूपीआई को बिम्सटेक देशों की भुगतान प्रणालियों के साथ जोड़ने की अपील की है। इसके अलावा पीएम मोदी ने भारत में बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने समेत 21 सूत्री कार्ययोजना पेश की है।

हाल ही में थाईलैंड में संपन्न हुए छठवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों को यूपीआई से जुड़ने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में व्यापार, कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना करने, वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने और क्षेत्र में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाएं तलाशने का भी प्रस्ताव रखा।

बिम्सटेक को मजबूत करने और आपसी सहयोग बढ़ाना पर बल

मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘बिम्सटेक को मजबूत करना और आपसी सहयोग बढ़ाना बेहद जरूरी है। इस संदर्भ में मैंने विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए 21 सूत्रीय कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा है।’

मोदी ने बेंगलूरु में नवनिर्मित बिम्सटेक एनर्जी सेंटर का भी जिक्र किया, जो ऊर्जा क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। उन्होंने पूरे क्षेत्र में इलेक्ट्रिक ग्रिड इंटरकनेक्शन पर तेजी से काम करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इसके अतिरिक्त, मैं बिम्सटेक क्षेत्र में भुगतान प्रणालियों के साथ यूपीआई को जोड़ने का प्रस्ताव रखता हूं। इससे सभी स्तरों पर व्यापार, उद्योग और पर्यटन को लाभ होगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैं बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन कराने का भी सुझाव देता हूं।’

बिम्सटेक के दायरे और क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले पुल का कार्य करता है। यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि के नए रास्ते खोलने के लिए प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। पीएम मोदी ने बिम्सटेक समूह के दायरे और क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने की पहल की सराहना की। साथ ही भारत में पहली बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।

बिम्सटेक में गठन के बाद से प्रगती ना के बराबर

बिम्सटेक ने 1997 में अपने गठन के बाद से आर्थिक सहयोग या सीधे आपसी संपर्क में बहुत अधिक प्रगति नहीं की है। मौजूदा शिखर सम्मेलन में समूह में गतिशीलता लाने के तरीकों पर भी जोर दिया गया। सदस्य देशों के नेताओं ने क्षेत्र की सामूहिक समृद्धि के लिए रोड मैप वाले बैंकॉक विजन 2030 दस्तावेज को अपनाया।

बिम्सटेक भारत के नेतृत्व पर निर्भर

बिम्सटेक देशों में भारत का दबदबा कायम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समूह को पीएम मोदी की नीतियों और सोच ने बड़ा आकार दिया है। बिम्सटेक समूह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत के नेतृत्व पर निर्भर है। भारत के नेतृत्व में प्रधानमंत्री का पड़ोस पहले नीति, एक्ट ईस्ट नीति, महासागर विजन और इंडो-पैसिफिक के लिए विजन पर ध्यान समूह को गतिशीलता प्रदान करता है। भारत ने बहुपक्षीय कार्य का व्यापक अनुभव रखने वाले राजनयिक इंद्र मणि पांडे को महासचिव नियुक्त किया है। भारत ने बिम्सटेक सचिवालय को एक मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए हैं।

इसके अलावा भारत के नेतृत्व में बिम्सटेक का एजेंडा कई गुना फैला है। बिम्सटेक कार्य क्षेत्र को सात भागों में बांटा गया है। इसमें प्रत्येक देश एक भाग का नेतृत्व करता है - भारत सुरक्षा क्षेत्र का नेतृत्व करता है। अन्य खंड व्यापार, निवेश और विकास (बांग्लादेश), पर्यावरण और जलवायु (भूटान), कृषि और खाद्य सुरक्षा (म्यांमार), लोगों से लोगों का संपर्क (नेपाल), अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी और नवाचार (श्रीलंका), और कनेक्टिविटी (थाईलैंड) पर है।

थाईलैंड के बाद श्रीलंका पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें भारत के लिए कितना अहम है ये दौरा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। पीएम मोदी थाइलैंड की यात्रा खत्म करने के बाद कोलंबो पहुंचे। कोलंबो के भंडारनायके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके अलावा सैकड़ों स्थानीय लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारी बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोलंबो में भव्य स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर पीएम मोदी बैंकॉक से राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं।

10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद

पीएम मोदी का दौरा भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी में सहयोग बढ़ाने के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान भारत और श्रीलंका में 10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद है। इस दौरान रक्षा सहयोग समझौते समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा तीन और समझौतों पर भी बात हो सकती है। इनमें खासतौर से रक्षा समझौते पर नजर है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव रक्षा समझौता अहम

भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार रक्षा समझौता होने जा रहा है।यही कारण है पूरी दुनिया की निगाहें दोनों के बीच होने वाली डील पर टिकी हुई है।भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा समझौते पर माना जा रहा है कि चीन की हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है।

हंबनटोटा, हिंद महासागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों के पास स्थित है। ये बंदरगाह दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। 150 करोड़ डॉलर की लागत से बनाए गए हंबनटोटा बंदरगाह का निर्माण चीन से कर्ज लेकर किया गया था। लेकिन कर्ज चुकाने में नाकाम होने के बाद, श्रीलंका ने इसे 99 साल के लीज पर चीन को सौंप दिया। यह वही बंदरगाह है जिसे चीन अब अपनी रणनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

इसके कारण भारत और श्रीलंका के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी। अब ऐसे में भारत की इस डील के जरिए कोशिश है कि श्रीलंका में चीन के प्रभाव को कम किया जाए। इसके लिए जो भी काम करने होंगे वो किए जाएंगे।

श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है भारत

भारत श्रीलंका को चीन के कर्ज के जाल से बाहर निकालकर एक भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच एक डील होने संभावना है। दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहुक्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई समझौतों का आदान-प्रदान भी होगा। अपनी चर्चाओं के दौरान दोनों नेता मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन भी शामिल है।

मुलाकात पर मानें पर लगा दी क्लासःपीएम मोदी ने यूनुस को दी हिंदुओं की सुरक्षा और बयानबाजी से बचने की सलाह

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थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्‍मद यूनुस के बीच अहम मुलाकात हुई।शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। दोनों नेता बिम्सटेक सम्मेलन से इतर मिले। दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट बातचीत हुई।बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं पर जोर दिया। पीएम मोदी ने साथ ही बांग्लादेश को बयानबाजी बंद करने की नसीहत भी दे दी। भारत ने साथ ही बांग्लादेश को पूर्ण सहयोग और समर्थन देने का अपना वादा दोहराया।

मुहम्मद यूनुस के साथ पीएम मोदी की मुलाकात पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि बैठक के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा की चिंता का खास तौर पर जिक्र किया। मिसरी ने कहा कि पीएम मोदी ने बैठक के दौरान हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों के मुद्दे को उठाया।

मिसरी ने कहा कि भारत ने साथ ही लोकतांत्रिक, स्थायी, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश का समर्थन का वादा किया। पीएम मोदी ने इसके अलावा मोहम्मद यूनुस को तनावपूर्ण स्थिति से बचने की भी सलाह दी। प्रधानमंत्री ने अपील की कि माहौल खराब करने वाली बयानबाजी से बचा जाए। सीमा पर सख्ती से अवैध घुसपैठ को रोका जा सकता है और सीमा सुरक्षा को कायम रखा जा सकता है।

बीते साल अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। उसके बाद से मोहम्मद यूनुस ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि मोहम्मद यूनुस का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा है और उनके कार्यकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ीं। इसके चलते भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में भी खटास आई है। बीते हफ्ते ही चीन के दौरे पर मोहम्मद यूनुस ने भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आई है।

दिल्ली में कल से शुरू हो रही आयुष्मान योजना, किन अस्पतालों में होगा इलाज, कैसे करें रजिस्ट्रेशन…जानिए सबकुछ

दिल्ली में कल से आयुष्मान योजना की शुरुआत होने जा रही है. इस योजना के तहत दिल्ली के सबसे गरीब परिवारों, खासकर अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना में 10 अप्रैल तक एक लाख लोगों को शामिल किया जाएगा. दिल्ली सरकार कल केंद्र सरकार के साथ MoU साइन करेगी. इस योजना से शहर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. दिल्ली में यह योजना अब तक लागू नहीं हुई थी.

इस योजना में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, क्रिटिकल केयर ब्लॉक, एकीकृत डायग्नोस्टिक सुविधाएं, पीएमजेएवाई और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शामिल हैं. पहले चरण में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों को कार्ड जारी होंगे, फिर इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. आयुष्मान भारत योजना को एमओयू साइन होने के बाद तेजी से लागू किया जाएगा.

पहले किसे मिलेगा योजना का लाभ?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि दिल्ली सरकार की आयुष्मान भारत योजना में सबसे गरीब लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका उद्देश्य दिल्ली के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करना है. इससे मरीजों को बेहतर प्राथमिक देखभाल मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ेंगी. मरीजों के रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखे जाएंगे, जिससे बेहतर निगरानी और प्रबंधन हो सकेगा.

उन्होंने आगे कहा कि हम सबसे पहले उन लोगों को कार्ड जारी करेंगे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जिसमें अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत लाभार्थी और प्राथमिकता वाले परिवार शामिल हैं. इसके बाद हम योजना के तहत लाभार्थियों के दायरे का और विस्तार करेंगे. दिल्ली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी.

दिल्ली सरकार ने भारत सरकार के 5 लाख के अलावा 5 लाख का टॉप अप करके 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य इंश्योरेंस का टॉप अप देने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार ने 2025-26 के लिए स्वास्थ्य सेवा बजट में 48 प्रतिशत की वृद्धि की है.

दिल्ली में कितने अस्पताल

दिल्ली में अभी 70 से ज्यादा अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड चलता है. इस योजना के लागू होने के बाद इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. इन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाया जा सकता है.

कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?

आधिकारिक वेबसाइट https://pmjay.gov.in/ या https://beneficiary.nha.gov.in/ पर जाएं.

Am I Eligible पर क्लिक करें.

अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और कैप्चा कोड भरें.

आपके मोबाइल पर आए OTP से लॉगिन करें.

इसके बाद अपना आधार नंबर, राशन कार्ड नंबर या परिवार आईडी डालकर अपनी पात्रता जांचें.

पात्र होने पर Beneficiary Login या Register विकल्प चुनें.

आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें और OTP के जरिए वेरिफाई करें.

आधार नंबर और OTP के साथ ऑथेंटिकेशन करें

परिवार के उस सदस्य का चयन करें, जिसका आयुष्मान कार्ड बनवाना है.

आवश्यक जानकारी (नाम, पता, जिला आदि) भरें और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें.

फॉर्म सबमिट करें.

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), लोक सेवा केंद्र या सूचीबद्ध अस्पताल में जाएं.

वहां मौजूद आयुष्मान मित्र या कर्मचारी से संपर्क करें.

आयुष्मान योजना क्या है?

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है. 23 सितंबर 2018 को इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया था. यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में से एक है. इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है.

थाईलैंड में साथ नजर आए पीएम मोदी और यूनुस, मुलाकत के लिए मिन्नत के बीच आई दिलचस्प तस्वीर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक साथ बैठे नजर आए। ये दिलचस्प तस्वीर बैंकॉक में बिम्सटेक समूह के नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान सामने आई। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन शामिल होने के लिए थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हैं। जहां रात्रिभोज के समय पीएम मोदी के साथ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस बैठे दिखाए दिए।बिम्मसटेक शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बीच द्विपक्षीय चर्चाओं की संभावना से पहले रात्रिभोज में दोनों नेता बगल-बगल बैठे दिखाई दिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस बैंकॉक में बिम्सटेक समूह के नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक साथ बैठे नजर आये। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा ने इस भोज की मेजबानी की। यूनुस के कार्यालय ने कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिसमें चाओ फ्राया नदी के तट पर स्थित होटल 'शांगरी-ला' में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख को मोदी के बगल में बैठे देखा जा सकता है।

ये तस्वीर ऐसे समय में सामने आई है, जब कहा जा रहा है कि पीएम मोदी शुक्रवार यानी आज बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के साथ वार्ता कर सकते हैं। मोदी की यूनुस से मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हसीना के सत्ता से बाहर होने और उस देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में खटास आई है। भारत और बांग्लादेश के संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। लेकिन, शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद नई सरकार की भारत के प्रति नीति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यह मुलाकात यूनुस की हाल की चीन यात्रा की पृष्ठभूमि में भी अहम है, जहां उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं, जो भारत को पसंद नहीं आईं।

पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर भारत आने के बाद मोदी-यूनुस के बीच यह पहली मुलाकात होगी। बांग्लादेश लगातार इस कोशिश में लगा हुआ है कि पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की द्विपक्षीय मुलाकात हो जाए। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से इतर होने की संभावना है। मोहम्मद यूनुस एक जाने-माने अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत उनकी नीतियों को लेकर उत्सुक है। अगर मोदी और यूनुस की मुलाकात होती है, तो इसमें क्षेत्रीय सहयोग, व्यापार, सुरक्षा और सीमा संबंधी मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

लंबे समय से हाशिये पर रहे लोगों को सहारा मिलेगा', दोनों सदनों से वक्फ बिल पारित होने पर बोले पीएम मोदी

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वक्फ संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गई है। सरकार ने इसे पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में विस्तृत चर्चा के बाद पास कराया। संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पहली प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि इससे विशेष रूप से उन लोगों को मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर हैं।

पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। पीएम मोदी ने लिखा, 'दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय रही है। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों को नुकसान पहुंचा। संसद की ओर से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।'

पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'अब हम ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहां ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।'

वक्फ संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया। करीब 12 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद इस बिल को लोकसभा में पास किया गया था। बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े थे जबकि इसके खिलाफ 232 वोट पड़े थे। इसके बाद राज्यसभा की बारी आई है। वहां भी इस बिल पर लंबी चर्चा हुई। करीब 13 घंटे की बहस के बाद इस बिल का राज्यसभा से भी पास कर दिया गया।

राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 128 वोट जबकि इसके खिलाफ में 95 वोट पड़े। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मुहर के बाद बन यह कानून बन जाएगा।

थाईलैंड में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, थाई रामायण का मंचन देख हुए गदगद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के दौरे पर हैं। पीएम मोदी आज यानी गुरुवार को 2 दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुंचे हैं। बैंकॉक में थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री प्रसर्ट जंतररुआंगटों और उनके शीर्ष अधिकारियों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत। इस दौरान पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद थाई रामायण का मंचन देखा। यहां रामायण को रामाकेन कहा जाता है।

एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बैंकॉक के होटल पहुंचे। इस दौरान भारतीय प्रवासियों और भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि बैंकॉक में भारतीय समुदाय द्वारा गर्मजोशी से किए गए स्वागत के लिए आभारी हूं।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि भारत और थाईलैंड के बीच एक गहरा सांस्कृतिक बंधन है जो हमारे लोगों के माध्यम से फलता-फूलता रहता है। यह देखकर खुशी हुई कि यह संबंध यहां इतनी मजबूती से परिलक्षित होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामायण के थाई संस्करण रामकियेन का प्रदर्शन देखा। उन्होंने कहा कि एक ऐसा सांस्कृतिक जुड़ाव जो किसी और से नहीं मिलता। थाई रामायण, रामकियेन का एक आकर्षक प्रदर्शन देखा। यह वास्तव में समृद्ध अनुभव था जिसने भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को खूबसूरती से प्रदर्शित किया। रामायण वास्तव में एशिया के इतने सारे हिस्सों में दिलों और परंपराओं को जोड़ना जारी रखती है।

इसके बाद पीएम मोदी ने थाईलैंड की पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा से द्विपक्षीय मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की। यात्रा के दूसरे दिन यानी कल पीएम मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेंगे

भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला: EOW ने की जांच शुरू, जल्द होगी FIR दर्ज…

रायपुर-  EOW ने भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले की जांच शुरू कर दी है. EOW ने प्रशासन से लगभग 500 पन्नों की जांच रिपोर्ट मांगी है. अब जल्द ही मामले में दोषियों पर FIR हो सकती है. यह पहली बार है जब राज्य में किसी भूमि मुआवजा विवाद की जांच EOW कर रही है. विभाग ने इस घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज पहले ही जुटा लिए हैं और कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच भी पूरी हो चुकी है. घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी संभव हैं.

बता दें, शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हासिल की थी. वहीं मामले की विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. अब तक लगभग 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है. 

वहीं घोटाले के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने बीते दिन (6 मार्च) को PMO और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भी भेजा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से मामले में CBI जांच की मांग की है. 

बता दें, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद साय कैबिनेट की बैठक में जांच को ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया गया था. अब EOW ने इस घोटाले की जांच तेज कर दी है. 

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

दिल्ली से दबाव के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ. मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.

इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

पंबन-चिनाब ब्रिज से लेकर अटल सेतु तक… तमिलनाडु में बोले पीएम मोदी-देश में बहुत तेजी से मेगा प्रोजेक्ट पर काम हो रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम में 8300 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज रामनवमी है. भगवान राम की प्रेरणा ही राष्ट्र निर्माण का आधार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में सूर्य की किरणों ने रामलाल का भव्य तिलक किया है. तमिलनाडु के साहित्य में भी भगवान राम के बारे में कहा गया है. रामेश्वरम की इस पवित्र धरती से मैं समस्त देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देता हूं.

प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे खुशी है कि आज 8300 करोड़ के प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया है. यह भारतरत्न डॉ कलाम की धरती है. यहां जो पंबन ब्रिज है, वह तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है. 21वीं सदी में इंजीनियरिंग का यह बेहतरीन उदाहरण है. पंबन ब्रिज यात्रा को सुगम बनाएगा. यह ब्रिज तकनीक और विरासट का समागम है.

बहुत समय से पंबन ब्रिज का डिमांड था- PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत का पहला वर्टिकल सी ब्रिज है, जिसमें पहले से अधिक तेजी से ट्रेन का परिचालन होगा. बहुत समय से इस ब्रिज का डिमांड था. आपके आशीर्वाद से यह संभव हो पाया है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यह काफी सहायक होगा. नई ट्रेन सर्विस से रामेश्वरम से चेन्नई और देश के दूसरे भाग में टूरिज्म और व्यापार को बढ़ाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में भारत के इकॉनमी का ग्रोथ दोगुना किया है. रेल रोड एयरपोर्ट गैस पाइपलाइन का बजट करीब 6 गुना बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि आज देश में बहुत तेजी से मेगा प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज बना ही. नॉर्थ में बोगी ब्रिज और मुंबई में अटल सेतु का निर्माण हुआ है. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी तैयार हो रहा है. नमो भारत अमृत भारत देश को आधुनिक बना रही है. बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है.

विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बड़ा रोल

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब भारत का हर रीजन आपस में कनेक्ट होता है तो डेवलप नेशन बनता है. इससे पूरे देश का पोटेंशियल सामने आ रहा है. विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है. तमिलनाडु का जितना ग्रोथ होगा, देश का ग्रोथ उतना ही अधिक होगा. पिछली साकार से तीन गुना अधिक पैसे मोदी सरकार ने दिया है. ऐसे ग्रोथ में काफी मदद मिला है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु का इंफ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार की प्रायोरिटी है. यहां का रेलवे बजट 7 गुना बढ़ा है. इसके बावजूद भी कुछ लोगों को बिना कारण रोते रहने की आदत है वो रोते रहते हैं. 2014 से पहले रेलवे के लिए 900 करोड़ मिलते थे. इस सरकार ने 6000 करोड़ से अधिक दिया. सरकार 77 रेलवे सेशन को मॉडल स्टेशन बना रही है इसमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है.

तमिलनाडु में 12 लाख लोगों को मकान मिला है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बहुत सारा काम हुआ है. 4000 किलोमीटर सड़क 2014 के बाद बनी हैं. चेन्नई पोर्ट को जोड़ने वाली सड़क शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का उदाहरण बनेगा. आज भी करीब 8000 करोड़ के प्रोजेक्ट का लोकार्पण हुआ है. इससे तमिलनाडु के साथ आंध्रप्रदेश की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. चेन्नई मेट्रो जैसा मॉर्डन पब्लिक ट्रांसपोर्ट ने ईज ऑफ बिजनेस को बढ़ाया है. इससे जॉब के नए अवसर मिलते है. बीते दशक में भारत ने सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी निवेश किया है. 4 करोड़ से अधिक पक्के घर देश में गरीब परिवार को मिला है. तमिलनाडु में 12 लाख लोगों को मकान मिला है.

श्रीलंका में पीएम मोदी को मिला ‘मित्र विभूषण’, ऐसा ग्रैंड वेलकम देख चिढ़ जाएगा चीन!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर हैं। पीएम मोदी तीन दिन तक श्रीलंका में रहेंगे। खास बात है कि श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी की 5 मंत्रियों ने उनकी अगुवाई की। पीएम मोदी को कोलंबो में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को बड़ा सरप्राइज दिया है। राष्ट्रपति ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी को गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। यह पहली बार हुआ है, जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से स्वागत किया है। श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी का जिस तरह से स्वागत हुआ उससे चीन को मिर्ची लगनी तय है।

वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मित्र विभूषण’ मेडल से सम्मानित किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को 'मित्र विभूषण सम्मान' का मेडल पहनाकर सम्मानत किया। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने के उनके असाधारण प्रयासों के लिए दिया गया है। यह किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।

श्रीलंकाई ‘मित्र विभूषण’ मेडल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह पदक भारत-श्रीलंका संबंधों की गहराई और गर्मजोशी को दर्शाता है। ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।

पीएम मोदी ने की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

कोलंबो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच कुछ देर पहले प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान भारत और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान भारत और श्रीलंका के बीच श्रीलंका को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत एवं श्रीलंका ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी के स्वागत के लिए पांच शीर्ष मंत्री पहुंचे

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। जहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। ग्रैंड वेलकम का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें रिसीव करने के लिए अपने 5 मंत्रियों को एक साथ शुक्रवार को एयरपोर्ट पर भेजा। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रपति ने खुद पीएम मोदी का इंडिपेंडेंस स्क्वायर में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत कराया।

UPI से जुड़ेंगे बिम्सटेक देश, पीएम मोदी ने दिया खास प्रस्ताव

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भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। इस समय सात देशों में यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है। इनमें भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, और फ्रांस शामिल हैं। अब जल्द ही बिम्सटेक मे शामिल देश भी इससे जुड़ सकते हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए यूपीआई को बिम्सटेक देशों की भुगतान प्रणालियों के साथ जोड़ने की अपील की है। इसके अलावा पीएम मोदी ने भारत में बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने समेत 21 सूत्री कार्ययोजना पेश की है।

हाल ही में थाईलैंड में संपन्न हुए छठवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों को यूपीआई से जुड़ने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में व्यापार, कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना करने, वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने और क्षेत्र में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाएं तलाशने का भी प्रस्ताव रखा।

बिम्सटेक को मजबूत करने और आपसी सहयोग बढ़ाना पर बल

मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘बिम्सटेक को मजबूत करना और आपसी सहयोग बढ़ाना बेहद जरूरी है। इस संदर्भ में मैंने विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए 21 सूत्रीय कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा है।’

मोदी ने बेंगलूरु में नवनिर्मित बिम्सटेक एनर्जी सेंटर का भी जिक्र किया, जो ऊर्जा क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। उन्होंने पूरे क्षेत्र में इलेक्ट्रिक ग्रिड इंटरकनेक्शन पर तेजी से काम करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इसके अतिरिक्त, मैं बिम्सटेक क्षेत्र में भुगतान प्रणालियों के साथ यूपीआई को जोड़ने का प्रस्ताव रखता हूं। इससे सभी स्तरों पर व्यापार, उद्योग और पर्यटन को लाभ होगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैं बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन कराने का भी सुझाव देता हूं।’

बिम्सटेक के दायरे और क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले पुल का कार्य करता है। यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि के नए रास्ते खोलने के लिए प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। पीएम मोदी ने बिम्सटेक समूह के दायरे और क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने की पहल की सराहना की। साथ ही भारत में पहली बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।

बिम्सटेक में गठन के बाद से प्रगती ना के बराबर

बिम्सटेक ने 1997 में अपने गठन के बाद से आर्थिक सहयोग या सीधे आपसी संपर्क में बहुत अधिक प्रगति नहीं की है। मौजूदा शिखर सम्मेलन में समूह में गतिशीलता लाने के तरीकों पर भी जोर दिया गया। सदस्य देशों के नेताओं ने क्षेत्र की सामूहिक समृद्धि के लिए रोड मैप वाले बैंकॉक विजन 2030 दस्तावेज को अपनाया।

बिम्सटेक भारत के नेतृत्व पर निर्भर

बिम्सटेक देशों में भारत का दबदबा कायम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समूह को पीएम मोदी की नीतियों और सोच ने बड़ा आकार दिया है। बिम्सटेक समूह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत के नेतृत्व पर निर्भर है। भारत के नेतृत्व में प्रधानमंत्री का पड़ोस पहले नीति, एक्ट ईस्ट नीति, महासागर विजन और इंडो-पैसिफिक के लिए विजन पर ध्यान समूह को गतिशीलता प्रदान करता है। भारत ने बहुपक्षीय कार्य का व्यापक अनुभव रखने वाले राजनयिक इंद्र मणि पांडे को महासचिव नियुक्त किया है। भारत ने बिम्सटेक सचिवालय को एक मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए हैं।

इसके अलावा भारत के नेतृत्व में बिम्सटेक का एजेंडा कई गुना फैला है। बिम्सटेक कार्य क्षेत्र को सात भागों में बांटा गया है। इसमें प्रत्येक देश एक भाग का नेतृत्व करता है - भारत सुरक्षा क्षेत्र का नेतृत्व करता है। अन्य खंड व्यापार, निवेश और विकास (बांग्लादेश), पर्यावरण और जलवायु (भूटान), कृषि और खाद्य सुरक्षा (म्यांमार), लोगों से लोगों का संपर्क (नेपाल), अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी और नवाचार (श्रीलंका), और कनेक्टिविटी (थाईलैंड) पर है।

थाईलैंड के बाद श्रीलंका पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें भारत के लिए कितना अहम है ये दौरा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। पीएम मोदी थाइलैंड की यात्रा खत्म करने के बाद कोलंबो पहुंचे। कोलंबो के भंडारनायके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके अलावा सैकड़ों स्थानीय लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारी बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोलंबो में भव्य स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर पीएम मोदी बैंकॉक से राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं।

10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद

पीएम मोदी का दौरा भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी में सहयोग बढ़ाने के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान भारत और श्रीलंका में 10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद है। इस दौरान रक्षा सहयोग समझौते समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा तीन और समझौतों पर भी बात हो सकती है। इनमें खासतौर से रक्षा समझौते पर नजर है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव रक्षा समझौता अहम

भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार रक्षा समझौता होने जा रहा है।यही कारण है पूरी दुनिया की निगाहें दोनों के बीच होने वाली डील पर टिकी हुई है।भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा समझौते पर माना जा रहा है कि चीन की हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है।

हंबनटोटा, हिंद महासागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों के पास स्थित है। ये बंदरगाह दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। 150 करोड़ डॉलर की लागत से बनाए गए हंबनटोटा बंदरगाह का निर्माण चीन से कर्ज लेकर किया गया था। लेकिन कर्ज चुकाने में नाकाम होने के बाद, श्रीलंका ने इसे 99 साल के लीज पर चीन को सौंप दिया। यह वही बंदरगाह है जिसे चीन अब अपनी रणनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

इसके कारण भारत और श्रीलंका के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी। अब ऐसे में भारत की इस डील के जरिए कोशिश है कि श्रीलंका में चीन के प्रभाव को कम किया जाए। इसके लिए जो भी काम करने होंगे वो किए जाएंगे।

श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है भारत

भारत श्रीलंका को चीन के कर्ज के जाल से बाहर निकालकर एक भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच एक डील होने संभावना है। दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहुक्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई समझौतों का आदान-प्रदान भी होगा। अपनी चर्चाओं के दौरान दोनों नेता मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन भी शामिल है।

मुलाकात पर मानें पर लगा दी क्लासःपीएम मोदी ने यूनुस को दी हिंदुओं की सुरक्षा और बयानबाजी से बचने की सलाह

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थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्‍मद यूनुस के बीच अहम मुलाकात हुई।शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। दोनों नेता बिम्सटेक सम्मेलन से इतर मिले। दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट बातचीत हुई।बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं पर जोर दिया। पीएम मोदी ने साथ ही बांग्लादेश को बयानबाजी बंद करने की नसीहत भी दे दी। भारत ने साथ ही बांग्लादेश को पूर्ण सहयोग और समर्थन देने का अपना वादा दोहराया।

मुहम्मद यूनुस के साथ पीएम मोदी की मुलाकात पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि बैठक के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा की चिंता का खास तौर पर जिक्र किया। मिसरी ने कहा कि पीएम मोदी ने बैठक के दौरान हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों के मुद्दे को उठाया।

मिसरी ने कहा कि भारत ने साथ ही लोकतांत्रिक, स्थायी, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश का समर्थन का वादा किया। पीएम मोदी ने इसके अलावा मोहम्मद यूनुस को तनावपूर्ण स्थिति से बचने की भी सलाह दी। प्रधानमंत्री ने अपील की कि माहौल खराब करने वाली बयानबाजी से बचा जाए। सीमा पर सख्ती से अवैध घुसपैठ को रोका जा सकता है और सीमा सुरक्षा को कायम रखा जा सकता है।

बीते साल अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। उसके बाद से मोहम्मद यूनुस ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि मोहम्मद यूनुस का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा है और उनके कार्यकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ीं। इसके चलते भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में भी खटास आई है। बीते हफ्ते ही चीन के दौरे पर मोहम्मद यूनुस ने भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आई है।

दिल्ली में कल से शुरू हो रही आयुष्मान योजना, किन अस्पतालों में होगा इलाज, कैसे करें रजिस्ट्रेशन…जानिए सबकुछ

दिल्ली में कल से आयुष्मान योजना की शुरुआत होने जा रही है. इस योजना के तहत दिल्ली के सबसे गरीब परिवारों, खासकर अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना में 10 अप्रैल तक एक लाख लोगों को शामिल किया जाएगा. दिल्ली सरकार कल केंद्र सरकार के साथ MoU साइन करेगी. इस योजना से शहर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. दिल्ली में यह योजना अब तक लागू नहीं हुई थी.

इस योजना में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, क्रिटिकल केयर ब्लॉक, एकीकृत डायग्नोस्टिक सुविधाएं, पीएमजेएवाई और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शामिल हैं. पहले चरण में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों को कार्ड जारी होंगे, फिर इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. आयुष्मान भारत योजना को एमओयू साइन होने के बाद तेजी से लागू किया जाएगा.

पहले किसे मिलेगा योजना का लाभ?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि दिल्ली सरकार की आयुष्मान भारत योजना में सबसे गरीब लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका उद्देश्य दिल्ली के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करना है. इससे मरीजों को बेहतर प्राथमिक देखभाल मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ेंगी. मरीजों के रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखे जाएंगे, जिससे बेहतर निगरानी और प्रबंधन हो सकेगा.

उन्होंने आगे कहा कि हम सबसे पहले उन लोगों को कार्ड जारी करेंगे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जिसमें अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत लाभार्थी और प्राथमिकता वाले परिवार शामिल हैं. इसके बाद हम योजना के तहत लाभार्थियों के दायरे का और विस्तार करेंगे. दिल्ली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी.

दिल्ली सरकार ने भारत सरकार के 5 लाख के अलावा 5 लाख का टॉप अप करके 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य इंश्योरेंस का टॉप अप देने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार ने 2025-26 के लिए स्वास्थ्य सेवा बजट में 48 प्रतिशत की वृद्धि की है.

दिल्ली में कितने अस्पताल

दिल्ली में अभी 70 से ज्यादा अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड चलता है. इस योजना के लागू होने के बाद इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. इन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाया जा सकता है.

कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?

आधिकारिक वेबसाइट https://pmjay.gov.in/ या https://beneficiary.nha.gov.in/ पर जाएं.

Am I Eligible पर क्लिक करें.

अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और कैप्चा कोड भरें.

आपके मोबाइल पर आए OTP से लॉगिन करें.

इसके बाद अपना आधार नंबर, राशन कार्ड नंबर या परिवार आईडी डालकर अपनी पात्रता जांचें.

पात्र होने पर Beneficiary Login या Register विकल्प चुनें.

आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें और OTP के जरिए वेरिफाई करें.

आधार नंबर और OTP के साथ ऑथेंटिकेशन करें

परिवार के उस सदस्य का चयन करें, जिसका आयुष्मान कार्ड बनवाना है.

आवश्यक जानकारी (नाम, पता, जिला आदि) भरें और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें.

फॉर्म सबमिट करें.

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), लोक सेवा केंद्र या सूचीबद्ध अस्पताल में जाएं.

वहां मौजूद आयुष्मान मित्र या कर्मचारी से संपर्क करें.

आयुष्मान योजना क्या है?

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है. 23 सितंबर 2018 को इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया था. यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में से एक है. इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है.

थाईलैंड में साथ नजर आए पीएम मोदी और यूनुस, मुलाकत के लिए मिन्नत के बीच आई दिलचस्प तस्वीर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक साथ बैठे नजर आए। ये दिलचस्प तस्वीर बैंकॉक में बिम्सटेक समूह के नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान सामने आई। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन शामिल होने के लिए थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हैं। जहां रात्रिभोज के समय पीएम मोदी के साथ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस बैठे दिखाए दिए।बिम्मसटेक शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बीच द्विपक्षीय चर्चाओं की संभावना से पहले रात्रिभोज में दोनों नेता बगल-बगल बैठे दिखाई दिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस बैंकॉक में बिम्सटेक समूह के नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक साथ बैठे नजर आये। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा ने इस भोज की मेजबानी की। यूनुस के कार्यालय ने कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिसमें चाओ फ्राया नदी के तट पर स्थित होटल 'शांगरी-ला' में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख को मोदी के बगल में बैठे देखा जा सकता है।

ये तस्वीर ऐसे समय में सामने आई है, जब कहा जा रहा है कि पीएम मोदी शुक्रवार यानी आज बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के साथ वार्ता कर सकते हैं। मोदी की यूनुस से मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हसीना के सत्ता से बाहर होने और उस देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में खटास आई है। भारत और बांग्लादेश के संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। लेकिन, शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद नई सरकार की भारत के प्रति नीति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यह मुलाकात यूनुस की हाल की चीन यात्रा की पृष्ठभूमि में भी अहम है, जहां उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं, जो भारत को पसंद नहीं आईं।

पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर भारत आने के बाद मोदी-यूनुस के बीच यह पहली मुलाकात होगी। बांग्लादेश लगातार इस कोशिश में लगा हुआ है कि पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की द्विपक्षीय मुलाकात हो जाए। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से इतर होने की संभावना है। मोहम्मद यूनुस एक जाने-माने अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत उनकी नीतियों को लेकर उत्सुक है। अगर मोदी और यूनुस की मुलाकात होती है, तो इसमें क्षेत्रीय सहयोग, व्यापार, सुरक्षा और सीमा संबंधी मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

लंबे समय से हाशिये पर रहे लोगों को सहारा मिलेगा', दोनों सदनों से वक्फ बिल पारित होने पर बोले पीएम मोदी

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वक्फ संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गई है। सरकार ने इसे पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में विस्तृत चर्चा के बाद पास कराया। संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पहली प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि इससे विशेष रूप से उन लोगों को मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर हैं।

पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। पीएम मोदी ने लिखा, 'दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय रही है। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों को नुकसान पहुंचा। संसद की ओर से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।'

पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'अब हम ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहां ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।'

वक्फ संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया। करीब 12 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद इस बिल को लोकसभा में पास किया गया था। बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े थे जबकि इसके खिलाफ 232 वोट पड़े थे। इसके बाद राज्यसभा की बारी आई है। वहां भी इस बिल पर लंबी चर्चा हुई। करीब 13 घंटे की बहस के बाद इस बिल का राज्यसभा से भी पास कर दिया गया।

राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 128 वोट जबकि इसके खिलाफ में 95 वोट पड़े। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मुहर के बाद बन यह कानून बन जाएगा।

थाईलैंड में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, थाई रामायण का मंचन देख हुए गदगद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के दौरे पर हैं। पीएम मोदी आज यानी गुरुवार को 2 दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुंचे हैं। बैंकॉक में थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री प्रसर्ट जंतररुआंगटों और उनके शीर्ष अधिकारियों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत। इस दौरान पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद थाई रामायण का मंचन देखा। यहां रामायण को रामाकेन कहा जाता है।

एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बैंकॉक के होटल पहुंचे। इस दौरान भारतीय प्रवासियों और भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि बैंकॉक में भारतीय समुदाय द्वारा गर्मजोशी से किए गए स्वागत के लिए आभारी हूं।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि भारत और थाईलैंड के बीच एक गहरा सांस्कृतिक बंधन है जो हमारे लोगों के माध्यम से फलता-फूलता रहता है। यह देखकर खुशी हुई कि यह संबंध यहां इतनी मजबूती से परिलक्षित होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामायण के थाई संस्करण रामकियेन का प्रदर्शन देखा। उन्होंने कहा कि एक ऐसा सांस्कृतिक जुड़ाव जो किसी और से नहीं मिलता। थाई रामायण, रामकियेन का एक आकर्षक प्रदर्शन देखा। यह वास्तव में समृद्ध अनुभव था जिसने भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को खूबसूरती से प्रदर्शित किया। रामायण वास्तव में एशिया के इतने सारे हिस्सों में दिलों और परंपराओं को जोड़ना जारी रखती है।

इसके बाद पीएम मोदी ने थाईलैंड की पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा से द्विपक्षीय मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की। यात्रा के दूसरे दिन यानी कल पीएम मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेंगे