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अमेरिकी हमले के बाद ईरान का पलटवार, इजराइल पर दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें

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इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है। संघर्ष विराम के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ईरान और यूरोपीय देशों के बीच हुई बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है। अब दोनों पक्षों में लगातार जारी हमलों के बीच अमेरिका भी खुलकर युद्ध में कूद गया है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर सफल हमले का दावा किया। जिसके बाद ईरान ने पलटवार किया है।

ईरान ने इजराइल पर दागीं मिसाइलें

अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागी हैं। इजराइल में धमाकों की आवाज सुनाई दी है। जगह-जगह सायरन बज रहे हैं। ईरान से प्रक्षेपित एक बैलिस्टिक मिसाइल ने हाइफा पर हमला किया। ईरानी मिसाइल हमले के चलते तेल अवीव, हाइफा, नेस जियोना, रिशोन लेजियन समेत मध्य और उत्तरी इजरायल के हिस्सों में सायरन बजने लगे और विस्फोट की आवाजें सुनी गईं। ईरान की फार्स समाचार एजेंसी ने ईरानी सशस्त्र बलों का बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि मिसाइल हमले के लक्ष्यों में में हवाई अड्डा, एक 'बॉयोलॉजिकल रिसर्च सेंटर', रसद अड्डे और कमांड और नियंत्रण केंद्रों की विभिन्न लेयर्स शामिल थीं।

हमले में कई घायल

आईडीएफ ने कहा कि ईरान की ओर से लगभग 20-30 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इजराइल सेना ने कहा है कि उसने ईरान से दागी गई मिसाइलों की पहचान कर ली है। हमारी रक्षात्मक प्रणालियां खतरे को रोकने के लिए काम कर रही हैं। जनता से आश्रय स्थलों और संरक्षित क्षेत्रों में जाने तथा अगले आदेश तक वहीं रहने को कहा गया है। हमलों में 11 लोग घायल हुए हैं।

ईरान ने दागीं 30 मिसाइलें

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, ईरान की ओर से इजरायल पर 30 मिसाइलें दागी गई हैं। हमले को ईरान के सरकारी टीवी पर दिखाया गया। ईरान के सरकारी टीवी पर इजरायल के खिलाफ मिसाइल हमले की जानकारी देते हुए एंकर ने कहा, 'आप जो लाइव तस्वीरें देख रहे हैं, वे कब्जे वाले क्षेत्रों पर दागी गई ईरानी मिसाइलों की नई बौछार की हैं।' ईरान इजरायल को कब्जे वाला क्षेत्र कहता है।

इजराइल के साथ जंग के बीच ईरान से और 290 भारतीय नागरिक लौटे, अब तक 1117 की स्वदेश वापसी

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ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। अब को इस जंग में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। तेज होते तनाव के बाद बिगड़ते हालात के बीच भारत सरकार अपने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है। भारत सरकार ने "ऑपरेशन सिंधु" चलाकर 1117 से ज़्यादा फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाया है। इस ऑपरेशन के तहत कई चरणों में लोग भारत लाए गए हैं। सरकार ने ईरान से सहयोग से इस ऑपरेशन को सफल बनाया है।

इजराइल-ईरान जंग के बिच भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा रहा है। इसी क्रम में देर रात एक विशेष उड़ान के जरिये 290 भारतीय नागरिक ईरान के मशहद शहर से भारत लौटे। सुरक्षित वतन वापसी पर भारतीय नागरिकों ने भारत सरकार का आभार जताया।

अब तक 1117 लोग सुरक्षित भारत पहुंचे

ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत के बाद अब तक 1117 लोग सुरक्षित भारत पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे पहले 110 मेडिकल छात्रों को वापस लाया गया था। 20 जून को रात 2 बैच में 407 भारतीय लौटे थे, इसके बाद रात 10:30 बजे की फ्लाइट में 190 कश्मीरी छात्रों समेत 290 लोगों की वापसी हुई थी। वहीं अब शनिवार रात को 290 नागरिकों को वापस लाया गया है। इनमें दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से भी लोग थे। इससे पहले शुक्रवार देर रात 3 बजे की फ्लाइट में 117 लोग थे।

ऑपरेशन सिंधु को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ऑपरेशन सिंधु ने गति पकड़ ली है। 290 भारतीय नागरिक ईरान से मशहद से एक विशेष उड़ान द्वारा सुरक्षित रूप से स्वदेश लौट आए हैं, जो 21 जून 2025 को 11:30 बजे नई दिल्ली में उतरी है। इसके साथ ही, 1,117 भारती।

श्रीलंकाई लोगों की भी मदद कर रहा भारत

भारत सरकार ने ना केवल अपने लोगो को खतरे से बाहर निकाला बल्कि पड़ोसी देश की भी मदद की है। भारत ने शनिवार को श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि वह ईरान में फंसे हुए श्रीलंकाई नागरिकों को भी वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करेगा। श्रीलंका ने भारत को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दोनों देशों की मजबूत दोस्ती और सहयोग का उदाहरण है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, 'हम ईरान में फंसे श्रीलंकाई नागरिकों की मदद करने के लिए भारत सरकार का दिल से धन्यवाद करते हैं।' इससे पहले, ईरान में भारतीय दूतावास ने कहा था कि वह नेपाल और श्रीलंका के निवासियों को भी निकालने में मदद करेगा, क्योंकि दोनों देशों ने भारत से यह अनुरोध किया था।

ईरान के साथ जंग में अब अमेरिका की एंट्री, तीन परमाणु केंद्रों पर किया हमला, ट्रंप बोले-ये शांति का समय है

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ईरान-इजराइल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। जिसके बाद मध्य पूर्व में इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष और विकराल होता दिख रहा है। अमेरिका ने ईरान के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए उसके तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है। यह कदम अमेरिका द्वारा गुआम में कई बी-2 स्टील्थ बॉम्बर जेट भेजने के बाद उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है।

ट्रंप ने पढ़ाया शांति का पाठ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बहुत सफल हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। प्राथमिक स्थल फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।'

ट्रंप दे रहे थे ईरान पर हमले की चेतावनी

अमेरिका जंग की शुरुआत से ही ईरान पर हमले की चेतावनी दे रहा था। इसके साथ ही खुले तौर पर इजराइल का साथ दे रहा था। पिछले दिनों ट्रंप ने साफ किया था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता है। हम जल्द ही फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है।

पहले भेजे बी-2 बॉम्बर विमान

इस हमले से कुछ ही घंटों पहले अमेरिका ने अपने बी-2 बॉम्बर विमान गुआम भेजे थे। जिसके बाद माना जा रहा था कि किसी भी वक्त ईरान इजराइल युद्ध विकराल रूप ले सकता है। इसके कुछ ही घंटों पर अमेरिका ने ईरान के 3 न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह करने का दावा किया है।

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारत पहुंचे 110 भारतीय छात्र, इजराइल के साथ जंग के बीच सरकार की बड़ी पहल

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ईरान और इजरायल के बीच में जारी जंग लगातार भीषण होती जा रही है। इजराइल जहां ईरान में राजधानी तेहरान, न्यूक्लियर साइट और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर रहा है। वहीं ईरान भी इजरायल में सैन्य ठिकानों को तबाह करने में लगा है। जंग के बीच हजारों भारतीय ईरान और इजरायल में फंसे हुए हैं। अकेले ईरान में ही 10 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं जिनमें आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। भारत सरकार ने युद्ध के बीच से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु लॉन्च किया है।

110 भारतीय छात्रों का पहला बैच ईरान से लौट

ऑपरेशन सिंधु के तहत 110 भारतीय छात्रों का पहला बैच ईरान से लौट आया है। 110 से छात्रों को युद्धग्रस्त ईरान से आर्मेनिया ले जाया गया था। इसके बाद उनकी फ्लाइट गुरुवार तड़के दिल्ली में उतरी। भारतीय स्टूडेंट्स को लेकर ईरान से आया विमान आज तड़के दिल्ली लैंड किया। 110 छात्रों ने मंगलवार को भारतीय दूतावास की ओर से की गई व्यवस्था के तहत ‘ऑपरेशन सिंधु’ के अंतर्गत आर्मेनिया की सीमा पार की थी।

वापस लौटे छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से लौटे 110 छात्रों को लेकर इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट देर रात 3 बजकर 43 मिनट पर दिल्ली लैंड हुई। इन 110 छात्रों में 94 जम्मू-कश्मीर से हैं जबकि 16 लोग अन्य 6 राज्यों से है। ईरान से लौटने वाले छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल हैं। सकुशल देश वापस आने के बाद इन छात्रों के चेहरे पर खुशी का साफ झलक रही थी

जंग के बीच लौट रहे छात्र

इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध ने मिडिल ईस्ट में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। हालिया हमलों और जवाबी कार्रवाई से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है, जिसमें आम नागरिकों और विदेशी नागरिकों की जान खतरे में पड़ गई है। ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई इलाकों में मिसाइल और ड्रोन हमले हो रहे हैं। इसी संघर्ष के चलते भारत सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुरू किया है।

ईरान से लौटे भारतीय छात्रों ने ईरान के हालात बयां किए। ये सभी छात्र ईरान के उर्मिया से लौटे हैं। सभी छात्र उर्मिया यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि हालत बेहद खराब है और उम्मीद जताई कि हालत ठीक होंगे और उनकी पढ़ाई फिर से जारी हो सकेगी।

मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, अब ईरान ने इजरायल पर 150 मिसाइल से किया हमला

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मिडिल ईस्ट इस वक्त गंभीर उथल-पुथल से गुजर रहा है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती जंग की स्थिति ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया है। दोनों देश अब युद्ध के कगार पर हैं। पहले इजराइल ने हमला कर जंग की शुरुआत की तो ईरान ने भी जवाबी हमले किए। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर ताबड़तोड़ हमले किए थे। इसके जवाब में ईरान ने शनिवार सुबह इजरायल पर मिसाइल हमले किए, जिसमें विशेष रूप से इजरायल के उत्तरी क्षेत्र को निशाना बनाया गया।

ईरान ने इजराइल की मदद करने वाले देशों के चेताया

इजराइल ने शुक्रवार को ईरानी परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला करके जंग की शुरुआत की। इस हमले में 70 से ज्यादा लोगों की मौत और 350 से ज्यादा घायल हुए। जवाब में ईरान ने भी 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 6 सीधे तेल अवीव के दिल में आ गिरीं। ईरान के हमले को देखते हुए इजरायल के उत्तरी क्षेत्र में सायरन बजने लगे हैं और वहां की सरकार ने लोगों से बंकरों में शरण लेने का आग्रह किया है। वहीं ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर कोई देश इजराइल की मदद करेगा, तो उसके क्षेत्रीय सैन्य अड्डे भी निशाने पर होंगे, जो सीधे अमेरिका को धमकी मानी जा रही है।

ईरानी रॉकेट से एक की मौत, 20 से ज्यादा घायल

ईरान के रॉकेट हमले ने तेल अवीव के दक्षिण में रिशोन लेज़ियोन के रिहायशी इलाके को निशाना बनाया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इजरायल की आपातकालीन सेवाओं ने बताया कि मलबे में कई लोग फँसे थे, और बचाव कार्य जारी है। मौके पर भारी संख्या में पैरामेडिक्स तैनात हैं।

इजराइल ने भी की जवाबी कार्रवाई

इजरायली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की और दावा किया कि उसने ईरान के दो प्रमुख एयरबेस पर हमला कर दिया है। इस हमले से पहले इजरायल ने ईरान के सैन्य कमांडरों और न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दुनिया के सामने यह कहते हुए अपना स्टैंड रखा कि यह सिर्फ इजराइल की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि ईरानी जनता की आज़ादी के लिए भी है। उन्होंने ईरानी लोगों से अपील की कि वे अब इस्लामिक शासन के खिलाफ आवाज उठाएं।

न्यूक्लियर डील करो वरना और होगी तबाही', ईरान को ट्रंप की धमकी

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इजराइल ने ईरान पर बड़ा हमला किया। इजरायल के हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि 'कुछ भी न बचे' उससे पहले ईरान जल्द से जल्द परमाणु समझौते के लिए तैयार हो जाए। 

आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा-ट्रंप

ट्रंप ने एक पोस्ट में कहा, मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए। मैंने ईरान से सख्त शब्दों में कहा, बस करो लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वो कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, वो इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने ये भी कहा कि अमेरिका दुनिया में अब तक के सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है और इजराइल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है। आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा।

एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी ना बचे-ट्रंप

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, पहले से ही बहुत सारी मौतें और विनाश हो चुके हैं, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमले और भी क्रूर हैं। उन्होंने कहा, ईरान को एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए।

उन्हें पता नहीं था कि क्या होने वाला है-ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा, कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला था। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर हो जाएगा! पहले से ही बहुत ज़्यादा मौतें और विनाश हो चुका है, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमलों के साथ और भी ज़्यादा क्रूर। अब और मौत नहीं, और विनाश नहीं, बस करो, इससे पहले कि यह हो जाए बहुत देर हो चुकी है। भगवान आप सबका भला करे!

अब मिडिल ईस्ट में युद्ध का आगाजः इजराइल ने ईरान पर किए हमले, नेतन्याहू बोले- हमने खतरे को कम किया

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दुनिया में अब एक और जंग की शुरुआत हो गई है। मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच तनाव ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजरायल और ईरान अब आपस में भिड़ चुके हैं। इजराइल ने शुक्रवार को ईरान पर बम बरसाए। राजधानी तेहरान में सुबह ही धुएं के बादल छा गए और कई जगह विस्फोट हुए। इजराइल ने अटैक के बाद दावा किया है कि उसने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है।

ईरान के आर्मी चीफ को भी मार गिराया

इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों और न्यूक्लियर ठिकानों पर आज यानी शुक्रवार की सुबह हमला किया। इसके बाद ईरान में खलबली मच गई। इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर साइट्स और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर तेहरान में कई हमले किए। इसके बाद तेहरान में एयरस्पेस को बंद कर दिया गया। ईरान सरकार ने देशभर में इमरजेंसी लागू कर दी है। माना जा रहा है कि इजरायल के हमले में ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इजरायल ने ईरान के आर्मी चीफ, आईआरजीसी चीफ और टॉप न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को मार गिराया है।

ईरान को करारा सबक सिखाया- नेतन्याहू

ईरान पर किए गए हमले की इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि हमारे हमले का उद्देश्य ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के खतरे को कम करना है। हमें उम्मीद है कि ईरान को करारा सबक सिखाया गया है। उम्मीद है कि यह अब दोबारा नहीं होगा।

ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू

नेतन्याहू ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इजराइल ने ईरानी ठिकानों पर हमला किया है। कुछ ही समय पहले इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया, जो इजराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करने के लिए सैन्य अभियान था। उन्होंने कहा कि यह मिशन खतरे को खत्म करने के लिए जितने दिन लगेंगे, उतने दिन तक जारी रहेगा।

खामनोई ने दी अंजाम भुगतने की धमकी

इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। ईरान के सुप्रीम लीडर यानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश पर हमले के लिए इजराइल को ‘कड़ी सज़ा’ दी जाएगी। ईरान की सरकारी सामाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने खामनेई के बयान को जारी किया। इसने पुष्टि की कि हमले में सेना के शीर्ष अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं। खामनेई ने कहा कि उनके देश में हुए इस अपराध में ‘‘इजराइल के शैतानी और रक्त-रंजित हाथ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल ने आवासीय इलाकों पर हमला करके अपनी दुर्भावनापूर्ण प्रकृति को उजागर किया है।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

*Emami East Bengal FC defeat Sribhumi FC 4-2 on penalties to reclaim the CWFL(Kanyashree Cup)title*

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Khabar kolkata sports Desk: Emami East Bengal FC defeated defending champions Sribhumi FC 4-2 on penalties in the final of the 2025 Calcutta Women's Football League (Kanyashree Cup) at the Kishore Bharati Krirangan yesterday, after a 1-1 draw in regulation time.

Under Coach Anthony Andrews' stewardship, the Red & Gold women have completed a domestic double this season, winning the club's maiden Indian Women's League title in April and third CWFL title yesterday.

It was the third consecutive CWFL final between both sides. While EEB Women defeated Sribhumi 1-0 in the 2022-2023 CWFL final, Sribhumi defeated EEB Women 2-1 in last year's CWFL final at Kishore Bharati Krirangan.

After an intense first half ended goalless, Sulanjana Raul earned EEB Women the lead in the 49th minute.

The young forward latched on to a free-kick from Karthika Angamuthu from the left and scored with a low-driven volley from the middle of the box.

However, EEB's lead didn't last long as Rimpa Halder pulled one back for Sribhumi to level the score.

Both teams pushed hard to regain the lead, but were unable to convert the chances that came their way as the game headed to a penalty shootout.

EEB goalkeeper Mamani Das made two crucial saves in the tie-breaker as EEB Women held their nerves and converted four of their five shots, eventually winning the game 4-2 on penalties. Karthika Angamuthu, Sarita Yummam, Deblina Bhattacharya and Sulanjana Raul converted the penalty kicks for EEB Women.

EEB Women's CWFL 2025 records at a glance:

Most goals scored in the league - 45

Highest goal difference in the league - 38

EEB Women's top scorer in the league - Karthika Angamuthu (7 goals)

5 clean sheets in the league.

Pic Courtesy by: Emami East Bengal FC

*Asia’s oldest football tournament now in five states as Imphal makes a comeback*

Sports

134th IndianOil Durand Cup

Sports Desk: Asia’s oldest football tournament, the IndianOil Durand Cup, will be back with its 134th Edition and for the first time in its storied history, be hosted in as many as five states with Manipur’s capital Imphal, making a comeback after a two-year gap. The Durand Cup Organising Committee also announced the dates for this year’s tournament to be between July 22- August 23, 2025.

Kokrajhar in Assam will extend their status as Durand Cup hosts for the third consecutive year while Jamshedpur in Jharkhand and Shillong in Meghalaya were added as hosts last year. The century-old tournament shifted its home base to Kolkata – the Mecca of Indian Football, and the capital of West Bengal, from Delhi back in 2019, and, will also continue to hold that status for a sixth consecutive edition.

Since its transition to the East, the Durand Cup has reinstated itself as the country’s premiere competition, growing from 16 teams to 24 teams, including participation from all the Indian Super League (ISL) teams.

Organised by the Eastern Command of the Indian Army on behalf of the three Services, the tournament is unique in the sense that it pits Services teams against India’s best football clubs and over the past couple of editions, has also seen foreign participation with Army teams from neighbouring nations.

The Indian Army’s stated vision of expanding the reach of the historic tournament throughout the East and North-East is also now fully reflected with the choice of host cities this year.

A total of six venues, two in Kolkata (Vivekananda Yuba Bharati Krirangan and Kishore Bharti Krirangan) and one each in Imphal (Khuman Lampak stadium), Ranchi (Morhabadi Stadium) or Jamshedpur (JRD Tata Sports Complex), Shillong (Jawahar Lal Nehru Stadium) and Kokrajhar (SAI Stadium) have been earmarked for the 134th IndianOil Durand Cup edition.

North East United FC are the defending champions having overcome maximum title-holders Mohun Bagan, in a thrilling final last year to get their historic maiden title.

Pic Courtesy by: Durand football society

अमेरिकी हमले के बाद ईरान का पलटवार, इजराइल पर दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें

#iranmissilestrikes_israel

इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है। संघर्ष विराम के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ईरान और यूरोपीय देशों के बीच हुई बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है। अब दोनों पक्षों में लगातार जारी हमलों के बीच अमेरिका भी खुलकर युद्ध में कूद गया है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर सफल हमले का दावा किया। जिसके बाद ईरान ने पलटवार किया है।

ईरान ने इजराइल पर दागीं मिसाइलें

अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागी हैं। इजराइल में धमाकों की आवाज सुनाई दी है। जगह-जगह सायरन बज रहे हैं। ईरान से प्रक्षेपित एक बैलिस्टिक मिसाइल ने हाइफा पर हमला किया। ईरानी मिसाइल हमले के चलते तेल अवीव, हाइफा, नेस जियोना, रिशोन लेजियन समेत मध्य और उत्तरी इजरायल के हिस्सों में सायरन बजने लगे और विस्फोट की आवाजें सुनी गईं। ईरान की फार्स समाचार एजेंसी ने ईरानी सशस्त्र बलों का बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि मिसाइल हमले के लक्ष्यों में में हवाई अड्डा, एक 'बॉयोलॉजिकल रिसर्च सेंटर', रसद अड्डे और कमांड और नियंत्रण केंद्रों की विभिन्न लेयर्स शामिल थीं।

हमले में कई घायल

आईडीएफ ने कहा कि ईरान की ओर से लगभग 20-30 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इजराइल सेना ने कहा है कि उसने ईरान से दागी गई मिसाइलों की पहचान कर ली है। हमारी रक्षात्मक प्रणालियां खतरे को रोकने के लिए काम कर रही हैं। जनता से आश्रय स्थलों और संरक्षित क्षेत्रों में जाने तथा अगले आदेश तक वहीं रहने को कहा गया है। हमलों में 11 लोग घायल हुए हैं।

ईरान ने दागीं 30 मिसाइलें

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, ईरान की ओर से इजरायल पर 30 मिसाइलें दागी गई हैं। हमले को ईरान के सरकारी टीवी पर दिखाया गया। ईरान के सरकारी टीवी पर इजरायल के खिलाफ मिसाइल हमले की जानकारी देते हुए एंकर ने कहा, 'आप जो लाइव तस्वीरें देख रहे हैं, वे कब्जे वाले क्षेत्रों पर दागी गई ईरानी मिसाइलों की नई बौछार की हैं।' ईरान इजरायल को कब्जे वाला क्षेत्र कहता है।

इजराइल के साथ जंग के बीच ईरान से और 290 भारतीय नागरिक लौटे, अब तक 1117 की स्वदेश वापसी

#1117indiancitizensevacuatedsafelyfromiran

ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। अब को इस जंग में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। तेज होते तनाव के बाद बिगड़ते हालात के बीच भारत सरकार अपने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है। भारत सरकार ने "ऑपरेशन सिंधु" चलाकर 1117 से ज़्यादा फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाया है। इस ऑपरेशन के तहत कई चरणों में लोग भारत लाए गए हैं। सरकार ने ईरान से सहयोग से इस ऑपरेशन को सफल बनाया है।

इजराइल-ईरान जंग के बिच भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा रहा है। इसी क्रम में देर रात एक विशेष उड़ान के जरिये 290 भारतीय नागरिक ईरान के मशहद शहर से भारत लौटे। सुरक्षित वतन वापसी पर भारतीय नागरिकों ने भारत सरकार का आभार जताया।

अब तक 1117 लोग सुरक्षित भारत पहुंचे

ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत के बाद अब तक 1117 लोग सुरक्षित भारत पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे पहले 110 मेडिकल छात्रों को वापस लाया गया था। 20 जून को रात 2 बैच में 407 भारतीय लौटे थे, इसके बाद रात 10:30 बजे की फ्लाइट में 190 कश्मीरी छात्रों समेत 290 लोगों की वापसी हुई थी। वहीं अब शनिवार रात को 290 नागरिकों को वापस लाया गया है। इनमें दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से भी लोग थे। इससे पहले शुक्रवार देर रात 3 बजे की फ्लाइट में 117 लोग थे।

ऑपरेशन सिंधु को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ऑपरेशन सिंधु ने गति पकड़ ली है। 290 भारतीय नागरिक ईरान से मशहद से एक विशेष उड़ान द्वारा सुरक्षित रूप से स्वदेश लौट आए हैं, जो 21 जून 2025 को 11:30 बजे नई दिल्ली में उतरी है। इसके साथ ही, 1,117 भारती।

श्रीलंकाई लोगों की भी मदद कर रहा भारत

भारत सरकार ने ना केवल अपने लोगो को खतरे से बाहर निकाला बल्कि पड़ोसी देश की भी मदद की है। भारत ने शनिवार को श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि वह ईरान में फंसे हुए श्रीलंकाई नागरिकों को भी वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करेगा। श्रीलंका ने भारत को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दोनों देशों की मजबूत दोस्ती और सहयोग का उदाहरण है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, 'हम ईरान में फंसे श्रीलंकाई नागरिकों की मदद करने के लिए भारत सरकार का दिल से धन्यवाद करते हैं।' इससे पहले, ईरान में भारतीय दूतावास ने कहा था कि वह नेपाल और श्रीलंका के निवासियों को भी निकालने में मदद करेगा, क्योंकि दोनों देशों ने भारत से यह अनुरोध किया था।

ईरान के साथ जंग में अब अमेरिका की एंट्री, तीन परमाणु केंद्रों पर किया हमला, ट्रंप बोले-ये शांति का समय है

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ईरान-इजराइल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। जिसके बाद मध्य पूर्व में इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष और विकराल होता दिख रहा है। अमेरिका ने ईरान के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए उसके तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है। यह कदम अमेरिका द्वारा गुआम में कई बी-2 स्टील्थ बॉम्बर जेट भेजने के बाद उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है।

ट्रंप ने पढ़ाया शांति का पाठ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बहुत सफल हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। प्राथमिक स्थल फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।'

ट्रंप दे रहे थे ईरान पर हमले की चेतावनी

अमेरिका जंग की शुरुआत से ही ईरान पर हमले की चेतावनी दे रहा था। इसके साथ ही खुले तौर पर इजराइल का साथ दे रहा था। पिछले दिनों ट्रंप ने साफ किया था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता है। हम जल्द ही फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है।

पहले भेजे बी-2 बॉम्बर विमान

इस हमले से कुछ ही घंटों पहले अमेरिका ने अपने बी-2 बॉम्बर विमान गुआम भेजे थे। जिसके बाद माना जा रहा था कि किसी भी वक्त ईरान इजराइल युद्ध विकराल रूप ले सकता है। इसके कुछ ही घंटों पर अमेरिका ने ईरान के 3 न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह करने का दावा किया है।

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारत पहुंचे 110 भारतीय छात्र, इजराइल के साथ जंग के बीच सरकार की बड़ी पहल

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ईरान और इजरायल के बीच में जारी जंग लगातार भीषण होती जा रही है। इजराइल जहां ईरान में राजधानी तेहरान, न्यूक्लियर साइट और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर रहा है। वहीं ईरान भी इजरायल में सैन्य ठिकानों को तबाह करने में लगा है। जंग के बीच हजारों भारतीय ईरान और इजरायल में फंसे हुए हैं। अकेले ईरान में ही 10 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं जिनमें आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। भारत सरकार ने युद्ध के बीच से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु लॉन्च किया है।

110 भारतीय छात्रों का पहला बैच ईरान से लौट

ऑपरेशन सिंधु के तहत 110 भारतीय छात्रों का पहला बैच ईरान से लौट आया है। 110 से छात्रों को युद्धग्रस्त ईरान से आर्मेनिया ले जाया गया था। इसके बाद उनकी फ्लाइट गुरुवार तड़के दिल्ली में उतरी। भारतीय स्टूडेंट्स को लेकर ईरान से आया विमान आज तड़के दिल्ली लैंड किया। 110 छात्रों ने मंगलवार को भारतीय दूतावास की ओर से की गई व्यवस्था के तहत ‘ऑपरेशन सिंधु’ के अंतर्गत आर्मेनिया की सीमा पार की थी।

वापस लौटे छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से लौटे 110 छात्रों को लेकर इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट देर रात 3 बजकर 43 मिनट पर दिल्ली लैंड हुई। इन 110 छात्रों में 94 जम्मू-कश्मीर से हैं जबकि 16 लोग अन्य 6 राज्यों से है। ईरान से लौटने वाले छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल हैं। सकुशल देश वापस आने के बाद इन छात्रों के चेहरे पर खुशी का साफ झलक रही थी

जंग के बीच लौट रहे छात्र

इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध ने मिडिल ईस्ट में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। हालिया हमलों और जवाबी कार्रवाई से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है, जिसमें आम नागरिकों और विदेशी नागरिकों की जान खतरे में पड़ गई है। ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई इलाकों में मिसाइल और ड्रोन हमले हो रहे हैं। इसी संघर्ष के चलते भारत सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुरू किया है।

ईरान से लौटे भारतीय छात्रों ने ईरान के हालात बयां किए। ये सभी छात्र ईरान के उर्मिया से लौटे हैं। सभी छात्र उर्मिया यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि हालत बेहद खराब है और उम्मीद जताई कि हालत ठीक होंगे और उनकी पढ़ाई फिर से जारी हो सकेगी।

मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, अब ईरान ने इजरायल पर 150 मिसाइल से किया हमला

#middleeastisraeliranwar

मिडिल ईस्ट इस वक्त गंभीर उथल-पुथल से गुजर रहा है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती जंग की स्थिति ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया है। दोनों देश अब युद्ध के कगार पर हैं। पहले इजराइल ने हमला कर जंग की शुरुआत की तो ईरान ने भी जवाबी हमले किए। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर ताबड़तोड़ हमले किए थे। इसके जवाब में ईरान ने शनिवार सुबह इजरायल पर मिसाइल हमले किए, जिसमें विशेष रूप से इजरायल के उत्तरी क्षेत्र को निशाना बनाया गया।

ईरान ने इजराइल की मदद करने वाले देशों के चेताया

इजराइल ने शुक्रवार को ईरानी परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला करके जंग की शुरुआत की। इस हमले में 70 से ज्यादा लोगों की मौत और 350 से ज्यादा घायल हुए। जवाब में ईरान ने भी 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 6 सीधे तेल अवीव के दिल में आ गिरीं। ईरान के हमले को देखते हुए इजरायल के उत्तरी क्षेत्र में सायरन बजने लगे हैं और वहां की सरकार ने लोगों से बंकरों में शरण लेने का आग्रह किया है। वहीं ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर कोई देश इजराइल की मदद करेगा, तो उसके क्षेत्रीय सैन्य अड्डे भी निशाने पर होंगे, जो सीधे अमेरिका को धमकी मानी जा रही है।

ईरानी रॉकेट से एक की मौत, 20 से ज्यादा घायल

ईरान के रॉकेट हमले ने तेल अवीव के दक्षिण में रिशोन लेज़ियोन के रिहायशी इलाके को निशाना बनाया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इजरायल की आपातकालीन सेवाओं ने बताया कि मलबे में कई लोग फँसे थे, और बचाव कार्य जारी है। मौके पर भारी संख्या में पैरामेडिक्स तैनात हैं।

इजराइल ने भी की जवाबी कार्रवाई

इजरायली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की और दावा किया कि उसने ईरान के दो प्रमुख एयरबेस पर हमला कर दिया है। इस हमले से पहले इजरायल ने ईरान के सैन्य कमांडरों और न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दुनिया के सामने यह कहते हुए अपना स्टैंड रखा कि यह सिर्फ इजराइल की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि ईरानी जनता की आज़ादी के लिए भी है। उन्होंने ईरानी लोगों से अपील की कि वे अब इस्लामिक शासन के खिलाफ आवाज उठाएं।

न्यूक्लियर डील करो वरना और होगी तबाही', ईरान को ट्रंप की धमकी

#donaldtrumpwarns_iran

इजराइल ने ईरान पर बड़ा हमला किया। इजरायल के हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि 'कुछ भी न बचे' उससे पहले ईरान जल्द से जल्द परमाणु समझौते के लिए तैयार हो जाए। 

आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा-ट्रंप

ट्रंप ने एक पोस्ट में कहा, मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए। मैंने ईरान से सख्त शब्दों में कहा, बस करो लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वो कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, वो इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने ये भी कहा कि अमेरिका दुनिया में अब तक के सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है और इजराइल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है। आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा।

एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी ना बचे-ट्रंप

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, पहले से ही बहुत सारी मौतें और विनाश हो चुके हैं, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमले और भी क्रूर हैं। उन्होंने कहा, ईरान को एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए।

उन्हें पता नहीं था कि क्या होने वाला है-ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा, कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला था। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर हो जाएगा! पहले से ही बहुत ज़्यादा मौतें और विनाश हो चुका है, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमलों के साथ और भी ज़्यादा क्रूर। अब और मौत नहीं, और विनाश नहीं, बस करो, इससे पहले कि यह हो जाए बहुत देर हो चुकी है। भगवान आप सबका भला करे!

अब मिडिल ईस्ट में युद्ध का आगाजः इजराइल ने ईरान पर किए हमले, नेतन्याहू बोले- हमने खतरे को कम किया

#middleeastisraeliranwar

दुनिया में अब एक और जंग की शुरुआत हो गई है। मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच तनाव ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजरायल और ईरान अब आपस में भिड़ चुके हैं। इजराइल ने शुक्रवार को ईरान पर बम बरसाए। राजधानी तेहरान में सुबह ही धुएं के बादल छा गए और कई जगह विस्फोट हुए। इजराइल ने अटैक के बाद दावा किया है कि उसने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है।

ईरान के आर्मी चीफ को भी मार गिराया

इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों और न्यूक्लियर ठिकानों पर आज यानी शुक्रवार की सुबह हमला किया। इसके बाद ईरान में खलबली मच गई। इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर साइट्स और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर तेहरान में कई हमले किए। इसके बाद तेहरान में एयरस्पेस को बंद कर दिया गया। ईरान सरकार ने देशभर में इमरजेंसी लागू कर दी है। माना जा रहा है कि इजरायल के हमले में ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इजरायल ने ईरान के आर्मी चीफ, आईआरजीसी चीफ और टॉप न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को मार गिराया है।

ईरान को करारा सबक सिखाया- नेतन्याहू

ईरान पर किए गए हमले की इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि हमारे हमले का उद्देश्य ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के खतरे को कम करना है। हमें उम्मीद है कि ईरान को करारा सबक सिखाया गया है। उम्मीद है कि यह अब दोबारा नहीं होगा।

ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू

नेतन्याहू ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इजराइल ने ईरानी ठिकानों पर हमला किया है। कुछ ही समय पहले इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया, जो इजराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करने के लिए सैन्य अभियान था। उन्होंने कहा कि यह मिशन खतरे को खत्म करने के लिए जितने दिन लगेंगे, उतने दिन तक जारी रहेगा।

खामनोई ने दी अंजाम भुगतने की धमकी

इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। ईरान के सुप्रीम लीडर यानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश पर हमले के लिए इजराइल को ‘कड़ी सज़ा’ दी जाएगी। ईरान की सरकारी सामाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने खामनेई के बयान को जारी किया। इसने पुष्टि की कि हमले में सेना के शीर्ष अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं। खामनेई ने कहा कि उनके देश में हुए इस अपराध में ‘‘इजराइल के शैतानी और रक्त-रंजित हाथ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल ने आवासीय इलाकों पर हमला करके अपनी दुर्भावनापूर्ण प्रकृति को उजागर किया है।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

*Emami East Bengal FC defeat Sribhumi FC 4-2 on penalties to reclaim the CWFL(Kanyashree Cup)title*

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Khabar kolkata sports Desk: Emami East Bengal FC defeated defending champions Sribhumi FC 4-2 on penalties in the final of the 2025 Calcutta Women's Football League (Kanyashree Cup) at the Kishore Bharati Krirangan yesterday, after a 1-1 draw in regulation time.

Under Coach Anthony Andrews' stewardship, the Red & Gold women have completed a domestic double this season, winning the club's maiden Indian Women's League title in April and third CWFL title yesterday.

It was the third consecutive CWFL final between both sides. While EEB Women defeated Sribhumi 1-0 in the 2022-2023 CWFL final, Sribhumi defeated EEB Women 2-1 in last year's CWFL final at Kishore Bharati Krirangan.

After an intense first half ended goalless, Sulanjana Raul earned EEB Women the lead in the 49th minute.

The young forward latched on to a free-kick from Karthika Angamuthu from the left and scored with a low-driven volley from the middle of the box.

However, EEB's lead didn't last long as Rimpa Halder pulled one back for Sribhumi to level the score.

Both teams pushed hard to regain the lead, but were unable to convert the chances that came their way as the game headed to a penalty shootout.

EEB goalkeeper Mamani Das made two crucial saves in the tie-breaker as EEB Women held their nerves and converted four of their five shots, eventually winning the game 4-2 on penalties. Karthika Angamuthu, Sarita Yummam, Deblina Bhattacharya and Sulanjana Raul converted the penalty kicks for EEB Women.

EEB Women's CWFL 2025 records at a glance:

Most goals scored in the league - 45

Highest goal difference in the league - 38

EEB Women's top scorer in the league - Karthika Angamuthu (7 goals)

5 clean sheets in the league.

Pic Courtesy by: Emami East Bengal FC

*Asia’s oldest football tournament now in five states as Imphal makes a comeback*

Sports

134th IndianOil Durand Cup

Sports Desk: Asia’s oldest football tournament, the IndianOil Durand Cup, will be back with its 134th Edition and for the first time in its storied history, be hosted in as many as five states with Manipur’s capital Imphal, making a comeback after a two-year gap. The Durand Cup Organising Committee also announced the dates for this year’s tournament to be between July 22- August 23, 2025.

Kokrajhar in Assam will extend their status as Durand Cup hosts for the third consecutive year while Jamshedpur in Jharkhand and Shillong in Meghalaya were added as hosts last year. The century-old tournament shifted its home base to Kolkata – the Mecca of Indian Football, and the capital of West Bengal, from Delhi back in 2019, and, will also continue to hold that status for a sixth consecutive edition.

Since its transition to the East, the Durand Cup has reinstated itself as the country’s premiere competition, growing from 16 teams to 24 teams, including participation from all the Indian Super League (ISL) teams.

Organised by the Eastern Command of the Indian Army on behalf of the three Services, the tournament is unique in the sense that it pits Services teams against India’s best football clubs and over the past couple of editions, has also seen foreign participation with Army teams from neighbouring nations.

The Indian Army’s stated vision of expanding the reach of the historic tournament throughout the East and North-East is also now fully reflected with the choice of host cities this year.

A total of six venues, two in Kolkata (Vivekananda Yuba Bharati Krirangan and Kishore Bharti Krirangan) and one each in Imphal (Khuman Lampak stadium), Ranchi (Morhabadi Stadium) or Jamshedpur (JRD Tata Sports Complex), Shillong (Jawahar Lal Nehru Stadium) and Kokrajhar (SAI Stadium) have been earmarked for the 134th IndianOil Durand Cup edition.

North East United FC are the defending champions having overcome maximum title-holders Mohun Bagan, in a thrilling final last year to get their historic maiden title.

Pic Courtesy by: Durand football society