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जम्मू कश्मीर में रहस्यमय बीमारीःअबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक रहस्यमय बीमारी ने दहशत फैला रखा है। हालात कोरोना काल जैसे हो गए हैं। इस रहस्यमय बीमारी के कारण एक गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।

बीएनएस धारा 163 के तहत आदेश जारी

राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।

गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया

• पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

• दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।

• तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।

44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत

यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत हुई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

रोहिंग्याओं पर कश्मीर में मची रार, प्रशासन ने काटे घुसपैठियों के घरों के बिजली-पानी कनेक्शन, नेकां ने समर्थन में उठायी आवाज

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जम्मू में रोहिंग्याओं को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। जम्मू में रोहिंग्या आबादी में वृद्धि का संकेत देने वाली खुफिया रिपोर्टों के बाद रोहिंग्याओं के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक रुख अपनाए है। बीजेपी ने इस मामले में नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस को घेरा है। साथ ही रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकालने के साथ इन्हें यहां बसाने वालों के खिलाफ जांच की मांग उठा रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है।

एक दिन पहले भाजपा ने जम्मू में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों के बसाए जाने को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ बताया था। भाजपा ने कहा था कि जो लोग ऐसा होने दे रहे हैं, उनकी पहचान करने के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि भाजपा उपराज्यपाल से सीबीआई जांच शुरू करने और इस साजिश की व्यापक जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह करेगी। यह पता लगाया जाना चाहिए कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों को लाकर जम्मू में किसने बसाया, और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और जेल सहित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

सेठी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों का बसना उसी समय शुरू हुआ जब 1990 के दशक में इस क्षेत्र में आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसके पीछे सभी ताकतों को बेनकाब किया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। भाजपा उन लोगों की निंदा करती है जो धार्मिक आधार पर इन व्यक्तियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने रोहिंग्याओं को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इन संगठनों के लिए धन के स्रोतों पर सवाल उठाया।

सेठी ने कहा कि बीजेपि लगातार सवाल उठा रही है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से भारतीय सीमा में कैसे घुसे, हजारों किलोमीटर का सफर करके और आधा दर्जन राज्यों को पार कर जम्मू में कैसे बसे। सेठी ने दावा किया कि यह पाकिस्तान से लगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जम्मू में इन शरणार्थियों को बसाने की साजिश है। देश को यह जानना चाहिए कि कौन सी ताकतें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रही हैं। सेठी ने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले भारतीय जम्मू-कश्मीर में बस नहीं सकते, लेकिन इन अवैध प्रवासियों को सिर्फ धर्म के आधार पर वहां बसने दिया गया है। यह लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इन्हें राजनीतिक साजिश के तहत वोट बैंक बनाने के लिए बसाया गया।

बता दें कि जम्मू और आसपास के शहरों में लगातार रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़कर 13,700 से अधिक हो गई है। रोहिंग्या जम्मू के दूर-दराज के पहाड़ी जिलों तक पहुंचने में भी कामयाब हो गए हैं। अब जम्मू में रोहिंग्याओं की जनगणना हो रही है। इसी क्रम में रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं।

वहीं, नेकां रोहिंग्याओं के समर्थन में डटी दिख रही है।बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें भूख और ठंड से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है। हम उन्हें यहां नहीं लाए। सरकार ने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं, ये हमारी ड्यूटी है कि उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराएं।

*Bengal outclass Nagaland by innings & 206 runs in Cooch Behar Trophy*

Sports News 

 

Khabar kolkata sports Desk: A dominant all-round performance powered Bengal Under-19 team to a stunning innings and 206-run victory over Nagaland in their Cooch Behar Trophy match in Sovima on Friday. 

After four back-to-back victories, Bengal, with 27 points, are on top of Elite Group B.

Debutant Soumyadip Manna (99), Vishal Bhati (6-2), Rohit (3-8, 2-13), Debangshu Pakhira (1-1, 2-17), debutant Shivamm Bharati (3-16) and Aditya Roy (64) were the star performers for Bengal.

After bowling out Nagaland for just 40, Bengal posted 305/7 decl. to bag a huge first innings lead.

Nagaland, in their second innings, were bundled out for 59 to hand a massive victory to the visitors in the morning of the second day. 

Bengal next face Jammu and Kashmir in their final group-stage match from December 6.

 Pic Courtesy by:CAB

*Bengal outclass J&K by 141 runs in Women’s U-15 One Day meet*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: Bengal displayed a brilliant all-round performance to outclass Jammu & Kashmir by 141 runs and begin their Women’s Under-15 One Day Trophy campaign on a winning note on Thursday.

Skipper Sandipta Patra (89 not out off 65), Ishita Saha (33), Nilanjana Barik (26), Snighda Bag (3-15), Ritu Gayen (2-6), Remondina Khatun (1-6), Aradhya Kumari Tiwary (1-8) and Debjani Das (1-12) were the star performers for Bengal.

Batting first, Bengal scored 212/6 in 35 overs. In reply, J&K were bundled out for just 71 in 22.5 overs.

Pic Courtesy by: CAB

370 అధికరణపై మోదీ స్ట్రాంగ్ వార్నింగ్

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు.

జమ్మూకశ్మీర్‌ (Jammu and Kashmir)లో కేంద్రం రద్దు చేసిన 370వ అధికరణ (Article 370)ను దేశంలోని ఏ శక్తి పునరుద్ధరించ లేదని ప్రధాన మంత్రి నరేంద్ర మోదీ (Narendra Modi) తెగేసి చెప్పారు. కేంద్ర పాలిత ప్రాంతంలో (జమ్మూకశ్మీర్) కాంగ్రెస్ పార్టీ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ఓటర్లు గుర్తించాలని హెచ్చరించారు. మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు. జమ్మూకశ్మీర్‌కు స్వయం ప్రతిపత్తిని కల్పించే 370వ అధికరణను తిరిగి పునరుద్ధరించాలంటూ రెండ్రోజుల క్రితం అక్కడి అధికార 'ఇండియా' కూటమి అసెంబ్లీలో తీర్మానం ఆమోదించిన నేపథ్యంలో మోదీ వ్యాఖ్యలు ప్రాధాన్యత సంతరించుకున్నాయి.

జమ్మూకశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ప్రజలు అవగాహన చేసుకోవాలని, 370వ అధికరణపై అక్కడి అసెంబ్లీ చేసిన తీర్మానాన్ని దేశం అంగీకరించిందని అన్నారు. ఏ శక్తి కూడా ఆ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని స్పష్టం చేశారు. 370వ అధికరణకు మద్దతుగా అసెంబ్లీ వెలుపల బ్యానర్లు పెట్టారు. ఆ అధికరణను పునరుద్ధరించాలంటూ కాంగ్రెస్ కూటమి ఒక తీర్మానాన్ని ఆమోదించింది.. దీనిని దేశ ప్రజలు ఆమోదిస్తారా? ఈ ప్రయత్నాన్ని అడ్డుకునేందుకు బీజేపీ ఎమ్మెల్యేలు శక్తవంచన లేకుండా నిరసన తెలిపినప్పటికీ వారిని అసెంబ్లీ నుంచి బయటకు పంపించేశారు. కాంగ్రెస్ కూటమి నిజస్వరూపం ఏమిటో యావద్దేశం అవగాహన చేసుకోవాలి'' అని మోదీ అన్నారు.

370వ అధికరణను పునరుద్ధరించేందుకు దేశ ప్రజలు అంగీకరించరని, కశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ పార్టీ ఆటలు మోదీ ఉన్నంత వరకూ సాగవని ప్రధాని అన్నారు. బీమ్‌రావ్ అంబేద్కర్ రాజ్యాంగం మాత్రమే అక్కడ నడుస్తుందని, ఏ శక్తీ 370వ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని మరోసారి ఆయన స్పష్టం చేశారు. విపక్ష సభ్యలు తీవ్ర ప్రతిఘటన, నిరసనల మధ్య జమ్మూకశ్మీర్ అసెంబ్లీలో 370వ అధికరణను పునరుద్ధరించే తీర్మానాన్ని గత శుక్రవారంనాడు మూజువాణి ఓటుతో ఆమోదించారు.

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

#noonebringbackarticle370injammukashmirpmmodi

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी हमला, ग्राम रक्षा समूह के दो सदस्यों की अपहरण के बाद हत्या

#jammu_kashmir_kishtwar_terror_attack_2_members_of_village_defense_group_killed

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में आतंकवादियों ने दो ग्राम रक्षा रक्षकों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है। मृतकों की पहचान नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के रूप में हुई है। वह ओहली कुंतवाड़ा गाँव के निवासी थे। आतंकियों ने इस घटना को तब अंजाम दिया जब दोनों लोग शाम के समय में मवेशी चराने के लिए जंगल गए थे। इसी दौरान आतंकवादियों ने उन्हें अगवा किया और बाद में उन्हें तड़पाकर उनकी हत्या कर दी।यह हमला श्रीनगर के रविवार के बाजार में ग्रेनेड हमले में कम से कम 12 लोगों के घायल होने के कुछ दिनों बाद हुआ है।

घटना की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद संगठन की एक शाखा कश्मीर टाइगर्स ने ली है। कश्मीर टाइगर्स की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वीडीजी के दो सक्रिय सैनिक कुलदीप कुमार और नाजीर किश्तवाड़ इलाके में मुजाहिद्दीन इस्लाम को पीछा करते पहुंचे। कश्मीर के मुजाहिद्दीन ने पहले उन्हें इग्ननोर किया, लेकिन उनलोगों ने पीछा करना नहीं छोड़ा और करीब आ गए। उसके बाद मुजाहिद्दीन ने उन्हें पकड़ लिया और दोनों ने अपने अपराध कबूल किए। उसके बाद उन्हें सजा दी गई।

वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस बर्बरता की निंदा की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला दोनों ने हत्याओं की निंदा की है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया, "जेकेएनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उप-राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ के दो ग्राम रक्षा रक्षकों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार की वन क्षेत्र में नृशंस हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की बर्बर हिंसा की घटनाएं जम्मू-कश्मीर में दीर्घकालिक शांति प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनी हुई हैं। दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।"

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हत्या की निंदा की। लेफ्टिनेंट गवर्नर सिन्हा ने एक्स पर लिखा, "किश्तवाड़ में वीडीजी सदस्यों पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं इस कायरतापूर्ण हमले में शहीद हुए वीर सपूतों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। हम सभी आतंकवादी संगठनों को नष्ट करने और इस बर्बर कृत्य का बदला लेने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 पर बवाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में हाथापाई, जमकर चले लात-घूंसे

#massiveuproarinjammuandkashmirassembly

जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज जबरदस्त हंगामा हो गया। विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की की। सदन में हंगामे के बाद पहले विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए। बैनर पर लिखा था, 'हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। बैनर को देखकर भाजपा के विधायक भड़क गए। भाजपा विधायकों के विरोध का सिलसिला यहीं नहीं थमा। वे सदन के वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और उनके हाथ से बैनर छीन लिया। इस दौरान सज्जाद लोन और वहीद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ अन्य विधायक शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए। दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई।

हंगामे के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा और हाथापाई के बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। जिसके बाद मार्शलों ने आर एस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाला। जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

370 के बहाली के प्रस्ताव बीजेपी ने क्या कहा

अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है। वहीं, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी जम्मू और कश्मीर के अंदर पाकिस्तान के एजेंडे को चला रही है। 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है।

वहीद पारा ने पेश किया प्रस्ताव, पर खारिज

अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव ने तीखी बहस की शुरुआत सोमवार को विधानसभा के उद्घाटन सत्र से ही हो गई थी। पुलवामा का प्रतिनिधित्व करने वाले पीडीपी नेता वहीद पारा ने शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य के दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया। यह कदम 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ उनकी पार्टी के रुख के अनुरूप था।

उमर अब्दुल्ला ने किया खारिज

हालांकि, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रस्ताव को 'प्रतीकात्मक' बताते हुए खारिज कर दिया, यह सुझाव देते हुए कि इसे वास्तविक इरादे से नहीं बल्कि जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर इस मुद्दे को लेकर गंभीरता थी, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के परामर्श से प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 बहाल करने का प्रस्ताव पास, विधायकों का ने फाड़ी दस्तावेज की कॉपी*
#jammu_and_kashmir_assembly_proposal_to_restore_370
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पास किया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया। प्रस्ताव को विपक्षी बीजेपी सदस्यों के कड़े विरोध के बावजूद सत्तारूढ़ दल का समर्थन मिला। *बीजेपी ने बताया राष्ट्र विरोधी एजेंडा* बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया और प्रस्ताव की कॉपियां फाड़ दीं। बीजेपी विधायक वेल में जाकर नारेबाजी करते रहे। इसे राष्ट्रविरोधी एजेंडा बताते हुए ' 5 अगस्त जिंदाबाद' और 'जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है' के नारे लगाए। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला परिवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने के लिए यह प्रस्ताव पास किया है, जबकि अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला फाइनल है। *प्रस्ताव में क्या कहा गया?* इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। प्रस्ताव में चौधरी ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए विधायकों से बातचीत करने को कहा है।इसमें कहा गया, ‘राज्य के स्पेशल स्टेटस और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहचान, कल्चर और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एक तरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है। भारत सरकार राज्य के स्पेशल स्टेटस को लेकर यहां के प्रतिनिधियों से बात करे। इसकी संवैधानिक बहाली पर काम किया जाए। विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि यह बहाली नेशनल यूनिटी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, दोनों को ध्यान में रख कर की जाए। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांटने का फैसला किया था। इस प्रावधान में जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता का दर्जा दिया गया था, जिससे क्षेत्र को अपने संविधान और ध्वज सहित अपने आंतरिक मामलों पर महत्वपूर्ण नियंत्रण था, जबकि रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को इससे बाहर रखा गया था। इस संवैधानिक परिवर्तन के साथ राज्य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाया गया। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ ने केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा लेने और अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा किया था।
जम्मू कश्मीर में रहस्यमय बीमारीःअबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

#jammukasmirrajauribadhaalvillagedeclaredcontainmentzoneafter_17deaths

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक रहस्यमय बीमारी ने दहशत फैला रखा है। हालात कोरोना काल जैसे हो गए हैं। इस रहस्यमय बीमारी के कारण एक गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।

बीएनएस धारा 163 के तहत आदेश जारी

राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।

गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया

• पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

• दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।

• तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।

44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत

यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत हुई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

रोहिंग्याओं पर कश्मीर में मची रार, प्रशासन ने काटे घुसपैठियों के घरों के बिजली-पानी कनेक्शन, नेकां ने समर्थन में उठायी आवाज

#big_action_against_rohingya_infiltrators_in_jammu_and_kashmir

जम्मू में रोहिंग्याओं को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। जम्मू में रोहिंग्या आबादी में वृद्धि का संकेत देने वाली खुफिया रिपोर्टों के बाद रोहिंग्याओं के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक रुख अपनाए है। बीजेपी ने इस मामले में नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस को घेरा है। साथ ही रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकालने के साथ इन्हें यहां बसाने वालों के खिलाफ जांच की मांग उठा रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है।

एक दिन पहले भाजपा ने जम्मू में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों के बसाए जाने को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ बताया था। भाजपा ने कहा था कि जो लोग ऐसा होने दे रहे हैं, उनकी पहचान करने के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि भाजपा उपराज्यपाल से सीबीआई जांच शुरू करने और इस साजिश की व्यापक जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह करेगी। यह पता लगाया जाना चाहिए कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों को लाकर जम्मू में किसने बसाया, और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और जेल सहित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

सेठी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों का बसना उसी समय शुरू हुआ जब 1990 के दशक में इस क्षेत्र में आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसके पीछे सभी ताकतों को बेनकाब किया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। भाजपा उन लोगों की निंदा करती है जो धार्मिक आधार पर इन व्यक्तियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने रोहिंग्याओं को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इन संगठनों के लिए धन के स्रोतों पर सवाल उठाया।

सेठी ने कहा कि बीजेपि लगातार सवाल उठा रही है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से भारतीय सीमा में कैसे घुसे, हजारों किलोमीटर का सफर करके और आधा दर्जन राज्यों को पार कर जम्मू में कैसे बसे। सेठी ने दावा किया कि यह पाकिस्तान से लगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जम्मू में इन शरणार्थियों को बसाने की साजिश है। देश को यह जानना चाहिए कि कौन सी ताकतें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रही हैं। सेठी ने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले भारतीय जम्मू-कश्मीर में बस नहीं सकते, लेकिन इन अवैध प्रवासियों को सिर्फ धर्म के आधार पर वहां बसने दिया गया है। यह लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इन्हें राजनीतिक साजिश के तहत वोट बैंक बनाने के लिए बसाया गया।

बता दें कि जम्मू और आसपास के शहरों में लगातार रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़कर 13,700 से अधिक हो गई है। रोहिंग्या जम्मू के दूर-दराज के पहाड़ी जिलों तक पहुंचने में भी कामयाब हो गए हैं। अब जम्मू में रोहिंग्याओं की जनगणना हो रही है। इसी क्रम में रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं।

वहीं, नेकां रोहिंग्याओं के समर्थन में डटी दिख रही है।बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें भूख और ठंड से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है। हम उन्हें यहां नहीं लाए। सरकार ने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं, ये हमारी ड्यूटी है कि उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराएं।

*Bengal outclass Nagaland by innings & 206 runs in Cooch Behar Trophy*

Sports News 

 

Khabar kolkata sports Desk: A dominant all-round performance powered Bengal Under-19 team to a stunning innings and 206-run victory over Nagaland in their Cooch Behar Trophy match in Sovima on Friday. 

After four back-to-back victories, Bengal, with 27 points, are on top of Elite Group B.

Debutant Soumyadip Manna (99), Vishal Bhati (6-2), Rohit (3-8, 2-13), Debangshu Pakhira (1-1, 2-17), debutant Shivamm Bharati (3-16) and Aditya Roy (64) were the star performers for Bengal.

After bowling out Nagaland for just 40, Bengal posted 305/7 decl. to bag a huge first innings lead.

Nagaland, in their second innings, were bundled out for 59 to hand a massive victory to the visitors in the morning of the second day. 

Bengal next face Jammu and Kashmir in their final group-stage match from December 6.

 Pic Courtesy by:CAB

*Bengal outclass J&K by 141 runs in Women’s U-15 One Day meet*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: Bengal displayed a brilliant all-round performance to outclass Jammu & Kashmir by 141 runs and begin their Women’s Under-15 One Day Trophy campaign on a winning note on Thursday.

Skipper Sandipta Patra (89 not out off 65), Ishita Saha (33), Nilanjana Barik (26), Snighda Bag (3-15), Ritu Gayen (2-6), Remondina Khatun (1-6), Aradhya Kumari Tiwary (1-8) and Debjani Das (1-12) were the star performers for Bengal.

Batting first, Bengal scored 212/6 in 35 overs. In reply, J&K were bundled out for just 71 in 22.5 overs.

Pic Courtesy by: CAB

370 అధికరణపై మోదీ స్ట్రాంగ్ వార్నింగ్

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు.

జమ్మూకశ్మీర్‌ (Jammu and Kashmir)లో కేంద్రం రద్దు చేసిన 370వ అధికరణ (Article 370)ను దేశంలోని ఏ శక్తి పునరుద్ధరించ లేదని ప్రధాన మంత్రి నరేంద్ర మోదీ (Narendra Modi) తెగేసి చెప్పారు. కేంద్ర పాలిత ప్రాంతంలో (జమ్మూకశ్మీర్) కాంగ్రెస్ పార్టీ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ఓటర్లు గుర్తించాలని హెచ్చరించారు. మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు. జమ్మూకశ్మీర్‌కు స్వయం ప్రతిపత్తిని కల్పించే 370వ అధికరణను తిరిగి పునరుద్ధరించాలంటూ రెండ్రోజుల క్రితం అక్కడి అధికార 'ఇండియా' కూటమి అసెంబ్లీలో తీర్మానం ఆమోదించిన నేపథ్యంలో మోదీ వ్యాఖ్యలు ప్రాధాన్యత సంతరించుకున్నాయి.

జమ్మూకశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ప్రజలు అవగాహన చేసుకోవాలని, 370వ అధికరణపై అక్కడి అసెంబ్లీ చేసిన తీర్మానాన్ని దేశం అంగీకరించిందని అన్నారు. ఏ శక్తి కూడా ఆ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని స్పష్టం చేశారు. 370వ అధికరణకు మద్దతుగా అసెంబ్లీ వెలుపల బ్యానర్లు పెట్టారు. ఆ అధికరణను పునరుద్ధరించాలంటూ కాంగ్రెస్ కూటమి ఒక తీర్మానాన్ని ఆమోదించింది.. దీనిని దేశ ప్రజలు ఆమోదిస్తారా? ఈ ప్రయత్నాన్ని అడ్డుకునేందుకు బీజేపీ ఎమ్మెల్యేలు శక్తవంచన లేకుండా నిరసన తెలిపినప్పటికీ వారిని అసెంబ్లీ నుంచి బయటకు పంపించేశారు. కాంగ్రెస్ కూటమి నిజస్వరూపం ఏమిటో యావద్దేశం అవగాహన చేసుకోవాలి'' అని మోదీ అన్నారు.

370వ అధికరణను పునరుద్ధరించేందుకు దేశ ప్రజలు అంగీకరించరని, కశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ పార్టీ ఆటలు మోదీ ఉన్నంత వరకూ సాగవని ప్రధాని అన్నారు. బీమ్‌రావ్ అంబేద్కర్ రాజ్యాంగం మాత్రమే అక్కడ నడుస్తుందని, ఏ శక్తీ 370వ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని మరోసారి ఆయన స్పష్టం చేశారు. విపక్ష సభ్యలు తీవ్ర ప్రతిఘటన, నిరసనల మధ్య జమ్మూకశ్మీర్ అసెంబ్లీలో 370వ అధికరణను పునరుద్ధరించే తీర్మానాన్ని గత శుక్రవారంనాడు మూజువాణి ఓటుతో ఆమోదించారు.

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

#noonebringbackarticle370injammukashmirpmmodi

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी हमला, ग्राम रक्षा समूह के दो सदस्यों की अपहरण के बाद हत्या

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में आतंकवादियों ने दो ग्राम रक्षा रक्षकों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है। मृतकों की पहचान नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के रूप में हुई है। वह ओहली कुंतवाड़ा गाँव के निवासी थे। आतंकियों ने इस घटना को तब अंजाम दिया जब दोनों लोग शाम के समय में मवेशी चराने के लिए जंगल गए थे। इसी दौरान आतंकवादियों ने उन्हें अगवा किया और बाद में उन्हें तड़पाकर उनकी हत्या कर दी।यह हमला श्रीनगर के रविवार के बाजार में ग्रेनेड हमले में कम से कम 12 लोगों के घायल होने के कुछ दिनों बाद हुआ है।

घटना की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद संगठन की एक शाखा कश्मीर टाइगर्स ने ली है। कश्मीर टाइगर्स की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वीडीजी के दो सक्रिय सैनिक कुलदीप कुमार और नाजीर किश्तवाड़ इलाके में मुजाहिद्दीन इस्लाम को पीछा करते पहुंचे। कश्मीर के मुजाहिद्दीन ने पहले उन्हें इग्ननोर किया, लेकिन उनलोगों ने पीछा करना नहीं छोड़ा और करीब आ गए। उसके बाद मुजाहिद्दीन ने उन्हें पकड़ लिया और दोनों ने अपने अपराध कबूल किए। उसके बाद उन्हें सजा दी गई।

वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस बर्बरता की निंदा की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला दोनों ने हत्याओं की निंदा की है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया, "जेकेएनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उप-राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ के दो ग्राम रक्षा रक्षकों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार की वन क्षेत्र में नृशंस हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की बर्बर हिंसा की घटनाएं जम्मू-कश्मीर में दीर्घकालिक शांति प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनी हुई हैं। दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।"

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हत्या की निंदा की। लेफ्टिनेंट गवर्नर सिन्हा ने एक्स पर लिखा, "किश्तवाड़ में वीडीजी सदस्यों पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं इस कायरतापूर्ण हमले में शहीद हुए वीर सपूतों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। हम सभी आतंकवादी संगठनों को नष्ट करने और इस बर्बर कृत्य का बदला लेने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 पर बवाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में हाथापाई, जमकर चले लात-घूंसे

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जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज जबरदस्त हंगामा हो गया। विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की की। सदन में हंगामे के बाद पहले विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए। बैनर पर लिखा था, 'हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। बैनर को देखकर भाजपा के विधायक भड़क गए। भाजपा विधायकों के विरोध का सिलसिला यहीं नहीं थमा। वे सदन के वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और उनके हाथ से बैनर छीन लिया। इस दौरान सज्जाद लोन और वहीद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ अन्य विधायक शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए। दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई।

हंगामे के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा और हाथापाई के बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। जिसके बाद मार्शलों ने आर एस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाला। जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

370 के बहाली के प्रस्ताव बीजेपी ने क्या कहा

अनुच्छेद 370 के बहाली के प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है। वहीं, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी जम्मू और कश्मीर के अंदर पाकिस्तान के एजेंडे को चला रही है। 370 के खिलाफ प्रस्ताव लाना असंवैधानिक है।

वहीद पारा ने पेश किया प्रस्ताव, पर खारिज

अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव ने तीखी बहस की शुरुआत सोमवार को विधानसभा के उद्घाटन सत्र से ही हो गई थी। पुलवामा का प्रतिनिधित्व करने वाले पीडीपी नेता वहीद पारा ने शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य के दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया। यह कदम 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ उनकी पार्टी के रुख के अनुरूप था।

उमर अब्दुल्ला ने किया खारिज

हालांकि, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रस्ताव को 'प्रतीकात्मक' बताते हुए खारिज कर दिया, यह सुझाव देते हुए कि इसे वास्तविक इरादे से नहीं बल्कि जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर इस मुद्दे को लेकर गंभीरता थी, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के परामर्श से प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 बहाल करने का प्रस्ताव पास, विधायकों का ने फाड़ी दस्तावेज की कॉपी*
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पास किया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया। प्रस्ताव को विपक्षी बीजेपी सदस्यों के कड़े विरोध के बावजूद सत्तारूढ़ दल का समर्थन मिला। *बीजेपी ने बताया राष्ट्र विरोधी एजेंडा* बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया और प्रस्ताव की कॉपियां फाड़ दीं। बीजेपी विधायक वेल में जाकर नारेबाजी करते रहे। इसे राष्ट्रविरोधी एजेंडा बताते हुए ' 5 अगस्त जिंदाबाद' और 'जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है' के नारे लगाए। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला परिवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने के लिए यह प्रस्ताव पास किया है, जबकि अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला फाइनल है। *प्रस्ताव में क्या कहा गया?* इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। प्रस्ताव में चौधरी ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए विधायकों से बातचीत करने को कहा है।इसमें कहा गया, ‘राज्य के स्पेशल स्टेटस और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहचान, कल्चर और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एक तरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है। भारत सरकार राज्य के स्पेशल स्टेटस को लेकर यहां के प्रतिनिधियों से बात करे। इसकी संवैधानिक बहाली पर काम किया जाए। विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि यह बहाली नेशनल यूनिटी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, दोनों को ध्यान में रख कर की जाए। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांटने का फैसला किया था। इस प्रावधान में जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता का दर्जा दिया गया था, जिससे क्षेत्र को अपने संविधान और ध्वज सहित अपने आंतरिक मामलों पर महत्वपूर्ण नियंत्रण था, जबकि रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को इससे बाहर रखा गया था। इस संवैधानिक परिवर्तन के साथ राज्य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाया गया। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ ने केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा लेने और अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा किया था।