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हाथरस मौत मामले में बड़ों को बचाने की हो रही कोशिश : माले


लखनऊ। भाकपा (माले) ने कहा है कि हाथरस में भगदड़ से हुई 121 मौतों के मामले में जिम्मेदार बड़ों को बचाने की कोशिश हो रही है। दिखाने के लिए गिरफ्तारियां भी जारी हैं, मगर अभी तक न तो बाबा, न ही प्रशासन के जिम्मेदार किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई या गिरफ्तारी हुई है।पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि हाथरस जिला प्रशासन जो खुद जांच की जद में है, मामले पर लीपापोती की कोशिश में लगा है। जांच को गलत दिशा में ले जाने और भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है, ताकि असल गुनहगार बचाये जा सकें।

उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रमुख बयान दे रहे हैं कि आयोजन के पीछे कुछ सियासी दलों का हाथ हो सकता है। जबकि मूल मसला शासन-प्रशासन की लापरवाही और विफलता का है, जिसकी वजह से इतनी मौतें हुईं। लाखों लोगों की उपस्थिति वाले कार्यक्रम की अधिकारियों ने जानबूझकर अनदेखी की। न तो भीड़ प्रबंधन के उपाय किये गए, न ही एम्बुलेंस, डॉक्टर व इलाज का प्रबंध किया गया। अगर मुस्तैदी दिखाई गई होती, तो कई जानें बचाई जा सकती थीं।

माले राज्य सचिव ने कहा कि बाबा का एफआईआर में नाम तक नहीं है। उन्हें संरक्षण कहां से मिल रहा है? मुख्य सचिव, डीजीपी और यहां तक कि मुख्यमंत्री का भी दौरा हो चुका है, लेकिन एसपी-डीएम का बाल तक बांका नहीं हुआ, जिनकी जवाबदेही पहले बनती है। नाममात्र का मुआवजा देकर और भगदड़ के पीछे षड्यंत्र की बात कर सरकार मृतकों के परिवारों के शोक व गुस्से को शांत और खुद की विफलता पर पर्दा डालने की जुगत में है। माले नेता ने उम्मीद जताई कि घटना की जांच के लिए बना न्यायिक आयोग उपरोक्त का संज्ञान लेगा, मृतकों को न्याय दिलाएगा और सही निष्कर्ष निकालेगा, जिससे भविष्य में पुनरावृत्ति न हो।
यूपी की राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों में मेघ गर्जन के साथ तेज बारिश की संभावना

लखनऊ /कानपुर। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों के आस-पास रविवार को गरज चमक के साथ वर्षा एवं बौछारें पड़ने की संभावना जताई है। रविवार को कानपुर में 28.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। लखनऊ में शनिवार को जहां रुक-रुक कर बारिश हुई, वहीं रविवार की भोर से झमाझम बारिश हो रही है। जिसकी वजह से कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। देवीपाटन मण्डल के ज्यादातर हिस्सों में शनिवार से ही बारिश हो रही है। झांसी में शनिवार की सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है।

इन जिलों में चमक और गरज के साथ बारिश की संभावना

चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस.एन.सुनील पांडेय ने बताया कि रविवार को कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अमेठी, अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, फतेहपुर, गोंडा, हरदोई, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, श्रावस्ती, सीतापुर उन्नाव के आस-पास जनपदों में बारिश की संभावना है।

कई जिलों में हो रही रुक-रुक के तेज बारिश

उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बारिश की संभावना है। इसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं रविवार को भारी वर्षा की संभावना है। कानपुर में शनिवार रात से रविवार सुबह तक रुक-रुक कर और तेज बारिश हुई है। रविवार को कानपुर में 28.8 मिमी. वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। झांसी में शनिवार की सुबह से बारिश शुरू हुई थी। पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश हुई। रविवार की सुबह से ही जिले के कई क्षेत्रों में रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है। आसमान में बादल अब भी छाए हुए हैं।


लखनऊ में लगातार बारिश से मौसम हुआ सुहाना

राजधानी में रात से झमाझम बारिश होने से कई इलाकों में नाले व नालिया उफनाकर सड़क से बहने लगे।जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना। वहीं लगातार बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया है। हालांकि बारिश के कारण बिजली की आवाजाही लगी है। मौसम ठंडा होने के कारण बिजली आने-जाने से लोगों को अधिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा ।
भोले बाबा की संपत्ति कुर्क कर भगदड़ में प्रभावित परिवारों को बांट दी जाए : डॉ. रामदास आठवले
लखनऊ । रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. रामदास आठवले ने हाथरस की घटना पर कहा कि जिस भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ हुई, उसकी संपत्ति कुर्क करके जिन गरीब परिवारों के लोगों की मौत हुई है, उन्हें मुआवजा देना चाहिए। इसके लिए वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे।

वीवीआईपी गेस्ट हाउस में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि अपना दल व निषाद पार्टी को उत्तर प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी मिली है, वैसे ही रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) को भी यहां हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर केवल 33 सीटें भाजपा को मिली है। विपक्षी पार्टियों के संविधान में बदलाव, आरक्षण हटाओ के झूठ से भाजपा को नुकसान हुआ है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भाजपा को आरपीआई को साथ में लेने की आवश्यकता है।

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. रामदास आठवले ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ता व पदाधिकारी जमीन पर उतरकर गरीबों को न्याय दिलाने का काम करें। लोगों की मदद के लिए खड़े रहें। तभी लोग पार्टी से तेजी से जुड़ेंगे और उत्तर प्रदेश में आरपीआई की ताकत दिखेगी। डॉ. रामदास आठवले के तीसरी बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर चारबाग स्थित रवींद्रालय में स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस अवसर पर आरपीआई के प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता भी मौजूद रहे।
यूपी में चौबीस घंटे में आठ लोगों की जान गई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते 24 घण्टों में दो लोगों की आकाशीय बिजली से तो चार लोगों की नदी में डूबने से मौत हुई है। वहीं, दो लोगों की शर्पदंश से जान गयी है। राहत विभाग ने जनपदों जिलाधिकारियों को मृत व्यक्तियों के परिजनों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये हैं । उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने शुक्रवार को वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि 24 घंटे में प्रदेश में 14.6 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 7.6 मिमी के सापेक्ष 192.1 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में एक जून, 2024 से चार जुलाई तक 136.4 मिमी औसत वर्षा हुई, जो सामान्य वर्षा 125.6 मिमी के सापेक्ष 108.6 प्रतिशत है।

राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश के 09 जनपदों (बलरामपुर, बरेली, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महाराजगंज, गाजीपुर, संत कबीर नगर एवं श्रावस्ती) में 30 मिमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में कोई भी नदी खतरे के जलस्तर से ऊपर नहीं बह रही है। प्रदेश में गत 24 घण्टों में आठ जनहानियाँ हुई हैं, जिसके सापेक्ष जनपदों को मृत व्यक्तियों के परिजनों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संभावित बाढ़ के दृष्टिगत खाद्यान्न सामग्री वितरण हेतु प्री-टेन्डरिंग के कार्य जनपदों द्वारा पूर्ण कर लिये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश के कोई भी जनपद बाढ़ से प्रभावित नहीं है।
हाथरस हादसे के पीड़ितों से मिलने पहुंचे राहुल गांधी


लखनऊ/हाथरस। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस की भगदड़ में जान गंवाने वाले पीड़ितों के घर पहुंचे। यहां उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने घटना को लेकर शोक जताया। कहा कि यह बेहद दर्दनाक हादसा हुआ है और अपनों के खोने का दर्द मैं समझ सकता हूं।

सबसे पहले राहुल गांधी पहुंचे अलीगढ़

राहुल गांधी शुक्रवार की भोर में ही दिल्ली से चलकर उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड के पीड़ितों से मिलने पहुंचे हैं। यहां पर उन्होंने सबसे पहले अलीगढ़ में प्रभावितों से मिलने अकराबाद क्षेत्र के पिलखाना गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों के सदस्यों से भेंट की और घटना का दुर्भाग्यपूर्ण बताया। ताला नगरी अलीगढ़ में हाथरस काण्ड के पीड़ितों का दर्द बांटकर वे हाथरस जाएंगे। जहां राहुल दलित बस्ती में आयोजित हाथरस हादसे में मृत लोगों के प्रति संत्वना के लिए आयोजित प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लेंगे और अस्पताल में भर्ती लोगों का हालचाल जानेंगे।

अलीगढ़ के थाना अकराबाद क्षेत्र के गांव पिलखाना में शुक्रवार प्रात कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पहुंचकर हाथरस सत्संग हादसे के मृतक मंजू उसके छह वर्ष के बेटे पंकज अन्य परिवार की शांति देवी व प्रेमवती के पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी। घटना को दुखद बताते हुए पीड़ित परिजनों से घटना के बारे में जानकारी करने के साथ मृतक मंजू की सास को राहुल गांधी ने आश्वस्त किया कि वह अपने स्तर से हर संभव उनकी मदद करेंगे और कहा कि अब वह इस स्तर पर है कि पीड़ित परिवारों की लड़ाई लड़ने के साथ उनकी सरकार द्वारा हर संभव मदद करायेंगे।
बसों की वजह से बाधित न हो कांवड़ यात्रा मार्ग : दयाशंकर सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बसों की वजह से कांवड़ यात्रा बाधित न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाय। परिवहन निगम के अधिकारियों को 22 जुलाई से प्रारम्भ होने वाले श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत निगम बसों के सुरक्षित संचालन के लिए तैयारियां करने के निर्देश भी दिए।


उन्होंने कहा है कि 22 जुलाई से 19 अगस्त तक पूरे एक माह कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों पर जल चढ़ाने के लिए जाते हैं। इस दौरान चलने वाली बसें साफ-सुथरी एवं फिट बसों का ही संचालन किया जाए। इसके अलावा बस स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। स्टेशन परिसर एवं बैठने वाले जगह पर साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाए।


परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि इस दौरान आगरा, बरेली, मुरादाबा, मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़ एवं सहारनपुर क्षेत्र के मार्ग मुख्य रूप से संचालन हेतु तैयारियां कर लें, क्योंकि इन रूटों पर अधिक संख्या में शिव भक्तों का आवागमन रहता है।उन्होंने साथ ही लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर से वाराणसी एवं प्रयागराज के लिए अतिरिक्त बसों के संचालन हेतु भी निर्देश दिये हैं। बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री वाराणसी एवं प्रयागराज जाते हैं। कांवड़ यात्रियों के आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए क्षेत्रीय मुख्यालय स्तर पर 24 घंटे क्रियाशील कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाए।


परिवहन मंत्री ने निर्देशित किया कि श्रावण मास के दौरान बस चालकों का ब्रीथ एनलाइजर टेस्ट अवश्य किया जाए। सावन माह में हर सोमवार और श्रावण शिवरात्रि के दिन जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित डायवर्जन व वैकल्पिक मार्ग पर ही बसों का संचालन हो, जिससे किसी को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। अधिकारी इस बात का ध्यान दें कि कांवड़ यात्रा मार्ग निगम बसों के कारण अवरूद्ध न हो। साथ ही निगम के अधिकारी व कर्मचारी श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए तत्पर रहने एवं उनके साथ अच्छा व्यवहार करने व सहायता प्रदान करें।उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं कि किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही भी सुनिश्चित करेंगे।
ग्राम प्रधानों ने अपनी मांग को लेकर किया प्रदर्शन
मेजा प्रयागराज, मेजा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उरुवा ब्लॉक में प्रधान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने को तैयार है । वही प्रधानों का कहना है की खंड विकास अधिकारी सिग्रेटरी और प्रधानों की नहीं सुन रहे है। ब्लॉक में खंड विकास अधिकारी कब आते है कब जाते है इनका कोई टाइम नहीं होता है ।

जब जनता पूछती है तो कोई न कोई मीटिंग बताते है जनता की बातो को टाल देते है।वही आपको सबसे बड़ी बात बताए की योगी सरकार एक तरफ सभी अधिकारियों को टाइट कर रहे है तो दूसरी तरफ खंड विकास अधिकारी योगी सरकार की क्षवि को धूमिल कर रहे हैं ।वही खंड विकास अधिकारी के टाइम्स से न आने से जनता और प्रधान परेशान है।
सत्संग हादसे के पीड़ितों से राहुल गांधी हाथरस में करेंगे मुलाकात

लखनऊ। यूपी के हाथरस जिले के सिंकदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर सियासी दौरों का सिलसिला तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री और सरकार के कई मंत्रियों के घटनास्थल का दौरा करने के बाद अब विपक्षी दलों के नेताओं का भी पहुंचने का सिलसिला शुरू होने वाला है। इसी कड़ी में पांच जुलाई शुक्रवार को रायबरेली से कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी अलीगढ़ और हाथरस आने की जानकारियां मिल रही हैं।

मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने उनके घर पहुंचेंगे

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी 05 जुलाई को अलीगढ़ और हाथरस आएंगे। यहां राहुल हाथरस सत्संग कांड में हताहत हुए मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने उनके घर पहुंचेंगे। वे अलीगढ़ के पिलखना विजयगढ़ और इसके बाद हाथरस कस्बे के नबीपुर खुर्द जाएंगे। मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने के बाद देर सांय अलीगढ़ होकर सड़क मार्ग से वापस दिल्ली लौट जाएंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी पार्टी फंड से पीड़ितों के परिजनों को अवश्य कुछ आर्थिक सहायता देंगे।

कांग्रेस पदाधिकारी में विशेष उत्साह

राहुल गांधी के इस कार्यक्रम को लेकर जनपद हाथरस के कांग्रेस पदाधिकारी के साथ-साथ अलीगढ़ और आगरा मंडल के जनपदों में कांग्रेस पदाधिकारी में विशेष उत्साह है। वह इस सत्संग कांड के बाद राहुल के आगमन को पार्टी की जमीनी मजबूती और ऑक्सीजन के रूप में देख रहे हैं। राहुल गांधी के इस कार्यक्रम को लेकर जिला पुलिस प्रशासन अभी से चुस्त एवं दुरुस्त व्यवस्थाएं कर रहा है। यहां यह अभी उल्लेखनीय है कि आगामी दिनों में रिक्त हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिसको लेकर कांग्रेस क्रियाशील बनी हुई है।

इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी

गुरुवार को कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने एक बयान में बताया कि राहुल गांधी हाथरस में प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे और उनका दुख-दर्द जानेंगे। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में बीते मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में चरण रज लेने के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में बड़ी संख्या महिलाओं की है। इस मामले में अब तक दो महिलाओं समेत छह लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है। वही मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर जो पेशे से इंजीनियर है की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें दबिशें दी जा रही हैं। उन पर पुलिस ने एक का इनाम घोषित किया गया है।
विगत सात वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 07 वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के सापेक्ष वर्ष 2024 में स्टेट हाइवे की कुल लम्बाई 7,002 कि0मी0 से बढ़कर 10,214 कि0मी0 हो गई है। जबकि ग्रामीण मार्गों की लम्बाई 1,87,517 कि0मी0 से बढ़कर 1,93,581 कि0मी0 हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य जिला मार्गों के संजाल में भी विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 09 कि0मी0 मार्गों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण हो रहा है। गांवों में प्रतिदिन लगभग 11 कि0मी0 नई सड़क बन रही है।

विकास के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में सड़क निर्माण की यह गति अभूतपूर्व है। इसे और बेहतर करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में लोक निर्माण विभाग की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर/पियर की स्थिति, सेतुओं के वॉटर-वे में ब्लॉकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेन्ट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आए तो तत्काल उसे यातायात के लिए बन्द किया जाए और स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को 15 जुलाई, 2024 तक शत-प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए। ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए। यह संतोषप्रद है कि ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन मार्ग से जोड़ने वाले कुल लक्षित 162 में से 143 मार्गों का निर्माण पूरा हो गया है। यथाशीघ्र अवशेष कार्यों को भी पूरा कर लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अन्तरराज्यीय तथा अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराया जाए। द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि द्वार आकर्षक हों तथा वहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सराहनीय है कि देश में सर्वप्रथम प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा एफ0डी0आर0 निर्माण तकनीक का प्रयोग किया गया। जनपद उन्नाव में एफ0डी0आर0 तकनीक का प्रयोग कर पुराने मार्ग को रीसाइकिल कर सीमेंटेड बेस एवं कानपुर देहात में एडिटिव का प्रयोग कर निर्माण कार्य कराया गया था।

यह अच्छा प्रयोग था। हमारा प्रयास होना चाहिए कि अन्य जिला मार्गों के तहत बनने वाली कुल सड़कों की आधी एफ0डी0आर0 तकनीक से बनायी जाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्गों पर वर्तमान पी0सी0यू0 पर प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के मार्गों के चौड़ीकरण के मानकों को और बेहतर किया जाना चाहिए। सड़कें और चौड़ी हों, इससे आवागमन और अधिक सुविधाजनक होगा। नई सड़क पर बरसात से यदि कटान हो तो उसका सुधारीकरण तत्काल कराया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख कर प्राथमिकता तय की जाए, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दी जाए। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संतोषजनक है कि राज्य सेतु निगम द्वारा विगत 07 वर्षों में 270 नदी सेतु, 115 आर0ओ0बी0, 10 फ्लाईओवर सहित जनहित से जुड़ी 395 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और राजकीय निर्माण निगम में विशेषज्ञों की तैनाती की जाए। कहीं भी मानव संसाधन की कमी न हो। कैपेसिटी बिल्डिंग करें। आईआईटी जैसे संस्थानों को भी जोड़ा जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। डीपीआर को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारम्भ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए। इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
यूपी में जनवरी से अब तक कुल 352 डेंगू के केस आये सामने,डेंगू तथा चिकनगुनिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए उठाये गये रणनीतिक कदम

लखनऊ। जुलाई माह को डेंगू रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य डेंगू तथा चिकनगुनिया रोग पर प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए व्यापक जन जागरूकता फैलाना तथा अन्य विभागों व जनसामान्य का सहयोग लेना है। सयुंक्त निदेशक मलेरिया एवं वीबीडी डॉक्टर विकास सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निदेर्शों का अनुपालन करते हुए डेंगू रोधी माह मनाये जाने के निर्देश सभी जिलों को दिए जा चुके हैं। वैसे तो डेंगू का प्रसार पूरे प्रदेश में ही है लेकिन 8 (लखनऊ, झांसी, बरेली, अयोध्या, बाराबंकी, प्रयागराज, गोंडा एवं कानपुर नगर) जनपद संवेदनशील हैं।

इस साल जनवरी से अब तक कुल 352 डेंगू के केस सामने आये हैं। डेंगू एडीज मच्छर से होने वाला रोग है। मानसून और उसके बाद की अवधि में डेंगू बुखार का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निवारक गतिविधियों में तेजी लाने पर जोर है जिससे कि किसी भी तरह के आउटब्रेक से बचा जा सके। डेंगू की जनजागरूकता पर इसलिए जोर है क्योंकि डेंगू की कोई वैक्सीन नहीं है। ऐसे में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सोर्स रिडक्शन गतिविधियों में समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण है। समुदाय सजग रहे और जिम्मेदार बनें और वह मच्छरजनित परिस्थियों को उत्पन्न ही न होने दे तो काफी हद तक डेंगू व अन्य मच्छरजनित बिमारियों को रोका जा सकता है। हम तैयारियों को लेकर बात करें तो प्रदेश में डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के उपाय मार्च महीने से ही शुरू कर दिए गए थे। वर्तमान में भी यह की जा रही है क्योंकि संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है।

सभी अस्पतालों में बनाये गए डेंगू वार्ड

डेंगू के प्रसार को रोकने हेतु डेंगू के मामलों में केस आधारित गतिविधि की जाती है जिसमें डेंगू के संभावित मरीजों और पुष्ट मरीजों के इलाज पर जोर दिया जा रहा है। सभी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाये गए हैं जहाँ मच्छरदानी युक्त बेड हैं। इसके साथ ही डेंगू सहित अन्य वेक्टरजनित बीमारियों के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए यूडीएसपी पोर्टल भी विकसित किया गया है जिसके बाद से मामलों की रिपोर्टिंग और प्रारंभिक निवारक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। डेंगू और चिकनगुनिया की जाँच के लिए प्रदेश में पर्याप्त मात्र में एनएस1 और आईजीएम एलाइजा किट उपलब्ध है।

डेंगू होने पर घबराने की जरूरत नहीं

डाक्टर सिंघल बताते हैं कि डेंगू के हर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। ये जांच करने वाले चिकित्सक की सलाह पर निर्भर है। यदि मरीज को उल्टी आ रही है, पेट मे तेज दर्द है, सांस लेने में कठिनाई है, रक्तचाप गिर रहा है, घबराहट हो रही है, बहुत कमजोरी महसूस हो रही हो या शरीर मे कहीं भी रक्तस्राव हो रहा हो तो ऐसी दशा मे तुरंत भर्ती करा कर पूर्ण इलाज करना चाहिए। डेंगू में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी न होने पाए क्योंकि पानी की कमी से मरीज शॉक में चला जाता है। इसलिए डेंगू होने पर ओ आर एस का घोल, तरल पेय पदार्थ का सेवन करें। डेंगू के उपचार में फ्लूड मैंजमनेट ही महत्वपूर्ण है। डेंगू की पुष्टि होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। अधिकांश मामलों में इस बीमारी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। केवल कम प्लेटलेट काउंट ही प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का संकेत नहीं है, योग्य चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसकी आवश्यकता होती है, वह भी दुर्लभ मामलों में।

मच्छरों से बचने के उपाय

-सोते समय मच्छर दानी या मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें।
-पूरी बांह के कपड़े पहने।
-घर की खिड़की और दरवाजों पर जाली लगवाएं।
-कूलर और जलजमाव वाले स्थानों की सफाई करें।
-यदि कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल आॅयल डाल दें।
-घर में गमलों , फ्रिज की ट्रे, शो प्लांट अदि में पानी न इकट्ठा होने दें।