विगत सात वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 07 वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के सापेक्ष वर्ष 2024 में स्टेट हाइवे की कुल लम्बाई 7,002 कि0मी0 से बढ़कर 10,214 कि0मी0 हो गई है। जबकि ग्रामीण मार्गों की लम्बाई 1,87,517 कि0मी0 से बढ़कर 1,93,581 कि0मी0 हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य जिला मार्गों के संजाल में भी विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 09 कि0मी0 मार्गों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण हो रहा है। गांवों में प्रतिदिन लगभग 11 कि0मी0 नई सड़क बन रही है।
विकास के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में सड़क निर्माण की यह गति अभूतपूर्व है। इसे और बेहतर करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में लोक निर्माण विभाग की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर/पियर की स्थिति, सेतुओं के वॉटर-वे में ब्लॉकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेन्ट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आए तो तत्काल उसे यातायात के लिए बन्द किया जाए और स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को 15 जुलाई, 2024 तक शत-प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए। ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए। यह संतोषप्रद है कि ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन मार्ग से जोड़ने वाले कुल लक्षित 162 में से 143 मार्गों का निर्माण पूरा हो गया है। यथाशीघ्र अवशेष कार्यों को भी पूरा कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अन्तरराज्यीय तथा अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराया जाए। द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि द्वार आकर्षक हों तथा वहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सराहनीय है कि देश में सर्वप्रथम प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा एफ0डी0आर0 निर्माण तकनीक का प्रयोग किया गया। जनपद उन्नाव में एफ0डी0आर0 तकनीक का प्रयोग कर पुराने मार्ग को रीसाइकिल कर सीमेंटेड बेस एवं कानपुर देहात में एडिटिव का प्रयोग कर निर्माण कार्य कराया गया था।
यह अच्छा प्रयोग था। हमारा प्रयास होना चाहिए कि अन्य जिला मार्गों के तहत बनने वाली कुल सड़कों की आधी एफ0डी0आर0 तकनीक से बनायी जाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्गों पर वर्तमान पी0सी0यू0 पर प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के मार्गों के चौड़ीकरण के मानकों को और बेहतर किया जाना चाहिए। सड़कें और चौड़ी हों, इससे आवागमन और अधिक सुविधाजनक होगा। नई सड़क पर बरसात से यदि कटान हो तो उसका सुधारीकरण तत्काल कराया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख कर प्राथमिकता तय की जाए, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दी जाए। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संतोषजनक है कि राज्य सेतु निगम द्वारा विगत 07 वर्षों में 270 नदी सेतु, 115 आर0ओ0बी0, 10 फ्लाईओवर सहित जनहित से जुड़ी 395 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और राजकीय निर्माण निगम में विशेषज्ञों की तैनाती की जाए। कहीं भी मानव संसाधन की कमी न हो। कैपेसिटी बिल्डिंग करें। आईआईटी जैसे संस्थानों को भी जोड़ा जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। डीपीआर को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारम्भ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए। इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
Jul 07 2024, 15:25