मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव को लेकर विवाद, मुस्लिम समाज के असली मुद्दों को लेकर उठे सवाल
संभल । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को हमायूँ कबीर नामक राजनीतिक व्यक्ति द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने को लेकर विवाद गहरा गया है। हमायूँ कबीर पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। आरोप है कि उन्होंने इस कदम को राजनीतिक स्वार्थ और भावनात्मक मुद्दों को उभारकर मुस्लिम समाज में विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से उठाया है।इस मामले पर मौहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ,सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रबंधक-मदरसा मौलाना मौहम्मद अली जौहर,अध्यक्ष-गामा पहलवान महिला-पुरुष कुश्ती ग्रामीण खेलकूद प्रशिक्षण एकेडमी ने ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बाबर या किसी भी मुगल शासक को भारत के मुसलमानों द्वारा कभी भी अपना पूर्वज नहीं माना गया है और इस प्रकार के मुद्दों का न तो वर्तमान मुस्लिम समाज से संबंध है और न ही इससे समाज का कोई वास्तविक हित जुड़ा है।
भारत में मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी जरूरतें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास, सुरक्षा और न्याय से जुड़ी हैं। उन्होंने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट के 403 पन्नों में मुस्लिम समाज की आर्थिक व शैक्षिक स्थिति को बेहद खराब बताया गया था, लेकिन रिपोर्ट लगभग 19 वर्षों से लागू होने का इंतजार कर रही है।बाबरी मस्जिद के नाम पर फिर से आंदोलन या निर्माण की बात सामने आने को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। कुछ हिंदूवादी संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है और मस्जिद निर्माण न होने देने की चेतावनी दी है।इस स्थिति में सामाजिक संगठनों ने अपील की है कि मुस्लिम समुदाय को नफरत और भावनात्मक राजनीति से दूर रहकर अपने वास्तविक विकास से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही मुस्लिम नेतृत्व और जिम्मेदार व्यक्तियों से अपील की गई है कि वे ऐसे राजनीतिक प्रयासों का विरोध करें जो समाज में वैमनस्य फैलाने वाली साम्प्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दें।संगठनों का कहना है कि वर्तमान समय में देश की एकता, सद्भाव और गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूत बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए तथा किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई को सफल नहीं होने देना चाहिए।















Dec 10 2025, 19:18
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