Sambhal फतेहपुर में लेखपाल की आत्महत्या पर सम्भल में उबाल, तहसील पर लेखपालों का धरना

सम्भल। में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के नेतृत्व में सभी लेखपालों ने तहसील परिसर में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन फतेहपुर जिले में तैनात लेखपाल सुधीर कुमार की आत्महत्या के खिलाफ आयोजित किया गया। लेखपालों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक दबाव और गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर किया है उन लोगो पर कार्यवाही होनी चाहिए।

संघ पदाधिकारियों ने बताया कि 2024 बैच के लेखपाल सुधीर कुमार की शादी 26 नवंबर 2025 को प्रस्तावित थी। शादी की तैयारियों के लिए वह कई दिनों से अवकाश मांग रहे थे, लेकिन तहसील प्रशासन ने एसआईआर ड्यूटी का हवाला देकर उनकी छुट्टी नामंजूर कर दी। बताया गया कि 22 नवंबर को वह एसआईआर संबंधी बैठक में शामिल नहीं हो सके, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।

इसी क्रम में छुट्टी न मिलने और निलंबन की कार्रवाई ने उन्हें गहरे तनाव में डाल दिया। मानसिक दबाव बढ़ने पर सुधीर कुमार ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लिया, जिससे उनके परिवार और विभागीय साथियों में भारी आक्रोश है। धरने में शामिल लेखपालों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और मृतक को न्याय दिलाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के खिलाफ नाराजगी खुलकर सामने आई।

Sambhal में विकास की नई दिशा: मंडलायुक्त ने पांच महत्वपूर्ण परियोजनाओं का किया उद्घाटन

संभल।सम्भल जिले में शुक्रवार का दिन विकास कार्यों के नाम रहा, जब मंडल आयुक्त आंज्जेनय कुमार सिंह ने जिले में पांच अहम परियोजनाओं का शुभारंभ किया। ये सभी कार्य समाज के सबसे संवेदनशील तबकों—दिव्यांगजन, महिलाओं, सुरक्षा व्यवस्था और विरासत संरक्षण—से जुड़े हुए हैं। आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार सम्भल को एक नई विकास दिशा की ओर ले जाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है।

आयुक्त ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए सम्भल में पहली बार दो सुगम पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। ये पुस्तकालय सम्भल मुख्यालय और सम्भल ब्लॉक में खोले गए हैं, जहां दिव्यांग बच्चों को पढ़ने-लिखने के साथ-साथ विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उनका उद्देश्य है कि शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें और वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

दूसरी ओर, शहर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में सत्यव्रत पुलिस चौकी पर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) का उद्घाटन किया गया। इस केंद्र में ढाई सौ अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जबकि शहर में कुल 1300 से अधिक कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। आयुक्त ने बताया कि इन कैमरों के माध्यम से पूरे शहर की निगरानी रियल टाइम में की जाएगी, जिससे कानून-व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।

सम्भल की पहचान बने 101 फीट ऊंचे तिरंगे को चौधरी सराय चौराहे पर लहराया गया। यह तिरंगा नागरिकों में देशभक्ति और गौरव की भावना को और मजबूत करेगा। स्थानीय लोगों में इस क्षण को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला।

इसके साथ ही सम्भल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए दो साल पहले गिरे हुए चक्की के पाट का पुनरुद्धार भी पूरा किया गया और उसका लोकार्पण किया गया। यह पाट सम्भल की परंपरागत विरासत का हिस्सा रहा है और इसके पुनर्निर्माण से शहर के इतिहास को फिर से जीवंत बनाने का प्रयास किया गया है।

मंडलायुक्त आंज्जेनय कुमार सिंह ने कहा कि सम्भल की ऐतिहासिकता, उसकी विरासत और यहां की जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर जिले को नई दिशा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि सम्भल को न सिर्फ विकास की नई राह पर आगे बढ़ाया जाए, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश के मॉडल जिलों में शामिल किया जा सके। जिले में आगे भी इसी प्रकार जनसुविधाओं को बढ़ाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास जारी रहेंगे।

Sambhal अवैध अस्पताल पर सिटी मजिस्ट्रेट का छापा, मेडिकल स्टोर की आड़ में चल रहा था पूरा हॉस्पिटल

सम्भल में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर खुलेआम की जा रही मनमानी का बड़ा मामला गुरुवार को सामने आया, जब सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार ने बादल गुंबद स्थित लाइफ लाइन फार्मेसी पर अवैध तरीके से चल रहे अस्पताल का भंडाफोड़ किया। मेडिकल स्टोर की ओट में फार्मेसिस्ट द्वारा बिना किसी पंजीकरण और चिकित्सीय अनुमति के अस्पताल संचालित किया जा रहा था। जैसे ही सिटी मजिस्ट्रेट की टीम छापेमारी के लिए पहुंची, वहां भर्ती कई मरीज इलाज बीच में ही छोड़कर भागते नजर आए।

छापेमारी के दौरान टीम को फार्मेसी के पीछे संचालित एक पूरी यूनिट मिली, जिसमें ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम, कई बेड, और मरीजों के इलाज के उपकरण मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल न तो पंजीकृत था और न ही यहाँ किसी योग्य डॉक्टर की तैनाती पाई गई। फार्मेसिस्ट ही मरीजों का इलाज और ऑपरेशन की तैयारी जैसी गंभीर जिम्मेदारियाँ संभाल रहा था, जो कानूनन गंभीर अपराध है और सीधे तौर पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार ने मौके से मिले दस्तावेजों की जांच कराई और पूरे अस्पताल को तुरंत सील करने के आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध अस्पताल लोगों की जिंदगी के लिए बड़ा खतरा हैं और स्वास्थ्य विभाग तथा प्रशासन इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगा। छापेमारी के दौरान मिले उपकरणों और कमरे की बनावट से स्पष्ट है कि यहां लंबे समय से अवैध रूप से इलाज और डिलीवरी जैसी सेवाएं संचालित की जा रही थीं। कई स्थानीय लोगों ने भी शिकायत की थी कि फार्मेसी के पीछे कुछ संदिग्ध गतिविधियाँ चलती हैं, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की थी। प्रशासन ने मामले में फार्मासिस्ट के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Sambhal में मिला एक और प्राचीन बंद कुआं, प्रशासन ने शुरू कराई खुदाई

सम्भल के महमूदखां सराय क्षेत्र में एकता चौकी के पास एक और प्राचीन बंद कुएं के मिलने से इलाके में हलचल मच गई है। जिलाधिकारी के आदेश पर नगर पालिका प्रशासन ने बुधवार को कुएं की खुदाई का कार्य शुरू कराया। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार और अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी स्वयं मौके पर पहुंचे और खुदाई की प्रगति की जानकारी ली। अधिकारियों ने संबंधित टीम को तेजी के साथ और सुरक्षित तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए।

कुएं में वर्षों से उगा एक बड़ा पेड़ खुदाई में बाधा बन रहा था, जिसे हटाने के लिए अधिकारियों ने पेड़ काटने का आदेश भी दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार यह कुआं कई दशकों से बंद था और उस पर मलबा व झाड़ियां जमा थीं, जिसके कारण इसकी जानकारी कम ही लोगों को थी। कुएं को लेकर एक पुराना आरोप भी सामने आता रहा है। बताया जाता है कि वर्ष 1978 के दंगों के दौरान एक व्यापारी की हत्या कर शव को इसी कुएं में फेंके जाने की चर्चाएं समय-समय पर उठती रही हैं। हालांकि उस समय आधिकारिक तौर पर कोई ठोस पुष्टि नहीं हो सकी थी। अब कुएं की दोबारा खुदाई शुरू होने के बाद लोग अतीत की उस घटना को फिर से याद कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि खुदाई पूरी होने पर कुएं की वास्तविक स्थिति और अंदर मौजूद सामग्री स्पष्ट हो सकेगी। सुरक्षा के मद्देनजर आसपास के इलाके को घेराबंदी कर दिया गया है। फिलहाल नगर पालिका की टीम कुएं की सफाई और गहराई तक पहुंचने का कार्य तेजी से कर रही है।

Sambhal कोतवाली रोड पर नई ट्रैफिक व्यवस्था लागू, वन-वे सिस्टम से मिलेगी जाम से राहत

संभल।शहर की सबसे व्यस्त और भीड़भाड़ वाली सड़कों में शुमार कोतवाली रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार ने व्यापारियों से वार्ता कर नई ट्रैफिक प्रणाली लागू की है, जिसके तहत अब नगर पालिका से कोतवाली तक वन-वे ट्रैफिक चलेगा। वाहन वापसी के लिए चमन सराय मार्ग तय किया गया है, जिससे सड़क पर होने वाली अव्यवस्था पर रोक लग सकेगी।

ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के तहत टंडन तिराहा से पोस्ट ऑफिस तक ई-रिक्शा की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि इस मार्ग पर लगातार बढ़ते ई-रिक्शा संचलन के कारण जाम की स्थिति बनती थी, जिससे आम जनता व दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

बैठक के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नालियों पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यापारियों पर चालान के साथ-साथ जब्तीकरण की कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सड़क किनारे अतिक्रमण ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नई व्यवस्था लागू करने के दौरान सदर कोतवाल गजेंद्र सिंह, अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर रास्तों का निरीक्षण किया और वन-वे सिस्टम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

प्रशासन का मानना है कि इस नई ट्रैफिक व्यवस्था से कोतवाली रोड पर जाम की समस्या में काफी हद तक कमी आएगी और लोगों को राहत मिलेगी। वहीं व्यापारियों ने भी ट्रैफिक सुधार के लिए प्रशासन के इस प्रयास का समर्थन किया है और सहयोग का आश्वासन दिया है।

Sambhal हसनपुर मुंजबता में आवासीय पट्टों को लेकर विवाद, ग्रामीण ट्रैक्टर से नई तहसील पहुंचे, तहसीलदार से कार्रवाई की मांग

ग्राम पंचायत हसनपुर मुंजबता में आवासीय पट्टों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर गांव के दर्जनों ग्रामीण ट्रैक्टरों पर सवार होकर नई तहसील सम्भल पहुंचे और तहसीलदार को प्रार्थना पत्र सौंपकर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1965, 1973, 1988 और 1990 में ग्राम समाज की भूमि पर तहसील प्रशासन द्वारा आवासीय पट्टे जारी किए गए थे, जिन पर लोग दशकों से बसे हुए हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अब 40 वर्षों बाद कुछ लोग पुराने पट्टों पर आपत्ति उठाकर दलित एवं गरीब परिवारों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं। गाटा संख्या 313,356 से संबंधित पट्टों पर विवाद को लेकर प्रभावित परिवारों में भय और असुरक्षा की स्थिति बन गई है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि गांव का एक व्यक्ति, जिसकी राशन की दुकान पहले किसी अन्य सदस्य को आवंटित हो गई थी, दुश्मनी के चलते पट्टाधारकों को परेशान कर रहा है। ग्रामीणों ने तहसीलदार से मांग की कि सभी पुराने रिकॉर्ड की जांच कर, वैध पट्टाधारकों को संरक्षण दिया जाए और किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप कर विवाद को शांत करे ताकि बेवजह परेशान किए जा रहे परिवारों को राहत मिल सके। तहसीलदार ने प्रार्थना पत्र प्राप्त कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

Sambhal आजाद समाज पार्टी में शामिल हुए तुर्तीपुर इलहा के प्रधान, करवा लगातार मजबूत, मुजफ्फरनगर में रैली में शामिल होने का आहवान

आजाद समाज पार्टी का जनाधार लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को पार्टी को उस समय और मजबूती मिली, जब तुर्तीपुर इलहा के वर्तमान प्रधान ने भाजपा छोड़कर आजाद समाज पार्टी का दामन थाम लिया। प्रधान के साथ गुफरान ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल कराते हुए जिलाध्यक्ष शहजाद खां ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और पार्टी की नीतियों एवं मिशन को विस्तार से बताया।

सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष शहजाद खां ने कहा कि आजाद समाज पार्टी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में आम लोगों की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है, इसलिए जनता विकल्प की तलाश में है और आजाद समाज पार्टी तेजी से लोगों की उम्मीद बन रही है। इस मौके पर आने वाले 26 नवंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली बड़ी रैली का भी आह्वान किया गया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि रैली पार्टी की शक्ति और एकजुटता का परिचय देगी। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों से बड़ी संख्या में पहुँचकर रैली को सफल बनाने की अपील की। इस दौरान ग्राम प्रधान दाऊद खान ने भाजपा पर हमला बोला और आजाद समाज पार्टी से प्रभावित होकर पार्टी ज्वाइन करने की बात कही है। कार्यक्रम में मौजूद पदाधिकारियों ने नए सदस्यों के जुड़ने को पार्टी के लिए ऊर्जा बढ़ाने वाला कदम बताया। उनका कहना था कि आने वाले समय में पार्टी का संगठन और मजबूत होकर जनहित की लड़ाई को तेज करेगा।

Sambhal में ट्रक पर संदिग्ध हालत में ड्राइवर का शव मिला, पुलिस जांच में जुटी

संभल।सम्भल के रायसत्ती थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह एक ट्रक ड्राइवर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। बस अड्डे के पास खड़े चावल से भरे ट्रक में ड्राइवर का शव फांसी के फंदे से लटका मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान आसिफ (पुत्र शाहिद), निवासी मोहल्ला डेरा सराय, थाना रायसत्ती के रूप में हुई है।आसिफ अविवाहित था और लंबे समय से ट्रक चलाने का काम करता था। वह बिहार से चावल सहित अन्य सामान लेकर सम्भल आता-जाता था।

सुबह जब ट्रक के पास लोगों की नजर पड़ी तो आसिफ का शव फंदे पर लटका हुआ दिखाई दिया। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। थाना पुलिस मौके पर पहुंची, शव को नीचे उतारा और घटनास्थल की जांच की। प्रारंभिक जांच में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। परिवार वाले भी किसी तरह की रंजिश या वजह बताने में असमर्थ हैं, जिससे मामला और अधिक संदिग्ध हो गया है। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, ताकि मौत की वास्तविक वजह सामने आ सके। 

मृतक के भाई सुलेमान ने बताया कि आसिफ खुशमिजाज स्वभाव का था और किसी तरह की परेशानी के बारे में उसने घर पर नहीं बताया था। परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी।

Sambhal जामा मस्जिद को लेकर उगला विवादित ज़हर, सम्भल में अयोध्या जैसी ‘चढ़ाई’ की चेतावनी, कांग्रेस ने जताई कड़ी आपत्ति


संभल।कैलादेवी धाम में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष ने मंच से अत्यंत विवादित बयान देकर माहौल गरमा दिया। उन्होंने कहा कि यह पहली लड़ाई है और पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग एकजुट हुए हैं। अपने भड़काऊ संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि अभी तो यात्रा की शुरुआत कैलादेवी धाम से हुई है, आने वाले समय में सम्भल की जामा मस्जिद पर उसी प्रकार “चढ़ाई” की जाएगी, जैसे अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय की गई थी। उन्होंने दावा किया कि भविष्य में सम्भल के हजारों गांवों के लोग चारों ओर से कूच करेंगे और जामा मस्जिद की एक-एक ईंट उखाड़ ले जाने का काम करेंगे।

उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा कि यदि सरकार और न्यायालय ने हरिहर मंदिर का “कब्ज़ा” उन्हें नहीं दिलाया, तो हालात अयोध्या जैसे हो सकते हैं। उनका कहना था कि न्यायपालिका और सरकार या तो सच्चाई का साथ दें, वरना साधु-संतों के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने इसे “सोए हुए हिंदू समाज को जगाने” की मुहिम बताया।

इस भड़काऊ बयान पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष आरिफ तुर्की ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राजेश सिंघल की भाषा देशहित के अनुकूल नहीं है और इस तरह के भड़काऊ भाषण किसी भी रूप में जायज़ नहीं ठहराए जा सकते। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है और सभी को संविधान व न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए, लेकिन जिस तरह से उन्होंने मंच से न्यायपालिका को भी दरकिनार कर बयान दिया, वह अत्यंत अनुचित है। आरिफ तुर्की ने प्रशासन से मांग की कि ऐसे बयानों पर तुरंत संज्ञान लिया जाए, क्योंकि न्यायपालिका सर्वोपरी है और संविधान के तहत संचालित होती है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे भाषणों पर अंकुश लगाना चाहिए ताकि समाज में अनावश्यक तनाव न बढ़े। विवादित बयान ने क्षेत्र की राजनीतिक व सामजिक हलचल को तेज कर दिया है।

Sambhal में अधिवक्ता से मारपीट व मोबाइल चोरी का सनसनीखेज मामला, पुलिस जांच में जुटी

संभल।सम्भल सदर कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय से एक अधिवक्ता के साथ मारपीट और मोबाइल फोन चोरी किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित अधिवक्ता हरिओम सिंह, निवासी मिलक सिसोटा (थाना हयातनगर), ने अपने ही मुंशी शिशपाल और जनसेवा केंद्र संचालक लवली पर धोखाधड़ी, जबरन उगाही और जानलेवा हमला करने के आरोप लगाए हैं।

अधिवक्ता के मुताबिक, वह किसी काम से शिशपाल की दुकान पर पहुंचे थे, जहां जनसेवा केंद्र चलाने वाला लवली भी मौजूद था। दोनों से पुराने परिचय के चलते अधिवक्ता ने अपना मोबाइल चार्जिंग पर लगा दिया। आरोप है कि कुछ देर बाद दोनों युवकों ने उनका मोबाइल गायब कर दिया और खाने-पीने के बहाने 500 रुपये की मांग की। विश्वास के चलते अधिवक्ता ने रुपये दे भी दिए, लेकिन मामला यहीं नहीं थमा।

 पीड़ित का कहना है कि दोनों आरोपी उन्हें बहला-फुसलाकर चौधरी सराय स्थित एक होटल पर ले गए, तो आरोपियों 1500 रुपए देने का दबाव बनाया रुपए न देने पर आरोपियों ने होटल के बाहर उन्हें बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। मारपीट के दौरान अधिवक्ता की आंख और नाक से खून बहने लगा। शोर सुनकर होटल कर्मचारी बाहर आए और बीच-बचाव कर किसी तरह अधिवक्ता को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया। 

घटना की जानकारी मिलते ही अधिवक्ता ने तत्काल सदर कोतवाली पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और पीड़ित को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा है। पुलिस कि जांच जारी है और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पीड़ित ने प्रशासन से शीघ्र न्याय की गुहार लगाई है।