मगध विश्वविद्यालय बोधगया में 22वां दीक्षांत समारोह: बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ ने 250 पीएचडी के मेधावी को मेडल और सर्टिफिकेट दिया
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गया: मगध विश्वविद्यालय के 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रहे महामहिम सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, महामहिम कुलाधिपति के प्रधान सचिव, प्रति कुलपति अन्य मंचासीन अतिथिगण, अधिषद्, अभिषद् एवं विद्वत्
परिषद् के सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये कुलपति एवं पूर्व कुलपतिगण, सभागार में उपस्थित रहे. इस दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंच से कहा की ज्ञान और मोक्ष की इस पवित्र भूमि पर मैं हार्दिक स्वागत, अभिवादन और वंदन करता हूँ. आज लगभग एक दशक के बाद मगध विश्वविद्यालय 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का साक्षी बन रहा है. एक दशक का यह लम्बा वक्त शैक्षणिक सत्र और परीक्षाओं की विलम्बित अवस्था के कारण लगा। फरवरी 2023 में जब मैंने कुलपति का पद संभाला, तब विश्वविद्यालय में परीक्षाएँ बाधित थीं, परीक्षा परिणाम वर्षों से लंबित थे और विद्यार्थियों का भरोसा डगमगाया हुआ था. विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने के लिए ढाई वर्षों में 150 से अधिक लंबित परीक्षाएँ पूरी कर चार वर्ष पीछे चल रहे सत्र को नियमित कर दिया गया है. मगध विश्वविद्यालय के लिए यह परीक्षा में केवल सुधार नहीं है, यह विश्वविद्यालय
के साख की पुनर्स्थापना है. इसलिए, आज का यह ऐतिहासिक अवसर केवल दीक्षांत समारोह नहीं, बल्कि
मगध विश्वविद्यालय की आत्मा के पुनर्जागरण का उत्सव है। यह वह क्षण है जब चुनौती भरे समय में किए गए परिश्रम, संघर्ष और सुधार की रोशनी हमारे परिसर को आलोकित कर रही है। यह रोशनी बताती है कि जब नीयत साफ हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो असंभव भी संभव बन जाता है। 1962 में स्थापित मगध विश्वविद्यालय ने 6 दशक से भी अधिक की अपनी यात्रा में आरा और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के दो विभाजन भी देखे। इसके बावजूद पांच जिलों में फैले अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत यह विश्वविद्यालय 1 लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहा है और बिहार के सामाजिक परिवर्तन की एक नयी गाथा लिख रहा है। अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि एक दशक बाद महामहिम के करकमलों से दीक्षार्थियों को पदक और उपाधि प्राप्त करने का सुअवसर मिल
रहा है। इस अवसर पर 28 परंपरागत स्नातकोत्तर और 6 व्यावसायिक कोर्स के 34 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जा रहे हैं। यह गौरव का पल है कि सत्र 2022-24 के 156 स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थियों और वर्ष 2024 में पीएच.डी. परीक्षा उत्तीर्ण 250 शोधार्थियों, जिनमें दो डी.लिट्. शोधार्थी भी शामिल हैं, को इस 22वें दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति के सम्मुख उपाधियाँ प्रदान की जा रही हैं। यह प्रमाणपत्र केवल कागज़ की डिग्री नहीं, यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, निष्ठा और चुनौतियों से भरी हुई शैक्षणिक यात्रा का जीवंत दस्तावेज़ है।
यह उपाधि आपको पहचान के अतिरिक्त उत्तरदायित्व भी देती है । आप भविष्य के निर्माता हैं. कभी महात्मा गांधी के लिए कवि सोहनलाल द्विवेदी ने कहा था-
“चल पड़े जिधर दो डग मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर...' "आई मैं आप सभी विद्यार्थियों के कदमों को उसी दिशा में बढ़ने का आह्वान करता हूँ। आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि मगध विश्वविद्यालय बिहार का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र की स्थापना की जा रही है।



1 hour and 16 min ago
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