मगध विश्वविद्यालय बोधगया के दीक्षांत समारोह में अव्यवस्था पर राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने जताई नाराज़गी, मंच से ही दी नसीहत

बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को उस समय अप्रत्याशित अव्यवस्था देखने को मिली जब बिहार के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महामहिम मोहम्मद आरिफ खान अपने संबोधन के लिए मंच पर उपस्थित थे। समारोह के दौरान मंत्री अशोक चौधरी के साथ आए कई समर्थक अचानक मंच के ठीक सामने जमा हो गए। इससे न केवल कार्यक्रम की गरिमा भंग होती दिखी बल्कि मंच से राज्यपाल का दृश्य भी बाधित हो गया।

राज्यपाल जब छात्रों और अतिथियों को संबोधित कर रहे थे, तभी भीड़ आगे बढ़ने लगी। क्षणभर के लिए समारोह में हलचल मच गई। स्थिति को देखते हुए राज्यपाल ने स्वयं मंच से ही व्यवस्था बहाल करने की पहल की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—

“यहाँ बीच में खड़े मत होइए, सुशासन रखिए। यह दीक्षांत समारोह है।”

उनकी यह टिप्पणी न केवल मौजूद समर्थकों के लिए संदेश थी, बल्कि कार्यक्रम की गंभीरता और अनुशासन को बनाए रखने की सीख भी थी।

राज्यपाल के निर्देश के बाद सुरक्षाकर्मियों और आयोजन समिति ने भीड़ को पीछे हटने के लिए कहा, जिसके बाद मंच के सामने का क्षेत्र धीरे-धीरे खाली कराया गया। हालांकि, यह घटना समारोह के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों और गणमान्य अतिथियों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। कई लोगों ने महसूस किया कि ऐसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तक्षेप या समर्थकों की अनावश्यक भीड़ व्यवस्था को प्रभावित करती है।

दीक्षांत समारोह में कुलपति, विभिन्न संकायों के डीन, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ शामिल हुए। समारोह का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों पर सम्मानित करना था, लेकिन बीच में हुई अव्यवस्था ने कार्यक्रम की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बावजूद कार्यक्रम आगे शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और राज्यपाल ने अपने संबोधन में शिक्षा, अनुशासन और सुशासन के महत्व पर जोर दिया।

मगध विश्वविद्यालय बोधगया में 22वां दीक्षांत समारोह: बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ ने 250 पीएचडी के मेधावी को मेडल और सर्टिफिकेट दिया

गया: मगध विश्वविद्यालय के 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रहे महामहिम सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, महामहिम कुलाधिपति के प्रधान सचिव, प्रति कुलपति अन्य मंचासीन अतिथिगण, अधिषद्, अभिषद् एवं विद्वत्

परिषद् के सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये कुलपति एवं पूर्व कुलपतिगण, सभागार में उपस्थित रहे. इस दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंच से कहा की ज्ञान और मोक्ष की इस पवित्र भूमि पर मैं हार्दिक स्वागत, अभिवादन और वंदन करता हूँ. आज लगभग एक दशक के बाद मगध विश्वविद्यालय 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का साक्षी बन रहा है. एक दशक का यह लम्बा वक्त शैक्षणिक सत्र और परीक्षाओं की विलम्बित अवस्था के कारण लगा। फरवरी 2023 में जब मैंने कुलपति का पद संभाला, तब विश्वविद्यालय में परीक्षाएँ बाधित थीं, परीक्षा परिणाम वर्षों से लंबित थे और विद्यार्थियों का भरोसा डगमगाया हुआ था. विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने के लिए ढाई वर्षों में 150 से अधिक लंबित परीक्षाएँ पूरी कर चार वर्ष पीछे चल रहे सत्र को नियमित कर दिया गया है. मगध विश्वविद्यालय के लिए यह परीक्षा में केवल सुधार नहीं है, यह विश्वविद्यालय

के साख की पुनर्स्थापना है. इसलिए, आज का यह ऐतिहासिक अवसर केवल दीक्षांत समारोह नहीं, बल्कि

मगध विश्वविद्यालय की आत्मा के पुनर्जागरण का उत्सव है। यह वह क्षण है जब चुनौती भरे समय में किए गए परिश्रम, संघर्ष और सुधार की रोशनी हमारे परिसर को आलोकित कर रही है। यह रोशनी बताती है कि जब नीयत साफ हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो असंभव भी संभव बन जाता है। 1962 में स्थापित मगध विश्वविद्यालय ने 6 दशक से भी अधिक की अपनी यात्रा में आरा और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के दो विभाजन भी देखे। इसके बावजूद पांच जिलों में फैले अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत यह विश्वविद्यालय 1 लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहा है और बिहार के सामाजिक परिवर्तन की एक नयी गाथा लिख रहा है। अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि एक दशक बाद महामहिम के करकमलों से दीक्षार्थियों को पदक और उपाधि प्राप्त करने का सुअवसर मिल

रहा है। इस अवसर पर 28 परंपरागत स्नातकोत्तर और 6 व्यावसायिक कोर्स के 34 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जा रहे हैं। यह गौरव का पल है कि सत्र 2022-24 के 156 स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थियों और वर्ष 2024 में पीएच.डी. परीक्षा उत्तीर्ण 250 शोधार्थियों, जिनमें दो डी.लिट्. शोधार्थी भी शामिल हैं, को इस 22वें दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति के सम्मुख उपाधियाँ प्रदान की जा रही हैं। यह प्रमाणपत्र केवल कागज़ की डिग्री नहीं, यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, निष्ठा और चुनौतियों से भरी हुई शैक्षणिक यात्रा का जीवंत दस्तावेज़ है।

यह उपाधि आपको पहचान के अतिरिक्त उत्तरदायित्व भी देती है । आप भविष्य के निर्माता हैं. कभी महात्मा गांधी के लिए कवि सोहनलाल द्विवेदी ने कहा था-

“चल पड़े जिधर दो डग मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर...' "आई मैं आप सभी विद्यार्थियों के कदमों को उसी दिशा में बढ़ने का आह्वान करता हूँ। आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि मगध विश्वविद्यालय बिहार का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र की स्थापना की जा रही है।

ज़िलाधिकारी ने उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के भू-अर्जन कार्य को 15 दिसंबर तक पूरा करने का दिया निर्देश

गया के ज़िलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज उत्तर कोयल जलाशय परियोजना (North Koel Reservoir Project) की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह परियोजना ₹1367.61 करोड़ की लागत से झारखंड और बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय सिंचाई और जल संसाधन परियोजना है, जो मुख्य रूप से बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने परियोजना से संबंधित भू-अर्जन (Land Acquisition) के कार्य को 15 दिसंबर 2025 से पहले हर हाल में समाप्त करने का निर्देश संबंधित सभी अंचलाधिकारी को दिया। उन्होंने भू-अर्जन की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि गया जी ज़िला में 96.749 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 5.350 हेक्टेयर ज़मीन प्राप्त की गई है। बैठक में बताया गया कि उत्तर कोयल जलाशय परियोजना फेज-1 के तहत कुल 206.153 एकड़ रकवा है। जिसमे मुख्य रूप से 3 अंचल के क्षेत्र पड़ता है। गुरारू अंचल में 190 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 20 मौजा है और 400 से अधिक संख्या में रैयत हैं। गुरुआ अंचल में 46.50 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 12 मौजा है और 450 की संख्या में रैयत हैं। कोच अंचल में 34.16 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 5 मौजा है और 225 रैयत की संख्या है. ज़िलाधिकारी ने सभी 3 अंचलों के अंचलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि आज से ही सभी अपने क्षेत्रों में कैम्प लगाकर रैयतों का एलपीसी बनाने एवं निर्गत करवाने, कैम्प में ही बटवारा चार्ट, सहमति पत्र इत्यादि कागजात रैयतों को बनवाने में मदद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि किस व्यक्ति के पास कितना रैयत है उसका मौजावार रैयतों की सूची तैयार करे। उन्होंने अपर समाहर्ता राजस्व को निर्देश दिया है कि प्रत्येक मौजावर एक एक अमीन कल से ही प्रतिनियुक्ति करें। इसके अलावा गुरारू अंचल के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता टेकारी, कोच अंचल के लिए अनुमंडल पदाधिकारी टिकारी एवं गुरुआ अंचल के लिए अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को वरीय पदाधिकारी के रूप में लगाया गया है ताकि उक्त परियोजना का प्रतिदिन दैनिक समीक्षा करेंगे एवं तेजी से भूअर्जन प्रक्रिया को पूर्ण करवाएंगे।

ज़िलाधिकारी ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि रैयतों के बीच भूअर्जन संबंधित नोटिस तामिला तेजी से करवाने को कहा है।

परियोजना की विवरण

उत्तर कोयल नदी झारखंड राज्य में बहती है। इसका उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार है और यह लातेहार जिले में प्रवेश करती है। यह नदी सोन नदी में मिल जाती है। यहां से सीधे पलामू, गढ़वा औरंगाबाद एवं गया जिले में सिंचाई प्रणाली को जोड़ता है। मुख्य नहर से शाखा नहर, शाखा नहर से वितरणी नहर- उप वितरणी नहर- लघु नहर के माध्यम से होते हुए किसानों के खेतों तक सिचाई के लिये पानी मिलता है. मुख्य नहर को पुनर्जीवित किया जा रहा है, संरचनाओं का पक्कीकरण किया जा रहा है ताकि अंतिम बिंदु तक सिचाई हेतु पानी जा सके. यह परियोजना के पूर्ण होने से गया ज़िले के लगभग 25 से 30 हजार हेक्टेयर से अधिक सिचाई क्षमता में और इजाफा होगा। इस परियोजना में मुख्य रूप से गया ज़िले के 5 अंचल क्षेत्र यथा आमस, गुरुआ, गुरारू, कोच एवं परैया में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी. बैठक में सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता राजस्व, ज़िला भूअर्जन पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी शेरघाटी, डीसीएलआर शेरघाटी, डीसीएलआर टिकारी, उत्तर कोयल नहर परियोजना सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता, संबंधित अंचलों के अंचल अधिकारी उपस्थित थे।

गया के संग्रहालय में विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर मगध क्षेत्र के पुरातात्विक धरोहर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

गया: कला संस्कृति एवं युवा विभाग के बिहार विरासत विकास समिति एवं गयाजी संग्रहालय गया के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर मगध क्षेत्र के पुरातात्विक धरोहर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी गया संग्रहालय के सभागार में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रजिस्ट्रार मगध विश्वविद्यालय बोधगया के डॉक्टर विनोद कुमार मंगलम रहे. मुख्य विशेषज्ञ के रूप में इतिहास विभाग मगध विश्वविद्यालय प्रोफेसर मनीष सिंह एवं कन्वीनर इंटक डॉक्टर अलका मिश्रा, विभाग अध्यक्ष प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय डॉक्टर कुणाल किशोर, विभाग अध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास एवं एशियाई अध्ययन विभाग गया कॉलेज डॉक्टर चंद्र प्रकाश, प्राध्यापक प्राचीन भारतीय एशिया एवं अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय रहे. इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विरासत के महत्व एवं गया क्षेत्र के मगध क्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास पर प्रकाश डाला तथा बच्चों को इसके प्रति जागरूक किया. उन्होंने बच्चों को कहा कि धरोहर को संजना ही इतिहास के प्रति देश के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी.

प्रोफेसर मनीष सिंह ने बोधगया परिक्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास की यात्रा को विस्तार से विद्यार्थियों को बताया डॉक्टर अलका मिश्रा ने संग्रहालय के महत्व एवं मगध के विविध संग्रहालय में स्थित पूरा वस्तुओं का इतिहास व्याख्याित किया डॉ चंद्र प्रकाश ने प्रशासनिक एवं सामाजिक दोनों स्तर पर विरासत को सहेजने के प्रयासों को रेखांकित किया डॉक्टर कुणाल किशोर ने इस तरह के विविध आयोजनों की माध्यम से किया जा रहे कार्यों की प्रशंसा की एवं मगध के क्षेत्र पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा कई पूरा स्थलों के उत्खनन एवं अन्वेषण की अनुरोध किया और उसकी जरूरत पर प्रकाश डाला अतिथियों का स्वागत संग्रहालय के संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव ने किया मंच संचालन एवं कार्यक्रम समन्वय बिहार विरासत विकास समिति के समन्वयक डॉक्टर अमित रंजन कार्यक्रम का समन्वय एवं मंच संचालन किया।

बोधगया विधानसभा क्षेत्र के संडेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर मैदान में एक भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन

गया: बोधगया विधानसभा क्षेत्र के संडेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर मैदान में रविवार को एक भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बोधगया विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार निर्वाचित विधायक कुमार सर्वजीत के सम्मान में आयोजित किया गया था। अपनी हैट्रिक जीत और विपक्षी दल के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति के बाद पहली बार क्षेत्र में पहुंचे विधायक का जोरदार स्वागत किया गया।

समारोह में पहुँचने से पहले विधायक कुमार सर्वजीत ने संडेश्वर धाम में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए और पूजा-अर्चना कर क्षेत्र और पूरे प्रदेश की उन्नति, खुशहाली और सुख-शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि संडेश्वर स्थान आकर उन्हें हमेशा ही आध्यात्मिक ऊर्जा और जनता की सेवा का नया संकल्प मिलता है।

नागरिक अभिनंदन समारोह में बोधगया विधानसभा क्षेत्र के महागठबंधन दलों के कई प्रमुख नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, युवा साथी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने विधायक का माला, अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर उत्सव जैसा माहौल था और भारी जनसमूह उपस्थित था।

सभा को संबोधित करते हुए विधायक कुमार सर्वजीत ने जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी यह जीत केवल एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि बोधगया की जनता का उनके प्रति विश्वास और प्रेम है। उन्होंने कहा, “विकास ही मेरा कर्म और धर्म है। जब तक मैं ज‍िंदा हूँ, बोधगया विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का परचम लहराता रहेगा। जनता की सेवा ही मेरा सबसे बड़ा दायित्व और संकल्प है।”

उन्होंने सभी जाति और धर्मों के लोगों से आपसी एकता, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने की अपील की। विधायक ने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, रोजगार और पर्यटन के क्षेत्रों में तेज गति से विकास कार्य जारी रहेंगे।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने विधायक के नेतृत्व और कार्यशैली की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में बोधगया विधानसभा और भी विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।

महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर ने गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश

गया: महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर अमरेश कुमार ने रविवार को आज गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पोस्ट की समग्र कार्यप्रणाली, तैनात बल की स्थिति तथा ड्यूटी डिप्लायमेंट का विस्तृत आकलन किया। उन्होंने बल के अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। निरीक्षण के क्रम में महानिरीक्षक ने सबसे पहले पोस्ट की दैनिक गतिविधियों एवं ड्यूटी रजिस्टर की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बढ़ती भीड़ और यात्रा सीजन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने बल को रेलवे परिसर में गश्त और निगरानी बढ़ाने तथा हर संदिग्ध गतिविधि पर तत्परता से प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेषकर लौटती भीड़ में महिलाओं और बुजुर्गों की सहायता हेतु “मेरी सहेली टीम” को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

महानिरीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक उपकरणों और संसाधनों के उपयोग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि बदलते समय में तकनीकी सहायता के बिना बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है। इसलिए ट्रेन तथा स्टेशन परिसर में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाया जाए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन एवं जीआरपी के साथ सामंजस्य स्थापित कर संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही।

निरीक्षण के अंत में महानिरीक्षक ने आरपीएफ जवानों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें अपने दायित्वों के प्रति सजग, अनुशासित और हर परिस्थिति में तत्पर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए समर्पण एवं सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

गया कॉलेज में बढ़ती अव्यवस्था पर ABVP का प्रहार, प्राचार्य का पुतला दहन, छात्र हितों की उपेक्षा पर फूटा आक्रोश, आंदोलन को मिलेगी और तीव्रता

गया: गया कॉलेज गया में लगातार बढ़ती अव्यवस्था, फैली प्रशासनिक लापरवाही, और छात्रों की बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आज जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। कॉलेज के सामने सैकड़ों छात्रों और कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य का पुतला दहन कर प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी कि अब उदासीनता और घमंड की नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदर्शन के दौरान कॉलेज परिसर कई बार छात्र विरोधी प्रशासन होश में आओ, ABVP जिंदाबाद, और भ्रष्टाचार बंद करो के नारों से गूंज उठा। गया कॉलेज के मंत्री चंदन शर्मा ने कहा मगध विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी ही अराजकता को जन्म दे रही है. कॉलेज में व्याप्त अराजकता का मुख्य कारण प्राचार्य की उदासीनता और निष्क्रिय रवैया है। कक्षाएँ समय पर नहीं चलतीं, छात्रों की शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं, और समस्याओं के समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिलता है। जब छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हो और प्राचार्य चुप हों, तब हमें सड़क पर उतरना ही पड़ता है। अगर छात्र अपनी मांगों को लेकर प्राचार्य के पास जाते हैं तो प्राचार्य तुम ताम करते हैं जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है और किसी भी स्तर पर सुधार की कोशिश नहीं दिख रही।

महानगर मंत्री आदित्य मिश्रा ने उठाए गंभीर सवाल यह कॉलेज है या उपेक्षा का केंद्र? गया कॉलेज आज उपेक्षा का केंद्र बन चुका है। पीने के पानी की कमी इस कदर है कि छात्रों को बाहर से पानी खरीदकर पीना पड़ता है।

शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है, सफाई का नाम तक नहीं है। कई विषयों की कक्षाएँ नियमित नहीं चलतीं जिससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। लैब पूरी तरह जर्जर पड़ी हैं, उपकरण नहीं हैं, किताबें उपलब्ध नहीं हैं। बॉयज़ हॉस्टल की हालत दयनीय है न सुरक्षा है न स्वच्छता। वहीं छात्राओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन बिल्कुल चुप है, जो अत्यंत शर्मनाक है। ऐसी लचर व्यवस्था में शिक्षा का माहौल कैसे बनेगा?

आज गया कॉलेज के प्राचार्य पर लगे भ्रष्टाचार का जाँच हुआ था लेकिन रिपोट अभी तक नहीं आया ये भी गंभीर विषय हैं क्यों रिपोर्ट नहीं आया ये कौन बतायेंगे. कार्यकर्ताओं ने कहा कि गया कॉलेज अब धैर्य की सीमा पार कर चुका है। छात्रों को मूलभूत सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है. अगर जल्द समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन जिले से लेकर

विश्वविद्यालय स्तर तक तेज किया जाएगा। इस दौरान गया महानगर मंत्री आदित्य मिश्रा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विनायक कुमार, खेल प्रमुख रितिक कुमार, राहुल कुमार, अंकित कुमार, मोनू कुमार, सोनू कुमार, सागर कुमार, अनुराग कुमार, नीरज कुमार, राहुल कुमार, अनुज कुमार, चंदन कुमार, अलोक कुमार, सूर्य कुमार, कमाल कुमार, रिशु गुप्ता सिन्हा और अन्य लोग मौजूद रहे.

गयाजी में आकाश इंस्टीट्यूट का सम्मान समारोह: IOQM में 63% का प्रभावशाली क्वालिफिकेशन रेट, ANTHE 2025 में 21 विद्यार्थियों ने हासिल की 100% स्कॉल

गयाजी: परीक्षा-तैयारी सेवाएँ प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने गयाजी में आयोजित एक विशेष समारोह में इंडियन ओलंपियाड क्वालिफायर इन मैथमेटिक्स (IOQM) 2025 और आकाश नेशनल टैलेंट हंट एग्जाम (ANTHE) 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया।

यह सम्मान समारोह गयाजी सेंटर की असाधारण शैक्षणिक उपलब्धियों को दर्शाता है, जहाँ छात्रों ने देश की दो सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में उत्कृष्टता हासिल की है।

IOQM में गयाजी का उत्कृष्ट प्रदर्शन

गयाजी सेंटर ने IOQM 2025 में प्रभावशाली परिणाम दर्ज किए हैं:

योग्यता दर: कुल 49 प्रतिभागियों में से 31 विद्यार्थियों ने रीजनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड (RMO) के लिए पात्रता प्राप्त की, जो 63.27 प्रतिशत की प्रभावशाली क्वालिफिकेशन रेट है।

कक्षा-वार सफलता: कक्षा 10 सर्वाधिक सफल रही, जहाँ से 14 विद्यार्थियों ने क्वालिफाई किया। वहीं कक्षा 11 ने सर्वाधिक क्वालिफिकेशन प्रतिशत (72.73%) दर्ज किया।

सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम: जेईई मेन एवं एडवांस्ड के लिए संचालित 'टीवाई फेज-1 फर्स्ट स्टेप इंटीग्रेटेड क्लासरूम कोर्स' सबसे सफल कार्यक्रम रहा, जिससे कुल 5 विद्यार्थियों ने RMO के लिए क्वालिफाई किया।

ANTHE में 100% स्कॉलरशिप

ANTHE सेगमेंट में भी गयाजी के विद्यार्थियों ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं:

रिकॉर्ड स्कॉलरशिप: सभी 21 शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों ने 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के लिए पात्रता हासिल की।

परफेक्ट स्कोर: इनमें से एक विद्यार्थी ने परीक्षा में दुर्लभ 100 प्रतिशत परफेक्ट स्कोर प्राप्त कर विशेष उपलब्धि दर्ज की।

राष्ट्रीय रैंक: विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ ऑल इंडिया रैंक (AIR) 21 रही।

आकाश के मार्गदर्शन पर छात्रों का विश्वास

इस अवसर पर एईएसएल के रीजनल डायरेक्टर अजय बहादुर सिंह ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा, "उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि न केवल उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि हमारे समर्पित शिक्षकों तथा अभिभावकों के सहयोगात्मक प्रयासों का भी सच्चा प्रतिबिंब है।"

समारोह में शीर्ष स्कोर करने वाले विद्यार्थियों ने साझा किया कि आकाश के सुव्यवस्थित मार्गदर्शन, त्वरित शंका समाधान और परीक्षा-केंद्रित वातावरण ने उनकी तैयारी में आत्मविश्वास जगाया। ANTHE छात्रों को 100 प्रतिशत तक की छात्रवृत्ति और 2.5 करोड़ तक के नकद पुरस्कार प्राप्त करने का अवसर प्रदान कर रहा है।

गया से बड़ी खबर: जिंदा मां का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर बेटे ने हड़पी संपत्ति, पीड़िता ने प्रशासन से लगाई गुहार

गया शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां गुरुद्वारा रोड, गोसाई बाग निवासी दिलीप कुमार पर अपनी ही जिंदा मां का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र बनवाकर संपत्ति हड़पने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित मां मीना देवी और छोटे बेटे धर्मेंद्र कुमार उर्फ प्रवीण कुमार ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

मीना देवी ने बताया कि उनका बड़ा बेटा दिलीप कुमार लंबे समय से परिवार से अलग रहता है। आरोप है कि दिलीप कुमार ने कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला गोसाई बाग स्थित होल्डिंग नंबर नया 246, पुराना 239, वार्ड नंबर 17 में स्थित पुश्तैनी मकान को अपने नाम कराने के लिए साजिश के तहत उनका नकली मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से बनवा लिया और इसके आधार पर उसने नगर निगम कार्यालय के राजस्व कार्यालय में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी कराई और मकान को अपने नाम करवा लिया।

पीड़िता मीना देवी ने कहा कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और जीवित हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराना कानून के साथ सीधी धोखाधड़ी है। उन्होंने बताया कि इस फर्जी दस्तावेज़ के कारण सरकारी अभिलेखों में उन्हें मृत दिखा दिया गया है, जिससे उन्हें कई तरह की प्रशासनिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे बेटे धर्मेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि दिलीप कुमार और उनकी पत्नी की नीयत शुरू से ही संपत्ति हड़पने की थी, और उसने बिना किसी जानकारी के प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह कर यह दस्तावेज़ बनवाया। पीड़ित परिवार का कहना है कि मामले में शामिल संबंधित अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए, जिनकी लापरवाही या मिलीभगत के कारण एक जिंदा महिला की ‘मृत्यु’ सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो गई।

पीड़ित मीना देवी और उनके छोटे बेटे ने आगे कहां की इस मामले को जब हमने अधिकारियों पास ले गया तो हमको धमकियां दी जा रही है। मेरे ऊपर दिलीप कुमार के पत्नी ने झूठ दुष्कर्म का भी केस दर्ज कराया है जो बिल्कुल ही सरासर गलत है। केस इसलिए किया गया है ताकि हम लोग इस मामले में फंसे रहे और जमीन को हड़पने में सफल रहे। मां मीना देवी ने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर समेत वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सहित तमाम अधिकारियों से लिखित शिकायत कर फर्जी दस्तावेज़ रद्द करने, संपत्ति वापस दिलाने और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इस घटना को लेकर आक्रोश है, क्योंकि यह मामला न केवल पारिवारिक कलह का है, बल्कि सरकारी दस्तावेज़ों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का गंभीर मामला भी है। प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है, इसे लेकर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।

गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।