आजमगढ़:-पुण्यतिथि पर याद किए गए पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव,पैतृक गांव सहित स्कूलों में भी मनायी गयी पुण्यतिथि
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वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यपाल स्व रामनरेश यादव की 9वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक आवास सहित विद्यालयों में भी मनायी गयी। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों द्वारा उनके चित्र पर पुष्पांजलि दी गयी। आयोजित विचार गोष्ठियों में वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। शनिवार को आंधीपुर गांव स्थित उनके पैतृक आवास पर रामनरेश यादव की पुण्यतिथि सादगी के साथ मनायी गयी। कार्यक्रम की शुरुआत उनके छोटे भाई डॉ सुरेश यादव एवं सावित्री देवी ने रामनरेश यादव के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया। इसके अलावा जनता इंटर कालेज अंबारी में प्रधानाचार्य हरेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान छात्रों में कलम का वितरण किया गया। इसके अलावा कंपोजिट विद्यालय अंबारी में प्रधानाध्यापक राजेश यादव के नेतृत्व में, आरोग्य निकेतन अंबारी में डॉ सुभाष यादव के नेतृत्व में पुण्यतिथि मनायी गयी। इस दौरान विचार गोष्ठियों में वक्ताओं ने कहा कि स्व यादव का जन्म फूलपुर तहसील क्षेत्र के आंधीपुर गांव में 1 जुलाई 1928 को मुंशी गया प्रसाद यादव के पुत्र के रूप में हुआ था। स्व यादव सांसद, विधायक के साथ ही 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 8 सितंबर 2011 से 7 सितंबर 2016 तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे। 22 नवंबर 2016 को इलाज के दौरान पीजीआई लखनऊ में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। स्व रामनरेश यादव ने अपने कार्यकाल में मण्डल कमीशन के पहले ही पिछड़ो के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण प्रदेश में लागू किया था। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण इनके द्वारा लागू किया गया था। मुख्यमंत्री रहते हुए इन्होंने अनेकाें जनकल्याणकारी योजनाएं चलाईं। गरीब किसानों के लिए अंत्योदय योजना इन्हीं के कार्यकाल में लागू हुई थी। काम के बदले अनाज योजना से संपर्क मार्गो का जाल बिछाया। साढ़े तीन एकड़ तक की जमीन की लगान माफ, सभी किेसानों को बिना 20 गुना जमा किये भूमिधर बनाना, अनुसूचित जातियों के लिए बिना किसी जमानत के 5000 की ऋण सुविधा, खाद पर 50 फीसद की सब्सिटी, पिछड़े वर्ग के छात्रों को हाई स्कूल से एमए तक की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति सहित तमाम योजनाओ का संचालन किया। उन्होंने 1100 पैरा टीचरों को विनियमित करने का कार्य भी किया था। हिंडाल्को की बिजली काटकर किसानों को देने का कार्य किया गया था।इसके अलावा स्व यादव ने बालिकाओं की शिक्षा के लिए भगवती देवी स्मारक राजकीय बालिका इंटर कालेज अंबारी, गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबारी, राजकीय आईटीआई फूलपुर की स्थापना भी कराई। क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही जनपद में 22 पुलों का निर्माण कराये थे। इन्ही के द्वारा किसानों और क्षेत्र की जनता के लिए नहरों पर पिच मार्ग का निर्माण कराया गया था। राज्यसभा सदस्त रहने के दौरान यूरिया के दाम में बढोत्तरी को रोकने के लिए तत्तकालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव से कहे कि यदि यूरिया का दाम नहीं घटाया गया तो मैं राज्यसभा से इस्तीसफा दे दूंगा। बढ़े हुए दाम को सरकार ने वापस लिया था। मानव संसाधन समिति के पहले चेयरमैन बने थे। जनपद मुख्यालय के कोलाघाट बंधे का निर्माण इन्हीं के द्वारा कराया गया था। जिसके बाद कोलाघाट बसा था। बुढ़नपुर से बरदह तक जाने वाली सड़क को पिच कराने का कार्य किया गया था। नोयडा औधोगिक क्षेत्र का शिलान्यास उन्हीं के द्वारा किया गया था। इस मौके पर हरिबंश यादव, बांकेलाल यादव, परशुराम यादव, रामसकल, शेषनाथ, वीरेंद्र, देवेंद्र, अंगद सिंह, मो कासिफ, देवेश कुमार, रफीउद्दीन, अमरनाथ बिंद, रामचन्दर राव,रविन्द्र यादव, देवेंद्र यादव, प्रह्लाद यादव,अरुण पांडेय, राकेश यादव आदि रहे।![]()



3 hours ago
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