भोलानाथ कुशवाहा का नया कविता संग्रह 'कबीर नहीं बन पाया' प्रकाशित
मिर्जापुर। जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा का कविता संग्रह 'कबीर नहीं बन पाया' प्रकाशित हुआ है। यह संग्रह 120 पृष्ठों का है। इसे संत रविदास नगर (भदोही) के हिंदी श्री पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है। इसमें अपने वक्तव्य में साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी 'अमर' ने लिखा है, यह संग्रह केवल आत्मनिरीक्षण तक सीमित नहीं है बल्कि आज के विषमताओं से भरे समाज का एक तीखा और यथार्थवादी दस्तावेज है।
नगर के बाँकेलाल टंडन की गली, वासलीगंज निवासी 75 वर्षीय भोलानाथ कुशवाहा की रचनात्मक साहित्य की अब तक 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने हिन्दी साहित्य की कई विधाओं में लेखन किया है। जिनमें कविता,गीत, नवगीत, मुक्तक, दोहा, हाइकू, गजल, शेर, नाटक, कहानी, लघुकथा आदि हैं। इनकी लिखी भूमिकाएँ व समीक्षाएं विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं मे प्रकाशित होती रही हैं। साथ ही आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से भी इनकी कविताओं का प्रसारण हो चुका है। इन्हें उ प्र हिंदी संस्थान, लखनऊ के साथ कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने सम्मानित किया है।
भोलानाथ कुशवाहा के कविता संग्रह 'कबीर नहीं बन पाया' के प्रकाशित होने पर अनेक लोगों ने बधाई दी है जिनमें डॉ अनुज प्रताप सिंह, वृजदेव पांडेय, प्रो
रेनूरानी सिंह, डॉ वंदना मिश्रा, प्रमोद कुमार सुमन, लाल व्रत सिंह सुगम, गणेश गंभीर, लल्लू तिवारी, आनन्द अमित, अरविंद अवस्थी, केदार नाथ सविता, जफर मिर्जापुरी, मुहिब मिर्जापुरी, डॉ अनुराधा ओस, हसन जौनपुरी, खुर्शीद भारती, नन्दिनी वर्मा, सारिका चौरसिया, डॉ सुधा सिंह, इला जायसवाल, इम्तियाज अहमद गुमनाम, इरफान कुरैशी, अनिल यादव, हेलाल मिर्जापुरी आदि हैं।











2 hours and 5 min ago
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