अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच कराने की हिम्मत दिखाएं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन.......बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा निशाना साधा।

श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी,अनुराग गुप्ता जैसा भ्रष्ट डीजीपी झारखंड बनने के बाद राज्य में कभी बना ही नहीं था।” सोशल मीडिया पर घूम रहा ये वीडियो न्यूज़ किसी विरोधी दल के नेता का नहीं, बल्कि आपके साथ सरकार में शामिल प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का है, जो अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता को पद से हटाने के कई दिनों पहले का है।

कहा कि यह तो एक सैम्पल है। जब सत्ताधारी दल का व्यक्ति भी किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगा रहा है, तो ये सहज समझा जा सकता है कि उसने कैसे और कितने एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार और अपराध किये होंगे?

कहा कि सुना तो यह भी जा रहा है कि जिस अवैध डीजीपी को आपने भस्मासुर बनने का आशीर्वाद दिया था, उसने आपको ही जलाने के इंतजाम करने का काम फिर से शुरू कर दिया है।

कहा कि भले ही आप थोड़े देर के लिए बच गए हैं, लेकिन जनता अभी भी आपके कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। ऐसा लगता है आपने सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे का फॉर्मूला अख्तियार किया है।

कहा कि मुख्यमंत्री जी,जनता बहुत समझदार होती है। लगातार मेरे द्वारा अवैध डीजीपी के खिलाफ आवाज उठाने पर भी आपके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। सदन से सड़क तक आवाज उठाई गई लेकिन आप अपनी जिद्द पर अड़े रहे। मामला न्यायालय तक गया लेकिन आप अपने हठ पर डटे रहे। और जब आपका पाला पोसा हुआ ये अपराधी प्रवृत्ति का आदमी अंदर-अंदर आपका ही कब्र खोदने लगा तो आपकी नींद खुली है।

कहा कि मुख्यमंत्री जी, ऐसे तो नदी में बहुत पानी बह चुका है लेकिन थोड़ी बहुत अगर पद की गरिमा और साख की चिंता आपको है तो अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराने की हिम्मत दिखाइए। जनता आपसे यह चाहती है। जिस अवैध डीजीपी को इस्तीफा देने की नौबत आ गई उसे आप इतनी आसानी से भय मुक्त आख़िर कैसे कर देंगे?

कहा कि झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में अच्छे अफसर भी भरे पड़े हैं। इनसबों के बीच इस बात की चर्चा है कि झारखंड में राज्य सेवा से लेकर कई आईएएस अफसर भ्रष्टाचार के लिये जेल की हवा खा चुके हैं, लेकिन एक भी भ्रष्टाचारी आईपीएस या पुलिस अफसर पर न तो कार्रवाई हुई न ही कोई जेल गया। जबकि अगर ठीक से जॉंच हो जाय तो उजागर हो जायेगा कि कुछ पुलिस अफ़सरों ने राज्य में भ्रष्टाचार का कैसा-कैसा कीर्तिमान बना रखा है?

कहा कि जांच बैठाइए मुख्यमंत्री जी, नहीं तो मेरी बात लिखकर रख लीजिये कि ऐसे और कई लोग आपके इर्द-गिर्द अभी भी घूम रहे हैं, जो आपको बराबर डर दिखाते रहेंगे और आगे ब्लैकमेल करेंगे आपको। हेमंत जी एकबार हिम्मत दिखाइए।

जनजाति गौरव दिवस: 15 नवंबर को रामदयाल मुंडा स्टेडियम में भव्य आयोजन की तैयारी; राज्यपाल संतोष गंगवार होंगे मुख्य अतिथि

रांची: आज दिनांक 8 नवंबर 2025, शनिवार को आरोग्य भवन बरियातू के सभागार में जनजाति गौरव दिवस आयोजन समिति द्वारा आगामी 15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की तैयारी के लिए एक विशेष बैठक आयोजित की गई।

यह जनजाति गौरव दिवस समारोह रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में मनाया जाएगा।

भव्य आयोजन की तैयारी

आयोजन को बृहद रूप देने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें:

सांस्कृतिक प्रस्तुति: विभिन्न जनजातियों की पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-नगाड़े, मांदर के साथ झांकियां और विभिन्न नृत्य मंडलियां उपस्थित होंगी।

सजावट: फुटबॉल मैदान के चारों ओर स्वतंत्रता सेनानियों के छोटे-बड़े कट ऑफ लगाए जाएंगे।

मुख्य अतिथि: जनजाति गौरव दिवस के मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री संतोष गंगवार जी होंगे।

भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर चिंता

इस बैठक में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा एवं झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उराँव ने झारखंड सरकार का ध्यान एक गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया।

उन्होंने बताया कि रांची के कोकर के पास भगवान बिरसा मुंडा का समाधि स्थल के पास लगी प्रतिमा की स्थिति काफी खराब है और वह कभी भी गिर सकती है।

नेताओं ने झारखंड सरकार से मांग की है कि भगवान बिरसा मुंडा की अष्टधातु की प्रतिमा अति शीघ्र लगाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि "अबुआ सरकार में भगवान बिरसा मुंडा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

जनजाति गौरव दिवस आयोजन समिति के संयोजक जगलाल पहान सहित बबलू मुंडा, अशोक मुंडा, मुकेश मुंडा, आशीष मुंडा, नकुल तिर्की, प्रदीप लकड़ा, सोमा उराँव और जनजाति सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव समेत कई कार्यकर्ता इस बैठक में मौजूद रहे।

रांची डीसी मंजूनाथ भजन्त्री ने प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय तमाड़ का किया औचक निरीक्षण

मंजूनाथ भजन्त्री ने दिया निर्देश, कार्यालय में बिचौलिये नहीं दिखने चाहिए, लोगों से शालीनता से मिले, समस्या लेकर आनेवाले लोगों को सही जानकारी दें।

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने कार्यालयों में उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों की उपस्थिति, अभिलेखों, सेवा पुस्तिका, आगत-निर्गत पंजी, जनशिकायत निवारण व्यवस्था, पेंशन एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा की।

उपायुक्त ने कहा की उनके द्वारा पुरे जिला में लगातार औचक निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कार्यालय में समयपालन एवं अनुशासन सर्वाेपरि है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि तमाड़ प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय में बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की बिचौलिया गतिविधि पाये जाने पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के आलोक में राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का निरीक्षण करते हुए सम्बंधित अधिकारी को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयासों से ट्यूनीशिया में फंसे 48 झारखंडी कामगारों की सुरक्षित वापसी; मुख्यमंत्री साबित हुए 'प्रवासी कामगारों के

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के कारण अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की सुरक्षित घर वापसी संभव हो पाई है। ये कामगार बीते तीन महीनों से वेतन न मिलने और गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे थे।

त्वरित सरकारी कार्रवाई

कामगारों की परेशानी की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई के लिए श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अधीन राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सक्रिय किया।

विभाग की भूमिका: मुख्यमंत्री के निर्देश पर, विभाग ने तत्परता दिखाते हुए भारतीय दूतावास और संबंधित एजेंसियों के सहयोग से कामगारों की वापसी की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया।

कामगारों का विवरण: ये सभी 48 कामगार हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों के निवासी थे और पीसीएल प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (PCL Prem Power Construction Ltd.) में कार्यरत थे।

मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता का प्रमाण

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सदैव यह सिद्ध किया है कि झारखंड का हर श्रमिक, चाहे वह देश में हो या विदेश में, सरकार की जिम्मेदारी है। ट्यूनीशिया में फंसे कामगारों की सुरक्षित वापसी इसी सोच और प्रतिबद्धता का उज्जवल उदाहरण है।

सरकार अब इन लौटे हुए कामगारों और उनके परिवारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित करने की दिशा में कदम उठा रही है। यह सफलता प्रवासी कामगारों के प्रति राज्य सरकार की गहरी चिंता और मानवीय दृष्टिकोण को उजागर करती है।

रांची के डॉक्टर को ट्रेडिंग का झांसा देकर ₹3.75 करोड़ का चूना; 17 मामलों में वांछित 'दीप मजूमदार' गिरफ्तार, फर्जी ऐप के जरिए किया फ्रॉड


रांची (झारखंड): झारखंड की राजधानी रांची में साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को 3.75 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस मामले में झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य अपराधी दीप मजूमदार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमांडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।

ऐसे दिया गया ठगी को अंजाम

पश्चिम बंगाल का रहने वाला ठग दीप मजूमदार, जो पहले भी 17 अन्य साइबर अपराधों में शामिल रहा है, ने डॉक्टर को ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कमाने का लालच दिया।

विश्वास जीतना: साइबर अपराधियों ने पहले "FYERS SECURITIES PRIVATE LIMITED" नाम से एक फर्जी WhatsApp ग्रुप बनाया और उसमें आकर्षक ट्रेडिंग ऑफर भेजे।

फर्जी ऐप: पीड़ित को एक नकली इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग ऐप "FYERS" डाउनलोड करने को कहा गया।

करोड़ों का लालच: इस फर्जी ऐप में डॉक्टर को ट्रेडिंग के दौरान करोड़ों रुपये का नकली मुनाफा दिखाया गया, जिससे पीड़ित का विश्वास जीता जा सका।

पैसे ट्रांसफर: जालसाजों ने नकली मुनाफा दिखाकर डॉक्टर को अपने झांसे में लिया और उनसे अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 3.75 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए।

गिरफ्तार अपराधी का आपराधिक इतिहास

डॉक्टर को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने झारखंड सीआईडी के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद सीआईडी टीम ने दीप मजूमदार को गिरफ्तार किया।

17 शिकायतें: इस अपराधी के खिलाफ गृह मंत्रालय के National Cyber Crime Reporting Portal पर देश के आठ अलग-अलग राज्यों (तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली) में कुल 17 शिकायतें दर्ज हैं।

C.I.D. की अन्य कार्रवाई

सीआईडी साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इस घटना से पहले अगस्त में, सीआईडी ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर हुए 30 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा किया था।

गिरफ्तारी: सीआईडी ने रांची, जामताड़ा समेत छह जिलों में छापेमारी कर कुल 7 अपराधियों को गिरफ्तार किया।

बरामदगी: अपराधियों के पास से 8 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 4 पासबुक, 9 चेक बुक और केस से जुड़ी व्हाट्सएप चैट बरामद हुई थी।

म्यूल खाते: जांच में यह भी सामने आया कि झारखंड के साइबर अपराधियों ने साइबर फ्रॉड से अर्जित रकम छिपाने के लिए 15,000 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया था।

बिहार चुनाव 2025: प्रथम चरण के मतदान में कोई पुनर्मतदान नहीं; निर्वाचन आयोग की गहन जांच में किसी भी केंद्र पर कदाचार नहीं पाया गया


: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर कोई पुनर्मतदान (Re-polls) अनुशंसित नहीं किया गया है।

आयोग ने मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कदाचार का पता लगाने के लिए फॉर्म 17ए और अन्य मतदान-दिवस के दस्तावेजों की मतदान के बाद की गहन जांच कराई।

जांच प्रक्रिया का विवरण

  • जांच का क्षेत्र: प्रथम चरण में मतदान वाले सभी 121 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में दस्तावेजों की जांच की गई।
  • उपस्थिति: यह जांच आयोग द्वारा नियुक्त 121 रिटर्निंग अधिकारियों (RO) और 121 सामान्य पर्यवेक्षकों (GO) की उपस्थिति में सुचारू रूप से संपन्न हुई।
  • भागीदारी: लगभग 455 उम्मीदवारों या उनके एजेंटों ने भी इस जांच प्रक्रिया में भाग लिया, जिन्हें जाँच की तारीख, समय और स्थान की सूचना अग्रिम रूप से दी गई थी।

निष्कर्ष

जांच के बाद, किसी भी मतदान केंद्र पर कोई विसंगति या कदाचार नहीं पाया गया, जिसके कारण आयोग ने प्रथम चरण में किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की सिफारिश नहीं की है।

संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई थी, और जांच के बाद फॉर्म 17ए और संबंधित सामग्री को आरओ की मुहर से दोबारा सील कर दिया गया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से रफीगंज में उत्सव का माहौल

औरंगाबाद (रफीगंज): रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की धरती शुक्रवार को ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह और उल्लास का माहौल देखने को मिला। नगर के मुख्य मार्गों को सजाया गया था और हजारों की संख्या में लोग प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए उमड़े।

रफीगंज एनडीए प्रत्याशी एवं जदयू नेता प्रमोद कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में कहा कि यह पूरे क्षेत्र के लिए गर्व और सौभाग्य की बात है कि भगवान भास्कर की नगरी रफीगंज की धरती पर देश के प्रधानमंत्री पधारे हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन इस क्षेत्र के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। प्रमोद कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास के लिए जो योजनाएं चलाई हैं, उनसे आम जनता का जीवन स्तर तेजी से सुधर रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं को सशक्त बना रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति के नए आयाम छू रहा है, और बिहार भी इस विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है।

एनडीए प्रत्याशी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा न केवल रफीगंज बल्कि पूरे औरंगाबाद जिले के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बिहार आने वाले दिनों में और अधिक विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा।

स्थानीय लोगों में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर भारी उत्साह देखा गया। रफीगंज बाजार से लेकर सभा स्थल तक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह एनडीए कार्यकर्ताओं ने स्वागत द्वार बनाए और पुष्पवर्षा कर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।

कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जिला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारी की गई थी ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो सके। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल बना रहा।

औरंगाबाद में पीएम मोदी की हुंकार: बिहार को ‘कट्टा सरकार’ नहीं, सुशासन चाहिए राजद-कांग्रेस पर तीखा प्रहार ,बोले, जंगलराज वाले जमानत पर चल रहे

ब्यूरो रिपोर्ट धीरेन्द्र पाण्डेय

औरंगाबाद, संवाददाता।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के समर्थन में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औरंगाबाद में विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने मतदाताओं से बदलाव की अपील करते हुए कहा कि बिहार को अब ‘कट्टा सरकार’ नहीं, बल्कि सुशासन चाहिए। सभा स्थल पर पहुंचने पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व सांसद सुशील सिंह, तथा औरंगाबाद के छह विधानसभा क्षेत्रों के एनडीए प्रत्याशियों — त्रिविक्रम नारायण सिंह (औरंगाबाद), प्रमोद सिंह (रफीगंज), प्रकाश चन्द्रा (ओबरा), रणविजय सिंह (गोह), चेतन आनंद (नबीनगर) और ललन भुइँया (कुटुंबा) — ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में भगवान भास्कर की नगरी और औरंगाबाद की ऐतिहासिक धरती को नमन किया। उन्होंने कहा कि “देव भास्कर की धरती को प्रणाम करते हुए, मैं औरंगाबाद की जनता का अभिनंदन करता हूं।

पहले चरण का मतदान एनडीए की वापसी की गारंटी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण में रिकॉर्ड 65 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो बिहार में एनडीए सरकार की वापसी का संकेत है।

उन्होंने कहा, “बिहार के लोग अब किसी भी कीमत पर जंगलराज की वापसी नहीं चाहते। राजद ने झूठे वादों का भ्रम फैलाने की कोशिश की, लेकिन जनता ने सच्चाई पहचान ली है।

राम मंदिर से वन रैंक वन पेंशन तक गिनाईं उपलब्धियां

मोदी ने एनडीए सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा, “हमने जो कहा, वह करके दिखाया। राम मंदिर बना, अनुच्छेद 370 हटाया गया और वन रैंक वन पेंशन लागू की गई। हमारे सैनिक परिवारों को अब तक एक लाख करोड़ रुपये का लाभ मिला है।”

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “राजद वालों को तो यह भी नहीं पता कि एक लाख करोड़ में कितने शून्य लगते हैं।”

जंगलराज वाले जमानत पर चल रहे हैं

राजद-कांग्रेस गठबंधन पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “ये वही लोग हैं जो नौकरी के बदले जमीन लिखवाते थे। अदालत ने भी इसे माना है। आज जंगलराज वाले खुद जमानत पर हैं।”

उन्होंने कहा कि एक समय औरंगाबाद नक्सलवाद से जूझ रहा था, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार आने के बाद नरसंहार और माओवादी हिंसा समाप्त हुई। “डबल इंजन की सरकार ने बिहार को माओवादी आतंक से मुक्त कराया है।

कट्टा संस्कृति नहीं, चाहिए सुशासन

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी दल आज भी कट्टा संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। “वे अपने बच्चों को रंगदार बना रहे हैं। बिहार को कट्टा सरकार नहीं चाहिए — बिहार को सुशासन चाहिए।”

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने महिलाओं को पंचायत, सरकारी नौकरियों, विधानसभा और लोकसभा में आरक्षण देकर सशक्त बनाया है।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बोले, “जो संविधान दिखाते हैं, उन्होंने सामान्य वर्ग के गरीबों को भुला दिया, लेकिन मोदी ने उन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण दिया

छठ महापर्व का अपमान करने वालों को जनता देगी जवाब

मोदी ने कहा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार के पर्व-त्योहारों का अपमान किया। “छठ महापर्व को नौटंकी कहने वालों को बिहार की माताएं-बहनें 11 नवंबर को वोट से जवाब देंगी।”

14 नवंबर को मनाएं विजय उत्सव

सभा के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले चरण का मतदान एनडीए की सबसे बड़ी विजय का संकेत है। अब 14 नवंबर को बिहार विजय उत्सव की तैयारी कीजिए — वोट दीजिए एनडीए को, वोट दीजिए सुशासन को।”

वंदे मातरम गीत नहीं, भारत माता की आराधना का मंत्र है": प्रदेश भाजपा ने धूमधाम से मनाया राष्ट्रगीत की रचना का 150वां वर्ष; मरांडी बोले- भारत माता

रांची: प्रदेश भाजपा ने भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में, प्रदेश भाजपा मुख्यालय रांची, धनबाद, देवघर और दुमका में सामूहिक गान कार्यक्रम का धूमधाम से आयोजन किया। कार्यक्रम की प्रदेश संयोजक प्रदेश मंत्री सुनीता सिंह थीं।

वरिष्ठ नेताओं का संबोधन

प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी:

मरांडी ने झारखंड की जनता को बधाई देते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक चेतना हमेशा जागृत रही।

उन्होंने कहा कि 1875 में कवि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसी चेतना को वंदे मातरम के रूप में लिपिबद्ध किया।

उन्होंने कहा कि भारत की पवित्र धरती में साक्षात दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के दर्शन किए जाते हैं। अन्याय के खिलाफ लड़ती भारत माता ही दुर्गा हैं, संपन्नता ही लक्ष्मी है, और भारत का ज्ञान-विज्ञान ही सरस्वती है।

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांसद आदित्य साहू:

उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय भूभाग धरती का ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है जिसने धरती को मिट्टी का टुकड़ा नहीं बल्कि मातृ भूमि माना।

उन्होंने कहा कि इसी भाव के कारण वंदे मातरम के स्वर फूटे, और भाजपा ने राष्ट्र प्रथम को अपना संकल्प बनाया है।

प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह:

उन्होंने जोर देकर कहा कि वंदेमातरम गीत नहीं, बल्कि भारत माता की आराधना का एक जागृत मंत्र है।

उन्होंने कहा कि वंदे मातरम और भारत माता की जय की भावना से ही विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, स्वाभिमानी भारत का स्वप्न साकार होगा।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रो. यदुनाथ पांडेय:

उन्होंने याद दिलाया कि आजादी के संघर्ष में वंदे मातरम गीत आजादी के दीवानों के लिए ताकत थी, और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने यह गीत गाकर फांसी के फंदे को चूम लिया था।

प्रदेश उपाध्यक्ष विकास प्रीतम:

उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लगातार देश की सांस्कृतिक विरासत पर चोट की और मुस्लिम लीग के दबाव में अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में वंदे मातरम गीत के गान पर रोक लगाई।

कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कार्यालय मंत्री हेमंत दास ने किया, और धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश मंत्री और कार्यक्रम के सह संयोजक मनोज महतो ने किया। सामूहिक वंदे मातरम गीत के गायन का नेतृत्व सुनीता सिंह, सीमा सिंह, राजश्री जयंती, शालिनी नायक और शिवपूजन पाठक ने किया।

झारखंड स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर राज्यव्यापी 'रक्त दान शिविर कैंपेन'; 12 से 28 नवंबर तक चलाया जाएगा विशेष अभियान

रांची: झारखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर को भव्य और यादगार बनाने के लिए, राज्य सरकार ने 12 नवंबर से 28 नवंबर 2025 तक पूरे राज्य में एक विशेष रक्तदान शिविर कैंपेन चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य में ब्लड की कमी को पूरा करना है।

स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव श्रीमती नेहा अरोड़ा ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।

अभियान की रणनीति और फोकस

श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि सिविल सर्जन, ब्लड बैंक, सिविल सोसाइटी, वॉलेंटियर्स और जिला स्तर पर डीपीआरओ (जिला जनसंपर्क अधिकारी) की भूमिका लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

दिए गए प्रमुख निर्देश:

जागरूकता और प्रचार: लोगों को स्वेच्छा से रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रभावी स्ट्रेटिजी बनाई जाए। रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाए।

भागीदारी सुनिश्चित करना: सिविल सोसाइटी जैसे चैंबर ऑफ कॉमर्स और लायंस क्लब सहित अन्य संस्थाओं से संपर्क कर ज्यादा से ज्यादा रक्तदान में मदद ली जाए।

ब्लड डोनेशन कैलेंडर: सभी सिविल सर्जन को ब्लड डोनेशन कैंप का एक कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया।

जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण: 12 नवंबर से शुरू हो रहे कैंपेन में सांसद, विधायक, जिला परिषद के अध्यक्ष, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को रक्तदान करने हेतु आमंत्रित किया जाए, ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए।

सटीक जानकारी उपलब्ध कराएं

विशेष सचिव ने निर्देश दिया कि रक्तदान से जुड़ी सभी जानकारी (जैसे शिविर का स्थान और समय) लोगों तक सटीक एवं सुलभ तरीके से उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने मीडिया को भी इस कैंपेन से जोड़ने और 'डोनर्स की मैपिंग' सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है, और इस प्रयास को निरंतर जारी रखना है, ताकि रक्त की कमी से किसी मरीज की जान न जाए।