*8 नवंबर को - भारत की सांस्कृतिक धरोहर एवं अभिलेख संरक्षण की चुनौतियां विषय पर चिंतन करेंगे देश भर के विद्वान*
राणा प्रताप पीजी कालेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी।
सुलतानपुर,राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार आठ नवम्बर को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार , संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित होने वाली इस संगोष्ठी में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान जुटेंगे। यह जानकारी देते हुए संगोष्ठी संयोजक व प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर एवं अभिलेख संरक्षण की चुनौतियां विषय पर होने वाली यह संगोष्ठी कई सत्रों में चलेगी । राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन पुस्तकालय कक्ष में सुबह दस बजे से होगा। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार मुख्य अतिथि होंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता मुम्बई विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रामजी तिवारी करेंगे।बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुशील कुमार पाण्डेय विशिष्ट वक्ता होंगे। साढ़े ग्यारह बजे से शुरू होने वाले प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.एम.पी.सिंह करेंगे। इस सत्र के मुख्य वक्ता संत तुलसीदास पीजी कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सतीश कुमार सिंह व विशिष्ट वक्ता राजा मोहन गर्ल्स पीजी कालेज अयोध्या की प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रज्ञा मिश्र होंगीं । दो बजे से चलने वाले द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता के एन आई पी एस एस के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर राधेश्याम सिंह करेंगे। इसके मुख्य वक्ता पीवी पीजी कालेज प्रतापगढ़ के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर बृजभानु सिंह व विशिष्ट वक्ता संत तुलसीदास पीजी कालेज के प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेन्द्र तिवारी होंगे। साढ़े तीन बजे समापन सत्र आयोजित होगा जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर एम पी सिंह विसेन करेंगे।
मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार के सहायक निदेशक विजय श्रीवास्तव व विशिष्ट वक्ता गनपत सहाय पीजी कालेज के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शक्ति सिंह होंगे। प्राचार्य ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए अनेक विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व शोधकर्ताओं ने पंजीकरण कराया है। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिजेंद्र सिंह, क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय सिंह व महाविद्यालय के प्रबंधक एडवोकेट बालचंद्र सिंह संगोष्ठी के संरक्षक होंगे। महाविद्यालय की उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह व प्राचीन भारतीय इतिहास , पुरातत्व व संस्कृति विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेन्द्र प्रताप सिंह को संगोष्ठी का सह संयोजक बनाया गया है। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह, प्राचीन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव व विनय कुमार विश्वकर्मा को संगोष्ठी सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राष्ट्रीय संगोष्ठी के मीडिया प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि व डॉ संतोष सिंह अंश बनाए गए हैं। ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने बताया कि संगोष्ठी की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। शोध पत्र प्रस्तुति हेतु पंजीकरण आनलाइन और आफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है।

राणा प्रताप पीजी कालेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी।
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुशील कुमार पाण्डेय विशिष्ट वक्ता होंगे। साढ़े ग्यारह बजे से शुरू होने वाले प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.एम.पी.सिंह करेंगे। इस सत्र के मुख्य वक्ता संत तुलसीदास पीजी कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सतीश कुमार सिंह व विशिष्ट वक्ता राजा मोहन गर्ल्स पीजी कालेज अयोध्या की प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रज्ञा मिश्र होंगीं । दो बजे से चलने वाले द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता के एन आई पी एस एस के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर राधेश्याम सिंह करेंगे। इसके मुख्य वक्ता पीवी पीजी कालेज प्रतापगढ़ के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर बृजभानु सिंह व विशिष्ट वक्ता संत तुलसीदास पीजी कालेज के प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेन्द्र तिवारी होंगे। साढ़े तीन बजे समापन सत्र आयोजित होगा जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर एम पी सिंह विसेन करेंगे।

राणा प्रताप पीजी कालेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी।
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुशील कुमार पाण्डेय विशिष्ट वक्ता होंगे। साढ़े ग्यारह बजे से शुरू होने वाले प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.एम.पी.सिंह करेंगे। इस सत्र के मुख्य वक्ता संत तुलसीदास पीजी कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सतीश कुमार सिंह व विशिष्ट वक्ता राजा मोहन गर्ल्स पीजी कालेज अयोध्या की प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रज्ञा मिश्र होंगीं । दो बजे से चलने वाले द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता के एन आई पी एस एस के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर राधेश्याम सिंह करेंगे। इसके मुख्य वक्ता पीवी पीजी कालेज प्रतापगढ़ के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर बृजभानु सिंह व विशिष्ट वक्ता संत तुलसीदास पीजी कालेज के प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेन्द्र तिवारी होंगे। साढ़े तीन बजे समापन सत्र आयोजित होगा जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर एम पी सिंह विसेन करेंगे। मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार के सहायक निदेशक विजय श्रीवास्तव व विशिष्ट वक्ता गनपत सहाय पीजी कालेज के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शक्ति सिंह होंगे। प्राचार्य ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए अनेक विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व शोधकर्ताओं ने पंजीकरण कराया है। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिजेंद्र सिंह, क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय सिंह व महाविद्यालय के प्रबंधक एडवोकेट बालचंद्र सिंह संगोष्ठी के संरक्षक होंगे। महाविद्यालय की उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह व प्राचीन भारतीय इतिहास , पुरातत्व व संस्कृति विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेन्द्र प्रताप सिंह को संगोष्ठी का सह संयोजक बनाया गया है। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह, प्राचीन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव व विनय कुमार विश्वकर्मा को संगोष्ठी सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राष्ट्रीय संगोष्ठी के मीडिया प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि व डॉ संतोष सिंह अंश बनाए गए हैं। ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने बताया कि संगोष्ठी की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। शोध पत्र प्रस्तुति हेतु पंजीकरण आनलाइन और आफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है।
सुल्तानपुर,बिहार चुनाव में राहुल गांधी यूपी सुल्तानपुर निवासी रामचेत मोची की स्थिति बदलने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। अब आप कहेंगे ये कौन है रामचेत मोची,तो आइए हम बताते हैं आपको,
राहुल गांधी का कहना है कि रामचेत ने करीब 10 लोगों को अपने यहां रोजगार दे रखा है।
देखते हैं राहुल गांधी का दावा कितना सही है।
पहले एक छोटी सी दुकान थी अब एक और दुकान हो गई है। इनका लड़का दुकानपर काम कर रहा है। जो मशीन राहुल गांधी दी थी,जिस पर महीनों से काम बंद है,क्योंकि रामचेत की तबियत पिछले कई महीनों से खराब है और वो बिस्तर पर पड़ा हैं। लड़का बताता है कि काम तो बढ़ा था और 2..3..कारीगर भी आए थे,लेकिन पिताजी की तबियत खराब होने से वो सब भी चले गए।
रामचेत की तबियत खराब है। गांव के एक टूटी फूटी झोपड़ी के घर में बिस्तर पर पड़े हैं,रामचेत बताते हैं राहुल भैया ने मदद की थी,काम भी आगे बढ़ा था, लेकिन उनकी तबियत खराब होने से अब रोजगार फिर जैसे का तैसा हो गया। राहुल गांधी ने मशीन दिलाई थी तो काम भी बढ़ चला था। कई कारीगर काम बढ़ने पर ज़रूर आए लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ,कि 10 लोग रामचेत की दुकान पर काम करके अपना परिवार पाल सकें।
भारत सरकार की युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाली परेड में प्रतिभाग करने हेतु चयन प्रक्रिया के द्वितीय चरण में विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं का चयन किया गया, जिसमें डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय,अयोध्या के अंतर्गत गनपत सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुल्तानपुर से बी.ए. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा अंशु एवं बी. कॉम. पंचम सेमेस्टर के छात्र निश्चल पाण्डेय का चयन हुआ। दोनों छात्रों की इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ.ओम प्रकाश पाण्डेय”बजरंगी”ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आशीर्वाद रूपी शुभकामनाएं दी और उज्जवल भविष्य की कामना की।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ.)अंग्रेज सिंह ने छात्रों की इस उपलब्धि पर बधाई दी और आगामी चरणों की तैयारी हेतु दोनों छात्रों का मार्गदर्शन किया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक प्रो.समीर सिन्हा,वरिष्ठ कार्यक्रमाधिकारी डॉ.विष्णु शंकर अग्रहरि,डॉ.शाहनवाज आलम, डॉ. दीपा सिंह,डॉ भोलानाथ,डॉ देवेन्द्र नाथ मिश्र एवं अन्य प्राध्यापकों ने छात्रों को शुभकामनाएं दी।
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इंडस्ट्री के लिए उत्तर प्रदेश सबसे अच्छा राज्य बनकर उभरा - नंदी* *पूर्वांचल में उद्योगों की नई राह खोल रहा
सुल्तानपुर - नन्दी*
सुलतानपुर,उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने सुल्तानपुर में कहा है कि प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर अब पूर्वांचल भी तेज़ी से उभर रहा है।सुल्तानपुर,अमेठी,प्रतापगढ़ और अयोध्या जैसे ज़िलों में औद्योगिक निवेश की नई संभावनाएँ खुल रही हैं।मंत्री नन्दी ने रविवार रात को शहर के एक निजी कार्यक्रम में पहुंचने पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे एवं लखनऊ- वाराणसी राजमार्ग पर असरोगा के निकट प्रस्तावित औद्योगिक गलियारों की स्थापना के लिए 50 से 80% भूमि अधिग्रहण कर काश्तकारों को मुआवजे की धनराशि दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि भारत में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सबसे अच्छा राज्य बनकर उभरा है।तमाम बड़ी कंपनियां, इंटरनेशनल कंपनियां व बड़े-बड़े औद्योगिक घराने उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्री स्थापित कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि पूर्वांचल, पश्चिमांचल,मध्यांचल के साथ- साथ हम बुंदेलखंड को 45 वर्षों के बाद नोएडा की तर्ज पर वीडा बनाकर बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बना रहे है। उन्होंने बताया कि पहली बार हुई इन्वेस्टर समिट की बैठक में 33 लाख 50 हजार करोड़ का एएमयू साइन हुआ था।उसके बाद जो बढ़कर अब 50 लाख करोड़ पार कर गया है।
इस वृद्धि ने यह बता दिया है कि हमने निवेशकों का भरोसा और विश्वास जीता है।उसमें से हम 10 लाख करोड़ ग्राउंड बेकिंग सेरेमनी कर चुके हैं।आज भारत दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था है और तीसरी अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी के '56 इंच' की छाती के डरपोक वाले बयान पर कहा कि राहुल गांधी को पूरे देश ने पप्पू की उपाधि दी है। उन्होंने राहुल के बयानों में निरंतरता की कमी पर तंज कसते हुए कहा वह सुबह, दोपहर और शाम को क्या बोलते हैं और चुनाव बाद फिर कहां गायब हो जाते हैं यह छोटे-छोटे बच्चों को भी पता है।उन्होंने पीएम की सराहना करते हुए कहा उन्होंने देश को दुनिया की सर्वोच्च ऊंचाई पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा आज पूरी दुनिया में पासपोर्ट की वैल्यू बड़ी है।उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की चमक-धमक और ताकत को पूरी दुनिया देख रही है।
शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा वैदिक कालीन शिक्षा की वर्तमान में प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी.जी. कॉलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा “वैदिक कालीन शिक्षा की वर्तमान में प्रासंगिकता” विषय पर एक सारगर्भित विद्यार्थी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पी सिंह ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया। विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. शिल्पी सिंह ने कहा कि वैदिक शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन न होकर व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण और समाजोत्थान था।
आज के समय में जब शिक्षा मात्र रोजगार का माध्यम बनती जा रही है, ऐसे में वैदिक कालीन शिक्षा की मूल्यपरक परंपरा हमें पुनः आत्मचिंतन का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि वैदिक शिक्षा में गुरु-शिष्य संबंध, नैतिक मूल्यों, अनुशासन, आत्मसंयम और लोकमंगल की भावना निहित थी, जो वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भी अत्यंत आवश्यक है।
संगोष्ठी में विभिन्न सेमेस्टरों के विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।अनामिका (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा का मूल आधार आत्मज्ञान था। विद्यार्थी को समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराया जाता था। आज के युग में इस आदर्श को पुनः अपनाने की आवश्यकता है।सुहानी (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा विद्यार्थियों को जीवन के चार पुरुषार्थों—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—का संतुलन सिखाती थी। आधुनिक शिक्षा में यह संतुलन खो गया है जिसे पुनः स्थापित करना होगा।
खुशी मोदनवाल (बी.ए. तृतीय सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाती थी। आज ‘स्किल डेवलपमेंट’ के रूप में हम उसी परंपरा को आधुनिक रूप में पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने वैदिक ऋचाओं के उच्चारण के साथ वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन विभाग की वरिष्ठ छात्रा सृष्टि ने किया तथा आभार व्यक्त देवेन्द्र तिवारी ने किया। अंत में डॉ. शिल्पी सिंह ने सभी विद्यार्थियों को उनके चिंतनशील वक्तव्यों के लिए सराहा और कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियाँ न केवल ज्ञानवर्धक होती हैं बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध होती हैं।
सुल्तानपुर,कादीपुर क्षेत्र के अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ अल्देमऊ नूरपुर परिसर में पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चण्डेश्वर कपाली बाबा ने प्रेस क्लब सुलतानपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि आगामी 4,5,6 नवम्बर को तीन दिवसीय बाबा सत्यनाथ महोत्सव अघोर पीठ बाबा सत्यनाथ मठ अल्देमऊ नूरपुर में आयोजित किया जा रहा है।
अवधूत कपाली बाबा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली के पावन पर्व पर अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय बाबा सत्यनाथ महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। दिनांक 4 नवम्बर को बाबा सत्यनाथ की विशाल शोभायात्रा शाहगंज रोड रानीपुर कायस्थ गांव स्थित महाकाल शनिदेव अवसान माता मंदिर से प्रारंभ होकर कादीपुर नगर भ्रमण करते हुए बाबा सत्यनाथ मठ परिसर में पहुंच कर बाबा सत्यनाथ, भगवान दत्तात्रेय, माता हिंगलाज, श्मसान काली सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर महोत्सव का शुभारंभ किया जायेगा, उसके उपरांत लोककलाकार विदिशा मध्यप्रदेश से नीलम सिंह एवं निर्गुण सम्राट मदन राय द्वारा सांयकाल 7 बजे से लोककला की प्रस्तुति।
इस तीन दिवसीय महोत्सव में दिनांक 5 नवम्बर को बाबा सत्यनाथ श्रृंगार पूजन एवं उत्तर प्रदेश की संत परम्परा का राष्ट्रीय योगदान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी दस बजे से 12.30 तक, अपराह्न 1 बजे से 3 बजे तक लोककलाकारों की प्रस्तुति 3 बजे से 5 बजे तक दलित चेतना के धार्मिक प्रतिनिधि काकभुशुण्डि विषय पर संतों द्वारा उद्बोधन,सांयकाल 5 बजे से मठ परिसर एवं आदि गंगा गोमती तट पर एक लाख दीपों का दीपोत्सव,रात्रि 7 बजे से प्रख्यात लोक गायक राजन तिवारी,श्रद्धा पाण्डेय की सांस्कृतिक प्रस्तुति और 6 नवम्बर को बाबा सत्यनाथ श्रृंगार पूजन अर्चन उपरांत 10 बजे से 12.30 तक नाथपंथ/अघोर परम्परा में राष्ट्रीय एकता के सूत्र विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी,1 बजे से 3 बजे तक शिव विवाह का अन्तर्निहित सामाजिक सन्देश विषय पर संतों द्वारा उद्बोधन , सांयकाल 6 बजे बाबा सत्यनाथ की महाआरती, सम्मान समारोह, समापन सत्र, सायंकाल 7 बजे से प्रख्यात भजन गायक पुनीत कृष्ण जेटली पागल बाबा एवं अन्य कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।
समाज एवं लोक जीवन में विलुप्त हो रही सांझी संस्कृति लोक कला,लोकगायन, लोकनृत्य का महोत्सव के माध्यम पुनर्जागरण एवं इस अवसर पर संतों गुरुओं के द्वारा शैव संप्रदाय,शैव दर्शन पर मार्गदर्शन मिले सभी को प्राप्त हो महोत्सव का यही पवित्र लक्ष्य है। कार्यक्रम में विशेष उत्सव दिनांक 5 नवम्बर को मेला एवं सांयकाल देव दीपावली पर मठ एवं आदि गंगा गोमती तट पर एक लाख दीपों के साथ दीपोत्सव है।
कार्यक्रम में विशाल भण्डारे के साथ साथ स्वरांजली के माध्यम से भजन संध्या में प्रख्यात गायक कलाकारों एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन की प्रस्तुति कार्यक्रम का आकार्षण रहेगी। अवधूत कपाली बाबा ने कहा कि तीन दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने के लिए आप सबको अपने अपने स्तर से व्यवस्था को सुदृढ़ और भव्य बनाना है।
उत्तर प्रदेश के एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल नंदी रविवार की रात करीब 8:00 बजे बताइए के जुदा पट्टी गांव के एक वैवाहिक कार्यक्रम में बाराती बनकर पहुंचे
सुल्तानपुर,2 नवंबर दिन रविवार गोमती मित्रों के साप्ताहिक श्रमदान का दिन था जो छठ महापर्व के बाद हो रहा था तो स्वाभाविक है इतना बड़ा पर्व निपटने के बाद कुछ ना कुछ अव्यवस्था जरूर छोड़ जाता है इसलिए गोमती मित्रों को और साप्ताहिक श्रमदानों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।जबकि छठ के तत्काल बाद व नित्य श्रमदान होता रहा।
प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह ने अनौपचारिक वार्तालाप में बताया की छठ पर्व के बाद यूं तो प्रशासनिक मशीनरी ने भी अपने कर्तव्य का निर्वहन बखूबी किया लेकिन धाम पर स्वच्छता को लेकर हमेशा से संजीदा रहे गोमती मित्रों ने लगातार व साप्ताहिक श्रमदान के दिन मेहनत कर पूरे धाम को एक बार फिर साफ सुथरा कर दिया है,वरिष्ठ गोमती मित्र मुन्ना सोनी ने बताया कि स्वर्णकार समाज छठ महापर्व पर गोमती मित्रों द्वारा प्रदान किए गए सहयोग के लिए हृदय से आभारी रहा।
श्रमदान प्रातः 6:00 बजे शुरू हुआ और 3 घंटे की अथक मेहनत के बाद 9:00 बजे समाप्त किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह,सेनजीत कसौधन दाऊ,डॉ कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,मुन्ना सोनी,राकेश सिंह दद्दू,मुन्ना पाठक,अजय प्रताप सिंह,संत कुमार प्रधान,युवा मण्डल अध्यक्ष अजय वर्मा,आलोक तिवारी,अभय,दीपू, अर्जुन,रामू सोनी,आयुष,हैप्पी, अरुण,सूरज,प्रीतेश वर्मा,श्रेयांस वर्मा,यश सिंह,आदित्य पाल आदि गोमती मित्र उपस्थित रहे।
Nov 04 2025, 17:34
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