बीजेपी को अगले महीने मिलेगा नया “मुखिया”, रेस में दक्षिण के ये 3 दिग्गज

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भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने वाला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। अगले महीने बीजेपी की कमान नए हाथों में जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल जाने की पूरी संभावना है। हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। इसको लेकर कई नामों की चर्चा हो रही है। इस दौड़ में दक्षिण भारत के नेताओं के नाम भी की चर्चा है। आश्चर्यजनक तौर पर दक्षिण भारत से बीजेपी के नए राष्ट्रीय के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसको लेकर तीन नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है।

बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में दक्षिण से जिन 3 नामों की प्रमुखता से चर्चा चल रही है, कोयला एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्‌डी, लोकसभा सदस्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का नाम लिया जा रहा है। इनमें रेड्‌डी और बंडी संजय कुमार दोनों तेलंगाना से आते हैं जबकि जोशी कर्नाटक से ताल्लकु रखते हैं।

जी किशन रेड्डी

वर्तमान में केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वह पहले तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठन के कामकाज में उनकी सक्रियता रही है। रेड्डी का ओबीसी समुदाय से आना और संगठन पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। तेलंगाना में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें रेड्डी की रणनीतिक भूमिका रही। वह 2019 से लगातार केंद्र में मंत्री हैं। रेड्डी पीएम मोदी के पुराने विश्वस्त हैं। मोदी 1994 में अमरीका गए थे तो रेड्डी भी साथ थे।

बंडी संजय कुमार

बंडी संजय कुमार इस समय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। तेलंगाना की करीमनगर सीट से 2019 से लगातार सांसद हैं, हालांकि वह बीच में विधायकी का चुनाव हार गए थे। वह केंद्रीय मंत्री के साथ राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। बंडी तेलंगाना अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने बतौर प्रदेश अध्यक्ष कई आक्रामक आंदोलन किए। जिससे बीजेपी को तेलंगाना में नई पहचान मिली। उनका जमीनी संगठन कौशल और कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता उन्हें इस रेस में आगे रखती है। बंडी एबीवीपी के जरिये राजनीति में आए हैं। तमिलनाडु में भी पकड़ रखते हैं। हिंदुत्व और ओबीसी दोनों समीकरण साधते हैं।

प्रह्लाद जोशी

तीसरे बड़े दावेदार प्रह्लाद जोशी हैं जो इस समय केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री हैं। कर्नाटक से आने वाले जोशी ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पार्टी में सीनियर नेता माने जाते हैं। वह बीजेपी के ऐसे चेहरे हैं, जो सरकार, संगठन और संसदीय मामले, तीनों के माहिर माने जाते हैं। कर्नाटक में बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद अब पार्टी राज्य में दोबारा वापसी की रणनीति बना रही है। जोशी का अनुभव और सरकार के साथ उनकी अच्छी तालमेल उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

पहले भी दक्षिण से बने हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण बारत के नेताओँ के नाम सामने आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बीजेपी पहली बार पार्टी की कमान के लिए दक्षिण का रूख कर रही है। पहले भी दक्षिण भारत से बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी तक की लिस्ट को देखें तो बीजेपी ने कुल 11 राष्ट्रीय अध्यक्षों में तीन दक्षिण भारत से आने नेताओं को इस कुर्सी पर बैठाया है। इनमें जे कृष्णमूर्ति, बंगारू लक्ष्मण और वेंकैया नायडू का नाम शामिल है।

क्यों दक्षिण से अध्यक्ष की चर्चा?

बता दें कि बीजेपी ने उत्तर और पश्चिम भारत में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है लेकिन दक्षिण भारत अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में पार्टी को और विस्तार की जरूरत है। दक्षिण भारतीय राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर अब भी कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों से पीछे है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व किसी दक्षिण भारतीय नेता को कमान सौंपकर इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहता है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2026 में तमिलनाडु और केरल में चुनाव है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में भविष्य में संभावित विस्तार को ध्यान में रखकर फैसला ले सकती है। इसमें तमिलनाडु राज्य पर बीजेपी विशेष फोकस कर सकती है। ऐसे में दक्षिण के नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल सकता है।

झारखंड विधानसभा बजट सत्र: विपक्ष का जोरदार हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण पर विरोध प्रदर्शन, जानें क्या कहा राज्यपाल ने*

सोमवार (24 फरवरी) को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के अभिभाषण पर विपक्षी पार्टी ने जोरदार हंगामा किया. गंगवार ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत गठबंधन को मिला भारी जनादेश यह दर्शाता है कि पार्टी ने जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई है. इस बयान पर विपक्षी पार्टी BJP ने जोरदार विरोध जताया.

राज्यपाल ने कहा कि पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में झामुमो गठबंधन ने BJP के आक्रामक प्रचार अभियान के बावजूद सत्ता बरकरार रखी. उन्होंने यह भी कहा कि रिकॉर्ड मतदान लोकतंत्र में जनता की आस्था को दर्शाता है और सरकार की नीतियों में लोगों के विश्वास को भी मजबूत करता है.

उन्होंने कहा कि युवाओं, महिलाओं और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी, संवैधानिक और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन स्थापित करना है.

भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था पर सरकार का रुख

राज्यपाल ने बताया कि भ्रष्टाचार राज्य की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा है, जिसे खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अब तक 56 लोक सेवकों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, 24 ने आत्मसमर्पण किया और 9 मुठभेड़ में मारे गए. इसके अलावा, 154 संगठित अपराधी और 898 साइबर अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया.

कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र

गंगवार ने ‘मैय्या सम्मान योजना’ और ‘अबुआ आवास’ जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है. सरकार ने रोजगार सृजन के लिए भी प्रयास किए हैं, जिसके तहत वित्तीय वर्ष में 81 भर्ती शिविर और 63 रोजगार मेले आयोजित किए गए, जिनमें 8,499 युवाओं को नौकरी मिली. कौशल सम्मेलन के जरिए 21,861 प्रशिक्षुओं को नौकरी के प्रस्ताव दिए गए.

राज्यपाल ने कहा कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में, मुख्यमंत्री आवास स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को 15 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है.

बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 27 मार्च तक चलेगा. वित्त वर्ष 2025-26 का बजट 3 मार्च को पेश किया जाएगा. नवंबर 2024 में झामुमो के नेतृत्व में गठबंधन की शानदार जीत के बाद हेमंत सोरेन सरकार का यह पहला पूर्ण बजट सत्र होगा.

दिल्ली विधानसभा में आज 14 कैग रिपोर्ट्स पेश करेगी बीजेपी सरकार, बढ़ सकती हैं आम आदमी पार्टी की मुश्किलें

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दिल्ली विधानसभा सत्र की शुरूआत हो चुके हैं। आज सत्र का दूसरा दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा।यह सत्र महज तीन दिन का ही है। यह सत्र 24 फरवरी को शुरू हुआ है और 27 फरवरी तक चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि आज कैग की रिपोर्ट पेश की जाएगी।दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान कई विभागों में भ्रष्टाचार के मामले का उजागर कैग की रिपोर्ट में हुआ है।

दिल्ली की नई बीजेपी सरकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में मंगलवार को विधानसभा में कैग की 14 लंबित रिपोर्टें पेश करेगी। इनमें से आधे से अधिक रिपोर्टें 500 दिनों से लंबित हैं, जबकि कुछ 300 दिनों से पेंडिंग हैं। इन रिपोर्टों में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और पहलों के महत्वपूर्ण ऑडिट और आकलन शामिल हैं। इन रिपोर्टों को प्रस्तुत करने में 'देरी' ने दिल्ली में आप सरकार की जवाबदेही को लेकर चिंताएं पैदा कर दी थीं। इन रिपोर्टों के पेश होने से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

इस रिपोर्ट में पिछली सरकार के वित्त से जुड़े कार्यों का जिक्र किया गया है। भाजपा भी शुरू से यह आरोप लगाती रही है कि सीएजी रिपोर्ट सदन पटल पर रखे जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार का पोल खुलेगा। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर अपने कार्यकाल के दौरान इन 14 रिपोर्टों को पेश करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। दिसंबर 2024 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व सीएम आतिशी को विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने पर फटकार भी लगाई थी। इस वजह से उन्होंने 19 और 20 दिसंबर को एक विशेष सत्र भी बुलाया था।

आतिशी के आरोपों का जवाब, बीजेपी ने बताई आंबेडकर-भगत सिंह के फोटो वाली सच्चाई

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दिल्ली सीएम ऑफिस में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरों पर भाजपा और आप आमने-सामने हैं। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया, भाजपा के सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दीं। आतिसी के आरोप के कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने सीएम ऑफिस की एक तस्वीर जारी कर जवाब दिया है।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं। उनकी जगह महात्मा गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगा दी हैं। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को उठाते हुए बीजेपी पर दलित और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया। हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अब भी कार्यालय में हैं, बस उनकी जगह बदल दी गई है।

आम आदमी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय की एक तस्वीर जारी की है। बीजेपी ने सच‍िवालय में सीएम ऑफ‍िस की तस्‍वीर सोशल मीडिया में शेयर कर लिखा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों के कक्षों की दीवारों पर महात्मा गांधी, भगत सिंह, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगी हैं। आम आदमी पार्टी को झूठ फैलाना बंद करना चाह‍िए।

इससे पहले सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने दावा किया था कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यालय से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है। आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की मानसिकता सिख और दलित विरोधी है। उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें लगाई थीं।

बता दें कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानती है। अन्ना आंदोलन के वक्त भी शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किए। पंजाब में जब 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में शपथ ली थी। तब से दिल्ली और पंजाब के सीएम ऑफिस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे शहीद भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाई जाने लगीं।

रेखा गुप्ता बीजेपी की मास्टरस्ट्रोक, इसके पीछे छिपा है ये सियासी संदेश

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बीजेपी ने दिल्ली फतह के बाद अब नया दांव चला है। रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाकर।रेखा गुप्‍ता को द‍िल्‍ली का सीएम चुनते वक्‍त बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे।मुख्यमंत्री पद की रेस में अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा से लेकर दिल्ली के अनुभवी नेता विजेंद्र गुप्ता जैसे कई दिग्गजों के नाम चल रहे थे। बावजूद इसके पार्टी ने रेखा गुप्ता पर दांव लगाया। बीजेपी ने महिला मुख्यमंत्री बनाकर ना सिर्फ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का संदेश दिया है, बल्कि वैश्य समाज और मिड‍िल क्‍लास को भी साधने की कोशिश की है।

आखिरी बार जब सन् 1998 में दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी, तब भी यहां सुषमा स्वराज के तौर पर महिला मुख्यमंत्री थीं. अब पार्टी ने लंबे वनवास के बाद एक बार फिर से दिल्ली की कमान महिला को सौंपा है तो इसका संकेत साफ है। दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जहां महिला मतदाता बड़ी संख्या में हैं और उनका झुकाव अब तक आम आदमी पार्टी की ओर ज्यादा रहा है। बीजेपी को यह एहसास हो गया था कि अगर उसे दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करनी है तो महिला नेतृत्व को आगे लाना होगा। इसके अलावा, अगर हम बीजेपी के दूसरे शासित राज्यों पर नजर डालें तो हर जगह पुरुष मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात समेत हर जगह बीजेपी ने पुरुष नेताओं को सीएम बनाया है। ऐसे में दिल्ली में महिला को मुख्यमंत्री बनाना सिर्फ संयोग नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है, जिससे महिला मतदाताओं को यह संदेश दिया जा सके कि बीजेपी महिला नेतृत्व को बढ़ावा दे रही है।

रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर बीजेपी ने दिल्ली में करीब 7 फीसदी वैश्य वोट है। रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं। दिल्ली में बनिया होने के नाते भी अरविंद केजरीवाल के प्रति वैश्य वोट का झुकाव रहा है। अब रेखा गुप्ता के सीएम बनने से तस्वीर बदल सकती है। इसके अलावा एक खास संयोग यह भी देखें कि बनिया समुदाय से आने वाली रेखा गुप्ता का संबंध भी हरियाणा से है तो उन्हीं के समाज से आने वाले अरविंद केजरीवाल भी हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। यानी किसी भी मोर्चे पर बीजेपी ने मैदान को खाली नहीं छोड़ा है। आम आदमी पार्टी फिलहाल इस राजनीति में बहुत पीछे रह गई है। बीजेपी सभी मोर्चे पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को उन्हीं की भाषा और रणनीति में घेरने और शिकस्त देने की कोशिश कर रही है।

ठीक इसी तरह द‍िल्‍ली में मिड‍िल क्‍लास की आबादी लगभग 45% मानी गई है। मध्‍यम वर्ग इस बात से नाखुश रहता था क‍ि सरकारें सिर्फ गरीबों पर फोकस करती हैं, उनके ल‍िए कोई नहीं है। लेकिन बजट में 12 लाख की आय को करमुक्‍त कर बीजेपी ने उन्‍हें अपना दीवाना बना ल‍िया। नतीजे में भी इसका असर दिखा। बीजेपी इस वर्ग पर अपना पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती है।

दिल्ली की नई सीएम होंगी रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री साय ने विधायक दल का नेता चुने जाने पर दी बधाई, कहा-

रायपुर- दिल्ली में भाजपा विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी. वह कल दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी. रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुने जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया कि रेखा गुप्ता को दिल्ली भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और आपके ओजस्वी नेतृत्व में निश्चित ही दिल्ली राज्य प्रगति के आदर्श प्रतिमान स्थापित करेगा.

बता दें कि रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी. वहीं मौजूदा समय में देश की दूसरी महिला सीएम बनेगी हैं. वो शालीमार बाग से विधायक हैं. उन्होंने आप नेता बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया है. रेखा गुप्ता BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं. वो दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की सचिव और अध्यक्ष रहीं. इसके साथ ही 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं. उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था.

PK ने भाजपा को दी चुनौती, बोले - BJP में अगर हिम्मत है तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर लड़े विधानसभा चुनाव*
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पटना : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने NDA में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रहे संशय के बीच NDA की सबसे बड़ी पार्टी BJP को चुनौती दी है कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वो अगला चुनाव नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके लड़े। उन्होंने कहा कि आज अगर बिहार की जनता किसी से सबसे ज्यादा नाराज है तो वो हैं नीतीश कुमार। जनता नीतीश के अफसर राज से परेशान है। भाजपा भी जानती है कि नीतीश कुमार आज राजनीतिक बोझ बन चुके हैं और कोई कंधा उन्हें उठा नहीं सकता। लेकिन नियति ने भी ऐसी व्यवस्था बना दी है जिसके चलते भाजपा के लिए मजबूरी हो गई है कि उन्हें अगला चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ना होगा और नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे, जन सुराज पार्टी के लिए इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती। और अगर ऐसा हुआ तो जो 2020 के चुनाव में जेडीयू के साथ हुआ, वही इस बार जदयू के साथ-साथ बीजेपी के साथ भी होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के बच्चों की चिंता करने की बजाय भाजपा ने दिल्ली में चंद सांसदों के लालच में बिहार को नीतीश कुमार के हवाले कर दिया। जबकि बीजेपी जानती है कि नीतीश कुमार कुछ नहीं कर रहे हैं। इसलिए अगले चुनाव में जनता जदयू और बीजेपी दोनों को सबक सिखाएगी।
दिल्ली को 20 फरवरी को मिलेगा नया मुख्यमंत्री, नाम पर सस्पेंस बरकरार, शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू

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दिल्‍ली के नए सीएम के नाम को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बरकरार है। इसी बीच यह जानकारी सामने आ रही है कि 20 फरवरी को दिल्‍ली के नए चीफ मिनिस्‍टर का शपथ ग्रहण होगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव रिजल्ट के 12 दिन बाद 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। हालांकि, भाजपा ने अब तक सीएम फेस तय नहीं किया है। पार्टी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को बुलाई गई है, जिसमें सीएम की घोषणा होगी।

भाजपा ने सोमवार को होने वाली विधायक दल की बैठक को दो दिन बाद के लिए टाल दिया है। भाजपा के एक सूत्र ने बताया, कल होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक स्थगित कर दी गई है। अब यह बैठक 19 फरवरी को होगी। मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह भी 18 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को होगा। इससे पहले 16 फरवरी शाम को खबर आई कि 17 फरवरी, यानी आज विधायक दल की बैठक होगी और 18 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि, कुछ देर बाद इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया। इसकी वजह नहीं बताई गई।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री, भाजपा और एनडीए शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल होंगे। इसके अलावा उद्योगपति, फिल्म स्टार, क्रिकेट खिलाड़ी, साधु-संत और राजनयिक भी आएंगे। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के 12 से 16 हजार लोगों को भी बुलाने की तैयारी की गई है।

दिल्ली सरकार के शपथग्रहण और सरकार गठन को लेकर आज शाम बैठक होगी। दिल्ली में आज यानी सोमवार को होने वाली बैठक में शपथग्रहण समारोह के इंचार्ज विनोद तावड़े और तरूण चुघ मौजूद रहेंगे। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली बीजेपी संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग में नई सरकार के शपथग्रहण की तारीख समय और जगह भी तय होगी। शपथग्रहण की तैयारियों, सिटिंग अरेंजमेंट और गेस्ट लिस्ट को भी फाईनल किया जाएगा।

कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? विधायक दल की बैठक टलने से बढ़ा सस्पेंस

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि, 8 फरवरी को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी ये तय नहीं हो सका है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इधर, आज यानी 17 फरवरी को होने वाली विधायक दल की बैठक हल गई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि अब बीजेपी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को होगी। विधायक दल की बैठक टाल दे जाने के बाद से दिल्ली में सीएम को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है।

बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले विधायक दल की बैठक सोमवार को होने वाली थी। सूत्रों ने बताया था कि पंत मार्ग स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में दोपहर 3 बजे यह बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षको को मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा और उसके बाद एलजी के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। पार्टी के विधायकों को भी यह संदेश दे दिया गया था कि सोमवार को उन्हें दिल्ली में ही रहना है। शाम तक ऐसी भी खबरें आई कि विधायक दल की बैठक के बाद मंगलवार को शपथ ग्रहरण समारोह भी हो सकता है। लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर है।

पहले पर्यवेक्षकों के नाम की होगी घोषणा

अब यह बैठक 20 फरवरी को या उसके बाद होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा की जाएगी और फिर विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी बिना किसी सीएम चेहरे के चुनाव में उतरी थी। ये चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया। अब सवाल ये है कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। फिलहाल दिल्ली सीएम की रेस में केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा के अलावा रेखा गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, शिखा राय और पवन शर्मा हैं।

बैठक टालने की क्या है वजह?

कारण यह बताया गया कि 19 तारीख को दिल्ली के झंडेवालान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) के नवनिर्मित मुख्यालय का उद्घाटन होना है, जिसमें पार्टी के भी कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसी वजह से अब 20 तारीख के बाद निर्णय लिया जाएगा। विधायक दल की बैठक को टालने के पीछे एक बड़ा कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए हादसे को भी माना जा रहा है, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से ही केंद्र सरकार, केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन विपक्ष के निशाने पर है। मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए बीजेपी ने रविवार को अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। ऐसे में इतने बड़े हादसे के तुरंत बाद बड़ा समारोह आयोजित करके बीजेपी दिल्ली की जनता के बीच यह संदेश नहीं देना चाहती कि उसे लोगों को कोई परवाह नहीं है।

प्रदेश की इस नगर पंचायत में चुनाव हुआ रोचक: टाई के बाद लॉटरी से कांग्रेस की हार, BJP प्रत्याशी मुकेश तायल बने वार्ड पार्षद

सूरजपुर- छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सभी नगर निगमों पर कब्जा जमाया है। नगर पालिका परिषदों में भी भाजपा ने अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की है। मतदान के दौरान प्रतापपुर नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 4 में ऐसा रोमांचक मुकाबला देखने को मिला, जिसकी पूरे प्रदेशभर में चर्चा हो रही है।

दरअसल, वार्ड क्रमांक 4 में कांग्रेस के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कंचन सोनी और भाजपा मंडल अध्यक्ष मुकेश तायल के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला। मतगणना के दौरान दोनों प्रत्याशियों को 156-156 वोट मिले, जिससे चुनाव परिणाम टाई हो गया।

लॉटरी से हुआ फैसला

चुनाव नियमों के अनुसार, यदि दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिलते हैं, तो फैसला लॉटरी पद्धति से किया जाता है। ऐसे में निर्वाचन अधिकारी ने दोनों प्रत्याशियों के नाम की पर्ची बनाकर ड्रॉ किया। इस प्रक्रिया में मुकेश तायल का नाम निकलने पर उन्हें विजेता घोषित किया गया और वे वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद बन गए।

दोनों उपाध्यक्ष पद के दावेदार भी थे

गौरतलब है कि कंचन सोनी और मुकेश तायल दोनों ही नगर पंचायत के उपाध्यक्ष पद के दावेदार भी थे। ऐसे में यह मुकाबला और भी खास हो गया था। हालांकि, लॉटरी के जरिए पार्षद चुने जाने के बाद अब मुकेश तायल की नगर पंचायत में भूमिका और मजबूत हो गई है। इस रोमांचक नतीजे के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है, वहीं कांग्रेस समर्थकों को यह हार गले नहीं उतर रही है। प्रदेशभर में इस चुनावी नतीजे की चर्चा हो रही है क्योंकि मतों की समान संख्या की स्थिति चुनावों में कम ही देखने को मिलती है।

गौरतलब है कि प्रतापपुर नगर पंचायत के 15 में से 8 वार्डों में कांग्रेस और 7 वार्डों में बीजेपी ने कब्जा जमाया है। जबकि अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा काबिज हुई है।

बीजेपी को अगले महीने मिलेगा नया “मुखिया”, रेस में दक्षिण के ये 3 दिग्गज

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भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने वाला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। अगले महीने बीजेपी की कमान नए हाथों में जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल जाने की पूरी संभावना है। हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। इसको लेकर कई नामों की चर्चा हो रही है। इस दौड़ में दक्षिण भारत के नेताओं के नाम भी की चर्चा है। आश्चर्यजनक तौर पर दक्षिण भारत से बीजेपी के नए राष्ट्रीय के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसको लेकर तीन नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है।

बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में दक्षिण से जिन 3 नामों की प्रमुखता से चर्चा चल रही है, कोयला एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्‌डी, लोकसभा सदस्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का नाम लिया जा रहा है। इनमें रेड्‌डी और बंडी संजय कुमार दोनों तेलंगाना से आते हैं जबकि जोशी कर्नाटक से ताल्लकु रखते हैं।

जी किशन रेड्डी

वर्तमान में केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वह पहले तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठन के कामकाज में उनकी सक्रियता रही है। रेड्डी का ओबीसी समुदाय से आना और संगठन पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। तेलंगाना में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें रेड्डी की रणनीतिक भूमिका रही। वह 2019 से लगातार केंद्र में मंत्री हैं। रेड्डी पीएम मोदी के पुराने विश्वस्त हैं। मोदी 1994 में अमरीका गए थे तो रेड्डी भी साथ थे।

बंडी संजय कुमार

बंडी संजय कुमार इस समय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। तेलंगाना की करीमनगर सीट से 2019 से लगातार सांसद हैं, हालांकि वह बीच में विधायकी का चुनाव हार गए थे। वह केंद्रीय मंत्री के साथ राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। बंडी तेलंगाना अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने बतौर प्रदेश अध्यक्ष कई आक्रामक आंदोलन किए। जिससे बीजेपी को तेलंगाना में नई पहचान मिली। उनका जमीनी संगठन कौशल और कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता उन्हें इस रेस में आगे रखती है। बंडी एबीवीपी के जरिये राजनीति में आए हैं। तमिलनाडु में भी पकड़ रखते हैं। हिंदुत्व और ओबीसी दोनों समीकरण साधते हैं।

प्रह्लाद जोशी

तीसरे बड़े दावेदार प्रह्लाद जोशी हैं जो इस समय केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री हैं। कर्नाटक से आने वाले जोशी ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पार्टी में सीनियर नेता माने जाते हैं। वह बीजेपी के ऐसे चेहरे हैं, जो सरकार, संगठन और संसदीय मामले, तीनों के माहिर माने जाते हैं। कर्नाटक में बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद अब पार्टी राज्य में दोबारा वापसी की रणनीति बना रही है। जोशी का अनुभव और सरकार के साथ उनकी अच्छी तालमेल उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

पहले भी दक्षिण से बने हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण बारत के नेताओँ के नाम सामने आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बीजेपी पहली बार पार्टी की कमान के लिए दक्षिण का रूख कर रही है। पहले भी दक्षिण भारत से बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी तक की लिस्ट को देखें तो बीजेपी ने कुल 11 राष्ट्रीय अध्यक्षों में तीन दक्षिण भारत से आने नेताओं को इस कुर्सी पर बैठाया है। इनमें जे कृष्णमूर्ति, बंगारू लक्ष्मण और वेंकैया नायडू का नाम शामिल है।

क्यों दक्षिण से अध्यक्ष की चर्चा?

बता दें कि बीजेपी ने उत्तर और पश्चिम भारत में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है लेकिन दक्षिण भारत अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में पार्टी को और विस्तार की जरूरत है। दक्षिण भारतीय राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर अब भी कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों से पीछे है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व किसी दक्षिण भारतीय नेता को कमान सौंपकर इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहता है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2026 में तमिलनाडु और केरल में चुनाव है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में भविष्य में संभावित विस्तार को ध्यान में रखकर फैसला ले सकती है। इसमें तमिलनाडु राज्य पर बीजेपी विशेष फोकस कर सकती है। ऐसे में दक्षिण के नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल सकता है।

झारखंड विधानसभा बजट सत्र: विपक्ष का जोरदार हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण पर विरोध प्रदर्शन, जानें क्या कहा राज्यपाल ने*

सोमवार (24 फरवरी) को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के अभिभाषण पर विपक्षी पार्टी ने जोरदार हंगामा किया. गंगवार ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत गठबंधन को मिला भारी जनादेश यह दर्शाता है कि पार्टी ने जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई है. इस बयान पर विपक्षी पार्टी BJP ने जोरदार विरोध जताया.

राज्यपाल ने कहा कि पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में झामुमो गठबंधन ने BJP के आक्रामक प्रचार अभियान के बावजूद सत्ता बरकरार रखी. उन्होंने यह भी कहा कि रिकॉर्ड मतदान लोकतंत्र में जनता की आस्था को दर्शाता है और सरकार की नीतियों में लोगों के विश्वास को भी मजबूत करता है.

उन्होंने कहा कि युवाओं, महिलाओं और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी, संवैधानिक और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन स्थापित करना है.

भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था पर सरकार का रुख

राज्यपाल ने बताया कि भ्रष्टाचार राज्य की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा है, जिसे खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अब तक 56 लोक सेवकों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, 24 ने आत्मसमर्पण किया और 9 मुठभेड़ में मारे गए. इसके अलावा, 154 संगठित अपराधी और 898 साइबर अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया.

कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र

गंगवार ने ‘मैय्या सम्मान योजना’ और ‘अबुआ आवास’ जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है. सरकार ने रोजगार सृजन के लिए भी प्रयास किए हैं, जिसके तहत वित्तीय वर्ष में 81 भर्ती शिविर और 63 रोजगार मेले आयोजित किए गए, जिनमें 8,499 युवाओं को नौकरी मिली. कौशल सम्मेलन के जरिए 21,861 प्रशिक्षुओं को नौकरी के प्रस्ताव दिए गए.

राज्यपाल ने कहा कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में, मुख्यमंत्री आवास स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को 15 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है.

बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 27 मार्च तक चलेगा. वित्त वर्ष 2025-26 का बजट 3 मार्च को पेश किया जाएगा. नवंबर 2024 में झामुमो के नेतृत्व में गठबंधन की शानदार जीत के बाद हेमंत सोरेन सरकार का यह पहला पूर्ण बजट सत्र होगा.

दिल्ली विधानसभा में आज 14 कैग रिपोर्ट्स पेश करेगी बीजेपी सरकार, बढ़ सकती हैं आम आदमी पार्टी की मुश्किलें

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दिल्ली विधानसभा सत्र की शुरूआत हो चुके हैं। आज सत्र का दूसरा दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा।यह सत्र महज तीन दिन का ही है। यह सत्र 24 फरवरी को शुरू हुआ है और 27 फरवरी तक चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि आज कैग की रिपोर्ट पेश की जाएगी।दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान कई विभागों में भ्रष्टाचार के मामले का उजागर कैग की रिपोर्ट में हुआ है।

दिल्ली की नई बीजेपी सरकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में मंगलवार को विधानसभा में कैग की 14 लंबित रिपोर्टें पेश करेगी। इनमें से आधे से अधिक रिपोर्टें 500 दिनों से लंबित हैं, जबकि कुछ 300 दिनों से पेंडिंग हैं। इन रिपोर्टों में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और पहलों के महत्वपूर्ण ऑडिट और आकलन शामिल हैं। इन रिपोर्टों को प्रस्तुत करने में 'देरी' ने दिल्ली में आप सरकार की जवाबदेही को लेकर चिंताएं पैदा कर दी थीं। इन रिपोर्टों के पेश होने से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

इस रिपोर्ट में पिछली सरकार के वित्त से जुड़े कार्यों का जिक्र किया गया है। भाजपा भी शुरू से यह आरोप लगाती रही है कि सीएजी रिपोर्ट सदन पटल पर रखे जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार का पोल खुलेगा। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर अपने कार्यकाल के दौरान इन 14 रिपोर्टों को पेश करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। दिसंबर 2024 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व सीएम आतिशी को विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने पर फटकार भी लगाई थी। इस वजह से उन्होंने 19 और 20 दिसंबर को एक विशेष सत्र भी बुलाया था।

आतिशी के आरोपों का जवाब, बीजेपी ने बताई आंबेडकर-भगत सिंह के फोटो वाली सच्चाई

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दिल्ली सीएम ऑफिस में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरों पर भाजपा और आप आमने-सामने हैं। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया, भाजपा के सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दीं। आतिसी के आरोप के कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने सीएम ऑफिस की एक तस्वीर जारी कर जवाब दिया है।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं। उनकी जगह महात्मा गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगा दी हैं। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को उठाते हुए बीजेपी पर दलित और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया। हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अब भी कार्यालय में हैं, बस उनकी जगह बदल दी गई है।

आम आदमी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय की एक तस्वीर जारी की है। बीजेपी ने सच‍िवालय में सीएम ऑफ‍िस की तस्‍वीर सोशल मीडिया में शेयर कर लिखा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों के कक्षों की दीवारों पर महात्मा गांधी, भगत सिंह, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगी हैं। आम आदमी पार्टी को झूठ फैलाना बंद करना चाह‍िए।

इससे पहले सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने दावा किया था कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यालय से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है। आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की मानसिकता सिख और दलित विरोधी है। उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें लगाई थीं।

बता दें कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानती है। अन्ना आंदोलन के वक्त भी शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किए। पंजाब में जब 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में शपथ ली थी। तब से दिल्ली और पंजाब के सीएम ऑफिस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे शहीद भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाई जाने लगीं।

रेखा गुप्ता बीजेपी की मास्टरस्ट्रोक, इसके पीछे छिपा है ये सियासी संदेश

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बीजेपी ने दिल्ली फतह के बाद अब नया दांव चला है। रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाकर।रेखा गुप्‍ता को द‍िल्‍ली का सीएम चुनते वक्‍त बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे।मुख्यमंत्री पद की रेस में अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा से लेकर दिल्ली के अनुभवी नेता विजेंद्र गुप्ता जैसे कई दिग्गजों के नाम चल रहे थे। बावजूद इसके पार्टी ने रेखा गुप्ता पर दांव लगाया। बीजेपी ने महिला मुख्यमंत्री बनाकर ना सिर्फ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का संदेश दिया है, बल्कि वैश्य समाज और मिड‍िल क्‍लास को भी साधने की कोशिश की है।

आखिरी बार जब सन् 1998 में दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी, तब भी यहां सुषमा स्वराज के तौर पर महिला मुख्यमंत्री थीं. अब पार्टी ने लंबे वनवास के बाद एक बार फिर से दिल्ली की कमान महिला को सौंपा है तो इसका संकेत साफ है। दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जहां महिला मतदाता बड़ी संख्या में हैं और उनका झुकाव अब तक आम आदमी पार्टी की ओर ज्यादा रहा है। बीजेपी को यह एहसास हो गया था कि अगर उसे दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करनी है तो महिला नेतृत्व को आगे लाना होगा। इसके अलावा, अगर हम बीजेपी के दूसरे शासित राज्यों पर नजर डालें तो हर जगह पुरुष मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात समेत हर जगह बीजेपी ने पुरुष नेताओं को सीएम बनाया है। ऐसे में दिल्ली में महिला को मुख्यमंत्री बनाना सिर्फ संयोग नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है, जिससे महिला मतदाताओं को यह संदेश दिया जा सके कि बीजेपी महिला नेतृत्व को बढ़ावा दे रही है।

रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर बीजेपी ने दिल्ली में करीब 7 फीसदी वैश्य वोट है। रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं। दिल्ली में बनिया होने के नाते भी अरविंद केजरीवाल के प्रति वैश्य वोट का झुकाव रहा है। अब रेखा गुप्ता के सीएम बनने से तस्वीर बदल सकती है। इसके अलावा एक खास संयोग यह भी देखें कि बनिया समुदाय से आने वाली रेखा गुप्ता का संबंध भी हरियाणा से है तो उन्हीं के समाज से आने वाले अरविंद केजरीवाल भी हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। यानी किसी भी मोर्चे पर बीजेपी ने मैदान को खाली नहीं छोड़ा है। आम आदमी पार्टी फिलहाल इस राजनीति में बहुत पीछे रह गई है। बीजेपी सभी मोर्चे पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को उन्हीं की भाषा और रणनीति में घेरने और शिकस्त देने की कोशिश कर रही है।

ठीक इसी तरह द‍िल्‍ली में मिड‍िल क्‍लास की आबादी लगभग 45% मानी गई है। मध्‍यम वर्ग इस बात से नाखुश रहता था क‍ि सरकारें सिर्फ गरीबों पर फोकस करती हैं, उनके ल‍िए कोई नहीं है। लेकिन बजट में 12 लाख की आय को करमुक्‍त कर बीजेपी ने उन्‍हें अपना दीवाना बना ल‍िया। नतीजे में भी इसका असर दिखा। बीजेपी इस वर्ग पर अपना पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती है।

दिल्ली की नई सीएम होंगी रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री साय ने विधायक दल का नेता चुने जाने पर दी बधाई, कहा-

रायपुर- दिल्ली में भाजपा विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी. वह कल दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी. रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुने जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया कि रेखा गुप्ता को दिल्ली भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और आपके ओजस्वी नेतृत्व में निश्चित ही दिल्ली राज्य प्रगति के आदर्श प्रतिमान स्थापित करेगा.

बता दें कि रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी. वहीं मौजूदा समय में देश की दूसरी महिला सीएम बनेगी हैं. वो शालीमार बाग से विधायक हैं. उन्होंने आप नेता बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया है. रेखा गुप्ता BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं. वो दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की सचिव और अध्यक्ष रहीं. इसके साथ ही 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं. उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था.

PK ने भाजपा को दी चुनौती, बोले - BJP में अगर हिम्मत है तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर लड़े विधानसभा चुनाव*
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पटना : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने NDA में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रहे संशय के बीच NDA की सबसे बड़ी पार्टी BJP को चुनौती दी है कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वो अगला चुनाव नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके लड़े। उन्होंने कहा कि आज अगर बिहार की जनता किसी से सबसे ज्यादा नाराज है तो वो हैं नीतीश कुमार। जनता नीतीश के अफसर राज से परेशान है। भाजपा भी जानती है कि नीतीश कुमार आज राजनीतिक बोझ बन चुके हैं और कोई कंधा उन्हें उठा नहीं सकता। लेकिन नियति ने भी ऐसी व्यवस्था बना दी है जिसके चलते भाजपा के लिए मजबूरी हो गई है कि उन्हें अगला चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ना होगा और नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे, जन सुराज पार्टी के लिए इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती। और अगर ऐसा हुआ तो जो 2020 के चुनाव में जेडीयू के साथ हुआ, वही इस बार जदयू के साथ-साथ बीजेपी के साथ भी होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के बच्चों की चिंता करने की बजाय भाजपा ने दिल्ली में चंद सांसदों के लालच में बिहार को नीतीश कुमार के हवाले कर दिया। जबकि बीजेपी जानती है कि नीतीश कुमार कुछ नहीं कर रहे हैं। इसलिए अगले चुनाव में जनता जदयू और बीजेपी दोनों को सबक सिखाएगी।
दिल्ली को 20 फरवरी को मिलेगा नया मुख्यमंत्री, नाम पर सस्पेंस बरकरार, शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू

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दिल्‍ली के नए सीएम के नाम को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बरकरार है। इसी बीच यह जानकारी सामने आ रही है कि 20 फरवरी को दिल्‍ली के नए चीफ मिनिस्‍टर का शपथ ग्रहण होगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव रिजल्ट के 12 दिन बाद 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। हालांकि, भाजपा ने अब तक सीएम फेस तय नहीं किया है। पार्टी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को बुलाई गई है, जिसमें सीएम की घोषणा होगी।

भाजपा ने सोमवार को होने वाली विधायक दल की बैठक को दो दिन बाद के लिए टाल दिया है। भाजपा के एक सूत्र ने बताया, कल होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक स्थगित कर दी गई है। अब यह बैठक 19 फरवरी को होगी। मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह भी 18 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को होगा। इससे पहले 16 फरवरी शाम को खबर आई कि 17 फरवरी, यानी आज विधायक दल की बैठक होगी और 18 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि, कुछ देर बाद इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया। इसकी वजह नहीं बताई गई।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री, भाजपा और एनडीए शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल होंगे। इसके अलावा उद्योगपति, फिल्म स्टार, क्रिकेट खिलाड़ी, साधु-संत और राजनयिक भी आएंगे। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के 12 से 16 हजार लोगों को भी बुलाने की तैयारी की गई है।

दिल्ली सरकार के शपथग्रहण और सरकार गठन को लेकर आज शाम बैठक होगी। दिल्ली में आज यानी सोमवार को होने वाली बैठक में शपथग्रहण समारोह के इंचार्ज विनोद तावड़े और तरूण चुघ मौजूद रहेंगे। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली बीजेपी संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग में नई सरकार के शपथग्रहण की तारीख समय और जगह भी तय होगी। शपथग्रहण की तैयारियों, सिटिंग अरेंजमेंट और गेस्ट लिस्ट को भी फाईनल किया जाएगा।

कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? विधायक दल की बैठक टलने से बढ़ा सस्पेंस

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि, 8 फरवरी को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी ये तय नहीं हो सका है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इधर, आज यानी 17 फरवरी को होने वाली विधायक दल की बैठक हल गई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि अब बीजेपी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को होगी। विधायक दल की बैठक टाल दे जाने के बाद से दिल्ली में सीएम को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है।

बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पहले विधायक दल की बैठक सोमवार को होने वाली थी। सूत्रों ने बताया था कि पंत मार्ग स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में दोपहर 3 बजे यह बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षको को मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा और उसके बाद एलजी के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। पार्टी के विधायकों को भी यह संदेश दे दिया गया था कि सोमवार को उन्हें दिल्ली में ही रहना है। शाम तक ऐसी भी खबरें आई कि विधायक दल की बैठक के बाद मंगलवार को शपथ ग्रहरण समारोह भी हो सकता है। लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर है।

पहले पर्यवेक्षकों के नाम की होगी घोषणा

अब यह बैठक 20 फरवरी को या उसके बाद होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा की जाएगी और फिर विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी बिना किसी सीएम चेहरे के चुनाव में उतरी थी। ये चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया। अब सवाल ये है कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। फिलहाल दिल्ली सीएम की रेस में केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा के अलावा रेखा गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, शिखा राय और पवन शर्मा हैं।

बैठक टालने की क्या है वजह?

कारण यह बताया गया कि 19 तारीख को दिल्ली के झंडेवालान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) के नवनिर्मित मुख्यालय का उद्घाटन होना है, जिसमें पार्टी के भी कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसी वजह से अब 20 तारीख के बाद निर्णय लिया जाएगा। विधायक दल की बैठक को टालने के पीछे एक बड़ा कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए हादसे को भी माना जा रहा है, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से ही केंद्र सरकार, केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन विपक्ष के निशाने पर है। मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए बीजेपी ने रविवार को अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। ऐसे में इतने बड़े हादसे के तुरंत बाद बड़ा समारोह आयोजित करके बीजेपी दिल्ली की जनता के बीच यह संदेश नहीं देना चाहती कि उसे लोगों को कोई परवाह नहीं है।

प्रदेश की इस नगर पंचायत में चुनाव हुआ रोचक: टाई के बाद लॉटरी से कांग्रेस की हार, BJP प्रत्याशी मुकेश तायल बने वार्ड पार्षद

सूरजपुर- छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सभी नगर निगमों पर कब्जा जमाया है। नगर पालिका परिषदों में भी भाजपा ने अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की है। मतदान के दौरान प्रतापपुर नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 4 में ऐसा रोमांचक मुकाबला देखने को मिला, जिसकी पूरे प्रदेशभर में चर्चा हो रही है।

दरअसल, वार्ड क्रमांक 4 में कांग्रेस के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कंचन सोनी और भाजपा मंडल अध्यक्ष मुकेश तायल के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला। मतगणना के दौरान दोनों प्रत्याशियों को 156-156 वोट मिले, जिससे चुनाव परिणाम टाई हो गया।

लॉटरी से हुआ फैसला

चुनाव नियमों के अनुसार, यदि दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिलते हैं, तो फैसला लॉटरी पद्धति से किया जाता है। ऐसे में निर्वाचन अधिकारी ने दोनों प्रत्याशियों के नाम की पर्ची बनाकर ड्रॉ किया। इस प्रक्रिया में मुकेश तायल का नाम निकलने पर उन्हें विजेता घोषित किया गया और वे वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद बन गए।

दोनों उपाध्यक्ष पद के दावेदार भी थे

गौरतलब है कि कंचन सोनी और मुकेश तायल दोनों ही नगर पंचायत के उपाध्यक्ष पद के दावेदार भी थे। ऐसे में यह मुकाबला और भी खास हो गया था। हालांकि, लॉटरी के जरिए पार्षद चुने जाने के बाद अब मुकेश तायल की नगर पंचायत में भूमिका और मजबूत हो गई है। इस रोमांचक नतीजे के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है, वहीं कांग्रेस समर्थकों को यह हार गले नहीं उतर रही है। प्रदेशभर में इस चुनावी नतीजे की चर्चा हो रही है क्योंकि मतों की समान संख्या की स्थिति चुनावों में कम ही देखने को मिलती है।

गौरतलब है कि प्रतापपुर नगर पंचायत के 15 में से 8 वार्डों में कांग्रेस और 7 वार्डों में बीजेपी ने कब्जा जमाया है। जबकि अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा काबिज हुई है।