Reliable Homeo Doctor in Hyderabad for Fistula Treatment

Find a reliable homeo doctor in Hyderabad for natural and effective fistula treatment. Spiritual Homeopathy offers safe, holistic care for lasting relief.

Fistula is a challenging medical condition that occurs when an abnormal connection forms between two internal organs or tissues, most commonly near the anal region. This condition often leads to pain, swelling, irritation, and recurrent infections, affecting a person’s daily life and overall health. Seeking guidance from a skilled homeo doctor in Hyderabad can provide safe, natural, and effective treatment for fistula, helping patients regain comfort and improve quality of life.

Symptoms of Fistula

The common symptoms of fistula include:

  • Persistent pain or discomfort around the affected area
  • Swelling and redness of surrounding tissue
  • Pus or blood discharge
  • Fever in cases of infection
  • Difficulty in bowel movements in severe cases

Early recognition of these symptoms and timely consultation with a homeo doctor in Hyderabad is essential to prevent complications and promote proper healing.

Causes of Fistula

Fistula can develop due to several underlying causes, including:

  • Chronic infections or untreated abscesses
  • Injuries during surgical procedures
  • Inflammatory conditions such as Crohn’s disease
  • Poor hygiene or repeated infections

Understanding the root cause is important, and a professional homeo doctor in Hyderabad can provide a holistic approach tailored to each patient’s needs.

Homeopathy Approach for Fistula

Homeopathy offers a gentle, natural, and effective approach for managing fistula. A homeo doctor in Hyderabad focuses on stimulating the body’s self-healing mechanisms, reducing inflammation, preventing recurrent infections, and supporting tissue repair. Each treatment plan is individualized, considering the patient’s overall health and specific symptoms. Continuous follow-ups ensure the healing process is on track and long-term relief is achieved.

Why Choose Spiritual Homeopathy

Spiritual Homeopathy in Hyderabad is a trusted clinic for chronic conditions like fistula. With experienced homeo doctors in Hyderabad, the clinic provides patient-centered care that combines holistic homeopathic treatment with lifestyle guidance. Patients receive professional support, natural treatment options, and a safe environment to promote complete recovery.

If you are searching for an experienced homeo doctor in Hyderabad for fistula treatment, Spiritual Homeopathy ensures effective, natural, and long-lasting results.

Call Now: 9069176176

दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड पर सरकार का बड़ा फैसला, उत्पादन और बिक्री पर रोक

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सरकार ने दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने 100 एमजी से अधिक निमेसुलाइड वाली बुखार और दर्द निवारक सभी ओरल दवाओं के बनाने, बेचने और डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड से सलाह के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26A के तहत इस दवा पर रोक लगाई गई है।

बिक्री और वितरण तत्काल रोकने का आदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब देश में 100 मिलीग्राम (100mg) से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड की ओरल (मुंह से ली जाने वाली) दवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत प्रभाव से इन दवाओं का निर्माण बंद करें। इसके साथ ही, मेडिकल स्टोर्स और वितरकों को भी इनकी बिक्री और वितरण रोकने का आदेश दिया गया है।

स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क

निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर तेज दर्द, बुखार और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस दवा के हाई डोज़ से होने वाले दुष्प्रभावों, विशेषकर लिवर पर पड़ने वाले बुरे असर को लेकर चिंता जताते रहे हैं। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा और दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

बाजार में सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।

खालिदा जिया के जनाजे में शामिल होने ढाका पहुंचे जयशंकर, बेटे तारिक रहमान से की मुलाकात

#sjaishankartoattendkhaledaziafuneralindhaka

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के जनाजे में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। जयशंकर आज भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश पहुंचे हैं। खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को जोहर की नमाज के बाद मानिक मियां एवेन्यू में होगा।

खालिदा जिया को संसद परिसर स्थित जिया उद्यान में उनके पति और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र के पास दफनाया जाएगा। इसमें देश के कई बड़े राजनीतिक नेता, पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग शामिल होंगे। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर उनके जनाजे में शामिल होने के लिए ढाका पहुंच चुके हैं।

विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्री एस.जयशंकर भारत सरकार और भारतीय जनता की ओर से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। इसके लिए वे 31 दिसंबर यानी आज ढाका का दौरा करेंगे।

बांग्लादेश में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह 80 साल की उम्र में हुआ था। वह पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थीं और अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन पर बांग्लादेश सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान पूरे देश में सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।

कौन थीं खालिदा जिया

खालिदा जिया बांग्लादेश की एक प्रभावशाली और लंबे समय तक राजनीति को दिशा देने वाली नेता थीं। वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख रहीं और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का इतिहास रचा। उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया- पहली बार 1991 से 1996 तक, दूसरा कार्यकाल फरवरी 1996 के बाद कुछ सप्ताह तक चला और फिर 2001 से 2006 तक। वह पूर्व राष्ट्रपति जनरल जियाउर रहमान की पत्नी थीं और उनके निधन के बाद सक्रिय राजनीति में आईं। उनके राजनीतिक जीवन में सत्ता संघर्ष, विरोध प्रदर्शनों और कई विवादों ने अहम भूमिका निभाई। बाद के वर्षों में उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और उन्हें सजा भी हुई। जीवन के अंतिम दौर में वह कई गंभीर बीमारियों से जूझती रहीं। कुल मिलाकर, वह बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली, मजबूत और साथ ही विवादों में घिरी रहने वाली नेताओं में से एक थीं।

आज स्विगी, जोमैटो पर नहीं होगी डिलिवरी, गिग वर्कर्स की हड़ताल से 10 मिनट डिलीवरी पर असर

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आज साल के आखिरी दिन है। आज यानी 31 दिसंबर को लोग पुराने साल को विदा देने और नए साल के स्वागत में जोरदार जश्न मनाते हैं। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन खाना मंगाने या ग्रोसरी ऑर्डर करने वालों को परेशानी हो सकती है। देशभर के गिग वर्कर्स यानी, डिलीवरी पर्सन्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसमें करीब 1 लाख वर्कर शामिल हो सकते हैं।

शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे गिग वर्कर्स

इंडियन फेडरेशन ऑफ एप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर (IFAT) के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन ने कहा कि आज देशभर में गिग वर्कर्स सभी एप आधारित प्लेटफार्म को ऑफ रखेंगे और प्रमुख जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

सरकार को हस्ताक्षेप की मांग

शेख सलाउद्दीन ने बताया कि 25 दिसंबर को ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियों को हड़ताल करके चेतावनी दी गई थी, लेकिन गिग वर्कर्स से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही कोई सुरक्षा और काम करने के घंटे निर्धारित किए गए हैं। इसीलिए आज 31 दिसंबर को फिर से हड़ताल जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियां इन सब मांगों पर ख़ामोश हैं। गिग वर्कर्स की मांग को लेकर सरकार को तुरंत हस्ताक्षेप करना चाहिए।

देश की इकोनॉमी ग्रोथ पर पड़ सकता है असर

यूनियन का आरोप है कि जोमैटो-स्विगी जैसी कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं और उन्हें बेसिक कानूनी अधिकार नहीं मिल रहे। गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विसेज वर्कर्स यूनियन ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर तुरंत दखल देने की मांग की है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका असर देश की इकोनॉमी की ग्रोथ पर भी पड़ेगा।

मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


Homeopathy Clinic in Hyderabad for Natural Head Lice Treatment

Searching for a trusted homeopathy clinic in Hyderabad for head lice treatment? Understand symptoms, causes, and gentle homeopathic care options.

Head lice infestation is a common scalp condition seen in both children and adults. While it does not pose a serious health risk, head lice can cause continuous itching, scalp irritation, sleep disturbance, and emotional stress. Due to repeated infestations and concerns about chemical products, many families choose a reliable homeopathy clinic in Hyderabad for safe and natural head lice management.

Head lice are small parasites that live on the scalp and feed on blood. They spread easily through close personal contact or by sharing items such as combs, pillows, caps, towels, and hair accessories. Poor hygiene is not a cause of head lice, and anyone can be affected. When treatment addresses only the surface problem, reinfestation often occurs.

Symptoms of Head Lice

The most noticeable symptom is persistent itching of the scalp, especially behind the ears and near the neck. Other symptoms include a crawling sensation, scalp redness, small sores caused by scratching, disturbed sleep, and visible lice or nits attached to hair strands. Early consultation at a professional homeopathy clinic in Hyderabad can reduce discomfort and prevent complications.

Causes of Head Lice

Head lice spread mainly through direct head-to-head contact, particularly among school-going children. Crowded environments, close family contact, and sharing personal items increase the risk. People with sensitive scalps or reduced resistance may experience frequent recurrence, making holistic care essential.

Homeopathy Treatment for Head Lice (Without Medicines)

Homeopathy focuses on treating the individual rather than only eliminating lice. At a specialized homeopathy clinic in Hyderabad, treatment is personalized after understanding the patient’s age, scalp condition, recurrence pattern, and overall health. Homeopathy supports natural immunity, reduces itching and irritation, improves scalp health, and helps prevent recurrence. It is gentle, non-toxic, and suitable for both children and adults.

Why Choose a Homeopathy Clinic in Hyderabad?

Choosing a trusted homeopathy clinic in Hyderabad ensures personalized attention, chemical-free care, long-term relief, and improved scalp balance. Homeopathy works holistically and supports overall well-being.

Spiritual Homeopathy

Spiritual Homeopathy is known for its holistic and patient-centered approach. The clinic focuses on identifying root causes and providing gentle, individualized care for head lice and other conditions. With experienced practitioners and compassionate care, Spiritual Homeopathy has earned a strong reputation as a dependable homeopathy clinic in Hyderabad.

Call to Action

For safe, natural, and effective head lice care, consult a trusted homeopathy clinic in Hyderabad today.

पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर जताया शोक, पुरानी तस्वीरें शेयर कर दी श्रद्धांजलि

#khaledaziacondolencespmmodirecall2015_meet

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने 10 साल पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही उन्होंने खालिदा जिया के योगदान को याद किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।'

पीएम मोदी ने खालिदा के योगदानों को किया याद

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 'बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी सोच और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी राह दिखाती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

2015 में हुई थी पीएम मोदी और खालिदा जिया की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6-7 जून 2015 को बांग्लादेश की द्विपक्षीय यात्रा का थी। यह यात्रा मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर हुई थी। इसी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया से मुलाकात थी। 7 जून 2015 को ढाका के पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में यह मुलाकात हुई। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली थी। मुलाकात में खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनके देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली में भारत से हस्तक्षेप की अपील की थी।

लंबे समय से बीमार थीं खालिदा

बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। खालिदा लंबे समय से बीमार थीं। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

डीएम-11 ने डीआरएम-11 को 7 रनों से हराकर जीता मैत्री क्रिकेट मैच

माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियों एवं रेलवे अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु किया गया मैत्री मैच का आयोजन

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियो एवं रेलवे अधिकारियो के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु डीएम-11व डीआरएम-11 के मध्य डीएसए ग्राउंड में मैत्री क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया।मैत्री क्रिकेट मैच का उद्घाटन मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल के द्वारा किया गया। मैत्री क्रिकेट मैच में मण्डलायुक्त के द्वारा डीएम-11 एवं डीआरएम-11 के सभी खिलाड़ियो से परिचय प्राप्त करते हुए सभी को शुभकामनांए दी।मैत्री क्रिकेट मैच में डीआरएम-11 टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला लिया।15- 15 ओवरो के मैच में पहले बैटिंग करते हुए डीएम-11टीम के द्वारा निर्धारित 15 ओवरो में 7 विकेट के नुकसान पर कुल 116 रन बनाये गये जिसमें मेलाधिकारी ऋषिराज के द्वारा 29 बाल में टीम की ओर से सर्वाधिक 31 रन बनाये तथा उन्होंने अपनी टीम के लिए 3 ओवरों में 18 रन देकर एक विकेट भी चटकाया।डीएम-11 टीम की ओर से मैच की शुरूआत जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व इमरान ने किया।मैच में नगर आयुक्त सीलम सांई तेजा ने अपनी टीम के लिए 14 रनो का योगदान दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए डीआरएम-11टीम निर्धारित 15 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर मात्र 109 रन ही बना सकी। इस प्रकार डीएम- 11टीम कुल 7 रनो से मैच में विजयी रही।मैच में डीआरएम- 11 की टीम से आकाश श्रीनेत्र के द्वारा 27 बाल पर 48 रह बनाये गये जिसमें 8 चौके और 1छक्का लगाया।मैच में जिलाधिकारी के द्वारा 5 रनो के योगदान के साथ सबसे किफायती गेदबाजी करते हुए 2 ओवरो में मात्र 7 रन देकर अपनी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।मैच के समापन पर खिलाड़ियो को विभिन्न श्रेणियो में पुरस्कार दिया गया।मैत्री मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मेलाधिकारी ऋषिराज को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।मुकाबले के दौरान प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियो में खासा उत्साह देखने को मिला।इस अवसर पर डीआरएम रजनीश अग्रवाल प्रो0 अंकिता राज व प्रशासनिक एवं रेलवे के सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराया,खलासी को आई गंभीर चोटें

ट्रक चालक बाल बाल बचा कूदकर बचाई जानड्रमंड गंज मिर्जापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर सोमवार की भोर में कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक का अचानक ब्रेक फेल हो गया। अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया। हादसे में खलासी को गंभीर चोटें आई हैं वहीं ट्रक चालक ने नीचे कूदकर अपनी जान बचाई। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से कच्चा लोहा (स्पंज आयरन) लादकर कासगंज जा रहा ट्रक ड्रमंडगंज घाटी में नीचे उतरते समय जैसे ही बड़का मोड़ घुमान के पास पहुंचा तो अचानक ब्रेक फेल हो गया।ब्रेक फेल होने पर ट्रक चालक अनिल कुमार निवासी निगदिलपुर थाना नवाबगंज जिला प्रयागराज ट्रक से नीचे कूद गया। वहीं  20 वर्षीय खलासी नीरज कुमार निवासी निगदिलपुर जिला प्रयागराज घटना के दौरान सो रहा था अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया जिससे ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और खलासी का दाहिने पैर टूट गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खलासी को उपचार हेतु एंबुलेंस से मंडलीय चिकित्सालय भिजवाया। जहां चिकित्सक ने घायल खलासी को ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर लेकिन स्वजन उपचार हेतु प्रयागराज के स्वरूप रानी चिकित्सालय लेकर चले गए। ट्रक चालक अनिल कुमार ने बताया कि सिंगरौली स स्पंज आयरन लादकर कासगंज जा रहा था कि ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर ब्रेक फेल हो गया ट्रक से कूदकर जान बचाई लेकिन ट्रक में मौजूद खलासी सो रहा था ट्रक के आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराने से खलासी का दाहिना पैर टूट गया और ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।खलासी नीरज कुमार का प्रयागराज जिले के स्वरूप रानी चिकित्सालय में उपचार चल रहा है हालत सामान्य है।
Reliable Homeo Doctor in Hyderabad for Fistula Treatment

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Symptoms of Fistula

The common symptoms of fistula include:

  • Persistent pain or discomfort around the affected area
  • Swelling and redness of surrounding tissue
  • Pus or blood discharge
  • Fever in cases of infection
  • Difficulty in bowel movements in severe cases

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Causes of Fistula

Fistula can develop due to several underlying causes, including:

  • Chronic infections or untreated abscesses
  • Injuries during surgical procedures
  • Inflammatory conditions such as Crohn’s disease
  • Poor hygiene or repeated infections

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Homeopathy Approach for Fistula

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Why Choose Spiritual Homeopathy

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दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड पर सरकार का बड़ा फैसला, उत्पादन और बिक्री पर रोक

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बिक्री और वितरण तत्काल रोकने का आदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब देश में 100 मिलीग्राम (100mg) से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड की ओरल (मुंह से ली जाने वाली) दवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत प्रभाव से इन दवाओं का निर्माण बंद करें। इसके साथ ही, मेडिकल स्टोर्स और वितरकों को भी इनकी बिक्री और वितरण रोकने का आदेश दिया गया है।

स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क

निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर तेज दर्द, बुखार और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस दवा के हाई डोज़ से होने वाले दुष्प्रभावों, विशेषकर लिवर पर पड़ने वाले बुरे असर को लेकर चिंता जताते रहे हैं। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा और दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

बाजार में सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।

खालिदा जिया के जनाजे में शामिल होने ढाका पहुंचे जयशंकर, बेटे तारिक रहमान से की मुलाकात

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के जनाजे में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। जयशंकर आज भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश पहुंचे हैं। खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को जोहर की नमाज के बाद मानिक मियां एवेन्यू में होगा।

खालिदा जिया को संसद परिसर स्थित जिया उद्यान में उनके पति और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र के पास दफनाया जाएगा। इसमें देश के कई बड़े राजनीतिक नेता, पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग शामिल होंगे। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर उनके जनाजे में शामिल होने के लिए ढाका पहुंच चुके हैं।

विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्री एस.जयशंकर भारत सरकार और भारतीय जनता की ओर से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। इसके लिए वे 31 दिसंबर यानी आज ढाका का दौरा करेंगे।

बांग्लादेश में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह 80 साल की उम्र में हुआ था। वह पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थीं और अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन पर बांग्लादेश सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान पूरे देश में सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।

कौन थीं खालिदा जिया

खालिदा जिया बांग्लादेश की एक प्रभावशाली और लंबे समय तक राजनीति को दिशा देने वाली नेता थीं। वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख रहीं और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का इतिहास रचा। उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया- पहली बार 1991 से 1996 तक, दूसरा कार्यकाल फरवरी 1996 के बाद कुछ सप्ताह तक चला और फिर 2001 से 2006 तक। वह पूर्व राष्ट्रपति जनरल जियाउर रहमान की पत्नी थीं और उनके निधन के बाद सक्रिय राजनीति में आईं। उनके राजनीतिक जीवन में सत्ता संघर्ष, विरोध प्रदर्शनों और कई विवादों ने अहम भूमिका निभाई। बाद के वर्षों में उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और उन्हें सजा भी हुई। जीवन के अंतिम दौर में वह कई गंभीर बीमारियों से जूझती रहीं। कुल मिलाकर, वह बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली, मजबूत और साथ ही विवादों में घिरी रहने वाली नेताओं में से एक थीं।

आज स्विगी, जोमैटो पर नहीं होगी डिलिवरी, गिग वर्कर्स की हड़ताल से 10 मिनट डिलीवरी पर असर

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आज साल के आखिरी दिन है। आज यानी 31 दिसंबर को लोग पुराने साल को विदा देने और नए साल के स्वागत में जोरदार जश्न मनाते हैं। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन खाना मंगाने या ग्रोसरी ऑर्डर करने वालों को परेशानी हो सकती है। देशभर के गिग वर्कर्स यानी, डिलीवरी पर्सन्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसमें करीब 1 लाख वर्कर शामिल हो सकते हैं।

शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे गिग वर्कर्स

इंडियन फेडरेशन ऑफ एप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर (IFAT) के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन ने कहा कि आज देशभर में गिग वर्कर्स सभी एप आधारित प्लेटफार्म को ऑफ रखेंगे और प्रमुख जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

सरकार को हस्ताक्षेप की मांग

शेख सलाउद्दीन ने बताया कि 25 दिसंबर को ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियों को हड़ताल करके चेतावनी दी गई थी, लेकिन गिग वर्कर्स से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही कोई सुरक्षा और काम करने के घंटे निर्धारित किए गए हैं। इसीलिए आज 31 दिसंबर को फिर से हड़ताल जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियां इन सब मांगों पर ख़ामोश हैं। गिग वर्कर्स की मांग को लेकर सरकार को तुरंत हस्ताक्षेप करना चाहिए।

देश की इकोनॉमी ग्रोथ पर पड़ सकता है असर

यूनियन का आरोप है कि जोमैटो-स्विगी जैसी कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं और उन्हें बेसिक कानूनी अधिकार नहीं मिल रहे। गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विसेज वर्कर्स यूनियन ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर तुरंत दखल देने की मांग की है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका असर देश की इकोनॉमी की ग्रोथ पर भी पड़ेगा।

मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


Homeopathy Clinic in Hyderabad for Natural Head Lice Treatment

Searching for a trusted homeopathy clinic in Hyderabad for head lice treatment? Understand symptoms, causes, and gentle homeopathic care options.

Head lice infestation is a common scalp condition seen in both children and adults. While it does not pose a serious health risk, head lice can cause continuous itching, scalp irritation, sleep disturbance, and emotional stress. Due to repeated infestations and concerns about chemical products, many families choose a reliable homeopathy clinic in Hyderabad for safe and natural head lice management.

Head lice are small parasites that live on the scalp and feed on blood. They spread easily through close personal contact or by sharing items such as combs, pillows, caps, towels, and hair accessories. Poor hygiene is not a cause of head lice, and anyone can be affected. When treatment addresses only the surface problem, reinfestation often occurs.

Symptoms of Head Lice

The most noticeable symptom is persistent itching of the scalp, especially behind the ears and near the neck. Other symptoms include a crawling sensation, scalp redness, small sores caused by scratching, disturbed sleep, and visible lice or nits attached to hair strands. Early consultation at a professional homeopathy clinic in Hyderabad can reduce discomfort and prevent complications.

Causes of Head Lice

Head lice spread mainly through direct head-to-head contact, particularly among school-going children. Crowded environments, close family contact, and sharing personal items increase the risk. People with sensitive scalps or reduced resistance may experience frequent recurrence, making holistic care essential.

Homeopathy Treatment for Head Lice (Without Medicines)

Homeopathy focuses on treating the individual rather than only eliminating lice. At a specialized homeopathy clinic in Hyderabad, treatment is personalized after understanding the patient’s age, scalp condition, recurrence pattern, and overall health. Homeopathy supports natural immunity, reduces itching and irritation, improves scalp health, and helps prevent recurrence. It is gentle, non-toxic, and suitable for both children and adults.

Why Choose a Homeopathy Clinic in Hyderabad?

Choosing a trusted homeopathy clinic in Hyderabad ensures personalized attention, chemical-free care, long-term relief, and improved scalp balance. Homeopathy works holistically and supports overall well-being.

Spiritual Homeopathy

Spiritual Homeopathy is known for its holistic and patient-centered approach. The clinic focuses on identifying root causes and providing gentle, individualized care for head lice and other conditions. With experienced practitioners and compassionate care, Spiritual Homeopathy has earned a strong reputation as a dependable homeopathy clinic in Hyderabad.

Call to Action

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पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर जताया शोक, पुरानी तस्वीरें शेयर कर दी श्रद्धांजलि

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने 10 साल पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही उन्होंने खालिदा जिया के योगदान को याद किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।'

पीएम मोदी ने खालिदा के योगदानों को किया याद

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 'बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी सोच और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी राह दिखाती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

2015 में हुई थी पीएम मोदी और खालिदा जिया की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6-7 जून 2015 को बांग्लादेश की द्विपक्षीय यात्रा का थी। यह यात्रा मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर हुई थी। इसी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया से मुलाकात थी। 7 जून 2015 को ढाका के पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में यह मुलाकात हुई। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली थी। मुलाकात में खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनके देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली में भारत से हस्तक्षेप की अपील की थी।

लंबे समय से बीमार थीं खालिदा

बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। खालिदा लंबे समय से बीमार थीं। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

डीएम-11 ने डीआरएम-11 को 7 रनों से हराकर जीता मैत्री क्रिकेट मैच

माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियों एवं रेलवे अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु किया गया मैत्री मैच का आयोजन

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियो एवं रेलवे अधिकारियो के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु डीएम-11व डीआरएम-11 के मध्य डीएसए ग्राउंड में मैत्री क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया।मैत्री क्रिकेट मैच का उद्घाटन मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल के द्वारा किया गया। मैत्री क्रिकेट मैच में मण्डलायुक्त के द्वारा डीएम-11 एवं डीआरएम-11 के सभी खिलाड़ियो से परिचय प्राप्त करते हुए सभी को शुभकामनांए दी।मैत्री क्रिकेट मैच में डीआरएम-11 टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला लिया।15- 15 ओवरो के मैच में पहले बैटिंग करते हुए डीएम-11टीम के द्वारा निर्धारित 15 ओवरो में 7 विकेट के नुकसान पर कुल 116 रन बनाये गये जिसमें मेलाधिकारी ऋषिराज के द्वारा 29 बाल में टीम की ओर से सर्वाधिक 31 रन बनाये तथा उन्होंने अपनी टीम के लिए 3 ओवरों में 18 रन देकर एक विकेट भी चटकाया।डीएम-11 टीम की ओर से मैच की शुरूआत जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व इमरान ने किया।मैच में नगर आयुक्त सीलम सांई तेजा ने अपनी टीम के लिए 14 रनो का योगदान दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए डीआरएम-11टीम निर्धारित 15 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर मात्र 109 रन ही बना सकी। इस प्रकार डीएम- 11टीम कुल 7 रनो से मैच में विजयी रही।मैच में डीआरएम- 11 की टीम से आकाश श्रीनेत्र के द्वारा 27 बाल पर 48 रह बनाये गये जिसमें 8 चौके और 1छक्का लगाया।मैच में जिलाधिकारी के द्वारा 5 रनो के योगदान के साथ सबसे किफायती गेदबाजी करते हुए 2 ओवरो में मात्र 7 रन देकर अपनी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।मैच के समापन पर खिलाड़ियो को विभिन्न श्रेणियो में पुरस्कार दिया गया।मैत्री मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मेलाधिकारी ऋषिराज को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।मुकाबले के दौरान प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियो में खासा उत्साह देखने को मिला।इस अवसर पर डीआरएम रजनीश अग्रवाल प्रो0 अंकिता राज व प्रशासनिक एवं रेलवे के सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराया,खलासी को आई गंभीर चोटें

ट्रक चालक बाल बाल बचा कूदकर बचाई जानड्रमंड गंज मिर्जापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर सोमवार की भोर में कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक का अचानक ब्रेक फेल हो गया। अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया। हादसे में खलासी को गंभीर चोटें आई हैं वहीं ट्रक चालक ने नीचे कूदकर अपनी जान बचाई। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से कच्चा लोहा (स्पंज आयरन) लादकर कासगंज जा रहा ट्रक ड्रमंडगंज घाटी में नीचे उतरते समय जैसे ही बड़का मोड़ घुमान के पास पहुंचा तो अचानक ब्रेक फेल हो गया।ब्रेक फेल होने पर ट्रक चालक अनिल कुमार निवासी निगदिलपुर थाना नवाबगंज जिला प्रयागराज ट्रक से नीचे कूद गया। वहीं  20 वर्षीय खलासी नीरज कुमार निवासी निगदिलपुर जिला प्रयागराज घटना के दौरान सो रहा था अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया जिससे ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और खलासी का दाहिने पैर टूट गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खलासी को उपचार हेतु एंबुलेंस से मंडलीय चिकित्सालय भिजवाया। जहां चिकित्सक ने घायल खलासी को ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर लेकिन स्वजन उपचार हेतु प्रयागराज के स्वरूप रानी चिकित्सालय लेकर चले गए। ट्रक चालक अनिल कुमार ने बताया कि सिंगरौली स स्पंज आयरन लादकर कासगंज जा रहा था कि ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर ब्रेक फेल हो गया ट्रक से कूदकर जान बचाई लेकिन ट्रक में मौजूद खलासी सो रहा था ट्रक के आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराने से खलासी का दाहिना पैर टूट गया और ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।खलासी नीरज कुमार का प्रयागराज जिले के स्वरूप रानी चिकित्सालय में उपचार चल रहा है हालत सामान्य है।