Celiac Disease Management with Personalized Care at a Homeopathy Clinic in Hyderabad

Get natural support for Celiac disease at a trusted homeopathy clinic in Hyderabad. Gentle, personalized treatment for digestive and immune health.

Celiac disease is an autoimmune condition triggered by gluten, a protein found in wheat, barley, and rye. When gluten is consumed, the immune system reacts by damaging the small intestine, affecting the body’s ability to absorb essential nutrients. This leads to digestive discomfort and long-term health challenges. Many individuals experience symptoms for years before receiving proper guidance, making awareness and effective treatment important.

Common symptoms of Celiac disease include bloating, abdominal pain, diarrhea, constipation, fatigue, and nutrient deficiencies. Some people may also experience skin irritation, headaches, or joint discomfort. In children, the condition can lead to slow growth, irritability, and poor appetite. Genetics play a major role, and environmental or lifestyle factors may trigger the onset of symptoms.

Homeopathy offers a holistic and gentle method of managing Celiac disease. Instead of focusing only on symptom control, homeopathy aims to support the body’s natural healing process. At a well-established homeopathy clinic in Hyderabad, treatment begins with a detailed assessment of the individual’s physical symptoms, emotional health, dietary habits, and medical history. This personalized approach helps strengthen digestion, reduce inflammation, and improve overall immunity. Many patients notice steady improvement in their energy levels, digestive comfort, and general well-being.

Spiritual Homeopathy provides comprehensive care for Celiac disease across its branches in KPHB, Dilsukhnagar, Chandanagar, and Nallagandla. The clinic emphasizes personalized treatment, lifestyle support, and constant follow-up to ensure long-term results. Their patient-focused approach helps individuals manage symptoms effectively while improving their overall quality of life.

If you are searching for a dependable homeopathy clinic in Hyderabad for natural and supportive care, Spiritual Homeopathy offers a compassionate and structured path toward better digestive health.

For consultations and guidance,

Call Spiritual Homeopathy at 9069176176.

दीपावली यूनेस्को की सूची में शामिल, पीएम मोदी बोले- दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा

#deepavaliinscribedonunescosintangibleculturalheritagelist

रोशनी का पर्व दीपावली अब आधिकारिक रूप से यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में शामिल हो गया है। यह घोषणा 2025 की सूची के साथ की गई, जिसमें दुनिया भर की 20 सांस्कृतिक धरोहरों को स्थान मिला है। यूनेस्को ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन की इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज यानी अमूर्त विश्व धरोहर की सूची जारी की। इसमें घाना, जॉर्जिया, कांगो, इथियोपिया और मिस्र सहित कई देशों के सांस्कृतिक प्रतीक भी शामिल हैं।

पीएम मोदी ने यूनेस्को के फैसले पर दी प्रतिक्रिया

यूनेस्को के निर्णय पर पीएम मोदी ने कहा, भारत और दुनियाभर के लोग उत्साहित हैं। हमारे लिए दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में दीपावली के शामिल होने से इस त्यौहार की वैश्विक लोकप्रियता और भी बढ़ जाएगी। प्रभु श्री राम के आदर्श हमें अनंत काल तक मार्गदर्शन करते रहें।

भारत कर रहा यूनेस्को की बैठक की मेजबानी

ये फैसला उस समय आया है, जब दिल्ली में यूनेस्को की इंटर-गवर्नमेंटल कमेटी फॉर इंटैन्जिबल हेरिटेज की 20वीं बैठक की मेजबानी कर रही है। यह 8 से 13 दिसंबर तक चलेगी। यह पहली बार है जब भारत इसकी अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है। यह समिति अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए कार्य करती है।

घोषणा के बाद लगे 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे

जब यूनेस्को ने घोषणा की कि दीपावली को यूनेस्को के त्योहारों की सूची में शामिल कर दिया गया है, तब वहां मौजूद लोग 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे।

भारत के ये तत्वों भी सूची में हैं दर्ज

वर्तमान में भारत के 15 तत्व यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में दर्ज हैं। इनमें कुम्भ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रपाठ की परंपरा और रामलीला (महाकाव्य 'रामायण' का पारंपरिक प्रदर्शन) शामिल हैं।

सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखना है लक्ष्य

यूनेस्को की यह लिस्ट दुनिया की ऐसी सांस्कृतिक और पारंपरिक चीजों को शामिल करती है, जिन्हें छू नहीं सकते लेकिन अनुभव किया जा सकता है। इसे अमूर्त विश्व धरोहर भी कहते हैं। इसका मकसद है कि ये सांस्कृतिक धरोहरें सुरक्षित रहें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचें।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

Neck Pain Treatment with Homeopathy in Hyderabad

Discover effective and holistic relief for neck pain with homeopathy in Hyderabad. Learn symptoms, causes, and how spiritual healing brings long-term comfort.

Neck pain has become one of the most common health concerns in today’s fast-paced lifestyle. Long working hours, continuous mobile usage, poor posture, stress, and sudden injuries often lead to stiffness, discomfort, and reduced mobility. Many individuals experience radiating pain to the shoulders, upper back, or arms, which affects sleep, productivity, and overall quality of life. Understanding the underlying cause is the first step in finding long-term relief.

Symptoms of neck pain vary from mild stiffness to severe, sharp pain. Some individuals experience headaches, tingling sensations, muscle tightness, or difficulty turning the head. Common causes include muscle strain, cervical spondylosis, disc issues, whiplash injuries, bad posture, stress-related muscle tightening, and repetitive movements. Ignoring early symptoms can worsen the condition over time, leading to chronic discomfort.

Homeopathy in Hyderabad offers a holistic and gentle approach to managing neck pain by focusing on the root cause rather than temporary relief. Instead of just addressing the physical symptoms, homeopathy considers emotional stress, lifestyle habits, and individual health patterns. This personalized method helps reduce inflammation, improve mobility, and strengthen the body’s natural healing ability. With regular treatment and supportive lifestyle changes, patients often experience long-term improvement without side effects.

Spiritual Homeopathy plays an essential role in providing dedicated care for neck pain. With an expert team, advanced case-taking methods, and a patient-centered treatment approach, the clinic focuses on delivering effective and sustainable results. Spiritual Homeopathy aims to help patients restore comfort, improve flexibility, and return to daily activities with confidence. Their holistic guidance ensures overall well-being and enhanced quality of life.

If you're looking for professional and reliable neck pain care, connect today for personalized treatment.

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प्रयागराज IGRS रैंकिंग में प्रयागराज 32वें स्थान पर शिकायतो के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के प्रयास रंग लाए

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।प्रयागराज विगत कई महीनो से जनपद की IGRS रैंकिंग सुधारने के लिए किए जा रहे निरन्तर प्रयास आखिरकार सफल रहे है। ताजा जारी रैंकिंग में प्रयागराज ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज करते हुए 32वाँ स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि जिला प्रशासन तथा सभी विभागो की सामूहिक मेहनत का परिणाम है।जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशन में IGRS से संबंधित शिकायतो के उच्च गुणवत्ता के साथ निस्तारण हेतु समय-समय पर बैठके आयोजित की गई।जिन अधिकारियो ने उत्कृष्ट कार्य किया उन्हें प्रोत्साहित किया गया जबकि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कठोर कार्रवाई की गई।

प्रशासन की इस कड़ी मॉनिटरिंग से शिकायतो के समाधान में स्पष्ट सुधार देखने को मिला है।IGRS के नोडल अधिकारी सत्यम मिश्रा अपर जिलाधिकारी (नगर)एवं ओसी शिकायत ने सभी विभागो को लगातार मार्गदर्शन प्रदान किया।शिकायतो की नियमित और सतत मॉनिटरिंग की गई जिससे निस्तारण की गति और गुणवत्ता दोनो में वृद्धि हुई।तकनीकी सहयोग में EDM अफसार अहमद एवं उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने संबंधित विभागो को प्रशिक्षण एवं निरन्तर सहयोग देकर शिकायत निस्तारण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया।माह नवम्बर में कुल 140 में से 125 अंक प्राप्त कर जनपद ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है।यह उपलब्धि प्रशासन की टीम भावना और सुचारू समन्वय का प्रमाण है।जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इसी गति और गुणवत्ता के साथ कार्य करते हुए जनपद की रैंकिंग को और बेहतर बनाने का प्रयास जारी रहेगा।

नेहरू ने वंदे मातरम् के टुकड़े किए..., अमित शाह ने राज्यसभा में दिया बड़ा बयान

#nehrudividedvandemataramintotwopartssaidamit_shah

संसद में वंदे मातरम् पर बहस का आज दूसरा दिन है। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस चर्चा की शुरुआत की थी, जिसके बाद से देश में सियासी घमासान छिड़ गया है। वहीं, आज गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में वंदे मातरम् को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा।

राज्यसभा में मंगलवार सुबह 11 बजे से कार्यवाही शुरू हुई। सदन में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर खास चर्चा शुरू हुई। इसकी शुरूआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘वंदे मातरम् के यशोगान के लिए चर्चा के लिए हम यहां आए हैं। चर्चा के जरिए हमारे देश के किशोर, युवा, आने वाली पीढ़ियों तक वंदे मातरम् का योगदान पता चले। हम सब सौभाग्यशाली है कि हमें एतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं।

अमित शाह ने कहा इस महान सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है तब कल कुछ सदस्यों ने लोकसभा में सवाल किया था इस चर्चा की जरूरत क्या है। चर्चा की जरूरत वंदे मातरम् के प्रति समर्पण के प्रति जरूरत जब यह बना तब भी थी और अब भी है।

कांग्रेस वंदे मातरम् ध्यान भटकाने का हथियार मान रही-शाह

गृहमंत्री ने कहा, मैं कल देख रहा था कि कांग्रेस के कई सदस्य, वंदे मातरम् की चर्चा को, राजनीतिक हथकंडा या मुद्दों से ध्यान भटकाने का हथियार मान रहे थे। मुद्दों पर चर्चा करने से हम नहीं डरते. संसद का बहिष्कार हम नहीं करते। अगर संसद का बहिष्कार न किया जाए और ससंद चलने दी जाए तो सभी मुद्दों पर चर्चा होगी, हम डरते नहीं हैं और न ही हमारे पास कुछ छिपाने को है। कोई भी मुद्दा हो, हम चर्चा करने को तैयार हैं।

वंदे मातरम की चर्चा को बंगाल चुनाव से जोड़ने पर क्या बोले शाह?

अमित शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कुछ दल वंदे मातरम की चर्चा को बंगाल चुनाव से जोड़कर उसका महत्व कम करने की कोशिश कर रहे हैं. शाह ने कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इस गीत की रचना बंगाल में की, लेकिन इसका संदेश पूरे भारत में बिजली की तरह फैल गया और आज भी राष्ट्र को एकजुट करता है. अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों ने जब वंदे मातरम पर पाबंदियां लगाईं, तब बंकिम चंद्र ने साफ कहा था कि चाहे उनकी बाकी रचनाएं गंगा में बहा दी जाएं, लेकिन वंदे मातरम की शक्ति अनंत काल तक जीवित रहेगी. शाह के अनुसार, बंकिम चंद्र के ये शब्द आज पूरी तरह सच साबित हुए हैं।

नए सिरे से अपनी समझ को समझने की जरूरत- शाह

गृहमंत्री ने कहा ने कहा कि ये अमर कृति, मां भारती के प्रति समर्पण, भक्ति और कर्तव्य का भाव जागृत करने वाली है। इसलिए जिनको ये नहीं समझ आ रहा है कि आज वंदे मातरम् पर चर्चा क्यों हों रही है, मुझे लगता है कि उन्हें नए सिरे से अपनी समझ को समझने की जरूरत है।

पूर्व पीएम पर साधा निशाना

गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि 1937 में वंदे मातरम के 50वें के दौरान जवाहर लाल नेहरू ने गीत को दो अंतरों तक सीमित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा, वन्दे मातरम् की स्वर्ण जयंती जब हुई, तब जवाहरलाल नेहरू जी ने इसके दो टुकड़े कर इसे दो अंतरों तक सीमित कर दिया। वहीं से तुष्टीकरण की शुरुआत हुई। अगर वन्दे मातरम् के दो टुकड़े कर तुष्टीकरण की शुरुआत नहीं हुई होती तो देश का विभाजन भी नहीं होता।

आपातकाल को लेकर इंदिरा गांधी पर बोला हमला

अमित शाह ने आगे कहा, वन्दे मातरम् के जब 100 साल हुए, तब वन्दे मातरम् बोलने वालों को इंदिरा जी ने जेल में डाल दिया। आपातकाल लगाया गया। विपक्ष के लोगों को, सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में भर दिया गया। अखबारों पर ताले लगा दिए गए। पूरे देश को बंदी बनाकर रख दिया गया।

गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद- शाह

जब वंदे मातरम के 150 साल पर लोकसभा में चर्चा हुई, तो यहां पर कांग्रेस की स्थिति देखिए, जिस कांग्रेस पार्टी के अधिवेशनों की शुरुआत गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर वंदे मातरम गाकर करवाते थे, जो गीत कांग्रेस पार्टी की आजादी की लड़ाई का एक मंत्र बना था, उसका महिमामंडन करने के लिए जब लोकसभा में चर्चा हुई तो गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद रहे।

रामराज में बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूल, आठवीं–दसवीं की मान्यता पर पढ़ा रहे इंटर तक — अभिभावकों में गहरा रोष, चेताया आंदोलन

बहसुमा। मेरठ।रामराज क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। क्षेत्र में कई प्राइवेट स्कूल ऐसे चल रहे हैं जिनकी मान्यता केवल आठवीं या दसवीं तक है, लेकिन वे नियमों को नजरअंदाज करते हुए बच्चों को इंटर तक की कक्षाएँ पढ़ा रहे हैं। बिना मान्यता के चल रहे इन प्राइवेट स्कूलों पर न तो कोई निगरानी है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।

अभिभावकों का कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को यह तक जानकारी नहीं होती कि उन्होंने इंटर किस बोर्ड या किस मान्यता प्राप्त संस्थान से पास किया है। जब बच्चों से पूछा जाता है कि उन्होंने इंटर पास कहां से की है, तो वे स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते। यह स्थिति इन संस्थानों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है और बच्चों के भविष्य को संकट में डालती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मुद्दे की शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। इसके चलते अभिभावकों में भारी नाराज़गी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही बिना मान्यता के चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अभिभावकों का कहना है इंद्रपाल सिंह अवनीश कुमार रोहित कुमार अरुण को तोमर नेकहां बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

न्यू विद्या सागर हाई स्कूल की विज्ञान प्रदर्शनी में चमकी बच्चों की प्रतिभा — मुख्य अतिथि मोहम्मद दिलदार अंसारी ने कहा, “ये बच्चे नहीं, हिंदुस्त

हजारीबाग | न्यू विद्या सागर हाई स्कूल, डामोडीह में सोमवार को आयोजित वार्षिक विज्ञान प्रदर्शनी बच्चों के अद्भुत कौशल, नवाचार और वैज्ञानिक सोच का शानदार उदाहरण बनी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे समाजसेवी मोहम्मद दिलदार अंसारी बच्चों की प्रतिभा देख भावुक हो उठे। उन्होंने कहा,

“इन बच्चों को देखकर आँखें भर आईं… ये बच्चे नहीं, ये हिंदुस्तान का भविष्य हैं।”

छात्र–छात्राओं के 20 से अधिक मॉडल ने बटोरी सराहना

कक्षा 6 से 10 तक के सैकड़ों बच्चों ने प्रदर्शनी में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ पानी–स्वच्छ वायु, नवीकरणीय ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण जैसे अहम विषयों पर 20 से अधिक कार्यशील मॉडल प्रस्तुत किए। सबसे खास बात यह रही कि सबसे प्रभावशाली और नवाचारी प्रोजेक्ट स्कूल की छात्राओं द्वारा तैयार किए गए, जिनमें शामिल थे—

वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण मॉडल : सौर ऊर्जा से चलने वाला मल्टी–फंक्शनल सिस्टम। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से पानी शुद्ध करने वाला कम लागत वाला वाटर फिल्टर। ग्रीन एनर्जी से चलने वाले मिनी वाहन और चार्जिंग यूनिट। स्मॉग को अवशोषित कर जैविक खाद में बदलने वाला इनोवेटिव मॉडल। 

मुख्य अतिथि ने हर बच्चे से की बातचीत, दिया प्रेरणा संदेश

दिलदार अंसारी प्रत्येक स्टॉल पर रुके, बच्चों के विचार सुने और उनके मॉडल की तकनीकी समझ की सराहना की। उन्होंने कहा, “आज मैंने बच्चों को सम्मानित नहीं किया, बल्कि खुद सम्मानित महसूस किया। अल्लाह इन बच्चों के सपनों को पंख दे।”

स्कूल प्रबंधन ने जताया आभार

स्कूल प्रबंधक विक्रम कुमार सोनी ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि के आशीर्वाद पूर्ण शब्दों ने स्कूल परिवार का मनोबल दोगुना कर दिया है।

पुरस्कार वितरण ने बढ़ाया उत्साह

कार्यक्रम के अंत में श्रेष्ठ मॉडल प्रस्तुत करने वाले बच्चों को ट्रॉफी, नकद पुरस्कार और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप पुस्तकें भी भेंट की गईं।

अभिभावकों और ग्रामीणों की बड़ी उपस्थिति

प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में अभिभावक, आसपास के ग्रामीण और कई गणमान्य नागरिक शामिल हुए।

बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास को देखकर हर कोई गर्व से भर उठा और उनकी मेहनत की सराहना करते नहीं थक रहा था।

तीन दिवसीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में मीरजापुर के खिलाड़ियों का दिखा दबदबा

शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड एक सिल्वर और एक ब्राउंस मेडल पर जमाया कब्जा

मीरजापुर। उत्तर प्रदेश पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का तीन दिवसीय आयोजन 5, 6 एवं 7 दिसंबर को लखनऊ की चौक स्टेडियम में आयोजित किया गया। जिसमें मीरजापुर टीम ने कोच एवं सचिव कमलापति त्रिपाठी के कुशल निर्देशन में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड एक सिल्वर और एक ब्राउंस मेडल पर कब्जा जमाया। जमुई की महाराज सर्वेश कुमार सिंह जी की पत्नी रूबी सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया। रूबी सिंह महिला के लिए प्रेरणा बनी हुई है। क्योंकि 30 साल की उम्र में भी शादी के बाद भी एक 7 वर्ष की छोटी बेबी होने के बावजूद जो इनमें खेलने का जज्बा है वह हर किसी में नहीं होता है।

रूबी का कहना है कि गृहस्थ कार्य को देखते हुए खेल में अपना दमखम दिखाकर राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। रूबी सिंह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निधी सिंह पटेल से प्रेरित होकर इस गेम को चुनी है। पुरुष वर्ग 59kg जूनियर में पुष्कर बिंद ने 105 किलो भार उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। 93kg जूनियर भार वर्ग में गोपाल बिंद ने 140 केजी भार उठाकर सिल्वर मेडल मिर्जापुर की झोली में डाला। 74 केजी भार वर्ग में देवेश तिवारी ने ब्रोंज मेडल पर कब्जा जमाया। वहीं 93 केजी भार वर्ग सीनियर में सत्येंद्र तिवारी, शिवाकांत द्विवेदी एवं पीयूष मिश्रा ने अंतिम समय तक मेडल लेने के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन मेडल लेने में समर्थ रहे।

टीम मैनेजर श्रवण कुमार सिंह रहे। सभी खिलाड़ियों की उपलब्धि पर पावरलिफ्टिंग संघ की संरक्षिका श्रीमती रत्नावली सिंह अध्यक्ष डॉ प्रेम शंकर सिंह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निधि सिंह पटेल, विरेन्द्र सिंह मरकाम, ब्रह्मांड राज, सुधा सिंह विपुल दुबे, नितेश सिंह, विवेक कुमार, मनोज सेठ आदि लोगों ने खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी।

ব্যারাকপুর শহীদ মঙ্গলপান্ডে সরণীর একটি আবাসনে দেহ উদ্ধার প্রাক্তন তথ্য প্রযুক্তি কর্মীর

নিজস্ব সংবাদদাতা: উত্তর ২৪ পরগনার ব্যারাকপুর শহীদ মঙ্গলপান্ডে সরণীর একটি আবাসনের ৩ তলার ঘর থেকে উদ্ধার হল প্রাক্তন তথ্য প্রযুক্তি কর্মীর দেহ। স্থানীয় সূত্রে জানা গিয়েছে ওই প্রাক্তন তথ্য প্রযুক্তি কর্মী হলেন ৪৬ বছর বয়সী Ujjal Vedajna। তিন বছর আগে তার বাবার মৃত্যু হয়। এরপর থেকেই মানসিক অবসাদে ভুগছিলেন তিনি। স্থানীয় বাসিন্দারা জানান,দিনের বেশিরভাগ সময় নিজেকে ঘর বন্দী করে রাখতেন। গত কয়েকদিন ধরে তিনি ঘর থেকেও বের হননি। সোমবার সকাল থেকে দুর্গন্ধ বেরোতে থাকে ঘর থেকে। এরপর টিটাগড় থানার পুলিশকে খবর দেন আবাসনের বাসিন্দারা। দুপুরে টিটাগড় থানার পুলিশ এসে ঘরের দরজা ভেঙ্গে মৃতদেহ উদ্ধার করে। ঘটনার খবর পেয়ে ঘটনাস্থলে আসেন টিটাগড় থানার ভারপ্রাপ্ত পুলিশ আধিকারিকও।

ছবি: প্রবীর রায়

Celiac Disease Management with Personalized Care at a Homeopathy Clinic in Hyderabad

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Celiac disease is an autoimmune condition triggered by gluten, a protein found in wheat, barley, and rye. When gluten is consumed, the immune system reacts by damaging the small intestine, affecting the body’s ability to absorb essential nutrients. This leads to digestive discomfort and long-term health challenges. Many individuals experience symptoms for years before receiving proper guidance, making awareness and effective treatment important.

Common symptoms of Celiac disease include bloating, abdominal pain, diarrhea, constipation, fatigue, and nutrient deficiencies. Some people may also experience skin irritation, headaches, or joint discomfort. In children, the condition can lead to slow growth, irritability, and poor appetite. Genetics play a major role, and environmental or lifestyle factors may trigger the onset of symptoms.

Homeopathy offers a holistic and gentle method of managing Celiac disease. Instead of focusing only on symptom control, homeopathy aims to support the body’s natural healing process. At a well-established homeopathy clinic in Hyderabad, treatment begins with a detailed assessment of the individual’s physical symptoms, emotional health, dietary habits, and medical history. This personalized approach helps strengthen digestion, reduce inflammation, and improve overall immunity. Many patients notice steady improvement in their energy levels, digestive comfort, and general well-being.

Spiritual Homeopathy provides comprehensive care for Celiac disease across its branches in KPHB, Dilsukhnagar, Chandanagar, and Nallagandla. The clinic emphasizes personalized treatment, lifestyle support, and constant follow-up to ensure long-term results. Their patient-focused approach helps individuals manage symptoms effectively while improving their overall quality of life.

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दीपावली यूनेस्को की सूची में शामिल, पीएम मोदी बोले- दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा

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रोशनी का पर्व दीपावली अब आधिकारिक रूप से यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में शामिल हो गया है। यह घोषणा 2025 की सूची के साथ की गई, जिसमें दुनिया भर की 20 सांस्कृतिक धरोहरों को स्थान मिला है। यूनेस्को ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन की इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज यानी अमूर्त विश्व धरोहर की सूची जारी की। इसमें घाना, जॉर्जिया, कांगो, इथियोपिया और मिस्र सहित कई देशों के सांस्कृतिक प्रतीक भी शामिल हैं।

पीएम मोदी ने यूनेस्को के फैसले पर दी प्रतिक्रिया

यूनेस्को के निर्णय पर पीएम मोदी ने कहा, भारत और दुनियाभर के लोग उत्साहित हैं। हमारे लिए दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में दीपावली के शामिल होने से इस त्यौहार की वैश्विक लोकप्रियता और भी बढ़ जाएगी। प्रभु श्री राम के आदर्श हमें अनंत काल तक मार्गदर्शन करते रहें।

भारत कर रहा यूनेस्को की बैठक की मेजबानी

ये फैसला उस समय आया है, जब दिल्ली में यूनेस्को की इंटर-गवर्नमेंटल कमेटी फॉर इंटैन्जिबल हेरिटेज की 20वीं बैठक की मेजबानी कर रही है। यह 8 से 13 दिसंबर तक चलेगी। यह पहली बार है जब भारत इसकी अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है। यह समिति अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए कार्य करती है।

घोषणा के बाद लगे 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे

जब यूनेस्को ने घोषणा की कि दीपावली को यूनेस्को के त्योहारों की सूची में शामिल कर दिया गया है, तब वहां मौजूद लोग 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे।

भारत के ये तत्वों भी सूची में हैं दर्ज

वर्तमान में भारत के 15 तत्व यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में दर्ज हैं। इनमें कुम्भ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रपाठ की परंपरा और रामलीला (महाकाव्य 'रामायण' का पारंपरिक प्रदर्शन) शामिल हैं।

सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखना है लक्ष्य

यूनेस्को की यह लिस्ट दुनिया की ऐसी सांस्कृतिक और पारंपरिक चीजों को शामिल करती है, जिन्हें छू नहीं सकते लेकिन अनुभव किया जा सकता है। इसे अमूर्त विश्व धरोहर भी कहते हैं। इसका मकसद है कि ये सांस्कृतिक धरोहरें सुरक्षित रहें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचें।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

Neck Pain Treatment with Homeopathy in Hyderabad

Discover effective and holistic relief for neck pain with homeopathy in Hyderabad. Learn symptoms, causes, and how spiritual healing brings long-term comfort.

Neck pain has become one of the most common health concerns in today’s fast-paced lifestyle. Long working hours, continuous mobile usage, poor posture, stress, and sudden injuries often lead to stiffness, discomfort, and reduced mobility. Many individuals experience radiating pain to the shoulders, upper back, or arms, which affects sleep, productivity, and overall quality of life. Understanding the underlying cause is the first step in finding long-term relief.

Symptoms of neck pain vary from mild stiffness to severe, sharp pain. Some individuals experience headaches, tingling sensations, muscle tightness, or difficulty turning the head. Common causes include muscle strain, cervical spondylosis, disc issues, whiplash injuries, bad posture, stress-related muscle tightening, and repetitive movements. Ignoring early symptoms can worsen the condition over time, leading to chronic discomfort.

Homeopathy in Hyderabad offers a holistic and gentle approach to managing neck pain by focusing on the root cause rather than temporary relief. Instead of just addressing the physical symptoms, homeopathy considers emotional stress, lifestyle habits, and individual health patterns. This personalized method helps reduce inflammation, improve mobility, and strengthen the body’s natural healing ability. With regular treatment and supportive lifestyle changes, patients often experience long-term improvement without side effects.

Spiritual Homeopathy plays an essential role in providing dedicated care for neck pain. With an expert team, advanced case-taking methods, and a patient-centered treatment approach, the clinic focuses on delivering effective and sustainable results. Spiritual Homeopathy aims to help patients restore comfort, improve flexibility, and return to daily activities with confidence. Their holistic guidance ensures overall well-being and enhanced quality of life.

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प्रयागराज IGRS रैंकिंग में प्रयागराज 32वें स्थान पर शिकायतो के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के प्रयास रंग लाए

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।प्रयागराज विगत कई महीनो से जनपद की IGRS रैंकिंग सुधारने के लिए किए जा रहे निरन्तर प्रयास आखिरकार सफल रहे है। ताजा जारी रैंकिंग में प्रयागराज ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज करते हुए 32वाँ स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि जिला प्रशासन तथा सभी विभागो की सामूहिक मेहनत का परिणाम है।जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशन में IGRS से संबंधित शिकायतो के उच्च गुणवत्ता के साथ निस्तारण हेतु समय-समय पर बैठके आयोजित की गई।जिन अधिकारियो ने उत्कृष्ट कार्य किया उन्हें प्रोत्साहित किया गया जबकि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कठोर कार्रवाई की गई।

प्रशासन की इस कड़ी मॉनिटरिंग से शिकायतो के समाधान में स्पष्ट सुधार देखने को मिला है।IGRS के नोडल अधिकारी सत्यम मिश्रा अपर जिलाधिकारी (नगर)एवं ओसी शिकायत ने सभी विभागो को लगातार मार्गदर्शन प्रदान किया।शिकायतो की नियमित और सतत मॉनिटरिंग की गई जिससे निस्तारण की गति और गुणवत्ता दोनो में वृद्धि हुई।तकनीकी सहयोग में EDM अफसार अहमद एवं उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने संबंधित विभागो को प्रशिक्षण एवं निरन्तर सहयोग देकर शिकायत निस्तारण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया।माह नवम्बर में कुल 140 में से 125 अंक प्राप्त कर जनपद ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है।यह उपलब्धि प्रशासन की टीम भावना और सुचारू समन्वय का प्रमाण है।जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इसी गति और गुणवत्ता के साथ कार्य करते हुए जनपद की रैंकिंग को और बेहतर बनाने का प्रयास जारी रहेगा।

नेहरू ने वंदे मातरम् के टुकड़े किए..., अमित शाह ने राज्यसभा में दिया बड़ा बयान

#nehrudividedvandemataramintotwopartssaidamit_shah

संसद में वंदे मातरम् पर बहस का आज दूसरा दिन है। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस चर्चा की शुरुआत की थी, जिसके बाद से देश में सियासी घमासान छिड़ गया है। वहीं, आज गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में वंदे मातरम् को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा।

राज्यसभा में मंगलवार सुबह 11 बजे से कार्यवाही शुरू हुई। सदन में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर खास चर्चा शुरू हुई। इसकी शुरूआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘वंदे मातरम् के यशोगान के लिए चर्चा के लिए हम यहां आए हैं। चर्चा के जरिए हमारे देश के किशोर, युवा, आने वाली पीढ़ियों तक वंदे मातरम् का योगदान पता चले। हम सब सौभाग्यशाली है कि हमें एतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं।

अमित शाह ने कहा इस महान सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है तब कल कुछ सदस्यों ने लोकसभा में सवाल किया था इस चर्चा की जरूरत क्या है। चर्चा की जरूरत वंदे मातरम् के प्रति समर्पण के प्रति जरूरत जब यह बना तब भी थी और अब भी है।

कांग्रेस वंदे मातरम् ध्यान भटकाने का हथियार मान रही-शाह

गृहमंत्री ने कहा, मैं कल देख रहा था कि कांग्रेस के कई सदस्य, वंदे मातरम् की चर्चा को, राजनीतिक हथकंडा या मुद्दों से ध्यान भटकाने का हथियार मान रहे थे। मुद्दों पर चर्चा करने से हम नहीं डरते. संसद का बहिष्कार हम नहीं करते। अगर संसद का बहिष्कार न किया जाए और ससंद चलने दी जाए तो सभी मुद्दों पर चर्चा होगी, हम डरते नहीं हैं और न ही हमारे पास कुछ छिपाने को है। कोई भी मुद्दा हो, हम चर्चा करने को तैयार हैं।

वंदे मातरम की चर्चा को बंगाल चुनाव से जोड़ने पर क्या बोले शाह?

अमित शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कुछ दल वंदे मातरम की चर्चा को बंगाल चुनाव से जोड़कर उसका महत्व कम करने की कोशिश कर रहे हैं. शाह ने कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इस गीत की रचना बंगाल में की, लेकिन इसका संदेश पूरे भारत में बिजली की तरह फैल गया और आज भी राष्ट्र को एकजुट करता है. अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों ने जब वंदे मातरम पर पाबंदियां लगाईं, तब बंकिम चंद्र ने साफ कहा था कि चाहे उनकी बाकी रचनाएं गंगा में बहा दी जाएं, लेकिन वंदे मातरम की शक्ति अनंत काल तक जीवित रहेगी. शाह के अनुसार, बंकिम चंद्र के ये शब्द आज पूरी तरह सच साबित हुए हैं।

नए सिरे से अपनी समझ को समझने की जरूरत- शाह

गृहमंत्री ने कहा ने कहा कि ये अमर कृति, मां भारती के प्रति समर्पण, भक्ति और कर्तव्य का भाव जागृत करने वाली है। इसलिए जिनको ये नहीं समझ आ रहा है कि आज वंदे मातरम् पर चर्चा क्यों हों रही है, मुझे लगता है कि उन्हें नए सिरे से अपनी समझ को समझने की जरूरत है।

पूर्व पीएम पर साधा निशाना

गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि 1937 में वंदे मातरम के 50वें के दौरान जवाहर लाल नेहरू ने गीत को दो अंतरों तक सीमित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा, वन्दे मातरम् की स्वर्ण जयंती जब हुई, तब जवाहरलाल नेहरू जी ने इसके दो टुकड़े कर इसे दो अंतरों तक सीमित कर दिया। वहीं से तुष्टीकरण की शुरुआत हुई। अगर वन्दे मातरम् के दो टुकड़े कर तुष्टीकरण की शुरुआत नहीं हुई होती तो देश का विभाजन भी नहीं होता।

आपातकाल को लेकर इंदिरा गांधी पर बोला हमला

अमित शाह ने आगे कहा, वन्दे मातरम् के जब 100 साल हुए, तब वन्दे मातरम् बोलने वालों को इंदिरा जी ने जेल में डाल दिया। आपातकाल लगाया गया। विपक्ष के लोगों को, सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में भर दिया गया। अखबारों पर ताले लगा दिए गए। पूरे देश को बंदी बनाकर रख दिया गया।

गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद- शाह

जब वंदे मातरम के 150 साल पर लोकसभा में चर्चा हुई, तो यहां पर कांग्रेस की स्थिति देखिए, जिस कांग्रेस पार्टी के अधिवेशनों की शुरुआत गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर वंदे मातरम गाकर करवाते थे, जो गीत कांग्रेस पार्टी की आजादी की लड़ाई का एक मंत्र बना था, उसका महिमामंडन करने के लिए जब लोकसभा में चर्चा हुई तो गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद रहे।

रामराज में बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूल, आठवीं–दसवीं की मान्यता पर पढ़ा रहे इंटर तक — अभिभावकों में गहरा रोष, चेताया आंदोलन

बहसुमा। मेरठ।रामराज क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। क्षेत्र में कई प्राइवेट स्कूल ऐसे चल रहे हैं जिनकी मान्यता केवल आठवीं या दसवीं तक है, लेकिन वे नियमों को नजरअंदाज करते हुए बच्चों को इंटर तक की कक्षाएँ पढ़ा रहे हैं। बिना मान्यता के चल रहे इन प्राइवेट स्कूलों पर न तो कोई निगरानी है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।

अभिभावकों का कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को यह तक जानकारी नहीं होती कि उन्होंने इंटर किस बोर्ड या किस मान्यता प्राप्त संस्थान से पास किया है। जब बच्चों से पूछा जाता है कि उन्होंने इंटर पास कहां से की है, तो वे स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते। यह स्थिति इन संस्थानों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है और बच्चों के भविष्य को संकट में डालती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मुद्दे की शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। इसके चलते अभिभावकों में भारी नाराज़गी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही बिना मान्यता के चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अभिभावकों का कहना है इंद्रपाल सिंह अवनीश कुमार रोहित कुमार अरुण को तोमर नेकहां बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

न्यू विद्या सागर हाई स्कूल की विज्ञान प्रदर्शनी में चमकी बच्चों की प्रतिभा — मुख्य अतिथि मोहम्मद दिलदार अंसारी ने कहा, “ये बच्चे नहीं, हिंदुस्त

हजारीबाग | न्यू विद्या सागर हाई स्कूल, डामोडीह में सोमवार को आयोजित वार्षिक विज्ञान प्रदर्शनी बच्चों के अद्भुत कौशल, नवाचार और वैज्ञानिक सोच का शानदार उदाहरण बनी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे समाजसेवी मोहम्मद दिलदार अंसारी बच्चों की प्रतिभा देख भावुक हो उठे। उन्होंने कहा,

“इन बच्चों को देखकर आँखें भर आईं… ये बच्चे नहीं, ये हिंदुस्तान का भविष्य हैं।”

छात्र–छात्राओं के 20 से अधिक मॉडल ने बटोरी सराहना

कक्षा 6 से 10 तक के सैकड़ों बच्चों ने प्रदर्शनी में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ पानी–स्वच्छ वायु, नवीकरणीय ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण जैसे अहम विषयों पर 20 से अधिक कार्यशील मॉडल प्रस्तुत किए। सबसे खास बात यह रही कि सबसे प्रभावशाली और नवाचारी प्रोजेक्ट स्कूल की छात्राओं द्वारा तैयार किए गए, जिनमें शामिल थे—

वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण मॉडल : सौर ऊर्जा से चलने वाला मल्टी–फंक्शनल सिस्टम। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से पानी शुद्ध करने वाला कम लागत वाला वाटर फिल्टर। ग्रीन एनर्जी से चलने वाले मिनी वाहन और चार्जिंग यूनिट। स्मॉग को अवशोषित कर जैविक खाद में बदलने वाला इनोवेटिव मॉडल। 

मुख्य अतिथि ने हर बच्चे से की बातचीत, दिया प्रेरणा संदेश

दिलदार अंसारी प्रत्येक स्टॉल पर रुके, बच्चों के विचार सुने और उनके मॉडल की तकनीकी समझ की सराहना की। उन्होंने कहा, “आज मैंने बच्चों को सम्मानित नहीं किया, बल्कि खुद सम्मानित महसूस किया। अल्लाह इन बच्चों के सपनों को पंख दे।”

स्कूल प्रबंधन ने जताया आभार

स्कूल प्रबंधक विक्रम कुमार सोनी ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि के आशीर्वाद पूर्ण शब्दों ने स्कूल परिवार का मनोबल दोगुना कर दिया है।

पुरस्कार वितरण ने बढ़ाया उत्साह

कार्यक्रम के अंत में श्रेष्ठ मॉडल प्रस्तुत करने वाले बच्चों को ट्रॉफी, नकद पुरस्कार और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप पुस्तकें भी भेंट की गईं।

अभिभावकों और ग्रामीणों की बड़ी उपस्थिति

प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में अभिभावक, आसपास के ग्रामीण और कई गणमान्य नागरिक शामिल हुए।

बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास को देखकर हर कोई गर्व से भर उठा और उनकी मेहनत की सराहना करते नहीं थक रहा था।

तीन दिवसीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में मीरजापुर के खिलाड़ियों का दिखा दबदबा

शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड एक सिल्वर और एक ब्राउंस मेडल पर जमाया कब्जा

मीरजापुर। उत्तर प्रदेश पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का तीन दिवसीय आयोजन 5, 6 एवं 7 दिसंबर को लखनऊ की चौक स्टेडियम में आयोजित किया गया। जिसमें मीरजापुर टीम ने कोच एवं सचिव कमलापति त्रिपाठी के कुशल निर्देशन में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड एक सिल्वर और एक ब्राउंस मेडल पर कब्जा जमाया। जमुई की महाराज सर्वेश कुमार सिंह जी की पत्नी रूबी सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया। रूबी सिंह महिला के लिए प्रेरणा बनी हुई है। क्योंकि 30 साल की उम्र में भी शादी के बाद भी एक 7 वर्ष की छोटी बेबी होने के बावजूद जो इनमें खेलने का जज्बा है वह हर किसी में नहीं होता है।

रूबी का कहना है कि गृहस्थ कार्य को देखते हुए खेल में अपना दमखम दिखाकर राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। रूबी सिंह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निधी सिंह पटेल से प्रेरित होकर इस गेम को चुनी है। पुरुष वर्ग 59kg जूनियर में पुष्कर बिंद ने 105 किलो भार उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। 93kg जूनियर भार वर्ग में गोपाल बिंद ने 140 केजी भार उठाकर सिल्वर मेडल मिर्जापुर की झोली में डाला। 74 केजी भार वर्ग में देवेश तिवारी ने ब्रोंज मेडल पर कब्जा जमाया। वहीं 93 केजी भार वर्ग सीनियर में सत्येंद्र तिवारी, शिवाकांत द्विवेदी एवं पीयूष मिश्रा ने अंतिम समय तक मेडल लेने के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन मेडल लेने में समर्थ रहे।

टीम मैनेजर श्रवण कुमार सिंह रहे। सभी खिलाड़ियों की उपलब्धि पर पावरलिफ्टिंग संघ की संरक्षिका श्रीमती रत्नावली सिंह अध्यक्ष डॉ प्रेम शंकर सिंह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निधि सिंह पटेल, विरेन्द्र सिंह मरकाम, ब्रह्मांड राज, सुधा सिंह विपुल दुबे, नितेश सिंह, विवेक कुमार, मनोज सेठ आदि लोगों ने खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी।

ব্যারাকপুর শহীদ মঙ্গলপান্ডে সরণীর একটি আবাসনে দেহ উদ্ধার প্রাক্তন তথ্য প্রযুক্তি কর্মীর

নিজস্ব সংবাদদাতা: উত্তর ২৪ পরগনার ব্যারাকপুর শহীদ মঙ্গলপান্ডে সরণীর একটি আবাসনের ৩ তলার ঘর থেকে উদ্ধার হল প্রাক্তন তথ্য প্রযুক্তি কর্মীর দেহ। স্থানীয় সূত্রে জানা গিয়েছে ওই প্রাক্তন তথ্য প্রযুক্তি কর্মী হলেন ৪৬ বছর বয়সী Ujjal Vedajna। তিন বছর আগে তার বাবার মৃত্যু হয়। এরপর থেকেই মানসিক অবসাদে ভুগছিলেন তিনি। স্থানীয় বাসিন্দারা জানান,দিনের বেশিরভাগ সময় নিজেকে ঘর বন্দী করে রাখতেন। গত কয়েকদিন ধরে তিনি ঘর থেকেও বের হননি। সোমবার সকাল থেকে দুর্গন্ধ বেরোতে থাকে ঘর থেকে। এরপর টিটাগড় থানার পুলিশকে খবর দেন আবাসনের বাসিন্দারা। দুপুরে টিটাগড় থানার পুলিশ এসে ঘরের দরজা ভেঙ্গে মৃতদেহ উদ্ধার করে। ঘটনার খবর পেয়ে ঘটনাস্থলে আসেন টিটাগড় থানার ভারপ্রাপ্ত পুলিশ আধিকারিকও।

ছবি: প্রবীর রায়