Visitor Registration for India’s biggest packaging & technology expo 2026 Is Now Open

19–21 February 2026 | PIECC, Moshi, Pune

Pune, India — PackVision Expo 2026, one of India’s biggest exhibitions & conference for packaging technology and machinery, has officially opened visitor registrations. The exhibition will take place from 19–21 February 2026 at Pune International Exhibition & Convention Centre (PIECC), Moshi.

This year’s expo comes at a time when India’s packaging industry is growing very fast. With more companies focusing on automation, sustainability, and improved product safety, PackVision Expo 2026 gives businesses a perfect place to see new ideas and solutions. The expo strongly supports the Make in India mission by showcasing high-quality packaging machines and technologies made in India for the world.

Trusted by Leading Brands

Well-known brands such as Chitale, Burger King, Parag Milk, Tasty Bites, Flipkart, Polycab, Mahindra, Ultratech, Mother Dairy, Zepto, Big Basket, Blinkit, Swiggy, and many others visit PackVision Expo every year to explore the latest technology and connect with reliable suppliers. Their participation shows the trust and importance of this exhibition in the packaging industry.

Main Highlights of PackVision Expo 2026

225+ exhibitors from across India and overseas

450+ represented brands displaying their innovations

12,000+ visitors expected from multiple industries

1,200+ live machines and solutions running on the show floor

100+ expert speakers sharing insights and future trends

Exclusive CEO Roundtable with industry and policy leaders

India Food & Packaging Conference covering new rules, safety, and innovation

Packaging Innovation Awards recognizing excellence

Important industry association meetings during the show

The expo is co-located with FoodVision, CorrVision, and All India Cold Chain Seminar & Expo, giving visitors an even wider experience across related industries.

Anuj Mathur, Managing Director of Future Market Events, shared the importance of the expo:

“The packaging sector is growing worldwide, and for every brand, this is one of the most important expos to attend and explore. For startups especially, PackVision Expo is the best place to begin because we have everything you need to solve your packaging challenges. From machines to materials, automation to expert learning sessions it’s like having your entire packaging team and sales support in one place. You can discover 1,000+ solutions here that will help you grow faster, reduce costs, and compete strongly in the market.”

Showcase of India’s Packaging Strength

Visitors will get to see a large variety of packaging solutions made in India. This includes modern VFFS and FFS machines, complete bottle filling, capping and labelling lines, and advanced coding, marking, and track-and-trace systems. The expo will also feature the newest shrink, stretch, vacuum, and eco-friendly packaging technologies. Those interested in automation can explore robotic systems, conveyors, and smart handling equipment, along with the latest inspection, testing, and quality control tools used by leading manufacturers. There will also be innovations in packaging design software, digital workflow tools, solar-powered machines, and green technology solutions. In addition, a wide range of consumables such as tapes, foils, films, tags, crates, and more will be available for visitors to explore.

A Platform for Growth and Opportunities

PackVision Expo 2026 is not just an exhibition it is a place where businesses learn, network, collaborate, and find partners. It helps companies discover new machines, improve their processes, reduce costs, and meet industry standards. The event brings together manufacturers, FMCG companies, e-commerce brands, startups, and packaging professionals under one roof.

If you'd like to attend the show, register using the link below to get your entry pass for both the trade show and the conference on WhatsApp: : https://fmeregistrations.com/pve26/Visitor-Registration

For any assistance, contact: Yashashwi Singh

व्यापार मंडल ने बुलडोजर के विरोध में नगर प्रशासन से मुलाकात की

बलरामपुर । तुलसीपुर - नगर की प्रमुख व्यापारिक एवं जन समस्याओं को लेकर व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व अधिशासी अधिकारी प्रवीण कुमार दुबे नगर पंचायत के साथ एक बैठक हुई जिसमें उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने ज़िला महामन्त्री दिलीप कुमार गुप्ता की अगुवाई में पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर समस्याओं के निदान किए जाने की मांग की।

ज़िला महामन्त्री दिलीप गुप्ता ने बताया कि बैठक में सहालग के दौरान व्यापारी समुदाय के हितों की हर हाल में ख्याल रखे जाने व अनावश्यक रूप से परेशान न किए जाने की बात कही गई।नगर महामन्त्री रूप चन्द्र गुप्ता ने बताया कि मांग पत्र में मुख्य मार्ग जहां अत्यधिक भीड़ रहती है वहां से लावारिस सांड़ों व जानवरों को हटाया जाए,नगर में नाले नालियों की साफ सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए एवं सभी के साथ पारदर्शिता पूर्ण व पूरी निष्पक्षता अपनाते हुए कार्य किया जाए।उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष अनिल लाट ने कहा कि पालीथिन के नाम पर छोटे व्यापारियों व ठेले वालों पर जुर्माना न किया जाए।कोषाध्यक्ष राधेश्याम चौरसिया मीडिया प्रभारी जय सिंह,हरविंदर सिंह,,कुंदन लाल गुप्ता,अनिल कुमार कसौधन मौजूद रहे।

तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

झारखंड-बंगाल में ED का सबसे बड़ा एक्शन: कोयला तस्करों के 42 ठिकानों पर छापेमारी, ₹2.20 करोड़ नकद जब्त; पुलिस-सरकारी अफसरों से लिंक का खुलासा

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रांची/धनबाद: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रांची और कोलकाता जोनल ऑफिस की संयुक्त कार्रवाई ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में चल रहे कोयला तस्करी के सिंडिकेट में हड़कंप मचा दिया। जांच एजेंसी ने दोनों राज्यों में बड़े कोयला कारोबारियों और आउटसोर्सिंग संचालकों के कुल 42 ठिकानों पर छापेमारी की।

करोड़ों नकदी और डिजिटल साक्ष्य बरामद

ईडी ने झारखंड में 18 और पश्चिम बंगाल में 24 ठिकानों पर कार्रवाई की। यह कार्रवाई चार अलग-अलग ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर शुरू की गई थी।

नकदी बरामदगी: रांची की जांच टीम ने अकेले ₹2.20 करोड़ नकदी बरामद की है। इसमें एक व्यक्ति के घर से ₹80 लाख और दूसरे के यहां से ₹80 लाख से अधिक नकदी मिली है।

अन्य बरामदगी: करोड़ों रुपये के गहने और जमीन के 14 डीड के साथ-साथ कई डिजिटल एविडेन्स भी जब्त किए गए हैं। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के एक कोयला कारोबारी के घर से ₹21.5 लाख जब्त हुए हैं।

पुलिस और सरकारी अफसरों से लिंक

छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में झारखंड राज्य के पुलिस अफसरों और सरकारी पदाधिकारियों के साथ कोयला तस्करी के लिंक मिले हैं।

डिजिटल साक्ष्य: जांच टीम को कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जो बड़े पैमाने पर हो रही रोजाना कोयला तस्करी के प्रमाण हैं। इन चैट से आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की आशंका है।

बालू सिंडिकेट: यह बात भी सामने आई है कि अमर मंडल जामताड़ा और दुमका में बालू सिंडिकेट के नाम पर वसूली करता था। सिर्फ नाला इलाके से प्रतिदिन 200 ट्रकों से वसूली की जानकारी मिली है।

धनबाद के प्रमुख ठिकानों पर कार्रवाई

ईडी की टीम ने धनबाद में कई बड़े कोयला कारोबारियों और बीसीसीएल आउटसोर्सिंग संचालकों के यहां तलाशी ली:

एलबी सिंह: सरायढेला स्थित एलबी सिंह (देव प्रभा कंपनी के निदेशक) के घर में घुसने के लिए जांच टीम को सुरक्षा गार्ड द्वारा रोके जाने पर पुलिस बुलानी पड़ी। उनके घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर पड़ताल हुई।

अन्य कारोबारी: संजय उद्योग के मालिक संजय खेमका, अनिल गोयल, हार्डकोक भट्ठा संचालक दीपक पोद्दार, गणेश अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल सहित कई कारोबारियों के घरों, दफ्तरों और भट्ठों को खंगाला गया।

बंगाल में कार्रवाई: दुर्गापुर, हावड़ा, कोलकाता और पुरुलिया में भी अलग-अलग कारोबारियों के घरों और दफ्तरों में जांच की गई।

Reclaim Your Energy with a Trusted Homeopathy Clinic in Hyderabad

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Fatigue is a common issue affecting people in Hyderabad and across urban lifestyles. Unlike normal tiredness, fatigue is a persistent state of exhaustion that impacts daily productivity, focus, and overall quality of life. For those struggling with ongoing low energy, visiting a reliable homeopathy clinic in Hyderabad can provide a natural and lasting solution.

The symptoms of fatigue are varied but often include constant tiredness, difficulty concentrating, low motivation, headaches, muscle weakness, irritability, and emotional imbalance. Many factors contribute to fatigue, such as stress, poor sleep, long working hours, sedentary habits, nutritional deficiencies, or underlying medical conditions. When fatigue continues for weeks or months, professional intervention is essential for effective management.

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Spiritual Homeopathy stands out as a renowned homeopathy clinic in Hyderabad. The clinic provides personalized consultations, thorough evaluation, and patient-centered care tailored to each individual’s needs. By addressing fatigue at its source, patients experience a gradual yet lasting improvement in energy levels, mental clarity, and emotional stability, making it a preferred choice for natural healing in the city.

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आपकी योजना आपके द्वार' का रांची में आगाज: ऊपर कोनकी पंचायत में DC और विधायक ने किया परिसंपत्ति का वितरण, समस्याओं के ऑन द स्पॉट निष्पादन पर जोर


रांची: झारखंड सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम "आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार" का आयोजन आज (21 नवंबर 2025) से रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों में शुरू हो गया है।

इस क्रम में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री कांके विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा के साथ कांके प्रखंड की ऊपर कोनकी पंचायत में आयोजित शिविर में शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी कांके श्री विजय कुमार, अंचल अधिकारी श्री अमित भगत, जिला जन संपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय सहित अन्य स्थानीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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सरकार के तंत्र आपके द्वार तक जाएंगे

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने भारी संख्या में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इस कार्यक्रम को 'सेवा सप्ताह' के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा:

"सरकार के तंत्र पंचायत स्तर पर आपके द्वार तक जाएंगे, ताकि आपकी समस्या को सुनते हुए उसकी निष्पादन करने का प्रयास सरकार एवं जिला प्रशासन की तरफ से रहेगा।"

उन्होंने बताया कि इस कैंप के माध्यम से आवेदकों को जाति, आय, आवासीय जैसे प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जिनकी समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान किया जाएगा।

लाभार्थियों को ऑन द स्पॉट मिला लाभ

माननीय विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की और लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ लेने का आग्रह किया।

शिविर में उपायुक्त, माननीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न योजनाओं के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया। इसमें शामिल थे:

पेंशन स्वीकृति पत्र: सामाजिक सुरक्षा के तहत (वृद्ध/दिव्यांग/विधवा) पेंशन लाभुकों को।

धोती-साड़ी: सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत वितरण।

अन्य दस्तावेज: जमीन की दाखिल खारिज शुद्धि पत्र का वितरण भी किया गया।

उपायुक्त ने ग्रामीणों को अबुआ आवास योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और ग्राम गाड़ी योजना की विस्तार से जानकारी दी और अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि "झारखंड सरकार के सभी योजनाओं का लाभ लाभुकों को मिलें इसपर विशेष ध्यान दे।"

यातायात माह नवंबर-2025 के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा के निर्देशन में “यातायात माह नवंबर-2025” के अंतर्गत जनपद में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रति जनजागरूकता कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज 21.11.2025 को क्षेत्राधिकारी नगर आनंद कुमार राय, प्रभारी यातायात जगदंबा गुप्ता, टी0एस0आई0 राकेश कुमार, आरक्षी योगेश कुमार, आरक्षी संदीप यादव, होमगार्ड काशीराम, होमगार्ड दिनेश चंद पाण्डेय द्वारा गीता इंटरनेशनल इंटर कॉलेज, गोण्डा में लगभग 300 छात्र-छात्राओं के मध्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 कार्यक्रम में छात्रों को हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनिवार्य उपयोग, सड़क पार करने की सावधानियाँ, ओवरस्पीडिंग के दुष्परिणाम, नशे में वाहन न चलाने, मोबाइल फोन का वाहन चलाते समय प्रयोग न करने सहित विभिन्न यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही छात्रों को यातायात नियमों से संबंधित पम्पलेट वितरित किए गए तथा उन्हें सुरक्षित एवं जिम्मेदार यातायात व्यवहार अपनाने हेतु प्रेरित किया गया।

महत्वपूर्ण संदेश– 

सड़क सुरक्षा के लिए पालन करें ये नियम-

1. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन अथवा इयरफोन का प्रयोग न करें।

2. नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाना पूर्णतः वर्जित है।

3. दोपहिया वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

4. चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य है।

5. निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियाँ बैठाना एवं निर्धारित गति सीमा से अधिक वाहन चलाना दंडनीय अपराध है।

6. दाएँ-बाएँ मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें।

7. दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी न बैठाएँ।

8. वाहन निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें।

9. वाहनों के आगे एवं पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाएँ।

10. एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड वाहन को पहले रास्ता दें।

11. नशा कर वाहन बिल्कुल न चलाएँ।

12. सड़क पर खतरनाक स्टंट न करें।

13. दुर्घटना की स्थिति में घायल की मदद करें एवं तुरंत 112 पर सूचना दें।

विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की का इस्तेमाल करता था आतंकी डॉक्टर

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दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतने ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल शकील विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीनों का इस्तेमाल किया था। एनआईए की टीम ने फरीदाबाद और धौज गांव से जो सामग्री बरामद की, उसने पूरे मॉड्यूल का सच सामने ला दिया। 

लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच में ये बात सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी मुजम्मिल शकील गनई फरीदाबाद में किराए के कमरे में आटा चक्की की मदद से यूरिया को बारीक पीसता था और फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसे रिफाइन करके केमिकल तैयार करता था। 9 नवंबर को पुलिस ने इसी जगह से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था मुजम्मिल

पूछताछ के दौरान आरोपी गनई ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इसी तरीके से अमोनियम नाइट्रेट को यूरिया से अलग कर विस्फोटक तैयार कर रहा था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी किए गए केमिकल इस पाउडर में मिलाए जाते थे। यही मिश्रण आगे चलकर घातक विस्फोटक बन जाता था। बता दें कि मुजम्मिल शकील फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था।

टैक्सी ड्राइवर के घर में मिले उपकरण

एनआईए की टीम ने फरीदाबाद के उस टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है, जिसके घर से यह उपकरण बरामद हुए। ड्राइवर ने बताया कि उसकी मुलाकात गनई से लगभग चार साल पहले हुई थी, जब वह अपने बेटे का इलाज कराने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज गया था। यहीं से बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे ड्राइवर उसके संपर्क में आने लगा। इसी बीच मुजम्मिल एक दिन आटा चक्की और मशीनें उसके घर रख गया। ड्राइवर को शक न हो, इसलिए उसने इसे ‘दहेज’ बताया।

रेड करने पहुंचे ED अफसर के सामने बिजनेसमैन ने छोड़े कुत्ते, छापेमारी में बेहिसाब कैश-ज्वेलरी बरामद

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफिया नेटवर्क के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की है. दोनों ही राज्यों में आज तड़के सुबह 40 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी कर अवैध कोयला खनन, चोरी और तस्करी के मामलों की जांच की जा रही है. इस कार्रवाई में एल.बी. सिंह सहित कई बड़े नाम शामिल हैं. हालांकि सिंह की एक हरकत ने अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया. ईडी के अधिकारी जैसे ही घर में घुसने वाले थे. एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया. इससे अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.

धनबाद के बड़े कोयला व्यवसायी एल.बी. सिंह और उनके भाई कुंभनाथ सिंह के ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने व्यापक छापेमारी की है. ईडी की टीमें सरायढेला के देवबिला स्थित आवास, बैंक मोड़ के शांति भवन, निरसा के टालडांगा में बिनोद महतो के ठिकाने तथा भूली में सन्नी केशरी के स्थान सहित करीब आधा दर्जन लोकेशन पर पहुंची हैं.

अधिकारियों पर छोड़े कुत्ते

ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोकने के लिए एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया था. कुत्ते एलबी सिंह के आवासीय परिसर में घूम रहे थे और ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोके हुए थे. अधिकारी जैसे ही घर के अंदर जाने की कोशिश करते कुत्ते भौंकना शुरू कर देते. हालांकि बाद में अधिकारी घर के अंदर जाने में सफल रहे.

भारी सोना चांदी बरामद

ईडी ने अपनी इस छापेमारी में भारी मात्रा में कैश और सोना चांदी भी बरामद किया है. 100 से ज़्यादा ED अधिकारी और स्टाफ कोयला माफिया के खिलाफ सर्च कर रहे हैं. सर्च ऑपरेशन सुबह करीब 6 बजे शुरू हुआ था.

10 दिन पहले भी हुई थी छापेमारी

दोनों भाई कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक हैं और हाल के दिनों में सामने आए कोयला स्कैन से जुड़े मामलों की जांच के क्रम में यह कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले करीब 10 वर्ष पूर्व बीसीसीएल में टेंडर घोटाला मामले में CBI ने एल.बी. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान छापेमारी के वक्त एल.बी. सिंह द्वारा CBI टीम पर फायरिंग भी किए जाने की घटना सामने आई थी.

ईडी की ताजा कार्रवाई से कोयला कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में भी हलचल मची हुई है. जांच एजेंसी अभी सभी स्थानों से दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है.

Visitor Registration for India’s biggest packaging & technology expo 2026 Is Now Open

19–21 February 2026 | PIECC, Moshi, Pune

Pune, India — PackVision Expo 2026, one of India’s biggest exhibitions & conference for packaging technology and machinery, has officially opened visitor registrations. The exhibition will take place from 19–21 February 2026 at Pune International Exhibition & Convention Centre (PIECC), Moshi.

This year’s expo comes at a time when India’s packaging industry is growing very fast. With more companies focusing on automation, sustainability, and improved product safety, PackVision Expo 2026 gives businesses a perfect place to see new ideas and solutions. The expo strongly supports the Make in India mission by showcasing high-quality packaging machines and technologies made in India for the world.

Trusted by Leading Brands

Well-known brands such as Chitale, Burger King, Parag Milk, Tasty Bites, Flipkart, Polycab, Mahindra, Ultratech, Mother Dairy, Zepto, Big Basket, Blinkit, Swiggy, and many others visit PackVision Expo every year to explore the latest technology and connect with reliable suppliers. Their participation shows the trust and importance of this exhibition in the packaging industry.

Main Highlights of PackVision Expo 2026

225+ exhibitors from across India and overseas

450+ represented brands displaying their innovations

12,000+ visitors expected from multiple industries

1,200+ live machines and solutions running on the show floor

100+ expert speakers sharing insights and future trends

Exclusive CEO Roundtable with industry and policy leaders

India Food & Packaging Conference covering new rules, safety, and innovation

Packaging Innovation Awards recognizing excellence

Important industry association meetings during the show

The expo is co-located with FoodVision, CorrVision, and All India Cold Chain Seminar & Expo, giving visitors an even wider experience across related industries.

Anuj Mathur, Managing Director of Future Market Events, shared the importance of the expo:

“The packaging sector is growing worldwide, and for every brand, this is one of the most important expos to attend and explore. For startups especially, PackVision Expo is the best place to begin because we have everything you need to solve your packaging challenges. From machines to materials, automation to expert learning sessions it’s like having your entire packaging team and sales support in one place. You can discover 1,000+ solutions here that will help you grow faster, reduce costs, and compete strongly in the market.”

Showcase of India’s Packaging Strength

Visitors will get to see a large variety of packaging solutions made in India. This includes modern VFFS and FFS machines, complete bottle filling, capping and labelling lines, and advanced coding, marking, and track-and-trace systems. The expo will also feature the newest shrink, stretch, vacuum, and eco-friendly packaging technologies. Those interested in automation can explore robotic systems, conveyors, and smart handling equipment, along with the latest inspection, testing, and quality control tools used by leading manufacturers. There will also be innovations in packaging design software, digital workflow tools, solar-powered machines, and green technology solutions. In addition, a wide range of consumables such as tapes, foils, films, tags, crates, and more will be available for visitors to explore.

A Platform for Growth and Opportunities

PackVision Expo 2026 is not just an exhibition it is a place where businesses learn, network, collaborate, and find partners. It helps companies discover new machines, improve their processes, reduce costs, and meet industry standards. The event brings together manufacturers, FMCG companies, e-commerce brands, startups, and packaging professionals under one roof.

If you'd like to attend the show, register using the link below to get your entry pass for both the trade show and the conference on WhatsApp: : https://fmeregistrations.com/pve26/Visitor-Registration

For any assistance, contact: Yashashwi Singh

व्यापार मंडल ने बुलडोजर के विरोध में नगर प्रशासन से मुलाकात की

बलरामपुर । तुलसीपुर - नगर की प्रमुख व्यापारिक एवं जन समस्याओं को लेकर व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व अधिशासी अधिकारी प्रवीण कुमार दुबे नगर पंचायत के साथ एक बैठक हुई जिसमें उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने ज़िला महामन्त्री दिलीप कुमार गुप्ता की अगुवाई में पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर समस्याओं के निदान किए जाने की मांग की।

ज़िला महामन्त्री दिलीप गुप्ता ने बताया कि बैठक में सहालग के दौरान व्यापारी समुदाय के हितों की हर हाल में ख्याल रखे जाने व अनावश्यक रूप से परेशान न किए जाने की बात कही गई।नगर महामन्त्री रूप चन्द्र गुप्ता ने बताया कि मांग पत्र में मुख्य मार्ग जहां अत्यधिक भीड़ रहती है वहां से लावारिस सांड़ों व जानवरों को हटाया जाए,नगर में नाले नालियों की साफ सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए एवं सभी के साथ पारदर्शिता पूर्ण व पूरी निष्पक्षता अपनाते हुए कार्य किया जाए।उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष अनिल लाट ने कहा कि पालीथिन के नाम पर छोटे व्यापारियों व ठेले वालों पर जुर्माना न किया जाए।कोषाध्यक्ष राधेश्याम चौरसिया मीडिया प्रभारी जय सिंह,हरविंदर सिंह,,कुंदन लाल गुप्ता,अनिल कुमार कसौधन मौजूद रहे।

तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

झारखंड-बंगाल में ED का सबसे बड़ा एक्शन: कोयला तस्करों के 42 ठिकानों पर छापेमारी, ₹2.20 करोड़ नकद जब्त; पुलिस-सरकारी अफसरों से लिंक का खुलासा

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रांची/धनबाद: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रांची और कोलकाता जोनल ऑफिस की संयुक्त कार्रवाई ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में चल रहे कोयला तस्करी के सिंडिकेट में हड़कंप मचा दिया। जांच एजेंसी ने दोनों राज्यों में बड़े कोयला कारोबारियों और आउटसोर्सिंग संचालकों के कुल 42 ठिकानों पर छापेमारी की।

करोड़ों नकदी और डिजिटल साक्ष्य बरामद

ईडी ने झारखंड में 18 और पश्चिम बंगाल में 24 ठिकानों पर कार्रवाई की। यह कार्रवाई चार अलग-अलग ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर शुरू की गई थी।

नकदी बरामदगी: रांची की जांच टीम ने अकेले ₹2.20 करोड़ नकदी बरामद की है। इसमें एक व्यक्ति के घर से ₹80 लाख और दूसरे के यहां से ₹80 लाख से अधिक नकदी मिली है।

अन्य बरामदगी: करोड़ों रुपये के गहने और जमीन के 14 डीड के साथ-साथ कई डिजिटल एविडेन्स भी जब्त किए गए हैं। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के एक कोयला कारोबारी के घर से ₹21.5 लाख जब्त हुए हैं।

पुलिस और सरकारी अफसरों से लिंक

छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में झारखंड राज्य के पुलिस अफसरों और सरकारी पदाधिकारियों के साथ कोयला तस्करी के लिंक मिले हैं।

डिजिटल साक्ष्य: जांच टीम को कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जो बड़े पैमाने पर हो रही रोजाना कोयला तस्करी के प्रमाण हैं। इन चैट से आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की आशंका है।

बालू सिंडिकेट: यह बात भी सामने आई है कि अमर मंडल जामताड़ा और दुमका में बालू सिंडिकेट के नाम पर वसूली करता था। सिर्फ नाला इलाके से प्रतिदिन 200 ट्रकों से वसूली की जानकारी मिली है।

धनबाद के प्रमुख ठिकानों पर कार्रवाई

ईडी की टीम ने धनबाद में कई बड़े कोयला कारोबारियों और बीसीसीएल आउटसोर्सिंग संचालकों के यहां तलाशी ली:

एलबी सिंह: सरायढेला स्थित एलबी सिंह (देव प्रभा कंपनी के निदेशक) के घर में घुसने के लिए जांच टीम को सुरक्षा गार्ड द्वारा रोके जाने पर पुलिस बुलानी पड़ी। उनके घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर पड़ताल हुई।

अन्य कारोबारी: संजय उद्योग के मालिक संजय खेमका, अनिल गोयल, हार्डकोक भट्ठा संचालक दीपक पोद्दार, गणेश अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल सहित कई कारोबारियों के घरों, दफ्तरों और भट्ठों को खंगाला गया।

बंगाल में कार्रवाई: दुर्गापुर, हावड़ा, कोलकाता और पुरुलिया में भी अलग-अलग कारोबारियों के घरों और दफ्तरों में जांच की गई।

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आपकी योजना आपके द्वार' का रांची में आगाज: ऊपर कोनकी पंचायत में DC और विधायक ने किया परिसंपत्ति का वितरण, समस्याओं के ऑन द स्पॉट निष्पादन पर जोर


रांची: झारखंड सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम "आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार" का आयोजन आज (21 नवंबर 2025) से रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों में शुरू हो गया है।

इस क्रम में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री कांके विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा के साथ कांके प्रखंड की ऊपर कोनकी पंचायत में आयोजित शिविर में शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी कांके श्री विजय कुमार, अंचल अधिकारी श्री अमित भगत, जिला जन संपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय सहित अन्य स्थानीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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सरकार के तंत्र आपके द्वार तक जाएंगे

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने भारी संख्या में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इस कार्यक्रम को 'सेवा सप्ताह' के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा:

"सरकार के तंत्र पंचायत स्तर पर आपके द्वार तक जाएंगे, ताकि आपकी समस्या को सुनते हुए उसकी निष्पादन करने का प्रयास सरकार एवं जिला प्रशासन की तरफ से रहेगा।"

उन्होंने बताया कि इस कैंप के माध्यम से आवेदकों को जाति, आय, आवासीय जैसे प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जिनकी समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान किया जाएगा।

लाभार्थियों को ऑन द स्पॉट मिला लाभ

माननीय विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की और लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ लेने का आग्रह किया।

शिविर में उपायुक्त, माननीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न योजनाओं के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया। इसमें शामिल थे:

पेंशन स्वीकृति पत्र: सामाजिक सुरक्षा के तहत (वृद्ध/दिव्यांग/विधवा) पेंशन लाभुकों को।

धोती-साड़ी: सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत वितरण।

अन्य दस्तावेज: जमीन की दाखिल खारिज शुद्धि पत्र का वितरण भी किया गया।

उपायुक्त ने ग्रामीणों को अबुआ आवास योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और ग्राम गाड़ी योजना की विस्तार से जानकारी दी और अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि "झारखंड सरकार के सभी योजनाओं का लाभ लाभुकों को मिलें इसपर विशेष ध्यान दे।"

यातायात माह नवंबर-2025 के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा के निर्देशन में “यातायात माह नवंबर-2025” के अंतर्गत जनपद में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रति जनजागरूकता कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज 21.11.2025 को क्षेत्राधिकारी नगर आनंद कुमार राय, प्रभारी यातायात जगदंबा गुप्ता, टी0एस0आई0 राकेश कुमार, आरक्षी योगेश कुमार, आरक्षी संदीप यादव, होमगार्ड काशीराम, होमगार्ड दिनेश चंद पाण्डेय द्वारा गीता इंटरनेशनल इंटर कॉलेज, गोण्डा में लगभग 300 छात्र-छात्राओं के मध्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 कार्यक्रम में छात्रों को हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनिवार्य उपयोग, सड़क पार करने की सावधानियाँ, ओवरस्पीडिंग के दुष्परिणाम, नशे में वाहन न चलाने, मोबाइल फोन का वाहन चलाते समय प्रयोग न करने सहित विभिन्न यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही छात्रों को यातायात नियमों से संबंधित पम्पलेट वितरित किए गए तथा उन्हें सुरक्षित एवं जिम्मेदार यातायात व्यवहार अपनाने हेतु प्रेरित किया गया।

महत्वपूर्ण संदेश– 

सड़क सुरक्षा के लिए पालन करें ये नियम-

1. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन अथवा इयरफोन का प्रयोग न करें।

2. नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाना पूर्णतः वर्जित है।

3. दोपहिया वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

4. चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य है।

5. निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियाँ बैठाना एवं निर्धारित गति सीमा से अधिक वाहन चलाना दंडनीय अपराध है।

6. दाएँ-बाएँ मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें।

7. दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी न बैठाएँ।

8. वाहन निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें।

9. वाहनों के आगे एवं पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाएँ।

10. एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड वाहन को पहले रास्ता दें।

11. नशा कर वाहन बिल्कुल न चलाएँ।

12. सड़क पर खतरनाक स्टंट न करें।

13. दुर्घटना की स्थिति में घायल की मदद करें एवं तुरंत 112 पर सूचना दें।

विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की का इस्तेमाल करता था आतंकी डॉक्टर

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दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतने ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल शकील विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीनों का इस्तेमाल किया था। एनआईए की टीम ने फरीदाबाद और धौज गांव से जो सामग्री बरामद की, उसने पूरे मॉड्यूल का सच सामने ला दिया। 

लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच में ये बात सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी मुजम्मिल शकील गनई फरीदाबाद में किराए के कमरे में आटा चक्की की मदद से यूरिया को बारीक पीसता था और फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसे रिफाइन करके केमिकल तैयार करता था। 9 नवंबर को पुलिस ने इसी जगह से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था मुजम्मिल

पूछताछ के दौरान आरोपी गनई ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इसी तरीके से अमोनियम नाइट्रेट को यूरिया से अलग कर विस्फोटक तैयार कर रहा था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी किए गए केमिकल इस पाउडर में मिलाए जाते थे। यही मिश्रण आगे चलकर घातक विस्फोटक बन जाता था। बता दें कि मुजम्मिल शकील फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था।

टैक्सी ड्राइवर के घर में मिले उपकरण

एनआईए की टीम ने फरीदाबाद के उस टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है, जिसके घर से यह उपकरण बरामद हुए। ड्राइवर ने बताया कि उसकी मुलाकात गनई से लगभग चार साल पहले हुई थी, जब वह अपने बेटे का इलाज कराने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज गया था। यहीं से बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे ड्राइवर उसके संपर्क में आने लगा। इसी बीच मुजम्मिल एक दिन आटा चक्की और मशीनें उसके घर रख गया। ड्राइवर को शक न हो, इसलिए उसने इसे ‘दहेज’ बताया।

रेड करने पहुंचे ED अफसर के सामने बिजनेसमैन ने छोड़े कुत्ते, छापेमारी में बेहिसाब कैश-ज्वेलरी बरामद

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफिया नेटवर्क के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की है. दोनों ही राज्यों में आज तड़के सुबह 40 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी कर अवैध कोयला खनन, चोरी और तस्करी के मामलों की जांच की जा रही है. इस कार्रवाई में एल.बी. सिंह सहित कई बड़े नाम शामिल हैं. हालांकि सिंह की एक हरकत ने अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया. ईडी के अधिकारी जैसे ही घर में घुसने वाले थे. एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया. इससे अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.

धनबाद के बड़े कोयला व्यवसायी एल.बी. सिंह और उनके भाई कुंभनाथ सिंह के ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने व्यापक छापेमारी की है. ईडी की टीमें सरायढेला के देवबिला स्थित आवास, बैंक मोड़ के शांति भवन, निरसा के टालडांगा में बिनोद महतो के ठिकाने तथा भूली में सन्नी केशरी के स्थान सहित करीब आधा दर्जन लोकेशन पर पहुंची हैं.

अधिकारियों पर छोड़े कुत्ते

ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोकने के लिए एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया था. कुत्ते एलबी सिंह के आवासीय परिसर में घूम रहे थे और ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोके हुए थे. अधिकारी जैसे ही घर के अंदर जाने की कोशिश करते कुत्ते भौंकना शुरू कर देते. हालांकि बाद में अधिकारी घर के अंदर जाने में सफल रहे.

भारी सोना चांदी बरामद

ईडी ने अपनी इस छापेमारी में भारी मात्रा में कैश और सोना चांदी भी बरामद किया है. 100 से ज़्यादा ED अधिकारी और स्टाफ कोयला माफिया के खिलाफ सर्च कर रहे हैं. सर्च ऑपरेशन सुबह करीब 6 बजे शुरू हुआ था.

10 दिन पहले भी हुई थी छापेमारी

दोनों भाई कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक हैं और हाल के दिनों में सामने आए कोयला स्कैन से जुड़े मामलों की जांच के क्रम में यह कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले करीब 10 वर्ष पूर्व बीसीसीएल में टेंडर घोटाला मामले में CBI ने एल.बी. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान छापेमारी के वक्त एल.बी. सिंह द्वारा CBI टीम पर फायरिंग भी किए जाने की घटना सामने आई थी.

ईडी की ताजा कार्रवाई से कोयला कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में भी हलचल मची हुई है. जांच एजेंसी अभी सभी स्थानों से दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है.