मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


Homeopathy Clinic in Hyderabad for Natural Head Lice Treatment

Searching for a trusted homeopathy clinic in Hyderabad for head lice treatment? Understand symptoms, causes, and gentle homeopathic care options.

Head lice infestation is a common scalp condition seen in both children and adults. While it does not pose a serious health risk, head lice can cause continuous itching, scalp irritation, sleep disturbance, and emotional stress. Due to repeated infestations and concerns about chemical products, many families choose a reliable homeopathy clinic in Hyderabad for safe and natural head lice management.

Head lice are small parasites that live on the scalp and feed on blood. They spread easily through close personal contact or by sharing items such as combs, pillows, caps, towels, and hair accessories. Poor hygiene is not a cause of head lice, and anyone can be affected. When treatment addresses only the surface problem, reinfestation often occurs.

Symptoms of Head Lice

The most noticeable symptom is persistent itching of the scalp, especially behind the ears and near the neck. Other symptoms include a crawling sensation, scalp redness, small sores caused by scratching, disturbed sleep, and visible lice or nits attached to hair strands. Early consultation at a professional homeopathy clinic in Hyderabad can reduce discomfort and prevent complications.

Causes of Head Lice

Head lice spread mainly through direct head-to-head contact, particularly among school-going children. Crowded environments, close family contact, and sharing personal items increase the risk. People with sensitive scalps or reduced resistance may experience frequent recurrence, making holistic care essential.

Homeopathy Treatment for Head Lice (Without Medicines)

Homeopathy focuses on treating the individual rather than only eliminating lice. At a specialized homeopathy clinic in Hyderabad, treatment is personalized after understanding the patient’s age, scalp condition, recurrence pattern, and overall health. Homeopathy supports natural immunity, reduces itching and irritation, improves scalp health, and helps prevent recurrence. It is gentle, non-toxic, and suitable for both children and adults.

Why Choose a Homeopathy Clinic in Hyderabad?

Choosing a trusted homeopathy clinic in Hyderabad ensures personalized attention, chemical-free care, long-term relief, and improved scalp balance. Homeopathy works holistically and supports overall well-being.

Spiritual Homeopathy

Spiritual Homeopathy is known for its holistic and patient-centered approach. The clinic focuses on identifying root causes and providing gentle, individualized care for head lice and other conditions. With experienced practitioners and compassionate care, Spiritual Homeopathy has earned a strong reputation as a dependable homeopathy clinic in Hyderabad.

Call to Action

For safe, natural, and effective head lice care, consult a trusted homeopathy clinic in Hyderabad today.

पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर जताया शोक, पुरानी तस्वीरें शेयर कर दी श्रद्धांजलि

#khaledaziacondolencespmmodirecall2015_meet

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने 10 साल पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही उन्होंने खालिदा जिया के योगदान को याद किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।'

पीएम मोदी ने खालिदा के योगदानों को किया याद

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 'बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी सोच और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी राह दिखाती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

2015 में हुई थी पीएम मोदी और खालिदा जिया की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6-7 जून 2015 को बांग्लादेश की द्विपक्षीय यात्रा का थी। यह यात्रा मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर हुई थी। इसी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया से मुलाकात थी। 7 जून 2015 को ढाका के पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में यह मुलाकात हुई। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली थी। मुलाकात में खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनके देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली में भारत से हस्तक्षेप की अपील की थी।

लंबे समय से बीमार थीं खालिदा

बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। खालिदा लंबे समय से बीमार थीं। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

#begumkhaledaziaformerbangladeshiprimeministerhaspassed_away

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

डीएम-11 ने डीआरएम-11 को 7 रनों से हराकर जीता मैत्री क्रिकेट मैच

माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियों एवं रेलवे अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु किया गया मैत्री मैच का आयोजन

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियो एवं रेलवे अधिकारियो के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु डीएम-11व डीआरएम-11 के मध्य डीएसए ग्राउंड में मैत्री क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया।मैत्री क्रिकेट मैच का उद्घाटन मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल के द्वारा किया गया। मैत्री क्रिकेट मैच में मण्डलायुक्त के द्वारा डीएम-11 एवं डीआरएम-11 के सभी खिलाड़ियो से परिचय प्राप्त करते हुए सभी को शुभकामनांए दी।मैत्री क्रिकेट मैच में डीआरएम-11 टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला लिया।15- 15 ओवरो के मैच में पहले बैटिंग करते हुए डीएम-11टीम के द्वारा निर्धारित 15 ओवरो में 7 विकेट के नुकसान पर कुल 116 रन बनाये गये जिसमें मेलाधिकारी ऋषिराज के द्वारा 29 बाल में टीम की ओर से सर्वाधिक 31 रन बनाये तथा उन्होंने अपनी टीम के लिए 3 ओवरों में 18 रन देकर एक विकेट भी चटकाया।डीएम-11 टीम की ओर से मैच की शुरूआत जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व इमरान ने किया।मैच में नगर आयुक्त सीलम सांई तेजा ने अपनी टीम के लिए 14 रनो का योगदान दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए डीआरएम-11टीम निर्धारित 15 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर मात्र 109 रन ही बना सकी। इस प्रकार डीएम- 11टीम कुल 7 रनो से मैच में विजयी रही।मैच में डीआरएम- 11 की टीम से आकाश श्रीनेत्र के द्वारा 27 बाल पर 48 रह बनाये गये जिसमें 8 चौके और 1छक्का लगाया।मैच में जिलाधिकारी के द्वारा 5 रनो के योगदान के साथ सबसे किफायती गेदबाजी करते हुए 2 ओवरो में मात्र 7 रन देकर अपनी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।मैच के समापन पर खिलाड़ियो को विभिन्न श्रेणियो में पुरस्कार दिया गया।मैत्री मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मेलाधिकारी ऋषिराज को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।मुकाबले के दौरान प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियो में खासा उत्साह देखने को मिला।इस अवसर पर डीआरएम रजनीश अग्रवाल प्रो0 अंकिता राज व प्रशासनिक एवं रेलवे के सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराया,खलासी को आई गंभीर चोटें

ट्रक चालक बाल बाल बचा कूदकर बचाई जानड्रमंड गंज मिर्जापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर सोमवार की भोर में कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक का अचानक ब्रेक फेल हो गया। अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया। हादसे में खलासी को गंभीर चोटें आई हैं वहीं ट्रक चालक ने नीचे कूदकर अपनी जान बचाई। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से कच्चा लोहा (स्पंज आयरन) लादकर कासगंज जा रहा ट्रक ड्रमंडगंज घाटी में नीचे उतरते समय जैसे ही बड़का मोड़ घुमान के पास पहुंचा तो अचानक ब्रेक फेल हो गया।ब्रेक फेल होने पर ट्रक चालक अनिल कुमार निवासी निगदिलपुर थाना नवाबगंज जिला प्रयागराज ट्रक से नीचे कूद गया। वहीं  20 वर्षीय खलासी नीरज कुमार निवासी निगदिलपुर जिला प्रयागराज घटना के दौरान सो रहा था अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया जिससे ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और खलासी का दाहिने पैर टूट गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खलासी को उपचार हेतु एंबुलेंस से मंडलीय चिकित्सालय भिजवाया। जहां चिकित्सक ने घायल खलासी को ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर लेकिन स्वजन उपचार हेतु प्रयागराज के स्वरूप रानी चिकित्सालय लेकर चले गए। ट्रक चालक अनिल कुमार ने बताया कि सिंगरौली स स्पंज आयरन लादकर कासगंज जा रहा था कि ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर ब्रेक फेल हो गया ट्रक से कूदकर जान बचाई लेकिन ट्रक में मौजूद खलासी सो रहा था ट्रक के आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराने से खलासी का दाहिना पैर टूट गया और ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।खलासी नीरज कुमार का प्रयागराज जिले के स्वरूप रानी चिकित्सालय में उपचार चल रहा है हालत सामान्य है।
मीरजापुर में गोंडवाना समाज का दूसरा स्थापना दिवस

बड़ादेव ठाना पर कलश यात्रा और भंडारे का आयोजनमीरजापुर। के मसारी गांव में गोंडवाना समाज का दूसरा वार्षिक स्थापना दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन मीरजापुर के तत्वावधान में बड़ादेव ठाना पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलश यात्रा निकाली गई और भंडारे का आयोजन हुआ। इसमें जनपद के भूमक कमलेश कुमार मुन्ना, इलाहाबाद से शिवशंकर धुर्वा और वाराणसी से श्रीचंद धुर्वा,विजय लाल मंडावी, रामसागर धुर्वा, सुक्खू मंडावी, महेन्द्र सिंह गोंड भदोही,सहित अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।कार्यक्रम की शुरुआत गोंडी गाथा के आयोजन से हुई। इसके बाद गोंड समाज के लोगों ने डीजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली। यह यात्रा बड़ादेव ठाना से शुरू होकर सरैया सहित नौ गांवों का भ्रमण करते हुए वापस लौटी। इस दौरान डीजे पर बज रहे गोंडी गीतों पर गोंडवाना आदिवासी समाज के लोगों ने उत्साहपूर्वक नृत्य किया। ओबरा से महुआ चैनल से सम्मानित गोंडवाना गायक मुनेश्वर देवगन ने भी अपने गीत प्रस्तुत किए।कलश यात्रा के समापन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक अध्यक्ष किशुन लाल गोंड ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष इसी दिन आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी इसे उत्साह के साथ मनाया गया।इस कार्यक्रम में श्याम लाल गोंड, रामलाल गोंड, संतोष, संजय, विजेंदर सुक्खू और महेंद्र मरकाम सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

#supremecourthasstayedorderinthearavallicase

अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

पुलिस मंथन–2025 का समापन, मुख्यमंत्री ने किया दूरदर्शी और परिणामोन्मुख सम्मेलन का उल्लेख
लखनऊ। पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन “पुलिस मंथन–2025” का समापन रविवार को हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन चार महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए गए, जिनमें आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, इंटेलिजेंस व उभरती चुनौतियाँ तथा आतंकवाद एवं संगठित अपराध शामिल रहे।

अंतिम दिन के सत्रों का सार

—सत्र- 08 में Disaster Management, Civil Defence and Home Guards विषय पर नोडल अधिकारी डी.के. ठाकुर (DG नागरिक सुरक्षा/UPSSF) के पैनल द्वारा जलवायु परिवर्तन, बढ़ते शहरीकरण, ज्यादा आबादी घनत्व एवं लगातार आने वाली आपदाओं से बने जोखिम भरे माहौल में, उत्तर प्रदेश में प्रभावी आपदा प्रबंधन ‘इंसिडेंट कमांड सिस्टम’ (ICS) को लागू करने एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ और ट्रैफिक मैनेजमेंट, संकट के समय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने में सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड ऑपरेशनल फोर्स की उपयोगिता एवं महत्व पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

सत्र- 09 में Large Crowd Management विषय पर नोडल अधिकारी  प्रवीण कुमार, आईजी रेंज अयोध्या के पैनल द्वारा बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों तथा उनके उपाय के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों—जैसे भीड़ की घनता का विश्लेषण, भू-चिन्हित क्रमिक (Geo-Tagged Sequencial) पार्किंग, पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण (Predictive Analysis), डिजिटल डैशबोर्ड, ड्रोन की सहायता तथा भौतिकी पर आधारित सिमुलेशन—के माध्यम से भीड़ की स्थिति को पहले से समझने, समय रहते बेहतर योजना बनाने, आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने तथा किसी भी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षित और सुव्यवस्थित निकासी सुनिश्चित करने के बारे में जानकारी दी गई ।

सत्र- 10 में Intelligence and Emerging Challenges विषय पर नोडल अधिकारी भगवान स्वरूप, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना के पैनल द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न दुरुपयोग से आने वाली चुनौतियों, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार, डीपफेक, डार्कवेब, आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी आदि चुनौतियों एवं “रिलीजियस कन्वर्जन” पर विस्तृत चर्चा की गयी । साथ ही सोशल मीडिया से सम्बन्धित खतरों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले सार्थक कदमों व भविष्य की कार्य-योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया गया  ।

सत्र- 11 में Anti-Terror, Narcotics, Cattle-Theft and Other organized Crimes विषय पर नोडल अधिकारी अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था के पैनल द्वारा उ0प्र0 में पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल से जुड़ी सीमाओं पर बढ़ते आंतकवाद के नए आयामों के विश्लेषण एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा निगरानी (सर्विलांस) का सुदृढ़ीकरण किये जाने के साथ-साथ उ0प्र0 में ‘अंतर्राष्ट्रीय अनुदानित धर्मान्तरण रैकेट’ के रोकथाम हेतु नयी तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, वित्तीय ट्रेल आदि के उपयोग तथा मादक पदार्थों की तस्करी एवं नशीले पदार्थों का सेवन की जटिल और संगठित समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास तथा भविष्य की योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

उत्तम प्रथाओं (Best Practices) एवं नवाचारों पर अनुपूरक सत्र में  प्रकाश डी. अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे द्वारा राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा किए गए नवाचारों,  सोनम कुमार, DCP ट्रैफिक आगरा द्वारा इनवेंटरी मैनेजमेन्ट सिस्टम (Police Inventory Portal),  अभिमन्यु मांगलिक, पुलिस अधीक्षक भदोही द्वारा जमानतदार सत्यापन, अंकित शर्मा,पुलिस अधीक्षक कासगंज द्वारा ऑपरेशन जागृति, सागर जैन, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सहारनपुर द्वारा राजपत्रित अधिकारियों के कार्यों की डाटाबेस आधारित रैंकिंग एवं  अमृत जैन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अलीगढ़ द्वारा धारा 107 BNS के प्रयोग से सम्बन्धी नवाचारों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।सभी सत्र के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मुख्यमंत्री द्वारा पदक अलंकरण समारोह में निम्नलिखित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को पदक पहनाकर सम्मानित किया गया ।

मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित

वर्ष 2022

1. प्रभाकर चौधरी – डीआईजी- अलीगढ़ परिक्षेत्र
2. विनय चंद्रा- अपर पुलिस अधीक्षक- अभिसूचना मुख्यालय उत्तर प्रदेश
3. रविंद्र प्रताप सिंह- निरीक्षक- मुरादाबाद
4. दिनेश कुमार डांडियाल- निरीक्षक- अधिसूचना विभाग
5. मनु चौधरी-निरीक्षक यूपीपीसीएल गाजियाबाद

वर्ष 2023

6. शैलेश कुमार पांडेय-डीआईजी- आगरा परिक्षेत्र
7. विशाल विक्रम सिंह- अपर पुलिस अधीक्षक- एसटीएफ
8. विशाल संगारी- निरीक्षक- सीतापुर
9. मनोज चिकारा- मुख्य आरक्षी- गौतमबुद्धनगर
10. शैलेष कुंतल- महिला आरक्षी

वर्ष 2024

11. अनुराग आर्य-एसएसपी- बरेली
12. विमल कुमार सिंह- पुलिस उपाधीक्षक- एसटीएफ
13. अरुण कुमार- मुख्य आरक्षी- एसटीएफ

वर्ष 2025

14. कृष्ण कुमार-पुलिस अधीक्षक संभल
15. प्रेम शुक्ला-पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ
16. प्रियांशी प्रजापति- महिला आरक्षी कमिश्नरेट आगरा

मुख्यमंत्री  द्वारा कार्यक्रम के समापन के अवसर पर अपने सम्बोधन में इस दो दिवसीय आयोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण, दूरदर्शी एवं परिणामोन्मुख बताया गया। उन्होंने पुलिस मंथन के सफल आयोजन हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी तथा कहा कि यह सम्मेलन  प्रधानमंत्री  के स्मार्ट पुलिसिंग एवं विकसित भारत–2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में एक सशक्त रोडमैप प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सम्मेलन के दौरान आयोजित 11 सत्रों में बीट पुलिसिंग, मानव संसाधन विकास, पुलिस कल्याण, प्रशिक्षण, पुलिस व्यवहार, थाना प्रबंधन, महिला एवं बाल सुरक्षा, साइबर अपराध, अभियोजन, कारागार, फॉरेंसिक, आपदा प्रबंधन, इंटेलिजेंस, संगठित अपराध एवं क्राउड मैनेजमेंट जैसे विषयों पर गहन मंथन हुआ, जो उत्तर प्रदेश पुलिस की भावी रणनीति का आधार बनेगा। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान समयबद्ध एवं विषय-केंद्रित प्रस्तुतीकरण की विशेष सराहना की ।

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के राज, सुरक्षा की भावना और पारदर्शी शासन व्यवस्था से आज प्रदेश में निवेश, आधारभूत ढांचे और रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। एक्सप्रेसवे, एयर कनेक्टिविटी, रेल नेटवर्क, मेट्रो, रैपिड रेल एवं वॉटर-वे जैसी उपलब्धियों की नींव मजबूत कानून-व्यवस्था पर टिकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की अहम भूमिका है।

उन्होंने पुलिस के व्यवहार, संवेदनशीलता, संवाद और ह्यूमन इंटेलिजेंस को प्रभावी पुलिसिंग का आधार बताते हुए जनप्रतिनिधियों, समाज के विभिन्न वर्गों, धर्माचार्यों, व्यापारियों एवं नागरिकों से सतत संवाद पर बल दिया। साथ ही थाना, सर्किल और जिला स्तर पर बेहतर समन्वय को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक बताया।

मुख्यमंत्री  ने तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन और व्यापक जन-जागरूकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पुलिस अवसंरचना, बैरकों, पुलिस लाइनों, पीएसी पुनर्गठन, महिला वाहिनियों एवं महिला कार्मिकों की बढ़ती भागीदारी को उत्तर प्रदेश पुलिस की सशक्तिकरण यात्रा का महत्वपूर्ण चरण बताया।

अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन जैसे विचार-मंच को प्रतिवर्ष दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि प्रस्तावों का नियमित फॉलोअप हो और नीतिगत निर्णय जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किए जा सकें। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों तथा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट अलंकरण से सम्मानित पुलिस कार्मिकों को शुभकामनाएँ देते हुए पुनः आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी।


कार्यक्रम के समापन अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश राजीव कृष्ण ने सभी सत्रों में प्रस्तुतीकरण देने वाले समस्त अधिकारियों के विचारों एवं प्रस्तुतिकरणों को अत्यंत सारगर्भित, व्यावहारिक तथा परिणामोन्मुखी बताते हुए उनकी सराहना की और उन्हें हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी को यह आश्वासन भी दिया कि पुलिस मंथन के दौरान प्राप्त सभी महत्वपूर्ण सुझावों एवं निष्कर्षों का शीघ्र, प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा । तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक कारागार, उत्तर प्रदेश प्रेम चंद मीणा के धन्यवाद उद्बोधन से इस दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन का समापन हुआ ।
मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


Homeopathy Clinic in Hyderabad for Natural Head Lice Treatment

Searching for a trusted homeopathy clinic in Hyderabad for head lice treatment? Understand symptoms, causes, and gentle homeopathic care options.

Head lice infestation is a common scalp condition seen in both children and adults. While it does not pose a serious health risk, head lice can cause continuous itching, scalp irritation, sleep disturbance, and emotional stress. Due to repeated infestations and concerns about chemical products, many families choose a reliable homeopathy clinic in Hyderabad for safe and natural head lice management.

Head lice are small parasites that live on the scalp and feed on blood. They spread easily through close personal contact or by sharing items such as combs, pillows, caps, towels, and hair accessories. Poor hygiene is not a cause of head lice, and anyone can be affected. When treatment addresses only the surface problem, reinfestation often occurs.

Symptoms of Head Lice

The most noticeable symptom is persistent itching of the scalp, especially behind the ears and near the neck. Other symptoms include a crawling sensation, scalp redness, small sores caused by scratching, disturbed sleep, and visible lice or nits attached to hair strands. Early consultation at a professional homeopathy clinic in Hyderabad can reduce discomfort and prevent complications.

Causes of Head Lice

Head lice spread mainly through direct head-to-head contact, particularly among school-going children. Crowded environments, close family contact, and sharing personal items increase the risk. People with sensitive scalps or reduced resistance may experience frequent recurrence, making holistic care essential.

Homeopathy Treatment for Head Lice (Without Medicines)

Homeopathy focuses on treating the individual rather than only eliminating lice. At a specialized homeopathy clinic in Hyderabad, treatment is personalized after understanding the patient’s age, scalp condition, recurrence pattern, and overall health. Homeopathy supports natural immunity, reduces itching and irritation, improves scalp health, and helps prevent recurrence. It is gentle, non-toxic, and suitable for both children and adults.

Why Choose a Homeopathy Clinic in Hyderabad?

Choosing a trusted homeopathy clinic in Hyderabad ensures personalized attention, chemical-free care, long-term relief, and improved scalp balance. Homeopathy works holistically and supports overall well-being.

Spiritual Homeopathy

Spiritual Homeopathy is known for its holistic and patient-centered approach. The clinic focuses on identifying root causes and providing gentle, individualized care for head lice and other conditions. With experienced practitioners and compassionate care, Spiritual Homeopathy has earned a strong reputation as a dependable homeopathy clinic in Hyderabad.

Call to Action

For safe, natural, and effective head lice care, consult a trusted homeopathy clinic in Hyderabad today.

पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर जताया शोक, पुरानी तस्वीरें शेयर कर दी श्रद्धांजलि

#khaledaziacondolencespmmodirecall2015_meet

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने 10 साल पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही उन्होंने खालिदा जिया के योगदान को याद किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।'

पीएम मोदी ने खालिदा के योगदानों को किया याद

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 'बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी सोच और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी राह दिखाती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

2015 में हुई थी पीएम मोदी और खालिदा जिया की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6-7 जून 2015 को बांग्लादेश की द्विपक्षीय यात्रा का थी। यह यात्रा मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर हुई थी। इसी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया से मुलाकात थी। 7 जून 2015 को ढाका के पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में यह मुलाकात हुई। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली थी। मुलाकात में खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनके देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली में भारत से हस्तक्षेप की अपील की थी।

लंबे समय से बीमार थीं खालिदा

बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। खालिदा लंबे समय से बीमार थीं। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

#begumkhaledaziaformerbangladeshiprimeministerhaspassed_away

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

डीएम-11 ने डीआरएम-11 को 7 रनों से हराकर जीता मैत्री क्रिकेट मैच

माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियों एवं रेलवे अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु किया गया मैत्री मैच का आयोजन

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियो एवं रेलवे अधिकारियो के मध्य बेहतर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किए जाने हेतु डीएम-11व डीआरएम-11 के मध्य डीएसए ग्राउंड में मैत्री क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया।मैत्री क्रिकेट मैच का उद्घाटन मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल के द्वारा किया गया। मैत्री क्रिकेट मैच में मण्डलायुक्त के द्वारा डीएम-11 एवं डीआरएम-11 के सभी खिलाड़ियो से परिचय प्राप्त करते हुए सभी को शुभकामनांए दी।मैत्री क्रिकेट मैच में डीआरएम-11 टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला लिया।15- 15 ओवरो के मैच में पहले बैटिंग करते हुए डीएम-11टीम के द्वारा निर्धारित 15 ओवरो में 7 विकेट के नुकसान पर कुल 116 रन बनाये गये जिसमें मेलाधिकारी ऋषिराज के द्वारा 29 बाल में टीम की ओर से सर्वाधिक 31 रन बनाये तथा उन्होंने अपनी टीम के लिए 3 ओवरों में 18 रन देकर एक विकेट भी चटकाया।डीएम-11 टीम की ओर से मैच की शुरूआत जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व इमरान ने किया।मैच में नगर आयुक्त सीलम सांई तेजा ने अपनी टीम के लिए 14 रनो का योगदान दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए डीआरएम-11टीम निर्धारित 15 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर मात्र 109 रन ही बना सकी। इस प्रकार डीएम- 11टीम कुल 7 रनो से मैच में विजयी रही।मैच में डीआरएम- 11 की टीम से आकाश श्रीनेत्र के द्वारा 27 बाल पर 48 रह बनाये गये जिसमें 8 चौके और 1छक्का लगाया।मैच में जिलाधिकारी के द्वारा 5 रनो के योगदान के साथ सबसे किफायती गेदबाजी करते हुए 2 ओवरो में मात्र 7 रन देकर अपनी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।मैच के समापन पर खिलाड़ियो को विभिन्न श्रेणियो में पुरस्कार दिया गया।मैत्री मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मेलाधिकारी ऋषिराज को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।मुकाबले के दौरान प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियो में खासा उत्साह देखने को मिला।इस अवसर पर डीआरएम रजनीश अग्रवाल प्रो0 अंकिता राज व प्रशासनिक एवं रेलवे के सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराया,खलासी को आई गंभीर चोटें

ट्रक चालक बाल बाल बचा कूदकर बचाई जानड्रमंड गंज मिर्जापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर सोमवार की भोर में कच्चा लोहा लादकर जा रहे ट्रक का अचानक ब्रेक फेल हो गया। अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया। हादसे में खलासी को गंभीर चोटें आई हैं वहीं ट्रक चालक ने नीचे कूदकर अपनी जान बचाई। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से कच्चा लोहा (स्पंज आयरन) लादकर कासगंज जा रहा ट्रक ड्रमंडगंज घाटी में नीचे उतरते समय जैसे ही बड़का मोड़ घुमान के पास पहुंचा तो अचानक ब्रेक फेल हो गया।ब्रेक फेल होने पर ट्रक चालक अनिल कुमार निवासी निगदिलपुर थाना नवाबगंज जिला प्रयागराज ट्रक से नीचे कूद गया। वहीं  20 वर्षीय खलासी नीरज कुमार निवासी निगदिलपुर जिला प्रयागराज घटना के दौरान सो रहा था अनियंत्रित ट्रक आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकरा गया जिससे ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और खलासी का दाहिने पैर टूट गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खलासी को उपचार हेतु एंबुलेंस से मंडलीय चिकित्सालय भिजवाया। जहां चिकित्सक ने घायल खलासी को ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर लेकिन स्वजन उपचार हेतु प्रयागराज के स्वरूप रानी चिकित्सालय लेकर चले गए। ट्रक चालक अनिल कुमार ने बताया कि सिंगरौली स स्पंज आयरन लादकर कासगंज जा रहा था कि ड्रमंडगंज घाटी के बड़का मोड़ घुमान पर ब्रेक फेल हो गया ट्रक से कूदकर जान बचाई लेकिन ट्रक में मौजूद खलासी सो रहा था ट्रक के आगे चल रहे ट्रक में पीछे से टकराने से खलासी का दाहिना पैर टूट गया और ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।खलासी नीरज कुमार का प्रयागराज जिले के स्वरूप रानी चिकित्सालय में उपचार चल रहा है हालत सामान्य है।
मीरजापुर में गोंडवाना समाज का दूसरा स्थापना दिवस

बड़ादेव ठाना पर कलश यात्रा और भंडारे का आयोजनमीरजापुर। के मसारी गांव में गोंडवाना समाज का दूसरा वार्षिक स्थापना दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन मीरजापुर के तत्वावधान में बड़ादेव ठाना पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलश यात्रा निकाली गई और भंडारे का आयोजन हुआ। इसमें जनपद के भूमक कमलेश कुमार मुन्ना, इलाहाबाद से शिवशंकर धुर्वा और वाराणसी से श्रीचंद धुर्वा,विजय लाल मंडावी, रामसागर धुर्वा, सुक्खू मंडावी, महेन्द्र सिंह गोंड भदोही,सहित अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।कार्यक्रम की शुरुआत गोंडी गाथा के आयोजन से हुई। इसके बाद गोंड समाज के लोगों ने डीजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली। यह यात्रा बड़ादेव ठाना से शुरू होकर सरैया सहित नौ गांवों का भ्रमण करते हुए वापस लौटी। इस दौरान डीजे पर बज रहे गोंडी गीतों पर गोंडवाना आदिवासी समाज के लोगों ने उत्साहपूर्वक नृत्य किया। ओबरा से महुआ चैनल से सम्मानित गोंडवाना गायक मुनेश्वर देवगन ने भी अपने गीत प्रस्तुत किए।कलश यात्रा के समापन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक अध्यक्ष किशुन लाल गोंड ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष इसी दिन आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी इसे उत्साह के साथ मनाया गया।इस कार्यक्रम में श्याम लाल गोंड, रामलाल गोंड, संतोष, संजय, विजेंदर सुक्खू और महेंद्र मरकाम सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

#supremecourthasstayedorderinthearavallicase

अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

पुलिस मंथन–2025 का समापन, मुख्यमंत्री ने किया दूरदर्शी और परिणामोन्मुख सम्मेलन का उल्लेख
लखनऊ। पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन “पुलिस मंथन–2025” का समापन रविवार को हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन चार महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए गए, जिनमें आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, इंटेलिजेंस व उभरती चुनौतियाँ तथा आतंकवाद एवं संगठित अपराध शामिल रहे।

अंतिम दिन के सत्रों का सार

—सत्र- 08 में Disaster Management, Civil Defence and Home Guards विषय पर नोडल अधिकारी डी.के. ठाकुर (DG नागरिक सुरक्षा/UPSSF) के पैनल द्वारा जलवायु परिवर्तन, बढ़ते शहरीकरण, ज्यादा आबादी घनत्व एवं लगातार आने वाली आपदाओं से बने जोखिम भरे माहौल में, उत्तर प्रदेश में प्रभावी आपदा प्रबंधन ‘इंसिडेंट कमांड सिस्टम’ (ICS) को लागू करने एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ और ट्रैफिक मैनेजमेंट, संकट के समय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाने में सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड ऑपरेशनल फोर्स की उपयोगिता एवं महत्व पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

सत्र- 09 में Large Crowd Management विषय पर नोडल अधिकारी  प्रवीण कुमार, आईजी रेंज अयोध्या के पैनल द्वारा बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों तथा उनके उपाय के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों—जैसे भीड़ की घनता का विश्लेषण, भू-चिन्हित क्रमिक (Geo-Tagged Sequencial) पार्किंग, पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण (Predictive Analysis), डिजिटल डैशबोर्ड, ड्रोन की सहायता तथा भौतिकी पर आधारित सिमुलेशन—के माध्यम से भीड़ की स्थिति को पहले से समझने, समय रहते बेहतर योजना बनाने, आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने तथा किसी भी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षित और सुव्यवस्थित निकासी सुनिश्चित करने के बारे में जानकारी दी गई ।

सत्र- 10 में Intelligence and Emerging Challenges विषय पर नोडल अधिकारी भगवान स्वरूप, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना के पैनल द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न दुरुपयोग से आने वाली चुनौतियों, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार, डीपफेक, डार्कवेब, आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी आदि चुनौतियों एवं “रिलीजियस कन्वर्जन” पर विस्तृत चर्चा की गयी । साथ ही सोशल मीडिया से सम्बन्धित खतरों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले सार्थक कदमों व भविष्य की कार्य-योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया गया  ।

सत्र- 11 में Anti-Terror, Narcotics, Cattle-Theft and Other organized Crimes विषय पर नोडल अधिकारी अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था के पैनल द्वारा उ0प्र0 में पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल से जुड़ी सीमाओं पर बढ़ते आंतकवाद के नए आयामों के विश्लेषण एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा निगरानी (सर्विलांस) का सुदृढ़ीकरण किये जाने के साथ-साथ उ0प्र0 में ‘अंतर्राष्ट्रीय अनुदानित धर्मान्तरण रैकेट’ के रोकथाम हेतु नयी तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, वित्तीय ट्रेल आदि के उपयोग तथा मादक पदार्थों की तस्करी एवं नशीले पदार्थों का सेवन की जटिल और संगठित समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास तथा भविष्य की योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

उत्तम प्रथाओं (Best Practices) एवं नवाचारों पर अनुपूरक सत्र में  प्रकाश डी. अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे द्वारा राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा किए गए नवाचारों,  सोनम कुमार, DCP ट्रैफिक आगरा द्वारा इनवेंटरी मैनेजमेन्ट सिस्टम (Police Inventory Portal),  अभिमन्यु मांगलिक, पुलिस अधीक्षक भदोही द्वारा जमानतदार सत्यापन, अंकित शर्मा,पुलिस अधीक्षक कासगंज द्वारा ऑपरेशन जागृति, सागर जैन, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सहारनपुर द्वारा राजपत्रित अधिकारियों के कार्यों की डाटाबेस आधारित रैंकिंग एवं  अमृत जैन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अलीगढ़ द्वारा धारा 107 BNS के प्रयोग से सम्बन्धी नवाचारों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।सभी सत्र के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मुख्यमंत्री द्वारा पदक अलंकरण समारोह में निम्नलिखित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को पदक पहनाकर सम्मानित किया गया ।

मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित

वर्ष 2022

1. प्रभाकर चौधरी – डीआईजी- अलीगढ़ परिक्षेत्र
2. विनय चंद्रा- अपर पुलिस अधीक्षक- अभिसूचना मुख्यालय उत्तर प्रदेश
3. रविंद्र प्रताप सिंह- निरीक्षक- मुरादाबाद
4. दिनेश कुमार डांडियाल- निरीक्षक- अधिसूचना विभाग
5. मनु चौधरी-निरीक्षक यूपीपीसीएल गाजियाबाद

वर्ष 2023

6. शैलेश कुमार पांडेय-डीआईजी- आगरा परिक्षेत्र
7. विशाल विक्रम सिंह- अपर पुलिस अधीक्षक- एसटीएफ
8. विशाल संगारी- निरीक्षक- सीतापुर
9. मनोज चिकारा- मुख्य आरक्षी- गौतमबुद्धनगर
10. शैलेष कुंतल- महिला आरक्षी

वर्ष 2024

11. अनुराग आर्य-एसएसपी- बरेली
12. विमल कुमार सिंह- पुलिस उपाधीक्षक- एसटीएफ
13. अरुण कुमार- मुख्य आरक्षी- एसटीएफ

वर्ष 2025

14. कृष्ण कुमार-पुलिस अधीक्षक संभल
15. प्रेम शुक्ला-पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ
16. प्रियांशी प्रजापति- महिला आरक्षी कमिश्नरेट आगरा

मुख्यमंत्री  द्वारा कार्यक्रम के समापन के अवसर पर अपने सम्बोधन में इस दो दिवसीय आयोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण, दूरदर्शी एवं परिणामोन्मुख बताया गया। उन्होंने पुलिस मंथन के सफल आयोजन हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी तथा कहा कि यह सम्मेलन  प्रधानमंत्री  के स्मार्ट पुलिसिंग एवं विकसित भारत–2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में एक सशक्त रोडमैप प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सम्मेलन के दौरान आयोजित 11 सत्रों में बीट पुलिसिंग, मानव संसाधन विकास, पुलिस कल्याण, प्रशिक्षण, पुलिस व्यवहार, थाना प्रबंधन, महिला एवं बाल सुरक्षा, साइबर अपराध, अभियोजन, कारागार, फॉरेंसिक, आपदा प्रबंधन, इंटेलिजेंस, संगठित अपराध एवं क्राउड मैनेजमेंट जैसे विषयों पर गहन मंथन हुआ, जो उत्तर प्रदेश पुलिस की भावी रणनीति का आधार बनेगा। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान समयबद्ध एवं विषय-केंद्रित प्रस्तुतीकरण की विशेष सराहना की ।

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के राज, सुरक्षा की भावना और पारदर्शी शासन व्यवस्था से आज प्रदेश में निवेश, आधारभूत ढांचे और रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। एक्सप्रेसवे, एयर कनेक्टिविटी, रेल नेटवर्क, मेट्रो, रैपिड रेल एवं वॉटर-वे जैसी उपलब्धियों की नींव मजबूत कानून-व्यवस्था पर टिकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की अहम भूमिका है।

उन्होंने पुलिस के व्यवहार, संवेदनशीलता, संवाद और ह्यूमन इंटेलिजेंस को प्रभावी पुलिसिंग का आधार बताते हुए जनप्रतिनिधियों, समाज के विभिन्न वर्गों, धर्माचार्यों, व्यापारियों एवं नागरिकों से सतत संवाद पर बल दिया। साथ ही थाना, सर्किल और जिला स्तर पर बेहतर समन्वय को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक बताया।

मुख्यमंत्री  ने तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन और व्यापक जन-जागरूकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पुलिस अवसंरचना, बैरकों, पुलिस लाइनों, पीएसी पुनर्गठन, महिला वाहिनियों एवं महिला कार्मिकों की बढ़ती भागीदारी को उत्तर प्रदेश पुलिस की सशक्तिकरण यात्रा का महत्वपूर्ण चरण बताया।

अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन जैसे विचार-मंच को प्रतिवर्ष दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि प्रस्तावों का नियमित फॉलोअप हो और नीतिगत निर्णय जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किए जा सकें। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों तथा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट अलंकरण से सम्मानित पुलिस कार्मिकों को शुभकामनाएँ देते हुए पुनः आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी।


कार्यक्रम के समापन अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश राजीव कृष्ण ने सभी सत्रों में प्रस्तुतीकरण देने वाले समस्त अधिकारियों के विचारों एवं प्रस्तुतिकरणों को अत्यंत सारगर्भित, व्यावहारिक तथा परिणामोन्मुखी बताते हुए उनकी सराहना की और उन्हें हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी को यह आश्वासन भी दिया कि पुलिस मंथन के दौरान प्राप्त सभी महत्वपूर्ण सुझावों एवं निष्कर्षों का शीघ्र, प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा । तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक कारागार, उत्तर प्रदेश प्रेम चंद मीणा के धन्यवाद उद्बोधन से इस दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन का समापन हुआ ।