सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील ने तोड़ी चुप्पी, नूपुर शर्मा का जिक्र कर कही ये बात

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सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। राकेश ने इस मामले पर चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात कोई पछतावा नहीं है। राकेश किशोर ने यह भी बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

वकील ने कहा- वो सिर्फ एक्शन का रिएक्शन था

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोमवार को वकील ने सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंक दिया था। यह हादसा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। सीजेआई पर हमला करने वाले वकील की पहचान 72 वर्षीय राकेश किशोर के रूप में हुई है। घटना के बाद राकेश को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया था। हालांकि, सीजेआई गवई ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने से साफ मना कर दिया, जिसके बाद आरोपी को रिहा कर दिया गया था। अब वकील राकेश किशोर ने कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा जो मैने किया वो सिर्फ एक्शन का रिएक्शन था।

सीजेआई के इस फैसले का गुस्सा

वकील ने बताया कि वह 16 सितंबर को दिए गए मुख्य न्यायाधीश के फैसले से आहत था। दरअसल, 16 सितंबर को बीआर गवई ने मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था और याचिकाकर्ता से कहा था कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो। राकेश किशोर ने कहा कि जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश देता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाएं।

नूपूर शर्मा मामले का किया जिक्र

राकेश किशोर ने कहा कि हम देखते हैं यही चीफ जस्टिस बहुत सारे धर्मों के खिलाफ जो दूसरे समुदाय के लोग हैं, आप सब जानते हैं वो लोग कौन हैं, उनके खिलाफ कोई केस आता है तो बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं। जैसे मैं उदाहरण देता हूं कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर एक विशेष समुदाय का कब्जा है, जब उसको हटाने की कोशिश की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया जो आज तक लगा हुआ है। ऐसे ही नूपूर शर्मा का मामला आया तो कोर्ट ने कह दिया कि आपने मामला खराब कर दिया। ये सब जो रोक लगाते हैं वो बिल्कुल ठीक है।

“मुझे कोई पछतावा नहीं है”

एएनआई से बात करते हुए राकेश किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं हिंसा करने वाला हूं, मैं खुद अहिंसा प्रेमी हूं, पढ़ा लिखा हूं और गोल्ड मेडलिस्ट हूं। न तो मुझे चोट लगी थी और न ही मैं नशे में ही था। यह उनकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूं। जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक मामले पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने सोमवार को सीजेआई बीआर गवई की कोर्ट में हंगामा किया। आरोप है कि 72 वर्षीय वकील ने भारत के प्रधान न्यायाधीश की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की। उन्होंने कोर्ट में नारे भी लगाए।

अपने ही लोगों पर बमबारी, 4 लाख महिलाओं से गैंगरेप...यूएन में भारत ने खोली पाक की पोल

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भारत ने फिर से पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर को लेकर झूठे प्रचार करने पर भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। ओपन डिबेट के दौरान संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो अपने ही लोगों पर बम गिराता है और नरसंहार करता है।

भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण बयानबाजी पर सख्त भारत

भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की सभा में पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर पर बार-बार दोहराए जाने वाले निराधार दावों को खारिज कर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हर साल जम्मू-कश्मीर को लेकर भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण बयानबाजी करता है। यह वही देश है, जो अपने ही नागरिकों पर बमबारी करता है और नरसंहार को अंजाम देता है।

अपने ही देश की 4 लाख महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर हत्या

पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान को आड़े-हाथों लेते हुए कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि हर साल हमें भारत के खिलाफ पाकिस्तान की झूठी आलोचना सुननी पड़ती है। पाकिस्तान बार-बार जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाता है, लेकिन यह नहीं बताता कि उसने भारत के इलाके पर कब्जा जमा रखा है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान वो देश है, जो खुद के लोगों पर ही हमले कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी वह दुनिया को गुमराह करने की कोशिश ही करता है। यह वही देश है, जिसकी सेना ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाकर अपने ही देश की 4 लाख महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उनकी हत्या कर दी।

कश्मीरी महिलाएं पर यौन हिंसा का आरोप

हरीश ने तंज कसते हुए कहा कि जो देश अपने लोगों के खिलाफ इस तरह की क्रूरता करता हो, वह भारत के खिलाफ महिलाओं, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर उंगली उठाने की हिम्मत कैसे करता है। भारत का इस क्षेत्र में रिकॉर्ड बेदाग और प्रेरणादायक है, जिसे कोई दागदार नहीं कर सकता। भारत ने यह बयान उस समय दिया, जब एक पाकिस्तानी अधिकारी ने आरोप लगाया कि कश्मीरी महिलाएं दशकों से यौन हिंसा झेल रही हैं। वहीं, भारत ने एक बार फिर दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।

पाकिस्तान को दी ये सलाह

पी हरीश ने आगे कहा कि पाकिस्तान की यह रणनीति केवल दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश है। वह अपनी विफलताओं और आतंकी गतिविधियों को छिपाने के लिए भारत पर आधारहीन आरोप लगाता है। भारत के राजदूत हरीश ने जोर देकर कहा कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान के इस प्रचार को स्पष्ट रूप से देखता और समझता है। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह अपनी आंतरिक समस्याओं, आतंकवाद को पनाह देने और मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान दे, बजाय भारत के खिलाफ झूठी कहानियां गढ़ने के।

अरविंद केजरीवाल का बदल गया पता, नया सरकारी बंगला अलॉट होने के बाद ये है नया पता

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार सरकारी बंगला अलॉट कर दिया गया है। दिल्ली के सिविल लाइंस में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें टाइप-8 सरकारी बंगला दिया गया है। एक साल की लंबी प्रतीक्षा और दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने बंगला आवंटित कर दिया है।

राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर मिली कोठी

केजरीवाल ने सितंबर 2024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद अक्टूबर में वे अपने आधिकारिक निवास 6, फ्लैगस्टाफ रोड से बाहर निकल आए। तब से वे आप के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के सरकारी बंगले पर रह रहे थे। उन्हें दिल्ली के प्रतिष्ठित लोधी एस्टेट इलाके में 95 नंबर बंगला आवंटित किया गया है। यह बंगला उन्हें बतौर राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर दिया गया है।

हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला

राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक के रूप में केजरीवाल को दिल्ली में सरकारी आवास का अधिकार था, लेकिन आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के भूमि निदेशालय (डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स) की ओर से देरी के कारण मामला अदालत पहुंच गया। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की इस देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। 16 सितंबर 2025 को जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि आवंटन किसी की मनमानी पर नहीं हो सकता, बल्कि पारदर्शी नीति पर आधारित होना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से नीति, वर्तमान वेटिंग लिस्ट और आवंटनों का हलफनामा मांगा। 18 सितंबर को सुनवाई के दौरान पता चला कि आप द्वारा सुझाए गए 35, लोधी एस्टेट को जुलाई में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को आवंटित कर दिया गया था। कोर्ट ने इसे “स्वतंत्र प्रणाली” करार दिया और चेतावनी दी कि आवंटन चुनिंदा नहीं हो सकता।

दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आवंटन

25 सितंबर को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया कि 10 दिनों में “उचित” आवास आवंटित हो जाएगा। अब उस पर अमल करते हुए यह आवंटन किया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश, आरोपी वकील ने लगाया- ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ का नारा

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सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई पर हमला करने की कोशिश की। सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की। इस घटना के तुरंत पर वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी एक्शन में आ गए और उसके अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया। इस घटना के बाद कुछ समय तक अदालत की कार्रवाई स्थगित रही। बाद में कार्रवाई सुचारु रूप से शुरू हो सकी।

जानकारी के मुताबिक, वकील भरी अदालत में ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ का नारा लगाने लगा और फिर सीजेआई गवई की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की। आरोपी की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है। यह पूरी घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम में हुई। बाद में कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर निकाला। इससे कुछ देर के लिए कोर्ट की कार्यवाही बाधित रही।

सीजेआई गवई की प्रतिक्रिया आई सामने

यह घटना उस वक्त हुई जब सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच वकीलों के मामलों की सुनवाई के लिए मेंशन सुन रही थी। बताया जा रहा है कि वकील राकेश किशोर जज के डाइस के करीब पहुंचा और जूता उतारकर फेंकने की कोशिश की। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सीजेआई शांत बने रहे। बाद में उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

भगवान विष्णु की मूर्ति पर की थी टिप्पणी

माना जा रहा है कि यह घटना खजुराहो में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति से जुड़े एक पुराने मामले में सीजेआई की टिप्पणी को लेकर हुई है, टिप्पणी का कई हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था। दरअसल, खजुराहो में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की एक शख्स की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा था कि, जाकर स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए। अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के प्रति गहरी आस्था रखते हैं, तो प्रार्थना करें और थोड़ा ध्यान लगाएं।

सीजेआई की टिप्पणी की जमकर हुई आलोचना

सितंबर में जस्टिस बीआर गवई की भगवान विष्णु की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के मामले में टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई थी। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके विरोध की बाढ़ आ गई थी और कई लोगों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। जिसके बाद आलोचना के मद्देनजर सीजेआई ने कहा था कि वह 'सभी धर्मों' का सम्मान करते हैं।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, जानें कोर्ट ने क्‍या कहा

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सुप्रीम कोर्ट आज (6 अक्तूबर) को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी गई और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई। कोर्ट ने इस मामले में तत्काल कोई फैसला सुनाने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जवाब मांगा है।

पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने 2 अक्टूबर को यह याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से की गई है। साथ ही, गिरफ्तारी से उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। याचिका में उनकी तुरंत रिहाई की मांग की गई है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद सरकार से जवाब मांगा। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वांगचुक के वकील से यह भी पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए।

सोनम को हिरासत में रखे जाने की वजह नहीं बताई

इस पर गीतांजलि आंग्मो की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश की। उन्होंने जजों से कहा कि परिवार को सोनम को हिरासत में रखे जाने की वजह नहीं बताई गई हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वांगचुक को हिरासत के आधार बताए गए हैं।

14 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंग्मो की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि हिरासत के आधार परिवार को नहीं बताए गए हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हिरासत के आधार पहले ही बंदी को सौंपे जा चुके हैं, और वह उनकी पत्नी को आधार की एक प्रति दिए जाने की जांच करेंगे।

26 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी

वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख से गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे जोधपुर की एक जेल में बंद हैं। यह गिरफ्तारी लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बाद की गई थी। इस हिंसा में जिसमें चार लोगों की मौत और करीब 90 लोग घायल हुए थे।

वांगचुक की पत्नी की याचिका में क्या है

इसके बाद वांगचुक की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका कर हिरासत को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक के पाकिस्तान-चीन लिंक का झूठा प्रचार इस गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है। सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक झूठा और खतरनाक नैरेटिव फैलाया जा रहा है, जिससे उनके गांधीवादी आंदोलन को पाकिस्तान और चीन से जोड़कर बदनाम किया जा सके। याचिका में कहा गया है कि ऐसी दुर्भावनापूर्ण अफवाहें लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करने का प्रयास हैं। याचिका में दावा किया गया है कि वास्तव में वांगचुक हमेशा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए काम करते रहे हैं और भारतीय सेना की मदद के लिए ऊंचाई वाले इलाकों में शेल्टर जैसी नई-नई तकनीकें विकसित की हैं। ये गिरफ्तारी गैरकानूनी है। उन्हें डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी नहीं दी गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि अब तक न तो सोनम वांगचुक और न ही उनकी पत्नी को गिरफ्तारी आदेश या उसके आधार बताए गए हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है।

बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।

जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में लगी भीषण आग, हादसे में अब तक 8 की मौत

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जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात आग लगने की बड़ी घटना सामने आई है। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई है, जबकि कई गंभीर मरीजों को सुरक्षित निकाला गया। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात लगी आग की घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को छह सदस्यीय जांच समिति गठित की है। यह समिति एसएमएस हॉस्पिटल हादसे के कारणों, अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और आग से निपटने के उपायों की विस्तृत समीक्षा करेगी।

शॉर्ट सर्किट को कारण लगी भीषण आग

राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह अस्पताल में रविवार देर रात ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर लगी आग ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण बताया गया है। शॉर्ट सर्किट से भड़की इस आग में 8 मरीजों की मौत हो गई है और 10 से अधिक मरीज घायल है। जिन्हें अस्पताले निचले वार्ड में शिफ्ट किया गया है।

सरकार ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समिति आग लगने के कारण, अस्पताल प्रशासन की तत्परता, ट्रॉमा सेंटर और SMS अस्पताल में फायर सेफ्टी उपकरणों की स्थिति और मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करेगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

मौके पर पहुंचे सीएम भजनलाल शर्मा

हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद सवाई मान सिंह अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ राजस्थान सरकार के मंत्री जवाहर सिंह बेधम भी मौजूद थे। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री को सूचना मिली कि आईसीयू में शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कुछ लोगों की मौत हुई है, जबकि 24 में से ज्यादातर मरीजों को बचा लिया गया है। सरकार घायलों के इलाज को प्राथमिकता दे रही है।

राहुल वैसे ही बोल रहे जैसे मलेशिया से जाकिर नाइक...', निशिकांत दुबे का कांग्रेस नेता पर तीखा हमला

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झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विदेश जाकर भारत सरकार और संविधान के नाम पर बयानबाजी करते हैं। यह वैसा ही है जैसा जाकिर नाइक मलेशिया से बोलते हैं। खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू कनाडा और अमेरिका से बोल रहे हैं और सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान से बोल रहे हैं।

बीजेपी सांसद ने कहा, राहुल गांधी विदेश जाते हैं और संविधान पर लंबा भाषण देते हैं, साथ ही भारतीय सरकार के खिलाफ बेबुनियाद बयान देते हैं। यह वही बात है जो मलेशिया से जाकिर नाइक कह रहा है। खालिस्तान आतंकी पन्नू कनाडा और अमेरिका से बोल रहा है, और सैयद सलाउद्दीन पाकिस्तान से बोल रहा है। अगर आप राहुल गांधी की भाषा की तुलना इनकी भाषा से करें, जिन्हें सोरोस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है, तो दोनों एक जैसी हैं।

राजमाता सिंधिया और महारानी गायत्री को कांग्रेस ने जेल में डाला

भाजपा सांसद ने कांग्रेस पार्टी से सवाल किया कि आप जिस संविधान का हवाला देते हैं उसका पालन खुद क्यों नहीं करते। दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा 1975 में, भाजपा की संस्थापक सदस्य राजमाता सिंधिया ग्वालियर राजघराने की महारानी थीं। ऐसा कोई चुनाव नहीं है जिसमें राजमाता सिंधिया हारी हों। इसका मतलब है कि लोगों के बीच उनकी अपार लोकप्रियता थी। उन्हें सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी के पहले स्वरूप भारतीय जनसंघ की नेता थीं। आपने उन्हें जेल में डाला। उनके घर पर आयकर के छापे मारे गए। उन्हें और जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी को परेशान किया गया और तिहाड़ जेल में कैद कर दिया गया।

लद्दाख हिंसा और सोनम वांगचुक का जिक्र

निशिकांत दुबे ने लद्दाख में हाल की हिंसा और सोनम वांगचुक के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। एएनआई को दिए बयान में उन्होंने कहा कि वांगचुक खुद मान चुके हैं कि लद्दाख को यूनियन टेरिटरी बनाने की मांग 30 साल से चल रही थी, जो मोदी सरकार ने पूरी की। अब कांग्रेस यह कहकर भ्रम फैला रही है कि राज्य का दर्जा दिया जाए। दुबे के मुताबिक, कांग्रेस ने 30 साल तक कुछ नहीं किया और अब विदेशी ताकतों के इशारे पर लोगों में दुर्भावना फैलाने की कोशिश कर रही है।

राहुल गांधी के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जब्त करने की मांग

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। भारत सरकार से मेरी मांग है कि चूंकि राहुल गांधी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि उनका डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

बच्चों के लिए काल बना 'कोल्ड्रिफ सिरप', मासूमों की मौत के बाद मध्य प्रदेश में बिक्री पर बैन

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया में शिवम, विधि, अदनान, उसैद, ऋषिका, हेतांश, विकास, चंचलेश और संध्या की मासूम हंसी अब हमेशा के लिए खामोश हो गई। खांसी की दवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से इन बच्चों की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बच्चों की जान जाने के बाद मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने इस सिरप को पूरे राज्य में बैन कर दिया गया है।इतना ही नहीं, सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स पर भी बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

घटना सामने आने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोल्ड्रिफ सिरप के 6 सैंपल जांचे, जिनमें खतरनाक रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या ईथाइलीन ग्लाइकॉल (ईजी) नहीं पाया गया। मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमपीएफडीए) ने भी 13 सैंपल लिए, जिनमें से 3 की जांच पूरी हुई और वे सुरक्षित पाए गए। लेकिन जांच यहीं खत्म नहीं हुई।

जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कांचीपुरम की एम/एस स्रेसन फार्मा कंपनी से इस सिरप के सैंपल लिए। 3 अक्टूबर 2025 की रात को आई जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। इस सिरप के बैच नंबर एसआर-13 में डीईजी की मात्रा तय सीमा से कहीं ज्यादा (48.6% तक) पाई गई। वहां तुरंत अलर्ट जारी हुआ, उत्पादन रोका गया, कार्रवाई की गई।

क्या कहा सीएम ने?

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने शनिवार सुबह इसकी जानकारी दी है। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा की घटना में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया में लिखा- छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

तमिलनाडु में भी बिक्री और उपयोग पर रोक

इस रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी। इसके थोक और रिटेल दुकानों से स्टॉक फ्रीज करने के आदेश दिए गए। कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर जारी किया गया और मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शो-कॉज नोटिस भेजा गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?

वहीं इस मसले पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर, तमिलनाडु एफडीए ने तमिलनाडु के कांचीपुरम में मेसर्स श्रीसन फार्मा के विनिर्माण परिसर से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूने लिए थे। इन नमूनों के परीक्षण के परिणाम सामने आए हैं। नमूनों में डीईजी अनुमेय सीमा से अधिक पाया गया है। इसके अलावा एनआईवी, आईसीएमआर-नीरी, सीडीएससीओ और एम्स, नागपुर के विशेषज्ञों वाली टीम भी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास मौतों के कारणों का आंकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का विश्लेषण कर रही है।