चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश, आरोपी वकील ने लगाया- ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ का नारा

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सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई पर हमला करने की कोशिश की। सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की। इस घटना के तुरंत पर वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी एक्शन में आ गए और उसके अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया। इस घटना के बाद कुछ समय तक अदालत की कार्रवाई स्थगित रही। बाद में कार्रवाई सुचारु रूप से शुरू हो सकी।

जानकारी के मुताबिक, वकील भरी अदालत में ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ का नारा लगाने लगा और फिर सीजेआई गवई की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की। आरोपी की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है। यह पूरी घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम में हुई। बाद में कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर निकाला। इससे कुछ देर के लिए कोर्ट की कार्यवाही बाधित रही।

सीजेआई गवई की प्रतिक्रिया आई सामने

यह घटना उस वक्त हुई जब सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच वकीलों के मामलों की सुनवाई के लिए मेंशन सुन रही थी। बताया जा रहा है कि वकील राकेश किशोर जज के डाइस के करीब पहुंचा और जूता उतारकर फेंकने की कोशिश की। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सीजेआई शांत बने रहे। बाद में उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

भगवान विष्णु की मूर्ति पर की थी टिप्पणी

माना जा रहा है कि यह घटना खजुराहो में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति से जुड़े एक पुराने मामले में सीजेआई की टिप्पणी को लेकर हुई है, टिप्पणी का कई हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था। दरअसल, खजुराहो में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की एक शख्स की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा था कि, जाकर स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए। अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के प्रति गहरी आस्था रखते हैं, तो प्रार्थना करें और थोड़ा ध्यान लगाएं।

सीजेआई की टिप्पणी की जमकर हुई आलोचना

सितंबर में जस्टिस बीआर गवई की भगवान विष्णु की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के मामले में टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई थी। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके विरोध की बाढ़ आ गई थी और कई लोगों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। जिसके बाद आलोचना के मद्देनजर सीजेआई ने कहा था कि वह 'सभी धर्मों' का सम्मान करते हैं।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, जानें कोर्ट ने क्‍या कहा

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सुप्रीम कोर्ट आज (6 अक्तूबर) को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी गई और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई। कोर्ट ने इस मामले में तत्काल कोई फैसला सुनाने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जवाब मांगा है।

पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने 2 अक्टूबर को यह याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से की गई है। साथ ही, गिरफ्तारी से उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। याचिका में उनकी तुरंत रिहाई की मांग की गई है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद सरकार से जवाब मांगा। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वांगचुक के वकील से यह भी पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए।

सोनम को हिरासत में रखे जाने की वजह नहीं बताई

इस पर गीतांजलि आंग्मो की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश की। उन्होंने जजों से कहा कि परिवार को सोनम को हिरासत में रखे जाने की वजह नहीं बताई गई हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वांगचुक को हिरासत के आधार बताए गए हैं।

14 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंग्मो की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि हिरासत के आधार परिवार को नहीं बताए गए हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हिरासत के आधार पहले ही बंदी को सौंपे जा चुके हैं, और वह उनकी पत्नी को आधार की एक प्रति दिए जाने की जांच करेंगे।

26 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी

वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख से गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे जोधपुर की एक जेल में बंद हैं। यह गिरफ्तारी लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बाद की गई थी। इस हिंसा में जिसमें चार लोगों की मौत और करीब 90 लोग घायल हुए थे।

वांगचुक की पत्नी की याचिका में क्या है

इसके बाद वांगचुक की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका कर हिरासत को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक के पाकिस्तान-चीन लिंक का झूठा प्रचार इस गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है। सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक झूठा और खतरनाक नैरेटिव फैलाया जा रहा है, जिससे उनके गांधीवादी आंदोलन को पाकिस्तान और चीन से जोड़कर बदनाम किया जा सके। याचिका में कहा गया है कि ऐसी दुर्भावनापूर्ण अफवाहें लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करने का प्रयास हैं। याचिका में दावा किया गया है कि वास्तव में वांगचुक हमेशा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए काम करते रहे हैं और भारतीय सेना की मदद के लिए ऊंचाई वाले इलाकों में शेल्टर जैसी नई-नई तकनीकें विकसित की हैं। ये गिरफ्तारी गैरकानूनी है। उन्हें डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी नहीं दी गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि अब तक न तो सोनम वांगचुक और न ही उनकी पत्नी को गिरफ्तारी आदेश या उसके आधार बताए गए हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है।

बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।

जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में लगी भीषण आग, हादसे में अब तक 8 की मौत

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जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात आग लगने की बड़ी घटना सामने आई है। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई है, जबकि कई गंभीर मरीजों को सुरक्षित निकाला गया। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात लगी आग की घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को छह सदस्यीय जांच समिति गठित की है। यह समिति एसएमएस हॉस्पिटल हादसे के कारणों, अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और आग से निपटने के उपायों की विस्तृत समीक्षा करेगी।

शॉर्ट सर्किट को कारण लगी भीषण आग

राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह अस्पताल में रविवार देर रात ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर लगी आग ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण बताया गया है। शॉर्ट सर्किट से भड़की इस आग में 8 मरीजों की मौत हो गई है और 10 से अधिक मरीज घायल है। जिन्हें अस्पताले निचले वार्ड में शिफ्ट किया गया है।

सरकार ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समिति आग लगने के कारण, अस्पताल प्रशासन की तत्परता, ट्रॉमा सेंटर और SMS अस्पताल में फायर सेफ्टी उपकरणों की स्थिति और मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करेगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

मौके पर पहुंचे सीएम भजनलाल शर्मा

हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद सवाई मान सिंह अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ राजस्थान सरकार के मंत्री जवाहर सिंह बेधम भी मौजूद थे। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री को सूचना मिली कि आईसीयू में शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कुछ लोगों की मौत हुई है, जबकि 24 में से ज्यादातर मरीजों को बचा लिया गया है। सरकार घायलों के इलाज को प्राथमिकता दे रही है।

राहुल वैसे ही बोल रहे जैसे मलेशिया से जाकिर नाइक...', निशिकांत दुबे का कांग्रेस नेता पर तीखा हमला

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झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विदेश जाकर भारत सरकार और संविधान के नाम पर बयानबाजी करते हैं। यह वैसा ही है जैसा जाकिर नाइक मलेशिया से बोलते हैं। खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू कनाडा और अमेरिका से बोल रहे हैं और सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान से बोल रहे हैं।

बीजेपी सांसद ने कहा, राहुल गांधी विदेश जाते हैं और संविधान पर लंबा भाषण देते हैं, साथ ही भारतीय सरकार के खिलाफ बेबुनियाद बयान देते हैं। यह वही बात है जो मलेशिया से जाकिर नाइक कह रहा है। खालिस्तान आतंकी पन्नू कनाडा और अमेरिका से बोल रहा है, और सैयद सलाउद्दीन पाकिस्तान से बोल रहा है। अगर आप राहुल गांधी की भाषा की तुलना इनकी भाषा से करें, जिन्हें सोरोस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है, तो दोनों एक जैसी हैं।

राजमाता सिंधिया और महारानी गायत्री को कांग्रेस ने जेल में डाला

भाजपा सांसद ने कांग्रेस पार्टी से सवाल किया कि आप जिस संविधान का हवाला देते हैं उसका पालन खुद क्यों नहीं करते। दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा 1975 में, भाजपा की संस्थापक सदस्य राजमाता सिंधिया ग्वालियर राजघराने की महारानी थीं। ऐसा कोई चुनाव नहीं है जिसमें राजमाता सिंधिया हारी हों। इसका मतलब है कि लोगों के बीच उनकी अपार लोकप्रियता थी। उन्हें सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी के पहले स्वरूप भारतीय जनसंघ की नेता थीं। आपने उन्हें जेल में डाला। उनके घर पर आयकर के छापे मारे गए। उन्हें और जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी को परेशान किया गया और तिहाड़ जेल में कैद कर दिया गया।

लद्दाख हिंसा और सोनम वांगचुक का जिक्र

निशिकांत दुबे ने लद्दाख में हाल की हिंसा और सोनम वांगचुक के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। एएनआई को दिए बयान में उन्होंने कहा कि वांगचुक खुद मान चुके हैं कि लद्दाख को यूनियन टेरिटरी बनाने की मांग 30 साल से चल रही थी, जो मोदी सरकार ने पूरी की। अब कांग्रेस यह कहकर भ्रम फैला रही है कि राज्य का दर्जा दिया जाए। दुबे के मुताबिक, कांग्रेस ने 30 साल तक कुछ नहीं किया और अब विदेशी ताकतों के इशारे पर लोगों में दुर्भावना फैलाने की कोशिश कर रही है।

राहुल गांधी के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जब्त करने की मांग

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। भारत सरकार से मेरी मांग है कि चूंकि राहुल गांधी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि उनका डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

बच्चों के लिए काल बना 'कोल्ड्रिफ सिरप', मासूमों की मौत के बाद मध्य प्रदेश में बिक्री पर बैन

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया में शिवम, विधि, अदनान, उसैद, ऋषिका, हेतांश, विकास, चंचलेश और संध्या की मासूम हंसी अब हमेशा के लिए खामोश हो गई। खांसी की दवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से इन बच्चों की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बच्चों की जान जाने के बाद मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने इस सिरप को पूरे राज्य में बैन कर दिया गया है।इतना ही नहीं, सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स पर भी बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

घटना सामने आने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोल्ड्रिफ सिरप के 6 सैंपल जांचे, जिनमें खतरनाक रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या ईथाइलीन ग्लाइकॉल (ईजी) नहीं पाया गया। मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमपीएफडीए) ने भी 13 सैंपल लिए, जिनमें से 3 की जांच पूरी हुई और वे सुरक्षित पाए गए। लेकिन जांच यहीं खत्म नहीं हुई।

जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कांचीपुरम की एम/एस स्रेसन फार्मा कंपनी से इस सिरप के सैंपल लिए। 3 अक्टूबर 2025 की रात को आई जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। इस सिरप के बैच नंबर एसआर-13 में डीईजी की मात्रा तय सीमा से कहीं ज्यादा (48.6% तक) पाई गई। वहां तुरंत अलर्ट जारी हुआ, उत्पादन रोका गया, कार्रवाई की गई।

क्या कहा सीएम ने?

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने शनिवार सुबह इसकी जानकारी दी है। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा की घटना में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया में लिखा- छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

तमिलनाडु में भी बिक्री और उपयोग पर रोक

इस रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी। इसके थोक और रिटेल दुकानों से स्टॉक फ्रीज करने के आदेश दिए गए। कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर जारी किया गया और मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शो-कॉज नोटिस भेजा गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?

वहीं इस मसले पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर, तमिलनाडु एफडीए ने तमिलनाडु के कांचीपुरम में मेसर्स श्रीसन फार्मा के विनिर्माण परिसर से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूने लिए थे। इन नमूनों के परीक्षण के परिणाम सामने आए हैं। नमूनों में डीईजी अनुमेय सीमा से अधिक पाया गया है। इसके अलावा एनआईवी, आईसीएमआर-नीरी, सीडीएससीओ और एम्स, नागपुर के विशेषज्ञों वाली टीम भी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास मौतों के कारणों का आंकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का विश्लेषण कर रही है।

पीएम मोदी ने युवाओं को दी 62 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात, कर्पूरी ठाकुर का जिक्र कर राहुल पर साधा निशाना

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के टॉपर्स को सम्मानित किया। पीएम ने कौशल दीक्षांत समारोह 2025 के दौरान 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का भी अनावरण किया। योजना के तहत 1000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में अपग्रेड किया जाएगा। योजना का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने बिहार के विकास की चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान पटना से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जुड़े।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस कार्यक्रम के माध्यम से बिहार के हजारों युवा हमसे जुड़े हैं। इस पीढ़ी को शायद अंदाज़ा नहीं होगा कि ढाई दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था कितनी जर्जर थी। न ईमानदारी से स्कूल खुलते थे, न ही भर्तियां होती थीं। कौन सा माता-पिता नहीं चाहेगा कि उसका बच्चा यहां पढ़े और आगे बढ़े? लेकिन मजबूरी में लाखों बच्चे बिहार छोड़कर वाराणसी, दिल्ली और मुंबई जाने को मजबूर हुए। यहीं से पलायन की असली शुरुआत हुई। राजद के कुशासन में बिहार के में व्यवस्था बिगड़ गई।

पीएम मोदी ने की नीतीश कुमार की तारीफ

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सौभाग्य से बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को सरकार की ज़िम्मेदारी सौंपी। बिहार के लोगों ने नीतीश जी को सरकार बनाने का मौक़ा दिया और उसके बाद व्यवस्था बदली। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस दीक्षांत समारोह में बिहार को एक नई स्किल्ड यूनिवर्सिटी मिली है। नीतीश जी की सरकार ने इस यूनिवर्सिटी का नाम भारत रत्न और जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखा है।

बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना

पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर को जननायक सोशल मीडिया की ट्रोल करने वाले टीम ने नहीं बनाया। उन्होंन जननायक बिहार के लोगों ने उनका जीवन देखकर बनाया। कर्पूरी ठाकुर को जननायक उनके काम ने बनाया। मैं बिहार के लोगों से कहूंगा जरा चौकन्ने रहिएये। ये जननायक पद कर्पूरी ठाकुर पर ही सोभा देती है।

पीएम मोदी ने 'गाजा पीस प्लान' पर ट्रंप को सराहा, बोले-भारत शांति के साथ है

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हमास और इजरायल के बीच जारी जंग अब खत्म होने को है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में गाजा के लिए पीस प्लान चलाया जा रहा है। इसके तहत हमास सभी इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान के लिए हमास के राजी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी सराहना की है।पीएम मोदी ने गाजा में शांति प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताया और कहा कि बंधकों की रिहाई शांति की दिशा में अहम कदम है।

पीएम मोदी ने किया समर्थन

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने समर्थन का इजहार किया है। पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के बीच हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।

ट्रंप का 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच दो वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त कराने की एक शांति योजना पेश की थी। ट्रंप ने गाजा में संघर्षविराम के लिए एक 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव तैयार किया। जिसे इस्राइल ने स्वीकार कर लिया। हमास ने भी बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता अन्य फलस्तीनियों को सौंपने की बात मान ली है। हालांकि शांति प्रस्ताव के कई अन्य बिंदुओं पर अभी हमास ने चर्चा के बाद फैसला लेने की बात कही है।

ट्रंप की धमकी के आगे झुका हमास

बता दें कि ट्रंप ने हमास को शांति प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए रविवार शाम छह बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। ट्रंप की धमकी के बाद ही हमास को बंधकों की रिहाई के लिए सहमति देने पर मजबूर होना पड़ा। ट्रंप ने अपनी धमकी में कहा है कि अगर हमास ने रविवार शाम 6 बजे तक इजरायल के साथ शांति समझौता नहीं किया तो सब कुछ बिगड़ जाएगा। ट्रंप ने आगे कहा कि हमास को शांति योजना स्वीकार करने का यह आखिरी मौका दिया जा रहा है। ट्रंप की सीधी धमकी के बाद हमास ने ऐलान कर दिया कि वह शांति समझौते के लिए तैयार है। हमास ने कहा कि वह सभी इजरायली बंधकों अपने पास से रिहा कर देगा, चाहे वह जीवित हों या फिर मर चुके हों।

अक्षय कुमार की 13 साल की बेटी से मांगी गई अश्लील तस्वीरें, एक्टर ने महाराष्ट्र सीएम से लगाई गुहार

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बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने एक सनसनीखेज घटना का खुलासा किया है। उन्होंने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करते हुए बताया है कि कैसे उनकी बेटी नितारा वीडियो गेम खेलते वक्त साइबर क्राइम का शिकार होते-होते बच गई। अक्षय ने इस घटना का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र सरकार से साइबर क्राइम से जुड़ा एक चैप्टर कोर्स में भी शामिल करने की मांग की है। बता दें कि अक्षय की बेटी नितारा सिर्फ 13 साल की हैं।

महाराष्ट्र पुलिस के ‘साइबर अवेयरनेस मंथ’ के उद्घाटन समारोह में अक्षय कुमार ने उस आपबीती का खुलासा किया। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां अक्षय कुमार ने अपनी बेटी के साथ हुई साइबर क्राइम की घटना का जिक्र किया और देवेंद्र फडणवीस से विनती करते हुए कहा कि हर स्कूल में बच्चों को 'साइबर' को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाए।

अक्षय कुमार में अपने घर में घटी घटना किया जिक्र

अक्षय कुमार ने कार्यक्रम में कहा, मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहता हूं जो कुछ महीनों पहले मेरे घर में घटी थी। मेरी बेटी ऑनलाइन गेम खेल रही थी और उस गेम में कई लोग शामिल होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। वहां से मैसेज आता है, 'बहुत अच्छा खेला, वेरी गुड,' और फिर सवाल आता है कि 'तुम कहां रहती हो?' मेरी बेटी ने लोकेशन बता दी। फिर कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल हो गया, और फिर मैसेज आता है…'मेल हो या फीमेल?' मेरी बेटी उसका भी जवाब देती है। उसके बाद एक और मैसेज आता है, क्या आप मुझे अपनी न्यूड तस्वीरें भेज सकते हैं?

अक्षय की महाराष्ट्र सरकार से खास अपील

इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री से मांग करते हुए अक्षय ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि हमारे महाराष्ट्र राज्य में सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा में हर हफ्ते साइबर पीरियड नाम से एक पीरियड होना चाहिए। जहां बच्चों को इसके बारे में समझाया जाए। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि यह अपराध सड़क पर होने वाले अपराध से भी बड़ा होता जा रहा है। इस अपराध को रोकना बहुत जरूरी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह का बड़ा खुलासा, बोले-भारत ने पाक के 5 लड़ाकू विमान मार गिराया

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भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। वहीं, पातिस्तानी दावों की पोल खोल दी है। एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के जेट गिराने के दावे सिर्फ मनोहर कहानियां जैसे हैं। अगर उनके पास कोई सबूत हैं तो दिखाएं। भारत ने उनके पांच फाइटर जेट तबाह किए हैं, जिसमें F16 और J17 भी शामिल है।

हाल के वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर को हाल के वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई बताते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत की मजबूत वायु रक्षा क्षमताओं और संयुक्त सेवा योजना को प्रदर्शित किया। भारतीय सेना को स्पष्ट संदेश दिया गया था। यह एक सबक है जो इतिहास में दर्ज होगा कि यह एक ऐसा युद्ध था जो एक लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था और इसे बिना बढ़ाए तुरंत खत्म कर दिया गया। हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है, जो दो युद्ध (रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास) चल रहे हैं, उन्हें खत्म करने की कोई बात नहीं हो रही है, लेकिन हमने अपनी लड़ाई को उस स्थिति तक पहुंचाया, जहां दुश्मन युद्धविराम की मांग करने लगा।  

पाकिस्तान खुद युद्धविराम के लिए आगे आया

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 300 किमी अंदर घुसकर हमला किया। पहलगाम अटैक के बाद हमने तय किया कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी ही होगी। सेना को खुली छूट दी गई थी। हमने सटीकता से हमला किया। बाद में पाकिस्तान खुद युद्धविराम के लिए आगे आया।

पाकिस्तान को हुए नुकसान का किया जिक्र

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान को लेकर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, जहां तक पाकिस्तान के नुकसान का सवाल है। हमने बड़ी संख्या में उनके हवाई अड्डों और प्रतिष्ठानों पर हमला किए। इन हमलों के कारण पाकिस्तान के कम से कम चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा तीन अलग-अलग स्टेशनों में उनके तीन हैंगर क्षतिग्रस्त हुए। भारत की ओर से किए गए इन हमलों में पाकिस्तान के कम से कम 4 से 5 लड़ाकू विमान, संभवतः एफ-16 तबाह हुए हैं। इसके साथ ही एक एसएएम प्रणाली नष्ट हो गई है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पास एक लंबी दूरी के हमले का स्पष्ट सबूत है। 

पाक के दावों पर क्या कहा

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा आगे कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने हमारे (भारत) 15 जेट मार गिराए हैं, तो उन्हें सोचने दीजिए। मैं इसके बारे में बात क्यों करूं? आज भी, मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा कि क्या हुआ, कितना नुकसान हुआ, कैसे हुआ, क्योंकि उन्हें पता करने दीजिए। क्या आपने एक भी तस्वीर देखी है जहां हमारे किसी एयरबेस पर कुछ गिरा हो, हमें कोई टक्कर लगी हो, कोई हैंगर तबाह हुआ हो, या ऐसा कुछ? हमने उन्हें उनकी जगहों की इतनी सारी तस्वीरें दिखाईं। लेकिन, वे हमें एक भी तस्वीर नहीं दिखा पाए। ये उनकी कहानी 'मनोहर कहानियां' है। उन्हें खुश रहने दीजिए, आखिरकार, उन्हें भी अपनी इज्जत बचाने के लिए अपने लोगों को कुछ तो दिखाना ही है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम हमला

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। इसके बाद लगातार तीन दिनों तक भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष जारी रहा। पाकिस्तान की ओर से हमलों का भारत ने भी बखूबी जवाब दिया।