पहलगाम हमला, टैरिफ, ट्रंप और अमेरिका...मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें
#rashtriyaswayamsevaksanghrsscentenaryprogrammemohan_bhagwat
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को आज 100 साल पूरे हो चुके हैं। आरएसएस आज अपना शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है। पूरा कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग मैदान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 21 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के 100 साल पूरा होने पर नागपुर में विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने देश के लोगों से स्वदेशी की अपील की और पड़ोसी देशों में जारी उथल-पुथल का भी जिक्र किया। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया।
पहलगाम हमले पर क्या बोले भागवत?
मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना के बाद ही हमें दोस्त और दुश्मन का पता चला है। इस आतंकी हमले से देश शोक और आक्रोश में था। पूरी तैयारी के साथ हमारी सरकार और सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। सरकार का समर्पण, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज में एकता ने देश में एक आदर्श वातावरण प्रस्तुत किया। इस घटना और हमारे ऑपरेशन के बाद विभिन्न देशों द्वारा निभाई गई भूमिका ने हमारे सच्चे मित्रों को उजागर किया। देश के भीतर भी ऐसे असंवैधानिक तत्व हैं जो देश को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।
ट्रंप की टैरिफ पर क्या बोले भागवत?
भागवत ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ अपने भले के लिए अपनाया होगा, लेकिन इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और निर्भरता को मजबूरी में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। भागवत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का होना जरूरी है, लेकिन यह मजबूरी का कारण नहीं होना चाहिए।
नेपाल हिंसा पर कही ये बात
नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि असंतोष को इस तरह के हिंसक आंदोलन के माध्यम से व्यक्त करना सही नहीं है। ऐसे रास्तों से सकारात्मक परिवर्तन नहीं आता। भागवत ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में बाहरी स्वार्थी देश अपने खेल खेल सकते हैं। हमारे पड़ोसी राज्य हमारे अपने हैं, इसलिए उनकी स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है।
3 hours ago