पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले-दबाव में नहीं झुकें, भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने का दिया आदेश

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत और चीन पर मास्को के साथ ऊर्जा संबंध तोड़ने के लिए दबाव बनाने के अमेरिका की कोशिशों की कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी कि इस तरह के कदम आर्थिक रूप से उलटे पड़ सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन का आभारी है, जिन्होंने ब्रिक्स की स्थापना की। ये ऐसे देश हैं जो किसी का पक्ष नहीं लेते हैं और वास्तव में एक न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ अपने रिश्तों को एक बार फिर नई ऊंचाई देते हुए अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वे भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करें। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वह नई दिल्ली की ओर से कच्चे तेल के भारी आयात के कारण भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के उपाय करे। दरअसल, अमेरिका ने भारत को झुकाने के लिए 50 फीसदी टैरिफ लगाया। डोनाल्ड ट्रंप ने सोचा इससे भारत-रूस की दोस्ती टूट जाएगी। भारत टैरिफ के दबाव में रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। इससे रूस कमजोर पड़ जाएगा। रूस-यूक्रेन खत्म हो जाएगा। मगर पुतिन ने अपने दोस्त को दबाव से उबारने का उपाय कर दिया।

रूस-भारत के बीच कभी कोई तनाव नहीं रहा-पुतिन

साउथ रूस के काला सागर रिसॉर्ट में गुरुवार शाम भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच से बोलते हुए पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि रूस और भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है और उन्होंने हमेशा अपनी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं।

मोदी को बताया संतुलित-बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता

पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया और कहा कि वे उनके भरोसेमंद संबंधों में सहज महसूस करते हैं। पुतिन ने मोदी के नेतृत्व वाली भारत की राष्ट्रवादी सरकार की सराहना की और उन्हें एक संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता बताया।

भारत अपना अपमान नहीं होने देगा

पुतिन ने कहा कि क्या भारत अपने ऊर्जा संसाधनों को यूं ही छोड़ देगा? अगर ऐसा है तो इससे काफी नुकसान होगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह 9-10 अरब डॉलर हो सकता है। अगर भारत पर अमेरिका प्रतिबंध लगाता है तो भी नुकसान इतना ही होगा। भारत और भारतीय लोग कभी भी किसी के सामने अपना अपमान नहीं होने देंगे। मैं पीएम मोदी को जानता हूं, वे भी ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे।

अमेरिका की दबाव वाली नीति से भड़के पुतिन

पुतिन ने कहा कि भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा। रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी। पुतिन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोप, भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाने के बाद आई है। हालांकि भारत ने दबाव ना मानते हुए तेल खरीद जारी रखी है।

पहलगाम हमला, टैरिफ, ट्रंप और अमेरिका...मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को आज 100 साल पूरे हो चुके हैं। आरएसएस आज अपना शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है। पूरा कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग मैदान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 21 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के 100 साल पूरा होने पर नागपुर में विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने देश के लोगों से स्वदेशी की अपील की और पड़ोसी देशों में जारी उथल-पुथल का भी जिक्र किया। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया।

पहलगाम हमले पर क्या बोले भागवत?

मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना के बाद ही हमें दोस्त और दुश्मन का पता चला है। इस आतंकी हमले से देश शोक और आक्रोश में था। पूरी तैयारी के साथ हमारी सरकार और सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। सरकार का समर्पण, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज में एकता ने देश में एक आदर्श वातावरण प्रस्तुत किया। इस घटना और हमारे ऑपरेशन के बाद विभिन्न देशों द्वारा निभाई गई भूमिका ने हमारे सच्चे मित्रों को उजागर किया। देश के भीतर भी ऐसे असंवैधानिक तत्व हैं जो देश को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।

ट्रंप की टैरिफ पर क्या बोले भागवत?

भागवत ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ अपने भले के लिए अपनाया होगा, लेकिन इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और निर्भरता को मजबूरी में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। भागवत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का होना जरूरी है, लेकिन यह मजबूरी का कारण नहीं होना चाहिए।

नेपाल हिंसा पर कही ये बात

नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि असंतोष को इस तरह के हिंसक आंदोलन के माध्यम से व्यक्त करना सही नहीं है। ऐसे रास्तों से सकारात्मक परिवर्तन नहीं आता। भागवत ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में बाहरी स्वार्थी देश अपने खेल खेल सकते हैं। हमारे पड़ोसी राज्य हमारे अपने हैं, इसलिए उनकी स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है।

मोहसिन नकवी ने घुटने टेके, एशिया कप 2025 की ट्रॉफी ले जाने पर PCB चीफ ने भारत से मांगी माफी

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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफा, देश के गृह मंत्री और एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने आखिरकार भारत के आगे घुटने टेक दिए हैं। दरअसल, भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से शिकस्त दी। एशिया कप 2025 का खिताब जीतकर भारतीय टीम के प्लेयर्स ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद वह नकवी काफी देर तक पोडियम पर खड़े। बाद मे नकवी गुस्सा होकर स्टेडियम से निकल गए और अपने साथ एशिया कप की ट्रॉफी और भारतीय प्लेयर्स के मेडल भी ले गए थे।

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भारत ने पहले ही बता दिया था कि किसी भी कीमत पर नकवी के हाथ से विनिंग ट्रॉफी भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव नहीं लेंगे। यह जानते हुए भी ट्रॉफी अपने हाथ से देने पर अड़ा रहा, लेकिन भाव नहीं मिला तो मैदान पर ही अलग-थलग पड़ गया। बाद में ट्रॉफी अपने आदमियों से वापस लौटा दिया और खुद भी मैदान से गायब हो गया।

मोहसिन नकवी की इस हरकत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया। हद तो तब हो गई जब नकवी एशिया कप की ट्रॉफी और मेडल को अपने होलट लेकर चले गए, जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रॉफी को एसीसी के ऑफिस में होना चाहिए। इसके अलावा बीसीसीआई ने नकवी की हरकत पर साफ कर दिया था कि उन्हें एशियन क्रिकेट काउंसिल की होने वाली बैठक में जवाब देना होगा।

दुबई में मंगलवार को एसीसी की बैठक हुई थी। इसमें बीसीसीआई ने एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा उठाया। इसके बाद नकवी ने माफी मांग ली। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ मोहसिन नकवी ने भारत से माफी मांग ली है। उन्होंने एशियन क्रिकेट काउंसिल की मीटिंग में कहा कि हमें अब नई शुरुआत करनी चाहिए। नकवी ने एसीसी की बैठक में कहा, जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था, लेकिन अब हमें नई पहल करनी चाहिए। सूर्यकुमार यादव खुद आकर ट्रॉफी ले जाएं।

संघ के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का किया जारी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज अपना शताब्दी समारोह मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विशेष कार्यक्रम में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आरएसएस के राष्ट्र के प्रति योगदान को रेखांकित करने वाला विशेष रूप से डिजाइन एक स्मारक डाक टिकट और सिक्के को जारी किया।

भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गौरवशाली 100 वर्षों की यात्रा के उपलक्ष्य में, भारत सरकार की ओर से विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया गया। 100 रुपये के इस सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अंकित है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि अंकित है, जबकि स्वयंसेवकों को भक्ति और समर्पण भाव से उनके समक्ष नतमस्तक दिखाया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो एक अत्यंत गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण है। इस सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।

संघ अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह के दौरान कहा, आज महानवमी है। आज देवी सिद्धिदात्री का दिन है। मैं सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं। कल विजयादशमी का महापर्व है- अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत है। विजयदशमी भारतीय संस्कृति के इस विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है। ऐसे महान पर्व पर 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना ये कोई संयोग नहीं था। ये हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनरुत्थान था। जिसमें राष्ट्र चेतना, समय समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए-नए अवतारों में प्रकट होती है। इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है।

आरएसएस का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। मैं आज इस अवसर पर राष्ट्र सेवा को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं, अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि 1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने बहुत आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था। जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी और संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित, पल्लवित हुए हैं। अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला। ये उद्देश्य रहा- राष्ट्र निर्माण।

हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा-पीएम मोदी

हर स्वयंसेवक ने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। संघ की विचारधार में कोई भी हिंदू छोटा या बड़ा नहीं है। हर आपदा के बाद स्वयंसेवक आगे आए, कोरोना काल में लोगों की मदद की। संघ ने एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान की बात कही। हर स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा है।

क्या होता है शटडाउन, अमेरिका में 6 साल में पहली बार क्यों ठप हुआ सरकार का कामकाज?

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अमेरिकी सरकार का कामकाज बंद हो गया है। अमेरिका में सीनेट में सरकार के खर्चों को लेकर सहमति नहीं बन पाई. लिहाजा इससे जुड़ा बिल पास नहीं हो पाया। दरअसल, अमेरिकी सीनेट मंगलवार शाम को बिना किसी वित्तीय प्रस्ताव को पारित किए स्थगित हो गई, जिससे सरकारी शटडाउन लगभग निश्चित हो गया। रिपब्लिकन सांसदों ने 21 नवंबर तक सरकार को अल्पकालिक तौर पर फंड करने के लिए विधेयक पेश किया था, लेकिन वह भी पारित नहीं हो सका। डेमोक्रेट सांसदों ने इस बिल का विरोध किया, जिसके बाद ट्रंप सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार सरकारी फंडिंग रुक गई और शटडाउन हो गया। 

व्हाइट हाउस के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय ने भी ज्ञापन जारी कर पुष्टि की है कि सरकार मंगलवार मध्यरात्रि से बंद हो जाएगी। इस ज्ञापन पर निदेशक रसेल वॉट के हस्ताक्षर हैं। इस बीच डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन एक-दूसरे पर शटडाउन की जिम्मेदारी डाल रहे हैं। रिपब्लिकन के पास कांग्रेस का नियंत्रण है, लेकिन सीनेट में खर्च से जुड़े किसी भी बिल को पास करने के लिए 60 वोटों की ज़रूरत होती है, जो उनके पास नहीं हैं।

क्या है शटडाउन?

अमेरिकी सरकार को चलाने के लिए हर साल बजट पास करना ज़रूरी होता है। अमेरिका में वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अक्तूबर से होती है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सरकार बजट बनाती है और ये तय करती है कि सरकारी पैसा कहां खर्च किया जाएगा। अगर तय तारीख तक अमेरिकी संसद संघीय सरकार को फंड देने वाला बिल पास नहीं कर पाती है तो सरकार का कामकाज बंद हो जाता है। नतीजतन, "नॉन-एसेंशियल" (ग़ैर-जरूरी) सेवाएं और दफ़्तर बंद हो जाते हैं। इसे ही शटडाउन कहा जाता है।

क्या क्या होगा प्रभावित?

• एसेंशियल वर्कर्स: सैन्य कर्मचारी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और अस्पताल कर्मचारी अपनी ड्यूटी जारी रखेंगे, लेकिन वेतन शटडाउन के अंत तक नहीं मिलेगा।

• नॉन-एसेंशियल कर्मचारी: फर्लो पर भेजे जाएंगे।

• अनुमानित संख्या: कांग्रेस बजट ऑफिस (CBO) के अनुसार लगभग 7,50,000 फेडरल कर्मचारियों को अस्थायी फर्लो का सामना करना पड़ सकता है।

यूएस में पहले भी हुआ शटडाउन

ट्रंप के पहले कार्यकाल में सबसे पहला शटडाउन 22 दिसंबर 2018 से 25 जनवरी 2019 तक हुआ। 35 दिनों तक शटडाउन चला और यह अब तक का सबसे लंबा शटडाउन था। इसका मुख्य कारण था मैक्सिको बॉर्डर की दीवार के लिए फंडिंग पर विवाद। ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए कांग्रेस से 5.7 बिलियन डॉलर की मांग की थी, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसे मंजूरी नहीं दी, जिसके कारण शटडाउन हुआ। वहीं दूसरा शटडाउन 14 फरवरी 2019 को लगा जो लगभग 3 दिन चला। यह शटडाउन तब हुआ जब ट्रंप और कांग्रेस ने आपातकालीन स्थिति घोषित करने के बाद समझौता किया, जिससे सरकारी कामकाजी बंदी को टाला जा सका।

बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, निर्वाचन आयोग की लिंक पर चेक कर सकते हैं अपना नाम

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चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कई महीनों से जारी एसआईआर प्रक्रिया के बाद फाइनल मतदाता सूची जारी कर दी है। आयोग ने यह जानकारी अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। कोई भी वोटर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के जरिए से वोटर लिस्ट में अपना डिटेल देख सकता है।

14 लाख से अधिक नए मतदाता लिस्ट में

चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद करीब सात करोड़ 30 लाख से अधिक मतदाताओं की फाइनल सूची जारी की गई। खास बात यह है कि इस बार वोटर लिस्ट में करीब 14 लाख से अधिक नए मतदाता भी शामिल हुए। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है। इधर, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा दी है। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवा दी गई।

बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर कर जानकारी दी गयी। पोस्ट में लिखा गया- विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर को अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। कोई भी मतदाता दिए गए लिंक https://voters.eci.gov.in/ के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम का विवरण देख सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया। कोई भी मतदाता इलेक्शन कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वोटर लिस्ट में अपने नाम का डिटेल देख सकता है। बिहार के वोटर ceoelection.bihar.gov.in या voters.eci.gov.in पर जाकर अपना जिला, विधानसभा क्षेत्र और बूथ चुनकर पीडीएफ लिस्ट डाउनलोड कर सकते हैं। या फिर वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप से भी पूरी सूची आसानी से देखी और डाउनलोड की जा सकती है।

बता दें कि बिहार में एसआईआर को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई, बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। सबसे ज्यादा विवाद पहचान पत्र को लेकर रहा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को भी पहचान पत्र के तौर पर मंजूरी दी, तब जाकर मामला थोड़ा ठंडा हुआ। इसके बाद आज फाइनल वोटर लिस्ट जारी की गई।अब इसी के आधार पर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कराए जाएंगे।

परमाणु और जैविक हमले...ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना के लिए बड़े खतरे, सीडीएस अनिल चौहान ने किया आगाह

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना को भविष्य में होने वाले हमलों को लेकर आगाह किया है। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि हमें भविष्य में परमाणु और जैविक खतरों के खिलाफ तैयार रहना होगा। नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में सैन्य नर्सिंग सेवा के 100वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिए अपने संबोधन में सीडीएस चौहान ने ये बाते कही।

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सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को भारत को भविष्य में परमाणु हथियारों से होने वाले जैविक खतरों और रेडियोलॉजिकल कंटामिनेशन के खिलाफ तैयार रहने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। जनरल चौहान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया गहन यात्राओं और कष्टों के दौर से गुजरी है। भविष्य में मानव-निर्मित, आकस्मिक या प्राकृतिक, जैविक खतरे बढ़ने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे खतरों से बचाव और संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए अलग-अलग ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। हमें भविष्य में इसके लिए तैयार रहना चाहिए।

न्यूक्लियर खतरों के खिलाफ तैयारी पर जोर

जनरल चौहान ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल से नहीं डरेगा। हालांकि हमारे संदर्भ में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना कम है, फिर भी इसे अपनी सुरक्षा गणना में शामिल करना समझदारी होगी। रेडियोलॉजिकल कंटेमिनेशन के ट्रीटमेंट के लिए अलग प्रोटोकॉल की जरूरत होती है और यह हमारे ट्रेनिंग का हिस्सा होना चाहिए। परमाणु खतरों के खिलाफ तैयारी इसके इस्तेमाल को रोकने में योगदान देती है। मुझे लगता है कि यह जरूरी है।

आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखने की सलाह

सीडीएस चौहान ने कहा कि हमारी नर्सों के प्रशिक्षण में भविष्य में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखना होगा।व्यक्तिगत चिकित्सा डेटा की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और इसमें केस हिस्ट्री, रिपोर्ट और चिकित्सा स्वास्थ्य रिकॉर्ड आदि शामिल हैं। परिचालन डेटा, स्वास्थ्य पैटर्न से संबंधित तैनाती, निकासी योजनाओं को भी लीक से सुरक्षित रखने की जरूरत है। हालांकि डेटा सुरक्षा और डेटा संरक्षण सीधे तौर पर एमएनएस (मिलिट्री नर्सिंग सर्विस) की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन आपको इन सभी प्रकार की चुनौतियों के बारे में पता होना चाहिए।

हमें अमेरिका ने रोका...', मुंबई हमले पर चिदंबरम का बड़ा खुलासा

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26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बड़ा खुलासा किया है। पी चिदंबरम ने मंगलवार को माना कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव और विदेश मंत्रालय के रुख के कारण पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने माना कि वह बदला लेना चाहते थे, लेकिन सरकार ने युद्ध जैसे कदम से बचने का निर्णय किया।

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पी चिदंबरम ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, पूरी दुनिया दिल्ली पर उतर आई थी और हमें ‘युद्ध शुरू न करने’ को कह रही थी। हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘उस समय अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस रहीं, मुझसे और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए मुंबई अटैक के दो या तीन दिन बाद आईं। उन्होंने कहा, ‘कृपया जवाबी कार्रवाई न करें’। राइस ने साफ तौर पर कहा कि भारत को कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इस पर मैंने कहा कि यह सरकार का निर्णय होगा। बिना कोई सरकारी गोपनीयता तोड़े मैं मानता हूं कि मेरे दिमाग में कुछ बदले की कार्रवाई का विचार आया था।

आतंकवादी हमलों के कुछ दिन बाद चिदंबरम बने गृह मंत्री

पी. चिदंबरम ने 166 लोगों की जान लेने वाले आतंकवादी हमलों के कुछ ही दिनों बाद केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला था। चिदंबरम ने कहा, मैं गृहमंत्री उस दिन बना जब आतंकवादियों को मार दिया गया था। आखिरी आतंकवादी को 30 नवंबर को मार दिया गया था। मुझे लगता है कि वह रविवार का दिन था, जब मुझे प्रधानमंत्री ने बुलाया। मुझे कहा गया कि आपको वित्त से गृह मंत्रालय भेजा जा रहा है, लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं था। उन्होंने कहा कि हम फैसला कर चुके हैं।

सीधे प्रतिक्रिया के बदले कूटनीतिक तरीका अपनाने की सलाह

चिदंबरम ने कहा, मुझे सुरक्षा बलों की तैयारी की जानकारी नहीं थी. मुझे हमारी खुफिया एजेंसियों की तैयारियों की कोई जानकारी नहीं थी। मुझे खुफिया एजेंसियों द्वारा पाकिस्तान और पड़ोस में बनाए गए संसाधनों की कोई जानकारी नहीं थी। उस वक्त मेरे मन में आया कि बदला लेना चाहिए। मैंने प्रधानमंत्री और बाकी अहम लोगों से इस मामले पर चर्चा की थी, लेकिन निष्कर्ष काफी हद तक गृहमंत्रालय और विदेश मंत्रालय से प्रभावित था कि हमें स्थिति पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, इसकी जगह कूटनीतिक तरीका अपनाना चाहिए।

क्या है मुंबई अटैक

दरअसल, 26 नवंबर 2008 को मुंबई अटैक हुआ। पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने मुंबई शहर को एक तरह से बंधक बना लिया और शहर के जगहों मसलन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताजमहल पैलेस एंड टावर होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा हॉस्पिटल और नरीमन हाउस पर हमले किए। 29 नवंबर तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि एकमात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई। इस हमले के बाद तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पी चिदंबरम को वित्त मंत्रालय से गृह मंत्रालय में ट्रांसफर किया गया।

बिहार में चुनाव आयोग आज जारी करेगा नई मतदाता सूची, जानें कैसे चेक करेंगे अपना नाम

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बिहार की विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी करने जा रही है। विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के बाद आज अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा रहा है। 1 अगस्त को प्रारूपिक मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद नागरिकों और राजनीतिक दलों को 1 सितंबर तक सुधार के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया गया। प्रारूपिक सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे।।

चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि 30 सितंबर कोर अंतिम मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा देगी। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवाई जाएगी।

अपना नाम ऑनलाइन कैसे देखें?

तकनीकी सुविधा के चलते अब मतदाता अपने नाम और विवरण ऑनलाइन भी देख सकते हैं।

• सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर जाएं।

• यहां Search in Electoral Roll ऑप्शन पर क्लिक करें।

• मतदाता पहचान पत्र या नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि जैसी जानकारी भरकर खोज की जा सकती है।

• इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए भी यह सुविधा उपलब्ध है।

अगर छूट गया है नाम तो क्या करना होगा?

राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद भी जिन नागरिकों के नाम इसमें दर्ज नहीं हैं, वे अब भी अपना नाम शामिल करा सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए उन्हें फॉर्म-6 भरकर अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सरल और पारदर्शी बनाई गई है। नागरिक चाहें तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए थे

निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून माह में की थी। इस कार्य से पहले 7 करोड़ 89 लाख मतदाता थे। इसके पुनरीक्षण कार्य के बाद कुल 65 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे थे। इनमें 22 लाख से अधित मृत मतदाता, करीब 35 लाख विस्थापित मतदाता थे। वहीं करीब सात लाख लोग ऐसे मतदाता थे, जिनका नाम दो जगह दर्ज था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन्हें दावा आपत्ति के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।

फाइनल वोटर लिस्ट के बाद तारीखों की घोषणा

एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की तारीखें मंगलवार 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची (फाइनल वोटर लिस्ट) प्रकाशित होने के ठीक बाद घोषित की जाएंगी। रिपोर्ट बताती है कि मतदान का पहला चरण छठ महापर्व के बाद अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। छठ पूजा 25 से 28 अक्तूबर तक मनाई जाएगी, जिसका मतलब है कि बिहार में चुनाव या तो अक्तूबर के अंतिम दिनों में या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू होंगे। बता दें, मौजूदा बिहार सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

झामुमो विधायक पर फर्जी पहचान पत्र इस्तेमाल का आरोप, दशरथ गगराई के खिलाफ जांच के आदेश

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झारखंड के झामुमो विधायक दशरथ गगराई पर चुनाव में फर्जी पहचान पत्र इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रविकुमार ने औपचारिक शिकायत के बाद सरायकेला-खरसवान के पुलिस उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह को आरोपों की जांच के आदेश दे दिए हैं। लालजी राम तियु नाम के व्यक्ति ने तीन बार खरसावां से विधायक रहे गगराई की पहचान पर सवाल उठाते हुए एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लालजी राम तियु नामक व्यक्ति ने तीन बार खरसावां से विधायक रहे गगराई की पहचान पर सवाल उठाते हुए एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, मैंने शिकायतकर्ता के हलफनामे के साथ शिकायत को सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह को जांच के लिए भेज दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव समाप्त होने और परिणाम घोषित होने के बाद विधायकों से जुड़े विवादों का निपटारा राज्य के राज्यपाल को करना होता है और सांसदों से जुड़े विवादों का निपटारा राष्ट्रपति करते हैं।

विधायक ने आरोप को किया खारिज

वहीं विधायक ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता को सत्ता में बैठे लोगों पर ऐसे आरोप लगाने की आदत है। दशरथ गगराई का कहना है कि, मैंने जो हलफनामे और दस्तावेज जमा किए उनकी विधानसभा चुनावों में तीन बार जांच की गई। आरोप निराधार हैं। दरअसल, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी शिकायतकर्ता अब जमानत पर बाहर हैं और सत्ता में बैठे लोगों पर ऐसे आरोप लगाने की उनकी आदत है।