वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पूरे एक्ट पर रोक से इनकार

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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सीजेआई गवई ने साफ किया कि इस पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने दो अहम प्रावधानों पर रोक लगाई गई है। जिन दो प्रावधानों पर रोक लगाई है वो है- जिला कलेक्टर यह तय नहीं कर सकता कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं यह काम विधायिका और न्यायपालिका की भूमिका में हस्तक्षेप करता है और शक्तियों के विभाजन के सिद्धांत का उल्लंघन है। साथ ही उस प्रावधान पर रोक लगा दी है जिसके अनुसार वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति को 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना जरूरी था।

शीर्ष अदालत ने वक्फ कानून से जुड़ी धारा 3 और धारा 4 पर रोक लगा दी है। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि हमारे पास पूरे कानून पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये फैसला कानून की संवैधानिकता पर नहीं है। अदालत ने कहा कि वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय से हो। कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड को 11 सदस्यों में तीन से अधिक गैर -मुस्लिम ना हो। कोर्ट ने इसके साथ ही राजस्व से संबंधित कानून पर रोक लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके तहत किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए कम से कम 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना अनिवार्य था। अदालत ने कहा कि यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक राज्य सरकारें यह निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बना लेतीं कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं।

सीजेआई ने कहा कि हमने यह माना है कि किसी कानून की संवैधानिकता का अनुमान हमेशा उसके पक्ष में होता है। केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही उस पर रोक लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि हमने 1923 के अधिनियम से लेकर अब तक की विधायी पृष्ठभूमि का अध्ययन किया है। हमने प्रत्येक धारा को लेकर प्राथमिक स्तर पर चुनौती पर विचार किया, और पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि पूरे अधिनियम के प्रावधानों पर रोक लगाने का मामला सिद्ध नहीं हुआ है।

किन तीन मुद्दों पर सुनाया अंतरिम फैसला?

• क्या वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को अदालतें वक्फ की सूची से हटा (डिनोटिफाई करना) सकती हैं या नहीं?

• क्या कोई संपत्ति उपयोग के आधार पर वक्फ (वक्फ बाय यूजर) या किसी दस्तावेज के जरिए वक्फ (वक्फ बाय डीड) घोषित की जा सकती है?

• अगर किसी जमीन को पहले अदालत ने वक्फ घोषित कर दिया हो, तो क्या सरकार बाद में उसे वक्फ की सूची से हटा सकती है या नहीं?

अप्रैल में दोनों सदनों से मिली थी मंजूरी

बता दें कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 8 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था, इसके पहले 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसकी मंज़ूरी दी थी. लोकसभा ने 3 अप्रैल को और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को इसे मंजूरी दी थी। संसद से जैसे ही इसको मंजूरी मिली. उसी के बाद इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अंतरिम आदेश सुरक्षित रखने से पहले सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने लगातार तीन दिनों तक सुनवाई की। इसमें उन वकीलों की दलीलें सुनी गईं जो संशोधित वक्फ कानून को चुनौती दे रहे हैं, और केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें भी सुनी गईं।

पाकिस्तान को रौंदने के बाद भारतीय खिलाड़ियों का बड़ा फैसला, हाथ न मिलाने पर मचा बवाल

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एशिया कप में भारत ने पाकिस्तान को अपने दूसरे मैच में 7 विकेट से पीट दिया। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पहलगाम पीड़ितों के सम्मान में पाकिस्तान के किसी भी खिलाड़ी से हाथ नहीं मिलाया। भारतीय खिलाड़ी फौरन ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद करके अंदर चले गए। टॉस के समय भी कुछ ऐसा ही हुआ था। टॉस होने के बाद सूर्यकुमार यादव और सलमान अली आगा ने भी हाथ नहीं मिलाया था। ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह से भारतीय सेना के जाबांजों ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी, ठीक उसी तरह भारत ने पाकिस्तान को खेल के मैदान पर भी आईना दिखाते हुए उनकी किरकिरी कर दी।

भारतीय खिलाड़ियों ने पाक के साथ नहीं निभाई कोई औपचारिकता

आमतौर पर मुकाबले के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी हाथ मिलाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव विजयी छक्का लगाने के बाद शिवम दुबे के साथ सीधे पवेलियन की ओर बढ़ गए। भारतीय खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ ने आपस में गले मिलकर जीत का जश्न मनाया लेकिन पाकिस्तान टीम से कोई औपचारिकता नहीं निभाई।

मैदान पर खड़े इंतजार करते रहे पाकिस्तानी खिलाड़ी

इतना ही नहीं, मैच के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें भारतीय टीम का एक सदस्य सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के ड्रेसिंग रूम में पहुंचने के बाद ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद करता नजर आता है, जबकि पाकिस्तान के खिलाड़ी मैदान पर खड़े इंतजार करते दिख रहे हैं। वीडियो में साफ दिखता है कि भारतीय खिलाड़ी आपस में जश्न मना रहे थे और जैसे ही पाकिस्तानी टीम एक लाइन बनाकर भारत से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ती है, भारतीय ड्रेसिंग रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया गया।

सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान

वहीं, जीत के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने साफ कहा, हमने टीम के तौर पर फैसला लिया था। हम यहां सिर्फ खेलने आए थे और मैदान पर जवाब दिया। कुछ चीजें खेल भावना से ऊपर होती हैं। हम पहलगाम हमले के पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़े हैं। यह जीत हम अपने उन सैनिकों को समर्पित करते हैं जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' में हिस्सा लिया और बहादुरी दिखाई। उम्मीद है कि वे हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे और जब भी हमें मौका मिलेगा, हम उन्हें मैदान पर मुस्कुराने का और कारण देंगे।

आखिरकार ट्रंप ने कबूली सच्चाई, बोले- रूसी तेल पर टैरिफ के फैसले से भारत संग रिश्ते में आई दरार

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अमेरिका और भारत के रिश्तों में पिछले दिनों कड़वाहट देखी गई। हालांकि, अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के पहल ने फिर से रिश्तों को बहाल का है। अब पहली बार ट्रंप ने माना है कि उनकी ओर से लगाए गए टैरिफ से भारत के साथ रिश्ते में तनाव आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बड़ी बात कही है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ ने भारत के साथ दरार पैदा की है। इस दौरान ट्रंप ने ये भी स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन विवाद, जिसके सुलझने की उन्हें सबसे आसान उम्मीद थी, अभी तक अनसुलझा है। इसे सभी ने हल्के में ले लिया था।

ट्रंप ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में भारत पर टैरिफ और संबंधों में तनाव पर बात की है। ट्रंप ने स्वीकार किया है कि भारत पर उन्होंने जो 50 फीसदी टैरिफ लगाया, वह सीधे तौर पर रूस से भारत की तेल खरीदारी के कारण था और यही कदम दोनों देशों के रिश्तों में दरार की वजह बना। उन्होंने कहा, भारत रूसी तेल का एक बड़ा ग्राहक है। मैंने इसे रोकने के लिए भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि वे रूस से तेल खरीदते हैं। यह कोई आसान काम नहीं है। यह बड़ी बात है और इससे भारत के साथ रिश्ते में दरार पैदा होती है।

रूस-यूक्रेन विवाद को नहीं सुलझा सकने की बात मानी

भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ पर चर्चा करने से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि वे रूस-यूक्रेन विवाद को नहीं सुलझा पाए हैं, जो उनके विचार में सबसे आसान होता। उन्होंने फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा, मुझे लगा था कि यूक्रेन और रूस के बीच सबसे आसान होगा। टैंगो के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। जब पुतिन ऐसा करना चाहते थे, तो जेलेंस्की नहीं करते थे। जब जेलेंस्की ऐसा करना चाहते थे, तो पुतिन नहीं करते थे। अब जेलेंस्की ऐसा करना चाहते हैं और पुतिन पर सवालिया निशान है। हमें बहुत सख्ती से जवाब देना होगा। पुतिन के साथ मेरे हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, यही एकमात्र युद्ध है जिसका मैं समाधान नहीं कर पाया हूं। 

भारत-पाक संघर्ष पर बयान

ट्रंप ने एक बार फिर से यह भी दोहराया कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में कई युद्ध रुकवा दिए हैं। साक्षात्कार के दौरान उन्होंने अन्य संघर्षों को सुलझाने में अपने रिकॉर्ड को भी दोहराया। ट्रंप ने कहा, 'मैंने सात युद्ध रोके, सात। मैंने पाकिस्तान और भारत समेत कई युद्ध सुलझाए। कुछ तो अनसुलझे थे। कांगो और रवांडा, मैंने सुलझाया। लाखों लोग मारे गए। मैंने ऐसे युद्ध सुलझाए जो अनसुलझे थे।

बता दें कि भारत-पाक संघर्ष पर ट्रंप कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं। हालांकि भारत ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज किया है।

मणिपुर में पीएम मोदी ने दिया शांति का संदेश, बोले- मैं आपके साथ हूं

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जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर को प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी सौगात दी है। 2023 मणिपुर हिंसा के बाद पहली बार वहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। मणिपुर के चूड़ाचांदपुर में पीएम मोदी ने विस्थापितों से मुलाकात की। मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान चूड़ाचांदपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। यहां पहुंचकर पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपके साथ हूं, भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है।

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7 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मणिपुर का दौरा किया। दो साल पहले भड़की हिंसा के बाद पीएम मोदी का यह इस पूर्वोत्तर राज्य का पहला दौरा है। उन्होंने मणिपुर के चुराचांदपुर में विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखी। पीएम मोदी ने 7 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि ये प्रोजेक्ट्स मणिपुर के लोगों की, यहां हिल्स पर रहने वाले ट्राइबल समाज की जिंदगी को और बेहतर बनाएंगे। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि खराब मौसम के कारण उनका हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाया। वह सड़क मार्ग से आए। इस दौरान हाथ में तिरंगा लिए मणिपुर के लोगों ने जिस प्रकार मेरा स्वागत किया। मैं उसे कभी नहीं भूल सकता है।

मणिपुर के तेज विकास का प्रयास

पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर के नाम में ही मणि है, ये वो मणि है जो आने वाले समय में पूरे नॉर्थ-ईस्ट की चमक को बढ़ाने वाली है। भारत सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि मणिपुर को विकास के रास्ते पर तेजी से आगे ले जाएं। इसी कड़ी में मैं आज यहां आप सभी के बीच आया हूं। पीएम मोदी ने कहा कि हैं, और साथ ही ये हिल्स आप सभी लोगों की निरंतर मेहनत का भी प्रतीक हैं।

मणिपुर के सतत विकास का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा, पहले यहां गांवों में पहुंचना कितना मुश्किल था, आप सभी जानते हैं। अब सैकड़ों गांवों में यहां रोड कनेक्टिविटी पहुंचाई गई है। इसका बहुत अधिक लाभ पहाड़ी लोगों को, ट्राइबल गांवों को हुआ है। हमारी सरकार के दौरान ही मणिपुर में रेल कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन बहुत जल्द राजधानी इंफाल को नेशनल रेल नेटवर्क से जोड़ देगी।

भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने दौरे से पहले हुए समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें संतोष है कि हाल ही में hills और valley में अलग-अलग ग्रुप्स के साथ समझौतों के लिए बातचीत हुई है। ये भारत सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है। जिसमें संवाद, सम्मान और आपसी समझ को महत्व देते हुए शांति की स्थापना के लिए काम किया जा रहा है। मैं सभी संगठनों से अपील करूंगा कि शांति के रास्ते पर आगे बढ़कर अपने सपनों को पूरा करें। मैं आपके साथ हूं। भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है।

भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ा मिजोरम, पीएम मोदी ने किया राज्य की पहली रेल लाइन का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नॉर्थ ईस्ट दौरे पर हैं। उन्होंने मिजोरम से अपने दौरे की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने पांच राज्यों के दौरे के पहले पड़ाव में मिजोरम पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन के शुभारंभ के साथ मिजोरम में 9000 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान पेम मोदी ने 8,070 करोड़ से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया, जो मिजोरम की राजधानी को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी।

कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाने के लिए जताया खेद

राजधानी आइजॉल में खराब मौसम के कारण पीएम मोदी ने एयरपोर्ट से ही जनसभा को संबोधित किया। खराब मौसम के कारण थुआम्पुई हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग संभव नहीं हो पाई। पीएम मोदी ने आईजोल के कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाने के लिए खेद व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं यहां मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे पर हूं। दुर्भाग्य से खराब मौसम के कारण मुझे खेद है कि मैं आइजोल में आपके साथ शामिल नहीं हो पा रहा हूं, लेकिन मैं इस माध्यम से भी आपके प्यार और स्नेह को महसूस कर सकता हूं।

11 वर्षों से पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम कर रहे

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों से हम पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम कर रहे हैं। यह क्षेत्र भारत का विकास इंजन बन रहा है। पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर के कई राज्यों ने भारत के रेल मानचित्र पर अपनी जगह बनाई है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले मुझे आइजोल रेलवे लाइन की आधारशिला रखने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि आज हम इसे देशवासियों को समर्पित करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कठिन भूभाग सहित कई चुनौतियों को पार करते हुए, बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन एक वास्तविकता बन गई है। यह हमारे इंजीनियरों के कौशल और हमारे कार्यकर्ताओं के जज्बे ने इसे संभव बनाया है। लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के अवसरों तक भी बेहतर पहुंच मिलेगी। यह विकास कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

पहली बार दिल्ली से कनेक्टिविटी

पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार मिजोरम का सैरांग राजधानी एक्सप्रेस द्वारा दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। यह सिर्फ एक रेलवे नहीं है, यह परिवर्तन की जीवनरेखा है। यह मिज़ोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांति लाएगा। मिजोरम के किसान और व्यवसाय देश भर के ज्यादा बाजारों तक पहुंच पाएंगे।

जल्द हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करने का दिया आश्वासन

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार ने सभी प्रकार की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मिजोरम को हवाई यात्रा के लिए उड़ान योजना का भी लाभ मिलेगा। बहुत जल्द, यहां हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होंगी। इससे मिजोरम के दूरदराज के इलाकों तक पहुंच बेहतर होगी।

नेपाल की पहली महिला पीएम सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई, जानें अभी पड़ोसी देश में कैसे हैं हालात?

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पड़ोसी देश नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। नेपाल में जेन जी के उग्र और हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद पड़ोसी देश में ओली सरकार के पांव उखड़ गए। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। इस बीच तख्तापलट के तीन दिन बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अंतरिम पीएम के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ तीन और नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. कार्की नेपाल की पहली महिला पीएम बनीं हैं। संसद भंग करने के साथ छह महीने में उन्हें संसद यानी प्रतिनिधि सभा के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी।

पीएम मोदी ने दी सुशीला कार्की को बधाई

नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशीला कार्की को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने पर सुशीला कार्की को हार्दिक बधाई। भारत नेपाल के भाइयों और बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'

भारत ने जताई शांति और स्थिरता की उम्मीद

इससे पहले, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने परिवर्तन के दौर में काठमांडू के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम नेपाल में माननीय श्रीमती सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। एक निकट पड़ोसी, एक लोकतांत्रिक देश और एक दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में, भारत दोनों देशों के लोगों के कल्याण और समृद्धि के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।"

जेन-जी की पहली पसंद बनीं 73 साल की कार्की

नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है। युवाओं के विरोध के चलते पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी सरकार गिर गई। ऐसे संकट के समय में नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाया गया है। चर्चित न्यायाधीश और नामचीन लेखक होने के नाते सुशीला कार्की को जेन-जी का भी समर्थन मिला है। 5000 से ज्यादा लोगों की बैठक में ज्यादातर सदस्यों ने सुशीला कार्की के नाम पर सहमति दर्ज कराई है। बतौर जज अपने कार्यकाल में सुशीला कार्की न सिर्फ भ्रष्टाचार बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भी सख्त रुख अपना चुकी हैं। यही वजह है कि वो जेन-जी की पहली पसंद बनीं और 73 साल की उम्र में नेपाल की सियासत का प्रमुख चेहरा बन गईं।

कल से प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर दौरा, मणिपुर भी जाएंगे पीएम मोदी, देंगे करोड़ों की सौगात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 सितंबर के बीच पूर्वोत्तर के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह मणिपुर भी जाएंगे। वह अपने तीन दिन के दौरे में 71,850 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब उन्हें मणिपुर में नहीं जाने पर विपक्ष की लगातार आलोचना हो रही है। दरअसल, कुकी और मैतेई समुदाय के बीच दो साल पहले मणिपुर में हिंसा भड़की थी। इस हिंसक झगड़े में 260 से ज्यादा से लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग विस्थापित हुए थे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को पीएम मिजोरम की राजधानी आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसमें बैराबी-सैरंग नई रेल लाइन का उद्घाटन शामिल है, जो मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। यह परियोजना राज्य में परिवहन और व्यापार को बढ़ावा देगी। इसके बाद पीएम मणिपुर जाएंगे, जहां वे 8,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से जुड़ी हैं।

मणिपुर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए मणिपुर सरकार ने चुराचंदपुर पीस ग्राउंड और कांगला फोर्ट इम्फाल में बड़े बिलबोर्ड लगवाए हैं। जनता के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं कि वे चाबियां, पेन, पानी की बोतलें, बैग, रुमाल, छाता, लाइटर, माचिस जैसी चीजें ना लाएं। इसके अलावा, बच्चों (12 साल से कम उम्र के) और बीमार व्यक्तियों को कार्यक्रम स्थल पर नहीं लाने की भी सलाह दी गई है। चुराचंदपुर जिले में एयर गन पर पहले ही रोक लगाई गई थी। इम्फाल और चुराचंदपुर में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह कड़ी कर दी गई है।

भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती समारोह में शामिल होंगे

मणिपुर के बाद 14 सितंबर को पीएम असम की राजधानी गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती समारोह में शामिल होंगे। इस मौके पर वे 18,350 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। ये असम के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को गति देंगे। इसके बाद पीएम कोलकाता में 16वीं संयुक्त कमांडरों की कॉन्फ्रेंस-2025 का उद्घाटन करेंगे, जहां सशस्त्र बलों की रणनीतिक तैयारियों पर चर्चा होगी।

नेपाल में फंसी भारतीय वॉलीबॉल टीम का रेस्क्यू, मदद की गुहार लगाते वीडियो हुआ था वायरल

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नेपाल हिंसा की आग में सुलग रहा है। हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 51 पहुंच गया है। विरोध प्रदर्शन के 5वें दिन 17 मौतों की पुष्टि हुई है। इस बीच केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे दो दिन बाद भी अभी तक अंतरिम प्रधानमंत्री तय नहीं हो सका है। इस बीच नेपाल में फंसी भारत की वॉलीबॉल टीम को रेस्क्यू कर लिया गया है।

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नेपाल में भड़के हिंसक प्रदर्शन के बीच भारत की एक वॉलीबॉल टीम को काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सुरक्षित निकाल लिया है। जानकारी के मुताबिक, दूतावास लगातार टीम से संपर्क में रहा और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की। टीवी प्रेजेंटर उपासना गिल द्वारा सोशल मीडिया पर मदद की अपील के बाद सरकार ने तेजी से कार्रवाई की।

टीवी प्रेजेंटर और वॉलीबॉल लीग की होस्ट उपासना गिल ने सोशल मीडिया के जरिये एक आपातकालीन वीडियो बनाया था और भारतीय सरकार से उन्हें और टीम को बचाने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि उनका होटल आग की चपेट में आ गया है और वह हिंसक भीड़ के हमले से बचकर भागी हैं। उपासना ने कहा, मैं पोखरा में फंसी हुई हूं, होटल जला दिया गया है, मेरा सारा सामान वहीं था। मैं स्पा में थी जब लोग बड़े लाठी लेकर आए। मैं मुश्किल से अपनी जान बचा पाई।

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जी’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे, जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था।

नेपाल में अंतरिम पीएम के नाम पर फिर यूटर्न, देर रात खत्म हुआ सस्पेंस, सुशीला कार्की के नाम पर लगी मुहर

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नेपाल में राजनीतिक उथल पुथल के बीच आज नई सरकार को लेकर सहमति बन सकती है। देर रात राष्ट्रपति आवास पर हुई बैठक के दौरान नई सरकार को लेकर सहमति बन गई है। नई सरकार की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की होंगी। नेपाल के सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ने उनके नाम पर सहमति जता दी है।

नेपाल अब भी सुलग रहा है। इस बीच देश की कमान आर्मी ने संभाल ली है। मगर सत्ता का संकट अब भी बरकरार है। नेपाल में आर्मी चीफ और राष्ट्रपति अंतरिम सरकार गठन करने की कवायद में जुटे हैं। केपी ओली के इस्तीफे के 60 घंटे बाद भी नेपाल पीएम के रूप में सुशीला कार्की का नाम सामने आया है। गुरुवार की आधी रात को आर्मी चीफ, राष्ट्रपति और अन्य लोगों की एक खास मीटिंग हुई। उसमें सुशीला कार्की पर सभी सहमत हुए। हालांकि अभी भी पेच फंसा हुआ है।

इस बीच नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और सीपीएन (माओवादी सेंटर) नेताओं के बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि नेपाल पीएम पर आज आम सहमति बन जाएगी।

दरअसल, जेन जी के नेतृत्व वाले युवा प्रदर्शनकारियों ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अपना समर्थन दिया है। मगर एक धड़ा अब भी इसे लेकर सहमत नहीं है। जेन जी प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया अटक गई है। देश में कर्फ्यू लगा हुआ है। आर्मी कानून-व्यवस्था संभाल रही है। इस बीच नेपाल के अंतरिम पीएम के चयन पर ही सस्पेंस छाया है।

देश में जारी राजनीतिक संकट के बीच 'We Nepali' ग्रुप के अध्यक्ष और जेन ज़ी आंदोलन के नेता सुदन गुरुंग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। गुरुंग ने साफ कहा है कि संसद का विघटन उनकी मूल मांग है और तभी एक नई अंतरिम कैबिनेट का गठन होना चाहिए। गुरुंग ने कहा, "हम पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।" हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जेन-जी पीढ़ी इस कैबिनेट की निगरानी करेगी, ताकि जनता की अपेक्षाओं के मुताबिक काम हो सके।

देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति मुर्मु ने दिलाई शपथ

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देश को 15वें उपराष्ट्रपति मिल चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को 15वें उपराष्ट्रपति का शपथ दिलायी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत था। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ था।

जगदीप धनखड़ भी समारोह में नजर आए

शुक्रवार को हुए शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कैबिनेट के कई बड़े मंत्री मौजूद रहे। खास बात ये रही कि समारोह के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। वह पहली कतार में दो अन्य पूर्व उपराष्ट्रपतियों वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी के साथ बैठे थे। उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहला मौका था जब जगदीप धनखड़ किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

सीपी राधाकृष्णन ने 152 मतो से जीता था चुनाव

एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति पद चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 प्रथम वरीयता के मतों से हरा कर उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता था। सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता के मत मिले, जबकि सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में 452 वोट पड़े।

जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हुए चुनाव

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था। संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था। उनके इस्तीफे के कारण मध्यावधि चुनाव कराया गया।