ट्रंप ने भारत पर लगाया क्यों 50% टैरिफ? व्हाइट हाउस ने बतायी वजह

#trumpputtariffonindiatoendukrainewarsayswhite_house

भारत पर टैरिफ लगाकर अमेरिका ने अपना दोमुंहापन पूरी दुनिया को दिखा दिया है। एक तरफ जहां रूसी तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भारी टैरिफ लगाया है, तो दूसरी तरफ रूस के सबसे बड़े ऊर्जा खरीदार चीन को बख्श दिया है। अमेरिकी के इस दोहरे रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने इसे यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की कोशिश बताया है।

“ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए जबरदस्त दबाव डाला”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन विवाद को खत्म करने के लिए भारत पर टैरिफ लगाया है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ने रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए लोगों पर जबरदस्त दबाव डाला है। उनका कहना था कि इसमें भारत पर लगाए गया अतिरिक्त टैरिफ और अन्य कदम भी शामिल है। लेविट ने कहा कि ट्रंप हमेशा से चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन संघर्ष को विराम दिया जाए।

“युद्ध खत्म करने को लेकर ट्रंप शानदार प्रयास कर रहे”

लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चाहते है कि दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष जल्द से जल्द खत्म हो। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि वह पुतिन के साथ वार्ता कर इस संघर्ष को खत्म करें। लेविट ने कहा कि इस बैठक में नाटो महासचिव सहित सभी यूरोपीय नेता शामिल हुए और सभी इस बात पर सहमत है कि ट्रंप शानदार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक के बाद राष्ट्रपति को उम्मीद है कि दोनों नेता एक दूसरे के साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करने के को लेकर बातचीत कर सकते हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री ने दिया अजीब तर्क

इसके पहले मंगलवार को ही अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने और चीन को छूट देने के पीछे अजीब तर्क दिया था। बेसेंट ने कहा कि चीन रूसी कच्चे तेल पर निर्भरता मामूली रूप से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के पहले चीन मॉस्को से 13 प्रतिशत तेल खरीद रहा था, जो अब बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया है। वहीं, भारत का आयात 1 प्रतिशत से 40 प्रतिशत पहुंच गया।

मोदी दीवार की तरह खड़ा...', लाल किले से मोदी का ट्रंप को बड़ा संदेश*

#pmmodistandinglikewallstrongmessagetotrump

देश के 79वें स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किसानों, जवानों और युवाओं को साधा। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में अमेरिका को सीधा मैसेज दिया है। अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की ओर दी जा रही टैरिफ की धमकियों और व्यापार समझौते को लेकर दबाव की रणनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का रुख साफ कर दिया।

पीएम ने कहा किसान हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं, उन्होंने भारत को कई उत्पादों का शीर्ष उत्पादक बनाया है। भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा। मोदी किसी भी प्रतिकूल नीति से किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दीवार की तरह खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए शुल्क के संदर्भ में ये बात कही।

दूसरे की लकीर को छोटी करने में उर्जा नहीं खपानी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद न करें। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि किसी दूसरे की लकीर को छोटी करने में हमें अपनी उर्जा नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। हम अपनी लकीर लंबी करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी।

ट्रंप का नाम लिए बिना दिया सख्त संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पीएम ने कहा, वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है, मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया तो कोई स्वार्थ हमने अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।

जेट इंजन पर भी अमेरिका को सुनाया

लाल किले की प्राचीर से भारत को इंजन देने में आनाकानी करने वाले अमेरिका को संदेश देते हुए पीएम ने कहा- युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर, युवाओं को आह्वान है अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए। क्या समय की मांग नहीं है कि रिसर्च और डिवेलपमेंट में और ताकत लगाए, हमारे अपने पेटेंट हो, सस्ती से सस्ती और सबसे कारगर नई दवाइयों की खोज हो। देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए। दरअसल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत को अपना जेट इंजन देने में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं।

पीएम मोदी अगले महीने जा सकते हैं अमेरिका, ट्रंप से मुलाकात संभव, टैरिफ की चिंताओं के बीच दौरा अहम

#pmmodilikelytovisitusmeettrumpnext_month

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेंगे। संभावना है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप के इसी फैसले के बाद से भारत और अमेरिका के बीच टेंशन चल रही है। इसी टैरिफ की टेंशन के बीच अगले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने यानी सितंबर में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र को संबोधित कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वक्ताओं की मसौदा सूची के हवाले से यह खबर आ रही है। यूएनजीए का 80वां सत्र 9 सितंबर को शुरू होगा। उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी। इसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा, उसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा।

26 सितंबर को हो सकता है पीएम मोदी का संबोधन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को यूएनजीए मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। महासभा के 80वें सत्र की उच्च-स्तरीय बहस के लिए वक्ताओं की प्रारंभिक सूची के हिसाब से भारत के शासनाध्यक्ष (HG) 26 सितंबर की सुबह सत्र को संबोधित करेंगे। इस्राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष भी उसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करेंगे।

टैरिफ टेंशन के बीच अहम है ये दौरा

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की खबर ऐसे वक्त में है, जब भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। 25 फीसदी टैरिफ अभी लागू है, जबकि अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ कुछ दिनों में लागू हो जाएगा। भारत ने अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया है और इसे अनुचित और तर्कहीन बताया है। भारत ने साफ कहा है कि वह किसी भी डील के लिए अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें पर्सनली जो कीमत चुकानी होगी वो चुकाएंगे, मगर किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।

ट्रंप की धमकियों से झुकेगा नहीं भारत, दिया करारा जवाब, ₹31,500 करोड़ का रक्षा सौदा ठंडे बस्ते में

#boeingjetdealof36arabdollorindiapausesamiddonaldtrumptariffrise

अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद भारत के साथ रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इस बीच भारत ने अमेरिका से इंडियन नेवी के लिए खरीदे जा रहे 6 अतिरिक्त बोइंग P-8i पोसीडॉन विमानों की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि सौदे को पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। यह सौदा लगभग ₹31,500 करोड़ (करीब 3.78 अरब डॉलर) का था।

पोसीडन डील पर लगा विराम

रक्षा वेबसाइट IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 3 अगस्त को अमेरिकी कंपनी बोइंग से छह P-8I पोसीडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट की खरीद को रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था, खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए।

पहले मंजूरी, फिर बढ़ी कीमत

साल 2021 में अमेरिका ने 6 और P-8i विमान भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। उस समय इनकी कीमत लगभग 2.42 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) थी। लेकिन जुलाई 2025 तक यह लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) हो गई। जिसका कारण सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पहले बढ़ती हुई लागत को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं न कहीं इसकी ऑपरेशनल जरूरतों के मुताबिक भारत इसकी खरीद को तैयार हुआ था। लेकिन टैरिफ की घोषणा के बाद अब रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन फिर से शुरू हो गया है। हालांकि यह सौदा पूरी तरह रद्द नहीं हुआ है।

डील को अस्थायी रूप से रोका

भारत के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं। पहली बार 2009 में भारत ने 8 विमान करीब 2.2 अरब डॉलर में खरीदे थे, इसके बाद 2016 में 4 और जोड़े गए। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिखाए तेवर, टैरिफ विवाद के बीच भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत से किया इनकार

#donaldtrumpsaidtherewillbenonegotiationwith_india

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अपना तेवर दिखाया है। ट्रंप ने टैरिफ विवाद हल होने तक भारत के साथ किसी भी व्यापार वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ के आगे भारत झुक नहीं रहा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को परेशान कर रहा है। अब उनके बयान से ये बौखलाहट साफ नजर आ रही है।

बुधवार को ट्रंप ने एक नया आदेश जारी कर भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैक्स अब 50% हो गया है। ट्रंप से वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि 50% टैरिफ लगाने के बाद क्या बातचीत शुरू होगी, तो उन्होंने कहा- नहीं, पहले मसला (टैरिफ) सुलझे, फिर बात होगी।

पीएम मोदी ने कहा- मैं तैयार हूँ

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत के टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया और अब उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील करने को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ट्रैरिफ बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत ने भी पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है। भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है, इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूँ, भारत तैयार है!

ट्रंप ने बढ़ाया है टैरिफ

इससे पहले व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और विशेष रूप से भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात की ओर इशारा करते हुए टैरिफ बढ़ाने की बात कही। आदेश में दावा किया गया है कि ये आयात चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा पेश करते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूसी तेल न खरीदने की बात कही है। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने अपने निवेश हितों का हवाला देते हुए ऑयल इंपोर्ट रोकने से मना कर दिया।

टैरिफ अटैक के बीच पीएम मोदी का ट्रंप को साफ संदेश, बोले-किसानों-मछुआरों के हितों से समझौता नहीं

#pmnarendramodiondonaldtrumptariff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को साफ शब्दो में संदेश दिया है। डेनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इस पर पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अमेरिका जितना भी टैरिफ बढ़ा ले, लेकिन भारत किसी देश के आगे झुकने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी-पीएम मोदी

भारत के खिलाफ अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए देश के किसान सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

इशारों-इशारों में पीएम मोदी का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। पीएम मोदी का यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब दिया। बगैर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने कड़ा संदेश दिया है।

अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया

अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। पीएम मोदी के इस बयान से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर पलटवार किया था।

अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ, फिर भी ट्रंप को नहीं मिली तसल्ली, सेकेंडरी सैंक्शन लगाने की दी धमकी

#donaldtrumpimpose50percent_tariff

अमेरिका ने भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर का शंखनाद कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया हैष इसका मतलब है कि अब भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लग गया। डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वाले आदेश पर दस्तखत भी कर दिए हैं। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। जबकि पहला 25 फीसदी वाला टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा।

सेकेंडरी प्रतिबंध की धमकी

भारतीय आयातों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के कुछ घंटे बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को नई धमकी दी है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत के ऊपर अधिक सेकंडरी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। व्हाइट हाउस में जब पत्रकारों ने पूछा कि चीन जैसे देश भी रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं, तो भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। इस पर ट्रंप ने कहा, 'अभी तो सिर्फ आठ घंटे ही हुए हैं। देखते हैं क्या होता है... आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपकी कई सेकेंडरी प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।'

भारत ने टैरिफ को अन्यायपूर्ण और अनुचित बताया

भारत ने टैरिफ में बढ़ोतरी की कड़ी निंदा की है और इसे 'अन्यायपूर्ण, अनुचित और अतार्कित' बताया है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। इसमें कहा गया कि भारत का आयात बाजार के कारकों पर आधारित है और देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्येश्य से किया जाता है।

क्या चाहते हैं ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत अपने दोस्त रूस से यारी खत्म करे। भारत और रूस के बीच तेल और हथियारों का व्यापार ट्रंप को बिल्कुल पसंद नहीं। ट्रंप चाहते हैं कि भारत उससे तेल न खरीदे। इसके लिए अमेरिका ने प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा लिया है। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश जारी किया। इस फैसले के पीछे भारत की ओर से रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया है। अमेरिका का कहना है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

#americadonaldtrumpclaimsindiawillstopbuyingoilfromrussia

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

ट्रंप के टैरिफ पर “लाल-पीले” हो रहे राहुल, थरूर और मनीष तिवारी ने अलापा अगल राग

#trumpimposed25percenttariffonindiashashitharoorandmanish_tiwari

भारत के साथ ट्रेड डील फाइनल नहीं होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बाद ट्रंप ने रूस और भारत की इकोनॉमी को डेड यानी मृत बताया। फिर क्या था भारत में ट्रंप के टैरिफ पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद देश में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के हां में हां मिलाया है और कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है।

शशि थरूर और मनीष तिवारी सरकार के समर्थन में

ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार से तमाम सवाल किए। इस बीच कांग्रेस के ही नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने मोदी सरकार को जोरदार समर्थन दिया है। शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। वहीं, मनीष तिवारी ने कहा कि यह सब भारत की स्‍ट्रेटज‍िक ऑटोनॉमी का सबूत है, जो नेहरू की गुटन‍िरपेक्षता से शुरू हुई और अब पीएम मोदी की आत्‍मन‍िर्भर भारत वाली सोच का ह‍िस्‍सा है।

थरूर ने क्या कहा?

संसद परिसर में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण वार्ता है। हम कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ हमारी बातचीत चल रही है, हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर लिया है, और हम अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, तो हमें अमेरिका के बाहर अपने बाजारों में विविधता लानी पड़ सकती है।

अगर अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो पीछे हटना पड़ता है-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अगर अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। यही भारत की ताकत है; हम चीन की तरह पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हमारे पास एक अच्छा और मजबूत घरेलू बाजार है। हमें अपने वार्ताकारों को सर्वोत्तम संभव सौदा खोजने के लिए पूरा समर्थन देना चाहिए। अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो हमें पीछे हटना पड़ सकता है।

मनीष त‍िवारी ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष त‍िवारी ने इस मामले में एक्‍स पर लंबा चौड़ा पोस्‍ट ल‍िखा। मनीष त‍िवारी ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने शायद 1947 से चली आ रही भारत की स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता की नीति लागू की, जिसे आज मल्टी-अलाइनमेंट कहा जाता है। फ‍िर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसे आत्‍मन‍िर्भरता के साथ आगे बढ़ाया और आज भारत आत्‍मनिर्भर कहा जा रहा है। ये वे रणनीतिक सिलसिले हैं जो भारत को दुनिया से अपनी शर्तों पर और अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में जुड़ने की फ्लैक्‍स‍िबिल‍िटी देते हैं। मनीष त‍िवारी ने लिखा, क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकी उस स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को कोई फर्क पहुंचाएगी, जिसे हमने दशकों से और अलग-अलग सरकारों के तहत बनाया है? बिल्कुल नहीं. क्या यह भारत-अमेरिका के व्यापक संबंधों के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है? जवाब है शायद!

कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग राग

बता दें कि शशि थरूर और मनीष त‍िवारी पहली बार सरकार के समर्थन में बातें नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी मोदी सरकार की नीत‍ियों की तारीफ करने को लेकर दोनों नेता कई बार कांग्रेस के न‍िशाने पर भी रहे हैं।

भारत की इकॉनमी डेड...डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी क्यों खुश हो रहे राहुल गांधी?

#rahulgandhicommentsonuspresidenttrumpdeadeconomy_remark

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ 25 फीसदी का टैरिफ लगाने के बाद भी उन्हें चैन नहीं आया। भारत पर अचानक टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप ने तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘ये दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं साथ लेकर डूबें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा। इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ट्रंप के कमेंट पर कहा कि हां, वह सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है। हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था है।

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा-राहुल गांधी

संसद परिसद में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक डेड इकोनॉमी है। बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है। क्यों खत्म किया है ये, अडानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इसको लेकर आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30-32 बार बोला है कि मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किया है। ट्रंप ने यह भी बोला कि भारत के 5 जहाज गिरे हैं। ट्रंप ने अब बोला है कि मैं 25% टैरिफ लगाऊंगा। इन सब बातों पर पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। असली वजह क्या है? कंट्रोल किस के हाथ में है।

पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था की पॉलिसी, डिफेंस पॉलिसी और विदेश पॉलिसी को नष्ट कर दिया है। पीएम सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए काम करते हैं, अडानी। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, आप देखना यह डील होगी, ट्रंप बताएंगे कि यह डील कैसे होगी और पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे।

ट्रंप ने भारत पर लगाया क्यों 50% टैरिफ? व्हाइट हाउस ने बतायी वजह

#trumpputtariffonindiatoendukrainewarsayswhite_house

भारत पर टैरिफ लगाकर अमेरिका ने अपना दोमुंहापन पूरी दुनिया को दिखा दिया है। एक तरफ जहां रूसी तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भारी टैरिफ लगाया है, तो दूसरी तरफ रूस के सबसे बड़े ऊर्जा खरीदार चीन को बख्श दिया है। अमेरिकी के इस दोहरे रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने इसे यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की कोशिश बताया है।

“ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए जबरदस्त दबाव डाला”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन विवाद को खत्म करने के लिए भारत पर टैरिफ लगाया है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ने रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए लोगों पर जबरदस्त दबाव डाला है। उनका कहना था कि इसमें भारत पर लगाए गया अतिरिक्त टैरिफ और अन्य कदम भी शामिल है। लेविट ने कहा कि ट्रंप हमेशा से चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन संघर्ष को विराम दिया जाए।

“युद्ध खत्म करने को लेकर ट्रंप शानदार प्रयास कर रहे”

लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चाहते है कि दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष जल्द से जल्द खत्म हो। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि वह पुतिन के साथ वार्ता कर इस संघर्ष को खत्म करें। लेविट ने कहा कि इस बैठक में नाटो महासचिव सहित सभी यूरोपीय नेता शामिल हुए और सभी इस बात पर सहमत है कि ट्रंप शानदार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक के बाद राष्ट्रपति को उम्मीद है कि दोनों नेता एक दूसरे के साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करने के को लेकर बातचीत कर सकते हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री ने दिया अजीब तर्क

इसके पहले मंगलवार को ही अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने और चीन को छूट देने के पीछे अजीब तर्क दिया था। बेसेंट ने कहा कि चीन रूसी कच्चे तेल पर निर्भरता मामूली रूप से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के पहले चीन मॉस्को से 13 प्रतिशत तेल खरीद रहा था, जो अब बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया है। वहीं, भारत का आयात 1 प्रतिशत से 40 प्रतिशत पहुंच गया।

मोदी दीवार की तरह खड़ा...', लाल किले से मोदी का ट्रंप को बड़ा संदेश*

#pmmodistandinglikewallstrongmessagetotrump

देश के 79वें स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किसानों, जवानों और युवाओं को साधा। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में अमेरिका को सीधा मैसेज दिया है। अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की ओर दी जा रही टैरिफ की धमकियों और व्यापार समझौते को लेकर दबाव की रणनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का रुख साफ कर दिया।

पीएम ने कहा किसान हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं, उन्होंने भारत को कई उत्पादों का शीर्ष उत्पादक बनाया है। भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा। मोदी किसी भी प्रतिकूल नीति से किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दीवार की तरह खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए शुल्क के संदर्भ में ये बात कही।

दूसरे की लकीर को छोटी करने में उर्जा नहीं खपानी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद न करें। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि किसी दूसरे की लकीर को छोटी करने में हमें अपनी उर्जा नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। हम अपनी लकीर लंबी करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी।

ट्रंप का नाम लिए बिना दिया सख्त संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पीएम ने कहा, वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है, मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया तो कोई स्वार्थ हमने अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।

जेट इंजन पर भी अमेरिका को सुनाया

लाल किले की प्राचीर से भारत को इंजन देने में आनाकानी करने वाले अमेरिका को संदेश देते हुए पीएम ने कहा- युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर, युवाओं को आह्वान है अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए। क्या समय की मांग नहीं है कि रिसर्च और डिवेलपमेंट में और ताकत लगाए, हमारे अपने पेटेंट हो, सस्ती से सस्ती और सबसे कारगर नई दवाइयों की खोज हो। देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए। दरअसल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत को अपना जेट इंजन देने में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं।

पीएम मोदी अगले महीने जा सकते हैं अमेरिका, ट्रंप से मुलाकात संभव, टैरिफ की चिंताओं के बीच दौरा अहम

#pmmodilikelytovisitusmeettrumpnext_month

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेंगे। संभावना है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप के इसी फैसले के बाद से भारत और अमेरिका के बीच टेंशन चल रही है। इसी टैरिफ की टेंशन के बीच अगले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने यानी सितंबर में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र को संबोधित कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वक्ताओं की मसौदा सूची के हवाले से यह खबर आ रही है। यूएनजीए का 80वां सत्र 9 सितंबर को शुरू होगा। उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी। इसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा, उसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा।

26 सितंबर को हो सकता है पीएम मोदी का संबोधन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को यूएनजीए मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। महासभा के 80वें सत्र की उच्च-स्तरीय बहस के लिए वक्ताओं की प्रारंभिक सूची के हिसाब से भारत के शासनाध्यक्ष (HG) 26 सितंबर की सुबह सत्र को संबोधित करेंगे। इस्राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष भी उसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करेंगे।

टैरिफ टेंशन के बीच अहम है ये दौरा

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की खबर ऐसे वक्त में है, जब भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। 25 फीसदी टैरिफ अभी लागू है, जबकि अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ कुछ दिनों में लागू हो जाएगा। भारत ने अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया है और इसे अनुचित और तर्कहीन बताया है। भारत ने साफ कहा है कि वह किसी भी डील के लिए अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें पर्सनली जो कीमत चुकानी होगी वो चुकाएंगे, मगर किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।

ट्रंप की धमकियों से झुकेगा नहीं भारत, दिया करारा जवाब, ₹31,500 करोड़ का रक्षा सौदा ठंडे बस्ते में

#boeingjetdealof36arabdollorindiapausesamiddonaldtrumptariffrise

अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद भारत के साथ रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इस बीच भारत ने अमेरिका से इंडियन नेवी के लिए खरीदे जा रहे 6 अतिरिक्त बोइंग P-8i पोसीडॉन विमानों की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि सौदे को पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। यह सौदा लगभग ₹31,500 करोड़ (करीब 3.78 अरब डॉलर) का था।

पोसीडन डील पर लगा विराम

रक्षा वेबसाइट IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 3 अगस्त को अमेरिकी कंपनी बोइंग से छह P-8I पोसीडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट की खरीद को रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था, खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए।

पहले मंजूरी, फिर बढ़ी कीमत

साल 2021 में अमेरिका ने 6 और P-8i विमान भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। उस समय इनकी कीमत लगभग 2.42 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) थी। लेकिन जुलाई 2025 तक यह लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) हो गई। जिसका कारण सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पहले बढ़ती हुई लागत को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं न कहीं इसकी ऑपरेशनल जरूरतों के मुताबिक भारत इसकी खरीद को तैयार हुआ था। लेकिन टैरिफ की घोषणा के बाद अब रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन फिर से शुरू हो गया है। हालांकि यह सौदा पूरी तरह रद्द नहीं हुआ है।

डील को अस्थायी रूप से रोका

भारत के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं। पहली बार 2009 में भारत ने 8 विमान करीब 2.2 अरब डॉलर में खरीदे थे, इसके बाद 2016 में 4 और जोड़े गए। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिखाए तेवर, टैरिफ विवाद के बीच भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत से किया इनकार

#donaldtrumpsaidtherewillbenonegotiationwith_india

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अपना तेवर दिखाया है। ट्रंप ने टैरिफ विवाद हल होने तक भारत के साथ किसी भी व्यापार वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ के आगे भारत झुक नहीं रहा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को परेशान कर रहा है। अब उनके बयान से ये बौखलाहट साफ नजर आ रही है।

बुधवार को ट्रंप ने एक नया आदेश जारी कर भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैक्स अब 50% हो गया है। ट्रंप से वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि 50% टैरिफ लगाने के बाद क्या बातचीत शुरू होगी, तो उन्होंने कहा- नहीं, पहले मसला (टैरिफ) सुलझे, फिर बात होगी।

पीएम मोदी ने कहा- मैं तैयार हूँ

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत के टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया और अब उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील करने को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ट्रैरिफ बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत ने भी पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है। भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है, इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूँ, भारत तैयार है!

ट्रंप ने बढ़ाया है टैरिफ

इससे पहले व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और विशेष रूप से भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात की ओर इशारा करते हुए टैरिफ बढ़ाने की बात कही। आदेश में दावा किया गया है कि ये आयात चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा पेश करते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूसी तेल न खरीदने की बात कही है। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने अपने निवेश हितों का हवाला देते हुए ऑयल इंपोर्ट रोकने से मना कर दिया।

टैरिफ अटैक के बीच पीएम मोदी का ट्रंप को साफ संदेश, बोले-किसानों-मछुआरों के हितों से समझौता नहीं

#pmnarendramodiondonaldtrumptariff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को साफ शब्दो में संदेश दिया है। डेनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इस पर पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अमेरिका जितना भी टैरिफ बढ़ा ले, लेकिन भारत किसी देश के आगे झुकने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी-पीएम मोदी

भारत के खिलाफ अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए देश के किसान सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

इशारों-इशारों में पीएम मोदी का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। पीएम मोदी का यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब दिया। बगैर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने कड़ा संदेश दिया है।

अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया

अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। पीएम मोदी के इस बयान से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर पलटवार किया था।

अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ, फिर भी ट्रंप को नहीं मिली तसल्ली, सेकेंडरी सैंक्शन लगाने की दी धमकी

#donaldtrumpimpose50percent_tariff

अमेरिका ने भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर का शंखनाद कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया हैष इसका मतलब है कि अब भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लग गया। डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वाले आदेश पर दस्तखत भी कर दिए हैं। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। जबकि पहला 25 फीसदी वाला टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा।

सेकेंडरी प्रतिबंध की धमकी

भारतीय आयातों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के कुछ घंटे बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को नई धमकी दी है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत के ऊपर अधिक सेकंडरी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। व्हाइट हाउस में जब पत्रकारों ने पूछा कि चीन जैसे देश भी रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं, तो भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। इस पर ट्रंप ने कहा, 'अभी तो सिर्फ आठ घंटे ही हुए हैं। देखते हैं क्या होता है... आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपकी कई सेकेंडरी प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।'

भारत ने टैरिफ को अन्यायपूर्ण और अनुचित बताया

भारत ने टैरिफ में बढ़ोतरी की कड़ी निंदा की है और इसे 'अन्यायपूर्ण, अनुचित और अतार्कित' बताया है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। इसमें कहा गया कि भारत का आयात बाजार के कारकों पर आधारित है और देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्येश्य से किया जाता है।

क्या चाहते हैं ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत अपने दोस्त रूस से यारी खत्म करे। भारत और रूस के बीच तेल और हथियारों का व्यापार ट्रंप को बिल्कुल पसंद नहीं। ट्रंप चाहते हैं कि भारत उससे तेल न खरीदे। इसके लिए अमेरिका ने प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा लिया है। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश जारी किया। इस फैसले के पीछे भारत की ओर से रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया है। अमेरिका का कहना है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

#americadonaldtrumpclaimsindiawillstopbuyingoilfromrussia

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

ट्रंप के टैरिफ पर “लाल-पीले” हो रहे राहुल, थरूर और मनीष तिवारी ने अलापा अगल राग

#trumpimposed25percenttariffonindiashashitharoorandmanish_tiwari

भारत के साथ ट्रेड डील फाइनल नहीं होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बाद ट्रंप ने रूस और भारत की इकोनॉमी को डेड यानी मृत बताया। फिर क्या था भारत में ट्रंप के टैरिफ पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद देश में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के हां में हां मिलाया है और कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है।

शशि थरूर और मनीष तिवारी सरकार के समर्थन में

ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार से तमाम सवाल किए। इस बीच कांग्रेस के ही नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने मोदी सरकार को जोरदार समर्थन दिया है। शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। वहीं, मनीष तिवारी ने कहा कि यह सब भारत की स्‍ट्रेटज‍िक ऑटोनॉमी का सबूत है, जो नेहरू की गुटन‍िरपेक्षता से शुरू हुई और अब पीएम मोदी की आत्‍मन‍िर्भर भारत वाली सोच का ह‍िस्‍सा है।

थरूर ने क्या कहा?

संसद परिसर में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण वार्ता है। हम कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ हमारी बातचीत चल रही है, हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर लिया है, और हम अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, तो हमें अमेरिका के बाहर अपने बाजारों में विविधता लानी पड़ सकती है।

अगर अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो पीछे हटना पड़ता है-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अगर अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। यही भारत की ताकत है; हम चीन की तरह पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हमारे पास एक अच्छा और मजबूत घरेलू बाजार है। हमें अपने वार्ताकारों को सर्वोत्तम संभव सौदा खोजने के लिए पूरा समर्थन देना चाहिए। अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो हमें पीछे हटना पड़ सकता है।

मनीष त‍िवारी ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष त‍िवारी ने इस मामले में एक्‍स पर लंबा चौड़ा पोस्‍ट ल‍िखा। मनीष त‍िवारी ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने शायद 1947 से चली आ रही भारत की स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता की नीति लागू की, जिसे आज मल्टी-अलाइनमेंट कहा जाता है। फ‍िर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसे आत्‍मन‍िर्भरता के साथ आगे बढ़ाया और आज भारत आत्‍मनिर्भर कहा जा रहा है। ये वे रणनीतिक सिलसिले हैं जो भारत को दुनिया से अपनी शर्तों पर और अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में जुड़ने की फ्लैक्‍स‍िबिल‍िटी देते हैं। मनीष त‍िवारी ने लिखा, क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकी उस स्‍ट्रैटज‍िक ऑटोनॉमी को कोई फर्क पहुंचाएगी, जिसे हमने दशकों से और अलग-अलग सरकारों के तहत बनाया है? बिल्कुल नहीं. क्या यह भारत-अमेरिका के व्यापक संबंधों के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है? जवाब है शायद!

कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग राग

बता दें कि शशि थरूर और मनीष त‍िवारी पहली बार सरकार के समर्थन में बातें नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी मोदी सरकार की नीत‍ियों की तारीफ करने को लेकर दोनों नेता कई बार कांग्रेस के न‍िशाने पर भी रहे हैं।

भारत की इकॉनमी डेड...डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी क्यों खुश हो रहे राहुल गांधी?

#rahulgandhicommentsonuspresidenttrumpdeadeconomy_remark

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ 25 फीसदी का टैरिफ लगाने के बाद भी उन्हें चैन नहीं आया। भारत पर अचानक टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप ने तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘ये दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं साथ लेकर डूबें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा। इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ट्रंप के कमेंट पर कहा कि हां, वह सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है। हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था है।

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा-राहुल गांधी

संसद परिसद में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक डेड इकोनॉमी है। बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है। क्यों खत्म किया है ये, अडानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इसको लेकर आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30-32 बार बोला है कि मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किया है। ट्रंप ने यह भी बोला कि भारत के 5 जहाज गिरे हैं। ट्रंप ने अब बोला है कि मैं 25% टैरिफ लगाऊंगा। इन सब बातों पर पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। असली वजह क्या है? कंट्रोल किस के हाथ में है।

पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था की पॉलिसी, डिफेंस पॉलिसी और विदेश पॉलिसी को नष्ट कर दिया है। पीएम सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए काम करते हैं, अडानी। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, आप देखना यह डील होगी, ट्रंप बताएंगे कि यह डील कैसे होगी और पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे।