झारखंड के सतत विकास लक्ष्यों पर यूनिसेफ के कार्यों की समीक्षा: मुख्य सचिव ने निरंतर समन्वय और डेटा साझा करने पर दिया जोर

रांची, 1 जुलाई 2025 – झारखंड के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की उपलब्धि को लेकर यूनिसेफ के कार्यों की समीक्षा आज मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी की अध्यक्षता में की गई. मुख्य सचिव ने यूनिसेफ को सभी संबंधित विभागों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित करने और अपने कार्यों की लगातार समीक्षा के लिए एक सिस्टम बनाने का निर्देश दिया.

श्रीमती तिवारी ने कहा कि यूनिसेफ झारखंड के सतत विकास के लिए जो कार्य कर रहा है, वैसे ही कार्य राज्य सरकार भी व्यापक पैमाने पर कर रही है. ऐसी स्थिति में एक-दूसरे के डेटा राज्य के सतत विकास में काफी उपयोगी हो सकते हैं. इसके लिए उन्होंने विभागों के साथ पाक्षिक बैठकें करने का निर्देश दिया.

योजनाओं की निगरानी और उनके परिणामों पर फोकस

मुख्य सचिव ने यूनिसेफ से इन बैठकों में अपने फील्ड के कार्यों, अनुभवों और सुझावों को साझा करने और यह देखने को कहा कि सरकारी योजनाओं के साथ कैसे बेहतर तालमेल के साथ काम किया जा सकता है. उन्होंने योजनाओं की निगरानी और उनके फलाफल (परिणामों) पर भी विशेष बल दिया.

अन्य राज्यों के सफल मॉडल का अध्ययन और क्रियान्वयन

श्रीमती तिवारी ने यूनिसेफ को सामाजिक क्षेत्र में अन्य राज्यों में हो रहे बेहतर कार्यों का अध्ययन और विश्लेषण करने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि यूनिसेफ इसका ब्लू प्रिंट तैयार करे कि ऐसे सफल मॉडलों को झारखंड में कैसे क्रियान्वित किया जा सकता है. उन्होंने योजना विभाग के साथ एक पोर्टल पर डेटा साझा करने का भी निर्देश दिया, ताकि डेटा मिसमैच न हो.

पोषण, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान

मुख्य सचिव ने पोषण से जुड़ी समस्याओं पर फोकस करने के साथ-साथ हाशिए पर खड़े लोगों के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. उन्होंने हाथ की सफाई (हाइजीन) को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए यूनिसेफ की प्रशंसा की और कहा कि पोषण के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि के क्षेत्र में भी संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर लोगों को जागरूक और सक्षम बनाया जाए. इससे पहले, यूनिसेफ ने झारखंड में किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों का एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया.

समीक्षा बैठक में सचिव श्री मस्त राम मीणा, श्री मनोज कुमार, श्री मुकेश कुमार, श्री उमाशंकर सिंह, श्रीमती नेहा अरोड़ा और यूनिसेफ की झारखंड प्रमुख कानिनिका मित्रा और उनके सहयोगी उपस्थित थे.

रेल यात्रा हुई महंगी: 1 जुलाई से बढ़े किराए, रांची से चलने वाली इन प्रमुख ट्रेनों का किराया भी शामिल

रेल यात्रियों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है: 1 जुलाई से रेल यात्रा महंगी हो गई है. अब ट्रेन से सफर करने के लिए आपको ज़्यादा पैसे चुकाने होंगे. रांची रेल मंडल से चलने वाली कई प्रमुख एक्सप्रेस, मेल और शताब्दी-प्रीमियम ट्रेनों के किराए में भी बढ़ोतरी की गई है.

रांची से पटना के टिकट में कोई बदलाव नहीं, 500 किमी तक की यात्रा पर राहत

यात्रियों के लिए एक राहत की बात यह है कि 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन, उससे अधिक दूरी की यात्रा पर ट्रेन का टिकट महंगा होगा. इसके तहत, रांची से कोलकाता और पटना जाने वाली ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे इन मार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी.

जनरल से लेकर एसी तक, सभी श्रेणी में बढ़ोतरी लागू

ट्रेनों का बढ़ा हुआ किराया जनरल, स्लीपर, फर्स्ट क्लास और एसी श्रेणी की सभी ट्रेनों में लागू होगा. खासतौर पर, टिकट की नई कीमत शताब्दी, राजधानी, तेजस, दुरंतो, वंदे भारत, हमसफर, अमृत भारत, महामना, गतिमान, अंत्योदय, गरीब रथ, जन शताब्दी जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्रियों को प्रभावित करेगी. 500 किलोमीटर के बाद इन ट्रेनों में दो पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाया गया है.

रांची से चलने वाली इन प्रमुख ट्रेनों का बढ़ा किराया

गरीबरथ एक्सप्रेस

राजधानी एक्सप्रेस

संपर्कक्रांति एक्सप्रेस

संबलपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस

एलटीटी एक्सप्रेस

रांची-एलटीटी एक्सप्रेस

रांची-बनारस एक्सप्रेस

रांची-गोरखपुर एक्सप्रेस

झारखंड में भारी बारिश से हुए नुकसान पर सरकार की नज़र: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने एक्स के माध्यम से राज्यवासियों से कहा है कि मानसून की शुरुआत में ही झारखंड में हो रही लगातार बारिश चिंता का विषय है। बारिश के कारण प्रभावित लोगों के साथ सरकार खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी ।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मानसून अभी शुरू ही हुआ है और शुरुआत से ही बारिश की तीव्रता चिंता का विषय है। यह बदलाव पर्यावरण के दृष्टिकोण से हो रहे हैं । इन बदलावों से प्रभावित होने वाले लोगों पर सरकार की नजर है।

ज्ञातव्य हो कि झारखंड में मानसून के शुरुआत से ही लगातार बारिश हो रही है, जिससे झारखंड के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने एक्स के माध्यम एक वीडियो साझा कर राज्यवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार उन सभी लोगों के साथ खड़ी है, जो इस बारिश में प्रभावित हुए हैं। और वे सभी सरकार की निगरानी में हैं ।

झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उत्तर प्रदेश में की शिष्टाचार मुलाकात, गृह राज्य से जुड़ाव पर प्रकाश

बरेली/लखनऊ, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज अपनी जन्मभूमि उत्तर प्रदेश का दौरा किया, जहां उन्होंने बरेली में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाकात की। यह दौरा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर इसलिए क्योंकि गंगवार का उत्तर प्रदेश से गहरा और लंबा संबंध रहा है।

राजभवन सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार सोमवार को उत्तर प्रदेश पहुंचे और बरेली में उनकी व्यस्त दिनचर्या रही। उन्होंने सबसे पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। यह एक सौहार्दपूर्ण भेंट थी, जिसमें दोनों राज्यों के राज्यपालों ने विभिन्न मुद्दों पर अनौपचारिक चर्चा की। मुलाकात के दौरान, राज्यपाल गंगवार ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान व्यक्त किया। इस मुलाकात की तस्वीरें राज्यपाल के आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से साझा की गईं, जिससे यह जानकारी सार्वजनिक हुई।

इसके उपरांत, राज्यपाल गंगवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अलग से मुलाकात की। मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच उत्तर प्रदेश और झारखंड के बीच संभावित सहयोग के क्षेत्रों पर संक्षिप्त बातचीत होने की उम्मीद है, हालांकि किसी विशिष्ट एजेंडे की पुष्टि नहीं की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी राज्यपाल गंगवार ने पुष्पगुच्छ भेंट किया। इन मुलाकातों को प्रोटोकॉल के तहत एक शिष्टाचार भेंट बताया गया है, जो दो संवैधानिक प्रमुखों के बीच सामान्य है।

यह यात्रा संतोष गंगवार के लिए व्यक्तिगत रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उत्तर प्रदेश उनका गृह राज्य है। उनका जन्म 1 नवंबर 1948 को बरेली, उत्तर प्रदेश में हुआ था। अपने लंबे और प्रतिष्ठित राजनीतिक जीवन में, उन्होंने बरेली सीट से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए। संतोष गंगवार बरेली की जनता के बीच "विकास पुरुष" के नाम से प्रसिद्ध हैं, यह उपाधि उन्हें क्षेत्र में किए गए उनके उल्लेखनीय विकास कार्यों के लिए मिली है। वह लगातार छह बार बरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं, जो उनकी लोकप्रियता और जनता के बीच गहरी पैठ को दर्शाता है।

उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब देश के विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक और प्रशासनिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जा रहा है। झारखंड के राज्यपाल के रूप में, गंगवार का अपनी जन्मभूमि का दौरा दोनों राज्यों के बीच संबंधों को मजबूत करने में सहायक हो सकता है, भले ही यह एक औपचारिक शिष्टाचार भेंट ही क्यों न हो। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे दौरे राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद करते हैं।

हालांकि इन मुलाकातों में किसी बड़े नीतिगत निर्णय या घोषणा की उम्मीद नहीं थी, लेकिन यह झारखंड और उत्तर प्रदेश के शीर्ष संवैधानिक और कार्यकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों के बीच व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। राज्यपाल गंगवार का लंबा राजनीतिक अनुभव और उत्तर प्रदेश की गहरी समझ उन्हें अपने वर्तमान पद पर भी लाभ पहुंचा सकती है।

राजभवन के अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल की यह यात्रा पूरी तरह से निजी और शिष्टाचार उद्देश्यों के लिए थी, जिसमें कोई आधिकारिक एजेंडा शामिल नहीं था। फिर भी, उनकी उपस्थिति और उत्तर प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात ने मीडिया और जनता का ध्यान आकर्षित किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इन मुलाकातों का कोई दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है या नहीं। फिलहाल, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की यह यात्रा उनकी जन्मभूमि से उनके अटूट संबंध को एक बार फिर रेखांकित करती है।

संताल हूल के 5 पवित्र स्थल: जहां से गूंजा था "अंग्रेजों भारत छोड़ो!" का नारा

साल 1855 में जब भारत के बाकी हिस्सों में स्वतंत्रता संग्राम की आहट भी नहीं थी, तब संताल परगना के जंगलों और गांवों में सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो के नेतृत्व में एक ललकार “अंग्रेजों भारत छोड़ो!” का नारा गूंज उठा था. यही ललकार भारत के पहले जनजातीय विद्रोह संताल हूल की पहचान बन गयी. इस आंदोलन की यादें आज भी उन पांच पवित्र स्थलों के रूप में जीवित हैं, जिन्हें हूल तीर्थ कहा जा सकता है. तो आइए आज हूल दिवस के अवसर पर आपको इन पांच जगहों के बारे में बताते हैं:

1/ पंचकठिया

साहिबगंज के बरहेट प्रखंड में स्थित पंचकठिया में करीब 200 साल पुराना बरगद का पेड़ आज भी हूल क्रांति की गवाह है. इस पेड़ पर 26 जुलाई 1856 को महाजनी प्रथा और अंग्रेजी हुकूमत व साहूकारों के खिलाफ हूल का आगाज करने वाले सिदो मुर्मू को अंग्रेजों ने पकड़ कर फांसी पर लटकाया था.

2/ जन्मस्थली

भोगनाडीह में खपरैल का वह घर आज भी उसी जगह मौजूद है, जहां मिट्टी की दीवारों के बीच सिदो कान्हू, चांद, भैरव, फूलो व झानो का जन्म हुआ था. 11 अप्रैल 1815 की मध्य रात्रि को चुन्नू मुर्मू एवं सुनी हांसदा के घर सिदो मुर्मू का जन्म हुआ. सिदो-कान्हू के वंशज परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला बिटिया हेंब्रम बताती हैं कि 30 जून 1855 को संताल हूल का पहली बार आगाज किया गया था.

3/कदमडांडी कुआं

हूल क्रांति का आगाज करने वाले सिदो-कान्हू के साथ 50 हजार से अधिक संताल क्रांतिकारियों की प्यास आंदोलन के दौरान भोगनाडीह स्थित कदमडांडी कुएं से बुझती थी. भूखे पेट कई किमी का लंबा सफर करने के बाद आंदोलनकारी जब भोगनाडीह पहुंचते थे, तो इसी कुएं के चारों ओर बैठकर बातचीत किया करते थे और अपनी प्यास बुझाते थे. हूल के दौरान रवाना होने से पहले सभी आंदोलनकारी इसी कुएं में स्नान व पूजा-पाठ भी करते थे.

4/भोगनाडीह गांव का पार्क

भोगनाडीह गांव का पार्क, संताल हूल के लिए काफी पवित्र जगह है. सिदो-कान्हू ने इसी जगह से संताल हूल का आगाज किया था. यह जगह भोगनाडीह में सिदो-कान्हू के घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर सिदो-कान्हू के अलावा उनके छोटे भाई चांद-भैरव और बहनें फूलो-झानो की भी अलग-अलग प्रतिमा लगायी गयी है.

5/ सभा स्थल

हूल आंदोलन के दौरान सिदो-कान्हू को जब भी लोगों तक अपनी बात पहुंचानी होती, तो सभा बुलायी जाती थी. इस सभा में दूर-दूर से लोग पहुंचते थे. सभा में आंदोलन की रणनीति तय होती थी. इसमें बताया जाता कि अंग्रेजी हुकूमत पर कब और कैसे प्रहार करना है. सारी योजनाएं सभा में भी ही तय की जाती थीं. सभा स्थल वर्तमान में सिदो-कान्हू पार्क के बगल में स्थित है.

ओरमांझी में आजसू पार्टी का मिलन समारोह: सुदेश महतो ने की शिरकत

ओरमांझी में आजसू पार्टी का मिलन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों युवाओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो शामिल हुए।

समारोह के मुख्य बिंदु

- युवा शक्ति का समर्थन: सुदेश महतो ने कहा कि राज्य का भविष्य तभी संभव है जब युवा अपने नेतृत्व क्षमता को आगे लाएं और नेतृत्व करें।

- व्यवस्था को बदलने की जरूरत: श्री महतो ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में जनता के अधिकारों को दबाया जा रहा है और दलाली एवं भ्रष्टाचार का आलम है। इस व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।

पार्टी में शामिल होने वालों में

- दो उप मुखिया और ग्राम प्रधान: तीर्थ मोहन उरांव और प्रीतम महतो ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

- सैकड़ों युवा: विवेक नायक, राहुल बैठा, विवेक कुमार समेत सैकड़ों युवाओं ने पार्टी का दामन थामा।

आगे की कार्रवाई

- पार्टी को मजबूत करना: सुदेश महतो ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा।

- आदर्श ग्राम बनाने की योजना: श्री महतो ने कहा कि शहीदों की जन्मस्थली को आदर्श ग्राम बनाने की योजना अधर में लटकी है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।

हेमंत सरकार में झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था 18 वीं सदी की....बाबूलाल मरांडी


कहा कि ये 18वीं सदी नहीं है, पर झारखंड के गांवों में हालात अभी भी वही हैं। सिमडेगा ज़िले के चुंदियारी गांव में एक बुज़ुर्ग महिला गंगो देवी के कमर में गंभीर चोट आई, लेकिन गांव में न सड़क थी, न स्वास्थ्य सुविधा, न एम्बुलेंस पहुँची। मजबूर परिजन खाट पर लादकर तीन किलोमीटर पैदल चले।

कहा कि शर्म की बात ये है कि ये सब उस राज्य में हो रहा है, जहाँ हेमंत सरकार ने इस साल बजट में स्वास्थ्य पर ₹3497 करोड़ और सड़कों व पुलों के लिए ₹5300 करोड़ खर्च करने की घोषणा की थी। पिछले साल यही राशि ₹7223 करोड़ और ₹6389 करोड़ थी। इतना पैसा गया कहाँ? इसका जवाब तो हम सबको पता है।

कहा कि जब भ्रष्टाचार करने की बात आती है, तो हेमंत सरकार सुरसा से भी बड़ा मुँह खोल लेती है। लेकिन जब व्यवस्था को लेकर सवाल किया जाए, तो मुख्यमंत्री और मंत्री गूंगे बहरे बन जाते हैं।

कहा हेमंत सोरेन जी, राजनीति से इतर इतनी संवेदनशीलता तो दिखाइए, कम से कम ये सुनिश्चित कीजिए की आज के बाद किसी झारखंड वासी को खाट पर लादकर इलाज के लिए न जाना पड़े।

गौरवशाली विरासत और आत्मविश्वास के साथ बन रहा आत्मनिर्भर भारत.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश पदाधिकारी, सांसद ,विधायक ,मोर्चा के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के द्वारा आज बूथों पर प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुना गया। बूथ पर एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण भी किया गया।

प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने देवघर जिलांतर्गत जसीडीह प्रखंड के कुशमहा मे मन की बात पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ सुना।

इस अवसर पर श्री मरांडी ने कहा मन की बात कार्यक्रम भारत के सांस्कृतिक ,सामाजिक आर्थिक प्रगति का दस्तावेज है।

कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सांस्कृतिक विरासत के साथ आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

कहा कि भारत की कला संस्कृति, पारंपरिक हुनर का सम्मान आज बढ़ा है। भगवान बुद्ध का संदेश और योग ने विश्व बंधुत्व के भाव को मजबूत किया है।

प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने हरमू मंडल रांची में कार्यक्रम को सुना।

उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम करोड़ों लोगों केलिए प्रेरणा है, पाथेय है। आज युवा शक्ति विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में मोदी जी के संदेश को आत्मसात कर रहा है।

रांची उपायुक्त के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगी का प्रयास

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाया गया।

जिला प्रशासन को सूचना प्राप्त हुई है कि उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी राँची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री के नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी (https://www.facebook.com/share/1Byb6iUvCy/) बनाई गई है। इस फर्जी आईडी के माध्यम से असामाजिक तत्वों द्वारा आम नागरिकों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को ठगी और धोखाधड़ी का शिकार बनाना है।

जिला प्रशासन स्पष्ट करता है कि श्री मंजूनाथ भजन्त्री का इस फर्जी फेसबुक आईडी से कोई संबंध नहीं है। जनता से अपील की जाती है कि ऐसी किसी भी अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। इस प्रकार की गतिविधियों से सतर्क रहें, क्योंकि यह साइबर अपराध का हिस्सा हो सकता है और आपको आर्थिक या व्यक्तिगत नुकसान पहुंचा सकता है।

जिला प्रशासन द्वारा इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जा रही है, और संबंधित साइबर क्राइम यूनिट इस मामले की गहन जांच कर रही है।

श्रावणी मेला 2025: देवघर यात्रियों के लिए रेलवे के विशेष इंतजाम, चलेंगी कई नई ट्रेनें

देवघर में 11 जुलाई से भव्य श्रावणी मेला शुरू होने वाला है. देवघर आने वाले यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए पूर्व रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किये हैं. 11 जुलाई से यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें चलेंगी.

रेलवे प्रशासन ने 11 जुलाई से नौ अगस्त तक जसीडीह और बैद्यनाथधाम के बीच स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने का फैसला किया है. इससे यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके. इस दौरान जसीडीह बैद्यनाथधाम स्पेशल, जसीडीह दुमका स्पेशल, देवघर-जसीडीह- देवघर मेमू स्पेशल समेत अन्य कई ट्रेनें प्रतिदिन चलायी जायेंगी.

रेलवे ने जसीडीह स्टेशन पर मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव का समय भी पांच मिनट तक बढ़ा दिया है. ताकि भीड़-भाड़ के समय यात्रियों को अधिक सुविधा मिल सके और वे आसानी से ट्रेनों का उपयोग कर सकें. रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मेला के दौरान यात्री ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि अधिक यात्री आराम से सफर कर सकें. उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.

श्रावणी मेला में 03146 जसीडीह-दुमका-जसीडीह मेमू स्पेशल ट्रेन हर दिन चलेंगी. यह ट्रेन सुबह 08:50 बजे जसीडीह से खुलेगी, जो 10:30 बजे दुमका पहुंचेगी. वहीं, ट्रेन नंबर 03145 दुमका-जसीडीह दुमका से 10:45 बजे खुलेगी, जो जसीडीह 12:40 बजे पहुंचेगी. यह ट्रेन दोनों दिशा में जसीडीह, देवघर, मोहनपुर, घोरमारा, बासुकीनाथ और दुमका स्टेशन पर रुकेगी.

इसी तरह ट्रेन नंबर 03148 / 03147 जसीडीह दुमका जसीडीह मेमू स्पेशल का भी प्रतिदिन परिचालन होगा. 03148 जसीडीह-दुमका जसीडीह से शाम 18:00 बजे खुलेगी, जो 19:50 बजे दुमका पहुंचेगी. वहीं, 03147 दुमका-जसीडीह दुमका से रात 20:05 बजे खुलेगी, जो जसीडीह 21:50 बजे पहुंचेगी. यह ट्रेन भी दोनों दिशा में जसीडीह, देवघर, मोहनपुर, घोरमारा, बासुकीनाथ और दुमका स्टेशन पर रूकेगी.

श्रावणी मेला के दौरान ट्रेन नंबर 05028 बढ़नी से शाम 17:30 बजे खुलेगी, जो दूसरे दिन दोपहर 13:00 बजे देवघर पहुंचेगी. वहीं, ट्रेन नंबर 05027 देवघर से शाम 18:45 बजे खुलेगी, जो दूसरे दिन 12:30 बजे बढ़नी पहुंचेगी. यह ट्रेन दोनों दिशा में शोहरतगढ़, सिद्धार्थ नगर, आनंद नगर, चौरी चौरा, देवरिया, भटनी, मैरवा, सीवान, एकमा, दिघवारा, सोनपुर, हाजीपुर, देसरी, शाहपुर पटोरी, बच्छवाडा, बरौनी, बेगूसराय, साहिबपुर, कमाल, मुंगेर, सुल्तानगंज, बाराहाट, बांका और देवघर स्टेशन से गुजरेगी. इस ट्रेन में शयनयान और अन्य बोगी रहेंगे.