दुमका : पाचुवाड़ा कोयला खान विस्थापित एवं प्रभावित संघ सड़क पर उतरा, कोयले के खनन व परिवहन को अनिश्चितकालीन के लिए कराया बंद
दुमका : दुमका में पाचुवाड़ा कोयला खान विस्थापित एवं प्रभावित संघ ने अनिश्चितकाल के लिए कोयला की ढुलाई एवं परिवहन को रविवार को बंद करा दिया है। संघ के नेतृत्व में स्थानीय एवं विस्थापन का दंश झेल रहे लोग सड़कों पर उतर गए है। संघ ने कोयले के परिवहन के लिए पाकुड़ के अमड़ापाड़ा खदान से लेकर दुमका रेलवे साइडिंग तक अलग से कोल कॉरिडोर बनाने, आदिवासियों के जमीन का मुआवजा राशि 4.64 करोड़ रूपये प्रति एकड़ की दर भुगतान करने की मांग के साथ ही कई अन्य मांगे रखी है। सामान्य वाहनों के आवागमन एवं परिचालन को बंदी से मुक्त रखा गया है। पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा में पाचुवाड़ा कोल माइंस परियोजना का लीजधारक WBPDCL है और यहाँ से पश्चिम बंगाल के थर्मल पावर स्टेशन के लिए प्रतिदिन हजारों टन कोयले का खनन कर दुमका रेलवे साइडिंग से भेजा जाता है। संघ ने अमड़ापाड़ा में कोयले के खनन एवं परिवहन पर सवाल उठाया है और पूरी प्रक्रिया को अवैध बताया है। रविवार को दुमका के काठीकुण्ड प्रखंड के चांदनी चौक पर गोपीकांदर, काठीकुंड और दुमका प्रखंड के ग्रामीण पाचुवाड़ा कोल परियोजना के विभिन्न गतिविधियों के खिलाफ जोरदार तरीके से विरोध दर्ज कराने के लिए गोलबंद होकर दुमका साहेबगंज गोविंदपुर हाइवे पर चलने वाले कोयला वाहनो को अनिश्चितकालीन के लिए बंद करा दिया और वहीं धरना पर बैठ गए। ग्रामीणों की मांग है कि जब तक इसे लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जाती है तब तक कोयले की खनन एवं परिवहन बंद रहेगा। स्थानीय लोगों एवं विस्थापितों के इस आंदोलन का दुमका के सांसद प्रतिनिधि जोन सोरेन सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े अन्य कई लोगों द्वारा समर्थन किया जा रहे है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (WBPDCL) द्वारा बिना भूमि अधिग्रहण और स्थानीय लोगों की सहमति के उनके गांवों की जमीन का इस्तेमाल कोयले के खनन और परिवहन के लिए किया जा रहा है। यह गतिविधियां आदिवासी अधिकारों और पर्यावरणीय संतुलन दोनों के लिए गंभीर खतरा बताई गई हैं। संघ की संरक्षक मुन्नी हांसदा ने कहा कि दुमका के रेलवे स्टेशन मे अमड़ापाड़ा कोल ब्लॉक से BGR कंपनी के द्वारा प्रतिदिन 10000 से अधिक डीजल चालित ट्रकों से लगभग 60,000 टन कोयले का परिवहन किया जा रहा है, जिससे गांवों की सड़कों की हालत बदतर हो गई है और वातावरण में धूल एवं प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है. इस खनन और परिवहन से न केवल पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों की जान-माल की भी क्षति हो रही है। पचुवाड़ा कोयला खान-परिवहन प्रभावित संघ के बैनर तले एक आम सूचना जारी कर कंपनी और सरकार से 11 सूत्री मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की गयी है।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
दुमका : विश्व पर्यावरण दिवस पर विभिन्न संगठनों ने हरियाली का दिया संदेश, पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
दुमका : विश्व पर्यावरण दिवस पर दुमका में विभिन्न संघ, संगठन व संस्थानों द्वारा पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने समाहरणालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पर्यावरण की महत्ता समझाते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने और उनका संरक्षण करने की अपील की। उपायुक्त श्री सिन्हा ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति को पौधारोपण करना चाहिए। एक छोटा सा प्रयास भी आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। इस अवसर पर समाहरणालय के कई पदाधिकारी एवं कर्मी भी उपस्थित रहे। आसनसोल दुमका में नवनिर्मित सिदो कान्हू उच्च विद्यालय भवन के प्रांगण में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर सिदो कान्हू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य देवप्रिय मुखर्जी, सीसीए के विभाग अध्यक्ष सुनील कुमार, लीलाचल भंडारी, चतुर्थवर्गी कर्मचार अरुण केवट, पियारुल शेख एवं अन्य कर्मचारी गण उपस्थित थे। वृक्षारोपण के बाद प्राचार्य देवप्रिय मुखर्जी ने कहा कि बढ़ती प्रदूषण एवं ग्लोबल वार्मिंग के कारण हमारे पर्यावरण की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अतः अधिक से अधिक पेड़ लगाकर एवं लोगों को जागरुक कर पर्यावरण संरक्षण में हम अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। शिव पहाड़ स्थित गिधनी प्रभुग्राम में योग शिक्षक संतोष कुमार गोस्वामी ने फलदार पौघा लगा कर अपना जन्मोत्सव भी मनाया। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सिर्फ व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक पर फोटो साझा कर पर्यावरण दिवस मनाने से अच्छा है कि इस दिवस को धरातल पर लाया जाए। कहा कि अपने एवं परिवार के सदस्यों के जन्म दिवस पर, पूर्णिमा, एकादशी आदि बहुत सारे आयोजनों के अवसर पर मुहिम के साथ एक वृक्ष मां के नाम का पालन करते हुए वृक्ष लगाने का संकल्प लेने की जरूरत है ताकि पर्यावरण दिवस वाकई हमारे लिए एक हरियाली लेकर आए। गांदो स्थित कल्याण अस्पताल में अस्पताल प्रबंधक बिपीन शर्मा के नेतृत्व में पौधारोपण कर आसपास के इलाके को हरा भरा रखने का संकल्प लिया गया। मौके पर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)