बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।

बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, निर्वाचन आयोग की लिंक पर चेक कर सकते हैं अपना नाम

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चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कई महीनों से जारी एसआईआर प्रक्रिया के बाद फाइनल मतदाता सूची जारी कर दी है। आयोग ने यह जानकारी अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। कोई भी वोटर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के जरिए से वोटर लिस्ट में अपना डिटेल देख सकता है।

14 लाख से अधिक नए मतदाता लिस्ट में

चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद करीब सात करोड़ 30 लाख से अधिक मतदाताओं की फाइनल सूची जारी की गई। खास बात यह है कि इस बार वोटर लिस्ट में करीब 14 लाख से अधिक नए मतदाता भी शामिल हुए। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है। इधर, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा दी है। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवा दी गई।

बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर कर जानकारी दी गयी। पोस्ट में लिखा गया- विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर को अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। कोई भी मतदाता दिए गए लिंक https://voters.eci.gov.in/ के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम का विवरण देख सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया। कोई भी मतदाता इलेक्शन कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वोटर लिस्ट में अपने नाम का डिटेल देख सकता है। बिहार के वोटर ceoelection.bihar.gov.in या voters.eci.gov.in पर जाकर अपना जिला, विधानसभा क्षेत्र और बूथ चुनकर पीडीएफ लिस्ट डाउनलोड कर सकते हैं। या फिर वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप से भी पूरी सूची आसानी से देखी और डाउनलोड की जा सकती है।

बता दें कि बिहार में एसआईआर को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई, बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। सबसे ज्यादा विवाद पहचान पत्र को लेकर रहा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को भी पहचान पत्र के तौर पर मंजूरी दी, तब जाकर मामला थोड़ा ठंडा हुआ। इसके बाद आज फाइनल वोटर लिस्ट जारी की गई।अब इसी के आधार पर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कराए जाएंगे।

बिहार में चुनाव आयोग आज जारी करेगा नई मतदाता सूची, जानें कैसे चेक करेंगे अपना नाम

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बिहार की विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी करने जा रही है। विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के बाद आज अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा रहा है। 1 अगस्त को प्रारूपिक मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद नागरिकों और राजनीतिक दलों को 1 सितंबर तक सुधार के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया गया। प्रारूपिक सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे।।

चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि 30 सितंबर कोर अंतिम मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा देगी। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवाई जाएगी।

अपना नाम ऑनलाइन कैसे देखें?

तकनीकी सुविधा के चलते अब मतदाता अपने नाम और विवरण ऑनलाइन भी देख सकते हैं।

• सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर जाएं।

• यहां Search in Electoral Roll ऑप्शन पर क्लिक करें।

• मतदाता पहचान पत्र या नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि जैसी जानकारी भरकर खोज की जा सकती है।

• इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए भी यह सुविधा उपलब्ध है।

अगर छूट गया है नाम तो क्या करना होगा?

राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद भी जिन नागरिकों के नाम इसमें दर्ज नहीं हैं, वे अब भी अपना नाम शामिल करा सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए उन्हें फॉर्म-6 भरकर अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सरल और पारदर्शी बनाई गई है। नागरिक चाहें तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए थे

निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून माह में की थी। इस कार्य से पहले 7 करोड़ 89 लाख मतदाता थे। इसके पुनरीक्षण कार्य के बाद कुल 65 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे थे। इनमें 22 लाख से अधित मृत मतदाता, करीब 35 लाख विस्थापित मतदाता थे। वहीं करीब सात लाख लोग ऐसे मतदाता थे, जिनका नाम दो जगह दर्ज था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन्हें दावा आपत्ति के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।

फाइनल वोटर लिस्ट के बाद तारीखों की घोषणा

एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की तारीखें मंगलवार 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची (फाइनल वोटर लिस्ट) प्रकाशित होने के ठीक बाद घोषित की जाएंगी। रिपोर्ट बताती है कि मतदान का पहला चरण छठ महापर्व के बाद अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। छठ पूजा 25 से 28 अक्तूबर तक मनाई जाएगी, जिसका मतलब है कि बिहार में चुनाव या तो अक्तूबर के अंतिम दिनों में या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू होंगे। बता दें, मौजूदा बिहार सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

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पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक आज, दिल्ली के बदले बिहार में मंथन के क्या है सियासी मायने?

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पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस इस बार बड़ी गंभीर है। राहुल गांधी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। ऐसे में आज बिहार की राजधानी पटना में होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। यही नहीं, आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा देशभर के करीब 170 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

देशभर के 170 से ज्यादा नेताओं का जुटान

सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार सहित ज्यादातर वरीय नेता पटना पहुंच गए हैं। वहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज पटना पहुंचेंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया भी शिरकत करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, सीएलपी लीडर, सांसद और विधायक भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे। बैठक में देशभर के 170 से ज्यादा नेता, तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।

तेलंगाना की तर्ज पर बनेगी रणनीति

पार्टी का दावा है कि यह बैठक बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन का नया अध्याय लिख सकती है। पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक ऐतिहासिक मानी जा रही है। पार्टी का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है और तेलंगाना की तरह यहां भी रणनीति बनाने का दावा किया जा रहा है।

कांग्रेस ने कहा 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई'

बता दें कि इससे पहले 1940 में पटना कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर बिहार कांग्रेस के नेता 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई' बता रहे हैं। जिसके ज़रिए कांग्रेस आज़ादी की दूसरी लड़ाई का बिगुल फूंकना चाहती है। उसका कहना है कि बमुश्किल मिली आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान को वोट चोरी के ज़रिए छीनने की बीजेपी को कोशिश से आज़ादी की लड़ाई की तर्ज पर ही लड़ा जाएगा। इस नारे के साथ कि तब लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

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बिहार में पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर नया सियासी बवाल, जानें क्या है पूरा मामला

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हवा गर्म होती जा रही है। चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन को लेकर उबाल बढ़ता जा रहा है। पहले जहां कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर अभद्र भाषा के इस्तेमाल का मामला सुर्खियों में था। इस विवाद के बीच कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक एआई जेनेरेटेड वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस वीडियो में पीएम मोदी को सपने में अपनी दिवंगत मां से डांट सुनते हुए दिखाया गया है। जिसके बाद बिहार का सियासी पारा हाई हो गया है।

AI जेनेरेटेड वीडियो में क्या?

एआई से बने इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोते हुए दिखाया गया है। तभी सपने में उनकी मां हीराबेन आती हैं और उन्हें उनकी राजनीति पर डांटती हैं। वीडियो में हीराबेन कहती हैं, “अरे बेटा, पहले तो तुम ने मुझे नोट बंदी की लंबी लाइन में खड़ा किया। अब बिहार में मेरे नाम पर राजनीति कर रहे हो। तुम मेरे अपमान के बैनर-पोस्टर छपवा रहे हो। तुम फिर से बिहार में नौटंकी करने की कोशिश कर रहे हो। राजनीति के नाम पर कितना गिरोगे।”

बीजेपी बोली-'गालियों' की कांग्रेस

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इस वीडियो को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर पीएम मोदी की मां का अपमान कर रही है। यह अब गांधी की कांग्रेस नहीं रही, यह 'गालियों' की कांग्रेस बन गई है। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इस वीडियो को लेकर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी की मां, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनका अपमान किया है। कांग्रेस के नेताओं को इस वीडियो के लिए माफी मांगनी चाहिए।

अगस्त से जारी है पीएम और उनकी मां को लेकर विवाद

पिछले महीने जब राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे थे तो उस दौरान दरभंगा में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस घटना के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। इस घटना के सामने आने के बाद पीएम मोदी ने भी कांग्रेस और राजद पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं। राजनीति से कोई लेना-देना न होने के बावजूद भी मेरी मां को कांग्रेस-राजद के मंच से घिनौनी गालियां दी गईं। यह बेहद दुखद, दर्दनाक और व्यथित करने वाली बात है।

महागठबंधन में जेएमएम की एंट्री, बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का मिला मौका, सीट शेयरिंग की डेट भी हुई फाइनल

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में संपन्न हुए वोटर अधिकार यात्रा के दौरान लालू यादव से आशीर्वाद लिया था और जनता से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की थी। इस दौरान हेमंत सोरेन ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन में शामिल होने इच्छा भी जाहिर की थी। इब तय हो गया है कि तय हो गया कि झामुमो भी महागठबंधन के बैनर तले ही चुनाव लड़ेगा।

महागठबंधन को मिला जेएमएम-रालोजपा का साथ

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग और नए दलों के जुड़ने को लेकर हलचल बढ़ गई है। इसी बीच शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की बड़ी बैठक हुई। बैठक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के साथ ही बड़ा फैसला लिया गया कि अब झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) भी महागठबंधन का हिस्सा होंगे।

8 दोलों के बीच होगा 243 सीटों का बंटवारा

बिहार में महागठबंधन में अब तक 6 दल थे। आरजेडी के साथ कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी। अब रालोजपा और जेएमएम के महागठबंधन में आने के बाद घटक दलों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। मतलब अब बिहार की 243 विधानसभा सीटों को इंडिया गठबंधन के 8 घटक दलों के बीच बांटा जाएगा

15 सितंबर को सीट शेयरिंग का ऐलान

सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है और आगामी 15 सितंबर को इसकी औपचारिक घोषणा होगी। पिछली बार राजद ने 144, कांग्रेस ने 70 और वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उस समय वीआईपी गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। इस बार वीआईपी 60 सीटों का दावा कर रही है, जबकि वाम दल 40 सीटों की मांग कर रहे हैं। नए दलों के शामिल होने से सीट शेयरिंग पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

अक्टूबर में होगी बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा, जानें संभावित तारीख

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। हालांकि, अब तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में विधानसभा चुनाव छठ पूजा के बाद हो सकते हैं। साथ ही माना जा रहा है कि बिहार में इस बार दो या तीन चरणों में मतदान कराया जाएगा।

22 नवंबर तक पूरी हो सकती है चुनावी प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद चुनाव की घोषणा होगी। पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर की तय समय-सीमा से पहले ही पूरी कर ली जाएगी। कहा जा रहा है कि नवंबर में दो या तीन चरणों में बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो सकती है। सूत्रों की मानें तो 15 से 20 नवंबर के बीच मतगणना भी संभव है।

30 सितंबर को जारी हो सकती है वोटर लिस्ट

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटर लिस्ट 30 सितंबर को जारी की जा सकती है। वोटर लिस्ट जारी होने के बाद भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। अगर अक्टूबर के पहले हफ़्ते में चुनाव का ऐलान होता है तो 30 दिनों के बाद ही चुनाव कराया जा सकता है। छठ 26 और 27 अक्टूबर को है। तो ऐसे में मना जा रहा है कि नवंबर के पहले हफ्ते में पहले चरण का चुनाव हो सकता है।

पिछली बार कब हुआ था चुनाव?

बिहार में पिछली बार यानी कि साल 2020 में 243 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हुए थे। पहले चरण में 71 सीटों के लिए चुनाव 28 अक्तूबर, 94 सीटों पर दूसरे चरण का चुनाव 3 नवंबर, बची हुईं 78 सीटों पर तीसरे चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ था। वोंटों की गिनती 10 नवंबर को शुरू हुई थी। 2020 चुनाव में बीजेपी, 74 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर रही थी। इसे 43 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने 19 सीटें जीती। सभी वाम दलों ने कुल 16 सीटें जीती थी। सबसे ज्‍यादा भाकपा माले ने 12 सीटें जीती थीं।

झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ठोकी ताल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द होगी बात

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बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी ताल ठोक दी है। जेएमएम बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झामुमो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगी। पार्टी ने अपनी इच्छा महागठबंधन के घटक दलों को बता दी है। यह जानकारी झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बिहार में विधानसभावार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झारखंड में झामुमो कांग्रेस, राजद और माले के साथ गठबंधन में है। अब इन दलों के नेतृत्व को अंतिम फैसला करना है। भट्टाचार्य ने कहा कि औपचारिक घोषणा होने पर तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन यह तय है कि झामुमो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत में सहयोग करेगी।

जेएमएम ने 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा

बताया जा रहा है कि झामुमो ने इस बार बिहार में सक्रिय दावेदारी पेश करते हुए 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में अपने बिहार प्रवास के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी भाग लिया था। सीएम हेमंत सोरेन के पटना प्रवास के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने झामुमो की तैयारी और 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा।

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति!

झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में हमारी हिस्सेदारी तय हो गई है। हमारी राजनीतिक क्षमता के अनुसार मान-सम्मान मिलेगा. हमने 12 सीटों की सूची सौंपी है, जिनमें से 8 पर हमारा मजबूत जनाधार है। सीट शेयरिंग पर सकारात्मक बातें हुई हैं, अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी है।

जेएमएम को मिल सकेंगी इतनी सीटें

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में पहले से मौजूद राजद और कांग्रेस जैसे मजबूत घटक दल अपने हिस्से की सीटें कम नहीं करेंगे। ऐसे में झामुमो को एक या दो से अधिक सीटें मिलना मुश्किल माना जा रहा है। पिछले चुनाव में तो झामुमो को गठबंधन में एक भी सीट नहीं दी गई थी। वजह यह बताई गई थी कि झामुमो का बिहार में मजबूत संगठन और वोट बैंक मौजूद नहीं है।

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बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

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बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, निर्वाचन आयोग की लिंक पर चेक कर सकते हैं अपना नाम

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14 लाख से अधिक नए मतदाता लिस्ट में

चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद करीब सात करोड़ 30 लाख से अधिक मतदाताओं की फाइनल सूची जारी की गई। खास बात यह है कि इस बार वोटर लिस्ट में करीब 14 लाख से अधिक नए मतदाता भी शामिल हुए। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है। इधर, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा दी है। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवा दी गई।

बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर कर जानकारी दी गयी। पोस्ट में लिखा गया- विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर को अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। कोई भी मतदाता दिए गए लिंक https://voters.eci.gov.in/ के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम का विवरण देख सकते हैं।

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बिहार में चुनाव आयोग आज जारी करेगा नई मतदाता सूची, जानें कैसे चेक करेंगे अपना नाम

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बिहार की विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी करने जा रही है। विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के बाद आज अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा रहा है। 1 अगस्त को प्रारूपिक मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद नागरिकों और राजनीतिक दलों को 1 सितंबर तक सुधार के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया गया। प्रारूपिक सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे।।

चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि 30 सितंबर कोर अंतिम मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा देगी। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवाई जाएगी।

अपना नाम ऑनलाइन कैसे देखें?

तकनीकी सुविधा के चलते अब मतदाता अपने नाम और विवरण ऑनलाइन भी देख सकते हैं।

• सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर जाएं।

• यहां Search in Electoral Roll ऑप्शन पर क्लिक करें।

• मतदाता पहचान पत्र या नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि जैसी जानकारी भरकर खोज की जा सकती है।

• इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए भी यह सुविधा उपलब्ध है।

अगर छूट गया है नाम तो क्या करना होगा?

राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद भी जिन नागरिकों के नाम इसमें दर्ज नहीं हैं, वे अब भी अपना नाम शामिल करा सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए उन्हें फॉर्म-6 भरकर अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सरल और पारदर्शी बनाई गई है। नागरिक चाहें तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए थे

निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून माह में की थी। इस कार्य से पहले 7 करोड़ 89 लाख मतदाता थे। इसके पुनरीक्षण कार्य के बाद कुल 65 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे थे। इनमें 22 लाख से अधित मृत मतदाता, करीब 35 लाख विस्थापित मतदाता थे। वहीं करीब सात लाख लोग ऐसे मतदाता थे, जिनका नाम दो जगह दर्ज था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन्हें दावा आपत्ति के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।

फाइनल वोटर लिस्ट के बाद तारीखों की घोषणा

एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की तारीखें मंगलवार 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची (फाइनल वोटर लिस्ट) प्रकाशित होने के ठीक बाद घोषित की जाएंगी। रिपोर्ट बताती है कि मतदान का पहला चरण छठ महापर्व के बाद अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। छठ पूजा 25 से 28 अक्तूबर तक मनाई जाएगी, जिसका मतलब है कि बिहार में चुनाव या तो अक्तूबर के अंतिम दिनों में या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू होंगे। बता दें, मौजूदा बिहार सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

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पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक आज, दिल्ली के बदले बिहार में मंथन के क्या है सियासी मायने?

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पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस इस बार बड़ी गंभीर है। राहुल गांधी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। ऐसे में आज बिहार की राजधानी पटना में होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। यही नहीं, आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा देशभर के करीब 170 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

देशभर के 170 से ज्यादा नेताओं का जुटान

सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार सहित ज्यादातर वरीय नेता पटना पहुंच गए हैं। वहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज पटना पहुंचेंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया भी शिरकत करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, सीएलपी लीडर, सांसद और विधायक भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे। बैठक में देशभर के 170 से ज्यादा नेता, तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।

तेलंगाना की तर्ज पर बनेगी रणनीति

पार्टी का दावा है कि यह बैठक बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन का नया अध्याय लिख सकती है। पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक ऐतिहासिक मानी जा रही है। पार्टी का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है और तेलंगाना की तरह यहां भी रणनीति बनाने का दावा किया जा रहा है।

कांग्रेस ने कहा 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई'

बता दें कि इससे पहले 1940 में पटना कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर बिहार कांग्रेस के नेता 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई' बता रहे हैं। जिसके ज़रिए कांग्रेस आज़ादी की दूसरी लड़ाई का बिगुल फूंकना चाहती है। उसका कहना है कि बमुश्किल मिली आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान को वोट चोरी के ज़रिए छीनने की बीजेपी को कोशिश से आज़ादी की लड़ाई की तर्ज पर ही लड़ा जाएगा। इस नारे के साथ कि तब लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

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बिहार में पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर नया सियासी बवाल, जानें क्या है पूरा मामला

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हवा गर्म होती जा रही है। चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन को लेकर उबाल बढ़ता जा रहा है। पहले जहां कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर अभद्र भाषा के इस्तेमाल का मामला सुर्खियों में था। इस विवाद के बीच कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक एआई जेनेरेटेड वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस वीडियो में पीएम मोदी को सपने में अपनी दिवंगत मां से डांट सुनते हुए दिखाया गया है। जिसके बाद बिहार का सियासी पारा हाई हो गया है।

AI जेनेरेटेड वीडियो में क्या?

एआई से बने इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोते हुए दिखाया गया है। तभी सपने में उनकी मां हीराबेन आती हैं और उन्हें उनकी राजनीति पर डांटती हैं। वीडियो में हीराबेन कहती हैं, “अरे बेटा, पहले तो तुम ने मुझे नोट बंदी की लंबी लाइन में खड़ा किया। अब बिहार में मेरे नाम पर राजनीति कर रहे हो। तुम मेरे अपमान के बैनर-पोस्टर छपवा रहे हो। तुम फिर से बिहार में नौटंकी करने की कोशिश कर रहे हो। राजनीति के नाम पर कितना गिरोगे।”

बीजेपी बोली-'गालियों' की कांग्रेस

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इस वीडियो को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर पीएम मोदी की मां का अपमान कर रही है। यह अब गांधी की कांग्रेस नहीं रही, यह 'गालियों' की कांग्रेस बन गई है। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इस वीडियो को लेकर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी की मां, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनका अपमान किया है। कांग्रेस के नेताओं को इस वीडियो के लिए माफी मांगनी चाहिए।

अगस्त से जारी है पीएम और उनकी मां को लेकर विवाद

पिछले महीने जब राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे थे तो उस दौरान दरभंगा में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस घटना के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। इस घटना के सामने आने के बाद पीएम मोदी ने भी कांग्रेस और राजद पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं। राजनीति से कोई लेना-देना न होने के बावजूद भी मेरी मां को कांग्रेस-राजद के मंच से घिनौनी गालियां दी गईं। यह बेहद दुखद, दर्दनाक और व्यथित करने वाली बात है।

महागठबंधन में जेएमएम की एंट्री, बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का मिला मौका, सीट शेयरिंग की डेट भी हुई फाइनल

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में संपन्न हुए वोटर अधिकार यात्रा के दौरान लालू यादव से आशीर्वाद लिया था और जनता से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की थी। इस दौरान हेमंत सोरेन ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन में शामिल होने इच्छा भी जाहिर की थी। इब तय हो गया है कि तय हो गया कि झामुमो भी महागठबंधन के बैनर तले ही चुनाव लड़ेगा।

महागठबंधन को मिला जेएमएम-रालोजपा का साथ

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग और नए दलों के जुड़ने को लेकर हलचल बढ़ गई है। इसी बीच शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की बड़ी बैठक हुई। बैठक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के साथ ही बड़ा फैसला लिया गया कि अब झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) भी महागठबंधन का हिस्सा होंगे।

8 दोलों के बीच होगा 243 सीटों का बंटवारा

बिहार में महागठबंधन में अब तक 6 दल थे। आरजेडी के साथ कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी। अब रालोजपा और जेएमएम के महागठबंधन में आने के बाद घटक दलों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। मतलब अब बिहार की 243 विधानसभा सीटों को इंडिया गठबंधन के 8 घटक दलों के बीच बांटा जाएगा

15 सितंबर को सीट शेयरिंग का ऐलान

सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है और आगामी 15 सितंबर को इसकी औपचारिक घोषणा होगी। पिछली बार राजद ने 144, कांग्रेस ने 70 और वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उस समय वीआईपी गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। इस बार वीआईपी 60 सीटों का दावा कर रही है, जबकि वाम दल 40 सीटों की मांग कर रहे हैं। नए दलों के शामिल होने से सीट शेयरिंग पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

अक्टूबर में होगी बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा, जानें संभावित तारीख

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। हालांकि, अब तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में विधानसभा चुनाव छठ पूजा के बाद हो सकते हैं। साथ ही माना जा रहा है कि बिहार में इस बार दो या तीन चरणों में मतदान कराया जाएगा।

22 नवंबर तक पूरी हो सकती है चुनावी प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद चुनाव की घोषणा होगी। पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर की तय समय-सीमा से पहले ही पूरी कर ली जाएगी। कहा जा रहा है कि नवंबर में दो या तीन चरणों में बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो सकती है। सूत्रों की मानें तो 15 से 20 नवंबर के बीच मतगणना भी संभव है।

30 सितंबर को जारी हो सकती है वोटर लिस्ट

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटर लिस्ट 30 सितंबर को जारी की जा सकती है। वोटर लिस्ट जारी होने के बाद भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। अगर अक्टूबर के पहले हफ़्ते में चुनाव का ऐलान होता है तो 30 दिनों के बाद ही चुनाव कराया जा सकता है। छठ 26 और 27 अक्टूबर को है। तो ऐसे में मना जा रहा है कि नवंबर के पहले हफ्ते में पहले चरण का चुनाव हो सकता है।

पिछली बार कब हुआ था चुनाव?

बिहार में पिछली बार यानी कि साल 2020 में 243 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हुए थे। पहले चरण में 71 सीटों के लिए चुनाव 28 अक्तूबर, 94 सीटों पर दूसरे चरण का चुनाव 3 नवंबर, बची हुईं 78 सीटों पर तीसरे चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ था। वोंटों की गिनती 10 नवंबर को शुरू हुई थी। 2020 चुनाव में बीजेपी, 74 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर रही थी। इसे 43 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने 19 सीटें जीती। सभी वाम दलों ने कुल 16 सीटें जीती थी। सबसे ज्‍यादा भाकपा माले ने 12 सीटें जीती थीं।

झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ठोकी ताल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द होगी बात

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बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी ताल ठोक दी है। जेएमएम बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झामुमो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगी। पार्टी ने अपनी इच्छा महागठबंधन के घटक दलों को बता दी है। यह जानकारी झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बिहार में विधानसभावार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झारखंड में झामुमो कांग्रेस, राजद और माले के साथ गठबंधन में है। अब इन दलों के नेतृत्व को अंतिम फैसला करना है। भट्टाचार्य ने कहा कि औपचारिक घोषणा होने पर तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन यह तय है कि झामुमो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत में सहयोग करेगी।

जेएमएम ने 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा

बताया जा रहा है कि झामुमो ने इस बार बिहार में सक्रिय दावेदारी पेश करते हुए 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में अपने बिहार प्रवास के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी भाग लिया था। सीएम हेमंत सोरेन के पटना प्रवास के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने झामुमो की तैयारी और 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा।

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति!

झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में हमारी हिस्सेदारी तय हो गई है। हमारी राजनीतिक क्षमता के अनुसार मान-सम्मान मिलेगा. हमने 12 सीटों की सूची सौंपी है, जिनमें से 8 पर हमारा मजबूत जनाधार है। सीट शेयरिंग पर सकारात्मक बातें हुई हैं, अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी है।

जेएमएम को मिल सकेंगी इतनी सीटें

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में पहले से मौजूद राजद और कांग्रेस जैसे मजबूत घटक दल अपने हिस्से की सीटें कम नहीं करेंगे। ऐसे में झामुमो को एक या दो से अधिक सीटें मिलना मुश्किल माना जा रहा है। पिछले चुनाव में तो झामुमो को गठबंधन में एक भी सीट नहीं दी गई थी। वजह यह बताई गई थी कि झामुमो का बिहार में मजबूत संगठन और वोट बैंक मौजूद नहीं है।