चुनावी हार के बाद पहली बार सामने आए प्रशांत किशोर, बोले-हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी, करूंगा प्रायश्चित

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बिहार चुनाव में करारी हार के बाद प्रशांत किशोर मंगलवार को पहली बार जनता के सामने आए। प्रशांत किशोर आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता से माफी मांगी और अपनी नाकामी की जिम्मेदारी खुद ली। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया वो राजनीति से संन्यास लेने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को बेहतर बनाने का उनका संकल्प पहले से भी अधिक मजबूत है। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे।

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हम विश्वास नहीं जीत पाए-पीके

प्रशांत किशोर ने पटना में पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि हमलोगों से जरूर कुछ गलती हुई है। इसलिए ऐसा परिणाम दिया। जनता ने हमलोगों को नहीं चुना। जनता ने हमलोगों पर विश्वास नहीं दिखाया। इस हार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है। जिस प्रयास से हमलोग जुड़े थे, उनका विश्वास नहीं जीत पाया। हमलोग सामूहिक तौर पर हारे हैं।

एक दिन के मौन व्रत का ऐलान

पीके ने कहा, हम लोगों से जो गलती हुई है, मैं विनम्रता से माफ़ी मांगता हूं। 20 को भीतरहरवा आश्रम से प्रायश्चित के तौर पर सामूहिक मौन उपवास रखूंगा एक दिन के लिए। गलती हो सकती है, लेकिन गुनाह नहीं किया, वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है। जहां जाति की राजनीति चलती रही है, धर्म की राजनीति रही है, वहां जाति धर्म के आधार पर बांटने का गुनाह नहीं किया हूं।"

मैंने कोई गुनाह नहीं किया-पीके

प्रशांत किशोर ने कहा कि गलती हो सकती है। लेकिन, हमने गुनाह नहीं किया है। मैं सिर उठाकर कह सकता हूं कि मैंने कोई गुनाह नहीं किया है। मैंने जातियों का जहर फैलाने का गुनाह नहीं किया। मैंने जनता का मत खरीदने की कोशिश नहीं की। जिस तरह महाभारत में अभिमन्यु को घेरकर छल से मार दिया गया। लेकिन, महाभारत नहीं जीता नहीं गया। जीत उसकी ही हुई जो धर्म के साथ थे।

पीछे नहीं हटेंगे-पीके

पीके ने आगे कहा, हमलोग फिर से खड़े होंगे। हमलोग जब तक जीतेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। जब तक व्यवस्था को सुधार नहीं देते तब तक पीछे नहीं हटेंगे। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे किसी पद पर नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति छोड़ सकता हूं, लेकिन बिहार को नहीं छोड़ूंगा।

कोडरमा के समाहरणालय सभागार में राजस्व मामलों पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

हजारीबाग उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले कोडरमा जिले के समाहरणालय सभागार में आज उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार की अध्यक्षता में राजस्व संबंधी मामलों पर एकदिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और राजस्व मामलो से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

कार्यशाला में The Bihar Tenants Holding (Maintenance of Records) Act, 1973 की धारा 14, 15, 16 एवं 18, CNT Act, 1908 की धारा 46 एवं 49 तथा BLR Act, 1950 की धारा 4(h) के , Bihar Tenants Holdings ( Maintenance of Record) Act, 1973, JBCA , Khas Mahal Land के विभिन्न प्रावधानों तथा उसके अंतर्गत लंबित केस हिस्ट्री की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त CNT Act, 1908 के सभी 13 संशोधनों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।

बैठक में भूमि हस्तांतरण, भूमि अधिग्रहण, बंदोबस्ती, लीज, दाखिल-खारिज, केवाला, खतियान जमाबंदी, एसी कोर्ट/डीसी कोर्ट मामलों, भूमि वापसी से जुड़े आदेशों, उत्तराधिकार, वंशावली, पारिवारिक प्रमाण पत्र एवं अन्य राजस्व मामलों पर विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।

प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार ने अंचलवार व विभागवार लंबित प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा की तथा मामलों के निष्पादन में आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को विभिन्न नियमों एवं प्रक्रियाओं की जानकारी देते हुए मामलों के समयबद्ध निष्पादन पर विशेष जोर दिया। आयुक्त ने कहा कि राजस्व मामलों का निष्पादन उच्च प्राथमिकता से किया जाए, क्योंकि ये सीधे आम जनता से जुड़े होते हैं। सभी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। कार्यशाला का समापन सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देशों के साथ किया गया, ताकि राजस्व मामलों के निपटान की गति एवं गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।

कार्यशाला में उपायुक्त ऋतुराज, उप विकास आयुक्त श्री रवि जैन, अपर समाहर्ता श्रीमती पूनम कुजूर, अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती रिया सिंह, प्रभारी विधि शाखा श्री प्रदीप कुमार शुक्ला, जिला भु-अर्जन पदाधिकारी श्री ओम प्रकाश मंडल समेत अंचल अधिकारी व अन्य मौजूद रहे।

क्या बिहार के बाद बंगाल में बजेगा बीजेपी का डंका? ममता का किला भेदना आसान नहीं

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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर एलान किया कि अब भाजपा का अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। मोदी ने पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव में जंगलराज समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है। गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित है। नए साल की शुरुआत से राज्य में चुनावी घमासान शुरू हो सकता है। बता दें पश्चिम बंगाल में बीजेपी मुख्य विपक्षी दल है।

बिहार में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है। इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जिस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं वह भारतीय जनता पार्टी के लिए नई रणनीति का नया स्वरूप जरूर खड़ा कर रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी 2026 के मार्च अप्रैल महीने में होने वाले पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर अभी से जीत का दावा करना शुरू कर चुकी है।

पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेता कर रहे दावे

बिहार में नतीजों के बाद बीजेपी पश्चिम बंगाल को अपना अगला लक्ष्य बता रही है। पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने पश्चिम बंगाल को जीतने का दावा किया है। पार्टी के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर दावा क‍िया क‍ि वहाँ पार्टी की जीत होगी।

बीजेपी के दावों की क्या है वजह

बीजेपी के बंगाल जीतने के दावों की एक बड़ी वजह है पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का बिगड़ना। बिहार में नीतीश कुमार का गद्दी पर बैठना उनके सुशासन के संकल्प का एक बड़ा उदाहरण बताया जा रहा है। अब पश्चिम बंगाल से जंगल राज को खत्म करने की रणनीति राजनीति का मुख्य हिस्सा बन रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के राजनीति का आधार भी पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से बलात्कार, हिंदू मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति, एसआईआर का विरोध, बीजेपी के लिए मजबूत राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए जो मुद्दे हैं, बिहार में उन्हीं मुद्दों को हराकर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीती है।

टीएमसी ने बीजेपी के दावे को खारिज किया

हालांकि, टीएमसी ने बीजेपी के दावे को खारिज कर दा है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने एक पोस्‍ट में कहा, "बंगाल की राजनीतिक क़‍िस्मत पटना या दिल्ली में नहीं लिखी जाती। यह यहाँ लिखी जाती है, उन लोगों द्वारा जिन्होंने बार-बार बीजेपी की बाँटने वाली राजनीति को नकारा है और ममता बनर्जी पर भरोसा जताया है। साल 2026 में बीजेपी का वही अंजाम होगा, जो हमेशा बंगाल में होता आया है– नाकामी और अप्रासंगिकता।

2011 से सत्ता में है टीएमसी

लंबे समय तक वामदलों के गढ़ रहे पश्चिम बंगाल में साल 2011 में सत्ता परिवर्तन हुआ था। इस चुनाव में बीजेपी को 184 सीटें मिली थीं। ममता बनर्जी पहली बार राज्य की सीएम बनी थीं। इसके बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 2016 में फिर से जीत हासिल की थी। तब पार्टी को 211 सीटें मिली थी। ममता बनर्जी दूसरी बार राज्य की सीएम बनी थीं। 2021 में लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। टीएमसी ने अपने प्रदर्शन को और बेहतर करते हुए 215 सीटें जीती थीं। ऐसे में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी राज्य में जीत की हैट्रिक जड़ चुकी है। 2026 के चुनावों में टीएमसी का मुकाबला बीजेपी से होगा

बिहार में नई सरकार बनाने की कवायद तेज, मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय, जानें किस दल से कितने होंगे मंत्री?

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बिहार में अब नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। जेडीयू ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। कल यानी सोमवार को बीजेपी विधायक दल की भी बैठक हो सकती है। नीतीश कुमार 17 नवंबर को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और इसी दिन नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं। सीएम हाउस के सूत्रों की मानें तो 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

नई सरकार के गठन के कवायद के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है- नई सरकार की कैबिनेट कैसी होगी और किस दल से कितने मंत्री शामिल किए जाएंगे?

मंत्रालयों के बंटवारे का फॉर्मूला तय

सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के घटक दलों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे पर प्राथमिक सहमति बन चुकी है। हालांकि अंतिम घोषणा से पहले मामूली फेरबदल की संभावना बनी हुई है। सूत्रों से मिले रिपोर्ट के अनुसार बिहार में एनडीए घटक से मंत्री बनाए जाने के लिए 6-1 का फॉर्मूला लागू किया जाएगा। यानी 6 विधायक पर एक मंत्री सरकार के मंत्री मंडल में शामिल हो सकते हैं।

30-32 मंत्रियों का हो सकता है मंत्रिमंडल

सूत्रों की मानें तो इस बार 30-32 मंत्रियों का मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें जेडीयू और बीजेपी के बराबर-बराबर मंत्री हो सकते हैं। इनके अलावा चिराग पासवान की पार्टी को 3 मंत्री पद, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। विधानसभा के मौजूदा नंबर के हिसाब से बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

किस दल के कितने मंत्री?

जदयू: सीएम नीतीश कुमार के अलावा 13-14 विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं।

बीजेपी: विधायकों की संख्या के आधार पर 15 से 16 मंत्रियों की संभावना है।

लोजपा (आर): चिराग पासवान की पार्टी से 3 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं।

हम और रालोमो: इन दोनों दलों से एक–एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

फिर से दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा

बिहार में एक बार फिर से दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा है, लेकिन दोनों बीजेपी की जगह एक डिप्टी सीएम पद पर एलजेपी (R) भी दावेदारी कर रही है। फिलहाल कैमरे पर सीधे बोलने की बजाय वे दबी जुबान ये बातें कर रहे है। हालांकि, नीतीश कुमार सीएम होंगे तो डिप्टी सीएम कौन होगा ये बीजेपी ही तय करेगी।

यह सुशासन, विकास की जीत…बिहार चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया

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बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार आ रही है। विधानसभा चुनाव-2025 में बीजेपी-जेडीयू को बंपर वोट मिला है। गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है। बिहार चुनाव के नतीजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन और विकास की जीत बताया है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव के नतीजों पर लिखा कि 'सुशासन की जीत हुई है। विकास की जीत हुई है। जन-कल्याण की भावना की जीत हुई है। सामाजिक न्याय की जीत हुई है। बिहार के मेरे परिवारजनों का बहुत-बहुत आभार, जिन्होंने 2025 के विधानसभा चुनावों में एनडीए को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व जीत का आशीर्वाद दिया है। यह प्रचंड जनादेश हमें जनता-जनार्दन की सेवा करने और बिहार के लिए नए संकल्प के साथ काम करने की शक्ति प्रदान करेगा।'

पीएम ने जताया एनडीए के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं एनडीए के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अथक परिश्रम किया है। उन्होंने जनता के बीच जाकर हमारे विकास के एजेंडे को सामने रखा और विपक्ष के हर झूठ का मजबूती से जवाब दिया। मैं उनकी हृदय से सराहना करता हूं!'

पीएम मोदी ने नीतीश कुमार दी बधाई

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए ने राज्य का चौतरफा विकास किया है। लोगों ने हमारे ट्रैक रिकॉर्ड और राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के हमारे विजन को देखकर हमें भारी बहुमत दिया है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और एनडीए परिवार के हमारे सहयोगी चिराग पासवान जी, जीतन राम मांझी जी और उपेंद्र कुशवाहा जी को इस जबरदस्त जीत के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।

बढ़-चढ़कर काम करने का दिया भरोसा

पीएम मोदी ने लिखा कि आने वाले समय में हम बिहार के विकास, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और राज्य की संस्कृति को नई पहचान देने के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां की युवा शक्ति और नारी शक्ति को समृद्ध जीवन के लिए भरपूर अवसर मिले।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

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बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

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बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में इस बार किसकी सरकार? वोटों की गिनती शुरू, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती जारी

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। राज्य के 38 जिलों के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन रही है या फिर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है और तेजस्वी यादव सत्ता संभालेंगे।

सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। कुछ देर में अलग-अलग सीटों से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की नजर राघोपुर, तारापुर, सीवान से लेकर महुआ विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

एनडीए और महागठबंधन के बीच महामुकाबला

बिहार चुनाव में, मुकाबला मुख्य रूप से जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग कल, मतगणना से पहले कड़ी सुरक्षा में रखे गए EVM

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी शुक्रवार को आने हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में ईवीएम

राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों पर की शुक्रवार को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

सीसीटीवी से निगहबानी

स्ट्रॉन्ग रूम परिसर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेन्ट्रल आर्म्ड पैरामिलिट्री फोर्सेज (सीएपीएफ) को सौंपा गया है, जबकि बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस को दी गई है। इसके अलावा चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी और अन्य सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं।

हर स्ट्रांग रूम में एक कंट्रोल रूम

प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां वरिष्ठ अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे। एक बयान में कहा गया कि संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को प्रतिदिन स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया कि मॉक पोल के दौरान या मतदान के समय दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के साथ-साथ अप्रयुक्त मशीनों को अलग से सुरक्षित रखा गया है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के अनुमान

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान छह और 11 नवंबर को हुआ था। इस बार राज्य में 1951 के बाद का सबसे अधिक 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में चुनाव खत्म होने के बाद आए करीब एक दर्जन एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में एनडीए की वापसी का दावा किया जा रहा है। पोल में जदयू की सीटों में बढ़ोत्तरी का अनुमान व्यक्त किया गया है। मैट्रिज ने जदयू को 67 से 75 तो भाजपा को 65 से 73 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों ने दोनों दलों को करीब-करीब समान सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।

चुनावी हार के बाद पहली बार सामने आए प्रशांत किशोर, बोले-हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी, करूंगा प्रायश्चित

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बिहार चुनाव में करारी हार के बाद प्रशांत किशोर मंगलवार को पहली बार जनता के सामने आए। प्रशांत किशोर आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता से माफी मांगी और अपनी नाकामी की जिम्मेदारी खुद ली। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया वो राजनीति से संन्यास लेने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को बेहतर बनाने का उनका संकल्प पहले से भी अधिक मजबूत है। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे।

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हम विश्वास नहीं जीत पाए-पीके

प्रशांत किशोर ने पटना में पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि हमलोगों से जरूर कुछ गलती हुई है। इसलिए ऐसा परिणाम दिया। जनता ने हमलोगों को नहीं चुना। जनता ने हमलोगों पर विश्वास नहीं दिखाया। इस हार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है। जिस प्रयास से हमलोग जुड़े थे, उनका विश्वास नहीं जीत पाया। हमलोग सामूहिक तौर पर हारे हैं।

एक दिन के मौन व्रत का ऐलान

पीके ने कहा, हम लोगों से जो गलती हुई है, मैं विनम्रता से माफ़ी मांगता हूं। 20 को भीतरहरवा आश्रम से प्रायश्चित के तौर पर सामूहिक मौन उपवास रखूंगा एक दिन के लिए। गलती हो सकती है, लेकिन गुनाह नहीं किया, वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है। जहां जाति की राजनीति चलती रही है, धर्म की राजनीति रही है, वहां जाति धर्म के आधार पर बांटने का गुनाह नहीं किया हूं।"

मैंने कोई गुनाह नहीं किया-पीके

प्रशांत किशोर ने कहा कि गलती हो सकती है। लेकिन, हमने गुनाह नहीं किया है। मैं सिर उठाकर कह सकता हूं कि मैंने कोई गुनाह नहीं किया है। मैंने जातियों का जहर फैलाने का गुनाह नहीं किया। मैंने जनता का मत खरीदने की कोशिश नहीं की। जिस तरह महाभारत में अभिमन्यु को घेरकर छल से मार दिया गया। लेकिन, महाभारत नहीं जीता नहीं गया। जीत उसकी ही हुई जो धर्म के साथ थे।

पीछे नहीं हटेंगे-पीके

पीके ने आगे कहा, हमलोग फिर से खड़े होंगे। हमलोग जब तक जीतेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। जब तक व्यवस्था को सुधार नहीं देते तब तक पीछे नहीं हटेंगे। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे किसी पद पर नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति छोड़ सकता हूं, लेकिन बिहार को नहीं छोड़ूंगा।

कोडरमा के समाहरणालय सभागार में राजस्व मामलों पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

हजारीबाग उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले कोडरमा जिले के समाहरणालय सभागार में आज उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार की अध्यक्षता में राजस्व संबंधी मामलों पर एकदिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और राजस्व मामलो से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

कार्यशाला में The Bihar Tenants Holding (Maintenance of Records) Act, 1973 की धारा 14, 15, 16 एवं 18, CNT Act, 1908 की धारा 46 एवं 49 तथा BLR Act, 1950 की धारा 4(h) के , Bihar Tenants Holdings ( Maintenance of Record) Act, 1973, JBCA , Khas Mahal Land के विभिन्न प्रावधानों तथा उसके अंतर्गत लंबित केस हिस्ट्री की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त CNT Act, 1908 के सभी 13 संशोधनों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।

बैठक में भूमि हस्तांतरण, भूमि अधिग्रहण, बंदोबस्ती, लीज, दाखिल-खारिज, केवाला, खतियान जमाबंदी, एसी कोर्ट/डीसी कोर्ट मामलों, भूमि वापसी से जुड़े आदेशों, उत्तराधिकार, वंशावली, पारिवारिक प्रमाण पत्र एवं अन्य राजस्व मामलों पर विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।

प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार ने अंचलवार व विभागवार लंबित प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा की तथा मामलों के निष्पादन में आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को विभिन्न नियमों एवं प्रक्रियाओं की जानकारी देते हुए मामलों के समयबद्ध निष्पादन पर विशेष जोर दिया। आयुक्त ने कहा कि राजस्व मामलों का निष्पादन उच्च प्राथमिकता से किया जाए, क्योंकि ये सीधे आम जनता से जुड़े होते हैं। सभी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। कार्यशाला का समापन सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देशों के साथ किया गया, ताकि राजस्व मामलों के निपटान की गति एवं गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।

कार्यशाला में उपायुक्त ऋतुराज, उप विकास आयुक्त श्री रवि जैन, अपर समाहर्ता श्रीमती पूनम कुजूर, अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती रिया सिंह, प्रभारी विधि शाखा श्री प्रदीप कुमार शुक्ला, जिला भु-अर्जन पदाधिकारी श्री ओम प्रकाश मंडल समेत अंचल अधिकारी व अन्य मौजूद रहे।

क्या बिहार के बाद बंगाल में बजेगा बीजेपी का डंका? ममता का किला भेदना आसान नहीं

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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर एलान किया कि अब भाजपा का अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। मोदी ने पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव में जंगलराज समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है। गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित है। नए साल की शुरुआत से राज्य में चुनावी घमासान शुरू हो सकता है। बता दें पश्चिम बंगाल में बीजेपी मुख्य विपक्षी दल है।

बिहार में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है। इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जिस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं वह भारतीय जनता पार्टी के लिए नई रणनीति का नया स्वरूप जरूर खड़ा कर रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी 2026 के मार्च अप्रैल महीने में होने वाले पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर अभी से जीत का दावा करना शुरू कर चुकी है।

पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेता कर रहे दावे

बिहार में नतीजों के बाद बीजेपी पश्चिम बंगाल को अपना अगला लक्ष्य बता रही है। पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने पश्चिम बंगाल को जीतने का दावा किया है। पार्टी के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर दावा क‍िया क‍ि वहाँ पार्टी की जीत होगी।

बीजेपी के दावों की क्या है वजह

बीजेपी के बंगाल जीतने के दावों की एक बड़ी वजह है पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का बिगड़ना। बिहार में नीतीश कुमार का गद्दी पर बैठना उनके सुशासन के संकल्प का एक बड़ा उदाहरण बताया जा रहा है। अब पश्चिम बंगाल से जंगल राज को खत्म करने की रणनीति राजनीति का मुख्य हिस्सा बन रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के राजनीति का आधार भी पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से बलात्कार, हिंदू मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति, एसआईआर का विरोध, बीजेपी के लिए मजबूत राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए जो मुद्दे हैं, बिहार में उन्हीं मुद्दों को हराकर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीती है।

टीएमसी ने बीजेपी के दावे को खारिज किया

हालांकि, टीएमसी ने बीजेपी के दावे को खारिज कर दा है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने एक पोस्‍ट में कहा, "बंगाल की राजनीतिक क़‍िस्मत पटना या दिल्ली में नहीं लिखी जाती। यह यहाँ लिखी जाती है, उन लोगों द्वारा जिन्होंने बार-बार बीजेपी की बाँटने वाली राजनीति को नकारा है और ममता बनर्जी पर भरोसा जताया है। साल 2026 में बीजेपी का वही अंजाम होगा, जो हमेशा बंगाल में होता आया है– नाकामी और अप्रासंगिकता।

2011 से सत्ता में है टीएमसी

लंबे समय तक वामदलों के गढ़ रहे पश्चिम बंगाल में साल 2011 में सत्ता परिवर्तन हुआ था। इस चुनाव में बीजेपी को 184 सीटें मिली थीं। ममता बनर्जी पहली बार राज्य की सीएम बनी थीं। इसके बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 2016 में फिर से जीत हासिल की थी। तब पार्टी को 211 सीटें मिली थी। ममता बनर्जी दूसरी बार राज्य की सीएम बनी थीं। 2021 में लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। टीएमसी ने अपने प्रदर्शन को और बेहतर करते हुए 215 सीटें जीती थीं। ऐसे में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी राज्य में जीत की हैट्रिक जड़ चुकी है। 2026 के चुनावों में टीएमसी का मुकाबला बीजेपी से होगा

बिहार में नई सरकार बनाने की कवायद तेज, मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय, जानें किस दल से कितने होंगे मंत्री?

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बिहार में अब नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। जेडीयू ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। कल यानी सोमवार को बीजेपी विधायक दल की भी बैठक हो सकती है। नीतीश कुमार 17 नवंबर को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और इसी दिन नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं। सीएम हाउस के सूत्रों की मानें तो 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

नई सरकार के गठन के कवायद के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है- नई सरकार की कैबिनेट कैसी होगी और किस दल से कितने मंत्री शामिल किए जाएंगे?

मंत्रालयों के बंटवारे का फॉर्मूला तय

सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के घटक दलों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे पर प्राथमिक सहमति बन चुकी है। हालांकि अंतिम घोषणा से पहले मामूली फेरबदल की संभावना बनी हुई है। सूत्रों से मिले रिपोर्ट के अनुसार बिहार में एनडीए घटक से मंत्री बनाए जाने के लिए 6-1 का फॉर्मूला लागू किया जाएगा। यानी 6 विधायक पर एक मंत्री सरकार के मंत्री मंडल में शामिल हो सकते हैं।

30-32 मंत्रियों का हो सकता है मंत्रिमंडल

सूत्रों की मानें तो इस बार 30-32 मंत्रियों का मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें जेडीयू और बीजेपी के बराबर-बराबर मंत्री हो सकते हैं। इनके अलावा चिराग पासवान की पार्टी को 3 मंत्री पद, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। विधानसभा के मौजूदा नंबर के हिसाब से बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

किस दल के कितने मंत्री?

जदयू: सीएम नीतीश कुमार के अलावा 13-14 विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं।

बीजेपी: विधायकों की संख्या के आधार पर 15 से 16 मंत्रियों की संभावना है।

लोजपा (आर): चिराग पासवान की पार्टी से 3 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं।

हम और रालोमो: इन दोनों दलों से एक–एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

फिर से दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा

बिहार में एक बार फिर से दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा है, लेकिन दोनों बीजेपी की जगह एक डिप्टी सीएम पद पर एलजेपी (R) भी दावेदारी कर रही है। फिलहाल कैमरे पर सीधे बोलने की बजाय वे दबी जुबान ये बातें कर रहे है। हालांकि, नीतीश कुमार सीएम होंगे तो डिप्टी सीएम कौन होगा ये बीजेपी ही तय करेगी।

यह सुशासन, विकास की जीत…बिहार चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया

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बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार आ रही है। विधानसभा चुनाव-2025 में बीजेपी-जेडीयू को बंपर वोट मिला है। गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है। बिहार चुनाव के नतीजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन और विकास की जीत बताया है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव के नतीजों पर लिखा कि 'सुशासन की जीत हुई है। विकास की जीत हुई है। जन-कल्याण की भावना की जीत हुई है। सामाजिक न्याय की जीत हुई है। बिहार के मेरे परिवारजनों का बहुत-बहुत आभार, जिन्होंने 2025 के विधानसभा चुनावों में एनडीए को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व जीत का आशीर्वाद दिया है। यह प्रचंड जनादेश हमें जनता-जनार्दन की सेवा करने और बिहार के लिए नए संकल्प के साथ काम करने की शक्ति प्रदान करेगा।'

पीएम ने जताया एनडीए के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं एनडीए के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अथक परिश्रम किया है। उन्होंने जनता के बीच जाकर हमारे विकास के एजेंडे को सामने रखा और विपक्ष के हर झूठ का मजबूती से जवाब दिया। मैं उनकी हृदय से सराहना करता हूं!'

पीएम मोदी ने नीतीश कुमार दी बधाई

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए ने राज्य का चौतरफा विकास किया है। लोगों ने हमारे ट्रैक रिकॉर्ड और राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के हमारे विजन को देखकर हमें भारी बहुमत दिया है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और एनडीए परिवार के हमारे सहयोगी चिराग पासवान जी, जीतन राम मांझी जी और उपेंद्र कुशवाहा जी को इस जबरदस्त जीत के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।

बढ़-चढ़कर काम करने का दिया भरोसा

पीएम मोदी ने लिखा कि आने वाले समय में हम बिहार के विकास, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और राज्य की संस्कृति को नई पहचान देने के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां की युवा शक्ति और नारी शक्ति को समृद्ध जीवन के लिए भरपूर अवसर मिले।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

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बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में इस बार किसकी सरकार? वोटों की गिनती शुरू, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती जारी

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। राज्य के 38 जिलों के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन रही है या फिर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है और तेजस्वी यादव सत्ता संभालेंगे।

सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। कुछ देर में अलग-अलग सीटों से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की नजर राघोपुर, तारापुर, सीवान से लेकर महुआ विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

एनडीए और महागठबंधन के बीच महामुकाबला

बिहार चुनाव में, मुकाबला मुख्य रूप से जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग कल, मतगणना से पहले कड़ी सुरक्षा में रखे गए EVM

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी शुक्रवार को आने हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में ईवीएम

राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों पर की शुक्रवार को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

सीसीटीवी से निगहबानी

स्ट्रॉन्ग रूम परिसर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेन्ट्रल आर्म्ड पैरामिलिट्री फोर्सेज (सीएपीएफ) को सौंपा गया है, जबकि बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस को दी गई है। इसके अलावा चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी और अन्य सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं।

हर स्ट्रांग रूम में एक कंट्रोल रूम

प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां वरिष्ठ अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे। एक बयान में कहा गया कि संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को प्रतिदिन स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया कि मॉक पोल के दौरान या मतदान के समय दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के साथ-साथ अप्रयुक्त मशीनों को अलग से सुरक्षित रखा गया है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के अनुमान

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान छह और 11 नवंबर को हुआ था। इस बार राज्य में 1951 के बाद का सबसे अधिक 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में चुनाव खत्म होने के बाद आए करीब एक दर्जन एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में एनडीए की वापसी का दावा किया जा रहा है। पोल में जदयू की सीटों में बढ़ोत्तरी का अनुमान व्यक्त किया गया है। मैट्रिज ने जदयू को 67 से 75 तो भाजपा को 65 से 73 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों ने दोनों दलों को करीब-करीब समान सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।