अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट'...जानें किस कारण सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

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कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट' जैसा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में खनन की छूट से अरावली पर्वतमाला को भारी नुकसान होगा। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि अरावली के 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र में खनन को छूट दे दी गई है।

‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर जैसा

सोनिया गांधी ने कहा, गुजरात से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक फैली अरावली पर्वतमाला ने लंबे समय से भारतीय भूगोल और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार ने अवैध खनन से पहले ही बर्बाद हो चुकी इन पहाड़ियों के लिए अब लगभग ‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

ये फैसला अवैध खननकर्ताओं-माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण-सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार ने घोषणा की है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। यह फैसला अवैध खननकर्ताओं और माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण है कि वे इस श्रृंखला के उस 90 प्रतिशत हिस्से का भी सफाया कर दें, जो सरकार द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से नीचे आता है।

सरकारी नीति में पर्यावरण की गहरी उपेक्षा- सोनिया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारी नीति निर्धारण में पर्यावरण के प्रति गहरी और निरंतर उपेक्षा व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया गया है, लेकिन अब उसके गौरवपूर्ण स्थान को बहाल किया जाना चाहिए और सरकारी नीति और दबाव से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ काम करने की आवश्यकता पर बल

सोनिया गांधी ने कहा, हमें पर्यावरणीय मामलों पर अधिक अंतर-सरकारी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट के लिए भूजल यूरेनियम संदूषण मुद्दे की तरह ही एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पर्यावरण नीतियों को कानून के शासन के प्रति सम्मान, स्थानीय समुदायों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करने की प्रतिबद्धता और पर्यावरण व मानव विकास के बीच अटूट संबंध की समझ द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, केवल ऐसे दृष्टिकोण के साथ ही हम स्वस्थ और सुरक्षित भारत निर्माण कर सकते हैं।

The trial cultivation of China Millets has been successful.

These millets were grown at the Agricultural Research Centre located at the headquarters of Jai Dharti Maa Foundation.

Founder Ravi Kumar Nishad, Dhanbad, Jharkhand, said:

“The soil of Jharkhand has immense potential to grow highly valuable agricultural crops. What we lack is only the willingness to come forward and take up farming. I request all farmers and people from the business community to explore millet varieties like China Millets. These crops require very little cost and maintenance, yet provide good returns.”

China Millet is a type of coarse grain. It is also known as Punarva. It is not clearly known where it was first cultivated, but it has been grown as a crop in the Caucasus and China for more than 7,000 years. It is believed that the crop might have been domesticated independently in these regions.

Today, China Millets are grown extensively in India, Russia, Ukraine, the Middle East, Turkey, and Romania. The grain is considered highly beneficial for health. Since it is gluten-free, it can be consumed even by people who are allergic to wheat.

नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला आज, सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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दिल्ली में राऊज ऐवन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट पर महत्वपूर्ण आदेश सुनाएगा। कोर्ट यह तय करेगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को जारी किए जाने वाले समन पर क्या फैसला लिया जाए। बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद आदेश को 29 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने कहा था कि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट के निर्देश पर केस फाइल का निरीक्षण करने के बाद अतिरिक्त स्पष्टीकरण और दलीलें पेश की हैं। अदालत अब इस पर अपना आदेश शनिवार (29 नवंबर) को सुनाएगी।

क्या है आरोप?

ईडी का आरोप है कि इन नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था, जो पहले नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी। आरोप है कि इसके लिए ‘यंग इंडियन' नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुमत के हिस्सेदार हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, गांधी परिवार की हिस्सेदारी यंग इंडियन में 76 प्रतिशत है, जिसने कथित रूप से सिर्फ 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।

2012 में सामने आया था विवाद

नेशनल हेराल्ड के एसेट्स पर विवाद 2012 में तब सामने आया जब बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस लीडर्स ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को खरीदने के प्रोसेस में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने में हिस्सा लिया था।

पूर्व DGP अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की सांठगांठ की NIA जाँच की मांग: बाबूलाल मरांडी ने लिखा पत्र, '

नई दिल्ली: भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को पत्र लिखकर झारखंड में सक्रिय एक गंभीर संगठित आपराधिक सिंडिकेट और एक हाई-प्रोफाइल पूर्व पुलिस अधिकारी के बीच कथित सांठगांठ की व्यापक जाँच का अनुरोध किया है।

मरांडी ने मांग की है कि पूर्व डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नेतृत्व वाले गिरोह के बीच संबंधों की NIA द्वारा जाँच की जाए, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ शामिल हैं।

NIA जाँच की मांग के मुख्य बिंदु

मरांडी ने आरोप लगाया कि सुजीत सिन्हा का गिरोह 'कोयलांचल शांति समिति (KSS)' नामक एक मुखौटा संगठन के तहत काम कर रहा है और जबरन वसूली, हत्या और अवैध हथियारों के व्यापार जैसे अपराधों में लिप्त है। उन्होंने NIA जाँच के लिए निम्नलिखित गंभीर आरोपों का उल्लेख किया:

अंतर्राष्ट्रीय हथियार खरीद: विश्वसनीय आरोप हैं कि सुजीत सिन्हा गिरोह पंजाब के मोगा जिले में पाकिस्तान से ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियार खरीद रहा है, जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।

पूर्व डीजीपी द्वारा संचालन: मरांडी ने रिया सिन्हा (गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी) के मोबाइल फोन डेटा की जाँच का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सुजीत सिन्हा गिरोह वास्तव में श्री अनुराग गुप्ता के इशारे पर चलाया और संचालित किया जा रहा था, और पूर्व डीजीपी को जबरन वसूली गई राशि का एक हिस्सा मिलता था।

भारतमाला परियोजना पर नियंत्रण: आरोप है कि सांठगांठ का उद्देश्य झारखंड में राष्ट्रीय महत्व की भारतमाला परियोजना क्षेत्रों पर आपराधिक प्रभुत्व और जबरन वसूली को सुनिश्चित करना था।

अमन साहू मुठभेड़ का षडयंत्र: मरांडी ने आशंका व्यक्त की कि गैंगस्टर अमन साहू की मुठभेड़ प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और सुजीत सिन्हा गिरोह के आपराधिक एकाधिकार को मजबूत करने के लिए श्री अनुराग गुप्ता के इशारे पर इंजीनियर की गई थी।

सबूतों का दमन: उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारियों ने रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता के बीच चैट रिकॉर्ड को दबाने या रोकने का प्रयास किया है।

मरांडी ने कहा कि अपराध की प्रकृति और इसमें शत्रुतापूर्ण पड़ोसी से हथियारों तक पहुँचना शामिल होना, राज्य में कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, इसलिए NIA द्वारा जाँच अनिवार्य है।

दिल्ली ब्लास्ट में फंसी डॉ. शाहीन : जैश-ए-मोहम्मद से 10 साल का खतरनाक कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की रहस्यमयी गतिविधियां भी उजागर
लखनऊ । दिल्ली ब्लास्ट के एक सनसनीखेज मामले में लखनऊ की डॉ. शाहीन ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। सिर्फ एक गायब डॉक्टर का मामला नहीं, बल्कि 10 साल से पाक समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क में सक्रिय शाहीन अब अंतरराष्ट्रीय संपर्क और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के गहरे रहस्यों के केंद्र में हैं।

सात बैंक खाते, लेनदेन पर एजेंसियों की नजर

सुरक्षा एजेंसियों को डॉ. शाहीन के सात बैंक खातों का पता चला है कानपुर में तीन, लखनऊ में दो और दिल्ली में दो। इन खातों में हुए लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है। एजेंसियां मानती हैं कि खातों में लेनदेन करने वालों का पता चलने पर बड़ा खुलासा हो सकता है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से गायब होने की कहानी

डॉ. शाहीन ने जनवरी से अक्टूबर 2025 तक कितनी बार मेडिकल कॉलेज का दौरा किया, किससे मुलाकात की, कहां रुकी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। वह सामान्य महिला फैकल्टी की तरह काम करती थी, छुट्टियां कम लेती और बच्चा लेकर अस्पताल आती। दिसंबर 2013 में उसने अचानक एचओडी का कार्यभार सहयोगी को सौंप दिया और लौटकर नहीं आई। लगातार नोटिस और पत्राचार के बाद भी जवाब नहीं मिला। 2016 में उसके पंजीकृत पते पर कर्मचारी भेजे गए, लेकिन पता गलत निकला। अंततः 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया।

डा. शाहीने के साथी डॉक्टर भी लापता

डॉ. शाहीन अकेली नहीं थी। मेडिकल कॉलेज से कुल सात डॉक्टर लापता हो गए थे, जिनमें फिजियोलॉजी, एनाटॉमी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग के डॉक्टर शामिल हैं। सभी को नोटिस देने के बाद बर्खास्त किया गया था। एजेंसियां अब उनकी वर्तमान लोकेशन, कॉलेज में व्यवहार और बर्खास्तगी से जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रही हैं।

भाई डॉ. परवेज कानपुर शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे

एजेंसियों के अनुसार, शाहीन लंबे समय तक कानपुर और आसपास रही। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन के संपर्क में रही और कई देशों में इस्लाम धर्म का प्रचार कर रही है। उसके भाई डॉ. परवेज कानपुर में सक्रिय रहे और शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि डॉ. परवेज कब-कब शहर आया और किन लोगों से संपर्क में रहा।

स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू

शाहीन के नेटवर्क का पता लगाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू किया गया है। इन एनजीओ को मिलने वाली फंडिंग, खातों के लेनदेन और अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा शहर में आने वाले 31 कश्मीरी व्यापारी जो संवेदनशील इलाकों में कमरे किराये पर लेकर रहते हैं, उनका भी सत्यापन किया जा रहा है।

यह पूरा मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं

एजेंसियों का मानना है कि डॉ. शाहीन का मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं है। उसके संपर्क और वित्तीय लेनदेन के पीछे व्यापक नेटवर्क सामने आ सकता है। कानपुर और लखनऊ के बैंक खातों से जुड़े हर छोटे-से-छोटे ट्रांज़ैक्शन पर नजर रखी जा रही है, ताकि संगठन से जुड़े लोगों की पहचान की जा सके। इस सनसनीखेज मामले ने अब तक के मेडिकल कॉलेज इतिहास और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में एक नई दिशा दे दी है।

डॉ. शाहीन के 10 साल से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी होने का खुलासा

बता दें कि 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए ब्लास्ट मामले में नाम आने वाली लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद पर अब तक की जांच में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन लगभग 10 साल से पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, शाहीन ने 2015 में जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क किया और पहले एक साल तक संगठन को संवेदनशील सूचनाएं भेजने का काम किया। 2016 में वह संगठन की सक्रिय सदस्य बन गई। इसके बाद से वह लगातार संगठन के नेटवर्क में रही और एजेंसियों के लिए चुनौती बनी।

पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, इस पता लगाने में जुटीं एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, किन लोगों से संपर्क में आई और उसके नेटवर्क में कौन-कौन शामिल रहा। एजेंसियां उसके बैंक लेनदेन, संपर्क और वित्तीय सहयोगियों की भी गहन जांच कर रही हैं।डॉ. शाहीन का नाम दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में आने के बाद उसकी गतिविधियों की गहन पड़ताल शुरू की गई है। एजेंसियों का मानना है कि संगठन के लिए उसकी भूमिका केवल जानकारी पहुंचाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने सक्रिय रूप से संगठन के लिए सहयोग और नेटवर्क फैलाने में मदद की।NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां डॉ. शाहीन के पूरे नेटवर्क को पकड़ने और उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए संवेदनशील खुफिया जांच कर रही हैं।
झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

आतंकियों की तलाशःएनआईए की पांच राज्यों में छापेमारी, अल कायदा गुजरात आतंकी साजिश में एक्शन

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देश में क तरफ दिल्ली के काल किले के पास हुए विस्फोट मामले में जांच जारी है। इसी बीच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने अल-कायदा द्वारा गुजरात में कथित आतंकी साजिश के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने पांच राज्यों में करीब 10 स्थानों पर छापेमारी की है।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एनआईए की टीमों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात में विभिन्न संदिग्धों और उनके सहयोगियों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। अधिकारी ने बताया कि कई डिजिटल डिवाइस और कागजात जब्त किए गए हैं जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

2023 में दर्ज किया गया था मामला

यह मामला 2023 में दर्ज किया गया था और इस मामले के केंद्र में चार बांग्लादेशी नागरिक हैं जिनकी पहचान मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी, अजरुल इस्लाम और अब्दुल लतीफ के तौर पर की जा चुकी है। इन लोगों ने फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की थी।

अल-कायदा से है संदिग्धों के संबंध

बयान में कहा गया है, ये लोग प्रतिबंधित अल-कायदा आतंकवादी संगठन से जुड़े पाए गए। ये लोग बांग्लादेश में अल-कायदा के गुर्गों के लिए धन इकट्ठा करने और उसे हस्तांतरित करने में शामिल थे, और मुस्लिम युवाओं को सक्रिय रूप से उकसाने में भी शामिल पाए गए। एनआईए ने 10 नवंबर, 2023 को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।

दिल्ली ब्लास्टः धमाके वाली कार में मौजूद था आतंकी उमर, DNA टेस्ट में खुला राज

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दिल्ली कार ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सोमवार शाम को चांदनी चौक पर लाल किले के पास जिस कार में धमाका हुआ था, उसमें आतंकी डॉक्टर उमर खुद मौजूद था। DNA टेस्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा

कार के मलबे से मिले जले हुए शव का DNA टेस्ट उमर के परिवार के सदस्यों के सैंपल से 100 फीसदी मैच हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी था। विस्फोट के बाद, उसका पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंस गया था। उसका डीएनए सैंपल उसकी मां से मेल खाता है।

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद किया विस्फोट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व दिल्ली पुलिस को बुधवार देर रात डीएनए जांच की रिपोर्ट मिली। इससे साफ हो गया कि आई20 कार उमर नबी ही चला रहा था और धमाके में उसकी भी मौत हो गई। उसने आई20 में विस्फोटक लाद रखा था। बता दें कि लाल किले के पास ब्लास्ट फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सामने आने के बाद हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद सोमवार शाम आतंकी उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट किया था।

साथी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद दिया घटना को अंजाम

इस मामले की तहकीकात कर रही टीमों को शुरुआत से ही इस बात का शक था कि कार में मौजूद शख्स डॉ उमर ही है। उमर ने विस्फोट से ठीक 11 दिन पहले सफेद ह्यूंडई i20 कार खरीदी थी। वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था। आतंकी मुजम्मिल और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद से वह फरार चल रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की एक्शन से हड़बड़ा गया और पैनिक में आकर घटना को अंजाम दिया।

परिवार वालों को थी उमर के कट्टरपंथी होने की जानकारी

मीडिया रिपोर्टों में यह बात भी सामने आई है कि आतंकी उमर के परिवार वालों को भी उसके कट्टरपंथी होने का पता लग चुका था, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य ने इसकी जानकारी प्रशासन या पुलिस को नहीं दी। यह बात भी सामने निकल कर आ रही है कि उमर तुर्किए की राजधानी अंकारा में बैठे अपने हैंडलर के साथ संपर्क में था। साल 2022 में उमर अपने कुछ साथियों के साथ अंकारा भी गया था। इसी दौरान सभी का ब्रेन वॉश किया गया। इस मामले में NIA की टीम ने तुर्किए दूतावास से सहयोग मांगा है।

IAER – Institute of Advance Education and Research Launches BCA Program to Empower India’s Next Generation of IT Experts

The Institute of Advance Education and Research (IAER) has announced the launch of its new Bachelor of Computer Applications (BCA) program, aimed at preparing students for thriving careers in technology, software development, and digital innovation. With India’s IT industry evolving rapidly and global demand for digital skills at an all-time high, IAER’s program arrives at a crucial moment for aspiring technologists.The BCA program at IAER combines technical foundations with project-based learning, ensuring students not only understand programming languages but can also apply them to real-world challenges. The curriculum at the Institute of Advance Education and Research covers software development, data structures, networking, cybersecurity, database systems, cloud computing, and mobile app development—reflecting current and emerging industry trends.

IAER’s faculty consists of seasoned academicians and industry professionals who bridge theory with practical insight. The Institute of Advance Education and Research provides access to modern computer labs, high-speed infrastructure, and industry-grade software tools that simulate professional IT environments. Students at IAER work on live coding projects, hackathons, and internships that test their creativity, technical ability, and teamwork.

Recognizing that innovation lies at the heart of technology, IAER encourages BCA students to engage in research, start-up incubation, and community-based tech projects. The Institute of Advance Education and Research has also established collaborations with IT companies to ensure real-world exposure and networking opportunities. Guest lectures from technology leaders and alumni working in the IT field give students valuable perspectives on career growth and future trends.

One distinguishing feature of IAER’s BCA program is its focus on employability. The Institute of Advance Education and Research integrates placement training, aptitude workshops, and communication sessions into the curriculum. Students are guided in resume building, interview techniques, and professional presentation skills to ensure they are ready for the job market by graduation.

IAER’s commitment to student success extends beyond academics. The campus fosters an inclusive, innovation-driven environment where students learn to think critically, adapt to rapid change, and collaborate effectively. Clubs, coding competitions, and technical fests organized by IAER provide platforms for students to showcase their talents and build networks.

Career options for BCA graduates from IAER – Institute of Advance Education and Research are vast, ranging from software developer and system analyst to IT consultant, data analyst, or entrepreneur. With global demand for tech talent growing exponentially, IAER ensures its graduates are equipped for both domestic and international opportunities.

Admissions for the BCA program at IAER are open now. Interested candidates can visit www.iaer.ac.in for application details, scholarships, and campus tour information.

Through this forward-looking program, IAER – Institute of Advance Education and Research continues to uphold its goal of Achieving 100% Placement Success, empowering a new generation to lead in the digital era.

पूरे बिहार से एक-एक घुसपैठिए को हम चुन-चुनकर निकालेंगे, सीमांचल से गरजे अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के पूर्णिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन पर निशाना साधते हुए लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कहा, हम घुसपैठियों को डिटेक्ट करेंगे, मतदाता सूची से डिलीट करेंगे और उनको डिपोर्ट करेंगे।

एनडीए पांच पांडवों की तरह- शाह

बनमनखी में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा है कि एनडीए पांच पांडवों की तरह है। उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में 160 से ज्यादा सीटों के साथ एनडीए की सरकार बनने वाली है। गृह मंत्री ने कहा कि आधे बिहार ने वोट डाल दिए हैं। पहले चरण के चुनाव में लालू यादव और राहुल गांधी की पार्टी का सूपड़ा साफ हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार बहुत आगे बढ़कर एक विकसित राज्य बनने जा रहा है।

घुसपैठियों को बचाने के लिए पदयात्रा

सीमांचल की राजधानी कहे जाने वाले पूर्णिया में गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठियों को जमकर टारगेट किया। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को चुन चुन कर निकालेंगे। अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, राहुल बाबा ने कुछ महीने पहले बिहार में पदयात्रा निकाली। उन्होंने ये यात्रा किसानों, पिछड़ों या युवाओं के लिए नहीं बल्कि घुसपैठियों को बचाने के लिए निकाली।

घुसपैठियों को डिटेक्‍ट-डिलीट डिपोर्ट करेंगे- शाह

अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिये लोग आपका हक छीन रहे हैं। सीमांचल में हमारे युवाओं की नौकरी छीनते हैं, आपके हिस्‍से का चावल छीनते हैं। अमित शाह ने कहा कि इन घुसपैठिये को राहुल गांधी और तेजस्‍वी यादव यहां बसाना चाहते हैं। अमित शाह ने कहा, हम घुसपैठियों को डिटेक्‍ट करेंगे। मतदाता सूची से डिलीट करेंगे। सीमांचल की भूमि पर घुसपैठियों को डिपोर्ट करेंगे। घुसपैठियों की कब्‍जेवाली जमीन खाली करा कर गरीबों में बांट देंगे।

शाह ने जनता को किया सचेत

अमित शाह ने कहा कि थोड़ी सी गलती हुई तो जंगलराज वापस आ जाएगा। अमित शाह ने कहा कि दिनदहाड़े यहां पर एमएलए की हत्या हुई थी। नीतीश कुमार ने जंगलराज समाप्त कर दिया है। अब यह जंगलराज नए चेहरे के साथ, नए भेष बदलकर वापस आ रहा है। इसलिए कमल छाप पर बटन दबाइए और एनडीए को जिताने का काम कीजिए। गृह मंत्री ने कहा कि लालू की पार्टी शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट दिया और शहाबुद्दीन के लिए अमर रहे का नारा लगाया। तेजस्वी यादव कान खोलकर सुन लो अब बिहार की धरती पर शहाबुद्दीन और ओसामा की जगह नहीं रही।

अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट'...जानें किस कारण सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

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कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट' जैसा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में खनन की छूट से अरावली पर्वतमाला को भारी नुकसान होगा। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि अरावली के 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र में खनन को छूट दे दी गई है।

‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर जैसा

सोनिया गांधी ने कहा, गुजरात से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक फैली अरावली पर्वतमाला ने लंबे समय से भारतीय भूगोल और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार ने अवैध खनन से पहले ही बर्बाद हो चुकी इन पहाड़ियों के लिए अब लगभग ‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

ये फैसला अवैध खननकर्ताओं-माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण-सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार ने घोषणा की है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। यह फैसला अवैध खननकर्ताओं और माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण है कि वे इस श्रृंखला के उस 90 प्रतिशत हिस्से का भी सफाया कर दें, जो सरकार द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से नीचे आता है।

सरकारी नीति में पर्यावरण की गहरी उपेक्षा- सोनिया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारी नीति निर्धारण में पर्यावरण के प्रति गहरी और निरंतर उपेक्षा व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया गया है, लेकिन अब उसके गौरवपूर्ण स्थान को बहाल किया जाना चाहिए और सरकारी नीति और दबाव से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ काम करने की आवश्यकता पर बल

सोनिया गांधी ने कहा, हमें पर्यावरणीय मामलों पर अधिक अंतर-सरकारी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट के लिए भूजल यूरेनियम संदूषण मुद्दे की तरह ही एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पर्यावरण नीतियों को कानून के शासन के प्रति सम्मान, स्थानीय समुदायों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करने की प्रतिबद्धता और पर्यावरण व मानव विकास के बीच अटूट संबंध की समझ द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, केवल ऐसे दृष्टिकोण के साथ ही हम स्वस्थ और सुरक्षित भारत निर्माण कर सकते हैं।

The trial cultivation of China Millets has been successful.

These millets were grown at the Agricultural Research Centre located at the headquarters of Jai Dharti Maa Foundation.

Founder Ravi Kumar Nishad, Dhanbad, Jharkhand, said:

“The soil of Jharkhand has immense potential to grow highly valuable agricultural crops. What we lack is only the willingness to come forward and take up farming. I request all farmers and people from the business community to explore millet varieties like China Millets. These crops require very little cost and maintenance, yet provide good returns.”

China Millet is a type of coarse grain. It is also known as Punarva. It is not clearly known where it was first cultivated, but it has been grown as a crop in the Caucasus and China for more than 7,000 years. It is believed that the crop might have been domesticated independently in these regions.

Today, China Millets are grown extensively in India, Russia, Ukraine, the Middle East, Turkey, and Romania. The grain is considered highly beneficial for health. Since it is gluten-free, it can be consumed even by people who are allergic to wheat.

नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला आज, सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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दिल्ली में राऊज ऐवन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट पर महत्वपूर्ण आदेश सुनाएगा। कोर्ट यह तय करेगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को जारी किए जाने वाले समन पर क्या फैसला लिया जाए। बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद आदेश को 29 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने कहा था कि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट के निर्देश पर केस फाइल का निरीक्षण करने के बाद अतिरिक्त स्पष्टीकरण और दलीलें पेश की हैं। अदालत अब इस पर अपना आदेश शनिवार (29 नवंबर) को सुनाएगी।

क्या है आरोप?

ईडी का आरोप है कि इन नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था, जो पहले नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी। आरोप है कि इसके लिए ‘यंग इंडियन' नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुमत के हिस्सेदार हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, गांधी परिवार की हिस्सेदारी यंग इंडियन में 76 प्रतिशत है, जिसने कथित रूप से सिर्फ 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।

2012 में सामने आया था विवाद

नेशनल हेराल्ड के एसेट्स पर विवाद 2012 में तब सामने आया जब बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस लीडर्स ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को खरीदने के प्रोसेस में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने में हिस्सा लिया था।

पूर्व DGP अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की सांठगांठ की NIA जाँच की मांग: बाबूलाल मरांडी ने लिखा पत्र, '

नई दिल्ली: भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को पत्र लिखकर झारखंड में सक्रिय एक गंभीर संगठित आपराधिक सिंडिकेट और एक हाई-प्रोफाइल पूर्व पुलिस अधिकारी के बीच कथित सांठगांठ की व्यापक जाँच का अनुरोध किया है।

मरांडी ने मांग की है कि पूर्व डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नेतृत्व वाले गिरोह के बीच संबंधों की NIA द्वारा जाँच की जाए, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ शामिल हैं।

NIA जाँच की मांग के मुख्य बिंदु

मरांडी ने आरोप लगाया कि सुजीत सिन्हा का गिरोह 'कोयलांचल शांति समिति (KSS)' नामक एक मुखौटा संगठन के तहत काम कर रहा है और जबरन वसूली, हत्या और अवैध हथियारों के व्यापार जैसे अपराधों में लिप्त है। उन्होंने NIA जाँच के लिए निम्नलिखित गंभीर आरोपों का उल्लेख किया:

अंतर्राष्ट्रीय हथियार खरीद: विश्वसनीय आरोप हैं कि सुजीत सिन्हा गिरोह पंजाब के मोगा जिले में पाकिस्तान से ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियार खरीद रहा है, जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।

पूर्व डीजीपी द्वारा संचालन: मरांडी ने रिया सिन्हा (गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी) के मोबाइल फोन डेटा की जाँच का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सुजीत सिन्हा गिरोह वास्तव में श्री अनुराग गुप्ता के इशारे पर चलाया और संचालित किया जा रहा था, और पूर्व डीजीपी को जबरन वसूली गई राशि का एक हिस्सा मिलता था।

भारतमाला परियोजना पर नियंत्रण: आरोप है कि सांठगांठ का उद्देश्य झारखंड में राष्ट्रीय महत्व की भारतमाला परियोजना क्षेत्रों पर आपराधिक प्रभुत्व और जबरन वसूली को सुनिश्चित करना था।

अमन साहू मुठभेड़ का षडयंत्र: मरांडी ने आशंका व्यक्त की कि गैंगस्टर अमन साहू की मुठभेड़ प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और सुजीत सिन्हा गिरोह के आपराधिक एकाधिकार को मजबूत करने के लिए श्री अनुराग गुप्ता के इशारे पर इंजीनियर की गई थी।

सबूतों का दमन: उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारियों ने रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता के बीच चैट रिकॉर्ड को दबाने या रोकने का प्रयास किया है।

मरांडी ने कहा कि अपराध की प्रकृति और इसमें शत्रुतापूर्ण पड़ोसी से हथियारों तक पहुँचना शामिल होना, राज्य में कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, इसलिए NIA द्वारा जाँच अनिवार्य है।

दिल्ली ब्लास्ट में फंसी डॉ. शाहीन : जैश-ए-मोहम्मद से 10 साल का खतरनाक कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की रहस्यमयी गतिविधियां भी उजागर
लखनऊ । दिल्ली ब्लास्ट के एक सनसनीखेज मामले में लखनऊ की डॉ. शाहीन ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। सिर्फ एक गायब डॉक्टर का मामला नहीं, बल्कि 10 साल से पाक समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क में सक्रिय शाहीन अब अंतरराष्ट्रीय संपर्क और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के गहरे रहस्यों के केंद्र में हैं।

सात बैंक खाते, लेनदेन पर एजेंसियों की नजर

सुरक्षा एजेंसियों को डॉ. शाहीन के सात बैंक खातों का पता चला है कानपुर में तीन, लखनऊ में दो और दिल्ली में दो। इन खातों में हुए लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है। एजेंसियां मानती हैं कि खातों में लेनदेन करने वालों का पता चलने पर बड़ा खुलासा हो सकता है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से गायब होने की कहानी

डॉ. शाहीन ने जनवरी से अक्टूबर 2025 तक कितनी बार मेडिकल कॉलेज का दौरा किया, किससे मुलाकात की, कहां रुकी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। वह सामान्य महिला फैकल्टी की तरह काम करती थी, छुट्टियां कम लेती और बच्चा लेकर अस्पताल आती। दिसंबर 2013 में उसने अचानक एचओडी का कार्यभार सहयोगी को सौंप दिया और लौटकर नहीं आई। लगातार नोटिस और पत्राचार के बाद भी जवाब नहीं मिला। 2016 में उसके पंजीकृत पते पर कर्मचारी भेजे गए, लेकिन पता गलत निकला। अंततः 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया।

डा. शाहीने के साथी डॉक्टर भी लापता

डॉ. शाहीन अकेली नहीं थी। मेडिकल कॉलेज से कुल सात डॉक्टर लापता हो गए थे, जिनमें फिजियोलॉजी, एनाटॉमी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग के डॉक्टर शामिल हैं। सभी को नोटिस देने के बाद बर्खास्त किया गया था। एजेंसियां अब उनकी वर्तमान लोकेशन, कॉलेज में व्यवहार और बर्खास्तगी से जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रही हैं।

भाई डॉ. परवेज कानपुर शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे

एजेंसियों के अनुसार, शाहीन लंबे समय तक कानपुर और आसपास रही। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन के संपर्क में रही और कई देशों में इस्लाम धर्म का प्रचार कर रही है। उसके भाई डॉ. परवेज कानपुर में सक्रिय रहे और शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि डॉ. परवेज कब-कब शहर आया और किन लोगों से संपर्क में रहा।

स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू

शाहीन के नेटवर्क का पता लगाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू किया गया है। इन एनजीओ को मिलने वाली फंडिंग, खातों के लेनदेन और अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा शहर में आने वाले 31 कश्मीरी व्यापारी जो संवेदनशील इलाकों में कमरे किराये पर लेकर रहते हैं, उनका भी सत्यापन किया जा रहा है।

यह पूरा मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं

एजेंसियों का मानना है कि डॉ. शाहीन का मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं है। उसके संपर्क और वित्तीय लेनदेन के पीछे व्यापक नेटवर्क सामने आ सकता है। कानपुर और लखनऊ के बैंक खातों से जुड़े हर छोटे-से-छोटे ट्रांज़ैक्शन पर नजर रखी जा रही है, ताकि संगठन से जुड़े लोगों की पहचान की जा सके। इस सनसनीखेज मामले ने अब तक के मेडिकल कॉलेज इतिहास और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में एक नई दिशा दे दी है।

डॉ. शाहीन के 10 साल से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी होने का खुलासा

बता दें कि 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए ब्लास्ट मामले में नाम आने वाली लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद पर अब तक की जांच में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन लगभग 10 साल से पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, शाहीन ने 2015 में जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क किया और पहले एक साल तक संगठन को संवेदनशील सूचनाएं भेजने का काम किया। 2016 में वह संगठन की सक्रिय सदस्य बन गई। इसके बाद से वह लगातार संगठन के नेटवर्क में रही और एजेंसियों के लिए चुनौती बनी।

पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, इस पता लगाने में जुटीं एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, किन लोगों से संपर्क में आई और उसके नेटवर्क में कौन-कौन शामिल रहा। एजेंसियां उसके बैंक लेनदेन, संपर्क और वित्तीय सहयोगियों की भी गहन जांच कर रही हैं।डॉ. शाहीन का नाम दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में आने के बाद उसकी गतिविधियों की गहन पड़ताल शुरू की गई है। एजेंसियों का मानना है कि संगठन के लिए उसकी भूमिका केवल जानकारी पहुंचाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने सक्रिय रूप से संगठन के लिए सहयोग और नेटवर्क फैलाने में मदद की।NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां डॉ. शाहीन के पूरे नेटवर्क को पकड़ने और उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए संवेदनशील खुफिया जांच कर रही हैं।
झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

आतंकियों की तलाशःएनआईए की पांच राज्यों में छापेमारी, अल कायदा गुजरात आतंकी साजिश में एक्शन

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देश में क तरफ दिल्ली के काल किले के पास हुए विस्फोट मामले में जांच जारी है। इसी बीच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने अल-कायदा द्वारा गुजरात में कथित आतंकी साजिश के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने पांच राज्यों में करीब 10 स्थानों पर छापेमारी की है।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एनआईए की टीमों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात में विभिन्न संदिग्धों और उनके सहयोगियों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। अधिकारी ने बताया कि कई डिजिटल डिवाइस और कागजात जब्त किए गए हैं जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

2023 में दर्ज किया गया था मामला

यह मामला 2023 में दर्ज किया गया था और इस मामले के केंद्र में चार बांग्लादेशी नागरिक हैं जिनकी पहचान मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी, अजरुल इस्लाम और अब्दुल लतीफ के तौर पर की जा चुकी है। इन लोगों ने फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की थी।

अल-कायदा से है संदिग्धों के संबंध

बयान में कहा गया है, ये लोग प्रतिबंधित अल-कायदा आतंकवादी संगठन से जुड़े पाए गए। ये लोग बांग्लादेश में अल-कायदा के गुर्गों के लिए धन इकट्ठा करने और उसे हस्तांतरित करने में शामिल थे, और मुस्लिम युवाओं को सक्रिय रूप से उकसाने में भी शामिल पाए गए। एनआईए ने 10 नवंबर, 2023 को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।

दिल्ली ब्लास्टः धमाके वाली कार में मौजूद था आतंकी उमर, DNA टेस्ट में खुला राज

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दिल्ली कार ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सोमवार शाम को चांदनी चौक पर लाल किले के पास जिस कार में धमाका हुआ था, उसमें आतंकी डॉक्टर उमर खुद मौजूद था। DNA टेस्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा

कार के मलबे से मिले जले हुए शव का DNA टेस्ट उमर के परिवार के सदस्यों के सैंपल से 100 फीसदी मैच हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी था। विस्फोट के बाद, उसका पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंस गया था। उसका डीएनए सैंपल उसकी मां से मेल खाता है।

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद किया विस्फोट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व दिल्ली पुलिस को बुधवार देर रात डीएनए जांच की रिपोर्ट मिली। इससे साफ हो गया कि आई20 कार उमर नबी ही चला रहा था और धमाके में उसकी भी मौत हो गई। उसने आई20 में विस्फोटक लाद रखा था। बता दें कि लाल किले के पास ब्लास्ट फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सामने आने के बाद हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद सोमवार शाम आतंकी उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट किया था।

साथी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद दिया घटना को अंजाम

इस मामले की तहकीकात कर रही टीमों को शुरुआत से ही इस बात का शक था कि कार में मौजूद शख्स डॉ उमर ही है। उमर ने विस्फोट से ठीक 11 दिन पहले सफेद ह्यूंडई i20 कार खरीदी थी। वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था। आतंकी मुजम्मिल और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद से वह फरार चल रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की एक्शन से हड़बड़ा गया और पैनिक में आकर घटना को अंजाम दिया।

परिवार वालों को थी उमर के कट्टरपंथी होने की जानकारी

मीडिया रिपोर्टों में यह बात भी सामने आई है कि आतंकी उमर के परिवार वालों को भी उसके कट्टरपंथी होने का पता लग चुका था, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य ने इसकी जानकारी प्रशासन या पुलिस को नहीं दी। यह बात भी सामने निकल कर आ रही है कि उमर तुर्किए की राजधानी अंकारा में बैठे अपने हैंडलर के साथ संपर्क में था। साल 2022 में उमर अपने कुछ साथियों के साथ अंकारा भी गया था। इसी दौरान सभी का ब्रेन वॉश किया गया। इस मामले में NIA की टीम ने तुर्किए दूतावास से सहयोग मांगा है।

IAER – Institute of Advance Education and Research Launches BCA Program to Empower India’s Next Generation of IT Experts

The Institute of Advance Education and Research (IAER) has announced the launch of its new Bachelor of Computer Applications (BCA) program, aimed at preparing students for thriving careers in technology, software development, and digital innovation. With India’s IT industry evolving rapidly and global demand for digital skills at an all-time high, IAER’s program arrives at a crucial moment for aspiring technologists.The BCA program at IAER combines technical foundations with project-based learning, ensuring students not only understand programming languages but can also apply them to real-world challenges. The curriculum at the Institute of Advance Education and Research covers software development, data structures, networking, cybersecurity, database systems, cloud computing, and mobile app development—reflecting current and emerging industry trends.

IAER’s faculty consists of seasoned academicians and industry professionals who bridge theory with practical insight. The Institute of Advance Education and Research provides access to modern computer labs, high-speed infrastructure, and industry-grade software tools that simulate professional IT environments. Students at IAER work on live coding projects, hackathons, and internships that test their creativity, technical ability, and teamwork.

Recognizing that innovation lies at the heart of technology, IAER encourages BCA students to engage in research, start-up incubation, and community-based tech projects. The Institute of Advance Education and Research has also established collaborations with IT companies to ensure real-world exposure and networking opportunities. Guest lectures from technology leaders and alumni working in the IT field give students valuable perspectives on career growth and future trends.

One distinguishing feature of IAER’s BCA program is its focus on employability. The Institute of Advance Education and Research integrates placement training, aptitude workshops, and communication sessions into the curriculum. Students are guided in resume building, interview techniques, and professional presentation skills to ensure they are ready for the job market by graduation.

IAER’s commitment to student success extends beyond academics. The campus fosters an inclusive, innovation-driven environment where students learn to think critically, adapt to rapid change, and collaborate effectively. Clubs, coding competitions, and technical fests organized by IAER provide platforms for students to showcase their talents and build networks.

Career options for BCA graduates from IAER – Institute of Advance Education and Research are vast, ranging from software developer and system analyst to IT consultant, data analyst, or entrepreneur. With global demand for tech talent growing exponentially, IAER ensures its graduates are equipped for both domestic and international opportunities.

Admissions for the BCA program at IAER are open now. Interested candidates can visit www.iaer.ac.in for application details, scholarships, and campus tour information.

Through this forward-looking program, IAER – Institute of Advance Education and Research continues to uphold its goal of Achieving 100% Placement Success, empowering a new generation to lead in the digital era.

पूरे बिहार से एक-एक घुसपैठिए को हम चुन-चुनकर निकालेंगे, सीमांचल से गरजे अमित शाह

#amitshahselectionrallyinbanmankhi_purnia

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के पूर्णिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन पर निशाना साधते हुए लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कहा, हम घुसपैठियों को डिटेक्ट करेंगे, मतदाता सूची से डिलीट करेंगे और उनको डिपोर्ट करेंगे।

एनडीए पांच पांडवों की तरह- शाह

बनमनखी में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा है कि एनडीए पांच पांडवों की तरह है। उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में 160 से ज्यादा सीटों के साथ एनडीए की सरकार बनने वाली है। गृह मंत्री ने कहा कि आधे बिहार ने वोट डाल दिए हैं। पहले चरण के चुनाव में लालू यादव और राहुल गांधी की पार्टी का सूपड़ा साफ हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार बहुत आगे बढ़कर एक विकसित राज्य बनने जा रहा है।

घुसपैठियों को बचाने के लिए पदयात्रा

सीमांचल की राजधानी कहे जाने वाले पूर्णिया में गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठियों को जमकर टारगेट किया। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को चुन चुन कर निकालेंगे। अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, राहुल बाबा ने कुछ महीने पहले बिहार में पदयात्रा निकाली। उन्होंने ये यात्रा किसानों, पिछड़ों या युवाओं के लिए नहीं बल्कि घुसपैठियों को बचाने के लिए निकाली।

घुसपैठियों को डिटेक्‍ट-डिलीट डिपोर्ट करेंगे- शाह

अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिये लोग आपका हक छीन रहे हैं। सीमांचल में हमारे युवाओं की नौकरी छीनते हैं, आपके हिस्‍से का चावल छीनते हैं। अमित शाह ने कहा कि इन घुसपैठिये को राहुल गांधी और तेजस्‍वी यादव यहां बसाना चाहते हैं। अमित शाह ने कहा, हम घुसपैठियों को डिटेक्‍ट करेंगे। मतदाता सूची से डिलीट करेंगे। सीमांचल की भूमि पर घुसपैठियों को डिपोर्ट करेंगे। घुसपैठियों की कब्‍जेवाली जमीन खाली करा कर गरीबों में बांट देंगे।

शाह ने जनता को किया सचेत

अमित शाह ने कहा कि थोड़ी सी गलती हुई तो जंगलराज वापस आ जाएगा। अमित शाह ने कहा कि दिनदहाड़े यहां पर एमएलए की हत्या हुई थी। नीतीश कुमार ने जंगलराज समाप्त कर दिया है। अब यह जंगलराज नए चेहरे के साथ, नए भेष बदलकर वापस आ रहा है। इसलिए कमल छाप पर बटन दबाइए और एनडीए को जिताने का काम कीजिए। गृह मंत्री ने कहा कि लालू की पार्टी शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट दिया और शहाबुद्दीन के लिए अमर रहे का नारा लगाया। तेजस्वी यादव कान खोलकर सुन लो अब बिहार की धरती पर शहाबुद्दीन और ओसामा की जगह नहीं रही।