बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ आशुभाषण एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में 'आजादी का अमृत महोत्सव' समिति की ओर से आशुभाषण एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

आशु भाषण प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने 'विकसित भारत का लक्ष्य: महिलाओं एवं बच्चों का समावेशी विकास' विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं और महिलाओं एवं बच्चों को समाज का एक अहम हिस्सा बताया। कार्यक्रम में निर्णायक के तौर पर डॉ. शिव शंकर यादव, डॉ. विभूति नारायण एवं सुश्री मंजरी राज उपस्थित रहीं। साथ ही समन्वयक के तौर पर प्रो. ओ.पी. बी. शुक्ला एवं डॉ. प्रदीप कुमार उपस्थित रहे।इसके अतिरिक्त पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से 'औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाना' (Removing any trace of colonial mindset) विषय पर अपने विचारों का कलात्मक प्रस्तुतिकरण दिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में समन्वयक के तौर पर डॉ. बबिता पाण्डेय एवं डॉ. शिखा तिवारी उपस्थित रहीं। समस्त प्रतियोगिताओं के दौरान विभिन्न विभागों के शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  'आजादी का अमृत महोत्सव' समिति की ओर से 'आत्मनिर्भर भारत: औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाना'  ( Atmanirbhar Bharat: Removing any trace of colonial mindset ) विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता के दौरान समन्वयक के तौर पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के डॉ. सोमीपेम आर. शिमरे एवं डॉ. नितेश वर्मा उपस्थित रहे। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने निबंध के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये‌ और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों के विचार, तार्किकता, विषय गंभीरता एवं लेखन शैली के आधार पर प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया जायेगा।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले मौन व्रत रखता है लारेंस बिश्नोई, इस बार भी रखा था 9 दिनों का उपवास

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से देश में गुस्सा है. वहीं, मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है. हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन गिरफ्तार 2 आरोपियों ने बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया है. इसी बीच लारेंस बिश्नोई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई ने नवरात्र में 9 दिन तक मौन व्रत रखा था. इस दौरान बिश्नोई किसी से बातचीत नहीं करता था. साथ ही वह अन्न भी ग्रहण नहीं करता था.माना जाता है की जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है. हाल ही में लारेंस बिश्नोई का एक वीडियो कॉल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें बिश्नोई पाकिस्तान के गैंगस्टर से बातचीत कर रहा था और ईद की बधाई दे रहा था. दावा ये भी था कि ये कॉल बिश्नोई ने साबरमती जेल से किया था लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद साबरमती जेल प्रशासन ने पुराना वीडियो होने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था.

सूत्रों के मुताबिक लारेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में एक अलग सेल में रखा गया है. वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल जेल से करता है. ये बात एजेंसी के लोग भी बताते हैं. बिश्नोई अन्न कम खाता है, दूध दही और फल का इस्तेमाल खाने में करता है. इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और कसरत भी करता है.

तिहाड़ जेल में भी बिश्नोई फोन से बात करता था. इसका खुलासा आज तक/इंडिया टूडे ने बिश्नोई के इंटरस्टेड कॉल के जरिए खुलासा किया था. सिद्धू मुसावाला की हत्या के बाद बिश्नोई के करीबी ने जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को फोन पर कॉल किया था और सिद्धू मुसावला हत्याकांड की जानकारी दी थी. पंजाब और राजस्थान की जेल में जब बिश्नोई बंद था, तब भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था.

गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है. इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है. जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है. आमतौर पर आतंक से जुडे और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे सेल में रखा जाता है. साल 2008 से बम ब्लास्ट से जुडी आतंकियों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरेक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं.

इन सेल-बैरक में बंद आरोपीयों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है. क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं. सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है. उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.

मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे. तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से बांद्रा ईस्ट में उस शूटिंग स्पॉट पर पहुंचे थे, जहां गोली चलाई गई थी. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपियों ने कुछ समय वहीं बिताया और उनका इंतजार किया. पुलिस को शक है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से भी अंदरूनी जानकारी मिल रही थी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

कनाडा पुलिस और इंडियन एजेंसी से वांटेड सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिए बिश्नोई गैंग ऑपरेट हो रहा है. एनआईए ने बताया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं, जिसमें 300 पंजाब से जुड़े हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की फोटो डाली गई. बिश्नोई का कोर्ट लाते-जाते फोटो और वीडियो डाले जाते और इस तरह गैंग का प्रचार प्रसार किया गया. बिश्नोई गैंग ने साल 2020-21 तक करोड़ों रुपए एक्सटोर्शन से कमाए और वो पैसा हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया.

लॉरेंस बिश्नोई के जुर्म का साम्राज्य भारत के 11 राज्य और 6 देशों तक फैल चुका है. एनआईए के मुताबिक कभी बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया. बिश्नोई गैंग अब पूरे नॉर्थ इंडिया में, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड तक फैल चुका है. सोशल मीडिया और तमाम अलग अलग तरीको से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है. लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य USA, अजरबैजान, पुर्तगाल, UAE और रूस तक फैला हुआ है.

नौजवान ऐसे होते हैं शामिल

नौजवानों को कनाडा या उनके पसंद के मनचाहे देश में शिफ्ट कराने का लालच देकर गैंग में भर्ती करवाया जाता है. NIA के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाने में करता है. UAPA के तहत अदालत में NIA ने कुछ दिनों पहले लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

दुनियाभर में इस्लामी शासन लाने का लक्ष्य! सरकार ने आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर पर लगाया प्रतिबंध

भारत सरकार ने गुरुवार को पैन-इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह संगठन, जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी, जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए भारत सहित दुनियाभर में इस्लामी राज्य और खिलाफत स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में बताया कि HuT भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी संगठनों, जैसे ISIS, में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बना रहा है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का पालन करते हुए, गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। उन्होंने बताया कि यह संगठन देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा है। यह सोशल मीडिया और सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है। साथ ही, इस संगठन के सदस्य 'दावा' बैठकों का आयोजन कर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं।

अधिसूचना में कहा गया कि हिज्ब-उत-तहरीर का उद्देश्य भारत और अन्य देशों में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारों को उखाड़ फेंककर एक इस्लामी राज्य स्थापित करना है, जो भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। केंद्र सरकार ने इस संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे यह प्रतिबंध प्रभावी होगा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में तमिलनाडु में एचयूटी मामले में एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो भारत विरोधी विचारधारा को फैलाने और अलगाववाद को भड़काने का प्रयास कर रहा था।

NIA ने अब तक इस मामले में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी का आरोप है कि ये लोग पाकिस्तान से सैन्य सहायता मांगकर भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने और कश्मीर को ‘आजाद’ कराने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। 1953 में स्थापित यह समूह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय लेबनान में है। यह संगठन दुनिया भर के 30 से अधिक देशों में सक्रिय है, जिनमें यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा, और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। हिज्ब-उत-तहरीर का इतिहास यहूदियों और इजरायल के खिलाफ हमलों की प्रशंसा करने का रहा है। इस वजह से, जर्मनी, मिस्र, ब्रिटेन और कई मध्य एशियाई और अरब देशों सहित कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

क्या है 'हिज्ब-उत-तहरीर' जिसपर भारत सरकार ने लगाया प्रतिबंध? यरुशलम से है खास कनेक्शन


डेस्क: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को गैरकानूनी/प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए कहा कि ये संगठन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। आइए जानते हैं कि क्या है हिज्ब-उत-तहरीर, इसकी स्थापना कब हुई और इस कट्टरपंथी समूह का मकसद क्या है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में शामिल है। इसके साथ ही ये समूह आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब उत तहरीर सोशल मीडिया और सुरक्षित ऐप्स का सहारा लेकर युवाओं को आतंकी कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैठकें आयोजित करता है। यह समूह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है मकसद
केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद में शामिल है और उसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में भाग लिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है।

हिज्ब-उत-तहरीर को बांग्लादेश और यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है। ब्रिटेन ने इसे एक यहूदी विरोधी संगठन कहा था जो कि सक्रिय रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना साल 1953 में यरुशलम में की गई थी। अरबी में हिज्ब-उत-तहरीर का मतलब 'मुक्ति की पार्टी' है। यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ये संगठन गैर-सैन्य तरीकों से खिलाफत की पुन: स्थापना पर काम करता है।

इससे पहले NIA ने भी गुरुवार को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर, भारत विरोधी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी के घर की तलाशी ली है। फैज़ुल रहमान नामक शख्स के घर पर तलाशी की गई और डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया गया है। NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी पर अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पूरे तमिलनाडु में कई अभियान चलाने का आरोप है।
देवघर- बैद्यनाथ शंकर नेत्रालय के सभागार में वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गनाइजेशन (WORC) के बैनर तले एक प्रेस वार्ता।
देवघर: के बैद्यनाथ शंकर नेत्रालय के सभागार में वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गनाइजेशन (WORC) के बैनर तले एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान बताया गया कि देवघर के सुप्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ एन डी मिश्रा को पूरी में एसोसिएशन ऑफ़ कम्युनिटी ऑफ़ थर्मोलॉजीस्ट ऑफ़ इंडिया (acoin) के नेशनल कॉन्फ्रेंस पूरी में 2023-24 का ACOINian ऑफ़ द ईयर 2033-24 अवार्ड से नवाज़ा गया है। ज्ञात हो कि एसोसिएशन ऑफ़ कम्युनिटी ऑफ़ ऑप्थलमोलॉजिस्ट ऑफ़ इंडिया (acoin) जो नेत्र चिकित्सकों के लिए संस्था है, द्वारा हर वर्ष यह पुरस्कार देश के वैसे गिने चुने शख्सियतों को दिया जाता है जिन्होंने अपने व्यवसायीक क्षेत्र से इतर समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी के निर्वहन में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। डॉ एन डी मिश्रा ने बताया कि उन्हें यह पुरस्कार उनके द्वारा मगडीहा व आस पास के क्षेत्रों में किये गए शिक्षा, स्वास्थ्य और जनसंख्या नियंत्रण कार्यों के लिए दिया गया हैं। ज्ञात हो कि मगसीहा गांव के पूर्ण रूपेण जनसंख्या नियंत्रित गांव होने से उत्साहित वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गनाइजेशन (WORC) के संस्थापक डॉ एन डी मिश्रा द्वारा समुचित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य को लेकर सोनारायठाढ़ी प्रखंड के बींझा, पिपरा, भूरा, जमुआ, माहापुर एवं खजूरिया पंचायत के दस गांव को गोद लिया गया हैऔर उसपर लगातार कार्य किया जा रहा है। वहीं उन्होंने नवरात्रा को लेकर कहा कि हमारे द्वारा दुर्गा पूजा कर लेना भर ही हमारी जिम्मेवारी नहीं बल्कि ये व्यवस्था करना भी है कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी इसी हर्ष और उल्लास के साथ पूजा मनाते हुए सामाजिक व्यवस्था में बदलाव के लिए सुदृढ़ हो सके।

बड़ी खबर : NIA डीएसपी अजय प्रताप ने जदयू की पूर्व MLC मनोरमा देवी के बेटे को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मांगा था 3 करोड़ घूस, सीबीआई की FIR से हुआ खुलासा


डेस्क : घूसखोरी की मांग मामले में फंसे एनआईए डीएसपी अजय प्रताप सिंह मामले मे बड़ा खुलासा हुआ है। डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव उर्फ राकेश रंजन यादव को फंसाने की धमकी देकर 3 करोड़ की घूस मांगी थी। यह खुलासा सीबीआई की प्राथमिकी से हुआ है।

सीबीआई ने 29 पेज की एफआईआर में रिश्वतकांड का पूरा ब्यौरा दिया है। जिसमें कहा गया है कि डीएसपी ने रॉकी को उसके घर से बरामद हथियारों में एके-47 रखने और नक्सली पर्चा में नाम लिख फंसाकर जेल भेजने की धमकी थी। इससे बचाने के एवज में उससे इतनी बड़ी रकम मांगी थी। डीएसपी ने रॉकी को यह धमकी 24 सितंबर को पटना स्थित जांच एजेंसी के कार्यालय में बुलाकर दी थी।

सीबीआई के मुताबिक रॉकी ने 3 अक्टूबर को उसके नई दिल्ली स्थित मुख्यालय एसपी के ई-मेल पर छह पेश की शिकायत भेजी थी। इसकी पड़ताल करने के बाद सीबीआई की टीम ने गुरुवार की देर शाम एनआईए डीएसपी को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी ने धमकी दी थी कि तीन करोड़ नहीं देने पर रॉकी के साथ उसकी मां मनोरमा देवी को भी तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है।

डीएसपी ने रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 50 लाख रुपये देने को कहा। रॉकी ने इतने पैसे तुरंत देने में असमर्थता जाहिर की तो इसे घटाकर 25 लाख कर दी। 26 सितंबर को यह राशि ली गई।

रॉकी को एक अक्टूबर को फिर एनआईए दफ्तर बुलाया गया। दूसरी किस्त के तौर पर डीएसपी ने 70 लाख देने को कहा। सौदा 35 लाख पर तय हुआ। शेष 35 लाख 3 अक्टूबर को गया के आसपास देना तय हुआ था। इसी क्रम में डीएसपी हत्थे चढ़ गया। सीबीआई को तमाम साक्ष्य रॉकी ने पटना के एक होटल में सौंपा। इसमें डीएसपी के खिलाफ ऑडियो, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज हैं जिससे 3 करोड़ घूस मांगने की पुष्टि हुई।

टेरर फंडिंग पर एनआईए का बड़ा एक्शन, एटीएस के साथ मिलकर 5 राज्य के 22 ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड

#nia_is_carrying_out_searches_at_22_locations_in_5_states

देश विरोधी गतिविधियों के लिए होने वाली फंडिंग को लेकर एनआईए ने जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में छापेमारी की है। एनआईए ने छापेमारी के बाद 4 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया। इन चारों संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है और सूत्रों के मुताबिक चारों के लिंक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से है।

एनआईए ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ एक्शन लेते हुए 5 प्रदेश के करीब 22 ठिकानों पर छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में एनआईए ने रेड की है। एनआईए ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में छापेमारी की। यह छापेमारी बारामूला में इकबाल भट के आवासीय घर पर की गई है। कश्मीर में कुछ अन्य स्थानों पर भी छापेमारी चल रही है।आतंकी घटनाओं की जांच को लेकर यह छापेमारी की गई है।

जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के साथ-साथ राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम में भी एनआईए की छापेमारी चल रही है।महाराष्ट्र के जालना, औरंगाबाद और मालेगांव से 4 सस्पेक्ट से पूछताछ की है। चारो के लिंक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से बताया जा रहा है।

इससे पहले एनआईए ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत 12 ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी छापेमारी की थी। यह छापेमारी एनआईए की माओवादियों के ठिकानों से संबंधित थी।

हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह
#haryana_assembly_elections_kumari_selja_reached_to_meet_sonia_gandhi
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प् हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।
हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह

#haryana_assembly_elections_kumari_selja_reached_to_meet_sonia_gandhi

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प्

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ आशुभाषण एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में 'आजादी का अमृत महोत्सव' समिति की ओर से आशुभाषण एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

आशु भाषण प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने 'विकसित भारत का लक्ष्य: महिलाओं एवं बच्चों का समावेशी विकास' विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं और महिलाओं एवं बच्चों को समाज का एक अहम हिस्सा बताया। कार्यक्रम में निर्णायक के तौर पर डॉ. शिव शंकर यादव, डॉ. विभूति नारायण एवं सुश्री मंजरी राज उपस्थित रहीं। साथ ही समन्वयक के तौर पर प्रो. ओ.पी. बी. शुक्ला एवं डॉ. प्रदीप कुमार उपस्थित रहे।इसके अतिरिक्त पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से 'औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाना' (Removing any trace of colonial mindset) विषय पर अपने विचारों का कलात्मक प्रस्तुतिकरण दिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में समन्वयक के तौर पर डॉ. बबिता पाण्डेय एवं डॉ. शिखा तिवारी उपस्थित रहीं। समस्त प्रतियोगिताओं के दौरान विभिन्न विभागों के शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  'आजादी का अमृत महोत्सव' समिति की ओर से 'आत्मनिर्भर भारत: औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाना'  ( Atmanirbhar Bharat: Removing any trace of colonial mindset ) विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता के दौरान समन्वयक के तौर पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के डॉ. सोमीपेम आर. शिमरे एवं डॉ. नितेश वर्मा उपस्थित रहे। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने निबंध के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये‌ और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों के विचार, तार्किकता, विषय गंभीरता एवं लेखन शैली के आधार पर प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया जायेगा।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले मौन व्रत रखता है लारेंस बिश्नोई, इस बार भी रखा था 9 दिनों का उपवास

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से देश में गुस्सा है. वहीं, मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है. हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन गिरफ्तार 2 आरोपियों ने बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया है. इसी बीच लारेंस बिश्नोई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई ने नवरात्र में 9 दिन तक मौन व्रत रखा था. इस दौरान बिश्नोई किसी से बातचीत नहीं करता था. साथ ही वह अन्न भी ग्रहण नहीं करता था.माना जाता है की जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है. हाल ही में लारेंस बिश्नोई का एक वीडियो कॉल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें बिश्नोई पाकिस्तान के गैंगस्टर से बातचीत कर रहा था और ईद की बधाई दे रहा था. दावा ये भी था कि ये कॉल बिश्नोई ने साबरमती जेल से किया था लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद साबरमती जेल प्रशासन ने पुराना वीडियो होने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था.

सूत्रों के मुताबिक लारेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में एक अलग सेल में रखा गया है. वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल जेल से करता है. ये बात एजेंसी के लोग भी बताते हैं. बिश्नोई अन्न कम खाता है, दूध दही और फल का इस्तेमाल खाने में करता है. इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और कसरत भी करता है.

तिहाड़ जेल में भी बिश्नोई फोन से बात करता था. इसका खुलासा आज तक/इंडिया टूडे ने बिश्नोई के इंटरस्टेड कॉल के जरिए खुलासा किया था. सिद्धू मुसावाला की हत्या के बाद बिश्नोई के करीबी ने जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को फोन पर कॉल किया था और सिद्धू मुसावला हत्याकांड की जानकारी दी थी. पंजाब और राजस्थान की जेल में जब बिश्नोई बंद था, तब भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था.

गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है. इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है. जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है. आमतौर पर आतंक से जुडे और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे सेल में रखा जाता है. साल 2008 से बम ब्लास्ट से जुडी आतंकियों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरेक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं.

इन सेल-बैरक में बंद आरोपीयों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है. क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं. सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है. उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.

मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे. तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से बांद्रा ईस्ट में उस शूटिंग स्पॉट पर पहुंचे थे, जहां गोली चलाई गई थी. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपियों ने कुछ समय वहीं बिताया और उनका इंतजार किया. पुलिस को शक है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से भी अंदरूनी जानकारी मिल रही थी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

कनाडा पुलिस और इंडियन एजेंसी से वांटेड सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिए बिश्नोई गैंग ऑपरेट हो रहा है. एनआईए ने बताया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं, जिसमें 300 पंजाब से जुड़े हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की फोटो डाली गई. बिश्नोई का कोर्ट लाते-जाते फोटो और वीडियो डाले जाते और इस तरह गैंग का प्रचार प्रसार किया गया. बिश्नोई गैंग ने साल 2020-21 तक करोड़ों रुपए एक्सटोर्शन से कमाए और वो पैसा हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया.

लॉरेंस बिश्नोई के जुर्म का साम्राज्य भारत के 11 राज्य और 6 देशों तक फैल चुका है. एनआईए के मुताबिक कभी बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया. बिश्नोई गैंग अब पूरे नॉर्थ इंडिया में, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड तक फैल चुका है. सोशल मीडिया और तमाम अलग अलग तरीको से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है. लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य USA, अजरबैजान, पुर्तगाल, UAE और रूस तक फैला हुआ है.

नौजवान ऐसे होते हैं शामिल

नौजवानों को कनाडा या उनके पसंद के मनचाहे देश में शिफ्ट कराने का लालच देकर गैंग में भर्ती करवाया जाता है. NIA के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाने में करता है. UAPA के तहत अदालत में NIA ने कुछ दिनों पहले लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

दुनियाभर में इस्लामी शासन लाने का लक्ष्य! सरकार ने आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर पर लगाया प्रतिबंध

भारत सरकार ने गुरुवार को पैन-इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह संगठन, जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी, जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए भारत सहित दुनियाभर में इस्लामी राज्य और खिलाफत स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में बताया कि HuT भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी संगठनों, जैसे ISIS, में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बना रहा है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का पालन करते हुए, गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। उन्होंने बताया कि यह संगठन देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा है। यह सोशल मीडिया और सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है। साथ ही, इस संगठन के सदस्य 'दावा' बैठकों का आयोजन कर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं।

अधिसूचना में कहा गया कि हिज्ब-उत-तहरीर का उद्देश्य भारत और अन्य देशों में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारों को उखाड़ फेंककर एक इस्लामी राज्य स्थापित करना है, जो भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। केंद्र सरकार ने इस संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे यह प्रतिबंध प्रभावी होगा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में तमिलनाडु में एचयूटी मामले में एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो भारत विरोधी विचारधारा को फैलाने और अलगाववाद को भड़काने का प्रयास कर रहा था।

NIA ने अब तक इस मामले में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी का आरोप है कि ये लोग पाकिस्तान से सैन्य सहायता मांगकर भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने और कश्मीर को ‘आजाद’ कराने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। 1953 में स्थापित यह समूह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय लेबनान में है। यह संगठन दुनिया भर के 30 से अधिक देशों में सक्रिय है, जिनमें यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा, और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। हिज्ब-उत-तहरीर का इतिहास यहूदियों और इजरायल के खिलाफ हमलों की प्रशंसा करने का रहा है। इस वजह से, जर्मनी, मिस्र, ब्रिटेन और कई मध्य एशियाई और अरब देशों सहित कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

क्या है 'हिज्ब-उत-तहरीर' जिसपर भारत सरकार ने लगाया प्रतिबंध? यरुशलम से है खास कनेक्शन


डेस्क: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को गैरकानूनी/प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए कहा कि ये संगठन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। आइए जानते हैं कि क्या है हिज्ब-उत-तहरीर, इसकी स्थापना कब हुई और इस कट्टरपंथी समूह का मकसद क्या है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में शामिल है। इसके साथ ही ये समूह आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब उत तहरीर सोशल मीडिया और सुरक्षित ऐप्स का सहारा लेकर युवाओं को आतंकी कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैठकें आयोजित करता है। यह समूह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है मकसद
केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद में शामिल है और उसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में भाग लिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है।

हिज्ब-उत-तहरीर को बांग्लादेश और यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है। ब्रिटेन ने इसे एक यहूदी विरोधी संगठन कहा था जो कि सक्रिय रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना साल 1953 में यरुशलम में की गई थी। अरबी में हिज्ब-उत-तहरीर का मतलब 'मुक्ति की पार्टी' है। यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ये संगठन गैर-सैन्य तरीकों से खिलाफत की पुन: स्थापना पर काम करता है।

इससे पहले NIA ने भी गुरुवार को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर, भारत विरोधी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी के घर की तलाशी ली है। फैज़ुल रहमान नामक शख्स के घर पर तलाशी की गई और डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया गया है। NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी पर अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पूरे तमिलनाडु में कई अभियान चलाने का आरोप है।
देवघर- बैद्यनाथ शंकर नेत्रालय के सभागार में वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गनाइजेशन (WORC) के बैनर तले एक प्रेस वार्ता।
देवघर: के बैद्यनाथ शंकर नेत्रालय के सभागार में वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गनाइजेशन (WORC) के बैनर तले एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान बताया गया कि देवघर के सुप्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ एन डी मिश्रा को पूरी में एसोसिएशन ऑफ़ कम्युनिटी ऑफ़ थर्मोलॉजीस्ट ऑफ़ इंडिया (acoin) के नेशनल कॉन्फ्रेंस पूरी में 2023-24 का ACOINian ऑफ़ द ईयर 2033-24 अवार्ड से नवाज़ा गया है। ज्ञात हो कि एसोसिएशन ऑफ़ कम्युनिटी ऑफ़ ऑप्थलमोलॉजिस्ट ऑफ़ इंडिया (acoin) जो नेत्र चिकित्सकों के लिए संस्था है, द्वारा हर वर्ष यह पुरस्कार देश के वैसे गिने चुने शख्सियतों को दिया जाता है जिन्होंने अपने व्यवसायीक क्षेत्र से इतर समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी के निर्वहन में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। डॉ एन डी मिश्रा ने बताया कि उन्हें यह पुरस्कार उनके द्वारा मगडीहा व आस पास के क्षेत्रों में किये गए शिक्षा, स्वास्थ्य और जनसंख्या नियंत्रण कार्यों के लिए दिया गया हैं। ज्ञात हो कि मगसीहा गांव के पूर्ण रूपेण जनसंख्या नियंत्रित गांव होने से उत्साहित वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गनाइजेशन (WORC) के संस्थापक डॉ एन डी मिश्रा द्वारा समुचित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य को लेकर सोनारायठाढ़ी प्रखंड के बींझा, पिपरा, भूरा, जमुआ, माहापुर एवं खजूरिया पंचायत के दस गांव को गोद लिया गया हैऔर उसपर लगातार कार्य किया जा रहा है। वहीं उन्होंने नवरात्रा को लेकर कहा कि हमारे द्वारा दुर्गा पूजा कर लेना भर ही हमारी जिम्मेवारी नहीं बल्कि ये व्यवस्था करना भी है कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी इसी हर्ष और उल्लास के साथ पूजा मनाते हुए सामाजिक व्यवस्था में बदलाव के लिए सुदृढ़ हो सके।

बड़ी खबर : NIA डीएसपी अजय प्रताप ने जदयू की पूर्व MLC मनोरमा देवी के बेटे को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मांगा था 3 करोड़ घूस, सीबीआई की FIR से हुआ खुलासा


डेस्क : घूसखोरी की मांग मामले में फंसे एनआईए डीएसपी अजय प्रताप सिंह मामले मे बड़ा खुलासा हुआ है। डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव उर्फ राकेश रंजन यादव को फंसाने की धमकी देकर 3 करोड़ की घूस मांगी थी। यह खुलासा सीबीआई की प्राथमिकी से हुआ है।

सीबीआई ने 29 पेज की एफआईआर में रिश्वतकांड का पूरा ब्यौरा दिया है। जिसमें कहा गया है कि डीएसपी ने रॉकी को उसके घर से बरामद हथियारों में एके-47 रखने और नक्सली पर्चा में नाम लिख फंसाकर जेल भेजने की धमकी थी। इससे बचाने के एवज में उससे इतनी बड़ी रकम मांगी थी। डीएसपी ने रॉकी को यह धमकी 24 सितंबर को पटना स्थित जांच एजेंसी के कार्यालय में बुलाकर दी थी।

सीबीआई के मुताबिक रॉकी ने 3 अक्टूबर को उसके नई दिल्ली स्थित मुख्यालय एसपी के ई-मेल पर छह पेश की शिकायत भेजी थी। इसकी पड़ताल करने के बाद सीबीआई की टीम ने गुरुवार की देर शाम एनआईए डीएसपी को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी ने धमकी दी थी कि तीन करोड़ नहीं देने पर रॉकी के साथ उसकी मां मनोरमा देवी को भी तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है।

डीएसपी ने रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 50 लाख रुपये देने को कहा। रॉकी ने इतने पैसे तुरंत देने में असमर्थता जाहिर की तो इसे घटाकर 25 लाख कर दी। 26 सितंबर को यह राशि ली गई।

रॉकी को एक अक्टूबर को फिर एनआईए दफ्तर बुलाया गया। दूसरी किस्त के तौर पर डीएसपी ने 70 लाख देने को कहा। सौदा 35 लाख पर तय हुआ। शेष 35 लाख 3 अक्टूबर को गया के आसपास देना तय हुआ था। इसी क्रम में डीएसपी हत्थे चढ़ गया। सीबीआई को तमाम साक्ष्य रॉकी ने पटना के एक होटल में सौंपा। इसमें डीएसपी के खिलाफ ऑडियो, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज हैं जिससे 3 करोड़ घूस मांगने की पुष्टि हुई।

टेरर फंडिंग पर एनआईए का बड़ा एक्शन, एटीएस के साथ मिलकर 5 राज्य के 22 ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड

#nia_is_carrying_out_searches_at_22_locations_in_5_states

देश विरोधी गतिविधियों के लिए होने वाली फंडिंग को लेकर एनआईए ने जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में छापेमारी की है। एनआईए ने छापेमारी के बाद 4 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया। इन चारों संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है और सूत्रों के मुताबिक चारों के लिंक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से है।

एनआईए ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ एक्शन लेते हुए 5 प्रदेश के करीब 22 ठिकानों पर छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में एनआईए ने रेड की है। एनआईए ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में छापेमारी की। यह छापेमारी बारामूला में इकबाल भट के आवासीय घर पर की गई है। कश्मीर में कुछ अन्य स्थानों पर भी छापेमारी चल रही है।आतंकी घटनाओं की जांच को लेकर यह छापेमारी की गई है।

जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के साथ-साथ राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम में भी एनआईए की छापेमारी चल रही है।महाराष्ट्र के जालना, औरंगाबाद और मालेगांव से 4 सस्पेक्ट से पूछताछ की है। चारो के लिंक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से बताया जा रहा है।

इससे पहले एनआईए ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत 12 ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी छापेमारी की थी। यह छापेमारी एनआईए की माओवादियों के ठिकानों से संबंधित थी।

हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह
#haryana_assembly_elections_kumari_selja_reached_to_meet_sonia_gandhi
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प् हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।
हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प्

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।