अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट हुआ सस्पेंड, तकनीकी गलती या कुछ और?

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का फेसबुक पेज सस्पेंड कर दिया गया है। अखिलेश यादव का फेसबुक पेज शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे से बंद कर दिया गया। पार्टी अध्यक्ष का अकाउंट सस्पेंड होने को लेकर समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोल दिया है। सपा ने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट मोदी सरकार के इशारे पर सस्पेंड किया गया है।

सपा ने बताया- लोकतंत्र पर हमला

सपा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विपक्षी आवाज दबाने का प्रयास बताया। पार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स पर लिखा, देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का फेसबुक अकाउंट सस्पेंड करना लोकतंत्र पर हमला है। बीजेपी ने अनघोषित इमरजेंसी लगा दी है। 

बीजेपी के इशारे पर सस्पेंशन का आरोप

सपा का आरोप है कि यह सस्पेंशन बीजेपी के इशारे पर हुआ। पार्टी ने कहा कि अखिलेश ने हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती की बीजेपी की तारीफ पर सवाल उठाए थे, जिससे ‘आंतरिक सांठगांठ’ का दावा किया। इससे पहले सपा ने चुनाव आयोग पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया था। अकाउंट सस्पेंड होने से सपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा फैल गया। पार्टी ने फेसबुक से तुरंत बहाली की मांग की और कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है।

80 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स

अखिलेश के फेसबुक अकाउंट में पर 80 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे, जो एक्सेसिबल नहीं है। अखिलेश यादव रोजाना कई पोस्ट अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं। इन पोस्ट के जरिये सपा मुखिया बीजेपी सरकार की कमियों को भी उजागर करते थे।

सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन (एसएफजी)पर ड्रोन तकनीक का उपयोग करके सौर पैनलों की सफाई का प्रदर्शन किया गया आयोजित

संजय द्विवेदी प्रयागराज।उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर)ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए भारतीय रेलवे के नेट-ज़ीरो मिशन के एक भाग सौर मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए 23.09.2025 को ड्रोन- आधारित सौर पैनल सफाई तकनीक का लाइव प्रदर्शन सफलतापूर्वक आयोजित किया।यह अग्रणी पहल उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा प्रणालियों की दक्षता रखरखाव और लागत बचत को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।सूबेदारगंज स्टेशन(एसएफजी)पर ड्रोन तकनीक का उपयोग करके सौर पैनलों की सफाई हेतु प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन एनसीआर मुख्यालय द्वारा यतेन्द्र कुमार प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर और पंकज जायसवाल मुख्य विद्युत अभियंता/ईईएम के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया और उनके मुख्य तकनीकी सहायक चंदन भाई रावल कनिष्ठ अभियंता/सौर/एनसीआर मुख्यालय द्वारा किया गया।इस प्रदर्शन में प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ रेल अधिकारियों ने भी भाग लिया जिनमें अखिलेश कुमार वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर/सामान्य/प्रयागराज एस.ए.एच. रिज़वी मंडल विद्युत अभियंता/सामान्य और उनके क्षेत्रीय कर्मचारी शामिल थे।सूबेदारगंज स्टेशन पर इस्तेमाल किए गए इस विशेष ड्रोन में 10 लीटर पानी का भंडारण टैंक था। बिना पानी के ड्रोन का वजन लगभग 19 किलोग्राम था। ड्रोन लक्ष्य स्थल पर पानी फेंकने के लिए 4 नोजल का उपयोग करता है। ड्रोन को सैटेलाइट/जीपीएस रिमोट कंट्रोलर/ट्रांसमीटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।पूरी तरह चार्ज होने के बाद यह ड्रोन 22 मिनट तक काम करता है। यह प्रदर्शन सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन भवन और प्लेटफार्म संख्या 1 के शेल्टर पर आयोजित किया गया था।इस ड्रोन तकनीक के प्रदर्शन ने सौर पैनलों की सफाई के सम्बन्ध में संतोषजनक प्रदर्शन किया। हालाँकि ड्रोन के डिज़ाइन में कुछ छोटे बदलावों पर फर्म की तकनीकी टीम के साथ चर्चा और सुझाव दिए गए है ताकि रेलवे अनुप्रयोगो के सम्बन्ध में ड्रोन अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल बन सकें।प्रदर्शित ड्रोन उन्नत सफाई तंत्र से सुसज्जित है जो न्यूनतम पानी और किसी रसायन का उपयोग नहीं करते जिससे सौर प्रतिष्ठानों का पर्यावरण अनुकूल रखरखाव सुनिश्चित होता है।

Demonstration organized by North Central Railway for cleaning of Solar Panels using Drone technology at Subedarganj Railway Station (SFG)

In a groundbreaking move, North Central Railway (NCR) in continuation to its commitment towards Solar Mission which is a part of NET ZERO mission of Indian Railways, successfully conducted a live demonstration of drone-based solar panel cleaning technology on 23.09.2025. This pioneering initiative marks a significant step towards enhancing the efficiency, maintenance & cost saving of solar energy systems installed all over North Central Railway region.

The demonstration for cleaning of Solar panels using drone technology was conducted at Subedarganj Staion (SFG). This demo was organized by NCR HQ under the guidance of Shri Yatendra Kumar, Principal Chief electrical Engineer/NCR & Shri Pankaj Jaiswal, Chief Electrical Engineer/EEM and executed by their chief technical assistant Shri Chandan Bhai Rawal, JE/Solar/NCR HQ. This demonstration also witnessed the participation of senior railway officials of Prayagraj division including Shri Akhilesh Kumar, Sr.DEE/G/PRYJ, Shri S.A.H. Rizvi, Divisional Electrical Engineer/General & his field staff.

This particular drone which was used at Subedarganj station had a tank of 10 litres of water storage. The drone weighted approx. 19 kg without water. The drone uses 4 nozzles to throw water at the target site. The drone is controlled through a satellite/GPS remote controller/transmitter. This drone performs for 22 minutes after getting fully charged. The demo was conducted at the Subedarganj railway station building and shelter of platform No. 1 as visible in the images below.

This drone technology demo performed satisfactory in relation to cleaning of solar panels. Although, some minor changes in the design of drone is discussed and suggested with the Technical team of the firm, so that the drones can become more user-friendly with respect to Railway applications. The showcased drones are equipped with advanced cleaning mechanisms that use minimal water and no chemicals, ensuring eco-friendly maintenance of solar installations.

करणी सेना नहीं वो योगी सेना, सरकार ने की फंडिंग”, अखिलेश यादव का यीपी सरकार पर हमला

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राणा सांगा पर राज्यसभा में दिए बयान के बाद छिड़े सियासी घमासान के बीच शनिवार को सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने आगरा उनके आवास पहुंचे।जहां उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने करणी सेना पर हमले का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा है, जिसका उद्देश्य दलितों और अल्पसंख्यकों को डराना है। अखिलेश यादव ने कहा कि करणी सेना नहीं ये योगी सेना है, जिसके लिए सरकार से फंडिंग हो रही है।

यह संदेश दिया गया कि राजपूत योगी के साथ-अखिलेश

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर मीडिया से वार्ता करते हुए करणी सेना के प्रदर्शन पर कहा कि यह लखनऊ और दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों के वर्चस्व की लड़ाई थी। भोले-भाले लोगों को तलवारें पकड़ाकर आगे कर दिया गया। प्रदर्शन से यह संदेश दिया गया कि राजपूत योगी के साथ हैं।

लोगों की आवाज दबाने के लिए योगी सेना-अखिलेश

अखिलेश यादव ने करणी सेना को योगी सेना बताया। उन्होंने कहा, जिस तरह हिटलर सेना रखता था, लोगों की आवाज दबाने के लिए उसी तरह ये योगी सेना लोगों को डरा रही है सवाल उठाए कि इन्हें फंडिंग किसने की। योगी को कुछ नहीं आता है।

पीडीए को डराने की कोशिश-अखिलेश

अखिलेश ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर आरोप लगाया कि ये पीडीए को तोड़ने की कोशिश है। अखिलेश यादव ने सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर करणी सेना की तरफ से किए गए हमले को लेकर कहा कि ये पीडीए को डराने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि सांसद के आवास पर अचानक हमला नहीं हुआ। ये हमला एक साजिश के तहत हुआ है। हमलावरों का इरादा जान लेने का था।

अखिलेश ने कहा कि हाल में हुए उप चुनाव भी ये लोग डराकर ही जीते हैं। प्रयागराज में एक दलित को मारकर जला दिया गया। ये एक तरह से दलितों-अल्पसंख्यकों को डराने कोशिश पूरी कोशिश की गई है।

अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि अमित शाह ने ले ली चुटकी, बोले-आप तो 25 साल अध्यक्ष रहेंगे

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कई महीनों के विवाद के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक बार फिर लोकसभा के पटल पर पेश किया गया है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी देशों ने इस बिल पर विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने भी इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में भाषण के दौरान अखिलेश सत्तापक्ष पर जमकर बरसे हैं। हालांकि, बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी को लेकर कुछ ऐसा बोल कि अमित शाह ने उल्टे उनकी ही चुटकी ले ली।

दरअसल, वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा।उन्होंने कहा कि ये जो बिल लाया जा रहा है बीजेपी में तो मुकाबला चल रहा है कि बीजेपी के अंदर खराब हिंदू कौन बड़ा है। ये बात मैं ऐसे नहीं कह रहा हूं। जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी हो अध्यक्ष महोदय वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक। बीजेपी क्या है?

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसा तो बीजेपी की तरफ से मोर्चा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल लिया। वो अखिलेश के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है इसलिए मैं भी हंसते-हंसते ही जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको 5 में से ही चुनना है। एक ही परिवार से चुनना है। माननीय अध्यक्ष जी करोड़ों सदस्यों में से 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया करके चुनना है तो देर लगती है। आपके यहां जरा भी देर नहीं लगेगी। मैं कह देता हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ। नहीं बदल सकता।

जब अमित शाह ने उन्हें 25 साल वाला आशीर्वाद दिया तो अखिलेश ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनके पास बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद मेज थपथपाकर शाह की बात का स्वागत करते दिखे।

चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना होगा', अखिलेश यादव का विवादित बयान

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर विवादित टिप्पणी की है। मिल्कीपुर में वोटिंग के बाद अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मर चुका है। हमें सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा। दिल्‍ली में संसद जाने से पहले मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा- 'यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है।

सपा के के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया-अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्‍कीपुर में वोटिंग के दौरान पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के गुंडों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया। भाजपा ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला।

डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया। भाजपा के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है। फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने खुद पकड़ा है। उन्होंने कहा, मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि भाजपा सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त हैं। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।

सपा फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही

दरअसल, सपा मिल्कीपुर में फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही है। 5 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में चुनाव आयोग से भी मिला था। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की। पोलिंग एजेंट को बाहर निकाले जाने और फर्जी मतदान का आरोप है।

मिल्कीपुर प्रतिष्ठा का विषय बना

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बना हुआ है। यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है। पिछले साल के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी।

अखिलेश ने क्यों कही अपने इस्तीफे की बात? लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष का बड़ा दावा

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हादसे को लेकर कुछ दावे भी किए और कहा कि अगर उनके दावे गलत निकले तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

संसद भवन में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के कन्‍नौज सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर सवाल उठाए। पहले तो अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में स्‍पीकर ओम बिड़ला से आग्रह किया कि जब चर्चा खत्‍म हो रही होगी तब महाकुंभ हादसे के पीड़‍ितों के प्रति 2 मिनट मौन रखने की इजाजत दी जाए। उन्‍होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, उससे पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दिए जाएं। इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। उन्‍होंने मांग की कि ‘महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया पाया केंद्र की ज‍िम्‍मेदारी सेना को दी जाए। घायलों का इलाज, दवाइयां, डॉक्‍टर, भोजन-पानी का आंकड़ा सदन में रखा जाए। इस हादसे के लिए जिम्‍मेदार लोगों पर घोर दंडात्‍मक एक्‍शन लिया जाए।

अखिलेश ने कहा, लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए। उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है। अखिलेश ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।

सपा प्रमुख ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्‍यों गए? सच छिपाना, मिटाना भी तो अपराध है? डबल इंजन सरकार का प्रचार करते अब तो वो होर्डिंग हटा देने चाहिए। महाकुंभ के डिजिटल होने का दावा किया गया, वो लोग अब मृतकों की डिजिट तक नहीं दे पा रहे हैं। खोया पाया केंद्र को भी लोग नहीं ढूंढ पा रहे।

सपा सांसद ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया है। जहां तक मेरी समझ और जानकारी कहती है कि जो ज्‍योतिष संबंधी चीजों को की समझते होंगे कि वो ये स्‍वीकार करते होंगे कि जो भी कुंभ होता होगा 144 साल बाद ही होता होगा। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं सरकार से ये कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलियुग तक ये सनातन परंपरा रही है कि संत, महात्‍मा मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। लेकिन भाजपा के राज में ये परंपरा टूट गई और हादसे को छिपाकर ये आदेश दिया गया कि अखाड़े शाही स्‍नान करने जाएं। ये सनातन परंपरा तोड़कर अच्‍छा नहीं किया गया।

संसद में संभल पर संग्रामःअखिलेश बोले-भाईचारे को गोली मारी गई, पुलिस पर हो हत्या का केस
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* संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को छठवां दिन है। सदन शुरू होने से पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अडाणी और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुए।संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा। इस पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। साथ ही कांग्रेस सांसद भी वॉक आउट कर गए। हालांकि बाद में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद वापस सदन में लौट आए। *संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत-अखिलेश* अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 'संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। भाजपा के शुभचिंतक बार-बार खुदाई की जो मांग कर रहे हैं, वह खुदाई देश के सौहार्द को खो देगी। उत्तर प्रदेश का उपचुनाव था, पहले चुनाव 13 तारीख को होना था, उसे बढ़ाकर 20 तारीख को कर दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि मासूम लोगों पर गोलियां चलाई गईं। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है और संभल के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को खो देगी।' *पुलिस प्रशासन जिम्मेदार--अखिलेश* अखिलेश यादव ने कहा कि संभल कोर्ट में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने बिना दूसरे पक्ष को सुने बगैर सर्वे का आदेश दिया। इसके बाद संभल के डीएम और प्रशासन के लोग आदेश को पढ़े बगैर सर्वे कराने वहां पहुंच गए। संभल का माहौल का बिगाड़ने में याचिका दायर करने वालों के साथ पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। *राज्यसभा में राम गोपाल ने उठाया संभल का मामला* वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने 24 दिसंबर को एक घटना के दौरान उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया। राम गोपाल के अनुसार, स्थानीय लोगों को इसके उद्देश्य के बारे में बताए बिना सुबह से ही जिले में व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी। राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), वकील और अन्य लोग ढोल-नगाड़ों के साथ एक मस्जिद में घुस गए, जिससे भीड़ में संदेह पैदा हो गया। उन्हें बर्बरता का डर था। उन्होंने दावा किया कि अशांति तब शुरू हुई जब सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने मस्जिद के अंदर पानी की टंकी खोली, जिससे संभावित छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई। कथित तौर पर अशांति हिंसा में बदल गई, जिसके दौरान पुलिस ने गोलियां चलाईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई मामले दर्ज किए गए, कई व्यक्तियों को जेल में डाल दिया गया और बंदियों को गंभीर रूप से पीटा गया।
झांसी अग्निकांडः सीएम योगी ने दिए 12 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश, हादस पर अखिलेश ने सरकार को घेरा*
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झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीसीयू) वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलकर मौत हो गई। सीएम योगी के निर्देश पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी पहुंचे। हादसे की जाँच कर 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। ये दर्दनाक हादसा रात साढ़े 10 बजे के आसपास हुआ। हादस के बाद योगी सरकार ने मुजावजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मृतक बच्चों के परिजनों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि देने की अपील की है। साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को घेरा है। घटना के बाद शनिवार सुबह-सुबह झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस घटना के दोषियों को किसी की सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आज 10 घंटे के भीतर शुरुआती जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। सीएम योगी की पूरे मामले पर सीधी नजर है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। *सपा ने योगी सरकार को घेरा* झांसी के अस्पताल में लगी के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समजवादी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर राज्य सरकार आड़े हाथ लिया है। पार्टी की ओर से जारी पोस्ट में , झांसी में हुआ ये दर्दनाक हादसा योगी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण हुआ है। दंगा-फसाद करवाकर चुनाव जीतने का काम करने पर ही सीएम योगी का सारा दिमाग लगता है। यूपी के सरकारी अस्पताल बदहाली, भ्रष्टाचार, लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। सीएम योगी के राज में ये दूसरी बड़ी घटना है, जिसमें मांओं ने अपने बच्चों को खोया है। वो पहली गोरखपुर की ऑक्सीजन कांड वाली घटना भी योगी/भाजपा के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी और ये वाली घटना भी योगी/भाजपा के महाभ्रष्टाचार के कारण ही हुई है। *अखिलेश यादव का प्रदेश सरकार पर तंज* वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रदेश कीयोगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ’10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि। आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकार की ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है। संकीर्ण-सांप्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियां करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है।’ *दस बच्चों की हो गई थी मौत* बता दें की महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई।
यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव का ‘रिश्तेदार-वादी’ तंज, भाजपा ने मैदान में उतारा उनका रिश्तेदार, यूपी के मंत्री ने किया पलटवार

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Akhilesh Yadav (PTI file)

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उस पर ‘रिश्तेदार-वादी’ पार्टी होने का आरोप लगाया।

मैनपुरी जिले के दिहुली में एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “वे हम पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते थे, लेकिन अब वे हमसे आगे निकल गए हैं और ‘रिश्तेदार-वादी’ बन गए हैं।” यादव का यह हमला भाजपा द्वारा करहल विधानसभा सीट पर सपा के तेज प्रताप सिंह यादव के खिलाफ उपचुनाव के लिए अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आया है। अनुजेश यादव सपा प्रमुख के रिश्तेदार हैं और दोनों भाई-बहन हैं।

अनुजेश यादव सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के चाचा हैं। करहल सीट पर 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है। इस चुनाव में "फूफा बनाम भतीजा" मुकाबला होगा, जिसमें तेज प्रताप यादव का मुकाबला अनुजेश यादव से होगा, जो उनके विवाह से संबंधित रिश्तेदार हैं।

भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार किया

अखिलेश यादव के हमले का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा, "यह रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि नीतियों की लड़ाई है, सच और झूठ के बीच की लड़ाई है, और अपराधियों और कानून का पालन करने वालों के बीच की लड़ाई है।" "एक बार मैं बगल के अलीगढ़ जिले में था और अक्सर पुलिस मैनपुरी से अपराधियों को गिरफ्तार करती थी या इसके विपरीत। लेकिन पिछले सात सालों में, क्या आपने मैनपुरी में ऐसी किसी गिरफ्तारी या अपहरण की घटना के बारे में सुना है?" उन्होंने कहा। "ऐसा क्यों है? क्योंकि यह वही कानून है, लेकिन लागू करने वाला बदल गया है। यह वही बुलडोजर है जिसे अब सही ड्राइवर मिल गया है," अरुण ने कहा।

उत्तर प्रदेश में करहल सहित नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होने हैं, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में उपचुनाव होना है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अखिलेश यादव ने किया था, जिन्होंने कन्नौज से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इसे खाली कर दिया था।

वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

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संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।

अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट हुआ सस्पेंड, तकनीकी गलती या कुछ और?

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का फेसबुक पेज सस्पेंड कर दिया गया है। अखिलेश यादव का फेसबुक पेज शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे से बंद कर दिया गया। पार्टी अध्यक्ष का अकाउंट सस्पेंड होने को लेकर समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोल दिया है। सपा ने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट मोदी सरकार के इशारे पर सस्पेंड किया गया है।

सपा ने बताया- लोकतंत्र पर हमला

सपा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विपक्षी आवाज दबाने का प्रयास बताया। पार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स पर लिखा, देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का फेसबुक अकाउंट सस्पेंड करना लोकतंत्र पर हमला है। बीजेपी ने अनघोषित इमरजेंसी लगा दी है। 

बीजेपी के इशारे पर सस्पेंशन का आरोप

सपा का आरोप है कि यह सस्पेंशन बीजेपी के इशारे पर हुआ। पार्टी ने कहा कि अखिलेश ने हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती की बीजेपी की तारीफ पर सवाल उठाए थे, जिससे ‘आंतरिक सांठगांठ’ का दावा किया। इससे पहले सपा ने चुनाव आयोग पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया था। अकाउंट सस्पेंड होने से सपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा फैल गया। पार्टी ने फेसबुक से तुरंत बहाली की मांग की और कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है।

80 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स

अखिलेश के फेसबुक अकाउंट में पर 80 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे, जो एक्सेसिबल नहीं है। अखिलेश यादव रोजाना कई पोस्ट अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं। इन पोस्ट के जरिये सपा मुखिया बीजेपी सरकार की कमियों को भी उजागर करते थे।

सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन (एसएफजी)पर ड्रोन तकनीक का उपयोग करके सौर पैनलों की सफाई का प्रदर्शन किया गया आयोजित

संजय द्विवेदी प्रयागराज।उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर)ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए भारतीय रेलवे के नेट-ज़ीरो मिशन के एक भाग सौर मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए 23.09.2025 को ड्रोन- आधारित सौर पैनल सफाई तकनीक का लाइव प्रदर्शन सफलतापूर्वक आयोजित किया।यह अग्रणी पहल उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा प्रणालियों की दक्षता रखरखाव और लागत बचत को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।सूबेदारगंज स्टेशन(एसएफजी)पर ड्रोन तकनीक का उपयोग करके सौर पैनलों की सफाई हेतु प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन एनसीआर मुख्यालय द्वारा यतेन्द्र कुमार प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर और पंकज जायसवाल मुख्य विद्युत अभियंता/ईईएम के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया और उनके मुख्य तकनीकी सहायक चंदन भाई रावल कनिष्ठ अभियंता/सौर/एनसीआर मुख्यालय द्वारा किया गया।इस प्रदर्शन में प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ रेल अधिकारियों ने भी भाग लिया जिनमें अखिलेश कुमार वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर/सामान्य/प्रयागराज एस.ए.एच. रिज़वी मंडल विद्युत अभियंता/सामान्य और उनके क्षेत्रीय कर्मचारी शामिल थे।सूबेदारगंज स्टेशन पर इस्तेमाल किए गए इस विशेष ड्रोन में 10 लीटर पानी का भंडारण टैंक था। बिना पानी के ड्रोन का वजन लगभग 19 किलोग्राम था। ड्रोन लक्ष्य स्थल पर पानी फेंकने के लिए 4 नोजल का उपयोग करता है। ड्रोन को सैटेलाइट/जीपीएस रिमोट कंट्रोलर/ट्रांसमीटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।पूरी तरह चार्ज होने के बाद यह ड्रोन 22 मिनट तक काम करता है। यह प्रदर्शन सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन भवन और प्लेटफार्म संख्या 1 के शेल्टर पर आयोजित किया गया था।इस ड्रोन तकनीक के प्रदर्शन ने सौर पैनलों की सफाई के सम्बन्ध में संतोषजनक प्रदर्शन किया। हालाँकि ड्रोन के डिज़ाइन में कुछ छोटे बदलावों पर फर्म की तकनीकी टीम के साथ चर्चा और सुझाव दिए गए है ताकि रेलवे अनुप्रयोगो के सम्बन्ध में ड्रोन अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल बन सकें।प्रदर्शित ड्रोन उन्नत सफाई तंत्र से सुसज्जित है जो न्यूनतम पानी और किसी रसायन का उपयोग नहीं करते जिससे सौर प्रतिष्ठानों का पर्यावरण अनुकूल रखरखाव सुनिश्चित होता है।

Demonstration organized by North Central Railway for cleaning of Solar Panels using Drone technology at Subedarganj Railway Station (SFG)

In a groundbreaking move, North Central Railway (NCR) in continuation to its commitment towards Solar Mission which is a part of NET ZERO mission of Indian Railways, successfully conducted a live demonstration of drone-based solar panel cleaning technology on 23.09.2025. This pioneering initiative marks a significant step towards enhancing the efficiency, maintenance & cost saving of solar energy systems installed all over North Central Railway region.

The demonstration for cleaning of Solar panels using drone technology was conducted at Subedarganj Staion (SFG). This demo was organized by NCR HQ under the guidance of Shri Yatendra Kumar, Principal Chief electrical Engineer/NCR & Shri Pankaj Jaiswal, Chief Electrical Engineer/EEM and executed by their chief technical assistant Shri Chandan Bhai Rawal, JE/Solar/NCR HQ. This demonstration also witnessed the participation of senior railway officials of Prayagraj division including Shri Akhilesh Kumar, Sr.DEE/G/PRYJ, Shri S.A.H. Rizvi, Divisional Electrical Engineer/General & his field staff.

This particular drone which was used at Subedarganj station had a tank of 10 litres of water storage. The drone weighted approx. 19 kg without water. The drone uses 4 nozzles to throw water at the target site. The drone is controlled through a satellite/GPS remote controller/transmitter. This drone performs for 22 minutes after getting fully charged. The demo was conducted at the Subedarganj railway station building and shelter of platform No. 1 as visible in the images below.

This drone technology demo performed satisfactory in relation to cleaning of solar panels. Although, some minor changes in the design of drone is discussed and suggested with the Technical team of the firm, so that the drones can become more user-friendly with respect to Railway applications. The showcased drones are equipped with advanced cleaning mechanisms that use minimal water and no chemicals, ensuring eco-friendly maintenance of solar installations.

करणी सेना नहीं वो योगी सेना, सरकार ने की फंडिंग”, अखिलेश यादव का यीपी सरकार पर हमला

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राणा सांगा पर राज्यसभा में दिए बयान के बाद छिड़े सियासी घमासान के बीच शनिवार को सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मिलने आगरा उनके आवास पहुंचे।जहां उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने करणी सेना पर हमले का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा है, जिसका उद्देश्य दलितों और अल्पसंख्यकों को डराना है। अखिलेश यादव ने कहा कि करणी सेना नहीं ये योगी सेना है, जिसके लिए सरकार से फंडिंग हो रही है।

यह संदेश दिया गया कि राजपूत योगी के साथ-अखिलेश

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर मीडिया से वार्ता करते हुए करणी सेना के प्रदर्शन पर कहा कि यह लखनऊ और दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों के वर्चस्व की लड़ाई थी। भोले-भाले लोगों को तलवारें पकड़ाकर आगे कर दिया गया। प्रदर्शन से यह संदेश दिया गया कि राजपूत योगी के साथ हैं।

लोगों की आवाज दबाने के लिए योगी सेना-अखिलेश

अखिलेश यादव ने करणी सेना को योगी सेना बताया। उन्होंने कहा, जिस तरह हिटलर सेना रखता था, लोगों की आवाज दबाने के लिए उसी तरह ये योगी सेना लोगों को डरा रही है सवाल उठाए कि इन्हें फंडिंग किसने की। योगी को कुछ नहीं आता है।

पीडीए को डराने की कोशिश-अखिलेश

अखिलेश ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर आरोप लगाया कि ये पीडीए को तोड़ने की कोशिश है। अखिलेश यादव ने सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर करणी सेना की तरफ से किए गए हमले को लेकर कहा कि ये पीडीए को डराने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि सांसद के आवास पर अचानक हमला नहीं हुआ। ये हमला एक साजिश के तहत हुआ है। हमलावरों का इरादा जान लेने का था।

अखिलेश ने कहा कि हाल में हुए उप चुनाव भी ये लोग डराकर ही जीते हैं। प्रयागराज में एक दलित को मारकर जला दिया गया। ये एक तरह से दलितों-अल्पसंख्यकों को डराने कोशिश पूरी कोशिश की गई है।

अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि अमित शाह ने ले ली चुटकी, बोले-आप तो 25 साल अध्यक्ष रहेंगे

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कई महीनों के विवाद के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक बार फिर लोकसभा के पटल पर पेश किया गया है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी देशों ने इस बिल पर विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने भी इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में भाषण के दौरान अखिलेश सत्तापक्ष पर जमकर बरसे हैं। हालांकि, बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी को लेकर कुछ ऐसा बोल कि अमित शाह ने उल्टे उनकी ही चुटकी ले ली।

दरअसल, वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा।उन्होंने कहा कि ये जो बिल लाया जा रहा है बीजेपी में तो मुकाबला चल रहा है कि बीजेपी के अंदर खराब हिंदू कौन बड़ा है। ये बात मैं ऐसे नहीं कह रहा हूं। जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी हो अध्यक्ष महोदय वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक। बीजेपी क्या है?

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसा तो बीजेपी की तरफ से मोर्चा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल लिया। वो अखिलेश के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है इसलिए मैं भी हंसते-हंसते ही जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको 5 में से ही चुनना है। एक ही परिवार से चुनना है। माननीय अध्यक्ष जी करोड़ों सदस्यों में से 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया करके चुनना है तो देर लगती है। आपके यहां जरा भी देर नहीं लगेगी। मैं कह देता हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ। नहीं बदल सकता।

जब अमित शाह ने उन्हें 25 साल वाला आशीर्वाद दिया तो अखिलेश ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनके पास बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद मेज थपथपाकर शाह की बात का स्वागत करते दिखे।

चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना होगा', अखिलेश यादव का विवादित बयान

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर विवादित टिप्पणी की है। मिल्कीपुर में वोटिंग के बाद अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मर चुका है। हमें सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा। दिल्‍ली में संसद जाने से पहले मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा- 'यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है।

सपा के के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया-अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्‍कीपुर में वोटिंग के दौरान पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के गुंडों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया। भाजपा ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला।

डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया। भाजपा के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है। फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने खुद पकड़ा है। उन्होंने कहा, मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि भाजपा सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त हैं। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।

सपा फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही

दरअसल, सपा मिल्कीपुर में फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही है। 5 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में चुनाव आयोग से भी मिला था। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की। पोलिंग एजेंट को बाहर निकाले जाने और फर्जी मतदान का आरोप है।

मिल्कीपुर प्रतिष्ठा का विषय बना

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बना हुआ है। यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है। पिछले साल के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी।

अखिलेश ने क्यों कही अपने इस्तीफे की बात? लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष का बड़ा दावा

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हादसे को लेकर कुछ दावे भी किए और कहा कि अगर उनके दावे गलत निकले तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

संसद भवन में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के कन्‍नौज सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर सवाल उठाए। पहले तो अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में स्‍पीकर ओम बिड़ला से आग्रह किया कि जब चर्चा खत्‍म हो रही होगी तब महाकुंभ हादसे के पीड़‍ितों के प्रति 2 मिनट मौन रखने की इजाजत दी जाए। उन्‍होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, उससे पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दिए जाएं। इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। उन्‍होंने मांग की कि ‘महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया पाया केंद्र की ज‍िम्‍मेदारी सेना को दी जाए। घायलों का इलाज, दवाइयां, डॉक्‍टर, भोजन-पानी का आंकड़ा सदन में रखा जाए। इस हादसे के लिए जिम्‍मेदार लोगों पर घोर दंडात्‍मक एक्‍शन लिया जाए।

अखिलेश ने कहा, लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए। उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है। अखिलेश ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।

सपा प्रमुख ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्‍यों गए? सच छिपाना, मिटाना भी तो अपराध है? डबल इंजन सरकार का प्रचार करते अब तो वो होर्डिंग हटा देने चाहिए। महाकुंभ के डिजिटल होने का दावा किया गया, वो लोग अब मृतकों की डिजिट तक नहीं दे पा रहे हैं। खोया पाया केंद्र को भी लोग नहीं ढूंढ पा रहे।

सपा सांसद ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया है। जहां तक मेरी समझ और जानकारी कहती है कि जो ज्‍योतिष संबंधी चीजों को की समझते होंगे कि वो ये स्‍वीकार करते होंगे कि जो भी कुंभ होता होगा 144 साल बाद ही होता होगा। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं सरकार से ये कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलियुग तक ये सनातन परंपरा रही है कि संत, महात्‍मा मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। लेकिन भाजपा के राज में ये परंपरा टूट गई और हादसे को छिपाकर ये आदेश दिया गया कि अखाड़े शाही स्‍नान करने जाएं। ये सनातन परंपरा तोड़कर अच्‍छा नहीं किया गया।

संसद में संभल पर संग्रामःअखिलेश बोले-भाईचारे को गोली मारी गई, पुलिस पर हो हत्या का केस
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* संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को छठवां दिन है। सदन शुरू होने से पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अडाणी और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुए।संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा। इस पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। साथ ही कांग्रेस सांसद भी वॉक आउट कर गए। हालांकि बाद में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद वापस सदन में लौट आए। *संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत-अखिलेश* अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 'संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। भाजपा के शुभचिंतक बार-बार खुदाई की जो मांग कर रहे हैं, वह खुदाई देश के सौहार्द को खो देगी। उत्तर प्रदेश का उपचुनाव था, पहले चुनाव 13 तारीख को होना था, उसे बढ़ाकर 20 तारीख को कर दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि मासूम लोगों पर गोलियां चलाई गईं। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है और संभल के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को खो देगी।' *पुलिस प्रशासन जिम्मेदार--अखिलेश* अखिलेश यादव ने कहा कि संभल कोर्ट में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने बिना दूसरे पक्ष को सुने बगैर सर्वे का आदेश दिया। इसके बाद संभल के डीएम और प्रशासन के लोग आदेश को पढ़े बगैर सर्वे कराने वहां पहुंच गए। संभल का माहौल का बिगाड़ने में याचिका दायर करने वालों के साथ पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। *राज्यसभा में राम गोपाल ने उठाया संभल का मामला* वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने 24 दिसंबर को एक घटना के दौरान उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया। राम गोपाल के अनुसार, स्थानीय लोगों को इसके उद्देश्य के बारे में बताए बिना सुबह से ही जिले में व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी। राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), वकील और अन्य लोग ढोल-नगाड़ों के साथ एक मस्जिद में घुस गए, जिससे भीड़ में संदेह पैदा हो गया। उन्हें बर्बरता का डर था। उन्होंने दावा किया कि अशांति तब शुरू हुई जब सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने मस्जिद के अंदर पानी की टंकी खोली, जिससे संभावित छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई। कथित तौर पर अशांति हिंसा में बदल गई, जिसके दौरान पुलिस ने गोलियां चलाईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई मामले दर्ज किए गए, कई व्यक्तियों को जेल में डाल दिया गया और बंदियों को गंभीर रूप से पीटा गया।
झांसी अग्निकांडः सीएम योगी ने दिए 12 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश, हादस पर अखिलेश ने सरकार को घेरा*
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झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीसीयू) वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलकर मौत हो गई। सीएम योगी के निर्देश पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी पहुंचे। हादसे की जाँच कर 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। ये दर्दनाक हादसा रात साढ़े 10 बजे के आसपास हुआ। हादस के बाद योगी सरकार ने मुजावजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मृतक बच्चों के परिजनों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि देने की अपील की है। साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को घेरा है। घटना के बाद शनिवार सुबह-सुबह झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस घटना के दोषियों को किसी की सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आज 10 घंटे के भीतर शुरुआती जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। सीएम योगी की पूरे मामले पर सीधी नजर है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। *सपा ने योगी सरकार को घेरा* झांसी के अस्पताल में लगी के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समजवादी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर राज्य सरकार आड़े हाथ लिया है। पार्टी की ओर से जारी पोस्ट में , झांसी में हुआ ये दर्दनाक हादसा योगी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण हुआ है। दंगा-फसाद करवाकर चुनाव जीतने का काम करने पर ही सीएम योगी का सारा दिमाग लगता है। यूपी के सरकारी अस्पताल बदहाली, भ्रष्टाचार, लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। सीएम योगी के राज में ये दूसरी बड़ी घटना है, जिसमें मांओं ने अपने बच्चों को खोया है। वो पहली गोरखपुर की ऑक्सीजन कांड वाली घटना भी योगी/भाजपा के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी और ये वाली घटना भी योगी/भाजपा के महाभ्रष्टाचार के कारण ही हुई है। *अखिलेश यादव का प्रदेश सरकार पर तंज* वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रदेश कीयोगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ’10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि। आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकार की ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है। संकीर्ण-सांप्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियां करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है।’ *दस बच्चों की हो गई थी मौत* बता दें की महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई।
यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव का ‘रिश्तेदार-वादी’ तंज, भाजपा ने मैदान में उतारा उनका रिश्तेदार, यूपी के मंत्री ने किया पलटवार

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Akhilesh Yadav (PTI file)

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उस पर ‘रिश्तेदार-वादी’ पार्टी होने का आरोप लगाया।

मैनपुरी जिले के दिहुली में एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “वे हम पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते थे, लेकिन अब वे हमसे आगे निकल गए हैं और ‘रिश्तेदार-वादी’ बन गए हैं।” यादव का यह हमला भाजपा द्वारा करहल विधानसभा सीट पर सपा के तेज प्रताप सिंह यादव के खिलाफ उपचुनाव के लिए अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आया है। अनुजेश यादव सपा प्रमुख के रिश्तेदार हैं और दोनों भाई-बहन हैं।

अनुजेश यादव सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के चाचा हैं। करहल सीट पर 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है। इस चुनाव में "फूफा बनाम भतीजा" मुकाबला होगा, जिसमें तेज प्रताप यादव का मुकाबला अनुजेश यादव से होगा, जो उनके विवाह से संबंधित रिश्तेदार हैं।

भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार किया

अखिलेश यादव के हमले का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा, "यह रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि नीतियों की लड़ाई है, सच और झूठ के बीच की लड़ाई है, और अपराधियों और कानून का पालन करने वालों के बीच की लड़ाई है।" "एक बार मैं बगल के अलीगढ़ जिले में था और अक्सर पुलिस मैनपुरी से अपराधियों को गिरफ्तार करती थी या इसके विपरीत। लेकिन पिछले सात सालों में, क्या आपने मैनपुरी में ऐसी किसी गिरफ्तारी या अपहरण की घटना के बारे में सुना है?" उन्होंने कहा। "ऐसा क्यों है? क्योंकि यह वही कानून है, लेकिन लागू करने वाला बदल गया है। यह वही बुलडोजर है जिसे अब सही ड्राइवर मिल गया है," अरुण ने कहा।

उत्तर प्रदेश में करहल सहित नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होने हैं, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में उपचुनाव होना है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अखिलेश यादव ने किया था, जिन्होंने कन्नौज से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इसे खाली कर दिया था।

वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

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संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।