छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की गर्मी छुट्टियां रद्द, अब 2 जून से 28 जून तक रहेगा समर वेकेशन

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में गर्मी छुट्टियां रद्द कर दी गई है. पहले 12 मई से 6 जून तक समर वेकेशन निर्धारित था, लेकिन अब हाईकोर्ट की समर वेकेशन 2 जून से 28 जून तक होगी. यह आदेश चीफ जस्टिस के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी किया गया है.

बता दें कि इसके पहले 1 मई को जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में बताया गया था कि हाईकोर्ट 12 मई से 6 जून तक बंद रहेगा और इस दौरान कुछ चयनित तिथियों पर अवकाशकालीन बेंच न्यायिक कार्य करेगी. लेकिन अब समर वेकेशन की नई तिथि घोषित हो गई है.

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने आंगनबाड़ी में बच्चों से किया आत्मीय संवाद, टॉफियां बांटी और पूछा हालचाल

रायपुर-  गरियाबंद जिले के मड़ेली में आयोजित समाधान शिविर के दौरान आज एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अचानक आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने पहुँच गए। नन्हें बच्चों के बीच पहुँचे मुख्यमंत्री ने जब पूछा—“बच्चों, हमारे देश के प्रधानमंत्री कौन हैं?” तो सबने उत्साह से कहा—“ नरेंद्र मोदी!” फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का नाम पूछने पर सभी ने तुरंत उत्तर दिया—“विष्णु देव साय!”

यह दृश्य सिर्फ एक सामान्य संवाद नहीं था, बल्कि यह बताता है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की लोकप्रियता केवल युवाओं और बड़े बुजुर्गों तक सीमित नहीं, बल्कि बच्चों के दिलों तक भी पहुँच चुकी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों को दुलारा, चॉकलेट और टॉफियां बांटी और कुछ पल उनके साथ बिताए। बच्चों की मासूम मुस्कान और स्नेह ने मुख्यमंत्री श्री साय को भी भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने आंगनबाड़ी परिसर का अवलोकन किया और बच्चों के साथ आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि हमारी सरकार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह समर्पित है। आंगनबाड़ियों के माध्यम से हर बच्चे को बेहतर पोषण, स्वच्छता और शिक्षा मिले—यह हम सबकी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य की सभी आंगनबाड़ियों में बच्चों को पोषण आहार के साथ-साथ एक सुरक्षित, सुंदर और प्रोत्साहनपूर्ण वातावरण भी मिले। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों की परवरिश जितनी श्रेष्ठ होगी, देश का भविष्य उतना ही सशक्त होगा।

इस अवसर पर मड़ेली आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 03 की कार्यकर्ता उर्वशी नंदे ने जानकारी दी कि केंद्र में 15 बच्चे नियमित रूप से आते हैं और उन्हें निर्धारित मेन्यू के अनुसार नाश्ता और गर्म भोजन प्रदान किया जाता है। पूरक पोषण आहार वितरण की प्रक्रिया भी प्रतिदिन जारी है। मुख्यमंत्री श्री साय का यह दौरा न केवल योजनाओं की निगरानी का माध्यम बना, बल्कि मुख्यमंत्री और नौनिहालों के बीच एक भावनात्मक संवाद की अनमोल झलक भी दिखा गया।

के. आर. पिस्दा को आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने दी श्रद्धांजलि

रायपुर- आईएएस ऑफिसर्स एशोसिएशन छत्तीसगढ़ ने आज अपने बीच के एक ऐसे कर्मयोगी को विनम्र श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अपने जीवन का हर क्षण जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया था। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के.आर. पिस्दा के आकस्मिक निधन पर आज मंत्रालय (महानदी भवन) में शोक सभा का आयोजन कर उन्हें सभी लोगों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित सभा में वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों ने दो मिनट का मौन रखकर स्व. श्री पिस्दा को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा में एसोसिएशन की अध्यक्ष निहारिका बारिक सिंह, उपाध्यक्ष अमित कटारिया, सचिव रजत कुमार, सचिव अन्बलगन पी. सहित कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। श्री पिस्दा को याद करते हुए अधिकारियों ने कहा कि वे न केवल एक दक्ष और दूरदर्शी प्रशासक थे, बल्कि एक संवेदनशील और जनकल्याण को समर्पित अधिकारी भी थे। उनके साथ बिताए गए अनुभवों को भी कई अधिकारियों ने भावभरे शब्दों में साझा किया। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए सभी ने ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की।

दंतेवाड़ा और कांकेर के कलेक्टर रहते हुए उन्होंने जिन विषम परिस्थितियों में प्रशासनिक कार्य किए, वह आज भी प्रेरणा स्रोत हैं। उनके कार्यकाल में दंतेवाड़ा में स्वस्फूर्त रूप से चला सलवा जुडूम आंदोलन, नक्सलवाद से जूझते बस्तर की तस्वीर बदलने का एक साहसिक अध्याय रहा। उनका मिलनसार स्वभाव, सरल व्यक्तित्व और प्रशासनिक दक्षता के सभी कायल थे। सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुशासन तिहार के तृतीय चरण में आज महासमुंद जिले में जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और मरीजों से आत्मीय संवाद कर उनका हालचाल जाना। इस अवसर पर प्रदेश के खाद्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री दयालदास बघेल, सांसद रूपकुमारी चौधरी तथा महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से संवाद किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय 60 वर्षीय मरीज श्री गंगाराम से भी मिले, जिन्होंने बताया कि कमजोरी के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन चार दिन के उपचार के पश्चात अब वे स्वस्थ अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था, इलाज और चिकित्सकों के व्यवहार की सराहना की।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री साय ने डायलिसिस वार्ड का निरीक्षण कर किडनी पीड़ित मरीजों से बातचीत की और उनके इलाज संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले मरीज अतुल चंद्राकर से आत्मीयता से बात की। जब श्री चंद्राकर ने मदद की गुहार लगाई, तो मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वस्त किया कि डोनर की व्यवस्था होते ही ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च हम उठाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएं तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ इलाज मिल सके।

इस अवसर पर कलेक्टर विनय लंगेह, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पताल स्टाफ तथा बड़ी संख्या में मरीज और उनके परिजन उपस्थित थे।

साइबर सुरक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया भाग

रायपुर-  राज्य में सुरक्षित डिजिटल व्यवहार को शासकीय कार्य प्रणाली में प्रोत्साहित करने के लिए आज यहाँ नवा रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। साइबर सिक्योरिटी विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में साइबर सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेस, हैदराबाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. श्रीराम बिरुदावोलू ने अपना मार्गदर्शन दिया।

इस अवसर पर चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने कहा कि अब साइबर सुरक्षा मात्र तकनीक का विषय नहीं रह गया है, बल्कि शासन की नागरिक केन्द्रित सेवाओं की प्रदायगी के लिए मूलभूत आवश्यकता बन गयी है। यह कार्यशाला प्रशासनिक अधिकारियों को साइबर खतरों की गहरायी को समझने और शासन के डिजिटल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यशाला में साइबर खतरों की पहचान, रोकथाम एवं प्रतिक्रिया रणनितियां साइबर हमलों की नवीनतम् प्रवृत्तियों, कानूनी एवं विनियामक ढांचा आदि विषयों पर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

साइबर सुरक्षा पर प्रस्तुतीकरण देते हुए हैदराबाद से आये डॉ. आराम बिरुदावोलू ने बताया कि साइबर सुरक्षा तंत्र वैश्विक जीडीपी में तीसरा स्थान रखता है, जो कि भारत की जीडीपी से लगभग तीन गुना अधिक है। इसे देखते हुए शासकीय कार्यप्रणाली में सुशासन स्थापित करने के लिए साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा यह सुनामी के जैसा संकट उपस्थित कर सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक राज्य सरकार साइबर सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश का पालन सुनिश्चित करें।

कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, समाज कल्याण विभाग की संचालक रोक्तिमा यादव, राज्य ग्रामीण लाईवलीहुड मिशन की संचालक जयश्री जैन, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की महाप्रबंधक पद्मनी भोई साहू, चिप्स के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डे, संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुपम आशीष टोप्पो सहित गृह, वन और शिक्षा विभाग के अनेक अधिकारियों ने भाग लिया।

ईमानदारी से काम करने वाली हमारी सरकार ने जनता के सामने रखा है अपना रिपोर्ट कार्ड: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  ईमानदारी से काम करने वाली सरकार ही जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रख सकती है। हमने ये काम किया है। हमारी पारदर्शी सरकार सुशासन तिहार के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने के लिए आपके बीच पहुंच रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सुशासन तिहार के अंतर्गत गरियाबंद जिले की ग्राम पंचायत मड़ेली में आयोजित समाधान शिविर को संबोधित करते हुए यह बातें कही। श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार के तीसरे चरण के पांचवें दिन आज 10 वें जिले में आप सभी के बीच आया हूं ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत का पता चल सके। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 75 करोड़ की लागत से ग्राम पंचायत मड़ेली में 132 केवी सब स्टेशन और विद्युत लाइन विस्तार तथा 147 करोड़ रुपए की लागत से राजिम से छुरा (बेलटुकरी होते हुए) 43 किमी सड़क चौड़ीकरण और पिपरछेड़ी जलाशय के अधूरे निर्माण को पूर्ण कराए जाने की बड़ी घोषणा की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान राजीव लोचन के जयकारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को लगभग डेढ़ साल पूरे होने वाले है। इस दौरान हम मोदी की सभी गारंटियों को पूरा करने का काम कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने सभी से वादा किया था कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री का पहला काम होगा कि वे सभी गरीब व जरूरतमंद परिवारों को पक्का छत मुहैया कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में 18 लाख गरीब परिवारों के आवास को स्वीकृति दी थी और लगातार अब भी आवास देने का काम कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि आगामी 13 तारीख को केंद्रीय पंचायत मंत्री की मौजूदगी में 3.5 लाख आवास गरीब परिवारों को और मिलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आवास प्लस प्लस की सर्वे तिथि को भी बढ़ा दिया गया है और आवास की पात्रता नियमों को भी शिथिल कर दिया गया है। उन्होंने सभी से आवास प्लस प्लस सर्वे में शामिल होने का आग्रह किया। श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, धान के बकाया बोनस की राशि देने और महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रदेश की माताओं -बहनों को आर्थिक संबल देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से हम अपने प्रदेशवासियों और वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं। श्री साय ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ लेने को कहा।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को वितरित की सामग्री

नन्हें बच्चों का कराया अन्नप्राशन

समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को अन्य उपकरण और सामग्रियां वितरित किए। मुख्यमंत्री ने विभागीय स्टालों का दौरा कर अधिकारियों से आवेदनों के निराकरण की जानकारी ली और लंबित आवेदनों का निराकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया और गर्भवती माताओं की गोद भराई की रस्म में शामिल हुए।

इस अवसर पर विधायक रोहित साहू, छत्तीसगढ़ राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष चंदूलाल साहू, जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अटल डिजिटल सेवा केंद्र का किया अवलोकन: बलदाकछार में पहुँची बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं की सुविधा

रायपुर-  प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार के अंतर्गत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बलौदाबाजार भाटापारा जिले के ग्राम बलदाकछार पहुँचे, जहाँ उन्होंने अटल डिजिटल सेवा केंद्र का अवलोकन किया। उन्होंने केंद्र संचालक व्हीएलई रोशन लाल पटेल से सेवा केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं और संचालन प्रक्रिया की जानकारी ली। इस दौरान बलदाकछार की बिसनी बाई ध्रुव एवं ग्राम घिरघोल की सविता ने अपने बैंक खाते से एक-एक हजार रुपये की राशि निकालकर डिजिटल सुविधा का प्रत्यक्ष लाभ उठाया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस पहल को गांव के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि अटल डिजिटल सेवा केंद्रों से अब ग्रामीणों को बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एक ही स्थान से बैंकिंग, प्रमाण पत्र, बीमा, पेंशन और कई अन्य सरकारी सेवाएँ सरलता से मिल रही हैं। इससे समय की बचत भी होगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

बिसनी बाई ध्रुव ने बताया कि अब वह सुविधा केंद्र जाकर आसानी से पैसा निकाल लेती हैं। उन्हें शहर या बैंक की शाखा तक जाने की ज़रूरत नहीं होती। यह सुविधा ग्रामीण महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो रही है, जिन्हें पहले बैंकिंग सेवाओं के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता था।

केंद्र संचालक रोशन पटेल ने बताया कि इस अटल डिजिटल सेवा केंद्र का शुभारंभ पंचायत राज दिवस 24 अप्रैल 2025 को हुआ था। यह केंद्र जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आय/जाति/निवास प्रमाण पत्र, राजस्व सेवाएं, पेंशन, बीमा, पैन कार्ड, बिजली बिल भुगतान, टिकट बुकिंग आदि जैसी 40 से अधिक नागरिक सेवाएँ प्रदान कर रहा है। यह ग्रामीण डिजिटल सशक्तिकरण का सशक्त मॉडल बन चुका है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उनकी सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति तक तकनीक, सुविधा और जनकल्याणकारी योजनाओं की सुलभ उपलब्धता पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि अटल डिजिटल सेवा केंद्र जैसी पहल ग्रामीण जीवन में बदलाव ला रही है और डिजिटल भारत के सपने को गाँव-गाँव में साकार कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चौपाल में अपने हाथों से दो युवाओं को पहनाया हेलमेट

रायपुर- सुशासन तिहार के दौरान शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के औचक निरीक्षण हेतु बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बलदाकछार पहुँचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गाँव के दो युवाओं को अपने हाथों से हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। उन्होंने बरगद के नीचे लगी चौपाल में बलदाकछार के 24 वर्षीय धनंजय पटेल और 28 वर्षीय हेमलता चंद्राकर को हेलमेट पहनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने शिविर में उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे दोपहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जान अनमोल है। सड़क पर वाहन चलाते समय दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सिर में गंभीर चोटों से बचाता है। उन्होंने कहा कि हेलमेट लगाना न केवल यातायात नियमों का पालन है, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राजमिस्त्री बनकर सोखता गड्ढे के लिए की ईंट जोड़ाई: पानी बचाने के लिए जल संचयन वाहिनी के कार्यों की सराहना

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार के अंतर्गत आज बलौदाबाजार भाटापारा जिले के विकासखंड कसडोल के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार बाहुल्य ग्राम बलदाकछार पहुँचे। उन्होंने मोर गांव, मोर पानी महाभियान के अंतर्गत जल संचयन हेतु जल संचयन वाहिनी द्वारा निर्मित किए जा रहे सोखता गड्ढे का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं निर्माणाधीन सोखता गड्ढे में ईंट जोड़ाई की। पानी बचाने के लिए जल संचयन वाहिनी के कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संकट से बचने ऐसे प्रयास आवश्यक हैं।

जल संचयन वाहिनी की सदस्य ललिता ध्रुव ने बताया कि मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत बलदाकछार में अब तक 10 नलकूपों के पास सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा चुका है। इस अभियान के अंतर्गत तालाबों की सफाई, जागरूकता रैली, दीवार लेखन, तथा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंचायत राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2025 को मोर गांव, मोर पानी महाभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के अंतर्गत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की सभी 519 ग्राम पंचायतों में अब तक नलकूपों के पास 2500 सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही, लगभग 1291 तालाबों की सफाई भी की गई है। जल संचयन हेतु ग्राम स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें वर्षा जल संचयन हेतु आवश्यक संरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं तथा निर्मित संरचनाओं का ग्रामवासियों द्वारा भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है। प्रत्येक पंचायत में दो जल संचयन वाहिनियाँ गठित की गई हैं, जो ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर रही हैं।

16 लाख के ईनामी नक्सल दंपत्ति ने किया आत्मसमर्पण, कई बड़ी घटनाओं में रहे शामिल…

कोंडागांव- छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन और सरकार की पुनर्वास नीतियों के चलते आज एक और नक्सल दंपत्ति ने आत्मसमर्पण कर दिया है. नक्सल संगठन की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर पति-पत्नी ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है.

जानकारी के मुताबिक, आत्मसमर्पित पति का नाम रैसिंग कुमेटी और उसकी पत्नी का नाम पुनाय आचला है. दोनों कोंडागांव, कांकेर, राजनागांव, गरियाबंद, धमतरी व नारायणपुर के क्षेत्रों की घटनाओं मे रहे शामिल हैं. इन पर 8-8 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था, जिन्होंने अब कोंडागांव पुलिस के पास जाकर सरेंडर कर दिया है।

सरेंडर करने के दौरान उन्होंने बताया कि एक तरफ सुरक्षा बल द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर काफी दबाव बढ़ चुका था. इसके अलावा माओवादी संगठन के शोषण से वे तंग आकर उन्होंने यह फैसला लिया है. इसके अलावा साय सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास योजना से भी वे प्रभावित हुए, जो उन्हें एक सामान्य जीवन जीने के लिए मौका देगी. इसलिए उन्होंने आज पुलिस के पास आकर आत्मसमर्पण किया है.