पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पहलगाम आतंकी हमले को झीरम कांड से जोड़ा, कहा- दोनों जगह सुरक्षा नहीं थी, वहां भी नाम पूछकर मारा गया था

दुर्ग- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज एक प्रेस वार्ता कर कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस हमले ने न सिर्फ 27 परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. बघेल ने इस आतंकी घटना को ‘झीरम घाटी की घटना’ से जोड़ते हुए केंद्र सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए. वहीं संविधान बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित की जा रही ‘संविधान बचाओ रैली’ पर भी विस्तृत चर्चा की और भाजपा की आलोचना की.

भिलाई के एक निजी होटल में आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पहलगाम की दुखद घटना पर गहरी पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस आतंकी हमले से देश की 140 करोड़ जनता व्यथित है.उन्होंने कहा कि इस आतंकी हमले में 27 परिवार उजड़ गए. जो लोग खुशी के पल बिताने गए थे, वे अब दुखी होकर लौटे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कल ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है.

भूपेश बघेल ने कहा कि आज की इस वार्ता में ‘पहलगाम की घटना’ और ‘संविधान बचाओ रैली’ पर बात करने आए हैं. उन्होंने कहा कि एक पहलू यह है कि धर्म पूछ-पूछ कर हत्याएं की गई, कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया. दूसरा पहलू यह है कि जो लोग घोड़ा चला रहे थे, उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर पर्यटकों को बचाया. इन दोनों घटनाओं में समानता यह है कि हमने भी झीरम में अपनों को खोया था. वहां भी सुरक्षा नहीं थी और पहलगांव में भी सुरक्षा नहीं थी.

भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम में भी नाम पूछ-पूछ कर मारा गया था. वहां भी 33 लोग मारे गए थे और पहलगाम में भी 27 लोगों की जान गई. पहलगाम में भी पुलिस बल और अर्धसैनिक बल मदद के लिए सामने नहीं आया. इस घटना ने झीरम घाटी की घटना की याद ताज़ा कर दी. हमारे सभी नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की, शोक व्यक्त किया और केंद्र सरकार को समर्थन देने की बात कही. लेकिन भाजपा की सोशल मीडिया टीम ने सिर्फ ‘धर्म पूछ-पूछ कर मारा’ को ही मुख्य मुद्दा बना दिया.

पूर्व सीएम ने सवाल उठाते हुए कहा कि वहां सहायता क्यों नहीं पहुंची? इसका जिम्मेदार कौन है? इंटेलिजेंस फेलियर का जिम्मेदार कौन है?

संविधान बचाओ रैली को लेकर पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि आज राष्ट्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. संविधान को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है. महंगाई लगातार बढ़ रही है और सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की तैयारी की जा रही है. रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से पहले ईडी ने कई कांग्रेस नेताओं के घर छापे मारे. अहमदाबाद में भी राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई.

नेशनल हेराल्ड को लेकर बघेल ने कहा कि देश की आज़ादी में नेशनल हेराल्ड से निकलने वाली पत्रिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यह एक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में है. उस संस्था पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जो सेक्शन 8 के तहत संचालित है.

भाजपा के नेता ने 5 हजार करोड़ रुपये के मामले का झूठा हल्ला मचाया, जबकि इस परिवार ने सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है. भाजपा के नेता लगातार अफवाह फैलाने और कांग्रेस नेताओं को दुर्भावना से फंसाने की कोशिश की जा रही है. इसके विरोध में हमें निर्देश मिला है कि 40 दिनों तक लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिसमें ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन भी शामिल है.

क्या है झीरम घाटी हत्याकांड

झीरम घाटी हत्याकांड 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के झीरम घाटी में हुआ था. यह घटना नक्सली हिंसा का हिस्सा थी और इसमें कांग्रेस पार्टी के कई प्रमुख नेताओं की हत्या हुई थी. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 के पहले कांग्रेस ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी. उस दौरान राज्य में भाजपा सरकार थी. इस परिवर्तन यात्रा के जरिए कांग्रेस सत्ता पर काबिज होना चाह रही थी, लेकिन इसी बीच 25 मई 2013 को एक नक्सली हमले ने छत्तीसगढ़ को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस हमले में नक्सलियों ने एक साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को मौत के घाट उतार दिया. मरने वालों में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, विद्या चरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित लगभग 30 से अधिक नेता, कार्यकर्ता और कई जवान शामिल थे. इतना बड़ा राजनीतिक नरसंहार देश में इससे पहले नहीं हुआ था.

भाजपा नेता रतन दुबे हत्याकांड मामले में कांग्रेस प्रदेश महासचिव गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के 3 दिन पहले नारायणपुर में भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में NIA ने आज नारायणपुर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव शिवानंद नाग को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है. एनआईए ने पूर्व में रतन दुबे हत्याकांड मामले में 4 लोगों को गिरफ्तरा किया था और लगातार इस हत्याकांड पर नजर बनाए रखी हुई थी. आज NIA की टीम ने कांग्रेसी नेता शिवानंद नाग को भी गिरफ्तार कर जगदलपुर NIA कोर्ट में पेश करने की तैयारी में जुटी हुई है.

फोटो: भाजपा नेता रतन दुबे

बता दें, नक्सलियों ने 4 नवंबर 2023 को नारायणपुर जिले के कौशलनार गांव के साप्ताहिक बाजार में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या कर दी थी. माओवादियों ने उन पर हाथ कुल्हाड़ियों से हमला कर उन्हें मौत दी थी. यह हत्या स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने और स्थानीय लोगों में आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई थी.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि इस हत्या के पीछे माओवादियों के हाथ हैं. इसके बाद NIA ने 23 फरवरी 2024 को स्थानीय पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में ली. 5 जून 2024 को NIA ने एक आरोपी धन सिंह कोर्राम के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद 20 दिसंबर 2024 को NIA ने प्रतिबंधित संगठन CPI (माओवादी संगठन) के तीन सदस्यों सैनूराम कोर्राम, लालूराम कोर्राम और एक सशस्त्र माओवादी कैडर के खिलाफ चार्टशीट दायर की थी.

कर्ज, रंजिश और सुपारी किलिंग की खौफनाक दास्तां : 48 घंटे में पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी, तीन आरोपी गिरफ्तार

डोंगरगढ़-  शहर के करवारी रोड पर मिली खून से लथपथ लाश ने जब सनसनी फैलाई तब किसी को अंदाजा नहीं था कि इसके पीछे एक पूरी साजिश रची गई थी. मृतक की पहचान कन्हारगांव निवासी देवलाल मण्डावी के रूप में हुई, जिसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. चेहरा कुचलकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई, ताकि मामला अंधे कत्ल की शक्ल ले सके, लेकिन डोंगरगढ़ पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी महज 48 घंटे में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है.

जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं, बल्कि देवलाल का पुराना दोस्त ओमकार मण्डावी था, जो पेशे से ईंट भट्ठे का ठेकेदार है. देवलाल ने ओमकार से करीब ढाई लाख रुपए उधार लिए थे और जब पैसे की वापसी की मांग की गई तो देवलाल न सिर्फ झगड़ता, बल्कि फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी देता रहा. इससे आक्रोशित होकर ओमकार ने देवलाल को रास्ते से हटाने की ठान ली.

वारदात से पहले मृतक को जमकर पिलाई थी शराब

ओमकार ने अपने भांजे महेन्द्र नेताम को इस साजिश में शामिल किया. महेन्द्र ने अपने करीबी योगेश चौरे से संपर्क किया और हत्या का प्रस्ताव रखा. योगेश ने 5 से 6 लाख की सुपारी पर हत्या करने की हामी भर दी. योजना के तहत घटना से कुछ दिन पहले देवलाल की टूटी हुई बाइक को बहाना बनाकर उसे घर से बुलवाया गया. साथ ही उसे शराब पिलाकर बेहोश करने की तैयारी भी की गई. 20 अप्रैल की रात डोंगरगढ़ में देवलाल को जमकर शराब पिलाई गई. जब वह नशे में लड़खड़ाता हुआ करवारी रोड की ओर अकेला बढ़ा तो योगेश और महेन्द्र ने मोटरसाइकिल से उसका पीछा किया. जैसे ही मौका मिला, सागौन की मोटी लकड़ी से देवलाल के सिर और चेहरे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. हत्या के तुरंत बाद दोनों आरोपी फरार हो गए.

सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स, सायबर तकनीक से पुलिस को मिली मदद

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ओमकार मण्डावी लगातार मोबाइल पर संपर्क में बना रहा और निर्देश देता रहा. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और सायबर तकनीक की मदद से तीनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया और कत्ल की पूरी कहानी बताई. इस केस ने न सिर्फ पुलिस की सक्रियता को दिखाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि रंजिश और लालच जब मिलते हैं तो इंसान कैसे शैतान बन जाता है।

दिनेश मिरानिया की अंत्येष्टि में भाजपा नेताओं की हंसी-ठिठोली, कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है…

रायपुर- पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों की गोली से केवल 27 पर्यटकों का शरीर ही छलनी नहीं हुआ, देश का सीना भी छलनी हुआ है. इस आतंकी घटना से देश दुखी है. भावनाओं का सैलाब चारों ओर उमड़ रहा है. रायपुर के दिनेश मिरानिया का नाम भी उन पर्यटकों में शामिल था, जिनकी मौत आतंकवादियों की गोली से हुई. रायपुर पहुंचने के बाद दिनेश मिरानिया का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. मारवाड़ी श्मशान घाट में हुए अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में पूरी सरकार मौजूद थी.

कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- देखिए भाजपा का संस्कार

अंतिम संस्कार के इसी कार्यक्रम के दौरान का एक वीडियो कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल किया और भाजपा के संस्कार पर सवाल उठाया. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने विभिन्न सोशल माध्यमों में वीडियो को साझा करते हुए लिखा है, बेशर्मी की पराकाष्ठा : पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए स्व. दिनेश मीरानिया की शोक सभा में भाजपाई हंसी-ठिठोली कर रहे हैं.

 

कांग्रेस की ओर से वायरल वीडियो में भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव ठहाके लगाते हुए नजर आ रहे हैं. कुछ क्षण का यही क्लिप वायरल है. संजय श्रीवास्तव जहां हंस रहे थे उस जगह सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, आरएसएस के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉक्टर पूर्णेन्दु सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, गृह मंत्री विजय शर्मा समेत सरकार के प्रमुख चेहरे मौजूद थे.

किस बात पर आई हंसी ?

वीडियो को गौर से देखने पर पता चल रहा है कि मारवाड़ी श्मशान घाट में मृतक दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम चल रहा था. एक किनारे लगाए गए पंडाल के नीचे पहली पंक्ति में सरकार के तमाम प्रमुख चेहरों के साथ संजय श्रीवास्तव भी बैठे थे. इस दौरान वहां नगर निगम पार्षद सचिन मेघानी ने उनके कान में आकर कुछ बातें कहीं, जिसके बाद दोनों नेता ठहाका लगाकर हंसते नजर आए. यकायक वहां मौजूद कई चेहरों की नजर उन पर पड़ी. श्मशान घाट में मौजूद लोग इस हंसी-ठिठोली पर अचंभित नजर आए. हालांकि यह पता नहीं चल सका कि संजय श्रीवास्तव को आखिर इतनी जोर से हंसी शोक वाली जगह पर कैसे आई ? क्योंकि संजय श्रीवास्तव गम्भीर नेता माने जाते हैं.

कांग्रेस और भाजपा प्रवक्ता ने क्या कहा‌?


इस मामले में कांग्रेस नेता धनंजय ठाकुर ने कहा, ये बेशर्मी की पराकाष्ठा है. पूरा देश जहां गम में है. शोक सभा में भाजपा नेता जिस प्रकार से हंसी-ठिठोली कर रहे यह भाजपा की संवेदनहीनता है. पीड़ित परिवार पर क्या गुजर रहा होगा. इस घटना पर पूरे देश में आक्रोश है और भाजपा नेता को मजा आ रहा है. ये भाजपा की बेशर्मी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा में भी भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर हंसी-ठिठोली करते दिखे थे. ये लोग गम का उपहास उड़ाने का काम करते हैं. वहीं भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा है कि किसी पुरानी बात पर हंसी आ गई तो इसका मतलब ये नहीं कि हम पीड़ित परिवार के साथ नहीं है. हमारी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है. जो पर्यटक कश्मीर में फंसे हैं उन्हें सुरक्षित लाने की कवायद हमारी सरकार कर रही।


अटल अस्थि कलश की याद हुई ताजा

सात साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा के दौरान भी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर की हंसी-ठिठोली से भरी तस्वीर वायरल हुई थी. भाजपा हाईकमान को यह खबर पता चलने पर कड़ा एतराज जताया गया था.

है.


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर किया ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ

रायपुर-  त्रि स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की मूल कड़ी हैं। मैं पांच साल पंच रहा और निर्विरोध रूप से सरपंच का दायित्व संभालने का अवसर भी मिला। अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए यदि आप अच्छा काम करेंगे तो जनता का स्नेह हमेशा मिलेगा और गांव के विकास में आप बड़ी भूमिका निभा पाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर से ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ कर पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि पंचायती राज दिवस के खास मौके पर शुरू हुई इस योजना से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति आएगी और प्रदेश के सरकारी सेवाओं और योजनाओं की पहुंच आम लोगों तक सुगम होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रदेश के 11 हजार 693 ग्राम पंचायतों में मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ कर पंचायत प्रतिनिधियों और नागरिकों से जल संरक्षण का आह्वान करते हुए शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पंचायतें हमारे लोकतंत्र की जड़ें हैं और इन्हें मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि ग्रामीणों को बैंक शाखाओं तक न जाना पड़े। आज मोदी की इस गारंटी को पूरा करते हुए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया गया है।

उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्ग पेंशनधारी, महतारी वंदन योजना से लाभान्वित माताएं बहनें, अन्नदाता किसानों को पीएम किसान निधि समेत डीबीटी से प्राप्त राशि के आहरण की सुविधा अब गांव में ही मिलने लगेगी। श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को अब लंबी दूरी तय कर बैंक नहीं जाना पड़ेगा और समय के साथ-साथ उनके आने-जाने में खर्च होने वाली राशि की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति, निवास, जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र, पेंशन योजनाएं, राशन कार्ड जैसी सरकारी सेवाएं भी ग्रामीणों के लिए आसान और सुगम हो जाएंगी। श्री साय ने विश्वास जताया कि यह योजना डिजिटल इंडिया मिशन को जमीनी स्तर पर मजबूती देगी और ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शी व उत्तरदायी शासन प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि आज 1460 ग्राम पंचायतों में यह व्यवस्था शुरू हुई है और आने वाले समय में इस योजना को विस्तार दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भू जल स्तर में लगातार कमी हो रही है और जल संचयन के उद्देश्य से मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि जल संचयन की दिशा में आप सभी को गंभीरता के साथ कार्य करना है। वर्षा जल संचयन के साथ-साथ वाटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों को भी अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। इन प्रयासों के माध्यम से ही हम आने वाले समय में प्रदेश में पानी की कमी को दूर कर पाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के 51 हजार परिवारों को पीएम आवास की 300 करोड़ से अधिक की राशि जारी की है। प्रधानमंत्री सभी जरूरतमंद परिवार को पक्का घर मिले इसकी लगातार चिंता करते हैं। उन्होंने बताया कि अभी आवास प्लस प्लस का सर्वे चल रहा है और इसका दायरा बढ़ाते हुए कुछ अतिरिक्त छूट के प्रावधान भी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सर्वे में शामिल होकर योजना का लाभ लेने की बात कही और पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे भी इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाएं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच को सशक्त बनाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से नागरिकों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, आय-जाति निवास प्रमाणपत्र, भूमि दस्तावेज, डिजिटल भुगतान और ई-डिस्ट्रिक्ट की अनेक सेवाएं आसानी से ग्राम पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद की 10 ग्राम पंचायतों में पहले चरण में यह सुविधा प्रारंभ की जा रही है और आगामी छह महीनों में 8,000 से अधिक पंचायतों में इन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, वर्षा जल संग्रहण और भू-जल स्तर को पुनःस्थापित करने हेतु मोर गांव-मोर पानी महाभियान प्रारंभ किया गया है। हर ग्राम पंचायत में नागरिकों की सहभागिता से जल संचयन की योजनाएं बनाई जाएंगी और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने सरपंचों, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जल स्रोतों की पहचान कर उनके पुनर्निर्माण और संरक्षण की दिशा में सक्रिय कार्य करें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज लोकतंत्र की जड़ है और ग्राम विकास की रीढ़ है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प लें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी सुविधाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपूर्ण मकानों की सूची तैयार कर उनका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, सचिव पंचायत भीम सिंह, संचालक पीएम आवास ग्रामीण तारन प्रकाश सिन्हा सहित अधिकारी कर्मचारी और प्रदेश के विभिन्न जिलों से पंचायत प्रतिनिधि, हितग्राही और आमजन वर्चुअली मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के हितग्राहियों और जनप्रतिनिधियों से किया संवाद

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के शुभारंभ के अवसर पर सूरजपुर, धमतरी, बस्तर, कबीरधाम, रायगढ़ और जशपुर जिले के विभिन्न हितग्राहियों से योजना को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह योजना ग्रामीणों की सुविधा की दृष्टि से प्रारंभ किया गया है और इसकी जानकारी अधिक से अधिक लोगों को दी जाए।

बस्तर जिले के नानगुर ग्राम पंचायत की सुमनी बघेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि महतारी वंदन से प्रति माह उन्हें 1 हजार रूपये की राशि मिलती है। जिसे वह पोस्ट ऑफिस में जमा कर रही हैं ताकि आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही बेटी को कम्प्यूटर क्लास के लिए लैपटॉप दिलवा सके। उनके पंचायत में अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र खुल जाने से अब उन्हें पैसों के लेन-देन के लिए 18 से 20 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और न ही बैंक की लम्बी कतारों में खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि केन्द्र के शुभारंभ से पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है। इसी तरह धमतरी जिले की ग्राम अछोटा की चेतना देवांगन ने बताया कि आज उन्होंने अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र से 2 हजार रूपये निकाले हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि गांव में ही सुविधा केंद्र खुलने से पैसे निकालने के लिए अब उन्हें पहले जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने सूरजपुर जिले के भैयाथान पंचायत की सकीना बेगम से बात करते हुए कहा कि आज हमने मोदी की एक और गारंटी को पूरा किया है। इससे आपको शासन की योजनाओं से मिलने वाले राशि के नकद आहरण की सुविधा पंचायत में ही मिल जाएगी। इसी तरह रायगढ़ के तमनार पंचायत की सुभद्रा साव ने मुख्यमंत्री को बताया कि हर माह महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि से वह अपनी बिटिया को ट्यूशन पढ़ाती हैं और अब आसानी से गांव में ही पैसे निकाल पाएंगी।

CGPSC भर्ती घोटाले पर अब ED जाँच से हड़कंप, आरोपियों और नेताओं के ठिकाने निशाने पर…

रायपुर- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जांच का जिम्मा संभाल लिया है। इससे पहले मामले की जांच पुलिस, आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही थी। CBI की रिपोर्ट के आधार पर ED ने ईसीआईआर (ECIR) दर्ज की है, क्योंकि प्रारंभिक जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के ठोस प्रमाण मिले हैं। मामले में ED की एंट्री से हड़कंप मच गया है। जांच में कई नेताओं की भूमिका भी सामने आई है।

बता दें कि CBI जांच में खुलासा हुआ कि बारनवापारा स्थित एक रिसॉर्ट में चयनित अभ्यर्थियों को पांच दिन तक परीक्षा की विशेष तैयारी कराई गई थी। यह रिसॉर्ट स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ एक महिला IAS अधिकारी के पति का बताया जा रहा है। अब इस महिला IAS और उनके पति को समन जारी करने की तैयारी चल रही है।


गिरफ्तार हुए प्रमुख आरोपी

CBI ने इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है — तत्कालीन CGPSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, उप परीक्षा नियंत्रक ललित गनवीर, कारोबारी श्रवण गोयल, नितेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, शशांक गोयल और भूमिका कटियार गोयल। ये सभी फिलहाल रायपुर जेल में हैं। ED अब कोर्ट से अनुमति लेकर इनसे पूछताछ करेगी।

हवाला के जरिए पहुँचा पैसा नेताओं और अधिकारियों तक

ED की जांच का फोकस इस बात पर है कि अभ्यर्थियों के परिजनों और रिश्तेदारों ने परीक्षा पास कराने के लिए हवाला नेटवर्क के जरिए मोटी रकम चुकाई थी। यह पैसा नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचा, जिसकी कड़ियां अब दिल्ली और कोलकाता तक जुड़ रही हैं।

जांच के घेरे में कई VIP नाम

इस मामले में जिन लोगों के नाम जांच में सामने आए हैं, उनमें कई प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदार और परिवारजन शामिल हैं —

  • टामन सोनवानी के भतीजे नितेश, भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले और अन्य रिश्तेदार
  • तत्कालीन पीएससी सचिव जीवन किशोर का बेटा सुमित ध्रुव
  • राज्यपाल के पूर्व सचिव अमृत खलखो की बेटी नेहा और बेटा निखिल
  • डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी
  • कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल
  • उद्योगपति का बेटा शशांक गोयल
  • मंत्री के ओएसडी के साढ़ की बेटी खुशबू बिजौरा
  • कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम
  • उप परीक्षा नियंत्रक ललित गनवीर की रिश्तेदार मीनाक्षी गनवीर

गौरतलब है कि ED जल्द ही महासमुंद, रायपुर और बिलासपुर में कई ठिकानों पर छापेमारी कर सकती है। दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है और इस घोटाले में शामिल अन्य बड़े नामों का भी जल्द खुलासा हो सकता है। यह मामला छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक भर्तियों की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है, वहीं ED की एंट्री के बाद अब आर्थिक लेनदेन की परतें भी खुलने लगी हैं।

देश को इस्पात उत्पादन का वैश्विक केन्द्र बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा छत्तीसगढ़- मंत्री लखन लाल देवांगन

मुंबई- छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने मुंबई में आयोजित 'इंडिया स्टील 2025' सम्मेलन में भाग लिया। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ की केंद्रीय भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा देश को इस्पात उत्पादन का वैश्विक केन्द्र बनाने में छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस दौरान उन्होंने राज्य के इस्पात उद्योग के विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की और उद्योगपतियों को राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया।

यह सम्मेलन 24 से 26 अप्रैल 2025 तक बॉम्बे एग्जिबिशन सेंटर (NESCO), मुंबई में आयोजित किया गया है। यह आयोजन भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा भी उपस्थित रहे।

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ स्टील कैपिटल ऑफ इंडिया है। हमारे पास देश के लौह भंडार का 18 प्रतिशत है। हमारे यहां की बैलाडीला खदानों से निकलने वाले लौह अयस्क को गुणवत्ता के मामले में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उन्होंने कहा ग्रीन स्टील से जुड़ी तकनीक को अपनाने में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।

उन्होंने बताया स्टील सेक्टर की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए ही हमने प्रदेश में नई औद्योगिक नीति बनाई है। इस नीति में स्टील जैसे कोर सेक्टर पर सबसे ज्यादा फोकस है। हम स्पंज आयरन और स्टील यूनिट्स पर 150 प्रतिशत तक इंसेटिव और छूट दे रहे हैं। सिंगल विंडो सिस्टम, इज आफ डूइंग बिजनेस और स्पीड आफ बिजनेस का सबसे अधिक लाभ स्टील सेक्टर को मिल रहा है। बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए हम 118 एकड़ क्षेत्र में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित कर रहे हैं।

श्री देवांगन ने कहा कि हमने दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू और रायपुर में इंवेस्टमेंट समिट किये हैं जिसमें साढ़े चार लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन त्वरित गति से किया जा रहा है। हाल ही में सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने बताया नई औद्योगिक नीति के तहत सर्वाधिक निवेश प्राप्त करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ शीर्ष दस राज्यों में शामिल हो चुका है।

सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, संचालक प्रभात मलिक, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक अभिषेक अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

उद्योगपतियों से निवेश की संभावनाओं पर चर्चा

इंडिया स्टील सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री ने निवेशकों एवं उद्योगपतियों से राउंड टेबल मीटिंग में सीधी बातचीत की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए औद्योगिक क्लस्टर्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट, सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम, और अनुकूल श्रमिक नीति जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

विद्युत उपभोक्ताओं को लगेगा स्मार्ट मीटर का झटका, CSPDCL ने नियामक आयोग में लगाई याचिका, सरचार्ज के जरिए होगी वसूली!

रायपुर- सुविधा के नाम पर घरों-दफ्तरों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब ग्राहक पर भारी पड़ने वाले हैं. दरअसल, पावर वितरण कंपनी (CSPDCL) ने हाल ही में स्मार्ट मीटर सरचार्ज के नाम पर 367 करोड़ रुपए की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका लगाई है. इस याचिका पर आयोग नए टैरिफ के निर्धारण के दौरान निर्णय लेगा.

प्रदेश में घरेलू कनेक्शनों में पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटर के बदले स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. अब तक साढ़े 11 लाख से अधिक घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. वर्तमान में स्मार्ट मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं से किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जा रहा है. बताया गया कि यह निःशुल्क लगेगा, परंतु पिछले दरवाजे से उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर लगाने का सरचार्ज वसूलने की तैयारी हो रही है.

हाल ही में वितरण कंपनी प्रबंधन की ओर से विद्युत नियामक आयोग में रिवाइज पिटिशन दाखिल किया गया है. इसमें स्मार्ट मीटर के नाम पर 367 करोड़ रुपए की मांग करते हुए नए टैरिफ में जोड़ने की बात कही गई है. प्रबंधन ने पूर्व में 4559 करोड़ रुपए का घाटा बताते हुए उसकी भरपाई टैरिफ से करने का आग्रह आयोग से किया था. अब 367 करोड़ रुपए जोड़ने के बाद 4926 करोड़ रुपए का अंतर आ गया है. इसकी भरवाई के लिए बिजली दर बढ़ाने पर सीधा भार उपभोक्ताओं पर आएगा.

जानकार बताते हैं कि वितरण कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग सीधे स्मार्ट मीटर के नाम से उपभोक्ताओं से भले ही सीधा पैसा नहीं ले, लेकिन सरचार्ज के नाम से यह वसूली हो सकती है. याने सांप भी मर जाएगा, और लाठी भी नहीं टूटेगी. हालांकि, अभी नए टैरिफ के लागू होने में समय है. आयोग में रिक्त दो सदस्यों के पदों पर नियुक्ति के बाद नए टैरिफ को लेकर जनसुनवाई और फिर टैरिफ की घोषणा जून तक होने की संभावना है.

स्मार्ट मीटर के प्री पैड होने में कुछ माह और

वर्तमान में जिन उपभोक्ताओं के घरों अथवा दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, उसकी रीडिंग और बिलिंग वर्तमान व्यवस्था के तहत ही हो रही है. प्री पैड व्यवस्था के लिए कुछ माह और इंतजार करना होगा. प्री पैड सिस्टम प्रारंभ करने का निर्णय पावर वितरण कंपनी प्रबंधन को लेना होगा. स्मार्ट मीटर में मोबाइल की तरह उपभोक्ता बैलेंस डालकर बिजली का उपयोग कर सकेंगे. मोर बिजली एप के जरिए रोजाना खपत की जानकारी उपलब्ध रहती है.

याचिका का परीक्षण कर निर्णय : चेयरमैन

विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन हेमन्त वर्मा ने कहा कि वितरण कंपनी द्वारा पिछले दिनों रिवाइज पिटिशन दाखिल की गई है. इसमें स्मार्ट मीटर के सरचार्ज के लिए 367 करोड़ रुपए की मांग की गई है. याचिका का परीक्षण करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. अभी याचिकाओं पर जनसुनवाई भी होनी है.

जनसंपर्क में उत्कृष्ट योगदान के लिए मीडिया की हस्तियों को मिला PRSI पुरस्कार, सीएम साय ने की उज्ज्वल भविष्य की कामना …

कोरबा- पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI), रायपुर चैप्टर द्वारा राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बालको के जनसंपर्क अधिकारी विजय वाजपेयी को रामशंकर अग्निहोत्री स्मृति जनसंपर्क पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में जनसंपर्क और मीडिया क्षेत्र से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रशस्ति-पत्र और सम्मान प्रदान किए गए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर जनसंपर्क दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए पुरस्कृत पीआर पेशेवरों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको), कोरबा की पीआर हेड सुची मिश्रा ने कहा कि हमें आधुनिक तकनीकियों का उपयोग करते हुए सत्य और वस्तुनिष्ठ जानकारी जनता तक पहुँचानी चाहिए. पीआर में सच्चाई और वास्तविकता बहुत आवश्यक हैं. जब हम तथ्यों पर आधारित कार्य करते हैं तो कठिनाइयाँ स्वतः दूर हो जाती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज के दौर में तकनीक की गहरी समझ और नवीनतम ट्रेंड्स से अपडेट रहना हर जनसंपर्क अधिकारी के लिए जरूरी है. सूचना में सत्यता और रिपोर्टिंग यथासंभव तथ्यात्मक होनी चाहिए.

PRSI रायपुर के चेयरमेन डॉ. शाहिद अली ने स्वागत भाषण में छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क सोसाइटी के विभिन्न आयोजनों और पुरस्कृत व्यक्तियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. समारोह में PRSI रायपुर के सचिव डॉ. कुमार सिंह तोप्पा, कोषाध्यक्ष डॉ. दानेश्वरी संभाकर, अडानी ग्रुप के वाईस प्रेसिडेंट डॉ. प्रतीक पाण्डे, उप संचालक जनसंपर्क नसीम अहमद खान और सौरभ शर्मा तथा डॉ. कीर्ति सिसोदिया संपादक, मुकेश एस सिंह वरिष्ठ पत्रकार, सत्येश भट्ट जनसंपर्क अधिकारी सहित बड़ी संख्या में जनसंपर्क, पत्रकारिता और साहित्य जगत से जुड़ी हस्तियां मौजूद थे.

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक ने कर्मचारियों को बांटा हेलमेट, यातायात नियमों के प्रति जागरूक और इसे पालन करने का दिया संदेश …

रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपने कर्मचारियों के लिए हेलमेट वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस पहल का शुभारंभ बैंक के अध्यक्ष द्वारा किया गया, जिन्होंने कॉर्पोरेट कार्यालय नव रायपुर में कार्यरत सेवायुक्तों को स्वयं हेलमेट प्रदान किए.

इस अवसर पर अध्यक्ष ने सभी कर्मचारियों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक रहने तथा इनका अनिवार्य रूप से पालन करने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हेलमेट केवल एक सुरक्षा उपकरण नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का साधन है, और इसका उपयोग प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक के लिए अनिवार्य होना चाहिए.

बैंक प्रशासन ने जानकारी दी कि शीघ्र ही इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य की सभी शाखाओं और कार्यालयों में कार्यरत प्रत्येक सेवायुक्त को हेलमेट प्रदान किए जाएंगे, ताकि सभी कर्मचारी सुरक्षित रूप से अपने कार्यस्थल तक पहुंच सकें और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकें.

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की यह पहल न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी एक प्रेरणादायक कदम है.