भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।

एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, अपने पूर्वजों से यही सीखा', राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर तंज
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* लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा की शुरुआत हुई सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू की। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमले बोला। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत के संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश करती रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई है। *कांग्रेस शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन हुआ-राजनाथ सिंह* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया। *कांग्रेस ने विरोधियों को चुप करने के लिए किए संशोधन-राजनाथ सिंह* राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए अधिकांश संविधानिक संशोधन या तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा कि आप पहले संविधान संशोधन को ही ले लीजिए, साल 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। ऐसे में तब की कांग्रेस की सरकार ने आरएसएस के साप्ताहिक प्रकाशन ऑर्गेनाइजर और मद्रास से निकलने वाली पत्रिका क्रॉस रोड को प्रतिबंधित कर दिया था। *राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कसा तंज* यही नहीं, लोकसभा के उप नेता ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार तंज कसा। सिंह ने कहा, एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को 'हाईजैक' करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपायी गई हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, आज विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने बचपन से ही यही सीखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है।लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है। हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है।
भारत-रूस की दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची”, मॉस्को में पुतिन से मिलकर बोले राजनाथ सिंह, एस-400 की डिलीवरी पर भी बात*
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस क दौरे पर हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र के अवसर पर हुई।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-रूस में साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, भारत-रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहेगा। बैठक के बारे में भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और मिलकर किए जाने वाले प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। रक्षा मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा कि मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके खुशी हुई। *एस-400 मिसाइल की डिलीवर पर जोर* पुतिन से मुलाकात से पहले राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की थी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल सिस्टम की दो बची हुई यूनिट की जल्द डिलीवर पर जोर दिया। भारत और रूस के बीच 2018 में एस -400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हुई थी। इस डील के तहत, रूस भारत को अब तक 3 यूनिट एस -400 सौंप चुका है। ये चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। एस -400, रूस का एक लंबी दूरी का मिसाइल सिस्टम है। इसे 400 किलोमीटर की दूरी तक विमान, ड्रोन, और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने, और नष्ट करने के लिए बनाया गया है। *रूस ने भारत को सौंपा आईएनएस तुशिल* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर 2024 तक रूस की यात्रा पर हैं। रक्षा मंत्री ने सोमवार को कालिनिनग्राद का दौरा भी किया, जहां पर वह आईएनएस तुशिल की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल हुए। यह जंगी जहाज एक स्टेल्थ फ्रिगेट है। जिसमें कई एडवांस सिस्टम और मल्टी-रोल वेपन सिस्टम लगे हुए हैं। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। आईएनएस तुशिल जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और रूस में अक्टूबर 2016 में 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) की डील हुई थी। इसमें से 2 युद्धपोत का निर्माण रूस (यंतर शिपयार्ड) में और 2 का निर्माण (गोवा शिपयार्ड) में होना है। तुशिल की डिलीवरी करने के बाद रूस भारत को जून-जुलाई 2025 में तमाल सौंपेगा।
रूस के 3 दिवसीय दौरे पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पुतिन से हो सकती है बातचीत, जाने क्यों अहम है ये दौरा?

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर हैं। राजनाथ सिंह 10 दिसंबर तक रूस की यात्रा पर रहेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस तुशील के कमिशनिंग में हिस्सा लेने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे हैं। इस दौरान वो अपने समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ-साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत करेंगे। इसके साथ ही वो सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। इस दौरान कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।

रविवार (8 दिसंबर) देर रात मास्को पहुंचने पर भारतीय राजदूत विनय कुमार और रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने उनका स्वागत किया। राजनाथ सिंह ने मास्को में 'टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर' पर जाकर द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। ये श्रद्धांजलि भारत और रूस के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सामरिक संबंधों को दर्शाती है। इसके साथ ही मंत्री ने भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत कर उनके अनुभवों और योगदानों को भी सराहा।

हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

रक्षा मंत्री इस दौरे के दौरान भारतीय नौसेना के नवीनतम मल्टी-रोल स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'आईएनएस तुशील' के कमीशनिंग समारोह में भी हिस्सा लेंगे। सोमवार को रूस निर्मित स्टील्थ युद्धपोत आईएनएस तुशिल का कलिनिनग्राद के यंत्र शिपयार्ड में जलावतरण होगा। इस दौरान रक्षा मंत्री के साथ भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी होंगे। इस बहुउद्देशीय स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को तकनीक से मामले में दुनियाभर में अधिक उन्नत युद्धपोतों में से एक माना जाता है। इसकी मदद से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में काफी अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

मंगलवार को बैठक में होंगे कई समझौते

मंगलवार को मॉस्को में सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग को लेकर होने वाली भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग(IRIGC-M&MTC) बैठक में भारतीय-रूसी रक्षा मंत्री दोनों देशों में रक्षा के क्षेत्र में बहुआयामी संबंधों की शृंखला की समीक्षा करेंगे। बैठक में चर्चा का मुख्य केंद्र रूसी S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली की शेष 2 इकाइयों की डिलीवरी होगी, जो सबसे उन्नत है। S-400 वायु रक्षा प्रणाली की 5 इकाइयों की खरीद 2018 में अंतिम रूप दी गई थी।इसके बाद सिंह सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे।

रूसी राष्ट्रपति के 2025 में भारत आने की उम्मीद

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने की उम्मीद है। इस यात्रा की तारीखें राजनयिक बातचीत से तय की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया है, और उनकी यात्रा का ब्योरा 2025 की शुरुआत में तय किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि रूस के साथ हमारी वार्षिक शिखर वार्ता की व्यवस्था है। मास्को में हुए पिछले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मास्को गए थे। अगला शिखर सम्मेलन 2025 में भारत में होने वाला है, और इसके लिए तारीखें राजनयिक चैनलों के जरिये तय की जाएंगी। क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने 2 दिसंबर को कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन को पीएम मोदी से भारत आने का निमंत्रण मिला है और उनकी यात्रा की तारीखें 2025 के शुरुआत में तय की जाएंगी।

भारत-चीन सीमा समझौते पर राजनाथ सिंह का बयान, बोले-सैनिकों के लौटने की प्रक्रिया पूरी, हमारी कोशिश बात आगे बढ़े

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भारत और चीन के बीच अहम समझौते के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भारत और चीन की ओर से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब उनकी पूरी कोशिश होगी कि बातचीत इससे आगे बढ़े, लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा एलएसी पर कुछ क्षेत्रों में संघर्षों को सुलझाने के लिए, भारत और चीन के बीच, राजनयिक और सैन्य, दोनों ही स्तरों पर बातचीत होती रही है। अभी हाल की बातचीत के बाद जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति, समानता और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर बनी है। इस सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों के अंतर्गत गश्त और चराई का अधिकार भी शामिल है। इस सहमति के आधार पर, पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हमारा प्रयास होगा, कि बात डिसएंगेजमेंट से भी आगे बढ़े, लेकिन उसके लिए, हमें अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।

रक्षामंत्री ने आगे कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है। हम चीन के साथ आम सहमति के जरिए शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं। कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह एलएसी पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है। हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं।

इधर, बुधवार को भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी।

बता दें कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था के संबंध में एक समझौता हुआ है। इससे पहले चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध 2020 में एलएसी के साथ पूर्वी लद्दाख में शुरू हुआ। इसके बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा, जिससे संबंधों में काफी तनाव आया। हालांकि, हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसने दोनों देशों के बीच कम होते तनाव का संकेत दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैनिकों के साथ मनाएंगे दिवाली, लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ समझौते के बाद पहला दौरा

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चीन के साथ पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर विवाद सुलझा लिया गया है। दोनों तरफ से सेना के पीछे हटने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के सीमाई इलाके तवांग में दिवाली मनाने का फैसला किया है। इसके लिए वे अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए रवाना हो गए हैं।

अपने दौरे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, अरुणाचल प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली से तवांग के लिए रवाना हो रहा हूं। सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ बातचीत करने और बहादुर भारतीय सेना अधिकारी मेजर रालेंगनाओ बॉब खातिंग को समर्पित एक संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं।

रक्षामंत्री के दौरे के दौरान प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू भी मौजूद रहेंगे। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चोवना मेन ने 30 अक्टूबर को तवांग में भारतीय वायुसेना की उत्तराखंड युद्ध स्मारक कार रैली का स्वागत करेंगे। रक्षा मंत्री का यह दौरा सीमाओं की सुरक्षा में लगे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इससे पहले अक्‍टूबर 2023 में भी तवांग गए थे। उस दौरान उन्‍होंने सैनिकों के साथ शस्‍त्र पूजा की थी। डिफेंस मिनिस्‍टर ने वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की थी और दशहरा का उत्‍सव मनाया था। इससे पहले उसी साल लेह में उन्‍होंने सेना के जवानों के साथ होली भी मनायी थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सीमा पर तैनात जवानों के साथ उत्‍सव मनाते रहे हैं।

बता दें कि तवांग पर चीन अक्‍सर ही अपना दावा ठोकता रहता है। चीन इसे दक्षिणी तिब्‍बत का हिस्‍सा मानता है। भारत पड़ोसी देश चीन के इसके दावे को सिरे से खारिज करता रहा है। अरूणाचल प्रदेश में तवांग का यांग्त्से क्षेत्र दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख केंद्र है। 2022 में इस क्षेत्र में भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के बीच टकराव हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आई थीं। भारतीय सेना ने यांग्त्से क्षेत्र में चीनी सैनिकों की गश्त को रोका, जिससे भारत की क्षेत्र में पकड़ मजबूत हुई। बताया जा रहा है कि दोनों देश एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत चीनी सेना को नामित क्षेत्रों में गश्त की अनुमति दी जा सकती है। इसका उद्देश्य विवादित क्षेत्र में तनाव को कम करना और दोनों देशों की संतुलित उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत”,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसा क्यों कहा?

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दुनियाभर में भारत की पहचान शांति दूत के रूप में रही है। आज भी जब दुनिया के दो मुहानों युद्द के हालात है भारत शांति की बात कर रहा है। इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शांति बनाए रखने के वास्ते सेना के जवानों को जंग के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, नौसेना और वायु सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भविष्य में होने वाली किसी जंग से तुरंत मिल-जुलकर मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन और गाजा में छिड़ी जंग के साथ-साथ बांग्लादेश के हालात पर भी बात की और कहा कि सेना को ऐसे किसी हालात से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक युद्ध में साइबर और अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं के रणनीतिक महत्व पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो भविष्य के संघर्षों की तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हमें अपने वर्तमान पर ध्यान रखना होगा। मौजूदा समय में हमारे आस-पास हो रही गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और राष्ट्रीय सुरक्षा घटक होना चाहिए। हमारे पास हर तरह के इंतजाम होने चाहिए।

राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के क्षेत्र में क्षमता के विकास पर जोर दिया और उन्हें आधुनिक समय की चुनौतियों से निपटने के लिए अभिन्न अंग बताया। उन्होंने सैन्य नेतृत्व से डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति के इस्तेमाल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ये घटक किसी भी संघर्ष या युद्ध में सीधे तौर पर भाग नहीं लेते हैं। उनकी अप्रत्यक्ष भागीदारी काफी हद तक युद्ध की दिशा तय कर रही है।

सरकार गठन से पहले एनडीए की माथापच्ची, नड्डा के घर पहुंचे अमित शाह और राजनाथ सिंह

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लोकसभा चुनाव के नतीजों में 10 साल बाद बीजेपी इस स्थिति में है कि उसे सरकार बनाने से पहले माथापच्ची करनी पड़ रही है। दरअसल बीजेपी अपने अकेले के बल पर बहुमत बनाने में कामयाब नहीं रही। हां बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन को जरूर बहुमत मिला है। जिसके बाद टीडीपी और जेडीयू दोनों ही पार्टियां किंगमेकर बनकर उभरी हैं।बीजेपी के सहयोगी दलों ने अपनी अपनी मांगें रखी है और हर कोई कम से कम एक अहम मंत्रालय चाहता है। यही वजह है कि अब दोनों ही पार्टियों की तरफ से प्रमुख मंत्रालयों की मांग की जा रही है।जिसके बाद अबएनडीए सरकार में किस पार्टी के पास कौन साथ मंत्रालय रहेगा साथ ही बीजेपी से भी कौन कौन मंत्री बनेंगे इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। 

नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए 8 या 9 जून को शपथ ले सकते हैं। इससे पहले सारी चीजों पर सहमति बनाने के लिए लगातार मीटिंग हो रही है। कुछ देर पहले ही बीजेपी के सीनियर नेताओं की मीटिंग शुरू हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएल संतोष सहित पार्टी के सीनियर नेता मीटिंग कर रहे हैं। पार्टी ने नड्डा, शाह और राजनाथ सिंह को सहयोगियों से बात करने की जिम्मेदारी दी है। माना जा रहा है कि पहले बीजेपी की यह टीम मंत्रिमंडल की एक रूप रेखा तय करेगी, जिसमें होगा कि कौन सा मंत्रालय किस पार्टी के पास जा सकता है और फिर इस संभावित लिस्ट पर सभी सहयोगी दलों की सहमति लेने की कोशिश होगी।

दरअसल, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि नायडू ने साफ कर दिया है कि वह मोदी 3.0 सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते हैं। बताया गया है कि वह बीजेपी नेतृत्व को अपनी मांगों की एक लिस्ट दे चुके हैं। टीडीपी स्पीकर का पोस्ट इसलिए चाहती है, क्योंकि लोकसभा में सबसे ज्यादा ताकतवर पद उसके पास होगा।टीडीपी के एक सांसद ने कहा कि पार्टी ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी मामले, बंदरगाह एवं शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जल शक्ति मंत्रालय चाहती है। वह वित्त मंत्रालय में एक जूनियर मंत्री रखने को भी इच्छुक है, क्योंकि आंध्र प्रदेश अभी धन की सख्त जरूरत है. आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी को बहुमत मिला है।

सूत्रों के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी तीन मंत्रालयों की मांग एनडीए के सामने रख दी है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है। जेडीयू ने चार सांसद पर एक मंत्रालय का फॉर्मूला सरकार के सामने रखा है। जेडीयू के 12 सांसद हैं, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है। नीतीश कुमार चाहते हैं कि उनके खाते में रेल, कृषि और वित्त मंत्रालय आए। रेल मंत्रालय को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है।

राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी

#congress_and_sp_will_extinct_like_dinosaurs_said_rajnath_singh

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी और उसके नेता रैली पर रैली कर रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी जनसभाएं कर रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री खीरी लोकसभा के प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी की नामांकन सभा में पहुंचकर रक्षा मंत्री ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस रैली नें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस और सपा चल रही है, वह जल्द ही राजनीति से डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनसभा में कहा कि वे दिन अब करीब हैं जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अतीत की बात हो जाएंगी।उन्होंने दावा किया, कांग्रेस जिस तरह चल रही है, एक दिन वह डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

राजनाथ सिंह अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर प्रहार करते हुए बोले कि कांग्रेस की हुकूमत में आए दिन किसी न किसी राज्य में आतंकवादी घटनाएं होती रहती थीं। आज कोई बता दे, शायद ही कोई कश्मीर घटना हुई हो। देश पर कोई आतंकवादी हमला करेगा तो उसका खामियाजा बहुत बुरा भुगतना पड़ेगा। यह बात आप लोगों को समझ में आने लगी है।

राजनाथ सिंह ने बोले कि आपको याद होगा की पाकिस्तान से आकर मुंबई में आतंकवादी किस तरह की वारदात किए थे. हमारे आईपीएस अफसर समेत वहां पर कई जाने गई थीं. कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने बोला ये छोटी वारदातें होती रहती हैं. अब हमारी सरकार ने जिस शक्ति के साथ आतंकवाद का सफाया किया है उसकी सराहना सिर्फ भारत में नहीं पूरे विश्व में हो रही है

मुझे माँ के अंतिम संस्कार में जाने नहीं दिया”, राजनाथ सिंह ने याद किया आपातकाल का दौर

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इमरजेंसी के दिनों को याद करते हुए कहा कि, आज जो लोग हमें तानाशाह कह रहे हैं, उन्हीं लोगों ने मुझे मेरी मां के अंतिम संस्कार में जाने नहीं दिया। मैं उस समय जेल में था, लेकिन मुझे पैरोल नहीं मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।

एएनआई की संपादक स्मिता मिश्रा के पॉडकास्ट में राजनाथ सिंह ने कई मुद्दों पर बात की है। पॉडकास्ट का कुछ हिस्सा न्यूज एजेंसी ने सोशल मीडिया में शेयर किया है। इसमें रक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकवाद, चीन से लेकर इमरजेंसी के दौर तक विभिन्न मुद्दों पर बात की है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस इंटरव्यू में कहा कि मैं आपातकाल के विरोध के आरोप में जेल में था। दूसरी तरफ मेरी मां बीमार थी। उसका ब्रेन हेम्रेज हो गया था। वह इक्कीस दिनों तक अस्पताल में रहीं। मैं उनको देखने नहीं जा सका। मुझे परोल नहीं मिली। उनका निधन हो गया लेकिन मुझे रिहाई नहीं मिल सकी। अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। राजनाथ सिंह ने कहा कि हैरत है कि आज वो लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगाते हैं।

रक्षा मंत्री ने चीन के मुद्दे पर कहा कि नरेंद्र मोदी के पीएम रहते हुए देश की एक इंच जमीन पर भी किसी का कब्जा नहीं हो सकता। उन्होंने पीओके पर कहा, पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। पाकिस्तान अगर आतंकवाद का सहारा लेकर अगर उसने भारत को अस्थिर करने का प्रयास किया तो अंजाम बुरे होंगे। अगर वो आतंकवाद से लड़ने में सक्षम नहीं है तो भारत उनके साथ कॉपरेट करने को तैयार है।

भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।

एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, अपने पूर्वजों से यही सीखा', राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर तंज
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* लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा की शुरुआत हुई सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू की। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमले बोला। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत के संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश करती रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई है। *कांग्रेस शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन हुआ-राजनाथ सिंह* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया। *कांग्रेस ने विरोधियों को चुप करने के लिए किए संशोधन-राजनाथ सिंह* राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए अधिकांश संविधानिक संशोधन या तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा कि आप पहले संविधान संशोधन को ही ले लीजिए, साल 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। ऐसे में तब की कांग्रेस की सरकार ने आरएसएस के साप्ताहिक प्रकाशन ऑर्गेनाइजर और मद्रास से निकलने वाली पत्रिका क्रॉस रोड को प्रतिबंधित कर दिया था। *राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कसा तंज* यही नहीं, लोकसभा के उप नेता ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार तंज कसा। सिंह ने कहा, एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को 'हाईजैक' करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपायी गई हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, आज विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने बचपन से ही यही सीखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है।लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है। हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है।
भारत-रूस की दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची”, मॉस्को में पुतिन से मिलकर बोले राजनाथ सिंह, एस-400 की डिलीवरी पर भी बात*
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस क दौरे पर हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र के अवसर पर हुई।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-रूस में साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, भारत-रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहेगा। बैठक के बारे में भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और मिलकर किए जाने वाले प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। रक्षा मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा कि मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके खुशी हुई। *एस-400 मिसाइल की डिलीवर पर जोर* पुतिन से मुलाकात से पहले राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की थी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल सिस्टम की दो बची हुई यूनिट की जल्द डिलीवर पर जोर दिया। भारत और रूस के बीच 2018 में एस -400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हुई थी। इस डील के तहत, रूस भारत को अब तक 3 यूनिट एस -400 सौंप चुका है। ये चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। एस -400, रूस का एक लंबी दूरी का मिसाइल सिस्टम है। इसे 400 किलोमीटर की दूरी तक विमान, ड्रोन, और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने, और नष्ट करने के लिए बनाया गया है। *रूस ने भारत को सौंपा आईएनएस तुशिल* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर 2024 तक रूस की यात्रा पर हैं। रक्षा मंत्री ने सोमवार को कालिनिनग्राद का दौरा भी किया, जहां पर वह आईएनएस तुशिल की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल हुए। यह जंगी जहाज एक स्टेल्थ फ्रिगेट है। जिसमें कई एडवांस सिस्टम और मल्टी-रोल वेपन सिस्टम लगे हुए हैं। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। आईएनएस तुशिल जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और रूस में अक्टूबर 2016 में 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) की डील हुई थी। इसमें से 2 युद्धपोत का निर्माण रूस (यंतर शिपयार्ड) में और 2 का निर्माण (गोवा शिपयार्ड) में होना है। तुशिल की डिलीवरी करने के बाद रूस भारत को जून-जुलाई 2025 में तमाल सौंपेगा।
रूस के 3 दिवसीय दौरे पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पुतिन से हो सकती है बातचीत, जाने क्यों अहम है ये दौरा?

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर हैं। राजनाथ सिंह 10 दिसंबर तक रूस की यात्रा पर रहेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस तुशील के कमिशनिंग में हिस्सा लेने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे हैं। इस दौरान वो अपने समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ-साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत करेंगे। इसके साथ ही वो सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। इस दौरान कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।

रविवार (8 दिसंबर) देर रात मास्को पहुंचने पर भारतीय राजदूत विनय कुमार और रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने उनका स्वागत किया। राजनाथ सिंह ने मास्को में 'टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर' पर जाकर द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। ये श्रद्धांजलि भारत और रूस के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सामरिक संबंधों को दर्शाती है। इसके साथ ही मंत्री ने भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत कर उनके अनुभवों और योगदानों को भी सराहा।

हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

रक्षा मंत्री इस दौरे के दौरान भारतीय नौसेना के नवीनतम मल्टी-रोल स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'आईएनएस तुशील' के कमीशनिंग समारोह में भी हिस्सा लेंगे। सोमवार को रूस निर्मित स्टील्थ युद्धपोत आईएनएस तुशिल का कलिनिनग्राद के यंत्र शिपयार्ड में जलावतरण होगा। इस दौरान रक्षा मंत्री के साथ भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी होंगे। इस बहुउद्देशीय स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को तकनीक से मामले में दुनियाभर में अधिक उन्नत युद्धपोतों में से एक माना जाता है। इसकी मदद से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में काफी अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

मंगलवार को बैठक में होंगे कई समझौते

मंगलवार को मॉस्को में सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग को लेकर होने वाली भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग(IRIGC-M&MTC) बैठक में भारतीय-रूसी रक्षा मंत्री दोनों देशों में रक्षा के क्षेत्र में बहुआयामी संबंधों की शृंखला की समीक्षा करेंगे। बैठक में चर्चा का मुख्य केंद्र रूसी S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली की शेष 2 इकाइयों की डिलीवरी होगी, जो सबसे उन्नत है। S-400 वायु रक्षा प्रणाली की 5 इकाइयों की खरीद 2018 में अंतिम रूप दी गई थी।इसके बाद सिंह सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे।

रूसी राष्ट्रपति के 2025 में भारत आने की उम्मीद

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने की उम्मीद है। इस यात्रा की तारीखें राजनयिक बातचीत से तय की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया है, और उनकी यात्रा का ब्योरा 2025 की शुरुआत में तय किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि रूस के साथ हमारी वार्षिक शिखर वार्ता की व्यवस्था है। मास्को में हुए पिछले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मास्को गए थे। अगला शिखर सम्मेलन 2025 में भारत में होने वाला है, और इसके लिए तारीखें राजनयिक चैनलों के जरिये तय की जाएंगी। क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने 2 दिसंबर को कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन को पीएम मोदी से भारत आने का निमंत्रण मिला है और उनकी यात्रा की तारीखें 2025 के शुरुआत में तय की जाएंगी।

भारत-चीन सीमा समझौते पर राजनाथ सिंह का बयान, बोले-सैनिकों के लौटने की प्रक्रिया पूरी, हमारी कोशिश बात आगे बढ़े

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भारत और चीन के बीच अहम समझौते के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भारत और चीन की ओर से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब उनकी पूरी कोशिश होगी कि बातचीत इससे आगे बढ़े, लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा एलएसी पर कुछ क्षेत्रों में संघर्षों को सुलझाने के लिए, भारत और चीन के बीच, राजनयिक और सैन्य, दोनों ही स्तरों पर बातचीत होती रही है। अभी हाल की बातचीत के बाद जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति, समानता और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर बनी है। इस सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों के अंतर्गत गश्त और चराई का अधिकार भी शामिल है। इस सहमति के आधार पर, पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हमारा प्रयास होगा, कि बात डिसएंगेजमेंट से भी आगे बढ़े, लेकिन उसके लिए, हमें अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।

रक्षामंत्री ने आगे कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है। हम चीन के साथ आम सहमति के जरिए शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं। कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह एलएसी पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है। हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं।

इधर, बुधवार को भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी।

बता दें कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था के संबंध में एक समझौता हुआ है। इससे पहले चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध 2020 में एलएसी के साथ पूर्वी लद्दाख में शुरू हुआ। इसके बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा, जिससे संबंधों में काफी तनाव आया। हालांकि, हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसने दोनों देशों के बीच कम होते तनाव का संकेत दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैनिकों के साथ मनाएंगे दिवाली, लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ समझौते के बाद पहला दौरा

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चीन के साथ पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर विवाद सुलझा लिया गया है। दोनों तरफ से सेना के पीछे हटने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के सीमाई इलाके तवांग में दिवाली मनाने का फैसला किया है। इसके लिए वे अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए रवाना हो गए हैं।

अपने दौरे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, अरुणाचल प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली से तवांग के लिए रवाना हो रहा हूं। सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ बातचीत करने और बहादुर भारतीय सेना अधिकारी मेजर रालेंगनाओ बॉब खातिंग को समर्पित एक संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं।

रक्षामंत्री के दौरे के दौरान प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू भी मौजूद रहेंगे। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चोवना मेन ने 30 अक्टूबर को तवांग में भारतीय वायुसेना की उत्तराखंड युद्ध स्मारक कार रैली का स्वागत करेंगे। रक्षा मंत्री का यह दौरा सीमाओं की सुरक्षा में लगे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इससे पहले अक्‍टूबर 2023 में भी तवांग गए थे। उस दौरान उन्‍होंने सैनिकों के साथ शस्‍त्र पूजा की थी। डिफेंस मिनिस्‍टर ने वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की थी और दशहरा का उत्‍सव मनाया था। इससे पहले उसी साल लेह में उन्‍होंने सेना के जवानों के साथ होली भी मनायी थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सीमा पर तैनात जवानों के साथ उत्‍सव मनाते रहे हैं।

बता दें कि तवांग पर चीन अक्‍सर ही अपना दावा ठोकता रहता है। चीन इसे दक्षिणी तिब्‍बत का हिस्‍सा मानता है। भारत पड़ोसी देश चीन के इसके दावे को सिरे से खारिज करता रहा है। अरूणाचल प्रदेश में तवांग का यांग्त्से क्षेत्र दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख केंद्र है। 2022 में इस क्षेत्र में भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के बीच टकराव हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आई थीं। भारतीय सेना ने यांग्त्से क्षेत्र में चीनी सैनिकों की गश्त को रोका, जिससे भारत की क्षेत्र में पकड़ मजबूत हुई। बताया जा रहा है कि दोनों देश एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत चीनी सेना को नामित क्षेत्रों में गश्त की अनुमति दी जा सकती है। इसका उद्देश्य विवादित क्षेत्र में तनाव को कम करना और दोनों देशों की संतुलित उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत”,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसा क्यों कहा?

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दुनियाभर में भारत की पहचान शांति दूत के रूप में रही है। आज भी जब दुनिया के दो मुहानों युद्द के हालात है भारत शांति की बात कर रहा है। इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शांति बनाए रखने के वास्ते सेना के जवानों को जंग के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, नौसेना और वायु सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भविष्य में होने वाली किसी जंग से तुरंत मिल-जुलकर मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन और गाजा में छिड़ी जंग के साथ-साथ बांग्लादेश के हालात पर भी बात की और कहा कि सेना को ऐसे किसी हालात से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक युद्ध में साइबर और अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं के रणनीतिक महत्व पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो भविष्य के संघर्षों की तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हमें अपने वर्तमान पर ध्यान रखना होगा। मौजूदा समय में हमारे आस-पास हो रही गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और राष्ट्रीय सुरक्षा घटक होना चाहिए। हमारे पास हर तरह के इंतजाम होने चाहिए।

राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के क्षेत्र में क्षमता के विकास पर जोर दिया और उन्हें आधुनिक समय की चुनौतियों से निपटने के लिए अभिन्न अंग बताया। उन्होंने सैन्य नेतृत्व से डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति के इस्तेमाल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ये घटक किसी भी संघर्ष या युद्ध में सीधे तौर पर भाग नहीं लेते हैं। उनकी अप्रत्यक्ष भागीदारी काफी हद तक युद्ध की दिशा तय कर रही है।

सरकार गठन से पहले एनडीए की माथापच्ची, नड्डा के घर पहुंचे अमित शाह और राजनाथ सिंह

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लोकसभा चुनाव के नतीजों में 10 साल बाद बीजेपी इस स्थिति में है कि उसे सरकार बनाने से पहले माथापच्ची करनी पड़ रही है। दरअसल बीजेपी अपने अकेले के बल पर बहुमत बनाने में कामयाब नहीं रही। हां बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन को जरूर बहुमत मिला है। जिसके बाद टीडीपी और जेडीयू दोनों ही पार्टियां किंगमेकर बनकर उभरी हैं।बीजेपी के सहयोगी दलों ने अपनी अपनी मांगें रखी है और हर कोई कम से कम एक अहम मंत्रालय चाहता है। यही वजह है कि अब दोनों ही पार्टियों की तरफ से प्रमुख मंत्रालयों की मांग की जा रही है।जिसके बाद अबएनडीए सरकार में किस पार्टी के पास कौन साथ मंत्रालय रहेगा साथ ही बीजेपी से भी कौन कौन मंत्री बनेंगे इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। 

नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए 8 या 9 जून को शपथ ले सकते हैं। इससे पहले सारी चीजों पर सहमति बनाने के लिए लगातार मीटिंग हो रही है। कुछ देर पहले ही बीजेपी के सीनियर नेताओं की मीटिंग शुरू हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएल संतोष सहित पार्टी के सीनियर नेता मीटिंग कर रहे हैं। पार्टी ने नड्डा, शाह और राजनाथ सिंह को सहयोगियों से बात करने की जिम्मेदारी दी है। माना जा रहा है कि पहले बीजेपी की यह टीम मंत्रिमंडल की एक रूप रेखा तय करेगी, जिसमें होगा कि कौन सा मंत्रालय किस पार्टी के पास जा सकता है और फिर इस संभावित लिस्ट पर सभी सहयोगी दलों की सहमति लेने की कोशिश होगी।

दरअसल, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि नायडू ने साफ कर दिया है कि वह मोदी 3.0 सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते हैं। बताया गया है कि वह बीजेपी नेतृत्व को अपनी मांगों की एक लिस्ट दे चुके हैं। टीडीपी स्पीकर का पोस्ट इसलिए चाहती है, क्योंकि लोकसभा में सबसे ज्यादा ताकतवर पद उसके पास होगा।टीडीपी के एक सांसद ने कहा कि पार्टी ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी मामले, बंदरगाह एवं शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जल शक्ति मंत्रालय चाहती है। वह वित्त मंत्रालय में एक जूनियर मंत्री रखने को भी इच्छुक है, क्योंकि आंध्र प्रदेश अभी धन की सख्त जरूरत है. आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी को बहुमत मिला है।

सूत्रों के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी तीन मंत्रालयों की मांग एनडीए के सामने रख दी है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है। जेडीयू ने चार सांसद पर एक मंत्रालय का फॉर्मूला सरकार के सामने रखा है। जेडीयू के 12 सांसद हैं, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है। नीतीश कुमार चाहते हैं कि उनके खाते में रेल, कृषि और वित्त मंत्रालय आए। रेल मंत्रालय को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है।

राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी

#congress_and_sp_will_extinct_like_dinosaurs_said_rajnath_singh

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी और उसके नेता रैली पर रैली कर रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी जनसभाएं कर रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री खीरी लोकसभा के प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी की नामांकन सभा में पहुंचकर रक्षा मंत्री ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस रैली नें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस और सपा चल रही है, वह जल्द ही राजनीति से डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनसभा में कहा कि वे दिन अब करीब हैं जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अतीत की बात हो जाएंगी।उन्होंने दावा किया, कांग्रेस जिस तरह चल रही है, एक दिन वह डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

राजनाथ सिंह अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर प्रहार करते हुए बोले कि कांग्रेस की हुकूमत में आए दिन किसी न किसी राज्य में आतंकवादी घटनाएं होती रहती थीं। आज कोई बता दे, शायद ही कोई कश्मीर घटना हुई हो। देश पर कोई आतंकवादी हमला करेगा तो उसका खामियाजा बहुत बुरा भुगतना पड़ेगा। यह बात आप लोगों को समझ में आने लगी है।

राजनाथ सिंह ने बोले कि आपको याद होगा की पाकिस्तान से आकर मुंबई में आतंकवादी किस तरह की वारदात किए थे. हमारे आईपीएस अफसर समेत वहां पर कई जाने गई थीं. कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने बोला ये छोटी वारदातें होती रहती हैं. अब हमारी सरकार ने जिस शक्ति के साथ आतंकवाद का सफाया किया है उसकी सराहना सिर्फ भारत में नहीं पूरे विश्व में हो रही है

मुझे माँ के अंतिम संस्कार में जाने नहीं दिया”, राजनाथ सिंह ने याद किया आपातकाल का दौर

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इमरजेंसी के दिनों को याद करते हुए कहा कि, आज जो लोग हमें तानाशाह कह रहे हैं, उन्हीं लोगों ने मुझे मेरी मां के अंतिम संस्कार में जाने नहीं दिया। मैं उस समय जेल में था, लेकिन मुझे पैरोल नहीं मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।

एएनआई की संपादक स्मिता मिश्रा के पॉडकास्ट में राजनाथ सिंह ने कई मुद्दों पर बात की है। पॉडकास्ट का कुछ हिस्सा न्यूज एजेंसी ने सोशल मीडिया में शेयर किया है। इसमें रक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकवाद, चीन से लेकर इमरजेंसी के दौर तक विभिन्न मुद्दों पर बात की है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस इंटरव्यू में कहा कि मैं आपातकाल के विरोध के आरोप में जेल में था। दूसरी तरफ मेरी मां बीमार थी। उसका ब्रेन हेम्रेज हो गया था। वह इक्कीस दिनों तक अस्पताल में रहीं। मैं उनको देखने नहीं जा सका। मुझे परोल नहीं मिली। उनका निधन हो गया लेकिन मुझे रिहाई नहीं मिल सकी। अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। राजनाथ सिंह ने कहा कि हैरत है कि आज वो लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगाते हैं।

रक्षा मंत्री ने चीन के मुद्दे पर कहा कि नरेंद्र मोदी के पीएम रहते हुए देश की एक इंच जमीन पर भी किसी का कब्जा नहीं हो सकता। उन्होंने पीओके पर कहा, पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। पाकिस्तान अगर आतंकवाद का सहारा लेकर अगर उसने भारत को अस्थिर करने का प्रयास किया तो अंजाम बुरे होंगे। अगर वो आतंकवाद से लड़ने में सक्षम नहीं है तो भारत उनके साथ कॉपरेट करने को तैयार है।