अंतर्राष्ट्रीय दुसाध महासंघ ने मनाई शिरोमणि वींर चौहरमल जी की जयंती
Gaya: गया जिला अंतर्राष्ट्रीय दुसाध महासंघ की ओर से शिरोमणि वींर चौहरमल जी की जयंती मनाई गयी। शिरोमणि वीर चौहरमल, जिन्हें बाबा चौहरमल या चूहरमल भी कहा जाता है। एक लोक नायक थे, जिन्हें दुसाध जाति के लोगों द्वारा पूजनीय माना जाता है।
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वे बहुजनों के महानायक थे और उनका जीवन त्याग और संघर्ष से भरा था. बाबा चौहरमल का जन्म 4 अप्रैल 1313 को चैत पूर्णिमा के दिन मोकामा अंचल के घोरौनी टोला अंजनी में हुआ था। उनके पिता का नाम बन्दीमल और माता का नाम रघुमती था।
उनका कर्मस्थान मोकामा ताल के चाराडीह में था और उनका ननिहाल तुरकैजनी गांव में था, जो चाराडीह से 14 किलोमीटर दूर था. वे समाज हित के लिए ब्राह्मणी और सामंती ताकतों से लगातार संघर्ष करते रहे.
वे जमींदार भूमिहारों पर दुसाध की जीत के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय हुए. वे दुसाध (पासवान) जाति के बहुत महान पुरुष थे और उन्हें दुसाध जाति का कुल देवता माना जाता है.
बाबा चौहरमल की जयंती 4 अप्रैल को मनाई जाती है. बाबा चौहरमल को बिहार की धरती मोकामा का सपूत माना जाता है. वीर चौहरमल एक लोक नायक थे जिन्हें बाद में दुसाध जाति के सदस्यों द्वारा पूज्य घोषित किया गया । सबसे प्रचलित संस्करण के अनुसार, बाबा चौहरमल दुसाध जाति के एक शूरवीर व्यक्ति थे। अंतर्राष्ट्रीय दुसाध महासंघ के तरफ से बिहार सरकार से मांग करता है की बाबा चौहरमल जी का जीवनी को विद्यालय के सिलेबस मे शामिल किया जाय।
जयंती मनाने वालों में जिला अध्यक्ष जितेन्द्र पासवान, मुंन्द्रिका पासवान, अरुण पासवान,राजकुमार पासवान, बिरेन्द्र पासवान, अशोक भारती, कमलेश पासवान, छोटेलाल पासवान अशोक पासवान,सहित महासंघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्त्ता शामिल हुए।
गया से मनीष कुमार
Apr 04 2025, 20:10