गोल्ड स्मगलिंग केस मामले में एक और बड़ा खुलासा, स्टील प्लांट के लिए 12 एकड़ जमीन हुई थी आवंटित

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हाल ही में कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव को दुबई से सोने की तस्करी दुबई से सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में नया खुलासा हुआ है। रान्या राव उर्फ हर्षवर्धिनी रान्या स्टील प्लांट लगाने वाली थी। कर्नाटक सरकार ने उसे फरवरी 2023 में 12 एकड़ जमीन भी अलॉट कर दी थी।

कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (केआईएडीबी) ने पुष्टि की है कि फरवरी 2023 में रान्या को स्टील प्लांट कंपनी लगाने के लिए पिछली सरकार ने जमीन आवंटित की थी। खबरों में ये सामने आया था कि रान्या की कंपनी को 12 एकड़ इंडस्ट्रियल जमीन मिली थी। ‘केआईएडीबी’ के सीईओ महेश ने रविवार को कहा कि क्षीरोदा इंडिया को पिछली सरकार ने 2 जनवरी 2023 को 12 एकड़ जमीन आवंटित की थी।

मध्यम और बड़े उद्योग मंत्री एमबी पाटिल के कार्यालय ने तुमकुरु जिले के सिरा औद्योगिक क्षेत्र में रान्या की फर्म क्सीरोडा इंडिया को भूमि आवंटन के संबंध में 22 फरवरी 2023 को जारी सरकार की अंतिम अधिसूचना साझा की। कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, ‘केआईएडीबी’ ने कहा कि राव से जुड़ी कंपनी को आवंटन जनवरी 2023 में किया गया था।इसके लिए वह 138 करोड़ रुपए निवेश करने वाली थी। इससे 160 लोगों को रोजगार मिलता।

मामले के राजनीतिक मोड़ लेता देख कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल के ऑफिस से रान्या के जमीन आवंटन से जुड़ी जानकारी शेयर की गई है। इसमें बताया गया कि भाजपा सरकार में रान्या को जमीन दी गई। दो महीने बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई।

कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव को 3 मार्च को 14.2 किलो सोने के साथ बेंगलुरु के केंपागौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दुबई से लौटने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। रान्या ने इसे अपने बेल्ट में छिपाकर लाई थी। उन पर स्मगलिंग का केस दर्ज किया गया है।

इससे पहले पुलिस ने 6 मार्च को रान्या के लावेल रोड स्थित अपार्टमेंट की तलाशी ली थी। यहां से 2.1 करोड़ रुपए की ज्वेलरी और 2.7 करोड़ रुपए नकद बरामद किए। सोने की कीमत 12.56 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस तरह रान्या से कुल 17.29 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं।

कश्मीर में रमजान के बीच ऐसा क्या हा भड़क गए सीएम अब्दुल्ला, दिए जांच के आदेश

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कश्मीर के गुलमर्ग में 8 मार्च को एक फैशन शो हुआ था। शो में कई अर्धनग्न मॉडलों ने बर्फ पर रैंप वॉक किया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जिसके बाद रमजान के पवित्र महीने में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगा।इस मामले में सियासत भी गरमा गई है। मामले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने चर्चा की मांग की। मामले की गंभीरता देखते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने फैशन शो की जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल, गुलमर्ग में बर्फ के बीच एक आउटडोर फैशन शो हुआ। आयोजित फैशन शो स्की एंड एप्रेस स्की 2025 उत्सव का हिस्सा था, जिसे 7 मार्च को प्रमुख डिजाइनर लेबल “शिवन एंड नरेश” ने अपनी 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया था। रमजान के पवित्र महीने के दौरान इस कार्यक्रम में मॉडल्स के खुले कपड़ों में प्रदर्शन से भारी आक्रोश फैल गया, कई लोगों ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का अनादर बताया। लोगों का कहना है कि सरकार रमजान में ऐसे फैशन शो के आयोजन की अनुमति कैसे दे सकती है?

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक ने फैशन शो को लेकर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए इसे अपमानजनक बताया और सवाल किया कि इसे करने की अनुमति कैसे दी गई।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन ने एक्स पर लिखा, गुलमर्ग में फैशन शो रमजान के पवित्र महीने के बीच में एक बेहद निंदा जनक घटना थी। मैं खुद को उदार व्यक्ति मानता हूं और सम्मानित और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक सह-अस्तित्व में विश्वास करता हूं, लेकिन इस तरह के आयोजन की मेजबानी करने का यह सबसे अच्छा समय नहीं था।

विवाद बढ़ता देख जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए इस मामले में एक जांच के आदेश जारी किए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने नॉर्थ कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट में आयोजित इस फैशन शो पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया। मुख्यमंत्री ने लोगों के आक्रोश को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है और 24 घंटे के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सीएम उमर अब्दुल्लाह ने उनके कार्यालय के संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हैंडल एक्स से लिखा, आश्चर्य और गुस्सा पूरी तरह से समझ में आता है। मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, वे स्थानीय संवेदनशीलता के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा दिखाती हैं और वह भी इस पवित्र महीने (रमजान) के दौरान। मेरा कार्यालय स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और मैंने अगले 24 घंटों के अंदर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई, जैसा उचित होगा वो की जाएगी।

धर्मेद्र प्रधान ने ऐसा क्या कह दिया, जो संसद में वापस लेना पड़ गया एक शब्द

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संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में विपक्षी सदस्यों और केंद्रीय मंत्री के बीच झड़प देखने को मिली। प्रश्नकाल के दौरान डीएमके सांसद ने पीएम श्री के तहत स्कूलों को फंड दिए जाने को लेकर सवाल उठाया था। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के तेवर तीखे हो गए। इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि केंद्रीय मंत्री को अपने भाषण का एक शब्द वापस लेना पड़ गया और लोकसभा स्पीकर ने भी उसे सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दिया।

चेन्नई साउथ से डीएमके सांसद टी. सुमति ने केंद्र की तरफ से तमिलनाडु को शिक्षा से जुड़ा फंड नहीं दिए जाने से जुड़ा सवाल उठाया। पीएम श्री के तहत लगभग 2 हजार करोड़ रुपये दिए जाने थे। चूंकि, हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध किया, ऐसे में इसे अंतरित करके अन्य राज्यों को दिया गया। टी. सुमति ने कहा तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन का जिक्र करते हुए सहकारी संघवाद पर चोट की बात कही। उन्होंने शिक्षा मंत्री से शिक्षा के वित्तीय आवंटन को राज्य सरकार से बदला लेने की उपकरण के रूप में प्रयोग किए जाने को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रभावित कर रहा है।

इस पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी वित्त वर्ष खत्म होने में 20 दिन का समय शेष है। उन्होंने कहा कि हमारी जिस तरह तमिलनाडु से चर्चा हो रही है, उसके तहत केंद्र सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एक समय ऐसा था जब तमिलनाडु सरकार भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार थी। लेकिन अब उन्होंने रुख बदल दिया है। जबकि कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश सहित कई गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

शिक्षा मंत्री ने डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, वे बेईमान हैं और वो तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं, वो राजनीति कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि एक समय में, तमिलनाडु सरकार पीएम श्री योजना पर सहमत हो गई थी और कई (डीएमके) सांसद, जो उनसे मिलने आए थे उन्होंने उन्हें यह बात बताई थी।

मंत्री के बयान को लेकर डीएमके सदस्यों ने विरोध किया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही करीब स्थगित कर दी गई। जब कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसद कनिमोझि को अपनी बात रखने के लिए कहा। कनिमोझि ने कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के सांसदों, वहां की सरकार और राज्य के लोगों के बारे में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया है। हमारी बैठक में, हमने स्पष्ट रूप से कहा था कि हमारे पास एनईपी के साथ मुद्दे हैं और हम इसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर सकते हैं। तीन भाषा नीति तमिलनाडु के लोगों को स्वीकार्य नहीं है। तमिलनाडु के सीएम ने प्रधान मंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि हमारे पास एनईपी को लेकर कई मुद्दे हैं और इसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

कन्‍नीमोझाी की नाराजगी के बाद धर्मेंद्र प्रधान खड़े हुए और उन्‍होंने कहा कि सम्मानीय साथी और मेरी बहन कनीमोझी ने दो मुद्दे उठाए हैं। मुझे ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। जनता और इस मुद्दे को मिक्स नहीं करना चाहिए। मेरे शब्दों से अगर किसी को कष्ट हुआ है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। कनीमोझी जी बैठ जाएं। कम से कम मैं ये जानता हूं कि आप मेरी बात को सुन रही हैं। मैं भी आपकी बात को सुन रहा हूं। यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। वो मुझसे मिलने आईं और हमने कई मुद्दों पर बात की और कई मुद्दों पर हमारे बीच सहमति भी बनी थी। अब आप इस तरह से ऊंची आवाज में बात मत करें। आप में सहास होना चाहिए सच्चाई को सुनने का। जहां गैर भाजपा सरकार उन सभी सरकारों को लाभ मिल रहा है। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हमने उस शब्द को संसद की कार्यवाही से हटा दिया है

राहुल गांधी ने उठाया वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा, सदन में चर्चा की मांग

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कई राज्यों में मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने इस पर सदन में चर्चा की मांग की।उन्होंने कहा कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो। बता दें कि पिछले कुछ चुनावों के बाद लगातार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा विपक्षी दल उठा रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप लगाया था। फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाताओं को शामिल करने की मुद्दा उठाया था। बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित सबूत के साथ इस मुद्दे को उठाया था।

आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया है। सदन में शून्यकाल के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और कुछ दूसरे राज्यों में मतदाता सूचियों को लेकर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा, मैं इस बात से सहमत हूं कि मतदाता सूची सरकार नहीं बनाती, लेकिन पूरे देश में मतदाता सूची को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, पूरा विपक्ष यह मांग कर रहा है कि मतदाता सूची पर चर्चा हो जाए।

दरअसल, उद्धव के सांसद से ठीक पहले टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने वोटर लिस्ट का मुद्दा उठाया था। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि उनकी पार्टी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कागजात दिखाए हैं जिससे पता चला है कि मतदाता पहचान पत्र संख्या का दोहराव हो रहा है। उन्होंने दावा किया, कुछ गंभीर गड़बड़ी है, जिसके बारे में पहले महाराष्ट्र में बात हुई थी। हरियाणा में भी इसे लेकर बात हुई थी। तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने पश्चिम बंगाल और असम में भी भविष्य में इस तरह की बात सामने आने की आशंका जताई।

रॉय ने कहा, पूरी मतदाता सूची में व्यापक सुधार होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि यह कैसे हुआ है। रॉय के सवाल पर स्पीकर ओम बिरला ने कह दिया कि वोटर लिस्ट सरकार बनाती है क्या?

इस पर राहुल गांधी ने कहा कि सरकार नहीं बनाती है, यह बात बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा, 'आपने सही बात बोली कि वोटर लिस्ट क्या सरकार बनाती है? आपने सही बोला कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है। मगर पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष शासित हर राज्य में और खासकर महाराष्ट्र में साफ-साफ सवाल उठे हैं। पूरा विपक्ष मिलकर सिर्फ ये कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर यहां चर्चा हो जाए। आप बनाते नहीं हैं, ये हम मानते हैं, लेकिन वोटर लिस्ट पर चर्चा तो हो जाए।

बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।

कनाडा के नए प्रधानमंत्री होंगे पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी, क्या सुधरेंगे भारत के साथ संबंध?

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कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने मार्क कार्नी को अपना नया नेता चुन लिया है। मार्क कार्नी देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। 59 वर्षीय कार्नी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे, जिन्होंने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन आने वाले दिनों में उनके उत्तराधिकारी के शपथ लेने तक वो प्रधानमंत्री बने रहेंगे। प्रधानमंत्री के रूप में जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ रिश्तों को निचले स्तर पर पहुंचा दिया था। ऐसे में सवाल है कि भारत और कनाडा के रिश्ते में सुधार होगा?

जस्टिन ट्रूडो ने जहां अपने कार्यकाल में भारत से संबंधों को तनावपूर्ण बनाया तो वहीं मार्क कार्नी ने भारत से संबंधों को सुधारने का वादा किया है। कनाडा ने नए पीएम ने इस बात के संकेत भी दिए हैं। लिबरल पार्टी में नेतृत्व की दौड़ से पहले कार्नी ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वह पीएम बने तो वह समान विचारधारा वाले देशों के साथ कनाडा के व्यापारिक संबंधों को विविधता देने के लिए काम करेंगे। कार्नी ने कहा, कनाडा जो करना चाहेगा वह है समान विचारधारा वाले देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंधों को विविधता देना और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं।

हालांकि, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी कि कार्नी ट्रूडो द्वारा भारत-कनाडा संबंधों को पहुंचाई गई क्षति को दूर कर पाएंगे। लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों और कुछ लिबरल नेताओं का मानना है कि उनके चुनाव से तत्काल कोई नीतिगत परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन उनकी नेतृत्व शैली और आर्थिक फोकस कई तरीकों से भारत के प्रति कनाडा के दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकते हैं

कार्नी का अर्थव्यवस्था और वित्तीय मामलों में व्यापक अनुभव है। वह पहले ब्रूकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं, जो भारत में करीब 30 बिलियन डॉलर की संपत्तियों का प्रबंधन करता है। इनमें रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय ऊर्जा, प्राइवेट इक्विटी और विशेष निवेश शामिल हैं। कनाडा इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष रीतेश मलिक के मुताबिक, कार्नी एक अनुभवी अर्थशास्त्री हैं और ब्रूकफील्ड में अपने अनुभव के चलते भारत की अर्थव्यवस्था को अच्छी तरह समझते हैं। उनकी प्राथमिकता विदेश नीति और व्यापार पर होगी, जिससे भारत-कनाडा के मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की संभावना है।

बता दें कि ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान भारत-कनाडा संबंध काफी बिगड़ गए थे, जो ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंच गए थे। दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया। इसके जवाब में, दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, जिससे राजनयिक संबंध और खराब हो गए। व्यापार वार्ता भी रोक दी गई और कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं।

तीसरे बच्चे के जन्म पर तोहफाः इस राज्य के सांसद का एलान, लड़की हुई तो 50 हजार, लड़के पर गाय

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इस समय देश के कई राज्यों में जनसंख्या बढ़ाने पर जोरे दिया जा रहा है। खासकर परिसीमन के मुद्दे को लेकर भारत के दक्षिणी राज्यों में तनाव है।2026 में प्रस्तावित परिसीमन को लेकर साउथ के कई राज्यों में डर है कि उन्हें इसका घाटा हो सकता है। पहले ही आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू जनसंख्या बढ़ाने की वकालत कर चुके हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश में भाजपा की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद कालिसेट्टी अप्पलानायडू ने राज्य के लोगों को तीसरा बच्चा पैदा करने पर गिफ्ट दिए जाने का ऐलान किया है।

विजयनगरम के सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू ने बीते दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को तीसरा बच्चा पैदा करने पर उपहार देने का वादा किया है। एमपी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर लड़की हुई तो 50,000 रुपये और अगर लड़का हुआ तो महिलाओं को एक गाय दी जाएगी। इस खबर से पूरे आंध्र प्रदेश में हलचल मची है।

अप्पाला नायडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की हर महिला को यह प्रस्ताव देने का वादा किया है। नायडू ने कहा, राजनीति और जीवन में कई महिलाओं ने उन्हें प्रोत्साहित किया, जिनमें उनकी मां, पत्नी, बहनें और बेटी शामिल हैं। सांसद ने समाज में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर भी बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं का प्रोत्साहन समय की मांग है।

चंद्रबाबू नायडू कर चुके हैं जनसंख्या वृद्धि के आह्वान

इसके लिए खुद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से भी उन्हें प्रशंसा मिल रही है। यह बयान मुख्यमंत्री नायडू के जनसंख्या वृद्धि के आह्वान पर आई। एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायडू ने कहा था कि सभी महिलाओं कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव मिलेगी, चाहे उनके कितने भी बच्चे हों। नायडू ने महिलाओं से आग्रह किया था कि वे जितना हो सके उतने ज्यादा बच्चों को जन्म दें ताकि राज्य में युवा जनसंख्या बढ़े। नायडू ने अक्तूबर, 2024 में भी राज्य में लोगों की बढ़ती औसत उम्र पर चिंता जताई थी।

भारत की युवा आबादी घट रही

केंद्र की यूथ इन इंडिया-2022 रिपोर्ट के मुताबिक 2036 तक देश की 34.55 करोड़ आबादी ही युवा रह जाएगी, जो अभी 47% से ज्यादा है। अभी देश में 25 करोड़ युवा 15 से 25 साल के बीच के हैं। अगले 15 साल में यह और तेजी से गिरेगी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 की मानें तो 2011 में भारत में युवा आबादी की औसत उम्र 24 साल थी, जो अब 29 साल हो गई है। 2036 तक भारत की बुजुर्ग जनसंख्या 12.5%, 2050 तक 19.4% तो सदी के अंत तक 36% हो जाएगी।

धर्म और चर्च बचाने के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करें, मिजोरम में चर्च की सलाह

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देश में कहीं परिसीमन के बाद प्रतिनिधित्व घटने खौफ में लोगों को जनसंख्या बढ़ाने की सलाह दी जा रही हो तो कहीं धर्म को बचान के लिए। अभी हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य के नव-विवाहित जोड़ों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें। द्रमुक के एक कार्यकर्ता के विवाह समारोह में भाग लेने गए स्टालिन ने कहा, पहले हम कहते थे कि आप आराम से बच्चे पैदा करें परन्तु अब हालात बदल गए हैं और अब हमें कहना चाहिए कि तुरन्त बच्चे पैदा करें। इधर, मिजोरम में दूसरा सबसे बड़ा चर्च बैप्टिस्ट चर्च ऑफ मिजोरम (बीसीएम) ने बच्चों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है।

बीसीएम ने गिरती जनसंख्या को देखते हुए 'बेबी बूम' यानी ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की है। यह अपील 129वीं सभा में चर्च के विवाहित सदस्यों से की गई, ताकि धर्म की रक्षा की जा सके। बीसीएम ने लोगों को इस मुद्दे के प्रति जागरूक करने और ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करने का फैसला किया है, ताकि मिजो समुदाय का अस्तित्व और पहचान बनी रहे।

असेंबली के सदस्यों ने एक अजेंडा पास किया और सदस्यों ने कहा, अगर मिजोरम की आबादी घटती रही तो यह बहुत बड़ी मुसीबत होगी। इससे समाज, राज्य, धर्म और चर्च, सबको नुकसान होगा। हमें आबादी बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा।

इससे पहले मिज़ोरम प्रेस्बिटेरियन चर्च ने भी यही बात कही थी।दरअसल, मिजोरम की कुल तादाद 12 लाख से ज्यादा है, लेकिन यहां जन्म दर में गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा, बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों, खासकर बौद्ध चकमा समुदाय के लोगों का लगातार आगमन हो रहा है। चर्च को चिंता है कि अगर मिजो लोगों की तादाद इसी तरह घटती रही, तो इससे 'समाज, राज्य, धर्म और चर्च' पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

उल्टा पड़ा ललित मोदी का दांव, पासपोर्ट रद्द करेगी वनुआतू सरकार

#vanuatu_pm_orders_to_cancel_lalit_modi_citizenship

भगोड़े बिजनेसमैन ललित मोदी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। एक तरफ ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया है। वहीं, प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश वनुआतू की नागरिकता हासिल कर ली है। हालांकि, अब वनुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने सोमवार को नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि ललित मोदी को दिया गया वनुआतु पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए।सरकार का कहना है कि प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश की वजह से दक्षिण प्रशांत महासागर के इस देश में नागरिकता पाने के लिए ललित मोदी के पास वैध कारण नहीं हैं।

वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने देश के नागरिकता आयोग से ललित मोदी को जारी पासपोर्ट रद्द करने को कहा है। पीएम ने कहा कि उनके आवेदन के दौरान इंटरपोल स्क्रीनिंग सहित सभी मानक पृष्ठभूमि जांचों में कोई आपराधिक दोष सिद्ध नहीं हुआ, मुझे पिछले 24 घंटों में पता चला है कि इंटरपोल ने दो बार मोदी पर अलर्ट नोटिस जारी करने के भारतीय अधिकारियों के अनुरोध को सबूत की कमी के कारण खारिज कर दिया है। इस तरह के किसी भी अलर्ट से मोदी के नागरिकता आवेदन को स्वतः ही अस्वीकार कर दिया जाता।

वानुअतु डेली पोस्ट ने आगे लिखा, हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में हुए खुलासों के बाद यह फैसला लिया गया है। बाकी जानकारी कल के अखबार में देंगे। इसमें यह नहीं बताया गया कि आखिर किस खुलासे की बात की जा रही है। हालांकि अनुमान है कि वनुआतु को बाद में पता चला कि ललित मोदी भारत का भगोड़ा कारोबारी है, जिस कारण यह फैसला लिया गया।

ललित मोदी ने 7 मार्च को अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि की थी।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, उसने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। इसकी जांच मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के आलोक में की जाएगी। हमें यह भी बताया गया है कि उसने वनुआतु की नागरिकता हासिल कर ली है. हम कानून के तहत उसके खिलाफ मामला आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। ललित मोदी साल 2010 में भारत से भाग गया था और तब से लंदन में रह रहा है।

बता दें कि वनुआतु देश ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के करीब है और 83 छोटे ज्वालामुखीय द्वीपों से मिलकर बना है। 65 द्वीप ऐसे हैं, जहां कोई भी नहीं रहता। वनुआतु में कई एक्टिव ज्वलामुखी हैं, जिनमें एक पानी के नीचे भी मौजूद है। अगर वनुआतु के जनसंख्या की बात करें तो यह 300,109 है। वनुआतु की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा नागरिकता बेचकर चलता है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर ईडी की रेड, बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों पर छापा

#ed_raid_on_chattisgarh_former_cm_bhupesh_baghel

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ा है। ईडी की टीम ने सोमवार तड़के भिलाई स्थित भूपेश बघेल के निवास और बेटे चैतन्य बघेल के घर पर छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्यभर में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित आर्थिक अनियमितताओं और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की है। ईडी दावा कर चुकी है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ, जबकि शराब सिंडिकेट ने कथित तौर पर अपराध की आय के रूप में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की। मामले के सिलसिले में राज्य सरकार के अधिकारियों और व्यापारियों सहित कई व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

इसी साल ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। उनसे हुई पूछताछ के आधार पर आज तफ्तीश का दायरा अब चैतन्य बघेल तक पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है।

अगुस्ता वेस्टलैंड केसः जमानत के बाद भी जेल में रहना चाहता है क्रिश्चियन मिशेल, जानें क्या बताई वजह

#augusta_westland_christian_michel_wants_to_stay_in_jail_after_bail

अगस्‍ता वेस्‍टलैंड हेलिकॉप्‍टर खरीद मामले में कथित घोटाले की बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन उन्‍होंने जमानत पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है।जेम्स ने "सुरक्षा जोखिम" के कारण जमानत पर बाहर जाने के बजाय अपनी सजा पूरी करने पर भारत छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि दिल्ली उनके लिए सुरक्षित नहीं है।

राउज एवेन्‍यू कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत से जुड़ी शर्तों पर सुनवाई शुरू होने पर जज ने कहा कि ऐसा व्‍यक्ति जो 6 साल से जेल में बंद है, वह स्‍थानीय जमानतदार कोर्ट में कैसे पेश कर सकता है। इसके बाद स्‍पेशल जज ने मिशेल से उनका हालचाल पूछा। जज ने कहा, आप कैसे हैं, भगवान की कृपा से पिछले 2 महीनों में आपके साथ अच्छा हो गया है, आपको सीबीआई और ईडी के मामले में जमानत मिल गई है।

इस पर मिशेल ने जज से कहा, मेरे लिए दिल्ली बस एक बड़ा कारागार है। क्रिश्चियन मिशेल ने जज से कहा कि उसे जमानत मिल गई है, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर नहीं आना चाहता है। मिशेल ने कोर्ट से कहा कि वह अपनी सजा पूरी करके देश छोड़ना चाहता हैं।

न्यायाधीश ने मिशेल से पूछा कि जब उसे जमानत मिल गई है तो वह जेल में कैसे रह सकता है। मिशेल ने कहा,मैं जमानत स्वीकार नहीं कर सकता। यह असुरक्षित है। हर बार जब मैं तिहाड़ (जेल) से बाहर निकलता हूं, तो कुछ न कुछ होता है। जमानत बांड प्रस्तुत करने के पहलू पर, उन्होंने कहा, एक व्यक्ति जो छह साल से जेल में है, वह स्थानीय जमानतदार कैसे पेश कर सकता है? मिशेल द्वारा इस बात पर जोर दिए जाने के बाद कि वह सुरक्षा कारणों से जमानत पर रिहा नहीं होना चाहता, न्यायाधीश ने पूछा, क्या आप दिल्ली में कोई सुरक्षित स्थान नहीं ढूंढ सकते? इसके बाद मिशेल ने निजी तौर पर उस घटना के बारे में बताने" की पेशकश की, जिसका सामना उसने एम्स में भर्ती होने के दौरान किया था।

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 4 मार्च को ईडी मामले में उसे जमानत दे दी थी और मिशेल को आवश्यक जमानत शर्तों के साथ पेश करने का निर्देश दिया था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 18 फरवरी को निचली अदालत की शर्तों के अधीन सीबीआई मामले में राहत प्रदान की थी।