जेलेंस्की के “झुकने” के बाद भी कम नहीं हुआ ट्रंप का “गुस्सा”, अमेरिका ने यूक्रेन की सैन्य मदद पर लगाई रोक

#america_military_aid_to_ukraine_stopped

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पर बुरी तरह भड़के हुए है। बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप और जेलेंस्की के बीच नोंकझोंक के बाद स्थिति और बिगड़ गई। इस तकरार के बाद अमेरिका ने तुरंत प्रभाव से यूक्रेन की सैन्य सहायता रोक दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता को रोकने का आदेश दिया है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने फैसला किया है कि जब तक यूक्रेन के नेता शांति के लिए साफ नीयत नहीं दिखाते, तब तक सभी सैन्य सहायता रोकी जाएगी। इसका मतलब है कि जो भी अमेरिकी सैन्य उपकरण यूक्रेन को भेजे जाने थे, उन्हें फिलहाल रोक दिया गया है। इसमें वे हथियार भी शामिल हैं जो पहले से जहाजों या विमानों में लोड हो चुके थे या पोलैंड के ट्रांजिट क्षेत्रों में थे।

ब्लूमबर्ग न्यूज ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के हवाले से बताया कि ट्रंप तब तक सभी सहायता रोक देंगे जब तक कि कीव शांति के लिए बात करने के लिए प्रतिबद्धता न दिखाए। ट्रंप ने ये आदेश अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ज़ेलेंस्की पर आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद दिया है। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि जेलेंस्की जब तक अमेरिका का समर्थन उनके साथ है शांति नहीं चाहते हैं।

बताया जा रहा है कि ट्रंप रूस के साथ चल रहे युद्ध को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि जेलेंस्की भी इसमें उनका साथ दें। मगर जेलेंस्की ने युद्ध समाप्त करने के लिए सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं। इससे पहले जब जेलेंस्की ने कहा कि रूस के साथ युद्ध समाप्ति का समझौता करने का समय अभी नहीं है। तो ट्रंप ने इसे यूक्रेनी नेता का सबसे खराब बयान बताया था। ट्रंप ने कहा था कि जेलेंस्की के इस बयान को अमेरिका अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं करेगा।

बता दें कि शुक्रवार को वाशिंगटन में व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और ट्रंप की मीटिंग के दौरान विवाद हुआ था। जेलेंस्की वहां एक खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने आए थे, लेकिन जब उन्होंने अमेरिका से भविष्य में रूस के हमले के खिलाफ सुरक्षा गारंटी मांगी। जिसके बाद विवाद बढ़ता गया और यह सौदा रद्द हो गया। बैठक के बाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ज़लेंस्की को 'अकृतज्ञ' कहा, जबकि दूसरी तरफ ट्रंप ने उन पर 'तीसरे विश्व युद्ध के लिए आग भड़काने का आरोप लगाया। डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

महाराष्ट्रःधनंजय मुंडे ने छोड़ा मंत्री पद, सरपंच हत्याकांड के आरोपी से जुड़ा था नाम

#dhananjay_munde_resignation

महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। बीड़ में हुए सरपंच हत्याकांड में घिरे एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वीकार कर लिया है।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय संभाल रहे मुंडे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर यह पद छोड़ा है। अपने एक करीबी सहयोगी को दिसंबर में बीड जिले में एक सरपंच की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था।

धनंजय मुंडे के इस्तीफे की जानकारी खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के साथ बात करते हुए दी है। फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने आज अपना इस्तीफा दे दिया है। मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए इसे राज्यपाल के पास भेज दिया है।

हत्याकांड के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल

धनंजय मुंडे के बीमार होने के कारण उनके पीएम प्रशांत जोशी ने सीएम को उनका इस्तीफा दिया। ये इस्तीफा तब हुआ है जब सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। मामले में देर रात डिप्टी सीएम अजित पवार के घर देवगिरी पर एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में धनंजय मुंडे भी मौजूद थे। इसी दौरान तय हो चुका था कि मुंडे अब मंत्री पद से इस्तीफा देंगे।

फोटो वायरल होने के बाद मचा बवाल

इस हत्याकांड की कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं है। इन तस्वीरों में साफ दिखायी दे रहा है कि सरपंच को कैसे पहले निर्वस्त्र किया गया। फिर उसे बेरहमी से पाइप और अन्य हत्यारों से पीटा गया। एक तस्वीर में दिख रहा है कि सरपंच देशमुख अधमरी हालत में पड़े हुए, तब उन पर आरोपी सुदर्शन घुले ने पेशाब भी किया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी वाल्मीकी कराड एनसीपी नेता और मंत्री धनंजय मुंडे का खास आदमी बोला जाता है। बीड़ में एक बड़े प्रोजेक्ट को लेकर यह हत्या हुई थी, जिसके बाद धनंजय मुंडे पर भी सवाल उठने लगे।

धनंजय मुंडे बीड जिले के परली से एनसीपी के विधायक हैं। इससे पहले वह बीड के संरक्षक मंत्री थे। वर्तमान में एनसीपी प्रमुख अजित पवार पुणे के साथ-साथ बीड जिले के संरक्षक मंत्री हैं। बीड के मासाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था, इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।

आज के युवा सोचते हैं कि वे बहुत होशियार और हम...', समय रैना पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जमकर लगाई फटकार


#sc_on_samay_raina_said_that_these_young_oversmart_ones_think

'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो से जुड़े अश्लील कॉमेडी विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहबादिया और आशीष चंचलानी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए समय रैना का जिक्र किया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कॉमेडियन समय रैना को उनके शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के विवाद पर कनाडा में बोलने के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये यंग जेनेरेशन खुद को बहुत ओवरस्मार्ट समझती है।

शीर्ष अदालत पोडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने पिछले महीने रैना के शो पर आपत्तिजनक कमेंट किया था। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ये यंग और ओवरस्मार्ट लोग सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं। इनमें से एक कनाडा गया और इस बारे में बात की।आज कल की जनरेशन को लगता है कि हम लोग अब आउटडेटेड हो गए हैं लेकिन हमें पता है कि हमें इससे कैसे डील करना है।उन्होंने कहा कि शायद वह उन क्षेत्राधिकारों को नहीं जानते हैं, जो कोर्ट को प्राप्त हैं।

समय रैना इस वक्त कनाडा में हैं और वहां उन्होंने अपने शो 'समय रैना अनफिल्टर्ड टूर' में वल्गर कॉमेडी विवाद और रणवीर इलाहबादिया मामले को लेकर चल रही कोर्ट प्रोसीडिंग्स का जिक्र किया था। समय रैना के एक फैन शुभम दत्ता ने फेसबुक पर पोस्ट करके शो के दौरान अपना एक्सपीरियंस शेयर किया था और समय रैना की काफी तारीफ भी की थी। हालांकि, उन्होंने बाद में पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक कई लोग इसे शेयर कर चुके थे।

कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में शो के दौरान समय रैना के कमेंट्स को शेयर किया गया। इनके अनुसार समय रैना ने कहा था, 'इस शो पर बहुत मौके आएंगे, जहां आपको लग सकता है कि मैं बहुत फनी कुछ बोल सकता हूं, पर तब बीयरबाइसेप्स को याद कर लेना।' रणवीर इलाहबादिया को बीयर बाइसेप्स के नाम से भी जाना जाता है। समय रैना ने यह भी कहा था, 'शायद समय खराब चल रहा है मेरा, पर याद रखना दोस्तों मैं समय हूं।'

पिछले महीने एक बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब रणवीर इलाहाबादिया ने रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ पर माता-पिता के बारे में अपमानजनक कमेंट किए। इस वजह से रणवीर इलाहाबादिया मुश्किल में पड़ गए थे। उनका फेमस पॉडकास्ट द रणवीर शो बंद कर दिया गया था। रणवीर ने विनती की थी कि ये शो ही उनकी रोजी-रोटी का एकमात्र साधन है और इस शो के साथ करीब 280 लोग भी जुड़े थे जो अब बेरोजगार हो गए हैं। जिसके बाद सुप्रिम कोर्ट में इस शो को फिर से ऑन एयर होने की अनुमति दे दी है। साथ ही उन्हें कंटेंट की गरिमा का खयाल रखने को कहा है।

कौन है महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे? जिनसे सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मांगा इस्तीफा


#devendra_fadnavis_ask_dhananjay_munde_to_resign

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। बीड़ जिले में संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ी कुछ तस्वीरें वायरल होने के बाद देवेंद्र फडणवीस सरकार के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। मुंडे से अलग रह रही उनकी पहली पत्नी करुणा मुंडे ने दावा किया था कि वह सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा दे देंगे। सूत्रों के अनुसार, आज वो इस्तीफ़ा दे देंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है। धनंजय मुंडे एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता हैं। 

मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले धनंजय मुंडे के इस्तीफा देने की संभावना है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार रात देवगिरी बंगले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की। फडणवीस मीडिया से बचते हुए अजित पवार के आवास पर पहुंचे। इस बैठक में सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल और धनंजय मुंडे भी उपस्थित थे। यहां करीब डेढ़ से दो घंटे तक चर्चा हुई। इन सभी नेताओं के बीच बैठक चल रही थी। 

संतोष देशमुख हत्या का मुख्य आरोपी वाल्मीकि कराड मंत्री धनंजय मुंडे का करीबी था। खुद धनंजय मुंडे भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वाल्मीकि कराड उनका बेहद करीबी है। अब हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है।

इससे पहले धनंजय मुंडे की पत्नी करुणा शर्मा मुंडे ने रविवार को दावा किया था कि धनंजय मुंडे बजट सत्र से पहले इस्तीफा देंगे। यहां तक कि करुणा मुंडे ने ये भी कहा था दो दिन पहले ही अजित पवार ने उनका इस्तीफा ले लिया है। उन्होंने ये भी कहा था कि धनंजय मुंडे इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अजित पवार ने जबरन उनका इस्तीफा लिखवा लिया।

बेटी की खैरियत जानने पिता पहुंचा कोर्ट, सरकार ने बताया शहजादी को यूएई में 15 दिन पहले ही हो गई फांसी

#uae_shehzadi_khan_hanged

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेल में बंद शहजादी खान को फांसी की सजा दे दी गई है। हालांकि, इस बात से अनजान पिता बेटी की खैरियत जानने कोर्ट पहुंचे। जहां पता चला की बेटी को तो 15 दिन पहले ही फांसी पर चढ़डा दिया गया है। अपनी बेटी को बचाने और उनकी स्थिति जानने के लिए माता-पिता ने पिछले हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी, इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि शहजादी को पिछले महीने ही फांसी की सजा दे दी गई थी।

विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि संयुक्त अरब अमीरात में मौत की सजा पाने वाली भारतीय महिला शहजादी खान को फांसी दे दी गई है और उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को किया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने विदेश मंत्रालय का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, अधिकारी इस संबंध में हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।

यूपी के बांदा जिले की रहने वाली शाहजादी खान के पिता ने शनिवार (1 मार्च, 2025) को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी ताकि उनकी बेटी की मौजूदा कानूनी स्थिति और कुशलक्षेम के बारे में सही जानकारी प्राप्त की जा सके।

शहजादी के पिता शब्बीर ने बांदा में कहा था कि उनकी बेटी, जो लंबे समय से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेल में है, ने उन्हें फोन करके बताया था कि उसे 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी दी जा सकती है। शब्बीर ने यह भी कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल भेजकर अपनी बेटी की जान बचाने का अनुरोध किया था।

शाहजादी खान फिलहाल अबू धाबी की अल वथबा जेल में कैद थी और उन्हें उनकी देखरेख में रहे एक बच्चे की मौत के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। वह दिसंबर, 2021 में वीजा लेकर अबू धाबी गई थीं और अगस्त, 2022 में एक परिवार के यहां बच्चे की देखभाल के लिए नियुक्त हुईं। 7 दिसंबर, 2022 को बच्चे को टीका लगाया गया, लेकिन उसी दिन बच्चे की मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम कराने की सिफारिश के बावजूद माता-पिता ने इसे खारिज कर दिया और जांच रोकने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।

फरवरी, 2023 में शहजादी खान की एक वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें उन्हें बच्चे की हत्या स्वीकार करते देखा गया। हालांकि, शहजादी के माता-पिता का कहना है कि यह कबूलनामा यातना और दवाब में लिया गया था।

तुरंत बच्चे पैदा करें', परिसीमन विवाद के बीच तमिलनाडु सीएम स्टालिन की अपील

#tamil_nadu_cm_mk_stalin_appeal_to_people_have_babies_immediately

दक्षिण भारतीय राज्यों से परिसीमन को लेकर आशंकाएं जताई जा रही है। इस बीच तमिलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य के लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें। एमके स्टालिन ने कथित तौर पर केंद्र की प्रस्तावित परिसीमन योजना पर व्यंग्यात्मक रूप से हमला किया है। स्टालिन सोमवार को नागपट्टिनम जिले के पार्टी सेक्रेटरी की वेडिंग एनिवर्सरी में शामिल होने पहुंचे थे। यहीं पर उन्होंने राज्य की जनता से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की।

दक्षिण के सभी विपक्षी दलों के नेता परिसीमन के खिलाफ हैं। विरोध के स्वर तमिलनाडु में सबसे तेज हैं। सीएम एमके स्टालिन इस मुद्दे पर लगातार केंद्र पर निशाना साध रहे हैं। सीएम ने कहा कि राज्य में सफलतापूर्वक जनसंख्या नियंत्रण करने का खामियाजा अब भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों को चेताया कि अगर जनसंख्या के आधार पर संसदीय सीटों का परिसीमन होता है तो इसका तमिलनाडु को नुकसान हो सकता है। एमके स्टालिन ने एक शादी समारोह में परिसीमन पर मजेदार तंज कसते हुए वर-वधू को जल्दी बच्चे पैदा करने की सलाह दे डाली।

नागपट्टिनम में डीएमके के जिला सचिव के विवाह समारोह में स्टालिन ने कहा, मैं पहले नवविवाहितों से फैमिली प्लानिंग के लिए थोड़ा वक्त लेने को कहता था, लेकिन अब परिसीमन जैसी नीतियों के कारण जिसे केंद्र सरकार लागू करने की योजना बना रही है, मैं ऐसा नहीं कहूंगा। तमिलनाडु में हमने परिवार नियोजन पर ध्यान केंद्रित किया और जनसंख्या नियंत्रित करने में सफल रहे, लेकिन इस मामले में हमारी सफलता ने ही हमें मुश्किल परिस्थिति में डाल दिया है। इसलिए मैं अब नवविवाहितों से कहूंगा कि वे जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करें।

स्टालिन ने तमिलनाडु के भविष्य पर चर्चा करने के लिए 5 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने सभी विपक्षी दलों से इसमें शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी।

इससे पहले अपने 72वें जन्मदिवस के मौके पर तमिलनाडु सीएम ने अपनी पार्टी के कैडर से अपील करते हुए कहा कि आज तमिलनाडु दो अहम चुनौतियों से जूझ रहा है। इनमें से एक है भाषा की लड़ाई, जो हमारी जीवनरेखा है। वहीं दूसरी लड़ाई है परिसीमन की, जो हमारा अधिकार है। मैं आपसे अपील करता हूं कि इस लड़ाई के बारे में लोगों को बताया जाए। परिसीमन का सीधा असर राज्य के आत्म सम्मान, सामाजिक न्याय और लोगों की कल्याणकारी योजनाओं पर होगा। आपको इस संदेश को लोगों तक लेकर जाना होगा ताकि राज्य का हर नागरिक राज्य को बचाने के लिए एकजुट हो सके।

गौरतलब है कि साल 2026 से परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी। अगर परिसीमन जनसंख्या के आधार पर हुआ तो इससे दक्षिण के राज्यों में लोकसभा सीटें घट सकती हैं और उत्तरी राज्यों में सीटें बढ़ सकती हैं। इसका दक्षिण के राज्य विरोध कर रहे हैं।

रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, शो ऑन एयर करने की छूट, कोर्ट ने दी मर्यादा मे रहने की नसीहत

#supreme_court_gives_relief_to_ranveer_allahbadia

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और पॉडकास्ट होस्ट रणवीर इलाहबादिया को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इलाहाबादियो को उनका शो जारी रखने की इजजात दे दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी है कि वह शो को पब्लिश करते वक्त मर्यादाओं का ख्याल रखें। कोर्ट ने शर्त रखी कि रणवीर को एक अंडरटेकिंग देनी होगी, जिसमें वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके शो में नैतिकता का स्तर बना रहे, ताकि सभी उम्र के दर्शक इसे देख सकें।

रणवीर इलाहाबादिया कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ माता-पिता को लेकर अभद्र टिप्पणी को लेकर आलोचना झेल रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल ने कहा है कि उन्होंने पूरा शो देखा है लेकिन इसमें कोई भी अभद्रता नहीं है लेकिन इसमें विकृति है। उन्होंने कहा कि हास्य एक चीज है, अश्लीलता एक चीज है। और विकृति दूसरे स्तर पर है।

सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहबादिया को अपने कार्यक्रम में शालीनता बनाए रखने की शर्त पर ‘द रणवीर शो’ का प्रसारण फिर से शुरू करने की अनुमति दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि ये राहत इसलिए दी गई है क्योंकि इस शो से 280 लोगों की आजीविका जुड़ी है।

दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहबादिया के शो 'द रणवीर शो' पर अगले आदेश तक किसी भी कंटेट को पब्लिश करने पर रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ रणवीर अल्लाहबादिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अदालत में अर्जी दी थी कि उन्हें कुछ राहत दी जाए। उन्होंने कहा था कि उनके यहां 280 कर्मचारी काम करते हैं। यह उनकी रोजी रोटी से जुड़ा मामला है।

जम्मू-कश्मीर में होगा से बीजेपी-एनसी गठबंधन? जानें उमर अब्दुल्ला का जवाब

#nationalconferencealliancewithbjp

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन के कयास लग रहे हैं। इन चर्चाओं के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार के भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही इसकी कोई आवश्यकता है।

आज यहां बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के संदर्भ में जो प्रस्ताव लाया था, वह आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि हमने पहले सत्र में जो करना था, वह कर दिया है।उन्होंने कहा कि पीडीपी समेत सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह वही विधेयक है जिसके खारिज होने की उम्मीद सभी को थी, लेकिन इसे सदन ने पारित कर दिया। आज भी प्रस्ताव मौजूद है और यह बड़ी बात है।

भाजपा से गठबंधन की अटकलों को किया खारिज

सीएम से पूछा गया कि बीजेपी विधायक आर एस पठानिया ने हिंट दिया है कि एनसी और बीजेपी का गठबंधन हो सकता है। इस सवाल पर जवाब देते हुए मुसकुराते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, उन के हिंट देने से क्या होता है, न हम कोई गठबंधन करने के लिए बात कर रहे हैं, न इसकी कोई गुंजाइश है। सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी और एनसी के विचार अलग हैं, दोनों की सोच मेल नहीं खाती है। अगर हम जम्मू-कश्मीर के बारे में बात करते हैं तो उनकी और हमारी सोच में जमीन-आसमान का फर्क है। ऐसी कोई गुंजाइश ही नहीं है।

7 साल बाद पेश होगा बजट

जम्मू-कश्मीर में 3 मार्च को सात साल से अधिक समय के बाद विधानसभा का पहला बजट सत्र शुरू हो गया है। आखिरी बजट फरवरी 2018 में तत्कालीन पीडीपी वित्त मंत्री डॉ. हसीन द्राबू ने विधानसभा में पेश किया था। विधानसभा में 4, 5 और 6 मार्च को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी। इसी के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला छह मार्च को बहस का जवाब देंगे।

पुतिन पर मेहरबान ट्रंपः अमेरिका ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन रोके

#us_russia_moscow_cyber_operation

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद वैश्विक स्तर पर ऐसे हालात बन रहे हैं, जिसकी कल्पना बी नहीं की जा रही थी। दुनिया की दो शक्तियां करीब आ रही है। जी हां, हम अमेरिका और रूस की ही बात कर रहे हैं। ट्रंप की अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही रूस के दिन फिरने लगे हैं। कभी अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों को झेल रहे रूस के लिए अमेरिका ने एक और मेहरबानी दिखाई है। दरअसल, ट्रंप के प्रशासन ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन पर रोक लगा दी है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेग्सेथ ने पेंटागन में साइबर कमांड को रूस के खिलाफ आक्रामक साइबर ऑपरेशन रोकने का आदेश दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दो पूर्व और एक वर्तमान अधिकारियों ने इस सीक्रेट आदेश की जानकारी दी। अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि यूक्रेन पर शांति वार्ता हो सके। हेग्सेथ का आदेश रूस के खिलाफ सभी ऑपरेशनों के पुनर्मूल्यांकन का हिस्सा है, जिसे अभी तक सार्वजनिक रूप से समझाया नहीं गया है। गौर करने वाली बात ये है कि यह आदेश राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में तीखी बहस से पहले जारी हुआ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन रूस के खिलाफ की जाने वाली सभी कार्रवाइयों का रिव्यू कर रहा है। हालांकि इस बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर रूस को बातचीत की टेबल पर लाना जरूरी है। मार्को ने कहा कि अगर पुतिन के प्रति विरोधी रवैया अपनाया जाता है, तो उन्हें टेबल पर नहीं ला पाएंगे।

दो पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, दो देशों के बीच कूटनीतिक और संवेदनशील बातचीत से पहले इस तरह के मिशन पर रोक लगाना आम बात है। लेकिन रूस के खिलाफ इस तरह के ऑपरेशन से पीछे हटना एक बड़ा दाव है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि रूस ने ट्रंप प्रशासन के पहले सप्ताह में अमेरिकी नेटवर्क में घुसपैठ की कोशिश की है। पिछले एक साल में अमेरिकी अस्पतालों, बुनियादी ढांचे और शहरों पर रैंसमवेयर हमले बढ़े हैं, जिनमें से कई रूस से शुरू हुए। अमेरिकी खुफिया अधिकारी मानते हैं कि ज्यादातर आपराधिक कृत्य को रूस की खुफिया एजेंसियों ने मंजूरी दी है या नजरअंदाज किया है।

पिछले कई सालों में अमेरिकी अस्पतालों और बुनियादी ढांचे पर रैनसमवेयर (साइबर) हमले लगातार बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर साइबर हमले रूस से हुए हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक इन आपराधिक हमलों को रूसी एजेंसियों की तरफ से मंजूरी दी गई थी। यूरोप में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इनमें कम्युनिकेशन केबल को काटने की कोशिश और जर्मनी की हथियार कंपनी के सीईओ की हत्या की साजिश शामिल हैं। पिछले साल इनमें तेजी भी देखने को मिली।

अमेरिका अब तक इन मामलों में यूरोप की मदद करता आ रहा है। लेकिन रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन को रोकने से यूरोपीय देशों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

तेलंगाना टनल हादसाः अब तक पता नहीं चला मजदूरों का लोकेशन, 8 जिंदगियों को बचाने के लिए 9वें दिन रेस्क्यू जारी

#telangana_tunnel_collapse

तेलंगाना सुरंग हादसे का आज सोमवार को नौंवा दिन है। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ लोगों को पिछले नौ दिनों से सुरक्षित निकालना संभव नहीं हो पाया है। रडार सर्वे से पीड़ितों की स्थिति का पता लगने का दावा किया गया था, लेकिन अब जांच में वहां सिवाए धातु के टुकड़ों के कुछ नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के सटीक स्थान की अभी तक कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को टनल साइट का दौरा किया। बता दें कि मजदूर 22 फरवरी की सुबह करीब 8:30 बजे से फंसे हुए हैं, जिसके बाद से बचाव कार्य जारी है।

बीते 9 दिनों में फंसे मजदूरों से संपर्क नहीं हो सका है। टनल में पानी, कीचड़ और ढेर सारे मलबे के कारण रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत 11 एजेंसियां जुटी हुई हैं। सीएम रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात की जानकारी ली। सीएम ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों की लोकेशन अभी तक पता नहीं चली है। जरूरत पड़ी तो रेस्क्यू में रोबोट की मदद ली जाएगी।

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने साइड का दौरान करने के बाद कहा कि बचाव कर्मी इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ पा रहे हैं कि लोग और मशीनें कहां फंसे हुए हैं। उनके पास केवल प्रारंभिक अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फंसे लोगों को निकालने के लिए दृढ़ है और दुर्घटना के कारण पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए भी तैयार है।

इधर, नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई), हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने सुरंग के भीतर ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार सर्वे किया था ताकि सुरंग में फंसे आठ लोगों की स्थिति का पता लगाया जा सके। सर्वे में जिन जगहों पर पीड़ितों के होने का अनुमान था, वहां अब जांच में सिर्फ धातु के तत्व मिले हैं। यही वजह है कि अब वैज्ञानिकों ने रडार सर्वे से इतर जगहों पर भी पीड़ितों की तलाश करने की सलाह दी है। साथ ही वैज्ञानिक जल्द ही एक बार फिर से रडार सर्वे करने की योजना बना रहे हैं।