झारखंड के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र प्रसाद को हाईकोर्ट का नोटिस, लाभ के पद पर रहते हुए चुनाव लड़ने का आरोप


हेमंत कैबिनेट के मंत्री की मुश्किलें बढ़ गयी है। हाईकोर्ट ने मंत्री को नोटिस जारी किया है। दरअसल झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो की याचिका को स्वीकार करते हुए पेयजल एवं स्वच्छता तथा उत्पाद व मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद को नोटिस किया है।

मंत्री योगेंद्र प्रसाद से कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। साथ ही इस मामले में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बोकारो जिला निर्वाचन पदाधिकारी तथा सहायक निर्वाचन पदाधिकारी, तेनुघाट को भी पार्टी बनाने को कहा है।

अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव के अनुसार, याचिका में योगेंद्र प्रसाद पर झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष रहते हुए चुनाव लड़ने का आरोप लगाया गया है, जो लाभ का पद है। यह भी कहा गया है कि नामांकन दाखिल करने व नामांकन पत्रों की जांच तक उनका त्यागपत्र स्वीकृत नहीं हुआ था।

उन्होंने अपनी याचिका में उनके चुनाव लड़ने पर की गई आपत्ति पर संबंधित अधिकारियों द्वारा जानबूझकर संज्ञान नहीं लेने का भी आरोप लगाया है। न्यायालय द्वारा यह नोटिस 21 फरवरी को ही जारी किया गया है।

जानिये योगेंद्र प्रसाद के बारे में

2024 में विधानसभा चुनाव जीतने वाले योगेंद्र प्रसाद, 2014 में झामुमो की टिकट पर बोकारो जिला के गोमिया विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। झामुमो प्रत्याशी के रुप में उन्होंने भाजपा के माधवलाल सिंह को 37,514 वोट के अंतर से हराया था, लेकिन 31 जनवरी 2018 को उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी. इसकी वजह बना अवैध कोयला को जमा कर हार्डकोक बनाना।

दरअसल, रामगढ़ के मुरुबंदा में तत्कालीन विधायक योगेंद्र प्रसाद और उनके भाई चित्रगुप्त महतो का शुभम शिव हार्डकोक प्लांट था। साल 2010 में जब पुलिस ने छापा मारा तो प्लांट से अवैध कोयला पकड़ा गया. उनपर अवैध तरीके से कोयला जमा कर हार्ड कोक बनाकर कारोबार करने का मुकदमा चला। तत्कालीन थाना प्रभारी चंद्रिका प्रसाद ने मुकदमा दर्ज कराया था। लंबी सुनवाई के बाद एसडीजेएम कोर्ट ने धारा 144, 120 बी के तहत योगेंद्र प्रसाद समेत अन्य को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी।

धनबाद में ड्यूटी पर तैनात CISF जवान ने की आत्महत्या की कोशिश, तेलंगाना का है रहने वाला


धनबाद : जिले के धनसार थाना क्षेत्र अंतर्गत बीसीसीएल की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट जे पैच कैंप में तैनात सीआईएसएफ जवान ने आत्महत्या की कोशिश की. जिसके बाद प्रोजेक्ट में ड्यूटी पर तैनात अन्य सीआईएसएफ जवान व कर्मी मौके पर पहुंचे. आनन-फानन में घायल सीआईएसएफ जवान को जोड़ाफाटक स्थित पाटलिपुत्र नर्सिंग होम ले जाया गया. 

जहां से डॉक्टर ने अशर्फी अस्पताल रेफर कर दिया है, लेकिन यहां के डॉक्टर ने गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे दुर्गापुर मिशन अस्पताल रेफर कर दिया है.

धनसार सीआईएसएफ इंस्पेक्टर एसके सिंह ने बताया कि जवान एसके राव की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट के जे पैच में शनिवार को रात्रि नौ बजे से सुबह पांच बजे तक ड्यूटी थी. करीब नौ बजे वह अपनी ड्यूटी के लिए कैंप से निकला ही था कि इस दौरान उसने आत्महत्या करने की कोशिश की. उन्हें इसकी सूचना मिली, जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे.

इंस्पेक्टर एसके सिंह का कहना है कि जवान एसके राव कुछ दिनों से परेशान चल रहा है. शायद पारिवारिक कारणों के कारण वह गुमशुम चल रहा है. फिलहाल उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. एसके राव तेलंगाना का रहने वाला है. देर रात उसे अशर्फी अस्पताल से दुर्गापुर मिशन अस्पताल रेफर कर दिया गया है.

वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी को लेकर धनबाद सीआईएसएफ ब्रांच की ओर से कहा गया कि जांच होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. सीआईएसएफ जवान ने गोली खुद मारी है या फिर कोई और वजह है. फिलहाल सीआईएसएफ की टीम मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

धनबाद के 150 मजदूरों का 40 लाख रुपया बकाया, कंपनी हो चुकी है नीलाम…


धनबाद :धनबाद की बंद पड़ी कंपनी जियो मैक्स माइंस एंड मिनिरल्स प्राइवेट लिमिटेड के 150 मजदूरों का 40 लाख रुपया बकाया लॉकडाउन के बाद से ही बकाया है. इसके विरोध में रविवार को मजदूरों ने मशाल जुलूस निकाला. जो कि एलआईसी ऑफिस कतरास से प्रारंभ होकर कलाली फाटक, राजगंज रोड कतरास होते हुए जियो मैक्स एंड मिनिरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की फेक्ट्री गेट पर पहुंचे.मजदूरों ने जल्द से जल्द इन बकाया राशियों को भुगतान करने की मांग की है. फिलहाल इस कंपनी की अब नीलामी हो चुकी है.

दीप नारायण सिंह ने किया सभा को संबोधित

मशाल जुलूस के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मजदूर नेता दीप नारायण सिंह ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राजगंज रोड के कतरास में स्थित मैसर्स “जियो मैक्स माइंस एंड मिनिरल्स प्राइवेट लिमिटेड” कंपनी की फैक्ट्री में लगभग 150 मजदूर कार्य कर रहे थे. लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने फैक्ट्री की आर्थिक मंदी की बात करते हुए प्रबंधन ने दिसंबर 2019 से 21 मार्च 2020 तक का लगभग 40 लाख रुपया मजदूरों का मजदूरी बकाया रख लिया है.

दीप नारायण सिंह बोले- लॉकडाउन लगने के कारण बंद किया गया फैक्ट्री

दीप नारायण सिंह ने कहा कि कोविड-19 में लॉकडाउन लगने के कारण 22 मार्च 2020 से फैक्ट्री को बंद कर दिया गया. लॉकडाउन के बाद से फैक्ट्री कभी नहीं खुला. मजदूर लॉकडाउन के बाद बकाया राशि की मांग करते रहे लेकिन कभी इसका भुगतान नहीं हुआ. इसी बीच पता चला कि कंपनी ने वर्ष 2015 में पंजाब नेशनल बैंक एवं अन्य से 15 करोड़ 75 लाख रूपया लोन लिया था. जो बैंक पर देय राशि ब्याज सहित 27 करोड़ रुपया हो गया.

फैक्ट्री की हो चुकी है नीलामी

दीप नारायण सिंह बताते हैं कि बैंक खाता एनपीए होने के कारण बैंक ने कंपनी की फैक्ट्री में 15 अक्टूबर 2020 को सांकेतिक कब्जा और 25 मार्च 2022 को भौतिक रूप से कब्जा कर लिया. कुछ दिन पूर्व हमलोगों को जानकारी हुई कि बैंक ने फैक्ट्री की नीलामी कर दी है. नीलामी के तहत सबसे ऊंची बोली लगाकर “दी रिपब्लिक प्राइवेट लिमिटेड” बुधीया ग्रुप रांची ने फैक्ट्री को ले लिया है. अगर बुधिया कंपनी नीलामी के तहत फैक्ट्री के एस्सेट को ले लिया है, तो नियमानुसार “द रिपब्लिक प्राइवेट लिमिटेड बुधीया ग्रुप रांची को कंपनी को लायबिलिटी भी लेना होगा. लेकिन अब कंपनी मजदूरों के बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि मजदूरी के बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर फैक्ट्री को चालू नहीं होने दिया जाएगा.

धनबाद में टमाटर की बंपर पैदावर के बाद भी किसानों में निराशा, खेतों में पड़े हैं टमाटर

धनबाद: जिले के पूर्वी टुंडी प्रखंड स्थित दुम्मा गांव में इस बार टमाटर की बंपर पैदावार हुई है. लेकिन किसानों के लिए यह खुशी की जगह निराशा का कारण बन गई है. स्थानीय सब्जी मंडी में टमाटर का थोक भाव महज दो रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जिसके कारण किसान अपने टमाटर को खेत में ही छोड़ने को मजबूर हैं. 

कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण उपज को सुरक्षित रखने का कोई उपाय नहीं है. किसानों के अनुसार टमाटर की खेती में लगने वाली लागत बिक्री मूल्य से तीन गुना अधिक है.

वहीं टमाटर की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि यहां के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन खेती है. 

यहां के सभी लोग कृषि से जुड़े हैं. यहां बारह महीने सब्जी की खेती होती है. लेकिन इस बार यहां के किसानों की स्थिति काफी दयनीय है. दुम्मा में इस बार टमाटर की बंपर पैदावार हुई है. जिसके कारण टमाटर के भाव में काफी गिरावट आई है. 

व्यापारी इसे दो रुपये प्रति किलो खरीद रहे हैं. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

किसानों ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है. कोल्ड स्टोरेज की सुविधा होती तो टमाटर को सुरक्षित रखा जा सकता था, लेकिन सुविधा न होने के कारण टमाटर को खेत में ही छोड़ना पड़ रहा है. जो टमाटरg बाजार में भेजे गए थे, वे भी नहीं बिक पाए हैं. किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जाए, ताकि फसल को बर्बाद होने से बचाया जा सके.

क्षेत्र में टमाटर की खेती कर रही सबिता देवी ने बताया कि टमाटर की खेती में करीब दो लाख रुपये खर्च हुए हैं. अभी बाजार में टमाटर का कोई भाव नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो हम अपने बच्चों को क्या खिलाएंगे. महिला किसान ने बताया कि मेरे पास घर भी नहीं है. अबुआ आवास योजना के तहत भी मुझे घर नहीं मिला है. उन्होंने सरकार से अपील की कि उन्हें अबुआ आवास योजना और लोन मुहैया कराया जाए, ताकि वे अपना घर चला सकें.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम शानदार उपलब्धि20 साल में झारखंड की साक्षरता दर 53%से बढ़ कर 76 प्रतिशत हो गयी


रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सत्ता काल में कई उपलब्धि सामने आई जिसमे साक्षरता दर में लगातार सुधार हो रहा है। वर्ष 2000 में 53 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 76 प्रतिशत हो गई है। 

पुरुषों में साक्षरता दर 83 प्रतिशत और महिलाओं में 70 प्रतिशत है। साक्षरता में लैंगिंक अंतर भी घटकर 17.2 प्रतिशत हो गया है। राज्य में स्नातक छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वह काम कर दिया जिसे 20 साल में किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया। दरअसल, झारखंड में अब तेजी से साक्षरता में सुधार होने लगा है। स्नातकों की संख्या में जबरदस्त तरीके से इजाफा हो रहा है।

वर्ष 2000 में झारखंड की साक्षरता दर 53 प्रतिशत थी जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 76 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2023-25 में पुरुषों में साक्षरता दर 83 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता दर 70 प्रतिशत थी। हालांकि वर्ष 2019-20 की तुलना में साक्षरता में लैंगिंक अंतर 27 प्रतिशत था जो अब घटकर 17.2 प्रतिशत रह गया है।

राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में रखी गई झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण-2023-24 की रिपोर्ट में इसका उल्लेख करते हुए कहा गया कि राज्य में अशिक्षितों की संख्या तेजी घट रही है, वहीं स्नातकों की संख्या में सात प्रतिशत तथा स्नातकोत्तर की संख्या में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

हालांकि, सर्वेक्षण में शिक्षा में ग्रामीण-शहरी समानता व उच्च शिक्षा तक पहुंच काे बड़ी चुनौती बताते हुए इसमें काम करने की आवश्यकता बताई है।

देश में सिंगल टीचर वाले स्कूलों की संख्या घटी

इधर, देश में सिंगल टीचर वाले स्कूलों की संख्या घटी है, लेकिन झारखंड में ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ गई है। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण-2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में वर्ष 2022-23 में ऐसे स्कूलों की संख्या 8.06 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2023-24 में घटकर 7.53 प्रतिशत हो गई है।

इसके उलट झारखंड में इस दौरान सिंगल टीचर वाले स्कूलों की संख्या 17.13 प्रतिशत से बढ़कर 18.78 प्रतिशत हो गई है। राज्य में ऐसे स्कूलों में नामांकन भी बढ़ा है। वर्तमान में इन विद्यालयों में 4.10,199 बच्चे नामांकित हैं। यह सर्वेक्षण यूडायस प्लस में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर किया गया है।

इस बीच, राहत की खबर यह है कि राज्य में ऐसे स्कूलों की संख्या में कमी आई है, जहां शून्य नामांकन होता है। ऐसे स्कूलों की संख्या उक्त अवधि के दौरान 370 से घटकर 199 हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह राज्य में शिक्षा में हुए सुधार को दर्शाता है।

शिक्षक और छात्र की संख्यां में सुधार

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में स्कूली शिक्षा में छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर) में सभी स्तरों पर लगातार सुधार हुआ है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर 25 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं, जबकि झारखंड में 35 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं।

दूसरी तरफ, उच्च कक्षाओं में शिक्षक-छात्र अनुपात बढ़ता जाता है। रिपोर्ट में शिक्षकों की नियुक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

फ्राॅड : रांची के राज मोटर्स ने बेची चोरी की गाड़ी, फर्जीवाड़ा का ऐसे हुआ खुलासा!


हजारीबाग : जिला परिवहन कार्यालय इन दिनों पूरे राज्य भर में चर्चा में है. इस कार्यालय से दो गाड़ी को एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया. जिसका इंजन नंबर और चेचिस नंबर भी एक था.जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि हजारीबाग में जो सेकंड हैंड गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ था वह चोरी की थी. 

आरसी बुक और रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जीवाड़ा से निकलकर दूसरे व्यक्ति को नंबर उपलब्ध कराया गया था.हजारीबाग जिला परिवहन कार्यालय से फर्जीवाड़ा कर सत्येंद्रनाथ सिंह की वाहन बताकर सचिन दास को ट्रांसफर की गई स्कार्पियों बिहार के पूर्णिया से चोरी की गई थी.

 उसका असली नंबर बीआर 11 पीए - 8427 है. जांच के अनुसार दिसंबर 2022 में वाहन की चोरी हुई थी. इससे पूर्व स्कापिर्यो की बिक्री तीसरी बार हो चुकी थी. इसका अंतिम मालिक वैशाली जिला का अमरजीत कुमार पिता राम राज सिंगरा है. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि 2022 तक महिंद्रा शोरूम में वाहन की अंतिम सर्विस की गई. 2017 मॉडल बीएस फोर स्कार्पियो है.

हजारीबाग सदर थाना में परिवहन कार्यालय द्वारा खरीददार सचिन दास सहित अन्य पर प्राथमिकी कराई गई है. परिवहन पदाधिकारी बैजनाथ कामती के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. सदर थाना को दिए गऐ आवेदन में इस बात की जानकारी दी गई है कि फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर परिवहन कार्यालय से वाहन को पंजीकृत कराया गया. शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज कराने की कवायद की जा रही थी. परिवहन कार्यालय के आवेदन पर मामला दर्ज होते ही एक बड़े वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करने का जिम्मा सदर थाने की पुलिस पर आ जाएगी.जानकारी के अनुसार जब वाहन का दूसरे नाम से ट्रांसफर किया गया था, उस वक्त परिवहन कार्यालय हजारीबाग में मनोज एक्का नामक सहायक को इस कार्य का जिम्मा था. मनोज एक्का ने ही वाहन जांच को लेकर अपनी संस्वीकृति दी थी और नव नियुक्त पदाधिकारी को एमभी एक्ट के तहत बिना मालिक को बुलाए ट्रांसफर किए जाने की सूचना देकर अपने विश्वास में ले लिया और नाम स्थानातंरण करा दिए गए.

रांची के कांटाटोली चौक पर नए और पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री का धंधा करने वाला राज मोटर्स ने चोरी के वाहन को खपाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए थे. उसने ही सचिन दास को बेचे गए वाहन का नाम ट्रांसफर कराने का जिम्मा लिया था. परिवहन कार्यालय हजारीबाग से मिलीभगत कर सारा खेल को अंजाम दिया और बिना मालिक को बुलाए वाहन का नाम ट्रांसफर करा दिया था.यह सच परिवहन कार्यालय और वाहन के खरीददार सचिन दास की जांच और दी गई जानकारी के बाद सामने आया है. जांच में कई बड़े चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रहा है, परत दर परत सच्चाई सामने आ रही है. संभावना है कि राज मोटर्स से लेकर दलाल शशि, बब्लू और अन्य भी पुलिस के गिरफ्त में हैं.

अनुभूति एक एहसास ऑल इंडिया सांस्कृतिक कंपटीशन एंड फेस्टिवल का हुआ उद्घाटन

धनबाद :अनुभूति एक एहसास ऑल इंडिया सांस्कृतिक कंपटीशन एंड फेस्टिवल में डांस, सिंगिंग इंस्ट्रूमेंट्स एंड ड्राइंग कंपटीशन एंड फेस्टिवल में डांसिंग का दो दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन शनिवार को बीसीसीएल सीएमडी की धर्मपत्नी मिली दत्ता, बीसीसीएल डायरेक्टर पर्सनल की धर्मपत्नी पूर्विता रमैया,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वैभव सिन्हा, काला हीरा के डॉयरेक्टर राजेंद्र प्रसाद, एआईटीसी उपाध्यक्ष वशिष्ठ सिन्हा, क्लब इंडिया के संस्थापक संतोष रजक, समाजसेवी सुमित सवारियां, अनुभूति एक एहसास की सेक्रेटरी सारसी चंद्रा एवं आकाश सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।

मंच संचालन श्रुति चंद्रा और शिप्रा भट्ट ने किया। स्थानीय नन्हे कलाकारों ने एक से बढ़कर एक मनमोहक एवं शानदार प्रस्तुति दी।निर्णायक में सिमरन छाबड़ा ने बारीकी से प्रतियोगिता के प्रतिभागियों के प्रतिभाओं का आकलन कर उन्हें अंक दिए।

उसी आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेता घोषित किया गया जिन्हें अतिथियों के द्वारा मंच पर मेडल एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संजय चंद्रा श्यामल राय चौधरी, सम्पा राय चौधरी की सक्रिय भूमिका थी। अनुभूति एक एहसास की सचिव सारसी चंद्रा ने बताया इस आयोजन से बच्चों को अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच मिलता है पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से उनका मनोबल बढ़ता है और वह बड़े मंच की और अग्रसर होते है।

 बच्चों के प्रतिभाओं को निखारने के लिए बीसीसीएल, 99 ग्रुप ऑफ कंपनीज क्लब इंडिया में अपना सहयोग एवं समर्थन दिया है

नीतीश विचार मंच एवं जिला जदयू ने मनाया बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 74 वां जन्मदिन*

धनबाद :नीतीश विचार मंच एवं जिला जदयू ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 74वां जन्मदिन धुमधाम से धनबाद सर्किट हाउस में मनाया गया।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता नीतीश विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष सह धनबाद जिला जनता दल यू के अध्यक्ष पिन्टू कुमार सिंह ने किया। सर्वप्रथम सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के जन्मदिन के अवसर पर केक काटकर जन्मदिन मनाया। उसके बाद एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर उनके जन्म दिवस पर बधाई दिए और नीतीश कुमार की दीर्घायु होने के लिए भगवान से कामना किए।

नीतीश विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष पिन्टू कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न के उपाधि से सम्मानित करने की मांग देश के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से किया गया। इसके अलावा बिहार की राजनीत में राजनीतिक पारदर्शिता बने रहे इसके लिए नीतीश कुमार के पुत्र निशान्त कुमार को बिहार के सक्रिय राजनीत में लाने की मांग की गई।मौके पर पार्टी के प्रदेश महासचिव सुशील कुमार सिंह, उदय कुमार सिंह, ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप यादव, हाजी हसीब खान, प्रदेश सचिव राजु कुमार सिंह, मुन्ना सिन्हा, विजय सिंह कुशवाहा, धनबाद नगर अध्यक्ष धनलाल दुबे, युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रूपेश पासवान, महिला प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पुष्पा पांडेय आदि मौजूद थे।

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सजा काट रहे पीएलएफआई उग्रवादी समीर तिर्की फरार,जेल प्रशासन पर उठे सवाल

रांची-होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सजा काट रहा पीएलएफआई उग्रवादी समीर तिर्की फरार हो गया है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बताया जाता है कि वह जेल के मुख्य गेट की ओर से शुक्रवार की अलसुबह फरार हुआ है.

 वह गुमला के वृंदा, भंडरा टोली का रहने वाला है. जेल प्रशासन की ओर से मामले में खेलगांव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

कैदियों की गिनती होने पर मिली गायब होने की जानकारी

प्राथमिकी में कहा गया है कि शुक्रवार की सुबह 5:30 बजे जब कैदियों की गिनती हो रही थी, तब पता चला कि समीर गायब है. उसके बाद जेल के अंदर सभी जगह उसकी तलाश की गयी. जेल आइजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि उसके फरार होने के बाद रांची बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, गुमला स्थित उसके घर के अलावा उसके छिपने के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. 

उन्होंने कहा कि अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जानकारी के अनुसार, काफी दिनों से होटवार जेल में स्थायी अधीक्षक या स्थायी जेलर की पोस्टिंग नहीं की गयी है. दोनों पदों पर प्रभार से काम चलाया जा रहा है.

वर्ष 2018 से जेल में बंद था उग्रवादी समीर तिर्की

बताया जाता है कि गुमला में वर्ष 2013 में अपहरण के बाद हत्या के एक मामले में गिरफ्तार समीर तिर्की वर्ष 2018 से जेल में बंद था. वर्ष 2022 में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी. समीर तिर्की पहले पहाड़ी चीता नामक उग्रवादी गिरोह में था. बाद में जोनल कमांडर परमेश्वर गोप तथा एरिया कमांडर बसंत तिर्की के साथ रहकर गुमला में उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया. एक बार गुमला के एक गांव में बसंत तिर्की और समीर तिर्की किसी घटना को अंजाम देने गये थे. उसी दौरान बसंत तिर्की ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया और पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गयी थी.

थ्री लेयर की सिक्योरिटी में कैसे सेंध लगा कर भागा कैदी?

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के जेल में तीन लेयर में सुरक्षा के इंतजाम हैं. सारे सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंककर कैदी समीर तिर्की फरार हो गया. जेल के मुख्य गेट पर 10 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती है. उसमें चार-एक हथियार बंद तथा चार-एक के अन्य सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती है. जब कैदी कोर्ट अथवा अस्पताल से आते हैं, तो मुख्य गेट से अंदर आने पर उनकी पूरी तलाशी ली जाती है. उसके बाद उन्हें जेल के अंदर प्रवेश करने दिया जाता है.

झारखंड के 48 नगर निकायों में से 35 नगर निकायों के मतदाताओं का सर्वे पूरा, सर्वे का रिपोर्ट सौंपी गई राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को

रांची-झारखंड के कुल 48 नगर निकायों में 35 नगर निकायों ने 28 फरवरी तक ओबीसी सर्वेक्षण कर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को रिपोर्ट सौंप दी है. जबकि, 13 निकायों की रिपोर्ट आनी शेष है. 

वहीं, राज्य के 15 जिलों में 30 नगर निकायों ने ओबीसी सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया है. धनबाद, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, लातेहार, चतरा, दुमका, पाकुड़, रामगढ़, जामताड़ा, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, पश्चिम सिंहभूम व गढ़वा के नगर निकायों ने पिछड़ा वर्ग आयोग को रिपोर्ट सौंप दी है.

पांच निकायों ने सर्वे पूरा

तीन जिलों गोड्डा, साहेबगंज व सरायकेला-खरसावां के आठ में से पांच निकायों ने सर्वे पूरा कर आयोग को रिपोर्ट दे दी है. इन जिलों के तीन निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण अभी जारी है. इन निकायों ने तीन मार्च तक आयोग को रिपोर्ट सौंपने की बात कही है, जबकि रांची, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, देवघर व खूंटी समेत कुल छह जिलों ने एक भी नगर निकाय में सर्वे का कार्य पूरा नहीं किया है. इन निकायों ने आयोग को 10 मार्च तक रिपोर्ट देने को आश्वस्त किया है.

लोहरदगा नगर परिषदक्षेत्र में 41.32% हैं पिछड़े वर्ग के मतदाता

लोहरदगा नगर परिषद क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के 17,798 मतदाता हैं, जबकि निकाय में मतदाताओं की कुल संख्या 43,070 है. पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का कुल प्रतिशत 41.32 है. वहीं, निकाय में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या 6,856 है. जो कुल मतदाताओं की संख्या का 15.92 प्रतिशत है.