फ्राॅड : रांची के राज मोटर्स ने बेची चोरी की गाड़ी, फर्जीवाड़ा का ऐसे हुआ खुलासा!
हजारीबाग : जिला परिवहन कार्यालय इन दिनों पूरे राज्य भर में चर्चा में है. इस कार्यालय से दो गाड़ी को एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया. जिसका इंजन नंबर और चेचिस नंबर भी एक था.जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि हजारीबाग में जो सेकंड हैंड गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ था वह चोरी की थी.
![]()
आरसी बुक और रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जीवाड़ा से निकलकर दूसरे व्यक्ति को नंबर उपलब्ध कराया गया था.हजारीबाग जिला परिवहन कार्यालय से फर्जीवाड़ा कर सत्येंद्रनाथ सिंह की वाहन बताकर सचिन दास को ट्रांसफर की गई स्कार्पियों बिहार के पूर्णिया से चोरी की गई थी.
उसका असली नंबर बीआर 11 पीए - 8427 है. जांच के अनुसार दिसंबर 2022 में वाहन की चोरी हुई थी. इससे पूर्व स्कापिर्यो की बिक्री तीसरी बार हो चुकी थी. इसका अंतिम मालिक वैशाली जिला का अमरजीत कुमार पिता राम राज सिंगरा है. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि 2022 तक महिंद्रा शोरूम में वाहन की अंतिम सर्विस की गई. 2017 मॉडल बीएस फोर स्कार्पियो है.
हजारीबाग सदर थाना में परिवहन कार्यालय द्वारा खरीददार सचिन दास सहित अन्य पर प्राथमिकी कराई गई है. परिवहन पदाधिकारी बैजनाथ कामती के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. सदर थाना को दिए गऐ आवेदन में इस बात की जानकारी दी गई है कि फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर परिवहन कार्यालय से वाहन को पंजीकृत कराया गया. शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज कराने की कवायद की जा रही थी. परिवहन कार्यालय के आवेदन पर मामला दर्ज होते ही एक बड़े वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करने का जिम्मा सदर थाने की पुलिस पर आ जाएगी.जानकारी के अनुसार जब वाहन का दूसरे नाम से ट्रांसफर किया गया था, उस वक्त परिवहन कार्यालय हजारीबाग में मनोज एक्का नामक सहायक को इस कार्य का जिम्मा था. मनोज एक्का ने ही वाहन जांच को लेकर अपनी संस्वीकृति दी थी और नव नियुक्त पदाधिकारी को एमभी एक्ट के तहत बिना मालिक को बुलाए ट्रांसफर किए जाने की सूचना देकर अपने विश्वास में ले लिया और नाम स्थानातंरण करा दिए गए.
रांची के कांटाटोली चौक पर नए और पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री का धंधा करने वाला राज मोटर्स ने चोरी के वाहन को खपाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए थे. उसने ही सचिन दास को बेचे गए वाहन का नाम ट्रांसफर कराने का जिम्मा लिया था. परिवहन कार्यालय हजारीबाग से मिलीभगत कर सारा खेल को अंजाम दिया और बिना मालिक को बुलाए वाहन का नाम ट्रांसफर करा दिया था.यह सच परिवहन कार्यालय और वाहन के खरीददार सचिन दास की जांच और दी गई जानकारी के बाद सामने आया है. जांच में कई बड़े चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रहा है, परत दर परत सच्चाई सामने आ रही है. संभावना है कि राज मोटर्स से लेकर दलाल शशि, बब्लू और अन्य भी पुलिस के गिरफ्त में हैं.
Mar 02 2025, 10:14