झारखंड पर CAG की रिपोर्ट राज्य का हेल्थ गड़बड़, विपक्ष ने घेरा सरकार को, विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने कहा सब ठीक है

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा में 27 फरवरी को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन के लेखापरीक्षा में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और पैरामेडिक्स की भारी कमी का पता चला है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड सरकार कोविड के दी गयी राशि को खर्च नहीं कर पायी थी। झारखंड विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर लूट का आरोप लगाया है।सदन के बाहर चौथे दिन पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कैग के रिपोर्ट के बाद कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है झारखंड के लिए कि यहां के जनता को क्या लाभ मिल पाया या नहीं। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से CAG रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई की मांग की है।

झारखंड के ही मंत्री हफ़ीजुल हसन ने कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना जरूरत था हमने खर्च किया। कही भी ऐसा नहीं था कोविड की दवाइयां कमी हुई। हमें ऐसा नहीं लगा कि स्वास्थ्य में कहीं कमी की है सारा इंतजाम हमारी सरकार ने किया था। 

बरहाल कैग की रिपोर्ट में 2020-21 और 2021-22 के दौरान निरीक्षण वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 65 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक आवश्यक दवाओं की कमी का भी पता चला है। देखनेवाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

उपायुक्त ने दिया निर्देश गर्मी से पूर्व मिशन मोड में खराब पड़ें चापाकलों व जलमीनारों को करें दुरूस्त

बोकारो: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त विजया जाधव ने जिले में संचालित विभिन्न पेयजलापूर्ति योजनाओं की प्रगति कार्य की समीक्षा की। मौके पर अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, डीएसओ शालीनी खालखो, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता चास/तेनुघाट राम प्रवेश राम,सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

टीम गठित कर सभी पूर्ण योजनाओं का भौतिक निरीक्षण करें

उपायुक्त ने जल जीवन मिशन के तहत संचालित योजनाओं की प्रगति कार्य की समीक्षा की। इस दौरान पूर्ण योजनाओं को पंचायतों को हैंड ओवर करने की कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने पेयजल एवं पंचायती राज विभाग को समन्वय स्थापित कर टीम गठित कर सभी पूर्ण योजनाओं का भौतिक निरीक्षण करते हुए आगामी 07 मार्च तक हैंडओवर करने को कहा। जिस मुखिया या जल सहिया के द्वारा हैंड ओवर लेने में दिलचस्पी नहीं ली जाएगी, उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर मुखिया का वित्तीय क्षमता सीज की जाएगी।

योजनाओं में कोई बाधा उत्पन्न करता है, तो उसके विरूद्ध होगी कार्रवाई

डीसी ने योजनाओं के धीमी रफ्तार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित एजेंसी, संवेदक को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने खराब प्रदर्शन और धीमी रफ्तार पर संबंधित एजेंसी, संवेदक को नोटिस निर्गत करते हुए कार्रवाई के लिए अनुशंसा करने को कहा। समीक्षा क्रम में पंचायत के मुखिया द्वारा योजनाओं के संचालन में दिलचस्पी नहीं लेने की बात सामने आई। इस पर उपायुक्त ने सरकार की योजनाओं को धरातल पर लाने में अगर कोई बाधा उत्पन्न करता है, तो उसके विरूद्ध भी कार्रवाई होगी। उन्होंने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को यह संदेश नीचे तक ले जाने की बात कहीं।

खराब चापाकलों की शिकायत प्राप्त होने पर त्वरित कार्रवाई करें

समीक्षा क्रम में 14 वे. वित्त आयोग के तहत सोलर व लघु जलमीनार के खराब पड़े जलापूर्ति योजना को दुरूस्त करने को कहा। उन्होंने संबंधित पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव को वैसे जलमीनार जहां सोलर प्लेट डैमेज, मोटर खराब, हैंड पंप (पेयजल विभाग के अलावा अन्य मद से निर्मित) खराब आदि हुआ है, उसे दुरुस्त करने का कार्य करें। उपायुक्त ने संबंधित सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को लंबे समय से पेजयलापूर्ति बाधित होने की किसी तरह की शिकायत प्राप्त नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने की बात कहीं, खराब चापाकलों की शिकायत प्राप्त होने पर त्वरित कार्रवाई करें।

विभागों से लंबित एनओसी की भी उपायुक्त ने समीक्षा की

कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता ने जल सहियाओं द्वारा पोर्टल पर खराब चापाकलों एवं मरम्मती के बाद दुरुस्त चापाकलों की फोटो अपलोड की जानी है, जो नहीं हो रही है, जिससे कार्य निष्पादन में परेशानी हो रही है। इस पर उपायुक्त ने जल सहियाओं का प्रखंडवार कार्यशाला शिड्यूल करने को संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया। 

बैठक में पेयजलापूर्ति पाइप अधिष्ठापन को लेकर विभिन्न विभागों से लंबित एनओसी की भी उपायुक्त ने समीक्षा की। समीक्षा में राष्ट्रीय राज मार्ग, वन विभाग एवं पथ प्रमंडल विभाग से संबंधित एनओसी को अविलंब विभाग को समर्पित करने को कहा। उन्होंने मिशन मोड में खराब पेयजलापूर्ति व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने को कहा।

प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन एजेंसी को नोटिस कर कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश

सिंगल विलेज स्किम (एसवीएस) के दौरान विभिन्न प्रखंडों में पेयजल विभाग की सोलर जलापूर्ति योजना के खराब इकाईयों को दुरूस्त करने को कहा। उन्होंने नावाडीह प्रखंड के मुंगो रंगामाटी के सोलर पैनल दुरुस्त करने, मोटर दुरुस्त करने के लिए एम.एस आरती कंस्ट्रक्शन नावाडीह के पोखरिया व चपरी के सोलर पैनल दुरुस्त करने, मोटर दुरुस्त करने के लिए एम.एस अधिर प्रसाद चौधरी, नावाडीह के पोखरिया के सोलर पैनल दुरुस्त करने, मोटर दुरुस्त करने के लिए श्री तेज नारायण तिवारी, पेटरवार के उलगढ़ा में मोटर दुरुस्त करने के लिए एमएस प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन एजेंसी आदि को नोटिस कर कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।

इस नंबर पर करें शिकायत

उपायुक्त ने आमजनों से पेयजल की समस्या व शिकायत टोल फ्री नंबर 18003456502 पर दर्ज करने का अपील की। शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

होटल के कमरे में पंखे से लटका मिला लोन ब्रोकर का शव, 2 दिन से था लापता


झारखंड : जामताड़ा के मैथन स्थित होटल मां काली दुर्गा निवास में एक चौंकाने वाली घटना घटी है। होटल के कमरा नंबर 206 के पास 53 वर्षीय लोन ब्रोकर प्रकाश सिंह का शव पंखे से लटका हुआ मिला। प्रकाश पिछले 2 दिनों से लापता थे। प्रकाश सिंह विभिन्न बैंकों से जुड़कर लोन ब्रोकर का काम करते थे। होटल के कमरे से बदबू आने पर कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। कमरे में पंखे का ब्लेड भी बुरी तरह मुड़ा हुआ था।

प्रकाश के पिता बसंत सिंह चित्तरंजन स्थित हिंदुस्तान केबल्स में काम करते थे। उनकी एक महीने पहले मौत हो गई थी। प्रकाश के 2 बेटे हैं, जिनमें से बड़ा बाहर नौकरी करता है और छोटा बेटा दिल्ली जाने वाला था। कुल्टी थाना के इंस्पेक्टर इंचार्ज लालटू पखीरा ने बताया कि मामले की जांच जारी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए आसनसोल जिला अस्पताल भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह आत्महत्या है या हत्या। 

पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि प्रकाश होटल में क्यों ठहरे थे और उनके साथ कौन था।

केंद्र की झारखंड सरकार को दो-टूक: अवैध खनन रोकने के लिए बदलें अपने कानून


नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने झारखंड में बढ़ते अवैध खनन पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से अपनी खनन नीति को केंद्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाने की सलाह दी है। आइए जानते हैं केंद्र सरकार ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को क्या-क्या सलाह दी है।

हलफनामे में मंत्रालय ने कहा, विशेष मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने एनजीटी के पूर्व आदेश के आधार पर झारखंड में अवैध खनन से जुड़े मामलों की समीक्षा की है। इसमें पाया गया कि राज्य सरकार और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दाखिल हलफनामों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की जरूरत है। 

समिति ने सिफारिश की है कि झारखंड को अपनी रेत खनन नीति को सतत रेत खनन प्रबंधन दिशा-निर्देश (एसएसएमजी), 2016 और रेत खनन प्रवर्तन व निगरानी दिशा-निर्देश (ईएमजीएसएम), 2020 के अनुसार संशोधित करना चाहिए।

इसके अलावा, समिति ने कहा कि झारखंड में लघु खनिजों, रेत और बजरी के अलावा अन्य खनिजों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जुलाई 2018 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होनी चाहिए। 

साथ ही, झारखंड खनन नीति 2017 को भी केंद्र सरकार की 2017 और उसके बाद की अधिसूचनाओं के आधार पर संशोधित करने की आवश्यकता है।

तकनीक अपनानी होगी

केंद्र ने कहा, झारखंड को एसएसएमजी 2016 के प्रावधानों के तहत आईटी और जीआईएस सक्षम निगरानी प्रणाली को लागू करना चाहिए। इसके तहत आरएफआईडी टैग, खनिजों/रेत परिवहन ट्रकों पर जीपीएस ट्रैकिंग, सभी स्टॉकयार्डों में सीसीटीवी के साथ वजन के लिए लगाए जाने वाले तौल पुल स्थापित करने चाहिए।

केंद्र ने कहा है कि अवैध खनन को रोकने के लिए सभी प्रमुख उपभोग केंद्रों के पास सीसीटीवी कैमरों के साथ चेकपॉइंट स्थापित किए जाने चाहिए ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि सभी परिवहन वाहनों के पास वैध परिवहन परमिट है या नहीं।

मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करते 12 युवक गिरफ्तार

देवघर:मंईयां सम्मान योजना और किसान समृद्धि योजना जैसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे 12 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग प्रशासनिक अधिकारी बनकर लोगों को ठगने की फिराक में थे.

 देवघर साइबर थाने की विशेष टीम ने कुंडा थाना क्षेत्र के के नैयाडीह और जसीडीह थानांतर्गत पैनी गांव के समीप जंगल में छापेमारी की. इस दौरान फर्जी ब्लॉक अधिकारी बनकर आम लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं किसान समृद्धि योजना और मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ग्राहकों से साइबर ठगी करते 12 युवकों को गिरफ्तार किया गया. इन आरोपितों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर सभी को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

इन आरोपितों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस मीडिया सेल के अनुसार, गिरफ्तार आरोपितों में सारठ थाना के पथरड्डा ओपी क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी श्याम सुदर दास सहित सारठ के रानीबांध गांव निवासी नितेश कुमार दास, मधुपुर थाना क्षेत्र के चक बगजोरा गांव निवासी विक्रम दास, पसिया गांव निवासी कुंदन दास, मोहनपुर थाना क्षेत्र के खरगडीहा गांव निवासी अमित कुमार, लतासारे गांव निवासी अख्तर अंसारी, करौं थाना क्षेत्र के नागादारी गांव के बुढ़ियाबाद टोला निवासी सफाकत अंसारी, सरफराज अंसारी, सिराज अंसारी, देवीपुर थाना क्षेत्र के बिरनियां गांव निवासी सूरज कुमार दास व कुंडा थाना क्षेत्र के कुरुमटांड़ गांव निवासी अनिल कुमार दास शामिल हैं.

आरोपितों से 17 मोबाइल फोन और 34 सिम कार्ड जब्त

आरोपितों के पास से छापेमारी टीम ने 17 मोबाइल फोन के साथ-साथ 23 सिम कार्ड और 11 प्रतिबिंब टारगेटेड सिम जब्त किये हैं. जांच में आरोपितों के पास से जब्त मोबाइल नंबरों के खिलाफ प्रतिबिंब ऐप पर ऑनलाइन शिकायतें दर्ज मिली हैं. पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर फर्जी मोबाइल नंबर से उपभोक्ताओं को कॉल करके झांसे में लेते थे और केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर ठगी करते थे. मीडिया सेल ने बताया कि आरोपित श्याम सुंदर के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड है. वर्ष 2020 में साइबर थाने में दर्ज ठगी और आईटी एक्ट के एक मामले में वह आरोपित था और जेल भी जा चुका है.

पुलिस की अपील- साइबर ठगी हो, तो ऑनलाइन करें शिकायत

पुलिस ने अपील की है कि साईबर क्राइम एक अपराध है. इससे दूर रहें. यदि आपके थाना क्षेत्र में किसी भी जगह पर साइबर अपराध हो रहा है, तो उसे फैलने से रोकने के लिए मोबाइल नंबर 9798302117 पर गुप्त सूचना दे सकते हैं. सूचना देने वाले का नाम पुलिस गोपनीय रखेगी. पुलिस ने आम लोगों से आग्रह किया है कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आने पर अपनी कोई निजी जानकारी साझा न करें.

साइबर ठगी के शिकार लोग ऑनलाइन शिकायत जरूर करें

पुलिस ने कहा है कि इंटरनेट सर्च इंजन गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिये गये कस्टमर केयर/हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही संपर्क करें. किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये अज्ञात लिंक या यूआरएल पर न क्लिक करें, न ही किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड करें. बैंक के यूपीआई एप्लिकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक के ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज भेजा जाता है. अनजान नंबर से लिंक आने पर उसे क्लिक न करें. न ही कोई अनजान ऐप डाउनलोड करें. साइबर ठगी के शिकार होने पर हेल्पलाईन नंबर 1930 तथा ऑनलाईन वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जरूर रिपोर्ट करें.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गया पुल अंडरपास की सौगात, काम शुरू होने की तारीख अनिश्चित


धनबाद: गया पुल अंडरपास की फाइल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास पहुंच गयी है. चूंकि मुख्यमंत्री ही पथ निर्माण विभाग के मंत्री भी हैं. यहां से एप्रूवल के बाद फाइनांस विभाग में फाइल भेजी जायेगी. इसके बाद कैबिनेट से एप्रूवल के बाद अंडरपास का काम शुरू होगा.

विभागीय जानकारी के मुताबिक बजट सत्र के बाद अंडरपास की फाइल कैबिनेट में भेजी जायेगी. अंडरपास के लिए तीन कंपनियां शीला कंस्ट्रक्शन, राजस्थान व पटना की कंपनी ने टेंडर डाला था. इसमें दो कंपनी राजस्थान और पटना की कंपनी का टेंडर रिजेक्ट हो गया, जबकि शीला कंस्ट्रक्शन ने टेंडर में क्वालीफाई किया, हालांकि इस कंपनी ने प्राक्कलित राशि से 19.9 प्रतिशत रेट अधिक कोट किया है. 

10 प्रतिशत तक टेंडर कमेटी इस पर निर्णय लेती है. 10 प्रतिशत से अधिक रेट होने पर कैबिनेट स्तर से निर्णय होता है. टेंडर कमेटी ने शीला कंस्ट्रक्शन रेट करने की पहल की, लेकिन कंपनी द्वारा सहमति नहीं दी गयी. 

लिहाजा मुख्यमंत्री के पास फाइल भेजी गयी. मुख्यमंत्री से पास होने के बाद फाइल फाइनांस विभागको भेजी जायेगी. इसके बाद कैबिनेट एप्रूवल के लिए भेजी जायेगी

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30.50 करोड़ का है अंडरपास का टेंडर

गया पुल अंडरपास का 30.50 करोड़ का टेंडर है. शुरुआत में 23.84 करोड़ की डीपीआर बनी थी. कुछ सप्लीमेंट बजट को डीपीआर में जोड़कर टीएस किया गया. इसमें 5.57 करोड़ रुपये मुआवजा व कुछ यूटिलिटी को जोड़ा गया. कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलने के बाद टेंडर निकाला गया था. अब शीला कंस्ट्रक्शन द्वारा अधिक रेट कोट करने से मामला फंसा हुआ है.

पुल अंडरपास की फाइल कैबिनेट में भेजने की तैयारी : कार्यपालक अभियंता

आरसीडी के कार्यपालक अभियंता मिथिलेश प्रसाद ने बताया कि गया पुल अंडरपास की फाइल कैबिनेट में भेजने की तैयारी चल रही है. बजट सत्र के बाद कैबिनेट की बैठक होगी. प्राक्कलित राशि से 19.9 प्रतिशत अधिक रेट कोट किया गया है. कैबिनेट से एप्रूवल होने के बाद ही शीला कंस्ट्रक्शन को काम अवार्ड किया जायेगा।

झारखंड उच्च न्यायालय से सरयू राय को बड़ी राहत, मिली अग्रिम जमानत

जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय को झारखंड उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। रांची के डोरंडा थाने में दर्ज सरकारी दस्तावेज लीक करने के मामले में उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गई है। यह मामला तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यकाल का है, जब सरयू राय ने कथित तौर पर कोरोना प्रोत्साहन राशि के वितरण में अनियमितता का आरोप लगाया था।

सरयू राय पर आरोप था कि उन्होंने सरकारी दस्तावेज लीक किए, उन्हें गायब किया और सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न की। स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा की शिकायत पर दो मई 2022 को उनके विरुद्ध डोरंडा थाने में मामला दर्ज किया गया था।

अनुसंधान अधिकारी ने 22 अगस्त 2024 को आरोप पत्र दाखिल किया था। सरयू की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय और रणविजय कुमार ने जोरदार बहस की, जिसके फलस्वरूप अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार की अदालत ने उन्हें दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत प्रदान की। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रही थी।

गौरतलब है कि मई 2022 में सरयू राय ने मीडिया को बताया था कि बन्ना गुप्ता और उनके कार्यालय के 60 कर्मचारियों को कोरोना प्रोत्साहन राशि का गलत भुगतान किया गया था। उनका आरोप था कि इस मद में 103 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई।

स्वास्थ्य विभाग की समिति द्वारा तैयार की गई 94 पात्र कर्मचारियों की सूची में मंत्री के कार्यालय से 60 अतिरिक्त नाम जोड़े गए थे, जिसके बाद यह विवाद सामने आया। इस खुलासे के बाद ही राय के खिलाफ आफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ।

कौन हैं सरयू राय

सरयू राय नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के विधायक हैं। उन्होंने इस बार जमशेदपुर पश्चिम से जीत दर्ज की है। उन्होंने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को हराकर यह जीत हासिल की है।

बन्ना गुप्ता 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव जीत गए थे। उन्होंने रघुवर दास को चुनाव में शिकस्त दे दी थी।

सरयू राय का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से शुरू हुआ था जहां उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में भी काम किया।

वे बिहार एवं झारखंड दोनों विधानमंडल के सदस्य भी रहे। वह जुलाई 1998 से जुलाई 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य और फरवरी 2005 से अक्टूबर 2009 झारखंड विधानसभा में रहे।

हालांकि, 2009 के चुनाव में मामूली वोटों से हार गए लेकिन फिर 2014 में सीएम रघुवर दास को हराकर इतिहास रच दिया।

झारखंड की महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, मिलेगी मंईयां सम्मान योजना की राशि, जानें कब से


झारखंड की लाखों महिलाओं के लिए खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, 15 मार्च से पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की 6ठी और 7वीं किस्त की राशि जारी होगी। खाते में एक साथ 5000 रुपये आएंगे। विधानसभा में मंत्री चमरा लिंडा ने इसकी घोषणा कर दी।

होली से पहले मिल जाएगी खुशखबरी

मंत्री चमरा लिंडा ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 15 मार्च से पहले तक मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों के खाते में जनवरी और फरवरी माह की राशि भेज दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च की राशि भी विभाग को भेज दी गई है। जल्द ही यह राशि भी महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

दिसंबर के बाद से नहीं मिली किस्त की राशि बता दें कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की दो किस्त की राशि महिलाओं को दिसंबर माह के बाद से नहीं मिली है। बता दें कि योजना की शुरुआत में महिलाओं को प्रतिमाह 1000 की राशि मिलती थी। जिसे हेमंत सोरेन ने चुनाव प्रचार के दौरान बढाकर प्रतिमाह 2500 रुपया कर दिया था। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि राशि बढ़ने के बाद से अब तक किश्त केवल एक बार ही मिली है।

मंईयां सम्मान योजना के लिए योग्यता

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना सिर्फ महिलाओं के लिए है

18 से 50 साल की उम्र की महिलाएं अप्लाई कर सकती हैं

महिला का झारखंड का मूल निवासी होना आवश्यक है

किन महिलाओं को मिलेगा मंईयां सम्‍मान योजना का फायदा

18 से 50 साल उम्र की महिलाओं इसके लिए योग्य

गुलाबी राशन कार्ड वाली महिलाओं के पास

जिन महिलाओं के पास हरा राशन कार्ड हो

जिन महिलाओं के पास पीला राशन कार्ड (अंत्योदय अन्न योजना)

सफेद राशन कार्ड वाले परिवार को फायदा

हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर साधा निशाना

मंईयां सम्मान योजना पर खुशखबरी देने के बाद बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने आचरण के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा है। न ही अपना दायित्व का निर्वहन कर रहा है। सरकार का कोई भी कार्य इन्हें अच्छा नहीं लगता है।

अलग राज्य बनने के बाद विपक्ष ने राज्य को कीचड़ में धकेल दिया। हमारी सरकार को उसे कीचड़ से निकलने में पसीने छूट गए। उम्मीद ही नहीं राज्य की जनता को सरकार पर पूरा भरोसा है। यह सरकार जाति धर्म से ऊपर उठकर राज्य के हर वर्ग को एक नजर से देखती है।

झारखंड में वैज्ञानिकों की बड़ी खोज, 10 से 14.5 करोड़ वर्ष पुराना जीवाश्म मिला,वैज्ञानिकों में खुशी


झारखंड के भूवैज्ञानिकों के लिए खुशखबरी है। यहां भूविज्ञानी डॉ. रंजीत कुमार सिंह और वन रेंजर रामचंद्र पासवान ने मंगलवार को क्षेत्र का दौरा किया। इस क्रम में जिले के बरमसिया गांव में एक महत्वपूर्ण खोज सामने आई। यहां पर एक पेट्रोफाइड जीवाश्म की खोज की है। टीम ने एक विशाल वृक्ष के जीवाश्मकृत अवशेषों को पहचाना, जो 10 से 14.5 करोड़ वर्ष पूर्व के हो सकते हैं।

यह खोज न केवल वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है, क्योंकि यह क्षेत्र की प्राचीन प्राकृतिक विरासत को उजागर करता है। यह जैविक इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में और भी अनुसंधान की आवश्यकता है ताकि जीवाश्म की सटीक आयु और उसके पर्यावरणीय संदर्भ को समझा जा सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस क्षेत्र को संरक्षित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ भी इस महत्वपूर्ण विरासत का अध्ययन और सराहना कर सकें।

वन रेंजर रामचंद्र पासवान ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे इस क्षेत्र की सुरक्षा में सहयोग करें और किसी भी अवैध गतिविधि से बचें जो इस महत्वपूर्ण स्थल को नुकसान पहुँचा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस खोज से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। इस खोज के बाद भू-वैज्ञानिक व प्रकृति पर्यावरण के शोधार्थी व अन्य इस क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण अध्ययन करने की योजना बनाई है ताकि और भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित की जा सकें और क्षेत्र की भू वैज्ञानिक हलचल घटना पर्यावरण संरक्षण जैव विविधता और भूवैज्ञानिक इतिहास को संरक्षित किया जा सके।

पेट्रोफाइड फॉसिल का धनी है पाकुड़ जिला...

डॉ. रणजीत कुमार सिंह का मानना है कि पाकुड़ जिला पेट्रोफाइड फॉसिल का धनी है। बताया कि दशकों से स्थानीय ग्रामीण यह सोचकर जीवाश्म लकड़ी की पूजा करते हैं कि यह आसपास की चट्टानों से अलग है। इस क्षेत्र के विज्ञान और वैज्ञानिक समझ में रुचि रखने वाले आम लोगों के लिए संरक्षित और संरक्षित करने की सख्त जरूरत है। इसे लेकर झारखंड वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष तिवारी के साथ भू-विरासत विकास योजना का प्रस्ताव रखा जा रहा है। बताया कि स्थानीय ग्रामीणों, प्रशासकों, वन विभाग, झारखंड राज्य के इकोटूरिज्म के साथ बातचीत की और इस क्षेत्र में एक अलग जियोपार्क कैसे विकसित किया जा सकता है, इस पर चर्चा की जा रही है। इस क्षेत्र में पैलियोबोटैनिकल अनुसंधान की अपार संभावनाओं को देखते हुए भू-स्थलों के व्यवस्थित विकास के लिए अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया ऐसे जीवाश्म वनों का विरासत मूल्य अद्वितीय है और उन्हें उनकी प्राकृतिक स्थितियों में संरक्षित करने की आवश्यकता है।

झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एल. खियांग्ते बने झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, राज्यपाल ने दी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी


रांची (डेस्क )झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एल. खियांग्ते को झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

 राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज राज्य सरकार के प्रस्ताव पर तत्काल निर्णय लेते हुए यह नियुक्ति की है ।

राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि उनकी नियुक्ति से राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी और आयोग द्वारा सभी परीक्षाओं का संचालन निर्धारित कैलेंडर के अनुसार समयबद्ध एवं सुचारु रूप से किया जा सकेगा। इसके साथ ही, आयोग की कार्यप्रणाली में गति और पारदर्शिता आने की भी संभावना जताई गई है।

एल. खियांग्ते का प्रशासनिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता आयोग को नई दिशा देने में सहायक साबित हो सकती है। राज्य में युवाओं के लिए यह नियुक्ति उम्मीदों का संचार करती है, क्योंकि इससे नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार और तेजी आने की संभावना है।

एल खियांगते मिजोरम के मूल निवासी हैं और आदिवासी समुदाय से आते हैं। वे झारखंड के 24वें मुख्य सचिव भी रह चुके हैं । 26 अक्टूबर 1964 को जन्मे एल खियांगते 31 अक्टूबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए हैं।