दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश, आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
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दिल्ली में नई सरकार का गठन होने के बाद पहला विधानसभा सत्र जारी है।दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार तो आबकारी नीति पर आधारित CAG रिपोर्ट पेश की। विधानसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करती है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गई हैं।
सीएजी रिपोर्ट को लेकर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का निशाना
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि CAG की रिपोर्ट 2017-18 के बाद विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और विपक्ष के पांच अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति जी, विधानसभा अध्यक्ष जी से अनुरोध किया था कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाए। आप की सरकार कैग की रिपोर्ट को दबाया। कैग की रिपोर्ट एलजी के पास नहीं भेजी गई।
सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति के तहत हुई कथित अनियमितताओं का विवरण दिया गया है और यह आरोप लगाया गया है कि शराब बिक्री से जुड़े कई मामलों में नियमों का उल्लंघन किया गया था। सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे विधानसभा में पेश किया और सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई करने का संकेत दिया।
लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं
कैग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में शराब के लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि शराब के लाइसेंस केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिए गए थे। इसके साथ ही, नई शराब नीति को एकाधिकार बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई। फैसले और नीतियां तय करते समय कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं किया गया और इसका फायदा केवल कुछ विशेष समूहों को हुआ।
आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इसकी वजह कमजोर नीति फ्रेमवर्क से लेकर अपर्याप्त क्रियान्वयन तक कई कारण हैं। इस रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिन्हित किया गया है. इसमें बताया गया है कि शराब नीति के गठन के लिए बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था
6 hours ago