आजमगढ़:-मुफ्त शिक्षा के साथ अब बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने की भी मुहिम -दिल्ली की हस्तशिल्पियों ने अनुपयोगी सामानों की बताई कीमत
-गौरीशंकर घाट पर कमजोर बच्चों के लिए चलती है पाठशाला,हर त्योहार में शामिल होकर सदस्य बढ़ाते हैं बच्चों का उत्साह
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। समाज में समस्याएं तो बहुत हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या कमजोर परिवार के बच्चों को उचित शिक्षा का न मिलना है। इस समस्या को महसूस कर वर्ष 2019 से तमसा नदी किनारे गौरीशंकर घाट पर बच्चों की पाठशाला शुरू की गई तो अब वहां पढऩे वाली बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम भी शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत रविवार को की गई, जिसका समापन मंगलवार को किया गया। खास बात यह कि दिल्ली से आईं हस्तशिल्पियों ने घर के अनुपयोगी सामानों से विभिन्न प्रकार के सामान बनाने का प्रशिक्षण देकर उसकी कीमत भी बताई। सुदीक्षा नई राह फाउंडेशन सचिव साक्षी पांडेय ने बताया कि आसपास के कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त में उचित शिक्षा देने का विचार तो पांच साल पहले ही आया और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया, लेकिन बच्चियां घर बैठे आत्मनिर्भर कैसे बन सकती हैं, इस पर विचार के बाद फैसला लिया कि इन्हें हुनरमंद बनाना भी जरूरी है। इसके तहत मिशन कुशल बिटिया कार्यक्रम की शुरुआत की गई और उसी के तहत तीन दिवसीय हस्तशिल्प प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली से आईं हस्तशिल्प कलाकार प्रतिभा गुप्ता एवं शिक्षिका निधि गुप्ता ने संस्था की पाठशाला से जुड़े एवं हस्तकला में रुचि रखने वाले बच्चों को प्रशिक्षित किया गया। घरेलू उपयोग का सामान बनाने में कोई अतिरिक्त व्यय नहीं करना पड़ता इसलिए बच्चियों को पुरानी साडिय़ों और कपड़ों से बैग, पेन होल्डर, फूलदान, की-चेन, रस्सियों से विभिन्न प्रकार के डिजाइन, खिलौना, शो-पीस आदि वस्तुओं को बनाना सिखाया गया। कार्यशाला का आयोजन मुख्य रूप से बड़ी बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कराया जा रहा है और यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी। इस मौके पर संस्था के सदस्य हर्ष, रत्नेश, श्वेता आदि उपस्थित रहीं।
Feb 25 2025, 09:51