अमृतपाल सिंह की संसद सदस्यता पर संकट, जानें पूरा मामला
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खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह ने जेल से बाहर आने और संसद सत्र में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या उनकी सीट को रिक्त घोषित करने के लिए किसी कमेटी का गठन किया गया है या नहीं। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने किसी भी अंतरिम आदेश को जारी करने से इनकार कर दिया है।
पंजाब के खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संसद के चल रहे सत्र में भाग लेने की मांग की।अमृतपाल सिंह ने याचिका में कहा है कि जेल में बंद होने की वजह से वह संसद की कार्यवाही में भाग नहीं ले पा रहे हैं और उन्हें अनुपस्थित रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा यह है कि उनके संसदीय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व से वंचित रखा जाए और 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाए।
इसके साथ ही अमृतपाल ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करने की अनुमति भी मांगी है, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं और विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकें। उनका कहना है कि वे एक निर्वाचित सांसद हैं और इस नाते उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के साथ संवाद करने का पूरा अधिकार है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी याचिका में सांसद ने कहा है कि लोकसभा के महासचिव की ओर से जारी समन के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी है और कहा कि उनकी गैरहाजिरी उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्हें अप्रैल 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत में रखा गया है। उन्होंने जेल से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। लेकिन पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार अब तक उनकी उपस्थिति केवल दो फीसदी है।
बता दें कि अनुच्छेद 101(4) के मुताबिक यदि संसद के किसी भी सदन का कोई सदस्य साठ दिनों की अवधि के लिए सदन की अनुमति के बिना सदन की सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सीट को रिक्त घोषित कर सकता है। हालाकि 60 दिनों में वह अवधि शामिल नहीं है, जिसके दौरान सदन को चार दिनों से अधिक लगातार स्थगित किया जाता है या स्थगित किया जाता है। प्रभावी रूप से, अनुपस्थिति की अवधि की गणना केवल संसद की वास्तविक बैठकों के आधार पर की जाती है।
Feb 21 2025, 16:44