छत्तीसगढ़: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल मानिकपुरी ने दिया इस्तीफा, गुटबाजी और उपेक्षा के लगाए आरोप

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी-  मोहला_मानपुर जिले के पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल मानिकपुरी ने 31 जनवरी को कांग्रेस पार्टी से तीन दशक पुराना नाता तोड़ते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ कई अन्य कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि भी पार्टी छोड़ने का कदम उठाए हैं. इस इस्तीफे के साथ उन्होंने पार्टी में गुटबाजी और उपेक्षा के आरोप लगाए हैं.

पार्टी से इस्तीफा देने का कारण

अनिल मानिकपुरी ने अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए टिकट न मिलने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने दो दिन पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था और आज राजनांदगांव में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं पर आरोप लगाया कि विधायक के चाटुकारों को पार्टी में महत्व दिया जाता है.

निर्दलीय चुनाव में उतरेंगे अनिल मानिकपुरी

अनिल मानिकपुरी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और अब वे अपनी उम्मीदवारी के साथ जनता के बीच जाएंगे. उन्होंने कहा, “मैं जनता के सामने प्रस्तुत हूं, अब जनता तय करेगी कि मुझे किसे समर्थन देना है.”

तीन दशक का कांग्रेस साथ, अब एक नया मोड़

करीब 36 वर्षों तक कांग्रेस से जुड़े रहे अनिल मानिकपुरी ने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वे पहले भी अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षद रह चुके हैं. उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने कई चुनावों में जीत हासिल की थी, जिनमें विधानसभा और लोकसभा चुनाव शामिल हैं.

कांग्रेस के गढ़ में बढ़ी चुनौती

कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता के पार्टी छोड़ने से मोहला_मानपुर जिले में पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अब अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है. इस चुनाव में अनिल मानिकपुरी के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है.

कांग्रेस के कई पदाधिकारी भी इस्तीफा देने के साथ

अनिल मानिकपुरी के साथ पार्टी छोड़ने वालों में अंबागढ़ चौकी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनीष बंसोड़, महामंत्री शमीमुद्दीन कुरैशी, जिला कांग्रेस सचिव तुरित कुमार तिवारी, पूर्व पार्षद जयलाल सिन्हा, महिला कांग्रेस सचिव रेहाना बेगम, और कई अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं.

भाजपा को मिलेगा फायदा?

कांग्रेस की मजबूत स्थिति में दरार आने के बाद भाजपा के लिए यह चुनावी मैदान में कदम रखने का अच्छा मौका हो सकता है. पिछले 15 वर्षों से भाजपा अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत की सत्ता से दूर रही है, और अब अनिल मानिकपुरी के समर्थन में इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा क्या अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा.

नगरीय निकाय चुनाव : मुख्यमंत्री साय ने की भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील, दी विकास की गारंटी

रायपुर-  प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया और आगामी नगर निगम चुनावों में महापौर पद और सभी 70 पार्षद प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जीताने की अपील की. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने पिछले 13 महीनों में छत्तीसगढ़ में जो विकास कार्य किए हैं, उन्हें प्रदेश की जनता ने देखा है और अब वह भाजपा के पक्ष में खड़ी है.

राजधानी रायपुर के स्व. बलबीरसिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित विशाल भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद राज्य में गारंटी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के तहत किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपये में धान खरीदी, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह की सहायता और आदिवासी क्षेत्रों में तेंदूपत्ता की खरीदी दर में बढ़ोतरी जैसे कार्यों का उल्लेख किया.

सीएम ने यह भी बताया कि रायपुर में पिछले एक साल में विकास के कार्य तेजी से हुए हैं, जिनमें स्वामित्व कार्ड योजना, महतारी वंदन योजना और विभिन्न निर्माण कार्य शामिल हैं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आगामी नगर निगम चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान कराने की अपील की और कहा कि रायपुर में अब ‘ट्रिपल इंजन की सरकार’ बनानी है, ताकि विकास की गति और तेज हो सके.

इस सम्मेलन में सीएम साय ने कहा कि खुशी की बात यह रही कि नगर निगम में 2 पार्षद निर्विरोध चुने गए, जबकि 20 नगर पंचायतों में भी बीजेपी के पार्षद निर्विरोध जीते. बसना नगर पालिका अध्यक्ष भी निर्विरोध चुने गए.

प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह और उप मुख्यमंत्री साव ने भरा जोश

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि भाजपा ने कांग्रेस के कुशासन को समाप्त कर छत्तीसगढ़ में विकास की नई राह दिखाई है. रायपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा के महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे ने भी कांग्रेस शासन के भ्रष्टाचार और विकास में कमी को उजागर करते हुए भाजपा की जीत का विश्वास जताया. कार्यकर्ता सम्मेलन में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और आमजन मौजूद थे, जिन्होंने भाजपा की योजनाओं और नेतृत्व के प्रति अपना समर्थन जताया.

CGMSC घोटाला : इन अधिकारियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, DHS की एक स्टॉफ पर अब तक नहीं पड़ी टीम की नजर…

रायपुर- छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन (CGMSC) में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच ACB/EOW ने तेज कर दी है. सीजीएमएससी घोटाला मामले की कथित तौर पर लिप्त अधिकारियों को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने पूछताछ के लिए तलब किया है. खबर आ रही है कि सीजीएमएससी की जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, बायोमेडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार और टेंडर एंड परचेसिंग ऑफिसर अभिमन्यु सिंह से ईओडब्ल्यू-एसीबी की पूछताछ चल रही है.

ACB/EOW ने कल देर रात तक बसंत कौशिक को पूछताछ के लिए तलब किया था. उन्हें तीन दिन का समय देकर दस्तावेजों के साथ फिर से दफ्तर बुलाया है. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा 7 दिनों के पुलिस रिमांड पर है. आरोपी के सामने अधिकारियों को बैठाकर ACB/EOW की टीम पूछताछ कर रही है. मामले में अधिकारियों का बयान दर्ज किया जा रहा है. इस घोटाले के संबंध में अन्य अधिकारियों को तलब कर सकती है.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते है कि इस मामले में डीएचएस में पदस्थ एक स्टॉफ भी जांच के दायरे में है. इस स्टॉफ का काम ये होता था मोक्षित कार्पोरेशन के पास मौजूद उपकरण और दवाईयों का ऑर्डर दिलवाने के लिए डॉक्टरों को संपर्क करती थी और उन्हें इसे डिमांड करने के लिए कहती थी. हालांकि इसकी जानकारी अब तक कार्रवाई करने वाली टीम तक नहीं पहुंची है.

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया. जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया. प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.

स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के खिलाफ भी दर्ज है मामला

ईओडब्ल्यू ने अपनी एफआईआर में स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है. एफआईआर में स्वास्थ्य संचालक और सीजीएमएससी की एमडी पर गंभीर टिप्पणी की गई है. इस एफआईआर के बाद यह माना जा रहा है कि जांच की जद में कई आला अफसर आ सकते हैं. चर्चा है कि इस घोटाले में शामिल रहे लोगों की जल्द गिरफ्तारियां होंगी. ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपए की चपत लगाई गई.

चुनाव से फुर्सत पाकर मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों संग जायेंगे महाकुंभ, 13 फरवरी को संगम में लगायेंगे डुबकी

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत तमाम कैबिनेट मंत्री 13 फरवरी को महाकुंभ स्नान के लिए जायेंगे। प्रयागराज में शामिल होकर पवित्र स्नान करेंगे। वहीं इसको लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा बताया कि, सीएम से हम सभी ने आग्रह किया है।

जैसे हम सभी को सीएम साय अयोध्या राम लला दर्शन के लिए गए थे वैसे ही जल्द महाकुम्भ भी ले जायेंगे। गृहमंत्री शर्मा ने  कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि, जिसकी जैसी भावना होती है उसको वैसा दिखाई देता है।  उनके हृदय में आखन्ट भ्रष्टाचार घोटाले की भावना है इसलिए कांग्रेस को ऐसा ही दिखता है।

144 वर्षों बाद ऐसा महाकुंभ हुआ है संस्कृति का बड़ा आधार स्तंभ रहा है। इसलिए हम लोग पवित्र स्नान करने जा रहे हैं। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा था कि, पाप ज्यादा हो गया इसलिए पाप धोने जा रहे हैं।

बसना नगर पंचायत में भी चला गया भाजपा का सिक्का, अध्यक्ष के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुईं खुशबू अग्रवाल

महासमुंद- नगरीय निकाय चुनाव में नाम वापसी के दिन बसना नगर पंचायत में भी भाजपा का सिक्का चल गया. अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद भाजपा प्रत्याशी डॉ. खुशबू अग्रवाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. 

बसना नगर पंचायत से विधायक संपत अग्रवाल की बहू डॉ. खुशबू अग्रवाल को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. मुकाबले में कांग्रेस की तुलसी गौतम बंजारा, आम आदमी पार्टी की अमरीन इल्लू गीगानी और निर्दलीय भाग बाई टंडन थीं.

नाम वापसी से एक दिन पहले तक मुकाबला रोचक नजर आ रहा था, लेकिन ऐन नाम वापसी के दिन कांग्रेस, आप और निर्दलीय प्रत्याशी ने नाम वापस लेकर डॉ. खुशबू अग्रवाल के लिए रास्ता खाली कर दिया. नगर की जनता में इस पूरे वाकये पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

14 वर्षीय छात्रा की निर्मम हत्या, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बोले- अपराधी को दिलाएंगे कड़ी से कड़ी सजा

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर- छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 14 वर्षीय छात्रा नैंसी गौतम की निर्मम हत्या कर दी गई. शहर में किसी नाबालिग छात्रा की हत्या का यह पहला मामला है. इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है. घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार, इस हत्या का खुलासा तब हुआ जब लोको कालोनी स्थित रेलवे के एक खाली मकान में छात्रा का शव बरामद हुआ. मृतका 8वीं कक्षा की छात्रा थी, जो एक निजी स्कूल में पढ़ती थी. घटना उस समय की है जब वह स्कूल से अपने घर लौट रही थी. घटनास्थल पर जांच करने पहुंची पुलिस को मौके से एक लोहे का रॉड बरामद हुआ है, जिससे हत्या किए जाने की आशंका है. यह घटना शहर के शांत माहौल को झकझोर कर रख दी है. स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भय और आक्रोश का माहौल है.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इस घटना ने शहर में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

अपराधी को देंगे कड़ी से कड़ी सजा- मंत्री श्याम बिहारी

मनेंद्रगढ़ में नाबालिग छात्रा की हत्या के मामले पर प्रदेश के मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नाबालिग छात्रा को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है. इस अपराध में जो भी अपराधी शामिल होगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे और ऐसी सजा मिलेगी कि ऐसी गलती करने वाले सौ बार सोचेंगे.

सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को कहा ‘POOR LADY, वन मंत्री कश्यप ने बेचारी’ कह अपमानित करने का लगाया आरोप, कहा-

रायपुर-  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा ‘बेचारी’ (Poor Lady) शब्द का प्रयोग करने पर छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे कांग्रेस की महिला शक्ति के प्रति कांग्रेस की निकृष्ट सोच और आदिवासी विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताया है. कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में एक खानदान के लोग और उनकी चरण वंदना में लीन कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह की भाषा लगातार इस्तेमाल करके मातृशक्ति, जनजातीय समाज और अन्य सभी वर्गों को अपमानित कर रहे हैं, वह निंदनीय है.

प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सोनिया गांधी ने आज राष्ट्रपति मुर्मू के लिए “बेचारी” शब्द का जो उपयोग किया है, उसके लिए पूरा देश सोनिया गांधी की निंदा कर रहा है. कश्यप ने कहा कि सोनिया गांधी की यह भाषा बता रही है कि कांग्रेस वैचारिक रूप से कितनी कंगाल होती जा रही है! कांग्रेस का समूचा इतिहास आदिवासी समाज के प्रति नफरत से भरा पड़ा है और यह नफरत बार-बार जाहिर होती रही है. एक आदिवासी समाज की बेटी राष्ट्रपति बनी है, यह कांग्रेस को हजम ही नहीं हो रहा है और अब तो सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को ‘बेचारी’ कहकर कांग्रेस की ओछी राजनीतिक संस्कृति का परिचय दे दिया है. कश्यप ने कहा कि कोई भी आदिवासी बेचारा नहीं होता है. आदिवासियों ने इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और हर एक प्रकार की  संस्थाओं के विकास के साथ-साथ देश के 1857 के स्वाधीनता संग्राम से भी पहले से इस देश को विदेशी दासता से बचाने के लिए सशस्त्र क्रांति कर बलिदान दिया है और देश की आजादी से लेकर के अब देश के विकास में उनका महती योगदान है.

प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस की परम्परा रही है कि वह आदिवासी समाज को हमेशा नीचा दिखाने का काम करती है. इससे पहले भी कांग्रेस के एक नेता ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कह दिया था और कांग्रेस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी. कश्यप ने कहा कि द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ दौरे का विरोध करके भी कांग्रेस ने अपनी विकृत मानसिकता का प्रदर्शन किया था. कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में अगर थोड़ी भी शर्म बची है, तो भूपेश बघेल, दीपक बैज समेत प्रदेश के तमाम कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अभद्र भाषा के लिए कान पकड़कर माफी मांगें अन्यथा छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें बहुत बड़ी सजा देगी.

प्रत्याशियों के नाम वापसी पर बिफरे कांग्रेसी, निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने भिड़े भाजपाइयों से…
रायगढ़- नगरीय निकाय चुनाव में आज नामांकन वापसी के अंतिम दिन रायगढ़ जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने धमाल मच गया. एक के बाद एक पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन वापस लेने से नाराज कांग्रेसियों ने भाजपाइयों से गाली-गलौच करते हुए धक्का-मुक्की तक कर डाली, बस मारपीट करना ही बाकी रह गया था. 

रायगढ़ नगर निगम के 48 वार्डों में भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ऐन मतदान के पहले कांग्रेस के दो प्रत्याशी मैदान छोड़कर भाजपा प्रत्याशियों को वाकओवर दे चुके हैं. तीसरा प्रत्याशी भी अपना नामांकन वापसी लेने की तैयारी में था, लेकिन निर्वाचन कार्यालय में कांग्रेसियों के हंगामा बरपाने पर वह चुपचाप लौट गया.

प्रत्याशियों के नाम वापस लेने पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला, प्रदेश महामंत्री राकेश पाण्डेय के अलावा अन्य कांग्रेसियों ने रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के सामने न केवल नारेबाजी की बल्कि भाजपाइयों से झड़प करते हुए गाली गलौज, धक्का-मुक्की तक कर दिए. बस मारपीट होते-होते बची.

पुलिस की भूमिका पर सवाल

इस पूरे माहौल को वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने भी देखा, लेकिन किसी ने भी न तो कांग्रेसियों को और न ही भाजपाइयों को रोका. उल्टे दोनों पार्टी के नेताओं को समझाते हुए कलेक्टर कार्यालय से बाहर लाते दिखाए दिए. कायदे से नगरीय निकाय चुनाव को लेकर जारी आचार संहिता का खुला माखौल उड़ाने वाले भाजपा व कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई की जाती, लेकिन किसी ने उन्हें रोका तक नहीं.

भनक लगते पहुंचे पदाधिकारी

नामांकन वापसी के अंतिम दिन अंतिम समय पर वार्ड नं. 23 से कांग्रेस प्रत्याशी शरद महापात्रे अपना नामांकन वापस लेने पहुंचे थे. इसकी भनक कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों को लग गई, और देखते ही देखते बड़े पदाधिकारी वहां पहुंच गए, और जमकर हंगामा मचाया.

एसडीएम ने कहा – होगी कार्रवाई

निर्वाचन कार्यालय के सामने हुई गाली-गलौज व झड़प के मामले में रायगढ़ एसडीएम प्रवीण तिवारी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच होगी, और जरूरत पड़ी तो संबंधित नेताओं पर कार्रवाई भी की जाएगी.

कांग्रेस को झटका : नगर पंचायत के पार्षद ने दिया इस्तीफा, वंशवाद और गुटबाजी से आहत होकर पार्टी से तोड़ा नाता
रायगढ़- छत्तीसगढ़ कांग्रेस में असंतोष की लहर गहराती जा रही है. पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब घरघोड़ा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद और ब्लॉक कांग्रेस के महामंत्री नीरज शर्मा ने प्राथमिक सदस्यता सहित समस्त दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजे अपने त्यागपत्र में संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में अब उनके अनुभव और निष्ठा का सम्मान नहीं किया जा रहा है.

पार्टी में मेरी अब आवश्यकता नहीं : नीरज शर्मा

नीरज शर्मा का परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस की सेवा करता आ रहा है. उन्होंने अपने त्यागपत्र में उल्लेख किया कि उनके दादा स्व.हरिराम शर्मा घरघोड़ा नगर पंचायत के प्रथम मनोनीत अध्यक्ष थे और उनके पिता स्व. सुरेंद्र शर्मा भी कांग्रेस संगठन में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं. नीरज शर्मा स्वयं वर्ष 2003 से पार्षद पद पर कार्यरत हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने उन्हें आहत किया है.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “लंबे समय तक पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण के बावजूद मेरे अनुभव की अनदेखी की गई और टिकट काट दिया गया. इससे मुझे गहरा धक्का लगा है. कांग्रेस में वंशवाद, आंतरिक गुटबाजी और अहंकार हावी होता जा रहा है, जिससे समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है.”

जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए लिया बड़ा फैसला

नीरज शर्मा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह निर्णय केवल व्यक्तिगत असंतोष के कारण नहीं, बल्कि जनता की भावनाओं और आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए लिया है. उन्होंने कहा कि संगठन में व्याप्त आंतरिक खींचतान और वंशवादी राजनीति से उनका विश्वास उठ गया है, जिसके चलते अब वे कांग्रेस से पूर्ण रूप से अलग हो रहे हैं.

जनता की मांग पर निर्दलीय चुनाव में उतरकर बिगाड़ा गणित

नीरज शर्मा के इस्तीफे के बाद घरघोड़ा नगर पंचायत में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं. वार्ड क्रमांक 10 में उनकी मजबूत पकड़ है. वर्षों से पार्षद रहते हुए उन्होंने वार्ड के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों में उनकी अच्छी छवि बनी हुई है. उनकी सुलभता, सक्रियता और वार्डवासियों की समस्याओं के समाधान की प्रतिबद्धता के कारण जनता का एक बड़ा वर्ग उनके समर्थन में नजर आ रहा है. जनता की मांग और समर्थन को देखते हुए नीरज शर्मा निर्दलीय ही मैदान में उतर गए हैं जिससे दोनों पार्टी प्रत्याशियों के लिए खासी मुश्किल खड़ी हो गयी है .

राजनीतिक हलचल तेज, आगामी कदम पर नजर

शर्मा के इस्तीफे से घरघोड़ा की राजनीति में हलचल मच गई है. स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले एक मजबूत कांग्रेस नेता का पार्टी छोड़ना, संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शर्मा का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा—क्या वे किसी अन्य दल का दामन थामेंगे, या फिर स्वतंत्र रूप से जनता की सेवा करेंगे? वहीं कांग्रेस नेतृत्व इस क्षति की भरपाई कैसे करेगा, यह भी एक अहम सवाल है.

राजनीतिक गलियारों में इस इस्तीफे को कांग्रेस की गिरती साख और आंतरिक कलह के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. क्या यह सिर्फ एक नेता की विदाई है या पार्टी के भीतर व्यापक असंतोष की आहट ? आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी.

छत्तीसगढ़ में HMPV वायरस की दस्तक : तीन साल के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, दो जिलों में जारी किया अलर्ट

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में HMPV वायरस ने दस्तक दे दी है. बिलासपुर संभाग में तीन साल के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में HMPV का यह पहला मामला है. कोरबा जिले का बच्चा HMPV से संक्रमित मिला है. वह 27 जनवरी से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है. उनका इलाज जारी है. बच्चा स्वस्थ है. उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. वहीं बिलासपुर और कोरबा जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है.