शपथ ग्रहण के बाद डोनाल्ड ट्रंप की सबसे पहले भारत और चीन के दौरे की चर्चा, जानें क्यों है अहम*
#donald_trump_plan_to_visit_india_and_china_after_us_president_oath
कुछ घंटों बाद डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र की कमान अपने हाथों में लेंगे। ये दूसरा मौका है जब वो सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। मगर उनकी शपथ से पहले ही दुनिया के कई देशों में हलचल मची हुई है। ट्रंप ने साफ संकेत दिए हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान विदेश नीति किस दिशा में जाएगा। कुछ देशों की हालत तो कभी खुशी, कभी गम वाली है। चुनाव जीतने के बाद से ही ट्रंप की जीत और अमेरिका से अलग-अलग देशों के रिश्तों पर दुनिया भर में विश्लेषण चल रहा है। इस बीच खबर आ रही है पदभार संभालने के बाद ट्रंप भारत और चीन का दौरा करेंगे।
नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बीजिंग के साथ संबंधों को सुधारने के लिए पदभार संभालने के बाद चीन की यात्रा पर जाना चाहते हैं, इसके अलावा उन्होंने भारत की संभावित यात्रा को लेकर भी सलाहकारों से बातचीत की है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी। लेकिन ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने अपनी खबर में बताया, 'ट्रंप ने सलाहकारों से कहा है कि वह पदभार संभालने के बाद चीन की यात्रा पर जाना चाहते हैं, ताकि प्रचार के दौरान चीन को दी गई अधिक शुल्क लगाने संबंधी चेतावनी के कारण शी जिनपिंग के साथ तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारा जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सलाहकारों से कहा है कि वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद चीन दौरे पर जाना चाहते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने अपने सलाहकारों से भारत के संभावित दौरे को लेकर भी चर्चा की है। बीते महीने क्रिसमस के मौके पर जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका गए थे, तब उनके दौरे पर भी ट्रंप के भारत के संभावित दौरे पर लेकर शुरुआती बातचीत हुई थी।
वहीं एक दिन पहले ही ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की। इस बातचीत को ट्रंप ने शानदार बताया और कहा कि दोनों के बीच व्यापार, फेंटानिल, टिकटॉक और अन्य मुद्दों पर अच्छी बातचीत हुई। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अब खबर है कि जिनपिंग की जगह उनके डिप्टी उपराष्ट्रपति हान झेंग, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं।
यूरोप, नाटो और पड़ोसियों कनाडा और मैक्सिको को छोड़कर भारत और चीन को तवज्जो देना एक बड़ा वैश्विक संदेश भी है। साफ है कि चीन और भारत से संबंधों के जरिए अमेरिकी व्यापार को गति मिल सकती है। ट्रंप बड़े बिजनेसमैन भी हैं लिहाजा वो बेहतर तरीके से जानते हैं कि व्यापार के बिना अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि ट्रंप की नज भारत चीन पर है।
Jan 21 2025, 09:56
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
17.7k