आईएएस पूजा सिंघल को नये साल में मिलेगा बड़ा पद, निलंबन वापस लेने की तैयारी!
रांची: निलंबित आईएएस पूजा सिंघल दोबारा नौकरी ज्वॉइन कर सकती हैं खबर हैं कि उनका निलंबन वापस लिए जाने की तैयारी चल रही है. 7 दिसंबर को जमानत पर जेल से बाहर आईं पूजा सिंघल के लिए नया साल सुखद हो सकता है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में 11 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था.
28 महीने बाद 7 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने उनको नियमित जमानत दी.
चर्चा है कि नये साल में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पूजा सिंघल को नई और बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कार्मिक विभाग ने निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की फाइल मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता वाली कमिटी को भेजी है. यह कमिटी ही पूजा सिंघल की निलंबन वापसी पर अहम फैसला ले सकती है.
काफी कुछ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इच्छा पर भी निर्भर करता है. यदि कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गयी तो न्यू ईयर पूजा सिंघल के लिए सच में हैप्पी साबित होगा.
2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं पूजा सिंघल
पूजा सिंघल 2000 बैच की झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. वह झारखंड की काफी चर्चित आईएएस अधिकारी रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी के वक्त पूजा सिंघल झारखंड की खान सचिव थीं.
पूजा सिंघल को खूंटी में हुये 18 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाला केस में जांच का सामना करना पड़ा था. इसी सिलसिले में 6 मई 2022 को पूजा सिंघल के रांची स्थित सरकारी आवास के अलावा अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी.
छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के पास करीब 19 करोड़ रुपये नगद मिले थे. इस केस में पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद तात्कालीन हेमंत सोरेन सरकार ने पूजा सिंघल को निलंबित कर दिया था.
पूजा सिंघल, रांची के होटवार जेल में बंद थीं.
वह लगातार जमानत के लिए प्रयास कर रही थीं. जनवरी 2023 में पूजा सिंघल को अपनी बीमार बेटी की देखभाल के लिए कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी.
पूजा सिंघल 11 मई 2022 को हुई थीं गिरफ्तार
गौरतलब है कि झारखडं में ईडी की कार्रवाई ही पूजा सिंघल के आवास सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी के साथ शुरू हुई थी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिछले कार्यकाल में पूजा सिंघल की पहली आईएएस अधिकारी थीं जिनको ईडी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद छवि रंजन ईडी के हाथों गिरफ्तार होने वाले दूसरे आईएएस अधिकारी थे. छवि रंजन को कथित जमीन घोटाला केस में गिरफ्तार किया गया था.
छवि रंजन को मई 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था. तब से वह भी रांची के होटवार जेल में बंद हैं.
दिसंबर 2022 में पूजा सिंघल की संपत्ति अटैच की थी
गौरतलब है कि ईडी ने निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की संपत्ति भी अटैच की थी.
ईडी ने दिसंबर 2022 में पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की थी. इन संपत्तियों में रांची स्थित एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, एक डायग्नोस्टिक सेंटर और रांची में 2 भूखंड शामिल थे.
तब ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि जांच से पता चला है कि खूंटी में मनरेगा घोटाले से कमीशन के रूप में आये पैसों को पूजा सिंघल और उनके रिश्तेदारों के विभिन्न बैंक खातों में जमा कराया गया था.
पूजा सिंघल के खूंटी डीसी रहते हुआ था मनरेगा घोटाला
गौरतलब है कि आईएएस पूजा सिंघल 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी की डीसी के रूप में पदस्थापित थीं. इसी कार्यकाल में मनरेगा में 18 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला हुआ था.
ईडी ने मनी ल़ॉन्ड्रिंग के एंगल से मामले की जांच शुरू की थी.
इसी सिलसिले में आईएएस पूजा सिंघल के रांची स्थित आवास के अलावा अन्य ठिकानों पर 5 मई 2022 को छापेमारी हुई थी.
21 साल की छोटी उम्र में आईएएस बनी थीं पूजा सिंघल
पूजा सिंघल का जन्म और आरंभिक शिक्षा-दीक्षा उत्तराखंड के देहरादून में हुई. उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. मात्र 21 साल की उम्र में पूजा सिंघल ने यूपीएससी क्वालीफाई कर लिया था. उनको झारखंड कैडर अलॉट किया गया था.
पूजा सिंघल ने बतौर आईएएस अधिकारी झारखंड में कई जिलों की डीसी रहने के बाद विभागों में भी अहम पद संभाले.
शुरुआत में उनकी पहचान एक तेज-तर्रार योग्य और कड़क छवि वाली ऑफिसर की रही लेकिन कालांतर में विवादों में नाम आने लगा.
Jan 02 2025, 08:11