निरसा में वर्चस्व को लेकर भाकपा माले और भाजपा समर्थकों जे बीच मारपीट,दोनों पक्ष के लोग घायल


झारखंड डेस्क 

धनबाद: निरसा ईसीएल मुगमा एरिया की गोपीनाथपुर एमडीओ परियोजना में वर्चस्व कायम करने को लेकर भाकपा(माले) और भाजपा समर्थकों के बीच न सिर्फ जमकर मारपीट हुई बल्कि पथराव भी हुआ. इस दौरान सुरक्षा में तैनात सिपाही कार्तिक महतो, जिप सदस्य संजय सिंह समेत दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं. साथ ही करीब सात बाइक और कई कुर्सियां क्षतिग्रस्त हुई हैं.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, गोपीनाथपुर एमडीओ परियोजना में माले समर्थित निरसा बेरोजगार संघर्ष समिति अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर कोलियरी में प्रदर्शन करने पहुंची थी. इंडिया गठबंधन के लोग भी उनके समर्थन में पहुंच गए. प्रदर्शन करने के बाद टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए. कुछ देर बाद भाजपा समर्थित गोपीनाथपुर कोलियरी बेरोजगार संघर्ष समिति के लोग भी मौके पर पहुंचे.

इसके बाद इंडिया गठबंधन के लोग भी आमने-सामने धरने पर बैठ गए. कुछ ही देर बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया और देखते ही देखते पथराव होने लगा. भाजपा के समर्थन में जीपीएल के कर्मी भी उतर आए. गोपीनाथपुर कोलियरी परिसर करीब आधे घंटे तक रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. टेंट में आग लगा दी गई. निरसा एसडीपीओ रजत मानिक बाखला दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और पुलिस बल का प्रयोग करते हुए उपद्रवियों को खदेड़ा.

इस मामले में निरसा विधायक अरूप चटर्जी का कहना है कि 7 दिन पूर्व ही अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन को धरना पर बैठने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन धरना के दौरान कंपनी के गुंडों के द्वारा उपद्रव मचाया गया और लोगों के साथ मारपीट की गई है. 

वहीं, निरसा की पूर्व भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि जब से अरूप चटर्जी विधायक बने हैं, तब से निरसा को अशांत बनाने की साजिश रच रहे हैं. निजी स्वार्थ और कोयला चोरी को बढ़ावा देने के लिए विधायक अरूप चटर्जी अपने समर्थकों से आंदोलन करवा रहे हैं.

इस पूरे मामले में निरसा एसडीपीओ रजत मानिक ने बताया कि धरना के दौरान उपद्रवियों द्वारा पत्थरबाजी शुरू की गई थी. जिसके बाद मामला बिगड़ गया. मारपीट की घटना में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. घटना की जांच की जा रही है, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री एवं योजनाकार) डॉ. राधाकांत मिश्र का निधन


झा.डेस्क

रांची | प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री एवं योजनाकार तथा बीएयू के अवकाश प्राप्त निदेशक (योजना एवं विकास) डॉ. राधाकांत मिश्र का सोमवार की शाम कृषि बिहार, अरसंडे, कांके स्थित उनके आवास पर निधन हो गया।

 वे 92 वर्ष के थे। बीएयू में उपनिदेशक और निदेशक (पीआईएम) के रूप में उन्होंने 1983 से 1993 तक कार्य किया।

 इसके पूर्व वह बिहार सरकार में योजना पदाधिकारी के रूप में पटना में कार्यरत थे। डॉ मिश्र मूलतः सीतामढ़ी जिला के रहने वाले थे। उनके एकमात्र पुत्र पंकज मिश्र ने पत्रकार के रूप में अलग-अलग अखबारों में लंबे समय तक कार्य किया है।

धनबाद में 18 दिसंबर को आयोजित होगा जन शिकायत समाधान कार्यक्रम, नागरिकों को समस्याओं के त्वरित निवारण का मिलेगा अवसर

झारखंड डेस्क

धनबाद: पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर पुलिस द्वारा जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।इस विशेष अभियान के तहत 18 दिसम्बर को धनबाद के पांच स्थान पर कार्यक्रम का आयोजन होगा । जिसमें बाघमारा अनुमंडल अंतर्गत सभी थानों के लिए शिविर कतरास स्थित राजस्थानी धर्मशाला में आयोजित की जाएगी, सिंदरी अनुमंडल के लिए जोरापोखर स्थित टाटा कम्युनिटी हॉल डिगवाडीह, निरसा अनुमंडल के लिए निरसा पॉलिटेक्निक कॉलेज, डीएसपी हेडक्वार्टर 1 एवं 2 के क्षेत्र की जनता के लिए अल इकरा कॉलेज टुंडी गोविंदपुर रोड तथा डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के अंतर्गत सभी थानों के लिए शिविर का आयोजन अभय सुंदरी बालिका उच्च विद्यालय हीरापुर में किया जाएगा। 

जन शिकायत समाधान शिविर के तहत शिकायतों के निवारण के लिए जिला स्तरीय विशेष सेल का गठन किया गया है। जिसके माध्यम से शिकायतों का निवारण विभिन्न चरणों में किया जाएगा। लोग अपनी शिकायत व्हाट्सएप नंबर 9470589467 तथा ईमेल आईडी पर भी सीधे दर्ज़ करा सकते हैं। 

वहीं कार्यक्रम में शिकायतकर्ता की शिकायतों का त्वरित निष्पादन करने के लिए पुलिस पदाधिकारी के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए), पारा लिगल वॉलेंटियर भी शिविर में उपस्थित रहेंगे। 

कार्यक्रम में नागरिकों की समस्या को समझते हुए पुलिस व्यवस्था में आवश्यक नीतिगत सुधार करने का प्रयास किया जाएगा।

पुलिस पदाधिकारी या पुलिसकर्मी के विरुद्ध शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी तथा वरीय पदाधिकारी के माध्यम से उसका निवारण किया जाएगा। 

कार्यक्रम के दौरान लोगों को विक्टिम कंपनसेशन स्कीम, नये कानून के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा जीरो एफआईआर, ऑनलाइन एफआईआर, डायल 112, डायल 1930 इत्यादि की जानकारी भी दी जाएगी। 

साथ ही संपत्ति मूलक अपराध, अपराधियों की सूचना, साइबर अपराध, नॉन बैंकिंग फाइनेंस, मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव के द्वारा अत्याधिक लाभ दिलाने का प्रलोभन देकर ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। 

जन शिकायत समाधान कार्यक्रम के दौरान 18 दिसम्बर को शिविर में आने वाले नागरिकों द्वारा संबंधित शिकायतों को प्राप्त कर उक्त शिकायतों का पंजीकरण किया जाएगा । 

शिविर में प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए मामले का निस्तारण उसी वक़्त शिविर मे किया जाएगा ।

शिविर के दौरान जिन शिकायतों का निबटारा तत्काल संभव नहीं होगा, वैसे मामलों के निस्तारण के लिए एक समय सीमा निर्धारित करते हुए शिकायतकर्ता को सूचित किया जाएगा । 

अभियान के उद्देश्य से गठित विशेष सेल यह सुनिश्चित करेगी कि जिन शिकायतों का निबटारा शिविर में नही हुआ वैसे मामलों का निस्तारण तय समय सीमा के भीतर किया जा सके।

पुलिस द्वारा बनाये जा रहे सर्वोत्तम पद्धतियों को इस कार्यक्रम के दौरान शिविर में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि आम जनता को इसकी जानकारी दी जा सके। धनबाद मे रहने वाले नागरिक अपनी किसी भी तरह की शिकायत को अपने घर के नजदीक आयोजित होने जा रहे जन समस्या समाधान शिविर में जाकर दर्ज़ करा सकते हैँ।

टुंडी: सालपहाड़ गांव के खलिहान में आग लगने से सौ मन धान जलकर राख


झारखंड डेस्क

धनबाद : सोमवार को दक्षिणी टुंडी के सालपहाड़ गांव निवासी बानेश्वर मुर्मु के खलिहान में आग लग जाने से करीब एक सौ मन धान जलकर राख हो गया। बताया जाता है कि घर से कुछ दूरी पर खलिहान है। खलिहान में धान रखा हुआ था। किसी प्रकार से आग लग गया।अचानक आग की धुंआ देखकर सभी हकबक रह गये। गांव के ग्रामीणों द्वारा हो हल्ला मचाए जाने पर ग्रामीण एकजुट होकर कुंआ में मशीन लगाकर आग बुझाया गया। तब तक धान जलकर राख हो गया।

सूचना मिलने पर झामुमो वरिष्ठ नेता रतिलाल टुडू पहुंचे व पीड़ित किसान परिवार से मिलकर घटना की जानकारी टुंडी अंचलाधिकारी जितेन्द्र प्रसाद को दी। उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मचारी की जांच टीम भेजकर अविलंब पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाने का हरसंभव प्रयास करने की बात कही।

ग्रामीणों ने जले धान की कीमत लगभग 60 हजार रुपए बताई।आग कैसे लगी, किसने लगाई इस बात का खुलासा नहीं हुआ है।

बिग ब्रेकिंग : झारखंड हाइकोर्ट ने JSSC CGL के रिजल्ट पर लगायी रोक, पुलिस को केस दर्ज करने का दिया आदेश

झारखंड डेस्क 

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने JSSC CGL रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी है. यह रोक अगले आदेश तक के लिए लगाई गई है. वहीं अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि JSSC CGL परीक्षा पेपर लीक होने के संबंध में दर्ज शिकायत पर परीक्षा संचालन अधिनियम 2023 के तहत पुलिस एफआईआर दर्ज करें और जांच कर रिपोर्ट सौंपे. इस याचिका की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी.

दरअसल आज झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. वहीं इस मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान याचिका कर्ता ने अदालत को बताया कि JSSC CGL Exam 2023, 28 जनवरी 2024 को हुई थी.

इस परीक्षा के बाद छात्रों ने पेपर लीक के आरोप लगाए. इसके बाद सरकार ने एसआईटी गठन कर जांच करने की बात कही. लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई. इसके बाद फिर यह परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को ली गई। इसमें भी पेपर लीक सहित गड़बड़ियां हुई. इसके बाद याचिकाकर्ता राजेश प्रसाद ने इस संबंध में संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज की है उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं किया गया. इससे संदेह और गहरा हो रहा है.

झारखंड सरकार को केंद्रसरकार का झटका, कहाझारखंड का केंद्र के पास कोई 1.36 लाख करोड़ बकाया नहीं है

झारखंड डेस्क 

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को केन्द्र सरकार ने जोर का झटका दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले कुछ महीनों से लगातार केन्द्र सरकार पर उसके राजस्व का 1.36 लाख करोड़ बकाया होने का दावा कर रहे थे। लेकिन केन्द्र सरकार ने टका सा जवाब देकर झारखंड सरकार को जोरदार झटका दिया है। 

बता दें कि लोकसभा में बिहार के पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गयी।

वित्त मंत्रालय ने पप्पू यादव को जवाब दिया। कोयले से प्राप्त 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये के राजस्व के रूप में अर्जित कर में झारखंड सरकार का कोई हिस्सा वर्षों से केंद्र सरकार के पास लंबित नहीं है। वित्त मंत्रालय की ओर से साफ किया गया कि केंद्र की ओर से राज्यों को धन आवंटन में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा। बल्कि झारखंड को पिछले तीन साल में करीब 7790 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी। 

यह राशि केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए सहायता अनुदान, वित्त आयोग अंतरण और पूंजीगति व्यय-निवेश के लिए उपलब्ध कराई गई।

केन्द्र सरकार ने जो आंकड़ा पप्पू यादव को उपलब्ध कराया है उसके अनुसार, वर्ष 2023-24 में 4580.61 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई, जबकि 2022-23 में 2964.32 और 2021-22 में 246 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई।

हेमंत सोरेन सरकार के लिए बड़ा झटका?

केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया जवाब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के लिए बड़ा झटका है। आपको याद होगा, हेमंत सोरेन बार-बार और कई जनसभाओं में इसका जिक्र करते रहे हैं कि झारखंड के राजस्व का 1.36 लाख करोड़ रुपया केन्द्र सरकार पर बकाया है। अगर यह राशि केन्द्र सरकार से मिल जायेगी तो झारखंड कई योजनाओं की राशि बढ़ा भी दी जायेगा और कई योजनाओं को पूरा किया जा सकता है। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हेमंत सोरेन सरकार, मंईयां योजना समेत कई बड़े वादों के कारण सत्ता में फिर से आयी है, इसे सरकार से मिलने वाली इस बकाया राशि से बड़ी उम्मीदें थी, अब यह सिर्फ राज्य सरकार के लिए, बल्कि राज्य की जनता के लिए भी ‘चिंतनीय विषय’ बन गया है।

धालभूम अनुमंडल में यातायात व्यवस्था सुगम बनाये रखने के लिए पांचवे दिन भी चला जाँच अभियान


जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुगम बनाये रखने को लेकर प्रशासन के विशेष अभियान में पांचवे दिन भी धालभूम अनुमंडल की एसडीओ शताब्दी मजूमदार टीम के साथ सड़क पर उतरी. 

नो पार्किंग जोन में जांच अभियान जुबली पार्क, कलेक्ट्रेट गोलचक्कर, बिष्टुपुर में गोपाल मैदान के आसपास के क्षेत्र से नो पार्किंग जोन में खड़े 20 दो पहिया वाहन व एक चार पहिया वाहन जब्त करते हुए जुर्माना लगाया. 

इधर, अनुमंडल पदाधिकारी, धालभूम श्रीमती मजूमदार ने कहा कि नो पार्किंग जोन में जांच अभियान आगे भी जारी रहेगी. जांच अभियान में कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह, एमवीआइ सूरज हेंब्रम, ट्रैफिक इंस्पेक्टर व अन्य पदाधिकारी, कर्मी शामिल थे.

JSSC CGL सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के बीच परीक्षा को रद्द करने के लिए मचा बवाल, देवेंद्रनाथ महतो गिरफ्तार, छात्रों पर हुआ लाठी चार्ज


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : जेएसएससी यानी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा शुरू होने से लेकर अब तक यानी परिणाम आने तक विवादों में रहा है। आज एक बार फिर नामकुम में जेएसएससी कार्यालय के पास छात्रों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। पुलिस के द्वारा लाठियां भी बरसाई गई।

सीजीएल परीक्षा का परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया कार्यालय में शुरू हो चुका है, इस बीच वहां प्रदर्शन करने पहुंचे JLKM के नेता देवेंद्रनाथ महतो को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, साथ ही आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठियां भी चटकाई है। बता दे की जेएसएससी कार्यालय से कुछ दूरी पर नामकुम बाजार स्थित छात्रों का जुटान हुआ। जहां पुलिस भी पहुंची और उन्हें हटाने का प्रयास किया।

विरोध कर रहे छात्र नेता प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगा रहे है और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों के समर्थन में देवेंद्रनाथ महतो कई समर्थकों से सड़क पर उतरे, लेकिन पुलिस ने आयोग कार्यालय पहुंचने के पहले ही उन सभी को हिरासत में ले लिया।

JSSC-CGLmen गड़बड़ी को लेकर छात्र की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक, कोर्ट तक जारी,कल 17 दिसम्बर को होगी सुनवाई


झारखंड डेस्क 

झारखंड सीजीएल परीक्षा को रद्द करने को लेकर छात्र सड़क से लेकर अदालत तक की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक तरफ जहां राजधानी में प्रदर्शन किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट में भी इस मामले में याचिका दायर हुई है। मामले को लेकर कोर्ट में कल यानि 17 दिसंबर को सुनवाई होगी। हालांकि सरकार के एक दाव से छात्रों की मंशा पर पानी फिर सकता है।

दरअसल याचिका की सुनवाई से पहले सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में कोर्ट में सरकार की तरफ से ये दलील दी जायेगी, कि सरकार पूरे प्रकरण की जांच करा रही है। दूसरी तरफ जेएसएससी की तरफ से दो टूक कहा जा रहा है कि परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई है। अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन भी शुरू हो चुका है।

ऐसे में जांच का ऐलान और वैरिफिकेशन को छात्र हित से जोड़कर सरकार अपना दावा मजबूत कर सकती है। इधर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि हेमंत सरकार के पुन: सरकार में आने के बावजूद JSSC-CGL परीक्षा में हुई अनियमितता व कदाचार के प्रति असंवेदनशील रवैया बदला नहीं है। सरकार का मकसद सामने आ गया है।

अमर बाऊरी ने कहा कि पहला काम हेमंत सरकार कर रही है कि किसी भी तरह सीबीआई जांच ना हो, इसके लिए हर जतन किया जाए और दूसरा हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के पूर्व सुनियोजित तरीके से कोर्ट को दिग्भ्रमित करने की पटकथा लिखी जाए। 17 दिसंबर को हाई कोर्ट में होने जा रही सुनवाई से पूर्व मामले की लीपापोती करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सीआईडी जांच की अनुशंसा आखिरी समय में की गई है।

छात्र पहुंचे JSSC CGL आंदोलन में नपेंगे तो थाना प्रभारी, एसपी ने जारी किया सभी थाना प्रभारियों को पत्र, रेल-बस सभी पर कड़ी नजर रखने के निर्देश

 

इधर, जेएसएससी लगातार प्रेस वार्ता के माध्यम से स्पष्टीकरण और दिग्भ्रमित करने वाली बातें कर रहा है। हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर है, परेशान है और सीबीआई जांच के माध्यम से न्याय की गुहार लगा रहे हैं परंतु सरकार की प्राथमिकता सिर्फ किसी तरह पुलिस के माध्यम से अपनी दमनकारी नीतियों का प्रयोग करते हुए छात्रों को डरा कर मामले को दबाने का है ! सरकार अपने आप को मिली बहुमत का इस्तेमाल जनहित में कर सकती थी परंतु यहां एजेंडा कुछ और ही लग रहा है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, मुसाबनी प्रखंड इकाई की ओर से स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का किया गया अभिनंदन


झारखंड डेस्क 

नये शिक्षा मंत्री से शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं। जिस तरह से सूबे के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जिम्मेदारी संभालते ही सक्रियता दिखायी है, उससे शिक्षक संवर्ग में ये उम्मीद बंधी है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। 

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, मुसाबनी प्रखंड इकाई की ओर से स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। अग्रसेन भवन मुसाबनी में आयोजित कार्यक्रम में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विनय कुमार दुबे के सेवानिवृत्ति के उपरांत उनको विदाई भी दी गई।

इस दौरान संघ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश सलाहकार समिति सदस्य, शिक्षक नेता सुनील कुमार ने अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए शिक्षकों की निम्न समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि शिक्षकों की मांगों पर जल्द से जल्द विचार करते हुए उनकी बहुप्रतिक्षित समस्याओं का निदान किया जाये।

शिक्षकों की इन मांगों पर ध्यान कराया आकृष्ट

1) झारखंड के अन्य कर्मियों की भांति शिक्षकों के लिए भी MACP लागू किया जाए।

2) पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की वरीयता अक्षुण्ण रखते हुए शिक्षकों को विभिन्न ग्रेडों स्नातक कला/ भाषा/ विज्ञान एवं प्रधानाध्यापक के रिक्त पद जिस पर पूर्व से कार्यरत शिक्षकों का हक है, शीघ्र प्रोन्नति देते हुए भरा जाए।

3) शिक्षक समस्याओं के समाधान हेतु पदाधिकारियों को जिम्मेवार बनाया जाए।

4) विभिन्न विभागीय समस्याओं के समाधान हेतु समय सीमा निर्धारित की जाए।

हेमंत सोरेन का शंखनाद : चुनावी जंग के लिए तैयार हो जाएं झामुमो कार्यकर्त्ता, दिए कई निर्देश

5) विभागीय अधिकारियों द्वारा विभिन्न समस्याओं का समाधान हेतु संघ के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया जाता है। कई मामलों में एक समस्या पर ही पिछले कई वर्षों से लगातार केवल आश्वासन दिया जा रहा है। परंतु आश्वासन की पूर्ति हेतु कोई गंभीर प्रयास अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाता। ऐसी स्थिति में मजबूरन शिक्षकों को धरना, प्रदर्शन आदि का सहारा लेना पड़ता है जिससे अनावश्यक श्रम, समय एवं पैसे की बर्बादी होती है। ऐसी स्थिति में विभागीय पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया जाए कि जिन मामलों के समाधान हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया जाता है, उन मामलों के समाधान की दिशा में अधिकारियों के स्तर पर गंभीर एवं सार्थक प्रयास होना चाहिए। केवल आश्वासन देकर मामले को टालने की नीति पर रोक लगाये जाने की आवश्यकता है।

6) शिक्षण के अलावा विभिन्न लिपिकीय कार्यों पर रोक लगाना।

7) माननीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में प्रत्येक दो-तीन माह के अंतराल पर शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षक समस्याओं, उनके समाधान, कार्य की प्रगति आदि की समीक्षा करना।

शिक्षकों की समस्याओं को शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से सुना और समस्याओं को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सभी वाजिब समस्याओं का समाधान होगा। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान में कोई पदाधिकारी मुझे बरगला नहीं सकता। संघ द्वारा आयोजित आज का कार्यक्रम बहुत शानदार रहा, इस कार्यक्रम को मैं आजीवन याद रखूंगा और जब इस कार्यक्रम को याद रखूंगा तो आपकी समस्याओं को कैसे भूल सकता हूं, उसका भी समाधान करूंगा। मंच पर ही सुनील सोरेन के निवेदन पर शिक्षा मंत्री ने आगामी जनवरी में होने वाले संघ के जिला स्तरीय वार्षिक वनभोज सह मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होने की स्वीकृति प्रदान की।

झारखंड में 52000 शिक्षकों की भर्ती: शिक्षा मंत्री की शिक्षकों को दो टूक, कोई बहाना नहीं चलेगा, समय पर आना होगा स्कूल, अफसरों को भी अल्टीमेटम

इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी की ओर से सरोज कुमार लेंका, माधिया सोरेन, पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील कुमार यादव, अजम्बर सिंह सरदार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमार रौशन, बासेत मार्डी, मोहम्मद सुलेमान, सुजीत कुमार कर्ण, अवधेश कुमार पांडे, विवेकानंद दास आदि की सराहनीय भूमिका रही।