JSSC-CGLmen गड़बड़ी को लेकर छात्र की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक, कोर्ट तक जारी,कल 17 दिसम्बर को होगी सुनवाई
झारखंड डेस्क
झारखंड सीजीएल परीक्षा को रद्द करने को लेकर छात्र सड़क से लेकर अदालत तक की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक तरफ जहां राजधानी में प्रदर्शन किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट में भी इस मामले में याचिका दायर हुई है। मामले को लेकर कोर्ट में कल यानि 17 दिसंबर को सुनवाई होगी। हालांकि सरकार के एक दाव से छात्रों की मंशा पर पानी फिर सकता है।
दरअसल याचिका की सुनवाई से पहले सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में कोर्ट में सरकार की तरफ से ये दलील दी जायेगी, कि सरकार पूरे प्रकरण की जांच करा रही है। दूसरी तरफ जेएसएससी की तरफ से दो टूक कहा जा रहा है कि परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई है। अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन भी शुरू हो चुका है।
ऐसे में जांच का ऐलान और वैरिफिकेशन को छात्र हित से जोड़कर सरकार अपना दावा मजबूत कर सकती है। इधर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि हेमंत सरकार के पुन: सरकार में आने के बावजूद JSSC-CGL परीक्षा में हुई अनियमितता व कदाचार के प्रति असंवेदनशील रवैया बदला नहीं है। सरकार का मकसद सामने आ गया है।
अमर बाऊरी ने कहा कि पहला काम हेमंत सरकार कर रही है कि किसी भी तरह सीबीआई जांच ना हो, इसके लिए हर जतन किया जाए और दूसरा हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के पूर्व सुनियोजित तरीके से कोर्ट को दिग्भ्रमित करने की पटकथा लिखी जाए। 17 दिसंबर को हाई कोर्ट में होने जा रही सुनवाई से पूर्व मामले की लीपापोती करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सीआईडी जांच की अनुशंसा आखिरी समय में की गई है।
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इधर, जेएसएससी लगातार प्रेस वार्ता के माध्यम से स्पष्टीकरण और दिग्भ्रमित करने वाली बातें कर रहा है। हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर है, परेशान है और सीबीआई जांच के माध्यम से न्याय की गुहार लगा रहे हैं परंतु सरकार की प्राथमिकता सिर्फ किसी तरह पुलिस के माध्यम से अपनी दमनकारी नीतियों का प्रयोग करते हुए छात्रों को डरा कर मामले को दबाने का है ! सरकार अपने आप को मिली बहुमत का इस्तेमाल जनहित में कर सकती थी परंतु यहां एजेंडा कुछ और ही लग रहा है।
Dec 16 2024, 16:41