स्वंय की खोज पुस्तक का विमोचन: भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर
अयोध्या । अयोध्या में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में "स्वयं की खोज" नामक पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसे प्रसिद्ध वेदांग गुरुकुलम प्रचारक चेतनानंद ने लिखा है। पुस्तक का विमोचन अयोध्या के नाका हनुमान गढ़ी के मंहत रामदास जी और भाजपा विधायक रामचंद्र यादव के हाथों हुआ।
चेतनानंद जी ने इस पुस्तक के बारे में बताया कि यह उनके 40 वर्षों के अनुभवों का सार है, जिसे उन्होंने संतों के साथ बिताए गए समय, विभिन्न धार्मिक यात्राओं और ग्रंथों के अध्ययन से प्राप्त ज्ञान से लिखा है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर एक मार्गदर्शन है, जो पाठकों को आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक जागरण की दिशा में प्रेरित करेगी।चेतनानंद जी ने कहा कि उनका सपना था कि इस पुस्तक का विमोचन भगवान राम की नगरी अयोध्या में हो, और आज उनका यह सपना पूरा हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि वह पिछले 6 वर्षों से सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज के सानिध्य में हैं, जिनसे उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सीखने को मिले हैं।
चेतनानंद जी का मानना है कि संतों का धरती पर होना सनातन धर्म के अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है, और हमें संतों का सम्मान करना चाहिए।
भा.ज.पा. विधायक रामचंद्र यादव ने इस पुस्तक को अमूल्य निधि बताया और कहा कि इस तरह के ग्रंथ समाज को एक नई दिशा देने का कार्य करते हैं। उन्होंने चेतनानंद जी की सराहना करते हुए कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से लोग भौतिक जीवन में आध्यात्मिकता को समझ सकेंगे।
नाका हनुमान गढ़ी के मंहत रामदास जी ने भी पुस्तक की सराहना की और कहा कि अयोध्या त्याग, उदारता और तपस्या की भूमि है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक में ज्ञान, वैराग्य, योग और शिक्षा का संगम है, जो बच्चों और युवाओं के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगा।
वरिष्ठ पत्रकार रोहित तिवारी ने चेतनानंद जी के प्रयासों को सराहा और कहा कि समाज को इस तरह की किताबों की आवश्यकता है, जो युवाओं में अध्यात्म के प्रति जागरूकता पैदा करें और उन्हें एक सही दिशा दिखा सकें।इस प्रकार, स्वयं की खोज न केवल एक पुस्तक है, बल्कि यह एक जीवन को बदलने वाला यंत्र है जो पाठकों को भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर ले जाने का मार्ग दिखाता है।
Nov 20 2024, 19:41