अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश

#session_of_parliament_25_november_start

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी।

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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था।

इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश*
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18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था। इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले से गुस्से में भगवंत मान, पीएम मोदी से की ये मांग

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कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तानियों ने हमला किया। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडे से मारपीट भी की। भारत सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पीएम मोदी से लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर तक ने इसको लेकर कनाडा सरकार को कोसा है। अब कनाडा के हिंदू मंदिर पर हुए हमला मामले में पंजाब के सीएम भगवंत मान की भी प्रतिक्रिया आई है। भगवंत मान ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह इस मुद्दे पर कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से बात करें ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कनाडा में मंदिर पर हुए हमले को लेकर कहा, कनाडा में पिछले दिनों जो हुआ वो बहुत निंदनीय है। पंजाबी खास तौर पर कनाडा से जुड़े हुए हैं और उसको वो दूसरा घर मानते हैं, वहां भी सरे और टोरंटो में पंजाबी रहते हैं। सीएम मान ने आगे कहा, कोई भी ऐसा नहीं चाहता कि ऐसी हिंसक घटनाएं हो।

सीएम भगवंत मान ने सरकार से एक्शन लेने की मांग की। उन्होंने कहा, मैं भारत सरकार से मांग करता हूं कि जो भी एक्शन लेना है वो उस के लिए कनाडा सरकार से बात करें ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं न हो। साथ ही उन्होंने कहा, ‘सरबत दा भला’ सब का भला इस बात में विश्वास रखने वाले लोग (पंजाबी) दुनिया भर में रहते हैं। वे शांति पसंद करने वाले लोग हैं जो कड़ी मेहनत से अपना रास्ता बनाते हैं। मैं मोदी सरकार से कनाडा सरकार से बात करने की मांग करता हूं।

कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इसी तरह से हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भयावह हैं। इस प्रकार की हिंसा कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकती।

क्या शरद पवार ले रहे संन्यास? बयान से मिल रहे संकेत

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है। शरद पवार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। पवार ने कहा कि 18 महीने में राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह कोई और चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसके बाद आगामी महाराष्ट्र चुनाव के बाद शरद पवार के रिटायरमेंट की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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84 साल के शरद पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान कहा, मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं। मेरे पास अभी भी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। डेढ़ साल बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। लोकसभा तो मैं नहीं लड़ूंगा। कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। आपने एक बार भी घर नहीं बैठाया मुझे। हर बार मुझे निर्वाचित कर रहे हैं तो कहीं तो थमना ही चाहिए। मैंने इस सूत्र पर काम करना शुरू कर दिया है कि नई पीढ़ी को अब आगे आना चाहिए।

परिवार के बीच लड़ाई-शरद पवार

शरद पवार अपने भतीजे एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के लिए प्रचार के दौरान ये बातें कही। युगेंद्र 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।युगेंद्र पवार अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। बारामती के शिरसुफल में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था, क्योंकि यह परिवार में लड़ा गया और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग ऐसी ही स्थिति देखेंगे।

1960 में शरद पवार ने राजनीतिक करियर की शुरुआत

1960 में शरद पवार ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।महज 27 साल की उम्र में शरद पवार 1967 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। पिछले 5 दशकों में शरद पवार 14 चुनाव जीत चुके हैं।बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने पिछले साल भी अपने संन्यास की घोषणा की थी, लेकिन एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनाने पर अपना फैसला बदल दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस, कौन जीत रहा है अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव?*
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#thailand_pygmy_hippo_moo_deng_predicts_who_will_win_us_elections
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग का दिन है। अमेरिकी रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप या डेमोक्रेटिक कमला हैरिस में से किसी एक को अपना राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट करेंगे। ज्यादातर चुनावी सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई है। कहा जा रहा है कि अमेरिका के सातों स्विंग स्टेट्स ही हार-जीत तय करेंगे। दोनों के बीच ज्यादातर एक्सपर्ट और सर्वे तकरीबन बराबरी का मुकाबला मान रहे हैं और किसी सीधी सपाट भविष्यवाणी से बच रहे हैं। इस बीच थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में पिग्मी हिप्पो मू डेंग एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। बता दें कि मू डेंग ने भविष्यवाणी की है कि डोनाल्ड ट्रम्प 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, मू डेंग ने भविष्यवक्ता के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेट कमला हैरिस के मुकाबले में विजेता चुना है। बेबी हिप्पो ने ट्रंप के नाम का तरबूज खाकर ये इशारा दिया है कि वह अमेरिकी चुनाव के विजेता हो सकते हैं। उनका ट्रंप के नाम का तरबूज खाते हुए वीडियो भी सामने आया है। दरअसल, पूर्वी थाईलैंड के चोनबुरी में खाओ खेवो ओपन चिड़ियाघर में सोमवार को एक प्रयोग किया गया और मू डेंग को इस परीक्षण के लिए पानी से बाहर बुलाया गया। इस प्रयोग में दो तरबूज रखे गए। एक तरबूज पर कमला हैरिस का नाम और दूसरे तरबूज पर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिखा गया था। जिसमें से मू डेंग ने डोनाल्ड ट्रंप वाले तरबूज को चुना। वहीं, मू डेंग के साथ दूसरे हिप्पो ने कमला हैरिस को चुना। मू डेंग का ट्रंप की जीत का एक हद तक कुछ सर्वे समर्थन करता है। एटलसइंटेल के नवीनतम सर्वे के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रतिद्वन्द्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। सर्वे में रिपब्लिकन ट्रंप को अपने प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर 1.8% वोटों की बढ़त हासिल है। खास सभी सातों स्विंग राज्यों में वह आगे चल रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, करीब 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को वोट देंगे। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री क्रिस्टोफ बरौड ने भी अमेरिकी चुनाव में हैरिस के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के जीतने की भविष्यवाणी की है।
डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस, कौन जीत रहा है अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव?

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग का दिन है। अमेरिकी रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप या डेमोक्रेटिक कमला हैरिस में से किसी एक को अपना राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट करेंगे। ज्यादातर चुनावी सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई है। कहा जा रहा है कि अमेरिका के सातों स्विंग स्टेट्स ही हार-जीत तय करेंगे। दोनों के बीच ज्यादातर एक्सपर्ट और सर्वे तकरीबन बराबरी का मुकाबला मान रहे हैं और किसी सीधी सपाट भविष्यवाणी से बच रहे हैं। इस बीच थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में पिग्मी हिप्पो मू डेंग एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। बता दें कि मू डेंग ने भविष्यवाणी की है कि डोनाल्ड ट्रम्प 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतेंगे।

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रिपोर्ट के मुताबिक, मू डेंग ने भविष्यवक्ता के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेट कमला हैरिस के मुकाबले में विजेता चुना है। बेबी हिप्पो ने ट्रंप के नाम का तरबूज खाकर ये इशारा दिया है कि वह अमेरिकी चुनाव के विजेता हो सकते हैं। उनका ट्रंप के नाम का तरबूज खाते हुए वीडियो भी सामने आया है।

दरअसल, पूर्वी थाईलैंड के चोनबुरी में खाओ खेवो ओपन चिड़ियाघर में सोमवार को एक प्रयोग किया गया और मू डेंग को इस परीक्षण के लिए पानी से बाहर बुलाया गया। इस प्रयोग में दो तरबूज रखे गए। एक तरबूज पर कमला हैरिस का नाम और दूसरे तरबूज पर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिखा गया था। जिसमें से मू डेंग ने डोनाल्ड ट्रंप वाले तरबूज को चुना। वहीं, मू डेंग के साथ दूसरे हिप्पो ने कमला हैरिस को चुना।

मू डेंग का ट्रंप की जीत का एक हद तक कुछ सर्वे समर्थन करता है। एटलसइंटेल के नवीनतम सर्वे के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रतिद्वन्द्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। सर्वे में रिपब्लिकन ट्रंप को अपने प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस पर 1.8% वोटों की बढ़त हासिल है। खास सभी सातों स्विंग राज्यों में वह आगे चल रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, करीब 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को वोट देंगे। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री क्रिस्टोफ बरौड ने भी अमेरिकी चुनाव में हैरिस के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के जीतने की भविष्यवाणी की है।

राष्ट्रपति चुनाव के बीच अमेरिका एजेंसियां किस बात से डरी? घोषित किया 84 करोड़ का इनाम

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जल्द ही अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्‍त ही बताएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का सारी दुनिया इंतजार कर रही है।इसी बीच दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी ताकतों के दखल का डर सताने लगा है।अमेरिका को चुनाव के दौरान बाहरी ताकतों के दखल देने या अड़ंगा डालने की खुफिया सूचना मिली है। जिसके बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों ने बाहरी दखल से बचने के लिए इससे जुड़ी जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 84 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी है।

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ईरानी साइबर फर्म पर आरोप

अमेरिका की राजनीतिक सुरक्षा सेवा न्याय विभाग में इस बाबत बाकायदा पोस्टर निकाल कर जानकारी भी आम लोगों से साझा की है। इसमें उसने ईरानी साइबर फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2020 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। अमेरिकी एजेंसी को डर है कि यह साइबर फर्म एक बार फिर ऐसी कोशिश कर सकती है।

ईरान और रूस से जुड़े लोगों की तस्वीरें जारी

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कार्पस से जुड़े कुछ लोगों की तस्वीर जारी करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास में अनेक साइबर ऑपरेशन किए है। अगर किसी के पास इन व्यक्तियों के बारे में जानकारी है तो सूचना देने पर उसे 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जा सकता है।

अमेरिकी प्रशासन द्वारा एक रूसी मीडिया संगठन से जुड़े लोगों की कुछ तस्वीरें भी जारी की गई है और कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 की अमेरिकी चुनाव को टारगेट करते हुए अनेक दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं फैलाई है।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज 5 नवम्बर को मतदान होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद की रेस के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अमेरिका भर में प्रारंभिक मतदान और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, 7.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जिसके पास 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं।

कनाडा में मंदिर पर हमले के एकजुट हुए हिंदू, हाथ में तिरंगा लेकर सड़कों पर निकले, गूंजे जय श्रीराम के नारे
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* कनाडा में खालिस्तान का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर हमला और उनकी आस्था से खिलवाड़ जारी है। रविवार 3 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आए श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने एक बार फिर हमला किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। मंदिर पर हमले के बाद हिंदू समुदाय सड़कों पर उतर आया। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग खालिस्तान समर्थकों के हमले के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जमा हुए। प्रदर्शन रैली में शामिल लोगों के हाथों में तिरंगा था। 'वंदे मातरम' और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए भीड़ ने मंदिर तथा हिंदुओं के साथ एकजुटता दिखाई। कैनेडियन नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए।एक दिन पहले ही कनाडा में तमाम हिन्‍दू संगठनों ने बैठक की थी। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि जबतक जस्टिन ट्रूडो की सरकार माफी नहीं मांगती और दोषियों के खिलाफ एक्‍शन नहीं लेती, कनाडा के हिन्‍दू मंदिरों में किसी भी पार्टी द्वारा राजनीतिक गतिविधि पर बैन रहेगा। हालांकि ये नेता एक भक्‍त के रूप में मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। कैनेडियन नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू ने रैली की डिटेल अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया। कहा गया कि हिन्‍दू प्रवासियों को एकजुटता में खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया और कनाडाई अधिकारियों से टारगेट हिंसा की घटनाओं में वृद्धि को संबोधित करने का आग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एकजुटता रैली कनाडाई राजनेताओं और कानून एजेंसियों पर खालिस्तानियों का समर्थन करने से बचने के लिए दबाव डालने के लिए आयोजित की जा रही है। *पीएम मोदी ने की हमले की निंदा* बता दें कि कनाडा में रविवार को ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हमला बोला था। इस दौरान भारतीय कांसुलेट वहां एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा था। खालिस्तान समर्थकों ने लाठी डंडों के साथ वहां मौजूद लोगों पर हमला बोल दिया था। हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कनाडा के सभी दलों ने निंदा की थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी कठोरता से निंदा की थी और इसे जानबूझकर किया गया हमला बताया था। *कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले* -हाल के सालों में कनाडा में मंदिरों पर हमले बढ़े हैं। इस साल जुलाई में कनाडा के एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तानी कट्टपंथियों ने तोड़फोड़ की थी। मंदिर के मुख्य दरवाजे और पीछे की दीवार पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर भी चिपकाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय-कनाडाई सांसद चंद्र आर्य को निशाना बनाते हुए ‘हिंदू आतंकवादी’ शब्द लिखे गए थे। सितंबर 2022 के बाद से यह चौथी बार था, जब कनाडा में किसी बीएपीएस मंदिर को निशाना बनाया। - पिछले साल सितंबर (2023) में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में स्थित श्री माता भामेश्वरी दुर्गा देवी में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। मंदिर पर काले रंग के स्प्रे से भारत विरोधी संदेश लिखे गए थे। मंदिर की दीवारों पर लिखा गया, “पंजाब भारत नहीं है।” सोशल मीडिया पर इसकी कई तस्वीरें भी वायरल हुई थीं। - अगस्त (2023) में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने मेट्रो वैंकूवर क्षेत्र में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था मंदिर को इसी तरह निशाना बनाया था। - अप्रैल (2023) में ओंटारियो के विंडसर शहर में बीएपीएस स्‍वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। यही नहीं मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक नारे भी लिखे गए थे।विंडसर की पुलिस ने इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया था, जिसमें मास्‍क पहने दो लोग मंदिर में तोड़फोड़ करते हुए दिखाई दे रहे थे। -कनाडा के मिसिसॉगा स्थित श्रीराम मंदिर को खालिस्तानी कट्टरपंथियों द्वारा इसी तरह निशाना बनाया गया था। यह घटना फरवरी 2023 की है। मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए थे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। -कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा गौरी शंकर मंदिर को अपवित्र किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी 2023 में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े खालिस्तानियों द्वारा मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी चित्र बनाए गए थे। गौरी शंकर मंदिर की बाहरी दीवार पर स्प्रे से ‘खालिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ का नारा लिखा गया था।
वेंटिलेटर पर शारदा सिन्हा: पीएम मोदी ने बेटे अंशुमान से की बात, चिराग ने की मुलाकात; 5 दिन पहले AIIMS से रिलीज किया गाना, जानिए, अपडेट
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दिल्ली AIIMS में भर्ती लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत नाजुक बनी हुई है। कल शाम से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने यूट्यूब के जरिए इसकी जानकारी दी। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा से फोन पर बात की है। उन्होंने शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। साथ ही इलाज अच्छे से कराने की बात कही है। वही कल शाम केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार कोकिला से मिलने दिल्ली एम्स पहुंचे। शारदा सिन्हा को 3 नवंबर को ही प्राइवेट वार्ड से ICU में शिफ्ट किया गया था। उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, जिसके कारण उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया था। पिछले 10 दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल आंकोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। उन्हें काफी समय से खाने-पीने में दिक्कत हो रही थी, जिसके लिए उनका इलाज भी चल रहा था। 26 अक्टूबर की सुबह उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई थी। सोमवार शाम यूट्यूब पर लाइव आकर शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने लोगों से मां के लिए दुआ करने को कहा। उन्होंने कहा 'मेरी मां वेंटिलेटर पर हैं। उन्हें प्रार्थना और दुआ की बहुत जरूरत है। अब आप सभी लोग प्रार्थना जारी रखिए। एक बड़ी लड़ाई में मेरी मां जा चुकी है। इस लड़ाई से जीतना काफी मुश्किल है। यही प्रार्थना कीजिए कि वह लड़कर बाहर आ सके।' लोजपा(रा.) और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दिल्ली एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा से मुलाकात कर हाल जाना। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी है। चिराग ने X पर लिखा- 'बिहार की गौरव और सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही हैं। नई दिल्ली में उनसे मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।' छठ से पहले रिलीज हुआ नया गाना लोक गायिका शारदा सिन्हा का छठ पूजा से पहले नए गाने का वीडियो जारी हुआ है। उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से वीडियो को रिलीज किया गया है। गाने के बोल हैं... 'दुखवा मिटाईं छठी मइया.... रउए आसरा हमार... सबके पुरवेली मनसा... हमरो सुनलीं पुकार।' 5 दिन पहले इसका ऑडियो जारी हुआ था। इसके पहले भी उनके बेटे अंशुमन ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है, 'मां की स्वास्थ्य संबंधी लड़ाई जारी है। मैं एक छोटा सा प्रयास कर मां के नए छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मइया' का एक वीडियो भी पोस्ट कर रहा हूं। ऑडियो रिलीज होने के बाद एम्स परिसर में ही अपने लैपटॉप और मोबाइल डाटा की मदद से मां की पुरानी सुंदर स्मृतियों के एक गुच्छे को छठ महापर्व की मनोरम छटा के साथ समागम कर इस वीडियो का निर्माण मैंने किया है। आशा करता हूं आप सब मुझे अपना आशीर्वाद जरूर देंगे। आग्रह यही है कि वीडियो देख कर अगर किसी की उंगली या हाथ उठे तो वो बस मां के लिए दुआ में उठे। उनके जीवंत होने की प्रार्थना में उठे। इस अचानक प्रोजक्ट के मेरे अनन्य बंधुओं का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं। जिनकी बदौलत यह संभव हो पाया है। इसी साल 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का ब्रेन हेम्ब्रेज के कारण निधन हो गया था। शारदा सिन्हा छठ के गीतों के लिए जानी जाती हैं। उनके गाए छठ गीत आज भी लोगों को काफी पसंद हैं। संगीत में उनके योगदान के लिए 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। शारदा सिन्हा के गायिकी की शुरुआत उनके भाई की शादी में गाए एक गीत से हुई थी।