अपडेट न्यूज़,अल्मोड़ा में सवारियों से भरी बस खाई में गिरी, 22 लोगों की मौत, कई घायल

उत्तराखंड/अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद भीषण व दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां के तहसील सल्ट अन्तर्गत कुपि मोटर मार्ग पर आज रामनगर जा रही एक बस खाई में गिर गई। बताया जा रहा है कि अब तक पांच शव को निकाले जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि हादसे में 22 लोगों की मौत की खबर है। यह बस गोलिखाल क्षेत्र से यात्रियों को लेकर चली थी।हादसा अल्मोड़ा के कूपी के पास हुआ। बस में 42 यात्री सवार थे। पुलिस की माने तो अभी मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

जानकारी के अनुसार, नैनी डांडा से रामनगर जा रही एक बस आज सुबह खाई में गिर गई। गीत जागीर नदी के किनारे गिरी बस में 15 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। शुरुआती जानकारी मिली है कि हादसे का शिकार हुई बस नैनीडांडा के किनाथ से सवारियों को लेकर जा रही थी। बस को रामनगर जाना था। यूजर्स कम्पनी की बस है। बस सारड बैंड के पास नदी में गिरी है।आपदा प्रबंधन अधिकारी अल्मोड़ा विनीत पाल ने बताया कि 22 से अधिक यात्रियों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। टीम रेस्क्यू में जुटी है। हादसे में कितने यात्रियों की मौत हुई है, यह रेस्क्यू होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

सूचना मिलते ही एसएसपी, थाना सल्ट, फायर स्टेशन रानीखेत, तहसीलदार सल्ट, राजस्व उप निरीक्षक देवायल और एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुए। एसडीएम सल्ट संजय कुमार ने बताया कि पांच शव निकाल लिए गए हैं। नैनीताल पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जनपद अल्मोड़ा के मार्चुला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन को तेजी के साथ राहत एवं बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

अल्मोड़ा में सवारियों से भरी बस खाई में गिरी, 15 लोगों की मौत, कई घायल

उत्तराखंड/अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद भीषण व दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां के तहसील सल्ट अन्तर्गत कुपि मोटर मार्ग पर आज रामनगर जा रही एक बस खाई में गिर गई। बताया जा रहा है कि अब तक पांच शव को निकाले जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि हादसे में 15 लोगों की मौत की खबर है। यह बस गोलिखाल क्षेत्र से यात्रियों को लेकर चली थी।हादसा अल्मोड़ा के कूपी के पास हुआ। बस में 42 यात्री सवार थे। पुलिस की माने तो अभी मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

जानकारी के अनुसार, नैनी डांडा से रामनगर जा रही एक बस आज सुबह खाई में गिर गई। गीत जागीर नदी के किनारे गिरी बस में 15 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। शुरुआती जानकारी मिली है कि हादसे का शिकार हुई बस नैनीडांडा के किनाथ से सवारियों को लेकर जा रही थी। बस को रामनगर जाना था। यूजर्स कम्पनी की बस है। बस सारड बैंड के पास नदी में गिरी है।आपदा प्रबंधन अधिकारी अल्मोड़ा विनीत पाल ने बताया कि 15 से अधिक यात्रियों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। टीम रेस्क्यू में जुटी है। हादसे में कितने यात्रियों की मौत हुई है, यह रेस्क्यू होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

सूचना मिलते ही एसएसपी, थाना सल्ट, फायर स्टेशन रानीखेत, तहसीलदार सल्ट, राजस्व उप निरीक्षक देवायल और एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुए। एसडीएम सल्ट संजय कुमार ने बताया कि पांच शव निकाल लिए गए हैं। नैनीताल पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जनपद अल्मोड़ा के मार्चुला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन को तेजी के साथ राहत एवं बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनावः कब होगी वोटिंग, किस दिन होगी काउंटिंग और कब आएंगे नतीजे?

#usapresidentelectionkamalaharrisvsdonald_trump

अमेरिका में नए राष्ट्रपति का इंतजार अब खत्म ही होने वाला है। कुछ ही घंटों में अमेरिका के लोग अपने अगले राष्ट्रपति को चुन लेंगे। चुनावी मैदान में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अपनी-अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर है। अगर कमला हैरिस ये चुनाव जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनेंगी और अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में बाजी मारते हैं, तो वह दूसरी बार राष्ट्रपति की सीट पर विराजमान हो जाएंगे।

तय है वोटिंग का दिन

अमेरिका में चुनाव 5 नवम्बर मंगलवार को होंगे। 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले ही 4.1 करोड़ से अधिक अमेरिकी अपने मतपत्र डाल चुके हैं। अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव में अमेरिकी नागरिक नवम्बर के पहले सोमवार के बाद आने वाले मंगलवार को मतदान करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाला उम्मीदवार 20 जनवरी को पद की शपथ लेता है और अगले चार साल वॉइट हाउस में सेवा देगा।

चुनाव के बाद वोटों की गिनती

अमेरिका में चुनाव के बाद 5 नवम्बर को ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी, लेकिन यह पता लगने में कई दिन लग सकते हैं कि अगला राष्ट्रपति कौन होगा। आम तौर पर मीडिया हाउस अपने पास मौजूद आंकड़ों के आधार पर चुनाव की रात या अगले दिन राष्ट्रपति चुनाव के विजेता की घोषणा करते हैं। अगर कोई उम्मीदवार 270 या उससे अधिक इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करता है, तो उसे चुनाव का विजेता घोषित किया जाएगा।

'स्विंग स्टेट' तय करेंगे नतीजे

ज्यादातर वोटर रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक पार्टी के रजिस्टर्ड वोटर्स होते हैं, जो अमूमन अपनी पार्टी के लिए वफादार रहते हैं। ऐसे ही कुछ स्विंग स्टेट्स हैं, जहां के मतदाता चुनाव परिणाम तय करते हैं।ताजा सर्वेक्षण से पता चला है कि चुनाव नतीजे सात स्विंग स्टेट्स एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया से तय होंगे। अब चूंकि लड़ाई आखिरी चरण में है और मंगलवार को मतदान ही होना है, ऐसे में सारा दारोमदार स्विंग स्टेट्स पर टिक गया है। कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप भी इस बात को जानते हैं, यही वजह है कि उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा इन स्विंग राज्यों में चुनाव प्रचार पर लगा दी है।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

क्या होते हैं स्विंग स्टेट

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में स्विंग स्टेट्स या युद्धक्षेत्र वाले राज्य, उन राज्यों को कहा जाता है, जो चुनाव में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी, किसी भी तरफ झुक सकते हैं। अमेरिका में कई राज्य अक्सर किसी एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन जिन राज्यों में मुकाबला कड़ा रहता है और जिनका तय नहीं है कि वे किस तरफ जाएंगे, उन्हें ही स्विंग स्टेट कहा जाता है। इन राज्यों में दोनों पार्टी के उम्मीदवार प्रचार के दौरान ज्यादा धन और समय लगाते हैं। स्विंग स्टेट की पहचान के लिए कोई परिभाषा या नियम नहीं है और चुनाव के दौरान ही इन राज्यों का निर्धारण होता है।

अब संजय राउत के भाई के बिगड़े बोल, शिंदे गुट की महिला उम्मीदवार को कहा ‘बकरी’

#maharashtra_chunav_sanjay_raut_brother_called_female_candidate_goat

महाराष्ट्र चुनाव में बदजुबानी जारी है। पहले शिवसेना उद्धव गुट के नेता अरविंद सांवत ने शायना एनसी को “इम्पोर्टेड माल” कहकर संबोधित किया था। अब शिवसेना उद्धव गुट के ही संजय राउत के भाई और उम्मीदवार सुनील राउत ने महिला उम्मीदवार का अपमान किया है। सुनील राउत ने महिला उम्मीदवार को बकरी कहकर संबोधित किया है।

संजय राउत के भाई सुनील राउत का विवादित वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में सुनील राउत बता रहे हैं कि उनके सामने कोई उम्मीदवार ही नहीं है। उन्होंने कहा, वो दस से साल से विधायक है। अब कोई उम्मीदवार नहीं मिला तो एक बकरी को लाकर मेरे सामने खड़ा कर दिया। अब बकरी आई तो बकरे को सर झुकाना ही पड़ेगा।

बता दें कि सुनील राउत विक्रोली विधानसभा से तीसरी बार शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार बने हैं। अब उन्हें उम्मीद है वो जीतेंगे ही नहीं बल्कि इस बार मंत्री भी बनेंगे।वहीं, सुनील राउत के सामने शिवसेना शिंदे गुट ने इलाके की पार्षद सुवर्णा करंजे को उम्मीदवार बनाया है। जिन्हें सुनाल राउत ने बकरी कह कर संबोधित कर रहे हैं।

इससे पहले शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सांवत पहले ही शिंदे गुट की उम्मीदवार शायना एनसी को माल कहकर संबोधित कर चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर उद्धव गुट के नेता ने बदजुबानी की है।

कनाडा में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों का हमला, श्रद्धालुओं के साथ की मारपीट

#khalistanis_target_hindu_sabha_temple_in_brampton_canada

कनाडा में खालिस्तानियों ने एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को मंदिर में हिंदू भक्तों पर हुए हमले की निंदा की है।

कनाडा में हिंदुओं की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वहां उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला ब्रैम्पटन का है, जहां खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर और वहां मौजूद भक्तों पर हमला कर दिया। ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने अचानक से धावा बोल दिया। इस पूरी वारदात का एक वीडियो हिंदू फोरम कनाडा ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें खालिस्तानी हाथों में पीले झंडे लेकर मंदिर परिसर में हंगामा करते हुए दिख रहे हैं। कुछ खालिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं पर डंडे से हमला करते हुए इस वीडियो में देखे जा सकते हैं।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है। ट्रूडो ने कहा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।” उन्होंने समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया।

वहीं, भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने लाल रेखा पार कर ली है। सांसद ने घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने आज एक लाल रेखा पार कर ली है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक चरमपंथ कितना गहरा और बेशर्म हो गया है।

घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंसा और अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को मंदिर में हिंदू भक्तों पर हुए हमले की निंदा की है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सिर्फ निंदा से हो जाएगा। क्योंकि कनाडा में आए दिन हिंदूओं को निशाना बनाया जाता है। मंदिर को भी खूब निशाना बनाया जाता है और इसके दिवारों पर अपशब्द और इसके अंदर तोड़फोड़ की जाती है। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है।

कौन बनेगा जम्मू-कश्मीर विधानसभा का अध्यक्ष? इस नेता के नाम की खूब हो रही है चर्चा

डेस्क: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष का भी चुनाव होना है। नेशनल कांफ्रेंस (NC) के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का पहला अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है। वे चरार-ए-शरीफ से सात बार विधायक रह चुके हैं।

विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी सत्र के कैलेंडर के अनुसार, सदन सोमवार को पहली बैठक में अध्यक्ष का चुनाव करेगा। नेशनल कांफ्रेंस (NC) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी की ओर से 80 वर्षीय राथर को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की पूरी संभावना है। नेकां के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘हम सहज स्थिति में हैं क्योंकि सत्ता पक्ष के पास पर्याप्त संख्या है। अब राथर साहब विधानसभा का अध्यक्ष बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’

अब्दुल रहीम राथर इससे पहले पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं। वह 2002 से 2008 तक विपक्ष के नेता भी थे जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने राज्य में शासन किया था। विधायक दल की रविवार को हुई बैठक के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए नरिंदर सिंह रैना को अपना उम्मीदवार नामित किया। हालांकि भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि विधानसभा में इन प्रमुख पदों पर सरकार और विपक्ष के बीच कोई अनौपचारिक सहमति बनी है या नहीं।

छह साल से अधिक के अंतराल के बाद सोमवार को सदन की बैठक होगी। विधानसभा का आखिरी सत्र जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से एक साल पहले 2018 की शुरुआत में आयोजित किया गया था। विधानसभा सत्र के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं। सदन की बैठकों के कैलेंडर के अनुसार, सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और इसके बाद उपराज्यपाल (LG) का अभिभाषण होगा।

कल्पना नहीं है रामायण गाथा, चीन ने भी खोजे "प्रभु श्रीराम के पदचिह्न"

डेस्क: प्रभु श्रीराम और उनकी रामायण गाथा काल्पनिक नही है। अब चीन ने भी प्रभु श्रीराम के पद चिह्न खोजने का दावा किया है। इससे पहले नासा समेत कई अन्य रिपोर्ट में श्रीराम सेतु समेत अन्य प्रमाणों के जरिये प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को प्रमाणित किया जा चुका है। हिंदुओं में आराध्य देव श्रीराम के वास्तविक अस्तित्व पर अब चीनी स्कॉलरों ने भी अपनी मुहर लगा दी है। इससे साफ हो गया है कि प्रभु श्रीराम ने वास्तव में पृथ्वी पर त्रेता युग में अवतार लिया था और उनकी रामयण गाथा काल्पनिक नहीं थी।

चीनी विद्वानों ने कहा है कि चीन के पास सदियों से बौद्ध धर्मग्रंथों में छिपी रामायण की कहानियों के पदचिह्न हैं, जो शायद पहली बार देश के उतार-चढ़ाव वाले इतिहास में हिंदू धर्म के प्रभाव को सामने ला रहे हैं। शनिवार को बीजिंग में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित "रामायण- एक कालातीत मार्गदर्शिका" संगोष्ठी में धार्मिक प्रभावों पर लंबे समय से शोध से जुड़े कई चीनी विद्वानों ने उन ऐतिहासिक मार्गों का पता लगाते हुए स्पष्ट प्रस्तुतियां दीं, जिनके माध्यम से रामायण चीन तक पहुंची और चीनी लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा। चीनी स्कॉलरों ने अपने शोध के दौरान प्रभु श्रीराम के पदचिह्नों की खोज करने का प्रमाणिक दावा किया है।

कला और साहित्य सिंघुआ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड एरिया स्टडीज के प्रोफेसर और डीन डॉ. जियांग जिंगकुई ने कहा, " इस खोज के साथ धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दुनिया को आपस में जोड़ने वाली एक क्लासिक के रूप में रामायण का प्रभाव अंतर-सांस्कृतिक प्रसारण के माध्यम से और भी अधिक बढ़ गया है।" उन्होंने कहा, "चीन ने भी इस महाकाव्य के तत्वों को आत्मसात कर लिया है, जिसने न केवल चीनी (बहुसंख्यक) हान संस्कृति में निशान छोड़े, बल्कि चीनी ज़िज़ांग (तिब्बती) संस्कृति में भी इसकी पुनर्व्याख्या की और नए अर्थ दिए।" बता दें कि चीन आधिकारिक तौर पर तिब्बत को ज़िज़ांग कहता है।

जियांग ने कहा, "यह सांस्कृतिक प्रवास और अनुकूलन एक क्लासिक और सांसारिक पाठ के रूप में रामायण के खुलेपन और लचीलेपन को प्रदर्शित करता है।" चीन में रामायण से संबंधित सबसे प्रारंभिक सामग्री मुख्य रूप से बौद्ध धर्मग्रंथों के माध्यम से हान सांस्कृतिक क्षेत्र में पेश की गई थी। हालांकि इसे हान सांस्कृतिक क्षेत्र में एक पूर्ण कार्य के रूप में शामिल नहीं किया गया था। उन्होंने बौद्ध लिपियों के चीनी अनुवाद का हवाला देते हुए कहा, रामायण महाकाव्य के कुछ हिस्सों को बौद्ध धर्मग्रंथों में शामिल किया गया था, जिसमें "दशरथ और हनुमान जैसे प्रमुख व्यक्तियों को बौद्ध पात्रों के रूप में जाना गया था" ”।

जियांग ने कहा, " रामायण की वास्तविकता का एक प्रसिद्ध उदाहरण यह है कि हनुमान को वानरों के राजा के रूप में दिखाया गया था, जो क्लासिक बौद्ध नैतिक आख्यानों में मिश्रित था और जो बौद्ध शिक्षाओं का पालन करते थे। सन वुकोंग के नाम से जाने जाने वाले मानवीय विशेषताओं वाले बंदर राजा चीनी साहित्य और लोककथाओं में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला और सबसे स्थायी स्थान पर बना हुआ है। चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रैटेजीज के प्रो लियू जियान ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि कई चीनी विद्वान इस बात से सहमत हैं कि सन वुकोंग का पता हनुमान से लगाया जा सकता है। चीनी विद्वान आम तौर पर इस बात से सहमत हैं कि सन वुकोंग की छवि हनुमान जी जैसी है। इसलिए सन वुकोंग भारत का एक चरित्र है।

'चीन में राम के पदचिन्ह' विषय पर बोलते हुए, सिचुआन विश्वविद्यालय के चीन दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के मुख्य विशेषज्ञ और उप निदेशक प्रोफेसर किउ योंगहुई ने अपनी प्रस्तुति में संग्रहालय क्वानझोउ में विभिन्न हिंदू देवताओं की एक विस्तृत विविधता की तस्वीरें प्रदर्शित कीं। चीन के फ़ुज़ियान प्रांत में उन्होंने एक हिंदू पुजारी द्वारा प्रबंधित बौद्ध मंदिर की तस्वीर भी दिखाई। “यह मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के माध्यम से था कि भारतीय संस्कृति ने चीन में अपना गढ़ बनाया। यही कारण है कि भारत-चीन सांस्कृतिक संबंधों के इतिहास में हिंदू धर्म का स्थान नगण्य है।" उन्होंने कहा, "बहुआयामी भारतीय संस्कृति - बौद्ध और गैर-बौद्ध दोनों - ने चीनी धरती पर अपनी छाप छोड़ी।"

जियांग ने अपने भाषण में यह भी याद किया कि कैसे सातवीं शताब्दी के प्रसिद्ध चीनी विद्वान जुआनज़ैंग ने भारत का दौरा किया था, उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था और अपने तीर्थयात्रा के दौरान सुनी गई रामायण कहानियों का विस्तृत विवरण प्रदान करने वाले कई बौद्ध धर्मग्रंथ वापस लाए थे। “हालांकि रामायण की हिंदू पृष्ठभूमि और चीन में बौद्ध धर्म की प्रबलता के कारण इसके पाठ का न तो पूरी तरह से अनुवाद किया गया और न ही हान संस्कृति के भीतर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

भारतीय साहित्यिक क्लासिक तक पहुंच प्रदान की और चीन-भारत सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक नया पुल स्थापित किया।" उन्होंने कहा, जी ने चौबीस हजार छंदों के इस विशाल कार्य का अनुवाद करने के लिए लगभग एक दशक समर्पित किया और उनका संस्करण चीन में रामायण के अध्ययन के लिए आधारशिला बन गया है। जियांग ने कहा कि तिब्बत में रामायण के प्रभाव का अधिक व्यापक और दीर्घकालिक इतिहास है, जहां इसे पहली बार तुबो साम्राज्य की अवधि के दौरान पेश किया गया था। साहित्यिक कृतियों और नाट्य प्रदर्शनों के माध्यम से, रामायण न केवल तिब्बती विद्वानों के बीच गहन अध्ययन का विषय बन गया है, बल्कि तिब्बत में आम लोगों के बीच भी व्यापक लोकप्रियता हासिल की है।

आदर्श व्यक्तित्व की व्याख्या है रामायण महाकाव्य

जियांग ने कहा, "यह एक अंतर-सांस्कृतिक क्लासिक के रूप में रामायण की शक्तिशाली जीवन शक्ति को प्रदर्शित करता है।" “रामायण न केवल एक महाकाव्य है, बल्कि आदर्श व्यक्तित्व और आदर्श समाज की गहन व्याख्या भी है। उन्होंने कहा कि श्रीराम के कार्यों और शब्दों के साथ-साथ 'राम राज्य' की स्थापना के माध्यम से महाकाव्य भारतीय संस्कृति में 'आदर्श' की अवधारणा के कई आयाम प्रस्तुत करता है।

राहुल गांधी पर हिमंत विश्व शर्मा ने बोला हमला, कहा- 'वे लगातार हिंदू समाज को बांटने का काम कर रहे'

डेस्क: झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी दल अपना दमखम दिखाकर जनता को लुभाने में लगे हुए हैं। साथ ही एक-दूसरे पर लगातार हमला भी कर रहे हैं। आज असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के सह प्रभारी ने टोटो में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी पर हमला बोला। साथ ही झारखंड में घुसपैठियों को बड़ा खतरा भी बताया। उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे लगातार हिंदू समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसे में एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मैं लोकसभा चुनाव में भी यहां आया था, लेकिन अभी लोगों में जोश और उमंग काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। हम इस चुनाव में इस बार निश्चित जीत दर्ज करेंगे। आगे कहा, "झारखंड में घुसपैठिए आते हैं, जिन्होंने हमारे आदिवासी समाज और हिंदू समाज की पहचान को खतरे में डाल दिया है। राहुल गांधी ने हिंदू समाज को बांटने का लगातार प्रयास किया है। यह एकजुट रहने का समय है। एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, नहीं तो घुसपैठिए आपकी मिट्टी और बेटी छीन लेंगे।"

जानकारी दे दें कि देश के दो राज्यों (महाराष्ट्र और झारखंड) में विधानसभा चुनाव हैं। साथ ही यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में उपचुनाव हैं। ऐसे में बीजेपी सभी चुनावी राज्यों में यह नारे लगा रही है कि 'कटेंगे तो बंटेंगे', साथ ही 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे'। इसकी शुरुआत सीएम योगी आदित्यनाथ के एक पोस्टर से हुई,जिसमें सीएम योगी की फोटो के साथ लिखा गया कि 'कटेंगे तो बंटेंगे'। फिर कुछ दिन बाद पीएम मोदी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि साथ 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे'। तब से बीजेपी के नेता इस नारे का इस्तेमाल कर जनता को वोट अपनी ओर करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

साउथ के मशहूर डायरेक्टर गुरुप्रसाद ने की आत्महत्या, अपार्टमेंट में सड़ी-गली अवस्था में मिला शव

डेस्क: लोकप्रिय कन्नड़ फिल्म निर्माता गुरुप्रसाद ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। निर्माता ने सीलिंग फैन से लटककर आत्महत्या की। उनका शव उनके कर्नाटक स्थित घर में सड़ी-गली अवस्था में मिला है। फिल्म निर्माता का 52 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें 'एडेलु मंजूनाथ' और 'डायरेक्टर्स स्पेशल' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता था। उन्हें बेंगलुरु के मदनायकना हल्ली में उनके अपार्टमेंट में मृत पाया गया। बताया जा रहा है कि गुरुप्रसाद ने पैसों की तंगी के चलते सुसाइड किया। गुरुप्रसाद के अचानक निधन से फिल्म इंडस्ट्री के लोग सदमे में है।

एसपी सीके बावा ने गुरुप्रसाद की मौत की पुष्टि की और बताया कि 5-6 दिन पहले कन्नड़ फिल्म निर्माता को अपने अपार्टमेंट में घुसते हुए देखा गया था और फिर वे गायब हो गए। इसके अलावा, शव की हालत से पता चलता है कि गुरुप्रसाद ने 5-6 दिन पहले आत्महत्या की होगी। बावा ने यह भी कहा कि फिल्म निर्माता पैसों की तंगी से जूझ रहे थे और इसके चलते उन्होंने आत्महत्या की है। अभी हमारे पास सिर्फ इतनी जानकारी है। पुलिस उनकी मृत्यु के समय और परिस्थितियों की पुष्टि करने के लिए जांच कर रही है।

पुलिस उनकी मौत के समय और परिस्थितियों की पुष्टि करने के लिए जांच कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, उनके घर से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। जांच करने पर अधिकारियों को पता चला कि गुरुप्रसाद छत के पंखे से लटके हुए थे, जिससे पता चलता है कि उन्होंने कई दिन पहले आत्महत्या की थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि गुरुप्रसाद लोगों से लिए कर्ज की वजह से तनाव में रहते थे। वह लेनदारों के दबाव में थे, जिसके कारण उन्होंने परेशान होकर आत्महत्या करने का फैसला लिया। हाल ही में उन्होंने दूसरी शादी की तैयारी के लिए भी कर्ज लिया था जो वो नहीं चुका पाए और कन्नड़ फिल्म निर्माता गुरुप्रसाद पर पैसों का भुगतान न करने का आरोप लगाया था।

फिल्म निर्माता के अलावा, गुरुप्रसाद ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया था और इन दिनों वह अपनी अपकमिंग फिल्म 'एडेमा' की शूटिंग में बिजी थे। अब गुरुप्रसाद की मौत के बाद इस फिल्म की शूटिंग अधूरी रह गई।

आतंकियों ने सीआरपीएफ बंकर पर ग्रेनेड हमला किया, ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के बाहर हुई वारदात, 10 से ज्यादा घायल

डेस्क: जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। इस बार आतंकियों ने ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के बाहर सीआरपीएफ बंकर पर ग्रेनेड हमला किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस हमले में 10 से 12 लोग घायल हैं।

हाल ही में खबर सामने आई थी कि श्रीनगर के खानियार इलाके में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर उस्मान भाई को ढेर कर दिया था। आईजीपी कश्मीर वी के बिरदी ने लश्कर कमांडर उस्मान के मारे जाने की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया कि उस्मान आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में शामिल था। वह गैर कश्मीरियों और सुरक्षाबलों पर हमलों में शामिल था। साथ ही वह इंस्पेक्टर मसरूर की हत्या में भी शामिल था।

श्रीनगर के खानयार इलाके में शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद खानयार इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और तलाश अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ जारी है और एक आतंकवादी को ढेर कर दिया गया है। मारा गया आतंकवादी पाकिस्तानी था और लश्कर-ए-तय्यबा से जुड़ा था।