मौसम का मिजाज : बिहार में महसूस होने लगी ठंड की आहट, इन 15 शहरों का न्यूनतम पारा गिरा

डेस्क : बिहार में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। पारा गिरने के साथ ठंड की आहट महसूस होने लगी है। रात में अब लोग एसी और कूलर से परहेज कर रहे हैं। रविवार को तापमान 19.5 डिग्री रहा, जबकि शनिवार को 20 डिग्री, शुक्रवार को 21 डिग्री और गुरुवार को 20.5 डिग्री था। हालांकि अक्टूबर के तीसरे सप्ताह का तापमान पिछले कुछ वर्षों के पारा से ज्यादा ही है।

बिहार में अभी अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक है। अक्टूबर के तीसरे सप्ताह के दौरान राज्य का औसत अधिक तापमान 30-31 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता जो अभी 30-32 डिग्री सेल्सियस के बीच है। वहीं औसत न्यूनतम पारा जो कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान 20-21 डिग्री के था वह फिलहाल 22-24 डिग्री सेल्सियस के बीच है।

इसी बीच मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में 23 अक्टूबर को एक चक्रवात विकसित होने की संभावना जताई है। इसके चलते बिहार में 23 से 26 अक्टूबर तक कुछ जिलों में गरज- तड़क के साथ हल्की बारिश के आसार हैं। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। इसके प्रभाव से सूबे के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट से ठंड बढ़ने के आसार हैं।

15 शहरों का न्यूनतम पारा गिरा

मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को पटना सहित 15 शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आई। राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 24.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस डेहरी और मोतिहारी में रिकॉर्ड किया गया।

वहीं 17 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट भी आई। सबसे गर्म जिला 34.4 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज रहा। पटना के अधिकतम तापमान में भी 0.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।

राजधानी पटना में बेखौफ अपराधियों का तांडव : दिन-दहाड़े होटल कारोबारी को गोलियों से भूना

डेस्क : बिहार में अपराधी पूरी तरह से बेखौफ हो गए है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई डर नहीं रह गया है। दिन-दहाड़े हत्या और लूट जैसी घटना को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है। आज एक ऐसी ही घटना को अपराधियों ने राजधानी पटना अति व्यस्त दरियापुर इलाके में अंजाम दिया है।

बेखौफ अपराधियों ने दरियापुर के कुतुबुद्दीन लेन में एक व्यक्ति को दिन-दहाड़े गोलियों से भून डाला। मृतक की पहचान होटल कारोबारी शकील मलिक उर्फ शकील अहमद के रूप में हुई है। मृतक शकील मलिक पटना जंक्शन के पास स्थित भोजनालय के मालिक थे। शकील बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे, तभी बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।

बताया जा रहा है कि हाल फिलहाल में शकील ने जमीन खरीदी थी। खरीदी गई जमीन के पास वह पहुंचा था। इसी दौरान यह घटना हुई है। अपराधियों ने उसे ताबड़तोड़ 5 गोली मारने के बाद मौके से फरार हो गए। बदमाशों ने होटल कारोबारी को पांच गोलियां मारी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

दिनदहाड़े हुई हत्या की इस वारदात से हड़कंप मच गया। इस वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पीरबहोर थाने पुलिस मामले के छानबीन में जुट गई है। पुलिस ने घटनास्थल से 5 खोखा बरामद किया है। अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है।

बिहार विस उपचुनाव : एनडीए ने बेलागंज सीट से इस दबंग महिला नेता को बनाया उम्मीदवार

डेस्क : देशभर के 13 राज्यों की कुल 48 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें बिहार की चार सीटें भी शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी जबकि 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। रामगढ़ में आरजेडी के सुधाकर सिंह, तरारी में सीपीआई माले के सुदामा प्रसाद, बेलागंज में आरजेडी के सुरेंद्र यादव और इमामगंज में हम के जीतन राम मांझी के सांसद बनने के बाद ये चारों सीटें खाली हुई हैं।

वहीं बिहार की इन चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियों की ओर से अपने प्रत्याशी के नाम का एलान किया जा रहा है। आज महागठबंधन के बाद अब एनडीए ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बेलागंज विधानसभा सीट के लिए जेडीयू ने प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया है।

बेलागंज सीट से जेडीयू की दबंग पूर्व एमएमएली मनोरमा देवी एनडीए की साझा उम्मीदवार होंगी। बता दें इस सीट पर लंबे समय से राजद का कब्जा रहा है। बेलागंज विधानसभा सीट से राजद नेता सुरेंद्र यादव 6 बार से विधायक निर्वाचित होते रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव के सांसद निर्वाचित होने के बाद यह सीट खाली हुई थी।

चारों सीटों पर हो रहे उपचुनाव को विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यह उपचुनाव दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। दोनों गठबंधन की तरफ से चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए रणनीति तय की जा रही है। खासकर एनडीए के लिए यह उपचुनाव काफी अहम माना जा रहा है।

जनसुराज के बाद बिहार में एक और नई राजनीतिक पार्टी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी बना सकते है अपनी पार्टी

डेस्क : प्रशांत किशोर की जनसुराज के बाद अब बिहार में ऐसा लगता है कि जल्द ही एक और नई राजनीतिक पार्टी बनने वाली है। यह पार्टी बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री आर सीपी सिंह की हो सकती है।

दरअसल बीते शनिवार को पटना की सड़कों को टाइगर अभी जिंदा है के नारे की होर्डिंग्स से पाट दिया गया। इस होर्डिंग पर जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामचन्द्र प्रसाद सिंह (आरसीपी) की तस्वीर है। उनके समर्थक शंकर पटेल व अमर सिन्हा ने पटना में कई स्थानों पर ये होर्डिंग्स लगाए हैं। भाजपा के प्रदेश दफ्तर के ठीक गेट पर भी लगाया गया है। इसके माध्यम से उनके समर्थक यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आरसीपी खत्म नहीं हुए हैं। जिस तरह से ये होर्डिंग्स लगाए हैं, वह एनडीए को ही चेतावनी देते नजर आ रहे हैं। जिसके बाद बिहार की सियासत में यह चर्चा तेज हो गई है कि करीब दो साल से सियासी वनवास झेल रहे आरसीपी क्या कोई पार्टी बनाएंगे? अगर हां तो वह किसको निशाना बनाएंगे?

गौरतलब है कि आरसीपी कभी सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीब और जदयू व सरकार में सबसे ताकतवर हुआ करते थे। नीतीश कुमार की छाया में उन्होंने भरपूर ताकत बटोरी। राज्यसभा गए और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। फिर केन्द्र की मोदी सरकार में मंत्री भी बन गए। उनके मंत्री बनने पर कई तरह के सवाल उठने लगे। माना जा रहा था कि उन्होंने नीतीश कुमार की बगैर सहमति के अपने मन से यह फैसला किया। इसके बाद से आरसीपी की नीतीश कुमार और जदयू से दूरी बढ़ने लगी।

माना जा रहा था कि नीतीश कुमार उनसे नाराज हो चुके थे। हाल यह हुआ कि उन्हें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा। यही नहीं राज्यसभा में उन्हें फिर से उम्मीदवार नहीं बनाया गया और 31 जुलाई 2022 को उनका मंत्री पद भी चला गया।

जदयू छोड़ने के लगभग 9 माह बाद 11 मई 2023 को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। धर्मेन्द्र प्रधान ने उन्हें दिल्ली में भाजपा की सदस्यता दिलायी। लिहाजा, आरसीपी काफी मुखर होकर जदयू पर हमलावर रहे। नीतीश कुमार पर भी वे आक्रामक रहे। उन्होंने प्रदेश की यात्राएं की। आरसीपी समसमार कुर्मी हैं जबकि नीतीश कुमार अवधिया। इसको भी आधार बनाकर आरसीपी ने अभियान चलाया। उनके वर्ग की संख्या कम थी, इसलिए उन्हें नालंदा में भी बहुत ताकत नहीं मिली। उधर, उनके अभियान में भी वह आकर्षण नहीं दिखा। इस बीच राजनीति ने नयी करवट ली और जदयू फिर एनडीए का हिस्सा बन गया। इसके बाद आरसीपी की परेशानी और बढ़ गयी। बदले हालात में भाजपा ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया। इस तरह आरसीपी की सियासी पारी पर विराम लग गया।

इधर, भाजपा में मुख्यधारा से वे काफी पहले ही बाहर हो चुके थे। उनके पास राजनीतिक रूप से अधिक विकल्प भी नहीं रह गए थे। ऐसे में उन्हें अपने लिए नया रास्ता चुनना ही था। पार्टी की घोषणा से पहले खुद को टाइगर के बतौर पेश करवाने का निहितार्थ साफ है- यानी वह यह बताना चाह रहे हैं कि उनका जज्बा अभी कायम है। बहरहाल, यह तो तय है कि उनकी पार्टी या आरसीपी संभवत: एनडीए को ही निशाना बनाएंगे। वैसे उनकी पार्टी का आकार-प्रकार कैसा रहेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।

बड़ी खबर : सारण जहरीली शराब कांड का मुख्य सरगना गिरफ्तार, एसआईटी की टीम ने दबोचा

डेस्क : जिले के मशरक थाना क्षेत्र में हुई जहरीली शराब कांड मामले में बड़ी खबर सामने आई है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मुख्य सरगना मंटू सिंह उर्फ सिकंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार मंटू सिंह उर्फ सिकंदर सिंह मशरक थाना क्षेत्र के बली बिशुनपुर गांव का रहने वाला है। चर्चा है कि गांव से ही गिरफ्तारी हुई है। उधर, शराब का सेवन करने वाले एक और व्यक्ति की मौत शनिवार को हो गयी। इसके साथ ही सारण में मरने वालों की संख्या 16 पहुंच गयी।

सारण एसपी डॉ. कुमार आशीष ने मंटू सिंह की उसकी गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि शराब कांड में अब तक आठ अभियुक्त पकड़े गए हैं, जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि कथित नशीले पेय पदार्थ के सेवन से सात व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी एवं कई व्यक्ति बीमार हो गये थे। इस सम्बन्ध में मशरक थाना कांड संख्या 578/24 दर्ज कर अनुसंधान चल रहा है। एसआईटी लगातार छापामारी कर रही है।

अब तक जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है इनमें मोतीलाल राय ब्राहिमपुर थाना मशरक, छोटू मांझी, रवींद्र शाह, भगवानपुर हाट, बिलासपुर के रजनी कांत, रुदल पासवान, कौशल्या देवी, नीतू शामिल हैं।

पप्पू यादव ने की जहरीली शराब पर कहा, मैं कभी सत्ता में आया तो शराब बनाने और बेचने वाले को आजीवन कारावास की होगी सज़ा

बिहार में जहरीली शराब पीने से छपरा,सीवान और गोपालगंज में कम से कम 44 लोगों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर राजनीति भी तेज होती जा रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठाया है। पप्पू यादव ने कहा है कि सूबे में शराबबंदी फेल है। उन्होंने जहरीली शराब पीने से इतने लोगों की मौत पर दुख जताया और कहा कि शराब बनाने और बेचने वालों को आजीवन कारावास की सजा मिलना चाहिए।

मीडिया से बात करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि शराबंदी में और कड़े कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अगर कभी वह सत्ता में आए तो सबसे पहले ऐसा कानून बनाएंगे कि जहरीली शराब बनाने और बेचने वाले को आजीवन कारावास की सज़ा होगी और उस इलाकें में जो भी पदाधिकारी होंगे उनको बर्खास्त किया जाएगा। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ शराब खोलने या बंद करने का नहीं है बल्कि यह जहरीली शराब का मामला है। इससे पीड़ित गरीब लोग ही होते हैं और बनाने वाला हमेशा पैसे वाले लोग होते हैं। कई बार इसमें नेता या बड़ी रसूख बाले लोग पर्दे से पीछे से काम करते हैं। इस मामले में कानून इतना सख्त होना चाहिए की जमानत नहीं मिले और जो कारोबार करते हों उन्हें तीन महीने के अंदर स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा मिलनी चाहिए।

जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा अब 44 पर पहुंच गया है। सीवान के भगवानपुर हाट प्रखंड की माघर और कौड़ियां पंचायत के चार लोगों की मौत गुरुवार देर रात से शुक्रवार की सुबह तक हो गई। अब यहां मृतकों की संख्या 28 हो गई है। वहीं, सारण में शुक्रवार को एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि एक का गंभीर स्थिति में पटना के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही सारण में मरने वालों की संख्या 15 पहुंच गई। गोपालगंज में भी एक व्यक्ति की मौत गुरुवार को हुई थी। इन जिलों में शराब पीकर दर्जनों लोग अभी बीमार हैं। कहा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

पटना में बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या का आरोपी गिरफ्तार: अवैध संबंधों के कारण हुई वारदात"

बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों हुई बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने मामले को सुलझाते हुए अमित कुमार उर्फ चिंटू (31) को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मामले को CCTV फुटेज की मदद से सुलझाया है. पुलिस का दावा है कि अमित के बुजुर्ग महिला के साथ अवैध संबंध थे. बुधवार को बुजुर्ग महिला के पति ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था.

राजधानी पटना में बुधवार को बुजुर्ग दंपत्ति की हुई हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी अमित कुमार उर्फ चिंटू (31) को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने नेहरू नगर में रहने वाले बुजुर्ग दंपती एनके श्रीवास्तव (75) और उनकी पत्नी सुजाता देवी (61) की बेरहमी से हत्या की थी. पुलिस ने इस डबल मर्डर का खुलासा CCTV कैमरे की मदद से किया है. पुलिस आरोपी की शर्ट और बाइक के नंबर से उस तक पहुंची है.

पत्नी ने घोंपी चाकू

पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी के बुजुर्ग महिला के साथ अवैध संबंध थे. बुधवार को आरोपी और बुजुर्ग महिला को उसके पति ने आपत्तिजनक स्थिति में देखा लिया था. आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद बुजुर्ग पति ने चिल्लाना शुरू कर दिया, जिसके बाद अमित ने बुजुर्ग पति को बेड पर पटक दिया और तकिया से उनका मुंह दबाने लगा. इतनी ही देर में महिला किचन से चाकू लेकर आई और पति के सीने में तीन से चार बार घोंप दी, जिससे उसकी मौत हो गई.

लोढ़े से कूचला सिर

पति को चाकू मारने के बाद बुजुर्ग महिला किचन में खून से सना हाथ धोने लगी. इसी दौरान आरोपी ने पीछे से महिला का गला रेत दिया. गला रेत ने के बाद महिला जमीन पर गिर गई, जिसके बाद आरोपी ने महिला के सिर को लोढ़े से कुचल दिया. हत्या की जानकारी देते हुए SSP राजीव मिश्रा ने बताया कि यह एक ब्लाइंड केस था. यह हत्या अवैध संबंध में हुई है. पुलिस का कहना है कि आरोपी अमित ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

शर्ट से हुई आरोपी की पहचान

पुलिस को घटना के बाद CCTV फुटेज में एक व्यक्ति बाइक से दंपती के घर से निकलता दिख रहा है. पुलिस ने फुटेज के आधार पर आरोपी की शर्ट और बाइक के नंबर की पहचान की. पुलिस ने इन सबूतों के आधार पर मामले में जांच तेज की और आरोपी अमित को गिरफ्तार कर लिया. FSL की जांच में आरोपी के उंगलियों के निशान चाकू, लोढ़े, तकिया आदि चीजों पर पाए गए हैं.

मुजफ्फरपुर में पुलिसकर्मियों की रील्स वायरल, सिटी एसपी ने मामले की जांच का दिया निर्देश

बिहार में पुलिसकर्मियों पर रील्स की खुमारी छाई हुई है। पुलिसवालों की कई रील्स सामने आ चुकी हैं। अब ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है। जहां विश्वविद्यालय थाने में दो महिला सिपाहियों ने रील्स बनाई है। इसके बैकग्राउंड में भोजपुरी गाना बज रहा है, जो तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है। इसकी सूचना वरीय पुलिस अधिकारियों को भी है। सिटी एसपी विक्रम सिहाग ने मामले में जांच का निर्देश दिया है।

रील्स में एक सिपाही वर्दी में दिख रही है, जबकि दूसरी फॉर्मल कपड़े में है। हालांकि, हिन्दुस्तान अखबार इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। बताया जा रहा है कि दोनों पहले एक ही थाने में पोस्टेड थीं और उसी थाना परिसर में आवास में रहती थी। दोनों आपस में काफी मित्रवत है। ताजा वायरल इस रील्स के अलावा और कई रील्स दोनों महिला सिपाहियों के हैं। दोनों अक्सर रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं। बता दें कि वैशाली में डायल 112 पर तैनात तीन महिला सिपाहियों के रील्स बनाने पर हुई विभागीय कार्रवाई के बाद इस रील्स को लेकर विभागीय स्तर पर कई बातें कही जा रही हैं

आपको बता दें हाल ही में वैशाली एसपी हरकिशोर राय ने पुलिस यूनिफॉर्म में रील्स बनाने के आरोप में एक महिला सिपाही को सस्पेंड किया था। लेकिन अब एक और रील्स का मामला सामने आने पर पुलिस की किरकिरी हो रही है। इससे पहले बिहार पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी किया था, कि कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी में या हथियार के साथ रील नहीं बनाएंगे। अगर जो भी व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कहा गया था कि यह न केवल नियम का उल्लंघन है। बल्कि कार्यकुशलता और एकाग्रता को भी प्रभावित करता है। लेकिन लगता है कि इस आदेश का असर पुलिसकर्मियों पर पड़ता दिख नहीं रहा है।

नदियों के तटबंधों को बाढ़ ने पहुंचाया भारी नुकसान, पुनर्निमाण में लगेंगे करोड़ों रुपये"

बाढ़ ने राज्य में नदियों के करीब 118 किलोमीटर तटबंधों को भारी क्षति पहुंचायी है। नदियों के तटबंधों को कई जगह तोड़ने और क्षतिग्रस्त करने के साथ ही उन पर बनी संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचाया है। इसका खुलासा जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। विभाग ने पिछले दिनों अपने क्षेत्रीय अधिकारियों और संबंधित अभियंताओं से इसकी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें उन्हें क्षतिग्रस्त तटबंधों की विस्तृत जानकारी देनी थी। साथ ही उसमें कितनी क्षति हुई है, यह भी बताना था। क्षेत्रीय अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ ने जल संसाधन विभाग के 512 करोड़ डूबो दिये। इसमें बड़ी नदियों पर बने तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के साथ जमींदारी बांध भी टूटे हैं।

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य अभियंता प्रक्षेत्र पटना में 16, मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र में सात के अलावा वीरपुर और कटिहार प्रक्षेत्र में एक-एक तटबंध क्षतिग्रस्त हुए।

इनमें कई स्थानों पर टूटान स्थल पर पानी की गहराई 11 मीटर तक मापी गयी। हालांकि सामान्य स्थिति में तीन से छह तक ही पानी की गहराई होती है। इस समय कई नदियों का तल गाद के कारण ऊपर आ गया है। इस समस्या से लगभग सारी नदियां जूझ रही हैं। इसके कारण नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया। इससे तटबंधों पर भी भारी दबाव पैदा हुआ। कम पानी में भी पानी तटबंधों के ऊपर पहुंच गयी। 118 किमी क्षतिग्रस्त तटबंध के पुनर्निमाण में 345.30 करोड़ की जरूरत है, 29 किमी के जमींदारी बांध के पुनर्निमाण में 62.57 करोड़ की आवश्यकता है।

बागमती सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड में मधकौल गांव के निकट 150 मीटर

बागमती सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड में सौली गांव के निकट 140 मीटर

बागमती सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर प्रखंड में नुनौरा गांव के निकट 110 मीटर

बागमती सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर प्रखंड में तिलकताजपुर गांव के निकट 90 मीटर

बागमती शिवहर के तरियानी प्रखंड के निकट 50 मीटर

क्यों टूटे तटबंध?

नेपाल और दूसरे राज्यों यूपी, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में हुई बारिश के कारण सूबे की नदियों में अचानक उफान आ गया। कोसी में 56 वर्ष तो गंडक में 21 वर्षों के बाद इतना पानी आया। इस कारण कोसी के वीरपुर बराज पर पानी ओवरटॉप कर गया। गंडक के वाल्मीकिनगर बराज पर भी दबाव था। इसके बाद दोनों बराज के सभी गेट खोल दिये गए। इससे नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। उधर, नेपाल से आने वाली अन्य नदियों में एक साथ भारी मात्रा में पानी आने से अचानक दो दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गईं।

इससे तटबंधों पर भारी दबाव पैदा हो गया। खासकर बागमती, गंडक, कोसी नदियों में भारी उफान आ गया। बागमती ने नेपाल से सटे जिला सीतामढ़ी में प्रवेश करते ही भारी तबाही मचायी और कई स्थानों पर तटबंधों को भारी नुकसान पहुंचाया। तटबंध डेढ़-डेढ़ किलोमीटर तक टूट गए। यही नहीं, 10-15 किलोमीटर के क्षेत्र में तो पानी तटबंध के ऊपर से बहने लगे। इससे भी तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ।

कोर्ट मे पेशी को लाए गए गोपालगंज के कुख्यात पर जानलेवा हमला, गोलीबारी में कोर्ट परिसर में मौजूद एक युवक को लगी गोली

डेस्क : बिहार के गोपालगंज जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां आज पेशी के लिए गोपालगंज कोर्ट पहुंचे कुख्यात अपराधी व कैदी विशाल सिंह पर जानलेवा हमला हुआ है। हालांकि इस हमले मे वह तो बाल-बाल बच गया। लेकिन कोर्ट में आए एक युवक गोली लगने से घायल हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार मॉडल कार से कैदी कुख्यात विशाल सिंह और मुन्ना मिश्रा एक ही हथकड़ी में कोर्ट में पेशी के लिए आए थे। उसी दौरान अज्ञात अपराधियों ने उसपर हमला बोल दिया। इस हमले में वे दोनो तो बाल-बाल बच गए। लेकिन गोपालगंज थाना क्षेत्र के माझागढ़ के भोजपुरवा गांव निवासी गुलाब हुसैन नामक युवक जो अपने कोर्ट की तारीख पर गया था उसे गोली लग गई। गुलाब हुसैन को पेट में गोली लगी है।

घटना की बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। कोर्ट परिसर में मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे। वहीं घटना की सूचना मिलते ही एसपी और सदर एसडीपीओ दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं दो अपराधियों के पकड़े जाने की भी सूचना है।

गौरतलब है कि विशाल सिंह पिछले चार वर्षों से जेल में बंद है। उसके ऊपर दो दर्जन से अधिक हत्या, लूट फिरौती सहित कई संगीन मामले दर्ज है।